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Home ताज़ा समाचार

कॉमेडी ‘किंग’ के नाम से मशहूर थे अपने ‘गजोधर’, इनके ‘फूफा-जीजा’ मचाते थे धमाल

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September 20, 2024
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)। का हो गजोधर…नहीं सब ठीक ह…अउर फूफा शादी में नाराज हो गए…ये ऐसे कैरेक्टर्स थे जो जब भी स्क्रीन पर आए हमें अपने से लगे। एहसास ही नहीं हुआ कि पर्दे पर निभाया जा रहा है बरबस हमको घर मोहल्ले में होने वाले किसी शादी समारोह की याद करा गए। और इन किरदारों को अपना सा बनाने का बूता राजू श्रीवास्तव में ही था। 21 सितंबर 2022 का ही वो मनहूस दिन था जब हंसाने वाला ये कलाकार सबको रोता बिलखता छोड़ गया।

राजू श्रीवास्तव भारत के प्रसिद्ध हास्य कलाकार थे। उनके जोक्स, कैरेक्टर इतने पॉपुलर थे कि लोग आज भी उन्हें भूले नहीं। वह जब-जब कैमरे के सामने आए, तो लोगों को इतना हंसाया कि हंस-हंस के उनके पेट में दर्द हो जाता था। कभी गजोधर भैया, तो कभी ‘जीजा’ और ‘फूफा’ बनकर उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरी।

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आपको राजू श्रीवास्तव का ये डायलॉग तो याद होगा ‘ऐ यादव, संकठा, गजोधर, बिरजू, ई ट्रेन अपना छूटा या बाजू वाला।’ उनका यह डायलॉग इतना फेमस हो गया कि इस पर कई मीम्स बनने शुरू हो गए। इस कॉमेडियन का जन्म 25 दिसंबर 1963 में उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था। नाम था सत्य प्रकाश और प्यार से घरवाले राजू पुकारते थे, यही इनका बाद में स्टेज नेम हो गया। बहुत ही सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते थे। उन्हें बचपन से ही कलाकार बनना और फिल्म में काम करने का शौक था।

स्कूल के दिनों में ही उन्हें मिमिक्री का शौक लग गया था। मुंबई आने से पहले भी इनकी उत्तर प्रदेश में पहचान थी लोग राजू श्रीवास्तव को पहचानते थे। लेकिन फिर कुछ बड़ा करने की तमन्ना लिए मायानगरी पहुंच गए। यहां लाख जतन के बाद धीरे-धीरे काम मिला शुरू हुआ, छोटी मोटी भूमिकाएं जो भी मिलीं शिद्दत से निभाई। हिंदी फिल्मों के साथ-साथ टीवी के हास्य कार्यक्रमों में भी काम किया।

शुरुआती दौर में वे अमिताभ बच्चन की मिमिक्री करते थे लेकिन बाद में एक्टिंग में भी हाथ आजमाया। मैंने प्यार किया, बाजीगर, आमदनी अठन्नी खर्चा रुपया जैसी फिल्मों में हंसाते दिखे। 80 से लेकर 2004 तक जीवन ऐसे ही चलता रहा लेकिन 2005 में स्टैंड अप में किस्मत आजमाई। शो था ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज” और इसमें निभाए किरदारों ने लोगों के दिलों में गजब छाप छोड़ी। दूसरे पायदान पर रहे लेकिन कॉमेडी की गाड़ी सरपट दौड़ पड़ी। वो आम आदमी और रोजमर्रा की छोटी-छोटी घटनाओं पर व्यंग्य सुनाने के लिए मशहूर थे।

उन्होंने भारत के सबसे फेमस टीवी शो में काम किया, जिसमें ‘कॉमेडी का महाकुंभ’, ‘कॉमेडी सर्कस’, ‘शक्तिमान’ और ‘बिग बॉस’ शामिल हैं। कुछ समय तक राजनीति में भी अपना हुनर आजमाया था। 2014 में सपा में शामिल हुए लोकसभा के लिए टिकट मिला लेकिन एक्टर ने लौटा दिया। इसके कुछ दिन बाद भाजपा से जुड़े। हालांकि लोकसभा सीट के लिए इन्हें मैदान में नहीं उतारा गया लेकिन स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड एंबेसडर जरूर बने। 2019 में उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के चेयरमैन जरूर बने। सब कुछ ठीक था लेकिन फिर 10 अगस्त 2022 में ट्रेडमिल पर दौड़ते हुए गिरे तो फिर कभी उठ नहीं पाए। हार्ट अटैक हुआ, एंजियोप्लास्टी कराई गई लेकिन वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ा। रिकवर नहीं कर पाए। एक महीना 11 दिन बाद उनके मौत की खबर आई।

राजू आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके कैरेक्टर अब भी उनके होने का एहसास कराते हैं। दिल में बसे हुए किरदार जिन्हें जब भी देखिए दिन बन जाता है!

–आईएएनएस

एएमजे/केआर

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नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)। का हो गजोधर…नहीं सब ठीक ह…अउर फूफा शादी में नाराज हो गए…ये ऐसे कैरेक्टर्स थे जो जब भी स्क्रीन पर आए हमें अपने से लगे। एहसास ही नहीं हुआ कि पर्दे पर निभाया जा रहा है बरबस हमको घर मोहल्ले में होने वाले किसी शादी समारोह की याद करा गए। और इन किरदारों को अपना सा बनाने का बूता राजू श्रीवास्तव में ही था। 21 सितंबर 2022 का ही वो मनहूस दिन था जब हंसाने वाला ये कलाकार सबको रोता बिलखता छोड़ गया।

राजू श्रीवास्तव भारत के प्रसिद्ध हास्य कलाकार थे। उनके जोक्स, कैरेक्टर इतने पॉपुलर थे कि लोग आज भी उन्हें भूले नहीं। वह जब-जब कैमरे के सामने आए, तो लोगों को इतना हंसाया कि हंस-हंस के उनके पेट में दर्द हो जाता था। कभी गजोधर भैया, तो कभी ‘जीजा’ और ‘फूफा’ बनकर उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरी।

आपको राजू श्रीवास्तव का ये डायलॉग तो याद होगा ‘ऐ यादव, संकठा, गजोधर, बिरजू, ई ट्रेन अपना छूटा या बाजू वाला।’ उनका यह डायलॉग इतना फेमस हो गया कि इस पर कई मीम्स बनने शुरू हो गए। इस कॉमेडियन का जन्म 25 दिसंबर 1963 में उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था। नाम था सत्य प्रकाश और प्यार से घरवाले राजू पुकारते थे, यही इनका बाद में स्टेज नेम हो गया। बहुत ही सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते थे। उन्हें बचपन से ही कलाकार बनना और फिल्म में काम करने का शौक था।

स्कूल के दिनों में ही उन्हें मिमिक्री का शौक लग गया था। मुंबई आने से पहले भी इनकी उत्तर प्रदेश में पहचान थी लोग राजू श्रीवास्तव को पहचानते थे। लेकिन फिर कुछ बड़ा करने की तमन्ना लिए मायानगरी पहुंच गए। यहां लाख जतन के बाद धीरे-धीरे काम मिला शुरू हुआ, छोटी मोटी भूमिकाएं जो भी मिलीं शिद्दत से निभाई। हिंदी फिल्मों के साथ-साथ टीवी के हास्य कार्यक्रमों में भी काम किया।

शुरुआती दौर में वे अमिताभ बच्चन की मिमिक्री करते थे लेकिन बाद में एक्टिंग में भी हाथ आजमाया। मैंने प्यार किया, बाजीगर, आमदनी अठन्नी खर्चा रुपया जैसी फिल्मों में हंसाते दिखे। 80 से लेकर 2004 तक जीवन ऐसे ही चलता रहा लेकिन 2005 में स्टैंड अप में किस्मत आजमाई। शो था ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज” और इसमें निभाए किरदारों ने लोगों के दिलों में गजब छाप छोड़ी। दूसरे पायदान पर रहे लेकिन कॉमेडी की गाड़ी सरपट दौड़ पड़ी। वो आम आदमी और रोजमर्रा की छोटी-छोटी घटनाओं पर व्यंग्य सुनाने के लिए मशहूर थे।

उन्होंने भारत के सबसे फेमस टीवी शो में काम किया, जिसमें ‘कॉमेडी का महाकुंभ’, ‘कॉमेडी सर्कस’, ‘शक्तिमान’ और ‘बिग बॉस’ शामिल हैं। कुछ समय तक राजनीति में भी अपना हुनर आजमाया था। 2014 में सपा में शामिल हुए लोकसभा के लिए टिकट मिला लेकिन एक्टर ने लौटा दिया। इसके कुछ दिन बाद भाजपा से जुड़े। हालांकि लोकसभा सीट के लिए इन्हें मैदान में नहीं उतारा गया लेकिन स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड एंबेसडर जरूर बने। 2019 में उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के चेयरमैन जरूर बने। सब कुछ ठीक था लेकिन फिर 10 अगस्त 2022 में ट्रेडमिल पर दौड़ते हुए गिरे तो फिर कभी उठ नहीं पाए। हार्ट अटैक हुआ, एंजियोप्लास्टी कराई गई लेकिन वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ा। रिकवर नहीं कर पाए। एक महीना 11 दिन बाद उनके मौत की खबर आई।

राजू आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके कैरेक्टर अब भी उनके होने का एहसास कराते हैं। दिल में बसे हुए किरदार जिन्हें जब भी देखिए दिन बन जाता है!

–आईएएनएस

एएमजे/केआर

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नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)। का हो गजोधर…नहीं सब ठीक ह…अउर फूफा शादी में नाराज हो गए…ये ऐसे कैरेक्टर्स थे जो जब भी स्क्रीन पर आए हमें अपने से लगे। एहसास ही नहीं हुआ कि पर्दे पर निभाया जा रहा है बरबस हमको घर मोहल्ले में होने वाले किसी शादी समारोह की याद करा गए। और इन किरदारों को अपना सा बनाने का बूता राजू श्रीवास्तव में ही था। 21 सितंबर 2022 का ही वो मनहूस दिन था जब हंसाने वाला ये कलाकार सबको रोता बिलखता छोड़ गया।

राजू श्रीवास्तव भारत के प्रसिद्ध हास्य कलाकार थे। उनके जोक्स, कैरेक्टर इतने पॉपुलर थे कि लोग आज भी उन्हें भूले नहीं। वह जब-जब कैमरे के सामने आए, तो लोगों को इतना हंसाया कि हंस-हंस के उनके पेट में दर्द हो जाता था। कभी गजोधर भैया, तो कभी ‘जीजा’ और ‘फूफा’ बनकर उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरी।

आपको राजू श्रीवास्तव का ये डायलॉग तो याद होगा ‘ऐ यादव, संकठा, गजोधर, बिरजू, ई ट्रेन अपना छूटा या बाजू वाला।’ उनका यह डायलॉग इतना फेमस हो गया कि इस पर कई मीम्स बनने शुरू हो गए। इस कॉमेडियन का जन्म 25 दिसंबर 1963 में उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था। नाम था सत्य प्रकाश और प्यार से घरवाले राजू पुकारते थे, यही इनका बाद में स्टेज नेम हो गया। बहुत ही सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते थे। उन्हें बचपन से ही कलाकार बनना और फिल्म में काम करने का शौक था।

स्कूल के दिनों में ही उन्हें मिमिक्री का शौक लग गया था। मुंबई आने से पहले भी इनकी उत्तर प्रदेश में पहचान थी लोग राजू श्रीवास्तव को पहचानते थे। लेकिन फिर कुछ बड़ा करने की तमन्ना लिए मायानगरी पहुंच गए। यहां लाख जतन के बाद धीरे-धीरे काम मिला शुरू हुआ, छोटी मोटी भूमिकाएं जो भी मिलीं शिद्दत से निभाई। हिंदी फिल्मों के साथ-साथ टीवी के हास्य कार्यक्रमों में भी काम किया।

शुरुआती दौर में वे अमिताभ बच्चन की मिमिक्री करते थे लेकिन बाद में एक्टिंग में भी हाथ आजमाया। मैंने प्यार किया, बाजीगर, आमदनी अठन्नी खर्चा रुपया जैसी फिल्मों में हंसाते दिखे। 80 से लेकर 2004 तक जीवन ऐसे ही चलता रहा लेकिन 2005 में स्टैंड अप में किस्मत आजमाई। शो था ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज” और इसमें निभाए किरदारों ने लोगों के दिलों में गजब छाप छोड़ी। दूसरे पायदान पर रहे लेकिन कॉमेडी की गाड़ी सरपट दौड़ पड़ी। वो आम आदमी और रोजमर्रा की छोटी-छोटी घटनाओं पर व्यंग्य सुनाने के लिए मशहूर थे।

उन्होंने भारत के सबसे फेमस टीवी शो में काम किया, जिसमें ‘कॉमेडी का महाकुंभ’, ‘कॉमेडी सर्कस’, ‘शक्तिमान’ और ‘बिग बॉस’ शामिल हैं। कुछ समय तक राजनीति में भी अपना हुनर आजमाया था। 2014 में सपा में शामिल हुए लोकसभा के लिए टिकट मिला लेकिन एक्टर ने लौटा दिया। इसके कुछ दिन बाद भाजपा से जुड़े। हालांकि लोकसभा सीट के लिए इन्हें मैदान में नहीं उतारा गया लेकिन स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड एंबेसडर जरूर बने। 2019 में उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के चेयरमैन जरूर बने। सब कुछ ठीक था लेकिन फिर 10 अगस्त 2022 में ट्रेडमिल पर दौड़ते हुए गिरे तो फिर कभी उठ नहीं पाए। हार्ट अटैक हुआ, एंजियोप्लास्टी कराई गई लेकिन वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ा। रिकवर नहीं कर पाए। एक महीना 11 दिन बाद उनके मौत की खबर आई।

राजू आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके कैरेक्टर अब भी उनके होने का एहसास कराते हैं। दिल में बसे हुए किरदार जिन्हें जब भी देखिए दिन बन जाता है!

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राजू श्रीवास्तव भारत के प्रसिद्ध हास्य कलाकार थे। उनके जोक्स, कैरेक्टर इतने पॉपुलर थे कि लोग आज भी उन्हें भूले नहीं। वह जब-जब कैमरे के सामने आए, तो लोगों को इतना हंसाया कि हंस-हंस के उनके पेट में दर्द हो जाता था। कभी गजोधर भैया, तो कभी ‘जीजा’ और ‘फूफा’ बनकर उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरी।

आपको राजू श्रीवास्तव का ये डायलॉग तो याद होगा ‘ऐ यादव, संकठा, गजोधर, बिरजू, ई ट्रेन अपना छूटा या बाजू वाला।’ उनका यह डायलॉग इतना फेमस हो गया कि इस पर कई मीम्स बनने शुरू हो गए। इस कॉमेडियन का जन्म 25 दिसंबर 1963 में उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था। नाम था सत्य प्रकाश और प्यार से घरवाले राजू पुकारते थे, यही इनका बाद में स्टेज नेम हो गया। बहुत ही सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते थे। उन्हें बचपन से ही कलाकार बनना और फिल्म में काम करने का शौक था।

स्कूल के दिनों में ही उन्हें मिमिक्री का शौक लग गया था। मुंबई आने से पहले भी इनकी उत्तर प्रदेश में पहचान थी लोग राजू श्रीवास्तव को पहचानते थे। लेकिन फिर कुछ बड़ा करने की तमन्ना लिए मायानगरी पहुंच गए। यहां लाख जतन के बाद धीरे-धीरे काम मिला शुरू हुआ, छोटी मोटी भूमिकाएं जो भी मिलीं शिद्दत से निभाई। हिंदी फिल्मों के साथ-साथ टीवी के हास्य कार्यक्रमों में भी काम किया।

शुरुआती दौर में वे अमिताभ बच्चन की मिमिक्री करते थे लेकिन बाद में एक्टिंग में भी हाथ आजमाया। मैंने प्यार किया, बाजीगर, आमदनी अठन्नी खर्चा रुपया जैसी फिल्मों में हंसाते दिखे। 80 से लेकर 2004 तक जीवन ऐसे ही चलता रहा लेकिन 2005 में स्टैंड अप में किस्मत आजमाई। शो था ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज” और इसमें निभाए किरदारों ने लोगों के दिलों में गजब छाप छोड़ी। दूसरे पायदान पर रहे लेकिन कॉमेडी की गाड़ी सरपट दौड़ पड़ी। वो आम आदमी और रोजमर्रा की छोटी-छोटी घटनाओं पर व्यंग्य सुनाने के लिए मशहूर थे।

उन्होंने भारत के सबसे फेमस टीवी शो में काम किया, जिसमें ‘कॉमेडी का महाकुंभ’, ‘कॉमेडी सर्कस’, ‘शक्तिमान’ और ‘बिग बॉस’ शामिल हैं। कुछ समय तक राजनीति में भी अपना हुनर आजमाया था। 2014 में सपा में शामिल हुए लोकसभा के लिए टिकट मिला लेकिन एक्टर ने लौटा दिया। इसके कुछ दिन बाद भाजपा से जुड़े। हालांकि लोकसभा सीट के लिए इन्हें मैदान में नहीं उतारा गया लेकिन स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड एंबेसडर जरूर बने। 2019 में उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के चेयरमैन जरूर बने। सब कुछ ठीक था लेकिन फिर 10 अगस्त 2022 में ट्रेडमिल पर दौड़ते हुए गिरे तो फिर कभी उठ नहीं पाए। हार्ट अटैक हुआ, एंजियोप्लास्टी कराई गई लेकिन वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ा। रिकवर नहीं कर पाए। एक महीना 11 दिन बाद उनके मौत की खबर आई।

राजू आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके कैरेक्टर अब भी उनके होने का एहसास कराते हैं। दिल में बसे हुए किरदार जिन्हें जब भी देखिए दिन बन जाता है!

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राजू श्रीवास्तव भारत के प्रसिद्ध हास्य कलाकार थे। उनके जोक्स, कैरेक्टर इतने पॉपुलर थे कि लोग आज भी उन्हें भूले नहीं। वह जब-जब कैमरे के सामने आए, तो लोगों को इतना हंसाया कि हंस-हंस के उनके पेट में दर्द हो जाता था। कभी गजोधर भैया, तो कभी ‘जीजा’ और ‘फूफा’ बनकर उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरी।

आपको राजू श्रीवास्तव का ये डायलॉग तो याद होगा ‘ऐ यादव, संकठा, गजोधर, बिरजू, ई ट्रेन अपना छूटा या बाजू वाला।’ उनका यह डायलॉग इतना फेमस हो गया कि इस पर कई मीम्स बनने शुरू हो गए। इस कॉमेडियन का जन्म 25 दिसंबर 1963 में उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था। नाम था सत्य प्रकाश और प्यार से घरवाले राजू पुकारते थे, यही इनका बाद में स्टेज नेम हो गया। बहुत ही सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते थे। उन्हें बचपन से ही कलाकार बनना और फिल्म में काम करने का शौक था।

स्कूल के दिनों में ही उन्हें मिमिक्री का शौक लग गया था। मुंबई आने से पहले भी इनकी उत्तर प्रदेश में पहचान थी लोग राजू श्रीवास्तव को पहचानते थे। लेकिन फिर कुछ बड़ा करने की तमन्ना लिए मायानगरी पहुंच गए। यहां लाख जतन के बाद धीरे-धीरे काम मिला शुरू हुआ, छोटी मोटी भूमिकाएं जो भी मिलीं शिद्दत से निभाई। हिंदी फिल्मों के साथ-साथ टीवी के हास्य कार्यक्रमों में भी काम किया।

शुरुआती दौर में वे अमिताभ बच्चन की मिमिक्री करते थे लेकिन बाद में एक्टिंग में भी हाथ आजमाया। मैंने प्यार किया, बाजीगर, आमदनी अठन्नी खर्चा रुपया जैसी फिल्मों में हंसाते दिखे। 80 से लेकर 2004 तक जीवन ऐसे ही चलता रहा लेकिन 2005 में स्टैंड अप में किस्मत आजमाई। शो था ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज” और इसमें निभाए किरदारों ने लोगों के दिलों में गजब छाप छोड़ी। दूसरे पायदान पर रहे लेकिन कॉमेडी की गाड़ी सरपट दौड़ पड़ी। वो आम आदमी और रोजमर्रा की छोटी-छोटी घटनाओं पर व्यंग्य सुनाने के लिए मशहूर थे।

उन्होंने भारत के सबसे फेमस टीवी शो में काम किया, जिसमें ‘कॉमेडी का महाकुंभ’, ‘कॉमेडी सर्कस’, ‘शक्तिमान’ और ‘बिग बॉस’ शामिल हैं। कुछ समय तक राजनीति में भी अपना हुनर आजमाया था। 2014 में सपा में शामिल हुए लोकसभा के लिए टिकट मिला लेकिन एक्टर ने लौटा दिया। इसके कुछ दिन बाद भाजपा से जुड़े। हालांकि लोकसभा सीट के लिए इन्हें मैदान में नहीं उतारा गया लेकिन स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड एंबेसडर जरूर बने। 2019 में उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के चेयरमैन जरूर बने। सब कुछ ठीक था लेकिन फिर 10 अगस्त 2022 में ट्रेडमिल पर दौड़ते हुए गिरे तो फिर कभी उठ नहीं पाए। हार्ट अटैक हुआ, एंजियोप्लास्टी कराई गई लेकिन वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ा। रिकवर नहीं कर पाए। एक महीना 11 दिन बाद उनके मौत की खबर आई।

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राजू श्रीवास्तव भारत के प्रसिद्ध हास्य कलाकार थे। उनके जोक्स, कैरेक्टर इतने पॉपुलर थे कि लोग आज भी उन्हें भूले नहीं। वह जब-जब कैमरे के सामने आए, तो लोगों को इतना हंसाया कि हंस-हंस के उनके पेट में दर्द हो जाता था। कभी गजोधर भैया, तो कभी ‘जीजा’ और ‘फूफा’ बनकर उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरी।

आपको राजू श्रीवास्तव का ये डायलॉग तो याद होगा ‘ऐ यादव, संकठा, गजोधर, बिरजू, ई ट्रेन अपना छूटा या बाजू वाला।’ उनका यह डायलॉग इतना फेमस हो गया कि इस पर कई मीम्स बनने शुरू हो गए। इस कॉमेडियन का जन्म 25 दिसंबर 1963 में उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था। नाम था सत्य प्रकाश और प्यार से घरवाले राजू पुकारते थे, यही इनका बाद में स्टेज नेम हो गया। बहुत ही सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते थे। उन्हें बचपन से ही कलाकार बनना और फिल्म में काम करने का शौक था।

स्कूल के दिनों में ही उन्हें मिमिक्री का शौक लग गया था। मुंबई आने से पहले भी इनकी उत्तर प्रदेश में पहचान थी लोग राजू श्रीवास्तव को पहचानते थे। लेकिन फिर कुछ बड़ा करने की तमन्ना लिए मायानगरी पहुंच गए। यहां लाख जतन के बाद धीरे-धीरे काम मिला शुरू हुआ, छोटी मोटी भूमिकाएं जो भी मिलीं शिद्दत से निभाई। हिंदी फिल्मों के साथ-साथ टीवी के हास्य कार्यक्रमों में भी काम किया।

शुरुआती दौर में वे अमिताभ बच्चन की मिमिक्री करते थे लेकिन बाद में एक्टिंग में भी हाथ आजमाया। मैंने प्यार किया, बाजीगर, आमदनी अठन्नी खर्चा रुपया जैसी फिल्मों में हंसाते दिखे। 80 से लेकर 2004 तक जीवन ऐसे ही चलता रहा लेकिन 2005 में स्टैंड अप में किस्मत आजमाई। शो था ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज” और इसमें निभाए किरदारों ने लोगों के दिलों में गजब छाप छोड़ी। दूसरे पायदान पर रहे लेकिन कॉमेडी की गाड़ी सरपट दौड़ पड़ी। वो आम आदमी और रोजमर्रा की छोटी-छोटी घटनाओं पर व्यंग्य सुनाने के लिए मशहूर थे।

उन्होंने भारत के सबसे फेमस टीवी शो में काम किया, जिसमें ‘कॉमेडी का महाकुंभ’, ‘कॉमेडी सर्कस’, ‘शक्तिमान’ और ‘बिग बॉस’ शामिल हैं। कुछ समय तक राजनीति में भी अपना हुनर आजमाया था। 2014 में सपा में शामिल हुए लोकसभा के लिए टिकट मिला लेकिन एक्टर ने लौटा दिया। इसके कुछ दिन बाद भाजपा से जुड़े। हालांकि लोकसभा सीट के लिए इन्हें मैदान में नहीं उतारा गया लेकिन स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड एंबेसडर जरूर बने। 2019 में उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के चेयरमैन जरूर बने। सब कुछ ठीक था लेकिन फिर 10 अगस्त 2022 में ट्रेडमिल पर दौड़ते हुए गिरे तो फिर कभी उठ नहीं पाए। हार्ट अटैक हुआ, एंजियोप्लास्टी कराई गई लेकिन वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ा। रिकवर नहीं कर पाए। एक महीना 11 दिन बाद उनके मौत की खबर आई।

राजू आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके कैरेक्टर अब भी उनके होने का एहसास कराते हैं। दिल में बसे हुए किरदार जिन्हें जब भी देखिए दिन बन जाता है!

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राजू श्रीवास्तव भारत के प्रसिद्ध हास्य कलाकार थे। उनके जोक्स, कैरेक्टर इतने पॉपुलर थे कि लोग आज भी उन्हें भूले नहीं। वह जब-जब कैमरे के सामने आए, तो लोगों को इतना हंसाया कि हंस-हंस के उनके पेट में दर्द हो जाता था। कभी गजोधर भैया, तो कभी ‘जीजा’ और ‘फूफा’ बनकर उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरी।

आपको राजू श्रीवास्तव का ये डायलॉग तो याद होगा ‘ऐ यादव, संकठा, गजोधर, बिरजू, ई ट्रेन अपना छूटा या बाजू वाला।’ उनका यह डायलॉग इतना फेमस हो गया कि इस पर कई मीम्स बनने शुरू हो गए। इस कॉमेडियन का जन्म 25 दिसंबर 1963 में उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था। नाम था सत्य प्रकाश और प्यार से घरवाले राजू पुकारते थे, यही इनका बाद में स्टेज नेम हो गया। बहुत ही सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते थे। उन्हें बचपन से ही कलाकार बनना और फिल्म में काम करने का शौक था।

स्कूल के दिनों में ही उन्हें मिमिक्री का शौक लग गया था। मुंबई आने से पहले भी इनकी उत्तर प्रदेश में पहचान थी लोग राजू श्रीवास्तव को पहचानते थे। लेकिन फिर कुछ बड़ा करने की तमन्ना लिए मायानगरी पहुंच गए। यहां लाख जतन के बाद धीरे-धीरे काम मिला शुरू हुआ, छोटी मोटी भूमिकाएं जो भी मिलीं शिद्दत से निभाई। हिंदी फिल्मों के साथ-साथ टीवी के हास्य कार्यक्रमों में भी काम किया।

शुरुआती दौर में वे अमिताभ बच्चन की मिमिक्री करते थे लेकिन बाद में एक्टिंग में भी हाथ आजमाया। मैंने प्यार किया, बाजीगर, आमदनी अठन्नी खर्चा रुपया जैसी फिल्मों में हंसाते दिखे। 80 से लेकर 2004 तक जीवन ऐसे ही चलता रहा लेकिन 2005 में स्टैंड अप में किस्मत आजमाई। शो था ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज” और इसमें निभाए किरदारों ने लोगों के दिलों में गजब छाप छोड़ी। दूसरे पायदान पर रहे लेकिन कॉमेडी की गाड़ी सरपट दौड़ पड़ी। वो आम आदमी और रोजमर्रा की छोटी-छोटी घटनाओं पर व्यंग्य सुनाने के लिए मशहूर थे।

उन्होंने भारत के सबसे फेमस टीवी शो में काम किया, जिसमें ‘कॉमेडी का महाकुंभ’, ‘कॉमेडी सर्कस’, ‘शक्तिमान’ और ‘बिग बॉस’ शामिल हैं। कुछ समय तक राजनीति में भी अपना हुनर आजमाया था। 2014 में सपा में शामिल हुए लोकसभा के लिए टिकट मिला लेकिन एक्टर ने लौटा दिया। इसके कुछ दिन बाद भाजपा से जुड़े। हालांकि लोकसभा सीट के लिए इन्हें मैदान में नहीं उतारा गया लेकिन स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड एंबेसडर जरूर बने। 2019 में उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के चेयरमैन जरूर बने। सब कुछ ठीक था लेकिन फिर 10 अगस्त 2022 में ट्रेडमिल पर दौड़ते हुए गिरे तो फिर कभी उठ नहीं पाए। हार्ट अटैक हुआ, एंजियोप्लास्टी कराई गई लेकिन वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ा। रिकवर नहीं कर पाए। एक महीना 11 दिन बाद उनके मौत की खबर आई।

राजू आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके कैरेक्टर अब भी उनके होने का एहसास कराते हैं। दिल में बसे हुए किरदार जिन्हें जब भी देखिए दिन बन जाता है!

–आईएएनएस

एएमजे/केआर

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नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)। का हो गजोधर…नहीं सब ठीक ह…अउर फूफा शादी में नाराज हो गए…ये ऐसे कैरेक्टर्स थे जो जब भी स्क्रीन पर आए हमें अपने से लगे। एहसास ही नहीं हुआ कि पर्दे पर निभाया जा रहा है बरबस हमको घर मोहल्ले में होने वाले किसी शादी समारोह की याद करा गए। और इन किरदारों को अपना सा बनाने का बूता राजू श्रीवास्तव में ही था। 21 सितंबर 2022 का ही वो मनहूस दिन था जब हंसाने वाला ये कलाकार सबको रोता बिलखता छोड़ गया।

राजू श्रीवास्तव भारत के प्रसिद्ध हास्य कलाकार थे। उनके जोक्स, कैरेक्टर इतने पॉपुलर थे कि लोग आज भी उन्हें भूले नहीं। वह जब-जब कैमरे के सामने आए, तो लोगों को इतना हंसाया कि हंस-हंस के उनके पेट में दर्द हो जाता था। कभी गजोधर भैया, तो कभी ‘जीजा’ और ‘फूफा’ बनकर उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरी।

आपको राजू श्रीवास्तव का ये डायलॉग तो याद होगा ‘ऐ यादव, संकठा, गजोधर, बिरजू, ई ट्रेन अपना छूटा या बाजू वाला।’ उनका यह डायलॉग इतना फेमस हो गया कि इस पर कई मीम्स बनने शुरू हो गए। इस कॉमेडियन का जन्म 25 दिसंबर 1963 में उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था। नाम था सत्य प्रकाश और प्यार से घरवाले राजू पुकारते थे, यही इनका बाद में स्टेज नेम हो गया। बहुत ही सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते थे। उन्हें बचपन से ही कलाकार बनना और फिल्म में काम करने का शौक था।

स्कूल के दिनों में ही उन्हें मिमिक्री का शौक लग गया था। मुंबई आने से पहले भी इनकी उत्तर प्रदेश में पहचान थी लोग राजू श्रीवास्तव को पहचानते थे। लेकिन फिर कुछ बड़ा करने की तमन्ना लिए मायानगरी पहुंच गए। यहां लाख जतन के बाद धीरे-धीरे काम मिला शुरू हुआ, छोटी मोटी भूमिकाएं जो भी मिलीं शिद्दत से निभाई। हिंदी फिल्मों के साथ-साथ टीवी के हास्य कार्यक्रमों में भी काम किया।

शुरुआती दौर में वे अमिताभ बच्चन की मिमिक्री करते थे लेकिन बाद में एक्टिंग में भी हाथ आजमाया। मैंने प्यार किया, बाजीगर, आमदनी अठन्नी खर्चा रुपया जैसी फिल्मों में हंसाते दिखे। 80 से लेकर 2004 तक जीवन ऐसे ही चलता रहा लेकिन 2005 में स्टैंड अप में किस्मत आजमाई। शो था ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज” और इसमें निभाए किरदारों ने लोगों के दिलों में गजब छाप छोड़ी। दूसरे पायदान पर रहे लेकिन कॉमेडी की गाड़ी सरपट दौड़ पड़ी। वो आम आदमी और रोजमर्रा की छोटी-छोटी घटनाओं पर व्यंग्य सुनाने के लिए मशहूर थे।

उन्होंने भारत के सबसे फेमस टीवी शो में काम किया, जिसमें ‘कॉमेडी का महाकुंभ’, ‘कॉमेडी सर्कस’, ‘शक्तिमान’ और ‘बिग बॉस’ शामिल हैं। कुछ समय तक राजनीति में भी अपना हुनर आजमाया था। 2014 में सपा में शामिल हुए लोकसभा के लिए टिकट मिला लेकिन एक्टर ने लौटा दिया। इसके कुछ दिन बाद भाजपा से जुड़े। हालांकि लोकसभा सीट के लिए इन्हें मैदान में नहीं उतारा गया लेकिन स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड एंबेसडर जरूर बने। 2019 में उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के चेयरमैन जरूर बने। सब कुछ ठीक था लेकिन फिर 10 अगस्त 2022 में ट्रेडमिल पर दौड़ते हुए गिरे तो फिर कभी उठ नहीं पाए। हार्ट अटैक हुआ, एंजियोप्लास्टी कराई गई लेकिन वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ा। रिकवर नहीं कर पाए। एक महीना 11 दिन बाद उनके मौत की खबर आई।

राजू आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके कैरेक्टर अब भी उनके होने का एहसास कराते हैं। दिल में बसे हुए किरदार जिन्हें जब भी देखिए दिन बन जाता है!

–आईएएनएस

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