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Home ताज़ा समाचार

क्वाड नेताओं ने की उत्तर कोरिया के मिसाइल प्रक्षेपण की निंदा

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September 22, 2024
in ताज़ा समाचार
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वाशिंगटन, 22 सितंबर (आईएएनएस)। भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं ने उत्तर कोरिया के मिसाइल प्रक्षेपणों और परमाणु प्रोग्राम की निंदा की। उन्होंने कोरियाई प्रायद्वीप के ‘पूर्ण’ परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

उत्तर कोरिया ने पिछले दिनों से अपने कई कारनामों से कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ा दिया है। इसमें प्योंगयांग द्वारा यूरेनियम एनरिचमेंट फैसिलिटी का खुलासा, हथियारों की लगातार टेस्टिंग, कठोर बयानबाजी और दक्षिण कोरिया में कचरे से भरे गुब्बारे छोड़ने जैसी गतिविधियां शामिल हैं।

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योनहाप समाचार एजेंसी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जापानी पीएम फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बानीज ने शनिवार को चार देशों के चौथे व्यक्तिगत क्वाड शिखर सम्मेलन के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया। इसमें उत्तर कोरिया की गतिविधियों को लेकर चिंता जाहिर की गई। क्वाड समिट डेलावेयर के विलमिंगटन में आयोजित हुई।

नेताओं ने ‘विलमिंगटन डिक्लेरेशन’ में कहा, “हम उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपणों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अनेक प्रस्तावों (यूएनएससीआर) का उल्लंघन करते हुए परमाणु हथियारों को पाने की निरंतर कोशिश की निंदा करते हैं। ये प्रक्षेपण अंतर्राष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा हैं।”

क्वाड नेताओं ने अपने बयान में कहा, “हम उत्तर कोरिया से यूएनएससीआर के तहत अपने सभी दायित्वों का पालन करने, आगे उकसावे से बचने और ठोस बातचीत में शामिल होने का आग्रह करते हैं। हम प्रासंगिक यूएनएससीआर के अनुरूप कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं और सभी देशों से यूएनएससीआर को पूरी तरह से लागू करने का आह्वान करते हैं।”

क्वाड लीडर्स ने उत्तर कोरिया के साथ सैन्य सहयोग को बढ़ाने वाले देशों के बारे में ‘गहरी’ चिंता व्यक्त की।

इससे पहले दिन में, बाइडेन और किशिदा ने एक अलग द्विपक्षीय बैठक की। मीटिंग में बाइडेन ने सियोल और टोक्यो के बीच संबंधों में सुधार को मान्यता दी, जो ऐतिहासिक विवादों के कारण लंबे समय से तनावपूर्ण रहे।

व्हाइट हाउस ने बैठक के बारे में कहा, “उन्होंने (बाइडेन ने) दक्षिण कोरिया के साथ संबंधों को मजबूत करने में प्रधानमंत्री के साहस और दृढ़ विश्वास की भी तारीफ की, जिसकी वजह से अगस्त 2023 में ऐतिहासिक कैंप डेविड शिखर सम्मेलन में अमेरिका-जापान-आरओके त्रिपक्षीय सहयोग के एक महत्वपूर्ण नए युग की शुरुआत संभव हो सकी।” बता दें आरओके यानी रिपब्लिक ऑफ कोरिया दक्षिण कोरिया का आधिकारिक नाम है।

-आईएएनएस

एमके/केआर

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वाशिंगटन, 22 सितंबर (आईएएनएस)। भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं ने उत्तर कोरिया के मिसाइल प्रक्षेपणों और परमाणु प्रोग्राम की निंदा की। उन्होंने कोरियाई प्रायद्वीप के ‘पूर्ण’ परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

उत्तर कोरिया ने पिछले दिनों से अपने कई कारनामों से कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ा दिया है। इसमें प्योंगयांग द्वारा यूरेनियम एनरिचमेंट फैसिलिटी का खुलासा, हथियारों की लगातार टेस्टिंग, कठोर बयानबाजी और दक्षिण कोरिया में कचरे से भरे गुब्बारे छोड़ने जैसी गतिविधियां शामिल हैं।

योनहाप समाचार एजेंसी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जापानी पीएम फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बानीज ने शनिवार को चार देशों के चौथे व्यक्तिगत क्वाड शिखर सम्मेलन के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया। इसमें उत्तर कोरिया की गतिविधियों को लेकर चिंता जाहिर की गई। क्वाड समिट डेलावेयर के विलमिंगटन में आयोजित हुई।

नेताओं ने ‘विलमिंगटन डिक्लेरेशन’ में कहा, “हम उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपणों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अनेक प्रस्तावों (यूएनएससीआर) का उल्लंघन करते हुए परमाणु हथियारों को पाने की निरंतर कोशिश की निंदा करते हैं। ये प्रक्षेपण अंतर्राष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा हैं।”

क्वाड नेताओं ने अपने बयान में कहा, “हम उत्तर कोरिया से यूएनएससीआर के तहत अपने सभी दायित्वों का पालन करने, आगे उकसावे से बचने और ठोस बातचीत में शामिल होने का आग्रह करते हैं। हम प्रासंगिक यूएनएससीआर के अनुरूप कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं और सभी देशों से यूएनएससीआर को पूरी तरह से लागू करने का आह्वान करते हैं।”

क्वाड लीडर्स ने उत्तर कोरिया के साथ सैन्य सहयोग को बढ़ाने वाले देशों के बारे में ‘गहरी’ चिंता व्यक्त की।

इससे पहले दिन में, बाइडेन और किशिदा ने एक अलग द्विपक्षीय बैठक की। मीटिंग में बाइडेन ने सियोल और टोक्यो के बीच संबंधों में सुधार को मान्यता दी, जो ऐतिहासिक विवादों के कारण लंबे समय से तनावपूर्ण रहे।

व्हाइट हाउस ने बैठक के बारे में कहा, “उन्होंने (बाइडेन ने) दक्षिण कोरिया के साथ संबंधों को मजबूत करने में प्रधानमंत्री के साहस और दृढ़ विश्वास की भी तारीफ की, जिसकी वजह से अगस्त 2023 में ऐतिहासिक कैंप डेविड शिखर सम्मेलन में अमेरिका-जापान-आरओके त्रिपक्षीय सहयोग के एक महत्वपूर्ण नए युग की शुरुआत संभव हो सकी।” बता दें आरओके यानी रिपब्लिक ऑफ कोरिया दक्षिण कोरिया का आधिकारिक नाम है।

-आईएएनएस

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उत्तर कोरिया ने पिछले दिनों से अपने कई कारनामों से कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ा दिया है। इसमें प्योंगयांग द्वारा यूरेनियम एनरिचमेंट फैसिलिटी का खुलासा, हथियारों की लगातार टेस्टिंग, कठोर बयानबाजी और दक्षिण कोरिया में कचरे से भरे गुब्बारे छोड़ने जैसी गतिविधियां शामिल हैं।

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नेताओं ने ‘विलमिंगटन डिक्लेरेशन’ में कहा, “हम उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपणों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अनेक प्रस्तावों (यूएनएससीआर) का उल्लंघन करते हुए परमाणु हथियारों को पाने की निरंतर कोशिश की निंदा करते हैं। ये प्रक्षेपण अंतर्राष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा हैं।”

क्वाड नेताओं ने अपने बयान में कहा, “हम उत्तर कोरिया से यूएनएससीआर के तहत अपने सभी दायित्वों का पालन करने, आगे उकसावे से बचने और ठोस बातचीत में शामिल होने का आग्रह करते हैं। हम प्रासंगिक यूएनएससीआर के अनुरूप कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं और सभी देशों से यूएनएससीआर को पूरी तरह से लागू करने का आह्वान करते हैं।”

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इससे पहले दिन में, बाइडेन और किशिदा ने एक अलग द्विपक्षीय बैठक की। मीटिंग में बाइडेन ने सियोल और टोक्यो के बीच संबंधों में सुधार को मान्यता दी, जो ऐतिहासिक विवादों के कारण लंबे समय से तनावपूर्ण रहे।

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क्वाड नेताओं ने अपने बयान में कहा, “हम उत्तर कोरिया से यूएनएससीआर के तहत अपने सभी दायित्वों का पालन करने, आगे उकसावे से बचने और ठोस बातचीत में शामिल होने का आग्रह करते हैं। हम प्रासंगिक यूएनएससीआर के अनुरूप कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं और सभी देशों से यूएनएससीआर को पूरी तरह से लागू करने का आह्वान करते हैं।”

क्वाड लीडर्स ने उत्तर कोरिया के साथ सैन्य सहयोग को बढ़ाने वाले देशों के बारे में ‘गहरी’ चिंता व्यक्त की।

इससे पहले दिन में, बाइडेन और किशिदा ने एक अलग द्विपक्षीय बैठक की। मीटिंग में बाइडेन ने सियोल और टोक्यो के बीच संबंधों में सुधार को मान्यता दी, जो ऐतिहासिक विवादों के कारण लंबे समय से तनावपूर्ण रहे।

व्हाइट हाउस ने बैठक के बारे में कहा, “उन्होंने (बाइडेन ने) दक्षिण कोरिया के साथ संबंधों को मजबूत करने में प्रधानमंत्री के साहस और दृढ़ विश्वास की भी तारीफ की, जिसकी वजह से अगस्त 2023 में ऐतिहासिक कैंप डेविड शिखर सम्मेलन में अमेरिका-जापान-आरओके त्रिपक्षीय सहयोग के एक महत्वपूर्ण नए युग की शुरुआत संभव हो सकी।” बता दें आरओके यानी रिपब्लिक ऑफ कोरिया दक्षिण कोरिया का आधिकारिक नाम है।

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उत्तर कोरिया ने पिछले दिनों से अपने कई कारनामों से कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ा दिया है। इसमें प्योंगयांग द्वारा यूरेनियम एनरिचमेंट फैसिलिटी का खुलासा, हथियारों की लगातार टेस्टिंग, कठोर बयानबाजी और दक्षिण कोरिया में कचरे से भरे गुब्बारे छोड़ने जैसी गतिविधियां शामिल हैं।

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क्वाड नेताओं ने अपने बयान में कहा, “हम उत्तर कोरिया से यूएनएससीआर के तहत अपने सभी दायित्वों का पालन करने, आगे उकसावे से बचने और ठोस बातचीत में शामिल होने का आग्रह करते हैं। हम प्रासंगिक यूएनएससीआर के अनुरूप कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं और सभी देशों से यूएनएससीआर को पूरी तरह से लागू करने का आह्वान करते हैं।”

क्वाड लीडर्स ने उत्तर कोरिया के साथ सैन्य सहयोग को बढ़ाने वाले देशों के बारे में ‘गहरी’ चिंता व्यक्त की।

इससे पहले दिन में, बाइडेन और किशिदा ने एक अलग द्विपक्षीय बैठक की। मीटिंग में बाइडेन ने सियोल और टोक्यो के बीच संबंधों में सुधार को मान्यता दी, जो ऐतिहासिक विवादों के कारण लंबे समय से तनावपूर्ण रहे।

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नेताओं ने ‘विलमिंगटन डिक्लेरेशन’ में कहा, “हम उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपणों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अनेक प्रस्तावों (यूएनएससीआर) का उल्लंघन करते हुए परमाणु हथियारों को पाने की निरंतर कोशिश की निंदा करते हैं। ये प्रक्षेपण अंतर्राष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा हैं।”

क्वाड नेताओं ने अपने बयान में कहा, “हम उत्तर कोरिया से यूएनएससीआर के तहत अपने सभी दायित्वों का पालन करने, आगे उकसावे से बचने और ठोस बातचीत में शामिल होने का आग्रह करते हैं। हम प्रासंगिक यूएनएससीआर के अनुरूप कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं और सभी देशों से यूएनएससीआर को पूरी तरह से लागू करने का आह्वान करते हैं।”

क्वाड लीडर्स ने उत्तर कोरिया के साथ सैन्य सहयोग को बढ़ाने वाले देशों के बारे में ‘गहरी’ चिंता व्यक्त की।

इससे पहले दिन में, बाइडेन और किशिदा ने एक अलग द्विपक्षीय बैठक की। मीटिंग में बाइडेन ने सियोल और टोक्यो के बीच संबंधों में सुधार को मान्यता दी, जो ऐतिहासिक विवादों के कारण लंबे समय से तनावपूर्ण रहे।

व्हाइट हाउस ने बैठक के बारे में कहा, “उन्होंने (बाइडेन ने) दक्षिण कोरिया के साथ संबंधों को मजबूत करने में प्रधानमंत्री के साहस और दृढ़ विश्वास की भी तारीफ की, जिसकी वजह से अगस्त 2023 में ऐतिहासिक कैंप डेविड शिखर सम्मेलन में अमेरिका-जापान-आरओके त्रिपक्षीय सहयोग के एक महत्वपूर्ण नए युग की शुरुआत संभव हो सकी।” बता दें आरओके यानी रिपब्लिक ऑफ कोरिया दक्षिण कोरिया का आधिकारिक नाम है।

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नेताओं ने ‘विलमिंगटन डिक्लेरेशन’ में कहा, “हम उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपणों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अनेक प्रस्तावों (यूएनएससीआर) का उल्लंघन करते हुए परमाणु हथियारों को पाने की निरंतर कोशिश की निंदा करते हैं। ये प्रक्षेपण अंतर्राष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा हैं।”

क्वाड नेताओं ने अपने बयान में कहा, “हम उत्तर कोरिया से यूएनएससीआर के तहत अपने सभी दायित्वों का पालन करने, आगे उकसावे से बचने और ठोस बातचीत में शामिल होने का आग्रह करते हैं। हम प्रासंगिक यूएनएससीआर के अनुरूप कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं और सभी देशों से यूएनएससीआर को पूरी तरह से लागू करने का आह्वान करते हैं।”

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इससे पहले दिन में, बाइडेन और किशिदा ने एक अलग द्विपक्षीय बैठक की। मीटिंग में बाइडेन ने सियोल और टोक्यो के बीच संबंधों में सुधार को मान्यता दी, जो ऐतिहासिक विवादों के कारण लंबे समय से तनावपूर्ण रहे।

व्हाइट हाउस ने बैठक के बारे में कहा, “उन्होंने (बाइडेन ने) दक्षिण कोरिया के साथ संबंधों को मजबूत करने में प्रधानमंत्री के साहस और दृढ़ विश्वास की भी तारीफ की, जिसकी वजह से अगस्त 2023 में ऐतिहासिक कैंप डेविड शिखर सम्मेलन में अमेरिका-जापान-आरओके त्रिपक्षीय सहयोग के एक महत्वपूर्ण नए युग की शुरुआत संभव हो सकी।” बता दें आरओके यानी रिपब्लिक ऑफ कोरिया दक्षिण कोरिया का आधिकारिक नाम है।

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उत्तर कोरिया ने पिछले दिनों से अपने कई कारनामों से कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ा दिया है। इसमें प्योंगयांग द्वारा यूरेनियम एनरिचमेंट फैसिलिटी का खुलासा, हथियारों की लगातार टेस्टिंग, कठोर बयानबाजी और दक्षिण कोरिया में कचरे से भरे गुब्बारे छोड़ने जैसी गतिविधियां शामिल हैं।

योनहाप समाचार एजेंसी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जापानी पीएम फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बानीज ने शनिवार को चार देशों के चौथे व्यक्तिगत क्वाड शिखर सम्मेलन के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया। इसमें उत्तर कोरिया की गतिविधियों को लेकर चिंता जाहिर की गई। क्वाड समिट डेलावेयर के विलमिंगटन में आयोजित हुई।

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इससे पहले दिन में, बाइडेन और किशिदा ने एक अलग द्विपक्षीय बैठक की। मीटिंग में बाइडेन ने सियोल और टोक्यो के बीच संबंधों में सुधार को मान्यता दी, जो ऐतिहासिक विवादों के कारण लंबे समय से तनावपूर्ण रहे।

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