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Home अंतरराष्ट्रीय

पाकिस्तानी शहरों में पब्लिक लेक्चर देगा भारत का भगोड़ा जाकिर नाइक, शहबाज शरीफ सरकार ने दिया न्योता

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September 22, 2024
in अंतरराष्ट्रीय
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पाकिस्तानी शहरों में पब्लिक लेक्चर देगा भारत का भगोड़ा जाकिर नाइक, शहबाज शरीफ सरकार ने दिया न्योता
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इस्लामाबाद, 22 सितंबर (आईएएनएस)। विवादास्पद इस्लामी उपदेशक और भारत का वांछित भगोड़ा जाकिर नाइक शहबाज शरीफ सरकार के निमंत्रण पर पाकिस्तान का दौरा करने वाला है। अगले महीने वह कई पाकिस्तानी शहरों में पब्लिक लेक्चर देगा।

नाइक ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर इस बारे में जानकारी दी है। वह अपने बेटे फारिक नाइक के साथ इस्लामाबाद, लाहौर और कराची में जनसभाएं करेगा।

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नाइक के पाकिस्तान दौरे की शुरुआत 5 अक्टूबर को कराची से होगी और 20 अक्टूबर को इस्लामाबाद में यह खत्म होगा।

नाइक का कराची में कार्यक्रम बाग-ए-कायद में होगा। यह जगह पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की मजार के सामने स्थित है।

नाइक को पाकिस्तानी सरकार का निमंत्रण मिलने के बाद ऐसी संभावना है कि कराची और लाहौर में संबंधित मुख्यमंत्री उसका स्वागत करेंगे। उसकी इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी मुलाकात हो सकती है।

नाइक भारत में एक वांछित भगोड़ा है जो कई वर्षों से मलेशिया में रह रहा है। 2017 में, बांग्लादेश के अधिकारियों ने दावा किया था कि ढाका के एक कैफे पर हमला करने वालों में से एक, जाकिर नाइक से प्रेरित था। इस घटना में 22 लोग मारे गए थे।

बाद में उसी वर्ष, भारत की एनआईए ने भी नाइक पर गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने और धार्मिक घृणा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

इसके बाद से नाइक मलेशिया में रह रहा है क्योंकि यहां की सरकार ने उसे संरक्षण दिया है।

हालांकि जाकिर को पाकिस्तान में व्यापक समर्थन प्राप्त है, लेकिन विभिन्न संप्रदायों से कई धार्मिक आवाजें ऐसी भी हैं, जो उससे सहमत नहीं हैं और एक धार्मिक उपदेशक के रूप में उसका विरोध करती हैं।

भारत छोड़ने के बाद नाइक का पसंदीदा ठिकाना पाकिस्तान था। हालांकि, उसने मलेशिया जाने का फैसला किया और तर्क दिया कि अगर वह पाकिस्तान चला जाता, तो उसे आईएसआई एजेंट करार दे दिया जाता।

नाइक ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा, “शरिया हमें बड़े नुकसान से बचने के लिए कम नुकसान को स्वीकार करना सिखाता है। अगर मैं पाकिस्तान चला जाता तो भारत मुझे आईएसआई एजेंट करार दे देता और मेरी संस्था को बंद कर देता।”

जाकिर की अगले महीने होने वाली यात्रा एक बार फिर नई दिल्ली इन दावों को मजबूती देती है कि पाकिस्तान भारत में वांछित व्यक्तियों का स्वागत करता है और उन्हें सुविधाएं प्रदान करता है।

राजनीतिक विश्लेषक कामरान यूसुफ ने कहते हैं, “डॉ. नाइक की यात्रा पाकिस्तान में एक बड़ी घटना होगी, लेकिन इससे भारत के साथ संबंधों में और खिंचाव आएगा। भारत पहले से ही दावा करता रहा है कि पाकिस्तान ओसामा बिन लादेन, हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम और भारत विरोधी एजेंडे वाले अन्य लोगों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह है। अब जब नाइक का देश में स्वागत होगा, तो इससे पाकिस्तान के खिलाफ भारत के आरोपों को बल मिलेगा।”

–आईएएनएस

एमके/

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इस्लामाबाद, 22 सितंबर (आईएएनएस)। विवादास्पद इस्लामी उपदेशक और भारत का वांछित भगोड़ा जाकिर नाइक शहबाज शरीफ सरकार के निमंत्रण पर पाकिस्तान का दौरा करने वाला है। अगले महीने वह कई पाकिस्तानी शहरों में पब्लिक लेक्चर देगा।

नाइक ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर इस बारे में जानकारी दी है। वह अपने बेटे फारिक नाइक के साथ इस्लामाबाद, लाहौर और कराची में जनसभाएं करेगा।

नाइक के पाकिस्तान दौरे की शुरुआत 5 अक्टूबर को कराची से होगी और 20 अक्टूबर को इस्लामाबाद में यह खत्म होगा।

नाइक का कराची में कार्यक्रम बाग-ए-कायद में होगा। यह जगह पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की मजार के सामने स्थित है।

नाइक को पाकिस्तानी सरकार का निमंत्रण मिलने के बाद ऐसी संभावना है कि कराची और लाहौर में संबंधित मुख्यमंत्री उसका स्वागत करेंगे। उसकी इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी मुलाकात हो सकती है।

नाइक भारत में एक वांछित भगोड़ा है जो कई वर्षों से मलेशिया में रह रहा है। 2017 में, बांग्लादेश के अधिकारियों ने दावा किया था कि ढाका के एक कैफे पर हमला करने वालों में से एक, जाकिर नाइक से प्रेरित था। इस घटना में 22 लोग मारे गए थे।

बाद में उसी वर्ष, भारत की एनआईए ने भी नाइक पर गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने और धार्मिक घृणा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

इसके बाद से नाइक मलेशिया में रह रहा है क्योंकि यहां की सरकार ने उसे संरक्षण दिया है।

हालांकि जाकिर को पाकिस्तान में व्यापक समर्थन प्राप्त है, लेकिन विभिन्न संप्रदायों से कई धार्मिक आवाजें ऐसी भी हैं, जो उससे सहमत नहीं हैं और एक धार्मिक उपदेशक के रूप में उसका विरोध करती हैं।

भारत छोड़ने के बाद नाइक का पसंदीदा ठिकाना पाकिस्तान था। हालांकि, उसने मलेशिया जाने का फैसला किया और तर्क दिया कि अगर वह पाकिस्तान चला जाता, तो उसे आईएसआई एजेंट करार दे दिया जाता।

नाइक ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा, “शरिया हमें बड़े नुकसान से बचने के लिए कम नुकसान को स्वीकार करना सिखाता है। अगर मैं पाकिस्तान चला जाता तो भारत मुझे आईएसआई एजेंट करार दे देता और मेरी संस्था को बंद कर देता।”

जाकिर की अगले महीने होने वाली यात्रा एक बार फिर नई दिल्ली इन दावों को मजबूती देती है कि पाकिस्तान भारत में वांछित व्यक्तियों का स्वागत करता है और उन्हें सुविधाएं प्रदान करता है।

राजनीतिक विश्लेषक कामरान यूसुफ ने कहते हैं, “डॉ. नाइक की यात्रा पाकिस्तान में एक बड़ी घटना होगी, लेकिन इससे भारत के साथ संबंधों में और खिंचाव आएगा। भारत पहले से ही दावा करता रहा है कि पाकिस्तान ओसामा बिन लादेन, हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम और भारत विरोधी एजेंडे वाले अन्य लोगों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह है। अब जब नाइक का देश में स्वागत होगा, तो इससे पाकिस्तान के खिलाफ भारत के आरोपों को बल मिलेगा।”

–आईएएनएस

एमके/

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इस्लामाबाद, 22 सितंबर (आईएएनएस)। विवादास्पद इस्लामी उपदेशक और भारत का वांछित भगोड़ा जाकिर नाइक शहबाज शरीफ सरकार के निमंत्रण पर पाकिस्तान का दौरा करने वाला है। अगले महीने वह कई पाकिस्तानी शहरों में पब्लिक लेक्चर देगा।

नाइक ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर इस बारे में जानकारी दी है। वह अपने बेटे फारिक नाइक के साथ इस्लामाबाद, लाहौर और कराची में जनसभाएं करेगा।

नाइक के पाकिस्तान दौरे की शुरुआत 5 अक्टूबर को कराची से होगी और 20 अक्टूबर को इस्लामाबाद में यह खत्म होगा।

नाइक का कराची में कार्यक्रम बाग-ए-कायद में होगा। यह जगह पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की मजार के सामने स्थित है।

नाइक को पाकिस्तानी सरकार का निमंत्रण मिलने के बाद ऐसी संभावना है कि कराची और लाहौर में संबंधित मुख्यमंत्री उसका स्वागत करेंगे। उसकी इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी मुलाकात हो सकती है।

नाइक भारत में एक वांछित भगोड़ा है जो कई वर्षों से मलेशिया में रह रहा है। 2017 में, बांग्लादेश के अधिकारियों ने दावा किया था कि ढाका के एक कैफे पर हमला करने वालों में से एक, जाकिर नाइक से प्रेरित था। इस घटना में 22 लोग मारे गए थे।

बाद में उसी वर्ष, भारत की एनआईए ने भी नाइक पर गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने और धार्मिक घृणा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

इसके बाद से नाइक मलेशिया में रह रहा है क्योंकि यहां की सरकार ने उसे संरक्षण दिया है।

हालांकि जाकिर को पाकिस्तान में व्यापक समर्थन प्राप्त है, लेकिन विभिन्न संप्रदायों से कई धार्मिक आवाजें ऐसी भी हैं, जो उससे सहमत नहीं हैं और एक धार्मिक उपदेशक के रूप में उसका विरोध करती हैं।

भारत छोड़ने के बाद नाइक का पसंदीदा ठिकाना पाकिस्तान था। हालांकि, उसने मलेशिया जाने का फैसला किया और तर्क दिया कि अगर वह पाकिस्तान चला जाता, तो उसे आईएसआई एजेंट करार दे दिया जाता।

नाइक ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा, “शरिया हमें बड़े नुकसान से बचने के लिए कम नुकसान को स्वीकार करना सिखाता है। अगर मैं पाकिस्तान चला जाता तो भारत मुझे आईएसआई एजेंट करार दे देता और मेरी संस्था को बंद कर देता।”

जाकिर की अगले महीने होने वाली यात्रा एक बार फिर नई दिल्ली इन दावों को मजबूती देती है कि पाकिस्तान भारत में वांछित व्यक्तियों का स्वागत करता है और उन्हें सुविधाएं प्रदान करता है।

राजनीतिक विश्लेषक कामरान यूसुफ ने कहते हैं, “डॉ. नाइक की यात्रा पाकिस्तान में एक बड़ी घटना होगी, लेकिन इससे भारत के साथ संबंधों में और खिंचाव आएगा। भारत पहले से ही दावा करता रहा है कि पाकिस्तान ओसामा बिन लादेन, हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम और भारत विरोधी एजेंडे वाले अन्य लोगों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह है। अब जब नाइक का देश में स्वागत होगा, तो इससे पाकिस्तान के खिलाफ भारत के आरोपों को बल मिलेगा।”

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नाइक ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर इस बारे में जानकारी दी है। वह अपने बेटे फारिक नाइक के साथ इस्लामाबाद, लाहौर और कराची में जनसभाएं करेगा।

नाइक के पाकिस्तान दौरे की शुरुआत 5 अक्टूबर को कराची से होगी और 20 अक्टूबर को इस्लामाबाद में यह खत्म होगा।

नाइक का कराची में कार्यक्रम बाग-ए-कायद में होगा। यह जगह पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की मजार के सामने स्थित है।

नाइक को पाकिस्तानी सरकार का निमंत्रण मिलने के बाद ऐसी संभावना है कि कराची और लाहौर में संबंधित मुख्यमंत्री उसका स्वागत करेंगे। उसकी इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी मुलाकात हो सकती है।

नाइक भारत में एक वांछित भगोड़ा है जो कई वर्षों से मलेशिया में रह रहा है। 2017 में, बांग्लादेश के अधिकारियों ने दावा किया था कि ढाका के एक कैफे पर हमला करने वालों में से एक, जाकिर नाइक से प्रेरित था। इस घटना में 22 लोग मारे गए थे।

बाद में उसी वर्ष, भारत की एनआईए ने भी नाइक पर गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने और धार्मिक घृणा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

इसके बाद से नाइक मलेशिया में रह रहा है क्योंकि यहां की सरकार ने उसे संरक्षण दिया है।

हालांकि जाकिर को पाकिस्तान में व्यापक समर्थन प्राप्त है, लेकिन विभिन्न संप्रदायों से कई धार्मिक आवाजें ऐसी भी हैं, जो उससे सहमत नहीं हैं और एक धार्मिक उपदेशक के रूप में उसका विरोध करती हैं।

भारत छोड़ने के बाद नाइक का पसंदीदा ठिकाना पाकिस्तान था। हालांकि, उसने मलेशिया जाने का फैसला किया और तर्क दिया कि अगर वह पाकिस्तान चला जाता, तो उसे आईएसआई एजेंट करार दे दिया जाता।

नाइक ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा, “शरिया हमें बड़े नुकसान से बचने के लिए कम नुकसान को स्वीकार करना सिखाता है। अगर मैं पाकिस्तान चला जाता तो भारत मुझे आईएसआई एजेंट करार दे देता और मेरी संस्था को बंद कर देता।”

जाकिर की अगले महीने होने वाली यात्रा एक बार फिर नई दिल्ली इन दावों को मजबूती देती है कि पाकिस्तान भारत में वांछित व्यक्तियों का स्वागत करता है और उन्हें सुविधाएं प्रदान करता है।

राजनीतिक विश्लेषक कामरान यूसुफ ने कहते हैं, “डॉ. नाइक की यात्रा पाकिस्तान में एक बड़ी घटना होगी, लेकिन इससे भारत के साथ संबंधों में और खिंचाव आएगा। भारत पहले से ही दावा करता रहा है कि पाकिस्तान ओसामा बिन लादेन, हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम और भारत विरोधी एजेंडे वाले अन्य लोगों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह है। अब जब नाइक का देश में स्वागत होगा, तो इससे पाकिस्तान के खिलाफ भारत के आरोपों को बल मिलेगा।”

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नाइक ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर इस बारे में जानकारी दी है। वह अपने बेटे फारिक नाइक के साथ इस्लामाबाद, लाहौर और कराची में जनसभाएं करेगा।

नाइक के पाकिस्तान दौरे की शुरुआत 5 अक्टूबर को कराची से होगी और 20 अक्टूबर को इस्लामाबाद में यह खत्म होगा।

नाइक का कराची में कार्यक्रम बाग-ए-कायद में होगा। यह जगह पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की मजार के सामने स्थित है।

नाइक को पाकिस्तानी सरकार का निमंत्रण मिलने के बाद ऐसी संभावना है कि कराची और लाहौर में संबंधित मुख्यमंत्री उसका स्वागत करेंगे। उसकी इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी मुलाकात हो सकती है।

नाइक भारत में एक वांछित भगोड़ा है जो कई वर्षों से मलेशिया में रह रहा है। 2017 में, बांग्लादेश के अधिकारियों ने दावा किया था कि ढाका के एक कैफे पर हमला करने वालों में से एक, जाकिर नाइक से प्रेरित था। इस घटना में 22 लोग मारे गए थे।

बाद में उसी वर्ष, भारत की एनआईए ने भी नाइक पर गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने और धार्मिक घृणा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

इसके बाद से नाइक मलेशिया में रह रहा है क्योंकि यहां की सरकार ने उसे संरक्षण दिया है।

हालांकि जाकिर को पाकिस्तान में व्यापक समर्थन प्राप्त है, लेकिन विभिन्न संप्रदायों से कई धार्मिक आवाजें ऐसी भी हैं, जो उससे सहमत नहीं हैं और एक धार्मिक उपदेशक के रूप में उसका विरोध करती हैं।

भारत छोड़ने के बाद नाइक का पसंदीदा ठिकाना पाकिस्तान था। हालांकि, उसने मलेशिया जाने का फैसला किया और तर्क दिया कि अगर वह पाकिस्तान चला जाता, तो उसे आईएसआई एजेंट करार दे दिया जाता।

नाइक ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा, “शरिया हमें बड़े नुकसान से बचने के लिए कम नुकसान को स्वीकार करना सिखाता है। अगर मैं पाकिस्तान चला जाता तो भारत मुझे आईएसआई एजेंट करार दे देता और मेरी संस्था को बंद कर देता।”

जाकिर की अगले महीने होने वाली यात्रा एक बार फिर नई दिल्ली इन दावों को मजबूती देती है कि पाकिस्तान भारत में वांछित व्यक्तियों का स्वागत करता है और उन्हें सुविधाएं प्रदान करता है।

राजनीतिक विश्लेषक कामरान यूसुफ ने कहते हैं, “डॉ. नाइक की यात्रा पाकिस्तान में एक बड़ी घटना होगी, लेकिन इससे भारत के साथ संबंधों में और खिंचाव आएगा। भारत पहले से ही दावा करता रहा है कि पाकिस्तान ओसामा बिन लादेन, हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम और भारत विरोधी एजेंडे वाले अन्य लोगों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह है। अब जब नाइक का देश में स्वागत होगा, तो इससे पाकिस्तान के खिलाफ भारत के आरोपों को बल मिलेगा।”

–आईएएनएस

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नाइक ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर इस बारे में जानकारी दी है। वह अपने बेटे फारिक नाइक के साथ इस्लामाबाद, लाहौर और कराची में जनसभाएं करेगा।

नाइक के पाकिस्तान दौरे की शुरुआत 5 अक्टूबर को कराची से होगी और 20 अक्टूबर को इस्लामाबाद में यह खत्म होगा।

नाइक का कराची में कार्यक्रम बाग-ए-कायद में होगा। यह जगह पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की मजार के सामने स्थित है।

नाइक को पाकिस्तानी सरकार का निमंत्रण मिलने के बाद ऐसी संभावना है कि कराची और लाहौर में संबंधित मुख्यमंत्री उसका स्वागत करेंगे। उसकी इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी मुलाकात हो सकती है।

नाइक भारत में एक वांछित भगोड़ा है जो कई वर्षों से मलेशिया में रह रहा है। 2017 में, बांग्लादेश के अधिकारियों ने दावा किया था कि ढाका के एक कैफे पर हमला करने वालों में से एक, जाकिर नाइक से प्रेरित था। इस घटना में 22 लोग मारे गए थे।

बाद में उसी वर्ष, भारत की एनआईए ने भी नाइक पर गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने और धार्मिक घृणा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

इसके बाद से नाइक मलेशिया में रह रहा है क्योंकि यहां की सरकार ने उसे संरक्षण दिया है।

हालांकि जाकिर को पाकिस्तान में व्यापक समर्थन प्राप्त है, लेकिन विभिन्न संप्रदायों से कई धार्मिक आवाजें ऐसी भी हैं, जो उससे सहमत नहीं हैं और एक धार्मिक उपदेशक के रूप में उसका विरोध करती हैं।

भारत छोड़ने के बाद नाइक का पसंदीदा ठिकाना पाकिस्तान था। हालांकि, उसने मलेशिया जाने का फैसला किया और तर्क दिया कि अगर वह पाकिस्तान चला जाता, तो उसे आईएसआई एजेंट करार दे दिया जाता।

नाइक ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा, “शरिया हमें बड़े नुकसान से बचने के लिए कम नुकसान को स्वीकार करना सिखाता है। अगर मैं पाकिस्तान चला जाता तो भारत मुझे आईएसआई एजेंट करार दे देता और मेरी संस्था को बंद कर देता।”

जाकिर की अगले महीने होने वाली यात्रा एक बार फिर नई दिल्ली इन दावों को मजबूती देती है कि पाकिस्तान भारत में वांछित व्यक्तियों का स्वागत करता है और उन्हें सुविधाएं प्रदान करता है।

राजनीतिक विश्लेषक कामरान यूसुफ ने कहते हैं, “डॉ. नाइक की यात्रा पाकिस्तान में एक बड़ी घटना होगी, लेकिन इससे भारत के साथ संबंधों में और खिंचाव आएगा। भारत पहले से ही दावा करता रहा है कि पाकिस्तान ओसामा बिन लादेन, हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम और भारत विरोधी एजेंडे वाले अन्य लोगों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह है। अब जब नाइक का देश में स्वागत होगा, तो इससे पाकिस्तान के खिलाफ भारत के आरोपों को बल मिलेगा।”

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इस्लामाबाद, 22 सितंबर (आईएएनएस)। विवादास्पद इस्लामी उपदेशक और भारत का वांछित भगोड़ा जाकिर नाइक शहबाज शरीफ सरकार के निमंत्रण पर पाकिस्तान का दौरा करने वाला है। अगले महीने वह कई पाकिस्तानी शहरों में पब्लिक लेक्चर देगा।

नाइक ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर इस बारे में जानकारी दी है। वह अपने बेटे फारिक नाइक के साथ इस्लामाबाद, लाहौर और कराची में जनसभाएं करेगा।

नाइक के पाकिस्तान दौरे की शुरुआत 5 अक्टूबर को कराची से होगी और 20 अक्टूबर को इस्लामाबाद में यह खत्म होगा।

नाइक का कराची में कार्यक्रम बाग-ए-कायद में होगा। यह जगह पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की मजार के सामने स्थित है।

नाइक को पाकिस्तानी सरकार का निमंत्रण मिलने के बाद ऐसी संभावना है कि कराची और लाहौर में संबंधित मुख्यमंत्री उसका स्वागत करेंगे। उसकी इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी मुलाकात हो सकती है।

नाइक भारत में एक वांछित भगोड़ा है जो कई वर्षों से मलेशिया में रह रहा है। 2017 में, बांग्लादेश के अधिकारियों ने दावा किया था कि ढाका के एक कैफे पर हमला करने वालों में से एक, जाकिर नाइक से प्रेरित था। इस घटना में 22 लोग मारे गए थे।

बाद में उसी वर्ष, भारत की एनआईए ने भी नाइक पर गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने और धार्मिक घृणा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

इसके बाद से नाइक मलेशिया में रह रहा है क्योंकि यहां की सरकार ने उसे संरक्षण दिया है।

हालांकि जाकिर को पाकिस्तान में व्यापक समर्थन प्राप्त है, लेकिन विभिन्न संप्रदायों से कई धार्मिक आवाजें ऐसी भी हैं, जो उससे सहमत नहीं हैं और एक धार्मिक उपदेशक के रूप में उसका विरोध करती हैं।

भारत छोड़ने के बाद नाइक का पसंदीदा ठिकाना पाकिस्तान था। हालांकि, उसने मलेशिया जाने का फैसला किया और तर्क दिया कि अगर वह पाकिस्तान चला जाता, तो उसे आईएसआई एजेंट करार दे दिया जाता।

नाइक ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा, “शरिया हमें बड़े नुकसान से बचने के लिए कम नुकसान को स्वीकार करना सिखाता है। अगर मैं पाकिस्तान चला जाता तो भारत मुझे आईएसआई एजेंट करार दे देता और मेरी संस्था को बंद कर देता।”

जाकिर की अगले महीने होने वाली यात्रा एक बार फिर नई दिल्ली इन दावों को मजबूती देती है कि पाकिस्तान भारत में वांछित व्यक्तियों का स्वागत करता है और उन्हें सुविधाएं प्रदान करता है।

राजनीतिक विश्लेषक कामरान यूसुफ ने कहते हैं, “डॉ. नाइक की यात्रा पाकिस्तान में एक बड़ी घटना होगी, लेकिन इससे भारत के साथ संबंधों में और खिंचाव आएगा। भारत पहले से ही दावा करता रहा है कि पाकिस्तान ओसामा बिन लादेन, हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम और भारत विरोधी एजेंडे वाले अन्य लोगों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह है। अब जब नाइक का देश में स्वागत होगा, तो इससे पाकिस्तान के खिलाफ भारत के आरोपों को बल मिलेगा।”

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नाइक ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर इस बारे में जानकारी दी है। वह अपने बेटे फारिक नाइक के साथ इस्लामाबाद, लाहौर और कराची में जनसभाएं करेगा।

नाइक के पाकिस्तान दौरे की शुरुआत 5 अक्टूबर को कराची से होगी और 20 अक्टूबर को इस्लामाबाद में यह खत्म होगा।

नाइक का कराची में कार्यक्रम बाग-ए-कायद में होगा। यह जगह पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की मजार के सामने स्थित है।

नाइक को पाकिस्तानी सरकार का निमंत्रण मिलने के बाद ऐसी संभावना है कि कराची और लाहौर में संबंधित मुख्यमंत्री उसका स्वागत करेंगे। उसकी इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी मुलाकात हो सकती है।

नाइक भारत में एक वांछित भगोड़ा है जो कई वर्षों से मलेशिया में रह रहा है। 2017 में, बांग्लादेश के अधिकारियों ने दावा किया था कि ढाका के एक कैफे पर हमला करने वालों में से एक, जाकिर नाइक से प्रेरित था। इस घटना में 22 लोग मारे गए थे।

बाद में उसी वर्ष, भारत की एनआईए ने भी नाइक पर गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने और धार्मिक घृणा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

इसके बाद से नाइक मलेशिया में रह रहा है क्योंकि यहां की सरकार ने उसे संरक्षण दिया है।

हालांकि जाकिर को पाकिस्तान में व्यापक समर्थन प्राप्त है, लेकिन विभिन्न संप्रदायों से कई धार्मिक आवाजें ऐसी भी हैं, जो उससे सहमत नहीं हैं और एक धार्मिक उपदेशक के रूप में उसका विरोध करती हैं।

भारत छोड़ने के बाद नाइक का पसंदीदा ठिकाना पाकिस्तान था। हालांकि, उसने मलेशिया जाने का फैसला किया और तर्क दिया कि अगर वह पाकिस्तान चला जाता, तो उसे आईएसआई एजेंट करार दे दिया जाता।

नाइक ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा, “शरिया हमें बड़े नुकसान से बचने के लिए कम नुकसान को स्वीकार करना सिखाता है। अगर मैं पाकिस्तान चला जाता तो भारत मुझे आईएसआई एजेंट करार दे देता और मेरी संस्था को बंद कर देता।”

जाकिर की अगले महीने होने वाली यात्रा एक बार फिर नई दिल्ली इन दावों को मजबूती देती है कि पाकिस्तान भारत में वांछित व्यक्तियों का स्वागत करता है और उन्हें सुविधाएं प्रदान करता है।

राजनीतिक विश्लेषक कामरान यूसुफ ने कहते हैं, “डॉ. नाइक की यात्रा पाकिस्तान में एक बड़ी घटना होगी, लेकिन इससे भारत के साथ संबंधों में और खिंचाव आएगा। भारत पहले से ही दावा करता रहा है कि पाकिस्तान ओसामा बिन लादेन, हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम और भारत विरोधी एजेंडे वाले अन्य लोगों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह है। अब जब नाइक का देश में स्वागत होगा, तो इससे पाकिस्तान के खिलाफ भारत के आरोपों को बल मिलेगा।”

–आईएएनएस

एमके/

इस्लामाबाद, 22 सितंबर (आईएएनएस)। विवादास्पद इस्लामी उपदेशक और भारत का वांछित भगोड़ा जाकिर नाइक शहबाज शरीफ सरकार के निमंत्रण पर पाकिस्तान का दौरा करने वाला है। अगले महीने वह कई पाकिस्तानी शहरों में पब्लिक लेक्चर देगा।

नाइक ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर इस बारे में जानकारी दी है। वह अपने बेटे फारिक नाइक के साथ इस्लामाबाद, लाहौर और कराची में जनसभाएं करेगा।

नाइक के पाकिस्तान दौरे की शुरुआत 5 अक्टूबर को कराची से होगी और 20 अक्टूबर को इस्लामाबाद में यह खत्म होगा।

नाइक का कराची में कार्यक्रम बाग-ए-कायद में होगा। यह जगह पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की मजार के सामने स्थित है।

नाइक को पाकिस्तानी सरकार का निमंत्रण मिलने के बाद ऐसी संभावना है कि कराची और लाहौर में संबंधित मुख्यमंत्री उसका स्वागत करेंगे। उसकी इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी मुलाकात हो सकती है।

नाइक भारत में एक वांछित भगोड़ा है जो कई वर्षों से मलेशिया में रह रहा है। 2017 में, बांग्लादेश के अधिकारियों ने दावा किया था कि ढाका के एक कैफे पर हमला करने वालों में से एक, जाकिर नाइक से प्रेरित था। इस घटना में 22 लोग मारे गए थे।

बाद में उसी वर्ष, भारत की एनआईए ने भी नाइक पर गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने और धार्मिक घृणा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

इसके बाद से नाइक मलेशिया में रह रहा है क्योंकि यहां की सरकार ने उसे संरक्षण दिया है।

हालांकि जाकिर को पाकिस्तान में व्यापक समर्थन प्राप्त है, लेकिन विभिन्न संप्रदायों से कई धार्मिक आवाजें ऐसी भी हैं, जो उससे सहमत नहीं हैं और एक धार्मिक उपदेशक के रूप में उसका विरोध करती हैं।

भारत छोड़ने के बाद नाइक का पसंदीदा ठिकाना पाकिस्तान था। हालांकि, उसने मलेशिया जाने का फैसला किया और तर्क दिया कि अगर वह पाकिस्तान चला जाता, तो उसे आईएसआई एजेंट करार दे दिया जाता।

नाइक ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा, “शरिया हमें बड़े नुकसान से बचने के लिए कम नुकसान को स्वीकार करना सिखाता है। अगर मैं पाकिस्तान चला जाता तो भारत मुझे आईएसआई एजेंट करार दे देता और मेरी संस्था को बंद कर देता।”

जाकिर की अगले महीने होने वाली यात्रा एक बार फिर नई दिल्ली इन दावों को मजबूती देती है कि पाकिस्तान भारत में वांछित व्यक्तियों का स्वागत करता है और उन्हें सुविधाएं प्रदान करता है।

राजनीतिक विश्लेषक कामरान यूसुफ ने कहते हैं, “डॉ. नाइक की यात्रा पाकिस्तान में एक बड़ी घटना होगी, लेकिन इससे भारत के साथ संबंधों में और खिंचाव आएगा। भारत पहले से ही दावा करता रहा है कि पाकिस्तान ओसामा बिन लादेन, हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम और भारत विरोधी एजेंडे वाले अन्य लोगों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह है। अब जब नाइक का देश में स्वागत होगा, तो इससे पाकिस्तान के खिलाफ भारत के आरोपों को बल मिलेगा।”

–आईएएनएस

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इस्लामाबाद, 22 सितंबर (आईएएनएस)। विवादास्पद इस्लामी उपदेशक और भारत का वांछित भगोड़ा जाकिर नाइक शहबाज शरीफ सरकार के निमंत्रण पर पाकिस्तान का दौरा करने वाला है। अगले महीने वह कई पाकिस्तानी शहरों में पब्लिक लेक्चर देगा।

नाइक ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर इस बारे में जानकारी दी है। वह अपने बेटे फारिक नाइक के साथ इस्लामाबाद, लाहौर और कराची में जनसभाएं करेगा।

नाइक के पाकिस्तान दौरे की शुरुआत 5 अक्टूबर को कराची से होगी और 20 अक्टूबर को इस्लामाबाद में यह खत्म होगा।

नाइक का कराची में कार्यक्रम बाग-ए-कायद में होगा। यह जगह पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की मजार के सामने स्थित है।

नाइक को पाकिस्तानी सरकार का निमंत्रण मिलने के बाद ऐसी संभावना है कि कराची और लाहौर में संबंधित मुख्यमंत्री उसका स्वागत करेंगे। उसकी इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी मुलाकात हो सकती है।

नाइक भारत में एक वांछित भगोड़ा है जो कई वर्षों से मलेशिया में रह रहा है। 2017 में, बांग्लादेश के अधिकारियों ने दावा किया था कि ढाका के एक कैफे पर हमला करने वालों में से एक, जाकिर नाइक से प्रेरित था। इस घटना में 22 लोग मारे गए थे।

बाद में उसी वर्ष, भारत की एनआईए ने भी नाइक पर गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने और धार्मिक घृणा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

इसके बाद से नाइक मलेशिया में रह रहा है क्योंकि यहां की सरकार ने उसे संरक्षण दिया है।

हालांकि जाकिर को पाकिस्तान में व्यापक समर्थन प्राप्त है, लेकिन विभिन्न संप्रदायों से कई धार्मिक आवाजें ऐसी भी हैं, जो उससे सहमत नहीं हैं और एक धार्मिक उपदेशक के रूप में उसका विरोध करती हैं।

भारत छोड़ने के बाद नाइक का पसंदीदा ठिकाना पाकिस्तान था। हालांकि, उसने मलेशिया जाने का फैसला किया और तर्क दिया कि अगर वह पाकिस्तान चला जाता, तो उसे आईएसआई एजेंट करार दे दिया जाता।

नाइक ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा, “शरिया हमें बड़े नुकसान से बचने के लिए कम नुकसान को स्वीकार करना सिखाता है। अगर मैं पाकिस्तान चला जाता तो भारत मुझे आईएसआई एजेंट करार दे देता और मेरी संस्था को बंद कर देता।”

जाकिर की अगले महीने होने वाली यात्रा एक बार फिर नई दिल्ली इन दावों को मजबूती देती है कि पाकिस्तान भारत में वांछित व्यक्तियों का स्वागत करता है और उन्हें सुविधाएं प्रदान करता है।

राजनीतिक विश्लेषक कामरान यूसुफ ने कहते हैं, “डॉ. नाइक की यात्रा पाकिस्तान में एक बड़ी घटना होगी, लेकिन इससे भारत के साथ संबंधों में और खिंचाव आएगा। भारत पहले से ही दावा करता रहा है कि पाकिस्तान ओसामा बिन लादेन, हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम और भारत विरोधी एजेंडे वाले अन्य लोगों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह है। अब जब नाइक का देश में स्वागत होगा, तो इससे पाकिस्तान के खिलाफ भारत के आरोपों को बल मिलेगा।”

–आईएएनएस

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इस्लामाबाद, 22 सितंबर (आईएएनएस)। विवादास्पद इस्लामी उपदेशक और भारत का वांछित भगोड़ा जाकिर नाइक शहबाज शरीफ सरकार के निमंत्रण पर पाकिस्तान का दौरा करने वाला है। अगले महीने वह कई पाकिस्तानी शहरों में पब्लिक लेक्चर देगा।

नाइक ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर इस बारे में जानकारी दी है। वह अपने बेटे फारिक नाइक के साथ इस्लामाबाद, लाहौर और कराची में जनसभाएं करेगा।

नाइक के पाकिस्तान दौरे की शुरुआत 5 अक्टूबर को कराची से होगी और 20 अक्टूबर को इस्लामाबाद में यह खत्म होगा।

नाइक का कराची में कार्यक्रम बाग-ए-कायद में होगा। यह जगह पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की मजार के सामने स्थित है।

नाइक को पाकिस्तानी सरकार का निमंत्रण मिलने के बाद ऐसी संभावना है कि कराची और लाहौर में संबंधित मुख्यमंत्री उसका स्वागत करेंगे। उसकी इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी मुलाकात हो सकती है।

नाइक भारत में एक वांछित भगोड़ा है जो कई वर्षों से मलेशिया में रह रहा है। 2017 में, बांग्लादेश के अधिकारियों ने दावा किया था कि ढाका के एक कैफे पर हमला करने वालों में से एक, जाकिर नाइक से प्रेरित था। इस घटना में 22 लोग मारे गए थे।

बाद में उसी वर्ष, भारत की एनआईए ने भी नाइक पर गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने और धार्मिक घृणा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

इसके बाद से नाइक मलेशिया में रह रहा है क्योंकि यहां की सरकार ने उसे संरक्षण दिया है।

हालांकि जाकिर को पाकिस्तान में व्यापक समर्थन प्राप्त है, लेकिन विभिन्न संप्रदायों से कई धार्मिक आवाजें ऐसी भी हैं, जो उससे सहमत नहीं हैं और एक धार्मिक उपदेशक के रूप में उसका विरोध करती हैं।

भारत छोड़ने के बाद नाइक का पसंदीदा ठिकाना पाकिस्तान था। हालांकि, उसने मलेशिया जाने का फैसला किया और तर्क दिया कि अगर वह पाकिस्तान चला जाता, तो उसे आईएसआई एजेंट करार दे दिया जाता।

नाइक ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा, “शरिया हमें बड़े नुकसान से बचने के लिए कम नुकसान को स्वीकार करना सिखाता है। अगर मैं पाकिस्तान चला जाता तो भारत मुझे आईएसआई एजेंट करार दे देता और मेरी संस्था को बंद कर देता।”

जाकिर की अगले महीने होने वाली यात्रा एक बार फिर नई दिल्ली इन दावों को मजबूती देती है कि पाकिस्तान भारत में वांछित व्यक्तियों का स्वागत करता है और उन्हें सुविधाएं प्रदान करता है।

राजनीतिक विश्लेषक कामरान यूसुफ ने कहते हैं, “डॉ. नाइक की यात्रा पाकिस्तान में एक बड़ी घटना होगी, लेकिन इससे भारत के साथ संबंधों में और खिंचाव आएगा। भारत पहले से ही दावा करता रहा है कि पाकिस्तान ओसामा बिन लादेन, हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम और भारत विरोधी एजेंडे वाले अन्य लोगों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह है। अब जब नाइक का देश में स्वागत होगा, तो इससे पाकिस्तान के खिलाफ भारत के आरोपों को बल मिलेगा।”

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नाइक ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर इस बारे में जानकारी दी है। वह अपने बेटे फारिक नाइक के साथ इस्लामाबाद, लाहौर और कराची में जनसभाएं करेगा।

नाइक के पाकिस्तान दौरे की शुरुआत 5 अक्टूबर को कराची से होगी और 20 अक्टूबर को इस्लामाबाद में यह खत्म होगा।

नाइक का कराची में कार्यक्रम बाग-ए-कायद में होगा। यह जगह पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की मजार के सामने स्थित है।

नाइक को पाकिस्तानी सरकार का निमंत्रण मिलने के बाद ऐसी संभावना है कि कराची और लाहौर में संबंधित मुख्यमंत्री उसका स्वागत करेंगे। उसकी इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी मुलाकात हो सकती है।

नाइक भारत में एक वांछित भगोड़ा है जो कई वर्षों से मलेशिया में रह रहा है। 2017 में, बांग्लादेश के अधिकारियों ने दावा किया था कि ढाका के एक कैफे पर हमला करने वालों में से एक, जाकिर नाइक से प्रेरित था। इस घटना में 22 लोग मारे गए थे।

बाद में उसी वर्ष, भारत की एनआईए ने भी नाइक पर गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने और धार्मिक घृणा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

इसके बाद से नाइक मलेशिया में रह रहा है क्योंकि यहां की सरकार ने उसे संरक्षण दिया है।

हालांकि जाकिर को पाकिस्तान में व्यापक समर्थन प्राप्त है, लेकिन विभिन्न संप्रदायों से कई धार्मिक आवाजें ऐसी भी हैं, जो उससे सहमत नहीं हैं और एक धार्मिक उपदेशक के रूप में उसका विरोध करती हैं।

भारत छोड़ने के बाद नाइक का पसंदीदा ठिकाना पाकिस्तान था। हालांकि, उसने मलेशिया जाने का फैसला किया और तर्क दिया कि अगर वह पाकिस्तान चला जाता, तो उसे आईएसआई एजेंट करार दे दिया जाता।

नाइक ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा, “शरिया हमें बड़े नुकसान से बचने के लिए कम नुकसान को स्वीकार करना सिखाता है। अगर मैं पाकिस्तान चला जाता तो भारत मुझे आईएसआई एजेंट करार दे देता और मेरी संस्था को बंद कर देता।”

जाकिर की अगले महीने होने वाली यात्रा एक बार फिर नई दिल्ली इन दावों को मजबूती देती है कि पाकिस्तान भारत में वांछित व्यक्तियों का स्वागत करता है और उन्हें सुविधाएं प्रदान करता है।

राजनीतिक विश्लेषक कामरान यूसुफ ने कहते हैं, “डॉ. नाइक की यात्रा पाकिस्तान में एक बड़ी घटना होगी, लेकिन इससे भारत के साथ संबंधों में और खिंचाव आएगा। भारत पहले से ही दावा करता रहा है कि पाकिस्तान ओसामा बिन लादेन, हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम और भारत विरोधी एजेंडे वाले अन्य लोगों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह है। अब जब नाइक का देश में स्वागत होगा, तो इससे पाकिस्तान के खिलाफ भारत के आरोपों को बल मिलेगा।”

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नाइक ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर इस बारे में जानकारी दी है। वह अपने बेटे फारिक नाइक के साथ इस्लामाबाद, लाहौर और कराची में जनसभाएं करेगा।

नाइक के पाकिस्तान दौरे की शुरुआत 5 अक्टूबर को कराची से होगी और 20 अक्टूबर को इस्लामाबाद में यह खत्म होगा।

नाइक का कराची में कार्यक्रम बाग-ए-कायद में होगा। यह जगह पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की मजार के सामने स्थित है।

नाइक को पाकिस्तानी सरकार का निमंत्रण मिलने के बाद ऐसी संभावना है कि कराची और लाहौर में संबंधित मुख्यमंत्री उसका स्वागत करेंगे। उसकी इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी मुलाकात हो सकती है।

नाइक भारत में एक वांछित भगोड़ा है जो कई वर्षों से मलेशिया में रह रहा है। 2017 में, बांग्लादेश के अधिकारियों ने दावा किया था कि ढाका के एक कैफे पर हमला करने वालों में से एक, जाकिर नाइक से प्रेरित था। इस घटना में 22 लोग मारे गए थे।

बाद में उसी वर्ष, भारत की एनआईए ने भी नाइक पर गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने और धार्मिक घृणा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

इसके बाद से नाइक मलेशिया में रह रहा है क्योंकि यहां की सरकार ने उसे संरक्षण दिया है।

हालांकि जाकिर को पाकिस्तान में व्यापक समर्थन प्राप्त है, लेकिन विभिन्न संप्रदायों से कई धार्मिक आवाजें ऐसी भी हैं, जो उससे सहमत नहीं हैं और एक धार्मिक उपदेशक के रूप में उसका विरोध करती हैं।

भारत छोड़ने के बाद नाइक का पसंदीदा ठिकाना पाकिस्तान था। हालांकि, उसने मलेशिया जाने का फैसला किया और तर्क दिया कि अगर वह पाकिस्तान चला जाता, तो उसे आईएसआई एजेंट करार दे दिया जाता।

नाइक ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा, “शरिया हमें बड़े नुकसान से बचने के लिए कम नुकसान को स्वीकार करना सिखाता है। अगर मैं पाकिस्तान चला जाता तो भारत मुझे आईएसआई एजेंट करार दे देता और मेरी संस्था को बंद कर देता।”

जाकिर की अगले महीने होने वाली यात्रा एक बार फिर नई दिल्ली इन दावों को मजबूती देती है कि पाकिस्तान भारत में वांछित व्यक्तियों का स्वागत करता है और उन्हें सुविधाएं प्रदान करता है।

राजनीतिक विश्लेषक कामरान यूसुफ ने कहते हैं, “डॉ. नाइक की यात्रा पाकिस्तान में एक बड़ी घटना होगी, लेकिन इससे भारत के साथ संबंधों में और खिंचाव आएगा। भारत पहले से ही दावा करता रहा है कि पाकिस्तान ओसामा बिन लादेन, हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम और भारत विरोधी एजेंडे वाले अन्य लोगों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह है। अब जब नाइक का देश में स्वागत होगा, तो इससे पाकिस्तान के खिलाफ भारत के आरोपों को बल मिलेगा।”

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नाइक ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर इस बारे में जानकारी दी है। वह अपने बेटे फारिक नाइक के साथ इस्लामाबाद, लाहौर और कराची में जनसभाएं करेगा।

नाइक के पाकिस्तान दौरे की शुरुआत 5 अक्टूबर को कराची से होगी और 20 अक्टूबर को इस्लामाबाद में यह खत्म होगा।

नाइक का कराची में कार्यक्रम बाग-ए-कायद में होगा। यह जगह पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की मजार के सामने स्थित है।

नाइक को पाकिस्तानी सरकार का निमंत्रण मिलने के बाद ऐसी संभावना है कि कराची और लाहौर में संबंधित मुख्यमंत्री उसका स्वागत करेंगे। उसकी इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी मुलाकात हो सकती है।

नाइक भारत में एक वांछित भगोड़ा है जो कई वर्षों से मलेशिया में रह रहा है। 2017 में, बांग्लादेश के अधिकारियों ने दावा किया था कि ढाका के एक कैफे पर हमला करने वालों में से एक, जाकिर नाइक से प्रेरित था। इस घटना में 22 लोग मारे गए थे।

बाद में उसी वर्ष, भारत की एनआईए ने भी नाइक पर गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने और धार्मिक घृणा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

इसके बाद से नाइक मलेशिया में रह रहा है क्योंकि यहां की सरकार ने उसे संरक्षण दिया है।

हालांकि जाकिर को पाकिस्तान में व्यापक समर्थन प्राप्त है, लेकिन विभिन्न संप्रदायों से कई धार्मिक आवाजें ऐसी भी हैं, जो उससे सहमत नहीं हैं और एक धार्मिक उपदेशक के रूप में उसका विरोध करती हैं।

भारत छोड़ने के बाद नाइक का पसंदीदा ठिकाना पाकिस्तान था। हालांकि, उसने मलेशिया जाने का फैसला किया और तर्क दिया कि अगर वह पाकिस्तान चला जाता, तो उसे आईएसआई एजेंट करार दे दिया जाता।

नाइक ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा, “शरिया हमें बड़े नुकसान से बचने के लिए कम नुकसान को स्वीकार करना सिखाता है। अगर मैं पाकिस्तान चला जाता तो भारत मुझे आईएसआई एजेंट करार दे देता और मेरी संस्था को बंद कर देता।”

जाकिर की अगले महीने होने वाली यात्रा एक बार फिर नई दिल्ली इन दावों को मजबूती देती है कि पाकिस्तान भारत में वांछित व्यक्तियों का स्वागत करता है और उन्हें सुविधाएं प्रदान करता है।

राजनीतिक विश्लेषक कामरान यूसुफ ने कहते हैं, “डॉ. नाइक की यात्रा पाकिस्तान में एक बड़ी घटना होगी, लेकिन इससे भारत के साथ संबंधों में और खिंचाव आएगा। भारत पहले से ही दावा करता रहा है कि पाकिस्तान ओसामा बिन लादेन, हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम और भारत विरोधी एजेंडे वाले अन्य लोगों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह है। अब जब नाइक का देश में स्वागत होगा, तो इससे पाकिस्तान के खिलाफ भारत के आरोपों को बल मिलेगा।”

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नाइक ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर इस बारे में जानकारी दी है। वह अपने बेटे फारिक नाइक के साथ इस्लामाबाद, लाहौर और कराची में जनसभाएं करेगा।

नाइक के पाकिस्तान दौरे की शुरुआत 5 अक्टूबर को कराची से होगी और 20 अक्टूबर को इस्लामाबाद में यह खत्म होगा।

नाइक का कराची में कार्यक्रम बाग-ए-कायद में होगा। यह जगह पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की मजार के सामने स्थित है।

नाइक को पाकिस्तानी सरकार का निमंत्रण मिलने के बाद ऐसी संभावना है कि कराची और लाहौर में संबंधित मुख्यमंत्री उसका स्वागत करेंगे। उसकी इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी मुलाकात हो सकती है।

नाइक भारत में एक वांछित भगोड़ा है जो कई वर्षों से मलेशिया में रह रहा है। 2017 में, बांग्लादेश के अधिकारियों ने दावा किया था कि ढाका के एक कैफे पर हमला करने वालों में से एक, जाकिर नाइक से प्रेरित था। इस घटना में 22 लोग मारे गए थे।

बाद में उसी वर्ष, भारत की एनआईए ने भी नाइक पर गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने और धार्मिक घृणा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

इसके बाद से नाइक मलेशिया में रह रहा है क्योंकि यहां की सरकार ने उसे संरक्षण दिया है।

हालांकि जाकिर को पाकिस्तान में व्यापक समर्थन प्राप्त है, लेकिन विभिन्न संप्रदायों से कई धार्मिक आवाजें ऐसी भी हैं, जो उससे सहमत नहीं हैं और एक धार्मिक उपदेशक के रूप में उसका विरोध करती हैं।

भारत छोड़ने के बाद नाइक का पसंदीदा ठिकाना पाकिस्तान था। हालांकि, उसने मलेशिया जाने का फैसला किया और तर्क दिया कि अगर वह पाकिस्तान चला जाता, तो उसे आईएसआई एजेंट करार दे दिया जाता।

नाइक ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा, “शरिया हमें बड़े नुकसान से बचने के लिए कम नुकसान को स्वीकार करना सिखाता है। अगर मैं पाकिस्तान चला जाता तो भारत मुझे आईएसआई एजेंट करार दे देता और मेरी संस्था को बंद कर देता।”

जाकिर की अगले महीने होने वाली यात्रा एक बार फिर नई दिल्ली इन दावों को मजबूती देती है कि पाकिस्तान भारत में वांछित व्यक्तियों का स्वागत करता है और उन्हें सुविधाएं प्रदान करता है।

राजनीतिक विश्लेषक कामरान यूसुफ ने कहते हैं, “डॉ. नाइक की यात्रा पाकिस्तान में एक बड़ी घटना होगी, लेकिन इससे भारत के साथ संबंधों में और खिंचाव आएगा। भारत पहले से ही दावा करता रहा है कि पाकिस्तान ओसामा बिन लादेन, हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम और भारत विरोधी एजेंडे वाले अन्य लोगों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह है। अब जब नाइक का देश में स्वागत होगा, तो इससे पाकिस्तान के खिलाफ भारत के आरोपों को बल मिलेगा।”

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नाइक के पाकिस्तान दौरे की शुरुआत 5 अक्टूबर को कराची से होगी और 20 अक्टूबर को इस्लामाबाद में यह खत्म होगा।

नाइक का कराची में कार्यक्रम बाग-ए-कायद में होगा। यह जगह पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की मजार के सामने स्थित है।

नाइक को पाकिस्तानी सरकार का निमंत्रण मिलने के बाद ऐसी संभावना है कि कराची और लाहौर में संबंधित मुख्यमंत्री उसका स्वागत करेंगे। उसकी इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी मुलाकात हो सकती है।

नाइक भारत में एक वांछित भगोड़ा है जो कई वर्षों से मलेशिया में रह रहा है। 2017 में, बांग्लादेश के अधिकारियों ने दावा किया था कि ढाका के एक कैफे पर हमला करने वालों में से एक, जाकिर नाइक से प्रेरित था। इस घटना में 22 लोग मारे गए थे।

बाद में उसी वर्ष, भारत की एनआईए ने भी नाइक पर गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने और धार्मिक घृणा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

इसके बाद से नाइक मलेशिया में रह रहा है क्योंकि यहां की सरकार ने उसे संरक्षण दिया है।

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भारत छोड़ने के बाद नाइक का पसंदीदा ठिकाना पाकिस्तान था। हालांकि, उसने मलेशिया जाने का फैसला किया और तर्क दिया कि अगर वह पाकिस्तान चला जाता, तो उसे आईएसआई एजेंट करार दे दिया जाता।

नाइक ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा, “शरिया हमें बड़े नुकसान से बचने के लिए कम नुकसान को स्वीकार करना सिखाता है। अगर मैं पाकिस्तान चला जाता तो भारत मुझे आईएसआई एजेंट करार दे देता और मेरी संस्था को बंद कर देता।”

जाकिर की अगले महीने होने वाली यात्रा एक बार फिर नई दिल्ली इन दावों को मजबूती देती है कि पाकिस्तान भारत में वांछित व्यक्तियों का स्वागत करता है और उन्हें सुविधाएं प्रदान करता है।

राजनीतिक विश्लेषक कामरान यूसुफ ने कहते हैं, “डॉ. नाइक की यात्रा पाकिस्तान में एक बड़ी घटना होगी, लेकिन इससे भारत के साथ संबंधों में और खिंचाव आएगा। भारत पहले से ही दावा करता रहा है कि पाकिस्तान ओसामा बिन लादेन, हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम और भारत विरोधी एजेंडे वाले अन्य लोगों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह है। अब जब नाइक का देश में स्वागत होगा, तो इससे पाकिस्तान के खिलाफ भारत के आरोपों को बल मिलेगा।”

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