deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home खेल

बर्थडे स्पेशल : ’83’ विश्व कप की जीत का हीरो था भारतीय क्रिकेट का ‘जिम्मी’

by
September 23, 2024
in खेल
0
बर्थडे स्पेशल : ’83’ विश्व कप की जीत का हीरो था भारतीय क्रिकेट का ‘जिम्मी’
0
SHARES
4
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। 24 सितंबर को कई बरसों पहले एक ऐसे खिलाड़ी का जन्म हुआ था, जो भारत के पहले व‍िश्‍व खिताब का हीरो था। नाम है- मोहिंदर अमरनाथ। उन्हें ‘जिम्मी’ के नाम से भी जाना जाता है। अपने समय के तेज गेंदबाजों का सामना करने में ये बल्लेबाज माहिर था।

मोहिंदर अमरनाथ पूर्व भारतीय क्रिकेटर और वर्तमान क्रिकेट विश्लेषक (एनालिस्ट) हैं। उन्होंने ऐतिहासिक विश्व कप 1983 में शानदार प्रदर्शन किया था। सेमीफाइनल और फाइनल मैच में उन्हें मैन ऑफ द मैच’ के खिताब से भी नवाजा गया।

READ ALSO

एडन मार्कराम के शतक, टेंबा बवुमा के अर्धशतक की मदद से टेस्ट चैंपियन बनने के नजदीक साउथ अफ्रीका

सुरुचि ने म्यूनिख में पूरी की गोल्डन हैट्रिक

‘जिमी’ के नाम से मशहूर मोहिंदर के खून में ही क्रिकेट था। उनके पिता लाला अमरनाथ और भाई सुरिंदर अमरनाथ भी क्रिकेटर थे। खास तौर पर लाला अमरनाथ भारतीय क्रिकेट के इतिहास में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं।

वहीं मोहिंदर एक ऐसे अद्भुत और जुझारू खिलाड़ी थे, जिन पर पूरी टीम भरोसा करती थी। 1970 और 1980 के दशक में वो भारतीय बल्लेबाजी लाइन अप की ताकत हुआ करते थे। बल्ले के साथ-साथ वो गेंदबाजी में भी माहिर थे।

मोहिंदर न सिर्फ एक जुझारू क्रिकेटर थे, बल्कि बेखौफ होकर अपनी बात रखने वाले इंसान भी रहे हैं। क्रिकेट की गहरी समझ और बतौर एनालिस्ट वो खिलाड़ियों और टीमों को आइना दिखाने में कभी पीछे नहीं हटे।

मोहिंदर ने 1969 में अपना पहला मैच एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में किया, लेकिन अपने करियर के टॉप पर वे हमेशा एक शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के रूप में पहचाने गए। हालांकि, वे गेंदबाजी में भी कुशल थे और गेंद को बड़े कौशल और नियंत्रण के साथ स्विंग और कट करने का माद्दा रखते थे।

उनके नाम 69 टेस्ट मैच में 4,378 रन, जिसमें 11 शतक और 24 अर्धशतक शामिल हैं। साथ ही उन्होंने 55.68 औसत से 32 विकेट भी लिए हैं। 85 वनडे मैच में उन्होंने 30.53 के औसत से 1924 रन बनाए। उनका सर्वोच्च स्कोर (नाबाद 102 रन) का है। 42.84 रन के औसत से उन्होंने 46 विकेट भी लिए।

–आईएएनएस

एएमजे/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। 24 सितंबर को कई बरसों पहले एक ऐसे खिलाड़ी का जन्म हुआ था, जो भारत के पहले व‍िश्‍व खिताब का हीरो था। नाम है- मोहिंदर अमरनाथ। उन्हें ‘जिम्मी’ के नाम से भी जाना जाता है। अपने समय के तेज गेंदबाजों का सामना करने में ये बल्लेबाज माहिर था।

मोहिंदर अमरनाथ पूर्व भारतीय क्रिकेटर और वर्तमान क्रिकेट विश्लेषक (एनालिस्ट) हैं। उन्होंने ऐतिहासिक विश्व कप 1983 में शानदार प्रदर्शन किया था। सेमीफाइनल और फाइनल मैच में उन्हें मैन ऑफ द मैच’ के खिताब से भी नवाजा गया।

‘जिमी’ के नाम से मशहूर मोहिंदर के खून में ही क्रिकेट था। उनके पिता लाला अमरनाथ और भाई सुरिंदर अमरनाथ भी क्रिकेटर थे। खास तौर पर लाला अमरनाथ भारतीय क्रिकेट के इतिहास में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं।

वहीं मोहिंदर एक ऐसे अद्भुत और जुझारू खिलाड़ी थे, जिन पर पूरी टीम भरोसा करती थी। 1970 और 1980 के दशक में वो भारतीय बल्लेबाजी लाइन अप की ताकत हुआ करते थे। बल्ले के साथ-साथ वो गेंदबाजी में भी माहिर थे।

मोहिंदर न सिर्फ एक जुझारू क्रिकेटर थे, बल्कि बेखौफ होकर अपनी बात रखने वाले इंसान भी रहे हैं। क्रिकेट की गहरी समझ और बतौर एनालिस्ट वो खिलाड़ियों और टीमों को आइना दिखाने में कभी पीछे नहीं हटे।

मोहिंदर ने 1969 में अपना पहला मैच एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में किया, लेकिन अपने करियर के टॉप पर वे हमेशा एक शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के रूप में पहचाने गए। हालांकि, वे गेंदबाजी में भी कुशल थे और गेंद को बड़े कौशल और नियंत्रण के साथ स्विंग और कट करने का माद्दा रखते थे।

उनके नाम 69 टेस्ट मैच में 4,378 रन, जिसमें 11 शतक और 24 अर्धशतक शामिल हैं। साथ ही उन्होंने 55.68 औसत से 32 विकेट भी लिए हैं। 85 वनडे मैच में उन्होंने 30.53 के औसत से 1924 रन बनाए। उनका सर्वोच्च स्कोर (नाबाद 102 रन) का है। 42.84 रन के औसत से उन्होंने 46 विकेट भी लिए।

–आईएएनएस

एएमजे/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। 24 सितंबर को कई बरसों पहले एक ऐसे खिलाड़ी का जन्म हुआ था, जो भारत के पहले व‍िश्‍व खिताब का हीरो था। नाम है- मोहिंदर अमरनाथ। उन्हें ‘जिम्मी’ के नाम से भी जाना जाता है। अपने समय के तेज गेंदबाजों का सामना करने में ये बल्लेबाज माहिर था।

मोहिंदर अमरनाथ पूर्व भारतीय क्रिकेटर और वर्तमान क्रिकेट विश्लेषक (एनालिस्ट) हैं। उन्होंने ऐतिहासिक विश्व कप 1983 में शानदार प्रदर्शन किया था। सेमीफाइनल और फाइनल मैच में उन्हें मैन ऑफ द मैच’ के खिताब से भी नवाजा गया।

‘जिमी’ के नाम से मशहूर मोहिंदर के खून में ही क्रिकेट था। उनके पिता लाला अमरनाथ और भाई सुरिंदर अमरनाथ भी क्रिकेटर थे। खास तौर पर लाला अमरनाथ भारतीय क्रिकेट के इतिहास में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं।

वहीं मोहिंदर एक ऐसे अद्भुत और जुझारू खिलाड़ी थे, जिन पर पूरी टीम भरोसा करती थी। 1970 और 1980 के दशक में वो भारतीय बल्लेबाजी लाइन अप की ताकत हुआ करते थे। बल्ले के साथ-साथ वो गेंदबाजी में भी माहिर थे।

मोहिंदर न सिर्फ एक जुझारू क्रिकेटर थे, बल्कि बेखौफ होकर अपनी बात रखने वाले इंसान भी रहे हैं। क्रिकेट की गहरी समझ और बतौर एनालिस्ट वो खिलाड़ियों और टीमों को आइना दिखाने में कभी पीछे नहीं हटे।

मोहिंदर ने 1969 में अपना पहला मैच एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में किया, लेकिन अपने करियर के टॉप पर वे हमेशा एक शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के रूप में पहचाने गए। हालांकि, वे गेंदबाजी में भी कुशल थे और गेंद को बड़े कौशल और नियंत्रण के साथ स्विंग और कट करने का माद्दा रखते थे।

उनके नाम 69 टेस्ट मैच में 4,378 रन, जिसमें 11 शतक और 24 अर्धशतक शामिल हैं। साथ ही उन्होंने 55.68 औसत से 32 विकेट भी लिए हैं। 85 वनडे मैच में उन्होंने 30.53 के औसत से 1924 रन बनाए। उनका सर्वोच्च स्कोर (नाबाद 102 रन) का है। 42.84 रन के औसत से उन्होंने 46 विकेट भी लिए।

–आईएएनएस

एएमजे/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। 24 सितंबर को कई बरसों पहले एक ऐसे खिलाड़ी का जन्म हुआ था, जो भारत के पहले व‍िश्‍व खिताब का हीरो था। नाम है- मोहिंदर अमरनाथ। उन्हें ‘जिम्मी’ के नाम से भी जाना जाता है। अपने समय के तेज गेंदबाजों का सामना करने में ये बल्लेबाज माहिर था।

मोहिंदर अमरनाथ पूर्व भारतीय क्रिकेटर और वर्तमान क्रिकेट विश्लेषक (एनालिस्ट) हैं। उन्होंने ऐतिहासिक विश्व कप 1983 में शानदार प्रदर्शन किया था। सेमीफाइनल और फाइनल मैच में उन्हें मैन ऑफ द मैच’ के खिताब से भी नवाजा गया।

‘जिमी’ के नाम से मशहूर मोहिंदर के खून में ही क्रिकेट था। उनके पिता लाला अमरनाथ और भाई सुरिंदर अमरनाथ भी क्रिकेटर थे। खास तौर पर लाला अमरनाथ भारतीय क्रिकेट के इतिहास में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं।

वहीं मोहिंदर एक ऐसे अद्भुत और जुझारू खिलाड़ी थे, जिन पर पूरी टीम भरोसा करती थी। 1970 और 1980 के दशक में वो भारतीय बल्लेबाजी लाइन अप की ताकत हुआ करते थे। बल्ले के साथ-साथ वो गेंदबाजी में भी माहिर थे।

मोहिंदर न सिर्फ एक जुझारू क्रिकेटर थे, बल्कि बेखौफ होकर अपनी बात रखने वाले इंसान भी रहे हैं। क्रिकेट की गहरी समझ और बतौर एनालिस्ट वो खिलाड़ियों और टीमों को आइना दिखाने में कभी पीछे नहीं हटे।

मोहिंदर ने 1969 में अपना पहला मैच एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में किया, लेकिन अपने करियर के टॉप पर वे हमेशा एक शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के रूप में पहचाने गए। हालांकि, वे गेंदबाजी में भी कुशल थे और गेंद को बड़े कौशल और नियंत्रण के साथ स्विंग और कट करने का माद्दा रखते थे।

उनके नाम 69 टेस्ट मैच में 4,378 रन, जिसमें 11 शतक और 24 अर्धशतक शामिल हैं। साथ ही उन्होंने 55.68 औसत से 32 विकेट भी लिए हैं। 85 वनडे मैच में उन्होंने 30.53 के औसत से 1924 रन बनाए। उनका सर्वोच्च स्कोर (नाबाद 102 रन) का है। 42.84 रन के औसत से उन्होंने 46 विकेट भी लिए।

–आईएएनएस

एएमजे/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। 24 सितंबर को कई बरसों पहले एक ऐसे खिलाड़ी का जन्म हुआ था, जो भारत के पहले व‍िश्‍व खिताब का हीरो था। नाम है- मोहिंदर अमरनाथ। उन्हें ‘जिम्मी’ के नाम से भी जाना जाता है। अपने समय के तेज गेंदबाजों का सामना करने में ये बल्लेबाज माहिर था।

मोहिंदर अमरनाथ पूर्व भारतीय क्रिकेटर और वर्तमान क्रिकेट विश्लेषक (एनालिस्ट) हैं। उन्होंने ऐतिहासिक विश्व कप 1983 में शानदार प्रदर्शन किया था। सेमीफाइनल और फाइनल मैच में उन्हें मैन ऑफ द मैच’ के खिताब से भी नवाजा गया।

‘जिमी’ के नाम से मशहूर मोहिंदर के खून में ही क्रिकेट था। उनके पिता लाला अमरनाथ और भाई सुरिंदर अमरनाथ भी क्रिकेटर थे। खास तौर पर लाला अमरनाथ भारतीय क्रिकेट के इतिहास में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं।

वहीं मोहिंदर एक ऐसे अद्भुत और जुझारू खिलाड़ी थे, जिन पर पूरी टीम भरोसा करती थी। 1970 और 1980 के दशक में वो भारतीय बल्लेबाजी लाइन अप की ताकत हुआ करते थे। बल्ले के साथ-साथ वो गेंदबाजी में भी माहिर थे।

मोहिंदर न सिर्फ एक जुझारू क्रिकेटर थे, बल्कि बेखौफ होकर अपनी बात रखने वाले इंसान भी रहे हैं। क्रिकेट की गहरी समझ और बतौर एनालिस्ट वो खिलाड़ियों और टीमों को आइना दिखाने में कभी पीछे नहीं हटे।

मोहिंदर ने 1969 में अपना पहला मैच एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में किया, लेकिन अपने करियर के टॉप पर वे हमेशा एक शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के रूप में पहचाने गए। हालांकि, वे गेंदबाजी में भी कुशल थे और गेंद को बड़े कौशल और नियंत्रण के साथ स्विंग और कट करने का माद्दा रखते थे।

उनके नाम 69 टेस्ट मैच में 4,378 रन, जिसमें 11 शतक और 24 अर्धशतक शामिल हैं। साथ ही उन्होंने 55.68 औसत से 32 विकेट भी लिए हैं। 85 वनडे मैच में उन्होंने 30.53 के औसत से 1924 रन बनाए। उनका सर्वोच्च स्कोर (नाबाद 102 रन) का है। 42.84 रन के औसत से उन्होंने 46 विकेट भी लिए।

–आईएएनएस

एएमजे/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। 24 सितंबर को कई बरसों पहले एक ऐसे खिलाड़ी का जन्म हुआ था, जो भारत के पहले व‍िश्‍व खिताब का हीरो था। नाम है- मोहिंदर अमरनाथ। उन्हें ‘जिम्मी’ के नाम से भी जाना जाता है। अपने समय के तेज गेंदबाजों का सामना करने में ये बल्लेबाज माहिर था।

मोहिंदर अमरनाथ पूर्व भारतीय क्रिकेटर और वर्तमान क्रिकेट विश्लेषक (एनालिस्ट) हैं। उन्होंने ऐतिहासिक विश्व कप 1983 में शानदार प्रदर्शन किया था। सेमीफाइनल और फाइनल मैच में उन्हें मैन ऑफ द मैच’ के खिताब से भी नवाजा गया।

‘जिमी’ के नाम से मशहूर मोहिंदर के खून में ही क्रिकेट था। उनके पिता लाला अमरनाथ और भाई सुरिंदर अमरनाथ भी क्रिकेटर थे। खास तौर पर लाला अमरनाथ भारतीय क्रिकेट के इतिहास में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं।

वहीं मोहिंदर एक ऐसे अद्भुत और जुझारू खिलाड़ी थे, जिन पर पूरी टीम भरोसा करती थी। 1970 और 1980 के दशक में वो भारतीय बल्लेबाजी लाइन अप की ताकत हुआ करते थे। बल्ले के साथ-साथ वो गेंदबाजी में भी माहिर थे।

मोहिंदर न सिर्फ एक जुझारू क्रिकेटर थे, बल्कि बेखौफ होकर अपनी बात रखने वाले इंसान भी रहे हैं। क्रिकेट की गहरी समझ और बतौर एनालिस्ट वो खिलाड़ियों और टीमों को आइना दिखाने में कभी पीछे नहीं हटे।

मोहिंदर ने 1969 में अपना पहला मैच एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में किया, लेकिन अपने करियर के टॉप पर वे हमेशा एक शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के रूप में पहचाने गए। हालांकि, वे गेंदबाजी में भी कुशल थे और गेंद को बड़े कौशल और नियंत्रण के साथ स्विंग और कट करने का माद्दा रखते थे।

उनके नाम 69 टेस्ट मैच में 4,378 रन, जिसमें 11 शतक और 24 अर्धशतक शामिल हैं। साथ ही उन्होंने 55.68 औसत से 32 विकेट भी लिए हैं। 85 वनडे मैच में उन्होंने 30.53 के औसत से 1924 रन बनाए। उनका सर्वोच्च स्कोर (नाबाद 102 रन) का है। 42.84 रन के औसत से उन्होंने 46 विकेट भी लिए।

–आईएएनएस

एएमजे/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। 24 सितंबर को कई बरसों पहले एक ऐसे खिलाड़ी का जन्म हुआ था, जो भारत के पहले व‍िश्‍व खिताब का हीरो था। नाम है- मोहिंदर अमरनाथ। उन्हें ‘जिम्मी’ के नाम से भी जाना जाता है। अपने समय के तेज गेंदबाजों का सामना करने में ये बल्लेबाज माहिर था।

मोहिंदर अमरनाथ पूर्व भारतीय क्रिकेटर और वर्तमान क्रिकेट विश्लेषक (एनालिस्ट) हैं। उन्होंने ऐतिहासिक विश्व कप 1983 में शानदार प्रदर्शन किया था। सेमीफाइनल और फाइनल मैच में उन्हें मैन ऑफ द मैच’ के खिताब से भी नवाजा गया।

‘जिमी’ के नाम से मशहूर मोहिंदर के खून में ही क्रिकेट था। उनके पिता लाला अमरनाथ और भाई सुरिंदर अमरनाथ भी क्रिकेटर थे। खास तौर पर लाला अमरनाथ भारतीय क्रिकेट के इतिहास में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं।

वहीं मोहिंदर एक ऐसे अद्भुत और जुझारू खिलाड़ी थे, जिन पर पूरी टीम भरोसा करती थी। 1970 और 1980 के दशक में वो भारतीय बल्लेबाजी लाइन अप की ताकत हुआ करते थे। बल्ले के साथ-साथ वो गेंदबाजी में भी माहिर थे।

मोहिंदर न सिर्फ एक जुझारू क्रिकेटर थे, बल्कि बेखौफ होकर अपनी बात रखने वाले इंसान भी रहे हैं। क्रिकेट की गहरी समझ और बतौर एनालिस्ट वो खिलाड़ियों और टीमों को आइना दिखाने में कभी पीछे नहीं हटे।

मोहिंदर ने 1969 में अपना पहला मैच एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में किया, लेकिन अपने करियर के टॉप पर वे हमेशा एक शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के रूप में पहचाने गए। हालांकि, वे गेंदबाजी में भी कुशल थे और गेंद को बड़े कौशल और नियंत्रण के साथ स्विंग और कट करने का माद्दा रखते थे।

उनके नाम 69 टेस्ट मैच में 4,378 रन, जिसमें 11 शतक और 24 अर्धशतक शामिल हैं। साथ ही उन्होंने 55.68 औसत से 32 विकेट भी लिए हैं। 85 वनडे मैच में उन्होंने 30.53 के औसत से 1924 रन बनाए। उनका सर्वोच्च स्कोर (नाबाद 102 रन) का है। 42.84 रन के औसत से उन्होंने 46 विकेट भी लिए।

–आईएएनएस

एएमजे/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। 24 सितंबर को कई बरसों पहले एक ऐसे खिलाड़ी का जन्म हुआ था, जो भारत के पहले व‍िश्‍व खिताब का हीरो था। नाम है- मोहिंदर अमरनाथ। उन्हें ‘जिम्मी’ के नाम से भी जाना जाता है। अपने समय के तेज गेंदबाजों का सामना करने में ये बल्लेबाज माहिर था।

मोहिंदर अमरनाथ पूर्व भारतीय क्रिकेटर और वर्तमान क्रिकेट विश्लेषक (एनालिस्ट) हैं। उन्होंने ऐतिहासिक विश्व कप 1983 में शानदार प्रदर्शन किया था। सेमीफाइनल और फाइनल मैच में उन्हें मैन ऑफ द मैच’ के खिताब से भी नवाजा गया।

‘जिमी’ के नाम से मशहूर मोहिंदर के खून में ही क्रिकेट था। उनके पिता लाला अमरनाथ और भाई सुरिंदर अमरनाथ भी क्रिकेटर थे। खास तौर पर लाला अमरनाथ भारतीय क्रिकेट के इतिहास में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं।

वहीं मोहिंदर एक ऐसे अद्भुत और जुझारू खिलाड़ी थे, जिन पर पूरी टीम भरोसा करती थी। 1970 और 1980 के दशक में वो भारतीय बल्लेबाजी लाइन अप की ताकत हुआ करते थे। बल्ले के साथ-साथ वो गेंदबाजी में भी माहिर थे।

मोहिंदर न सिर्फ एक जुझारू क्रिकेटर थे, बल्कि बेखौफ होकर अपनी बात रखने वाले इंसान भी रहे हैं। क्रिकेट की गहरी समझ और बतौर एनालिस्ट वो खिलाड़ियों और टीमों को आइना दिखाने में कभी पीछे नहीं हटे।

मोहिंदर ने 1969 में अपना पहला मैच एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में किया, लेकिन अपने करियर के टॉप पर वे हमेशा एक शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के रूप में पहचाने गए। हालांकि, वे गेंदबाजी में भी कुशल थे और गेंद को बड़े कौशल और नियंत्रण के साथ स्विंग और कट करने का माद्दा रखते थे।

उनके नाम 69 टेस्ट मैच में 4,378 रन, जिसमें 11 शतक और 24 अर्धशतक शामिल हैं। साथ ही उन्होंने 55.68 औसत से 32 विकेट भी लिए हैं। 85 वनडे मैच में उन्होंने 30.53 के औसत से 1924 रन बनाए। उनका सर्वोच्च स्कोर (नाबाद 102 रन) का है। 42.84 रन के औसत से उन्होंने 46 विकेट भी लिए।

–आईएएनएस

एएमजे/सीबीटी

नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। 24 सितंबर को कई बरसों पहले एक ऐसे खिलाड़ी का जन्म हुआ था, जो भारत के पहले व‍िश्‍व खिताब का हीरो था। नाम है- मोहिंदर अमरनाथ। उन्हें ‘जिम्मी’ के नाम से भी जाना जाता है। अपने समय के तेज गेंदबाजों का सामना करने में ये बल्लेबाज माहिर था।

मोहिंदर अमरनाथ पूर्व भारतीय क्रिकेटर और वर्तमान क्रिकेट विश्लेषक (एनालिस्ट) हैं। उन्होंने ऐतिहासिक विश्व कप 1983 में शानदार प्रदर्शन किया था। सेमीफाइनल और फाइनल मैच में उन्हें मैन ऑफ द मैच’ के खिताब से भी नवाजा गया।

‘जिमी’ के नाम से मशहूर मोहिंदर के खून में ही क्रिकेट था। उनके पिता लाला अमरनाथ और भाई सुरिंदर अमरनाथ भी क्रिकेटर थे। खास तौर पर लाला अमरनाथ भारतीय क्रिकेट के इतिहास में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं।

वहीं मोहिंदर एक ऐसे अद्भुत और जुझारू खिलाड़ी थे, जिन पर पूरी टीम भरोसा करती थी। 1970 और 1980 के दशक में वो भारतीय बल्लेबाजी लाइन अप की ताकत हुआ करते थे। बल्ले के साथ-साथ वो गेंदबाजी में भी माहिर थे।

मोहिंदर न सिर्फ एक जुझारू क्रिकेटर थे, बल्कि बेखौफ होकर अपनी बात रखने वाले इंसान भी रहे हैं। क्रिकेट की गहरी समझ और बतौर एनालिस्ट वो खिलाड़ियों और टीमों को आइना दिखाने में कभी पीछे नहीं हटे।

मोहिंदर ने 1969 में अपना पहला मैच एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में किया, लेकिन अपने करियर के टॉप पर वे हमेशा एक शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के रूप में पहचाने गए। हालांकि, वे गेंदबाजी में भी कुशल थे और गेंद को बड़े कौशल और नियंत्रण के साथ स्विंग और कट करने का माद्दा रखते थे।

उनके नाम 69 टेस्ट मैच में 4,378 रन, जिसमें 11 शतक और 24 अर्धशतक शामिल हैं। साथ ही उन्होंने 55.68 औसत से 32 विकेट भी लिए हैं। 85 वनडे मैच में उन्होंने 30.53 के औसत से 1924 रन बनाए। उनका सर्वोच्च स्कोर (नाबाद 102 रन) का है। 42.84 रन के औसत से उन्होंने 46 विकेट भी लिए।

–आईएएनएस

एएमजे/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। 24 सितंबर को कई बरसों पहले एक ऐसे खिलाड़ी का जन्म हुआ था, जो भारत के पहले व‍िश्‍व खिताब का हीरो था। नाम है- मोहिंदर अमरनाथ। उन्हें ‘जिम्मी’ के नाम से भी जाना जाता है। अपने समय के तेज गेंदबाजों का सामना करने में ये बल्लेबाज माहिर था।

मोहिंदर अमरनाथ पूर्व भारतीय क्रिकेटर और वर्तमान क्रिकेट विश्लेषक (एनालिस्ट) हैं। उन्होंने ऐतिहासिक विश्व कप 1983 में शानदार प्रदर्शन किया था। सेमीफाइनल और फाइनल मैच में उन्हें मैन ऑफ द मैच’ के खिताब से भी नवाजा गया।

‘जिमी’ के नाम से मशहूर मोहिंदर के खून में ही क्रिकेट था। उनके पिता लाला अमरनाथ और भाई सुरिंदर अमरनाथ भी क्रिकेटर थे। खास तौर पर लाला अमरनाथ भारतीय क्रिकेट के इतिहास में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं।

वहीं मोहिंदर एक ऐसे अद्भुत और जुझारू खिलाड़ी थे, जिन पर पूरी टीम भरोसा करती थी। 1970 और 1980 के दशक में वो भारतीय बल्लेबाजी लाइन अप की ताकत हुआ करते थे। बल्ले के साथ-साथ वो गेंदबाजी में भी माहिर थे।

मोहिंदर न सिर्फ एक जुझारू क्रिकेटर थे, बल्कि बेखौफ होकर अपनी बात रखने वाले इंसान भी रहे हैं। क्रिकेट की गहरी समझ और बतौर एनालिस्ट वो खिलाड़ियों और टीमों को आइना दिखाने में कभी पीछे नहीं हटे।

मोहिंदर ने 1969 में अपना पहला मैच एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में किया, लेकिन अपने करियर के टॉप पर वे हमेशा एक शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के रूप में पहचाने गए। हालांकि, वे गेंदबाजी में भी कुशल थे और गेंद को बड़े कौशल और नियंत्रण के साथ स्विंग और कट करने का माद्दा रखते थे।

उनके नाम 69 टेस्ट मैच में 4,378 रन, जिसमें 11 शतक और 24 अर्धशतक शामिल हैं। साथ ही उन्होंने 55.68 औसत से 32 विकेट भी लिए हैं। 85 वनडे मैच में उन्होंने 30.53 के औसत से 1924 रन बनाए। उनका सर्वोच्च स्कोर (नाबाद 102 रन) का है। 42.84 रन के औसत से उन्होंने 46 विकेट भी लिए।

–आईएएनएस

एएमजे/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। 24 सितंबर को कई बरसों पहले एक ऐसे खिलाड़ी का जन्म हुआ था, जो भारत के पहले व‍िश्‍व खिताब का हीरो था। नाम है- मोहिंदर अमरनाथ। उन्हें ‘जिम्मी’ के नाम से भी जाना जाता है। अपने समय के तेज गेंदबाजों का सामना करने में ये बल्लेबाज माहिर था।

मोहिंदर अमरनाथ पूर्व भारतीय क्रिकेटर और वर्तमान क्रिकेट विश्लेषक (एनालिस्ट) हैं। उन्होंने ऐतिहासिक विश्व कप 1983 में शानदार प्रदर्शन किया था। सेमीफाइनल और फाइनल मैच में उन्हें मैन ऑफ द मैच’ के खिताब से भी नवाजा गया।

‘जिमी’ के नाम से मशहूर मोहिंदर के खून में ही क्रिकेट था। उनके पिता लाला अमरनाथ और भाई सुरिंदर अमरनाथ भी क्रिकेटर थे। खास तौर पर लाला अमरनाथ भारतीय क्रिकेट के इतिहास में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं।

वहीं मोहिंदर एक ऐसे अद्भुत और जुझारू खिलाड़ी थे, जिन पर पूरी टीम भरोसा करती थी। 1970 और 1980 के दशक में वो भारतीय बल्लेबाजी लाइन अप की ताकत हुआ करते थे। बल्ले के साथ-साथ वो गेंदबाजी में भी माहिर थे।

मोहिंदर न सिर्फ एक जुझारू क्रिकेटर थे, बल्कि बेखौफ होकर अपनी बात रखने वाले इंसान भी रहे हैं। क्रिकेट की गहरी समझ और बतौर एनालिस्ट वो खिलाड़ियों और टीमों को आइना दिखाने में कभी पीछे नहीं हटे।

मोहिंदर ने 1969 में अपना पहला मैच एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में किया, लेकिन अपने करियर के टॉप पर वे हमेशा एक शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के रूप में पहचाने गए। हालांकि, वे गेंदबाजी में भी कुशल थे और गेंद को बड़े कौशल और नियंत्रण के साथ स्विंग और कट करने का माद्दा रखते थे।

उनके नाम 69 टेस्ट मैच में 4,378 रन, जिसमें 11 शतक और 24 अर्धशतक शामिल हैं। साथ ही उन्होंने 55.68 औसत से 32 विकेट भी लिए हैं। 85 वनडे मैच में उन्होंने 30.53 के औसत से 1924 रन बनाए। उनका सर्वोच्च स्कोर (नाबाद 102 रन) का है। 42.84 रन के औसत से उन्होंने 46 विकेट भी लिए।

–आईएएनएस

एएमजे/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। 24 सितंबर को कई बरसों पहले एक ऐसे खिलाड़ी का जन्म हुआ था, जो भारत के पहले व‍िश्‍व खिताब का हीरो था। नाम है- मोहिंदर अमरनाथ। उन्हें ‘जिम्मी’ के नाम से भी जाना जाता है। अपने समय के तेज गेंदबाजों का सामना करने में ये बल्लेबाज माहिर था।

मोहिंदर अमरनाथ पूर्व भारतीय क्रिकेटर और वर्तमान क्रिकेट विश्लेषक (एनालिस्ट) हैं। उन्होंने ऐतिहासिक विश्व कप 1983 में शानदार प्रदर्शन किया था। सेमीफाइनल और फाइनल मैच में उन्हें मैन ऑफ द मैच’ के खिताब से भी नवाजा गया।

‘जिमी’ के नाम से मशहूर मोहिंदर के खून में ही क्रिकेट था। उनके पिता लाला अमरनाथ और भाई सुरिंदर अमरनाथ भी क्रिकेटर थे। खास तौर पर लाला अमरनाथ भारतीय क्रिकेट के इतिहास में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं।

वहीं मोहिंदर एक ऐसे अद्भुत और जुझारू खिलाड़ी थे, जिन पर पूरी टीम भरोसा करती थी। 1970 और 1980 के दशक में वो भारतीय बल्लेबाजी लाइन अप की ताकत हुआ करते थे। बल्ले के साथ-साथ वो गेंदबाजी में भी माहिर थे।

मोहिंदर न सिर्फ एक जुझारू क्रिकेटर थे, बल्कि बेखौफ होकर अपनी बात रखने वाले इंसान भी रहे हैं। क्रिकेट की गहरी समझ और बतौर एनालिस्ट वो खिलाड़ियों और टीमों को आइना दिखाने में कभी पीछे नहीं हटे।

मोहिंदर ने 1969 में अपना पहला मैच एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में किया, लेकिन अपने करियर के टॉप पर वे हमेशा एक शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के रूप में पहचाने गए। हालांकि, वे गेंदबाजी में भी कुशल थे और गेंद को बड़े कौशल और नियंत्रण के साथ स्विंग और कट करने का माद्दा रखते थे।

उनके नाम 69 टेस्ट मैच में 4,378 रन, जिसमें 11 शतक और 24 अर्धशतक शामिल हैं। साथ ही उन्होंने 55.68 औसत से 32 विकेट भी लिए हैं। 85 वनडे मैच में उन्होंने 30.53 के औसत से 1924 रन बनाए। उनका सर्वोच्च स्कोर (नाबाद 102 रन) का है। 42.84 रन के औसत से उन्होंने 46 विकेट भी लिए।

–आईएएनएस

एएमजे/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। 24 सितंबर को कई बरसों पहले एक ऐसे खिलाड़ी का जन्म हुआ था, जो भारत के पहले व‍िश्‍व खिताब का हीरो था। नाम है- मोहिंदर अमरनाथ। उन्हें ‘जिम्मी’ के नाम से भी जाना जाता है। अपने समय के तेज गेंदबाजों का सामना करने में ये बल्लेबाज माहिर था।

मोहिंदर अमरनाथ पूर्व भारतीय क्रिकेटर और वर्तमान क्रिकेट विश्लेषक (एनालिस्ट) हैं। उन्होंने ऐतिहासिक विश्व कप 1983 में शानदार प्रदर्शन किया था। सेमीफाइनल और फाइनल मैच में उन्हें मैन ऑफ द मैच’ के खिताब से भी नवाजा गया।

‘जिमी’ के नाम से मशहूर मोहिंदर के खून में ही क्रिकेट था। उनके पिता लाला अमरनाथ और भाई सुरिंदर अमरनाथ भी क्रिकेटर थे। खास तौर पर लाला अमरनाथ भारतीय क्रिकेट के इतिहास में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं।

वहीं मोहिंदर एक ऐसे अद्भुत और जुझारू खिलाड़ी थे, जिन पर पूरी टीम भरोसा करती थी। 1970 और 1980 के दशक में वो भारतीय बल्लेबाजी लाइन अप की ताकत हुआ करते थे। बल्ले के साथ-साथ वो गेंदबाजी में भी माहिर थे।

मोहिंदर न सिर्फ एक जुझारू क्रिकेटर थे, बल्कि बेखौफ होकर अपनी बात रखने वाले इंसान भी रहे हैं। क्रिकेट की गहरी समझ और बतौर एनालिस्ट वो खिलाड़ियों और टीमों को आइना दिखाने में कभी पीछे नहीं हटे।

मोहिंदर ने 1969 में अपना पहला मैच एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में किया, लेकिन अपने करियर के टॉप पर वे हमेशा एक शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के रूप में पहचाने गए। हालांकि, वे गेंदबाजी में भी कुशल थे और गेंद को बड़े कौशल और नियंत्रण के साथ स्विंग और कट करने का माद्दा रखते थे।

उनके नाम 69 टेस्ट मैच में 4,378 रन, जिसमें 11 शतक और 24 अर्धशतक शामिल हैं। साथ ही उन्होंने 55.68 औसत से 32 विकेट भी लिए हैं। 85 वनडे मैच में उन्होंने 30.53 के औसत से 1924 रन बनाए। उनका सर्वोच्च स्कोर (नाबाद 102 रन) का है। 42.84 रन के औसत से उन्होंने 46 विकेट भी लिए।

–आईएएनएस

एएमजे/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। 24 सितंबर को कई बरसों पहले एक ऐसे खिलाड़ी का जन्म हुआ था, जो भारत के पहले व‍िश्‍व खिताब का हीरो था। नाम है- मोहिंदर अमरनाथ। उन्हें ‘जिम्मी’ के नाम से भी जाना जाता है। अपने समय के तेज गेंदबाजों का सामना करने में ये बल्लेबाज माहिर था।

मोहिंदर अमरनाथ पूर्व भारतीय क्रिकेटर और वर्तमान क्रिकेट विश्लेषक (एनालिस्ट) हैं। उन्होंने ऐतिहासिक विश्व कप 1983 में शानदार प्रदर्शन किया था। सेमीफाइनल और फाइनल मैच में उन्हें मैन ऑफ द मैच’ के खिताब से भी नवाजा गया।

‘जिमी’ के नाम से मशहूर मोहिंदर के खून में ही क्रिकेट था। उनके पिता लाला अमरनाथ और भाई सुरिंदर अमरनाथ भी क्रिकेटर थे। खास तौर पर लाला अमरनाथ भारतीय क्रिकेट के इतिहास में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं।

वहीं मोहिंदर एक ऐसे अद्भुत और जुझारू खिलाड़ी थे, जिन पर पूरी टीम भरोसा करती थी। 1970 और 1980 के दशक में वो भारतीय बल्लेबाजी लाइन अप की ताकत हुआ करते थे। बल्ले के साथ-साथ वो गेंदबाजी में भी माहिर थे।

मोहिंदर न सिर्फ एक जुझारू क्रिकेटर थे, बल्कि बेखौफ होकर अपनी बात रखने वाले इंसान भी रहे हैं। क्रिकेट की गहरी समझ और बतौर एनालिस्ट वो खिलाड़ियों और टीमों को आइना दिखाने में कभी पीछे नहीं हटे।

मोहिंदर ने 1969 में अपना पहला मैच एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में किया, लेकिन अपने करियर के टॉप पर वे हमेशा एक शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के रूप में पहचाने गए। हालांकि, वे गेंदबाजी में भी कुशल थे और गेंद को बड़े कौशल और नियंत्रण के साथ स्विंग और कट करने का माद्दा रखते थे।

उनके नाम 69 टेस्ट मैच में 4,378 रन, जिसमें 11 शतक और 24 अर्धशतक शामिल हैं। साथ ही उन्होंने 55.68 औसत से 32 विकेट भी लिए हैं। 85 वनडे मैच में उन्होंने 30.53 के औसत से 1924 रन बनाए। उनका सर्वोच्च स्कोर (नाबाद 102 रन) का है। 42.84 रन के औसत से उन्होंने 46 विकेट भी लिए।

–आईएएनएस

एएमजे/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। 24 सितंबर को कई बरसों पहले एक ऐसे खिलाड़ी का जन्म हुआ था, जो भारत के पहले व‍िश्‍व खिताब का हीरो था। नाम है- मोहिंदर अमरनाथ। उन्हें ‘जिम्मी’ के नाम से भी जाना जाता है। अपने समय के तेज गेंदबाजों का सामना करने में ये बल्लेबाज माहिर था।

मोहिंदर अमरनाथ पूर्व भारतीय क्रिकेटर और वर्तमान क्रिकेट विश्लेषक (एनालिस्ट) हैं। उन्होंने ऐतिहासिक विश्व कप 1983 में शानदार प्रदर्शन किया था। सेमीफाइनल और फाइनल मैच में उन्हें मैन ऑफ द मैच’ के खिताब से भी नवाजा गया।

‘जिमी’ के नाम से मशहूर मोहिंदर के खून में ही क्रिकेट था। उनके पिता लाला अमरनाथ और भाई सुरिंदर अमरनाथ भी क्रिकेटर थे। खास तौर पर लाला अमरनाथ भारतीय क्रिकेट के इतिहास में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं।

वहीं मोहिंदर एक ऐसे अद्भुत और जुझारू खिलाड़ी थे, जिन पर पूरी टीम भरोसा करती थी। 1970 और 1980 के दशक में वो भारतीय बल्लेबाजी लाइन अप की ताकत हुआ करते थे। बल्ले के साथ-साथ वो गेंदबाजी में भी माहिर थे।

मोहिंदर न सिर्फ एक जुझारू क्रिकेटर थे, बल्कि बेखौफ होकर अपनी बात रखने वाले इंसान भी रहे हैं। क्रिकेट की गहरी समझ और बतौर एनालिस्ट वो खिलाड़ियों और टीमों को आइना दिखाने में कभी पीछे नहीं हटे।

मोहिंदर ने 1969 में अपना पहला मैच एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में किया, लेकिन अपने करियर के टॉप पर वे हमेशा एक शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के रूप में पहचाने गए। हालांकि, वे गेंदबाजी में भी कुशल थे और गेंद को बड़े कौशल और नियंत्रण के साथ स्विंग और कट करने का माद्दा रखते थे।

उनके नाम 69 टेस्ट मैच में 4,378 रन, जिसमें 11 शतक और 24 अर्धशतक शामिल हैं। साथ ही उन्होंने 55.68 औसत से 32 विकेट भी लिए हैं। 85 वनडे मैच में उन्होंने 30.53 के औसत से 1924 रन बनाए। उनका सर्वोच्च स्कोर (नाबाद 102 रन) का है। 42.84 रन के औसत से उन्होंने 46 विकेट भी लिए।

–आईएएनएस

एएमजे/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। 24 सितंबर को कई बरसों पहले एक ऐसे खिलाड़ी का जन्म हुआ था, जो भारत के पहले व‍िश्‍व खिताब का हीरो था। नाम है- मोहिंदर अमरनाथ। उन्हें ‘जिम्मी’ के नाम से भी जाना जाता है। अपने समय के तेज गेंदबाजों का सामना करने में ये बल्लेबाज माहिर था।

मोहिंदर अमरनाथ पूर्व भारतीय क्रिकेटर और वर्तमान क्रिकेट विश्लेषक (एनालिस्ट) हैं। उन्होंने ऐतिहासिक विश्व कप 1983 में शानदार प्रदर्शन किया था। सेमीफाइनल और फाइनल मैच में उन्हें मैन ऑफ द मैच’ के खिताब से भी नवाजा गया।

‘जिमी’ के नाम से मशहूर मोहिंदर के खून में ही क्रिकेट था। उनके पिता लाला अमरनाथ और भाई सुरिंदर अमरनाथ भी क्रिकेटर थे। खास तौर पर लाला अमरनाथ भारतीय क्रिकेट के इतिहास में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं।

वहीं मोहिंदर एक ऐसे अद्भुत और जुझारू खिलाड़ी थे, जिन पर पूरी टीम भरोसा करती थी। 1970 और 1980 के दशक में वो भारतीय बल्लेबाजी लाइन अप की ताकत हुआ करते थे। बल्ले के साथ-साथ वो गेंदबाजी में भी माहिर थे।

मोहिंदर न सिर्फ एक जुझारू क्रिकेटर थे, बल्कि बेखौफ होकर अपनी बात रखने वाले इंसान भी रहे हैं। क्रिकेट की गहरी समझ और बतौर एनालिस्ट वो खिलाड़ियों और टीमों को आइना दिखाने में कभी पीछे नहीं हटे।

मोहिंदर ने 1969 में अपना पहला मैच एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में किया, लेकिन अपने करियर के टॉप पर वे हमेशा एक शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के रूप में पहचाने गए। हालांकि, वे गेंदबाजी में भी कुशल थे और गेंद को बड़े कौशल और नियंत्रण के साथ स्विंग और कट करने का माद्दा रखते थे।

उनके नाम 69 टेस्ट मैच में 4,378 रन, जिसमें 11 शतक और 24 अर्धशतक शामिल हैं। साथ ही उन्होंने 55.68 औसत से 32 विकेट भी लिए हैं। 85 वनडे मैच में उन्होंने 30.53 के औसत से 1924 रन बनाए। उनका सर्वोच्च स्कोर (नाबाद 102 रन) का है। 42.84 रन के औसत से उन्होंने 46 विकेट भी लिए।

–आईएएनएस

एएमजे/सीबीटी

Related Posts

खेल

एडन मार्कराम के शतक, टेंबा बवुमा के अर्धशतक की मदद से टेस्ट चैंपियन बनने के नजदीक साउथ अफ्रीका

June 13, 2025
खेल

सुरुचि ने म्यूनिख में पूरी की गोल्डन हैट्रिक

June 13, 2025
खेल

उंगली में डिस्लोकेशन के बाद स्मिथ को नजदीकी अस्पताल में एक्स-रे के लिए भेजा गया

June 13, 2025
खेल

उंगली में डिस्लोकेशन के बाद स्मिथ को नजदीकी अस्पताल में एक्स-रे के लिए भेजा गया

June 13, 2025
खेल

एआईएफएफ में भ्रष्टाचार का कोई सबूत नहीं : अध्यक्ष कल्याण चौबे

June 13, 2025
खेल

एआईएफएफ में भ्रष्टाचार का कोई सबूत नहीं : अध्यक्ष कल्याण चौबे

June 13, 2025
Next Post

फारूक अब्दुल्ला पाकिस्तान के इशारों पर नाच रहे हैं, जम्मू-कश्मीर के कल्याण की कर रहे अनदेखी: तरुण चुघ

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

[email protected]

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

084310
Total views : 5892184
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In