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Home ताज़ा समाचार

जेवर को मिला बड़ा निवेश, जर्मनी समूह ने रखी फैक्ट्री की नींव

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October 4, 2024
in ताज़ा समाचार
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ग्रेटर नोएडा, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-29 में शुक्रवार को जर्मन समूह की एक बड़ी कंपनी ने अपनी एक फैक्ट्री की नींव रखी। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार के एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य में यह एक मील का पत्थर साबित होगी। इस कंपनी ने जर्मन तकनीक के साथ अपनी पहली विशेष शू फैक्ट्री की नींव रखी है, इसमें कई देशों से लोग जुड़े हुए हैं और 300 करोड़ का निवेश हुआ है।

इस दौरान समूह के सीईओ ने बताया कि यीडा में एक विशाल फुटवियर सहायक उद्योग भी स्थापित किया जाएगा। शुक्रवार को वॉन व्लेक्स जर्मनी समूह ने ग्रेटर नोएडा के जेवर में अपने नए फुटवियर प्लांट के दूसरे चरण की नींव रखी। यह प्लांट 10,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाया जा रहा है, जिसमें 1,30,000 वर्ग फुट का कवर क्षेत्र है। समूह यहां 300 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश कर रहा है।

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इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह और विशिष्ट अतिथि सीईओ यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) और नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड अरुण वीर सिंह की उपस्थिति में नींव रखी गई।

इस समारोह में अमेरिका, जर्मनी, दुबई, अफ्रीका, मलेशिया, श्रीलंका, इंडोनेशिया, चीन और जापान सहित कई देशों से कंपनी के साझेदार शामिल हुए।

वॉन व्लेक्स जर्मनी समूह के भारत के सीईओ आशीष जैन ने बताया कि यह जर्मन तकनीक का उपयोग करके भारत में स्थापित होने वाला अपनी तरह का पहला आधुनिक फुटवियर प्लांट है। यह फैक्ट्री एक ऐसी इकाई होगी, जिसमें अमेरिका, चीन, जापान जैसे कई अन्य देशों की भी सहभागिता होगी। जिसमें 4 मिलियन से अधिक जोड़े का उत्पादन किया जाएगा। जो दुनिया भर के 80 से अधिक देशों में निर्यात किया जाएगा और भारतीय बाजार में भी बेचा जाएगा। यह एक अनोखा सहयोग है, जिसमें जर्मन और भारतीय कंपनी मिलकर जर्मन तकनीक से काम करेंगी। इसमें सभी प्रकार के जूते, जिनमें स्पोर्ट्स शूज भी शामिल हैं, अनोखी पेटेंट तकनीक और पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों का उपयोग करके पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की श्रेणियों में तैयार किए जाएंगे।

आशीष जैन ने यह भी घोषणा की है कि समूह यमुना अथॉरिटी इलाके में ही एक विशाल फुटवियर सहायक उद्योग भी स्थापित करेगा, जिसके तहत आउटसोल, इनसोल, इंटरलाइनिंग्स और अन्य गैर-चमड़ा कच्चे माल का उत्पादन भी किया जाएगा। इससे गुणवत्ता वाले कच्चे माल की उपलब्धता में सुधार होगा, जिससे आयात को कम करके और निर्यात में वृद्धि होगी। इन सभी फैक्ट्रियों के साथ, हम लगभग 10,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार देने की योजना बना रहे हैं। कुल 300 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। यह परियोजना कोविड के बाद चीन से भारत में आई सबसे बड़ी फुटवियर परियोजनाओं में से एक है।

जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि जर्मनी से आई इतनी अत्याधुनिक तकनीकों वाली कंपनियां अपना पूरा आधार चीन से हटाकर जेवर, भारत में स्थानांतरित कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह रोजगार सृजन के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा और स्थानीय लोगों के लिए समृद्धि लाएगा।

यीडा के सीईओ अरुण वीर सिंह ने कहा कि यह देखना अद्भुत है कि नवीकरणीय और अन्य उन्नत कच्चे माल, मधुमेह और आर्थोपेडिक्स पर केंद्रित तकनीकें, जो पहले केवल पश्चिम में उत्पादित होती थीं, अब भारत आ रही हैं और दुनिया भर में निर्यात की जाएंगी। उन्होंने नए युग की तकनीकों के उपयोग के बारे में जोर दिया, जो वॉन वेल्क्स जर्मनी जैसी कंपनियों के साथ भारत के फुटवियर उद्योग में एक बड़ा बदलाव लाएगी।

कासा एवरज जर्मनी के सीईओ, मैनफ्रेड एवरज ने बताया कि वॉन वेल्क्स जर्मनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट 5 ज़ोन तकनीक पर आधारित है, जिसे प्रसिद्ध ऑर्थोपेडिक नैचुरोपैथ डॉ. वाल्टर माउच ने विकसित किया था। यह पैरों, घुटनों और पीठ के अच्छे स्वास्थ्य और 12 से अधिक घंटे खड़े रहने के दौरान आराम को बढ़ावा देती है। कंपनी मधुमेह जूते, आर्थोपेडिक जूते और जर्मन 5 ज़ोन तकनीक का उपयोग करके सभी प्रकार की पैरों की समस्याओं के लिए जूते बनाएगी।

इस कंपनी से जुड़े अन्य अधिकारियों का कहना है कि यमुना अथॉरिटी को इसलिए चुना गया है क्योंकि यह दिल्ली-एनसीआर में औद्योगिक विकास और वृद्धि के अगले चरण के लिए आदर्श स्थान है। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट होने के कारण, एक्सप्रेसवे और सड़क कनेक्टिविटी, व्यापार करने में आसानी और त्वरित अनुमोदन के कारण, यह सही विकल्प था।

कासा एवरज़ जर्मनी और आयाट्रिक समूह इंडिया के सहयोग के तहत वॉन वेल्क्स जर्मनी समूह ने पहले ही भारत में दो निर्माण इकाइयों के साथ कंपनी का उत्पादन शुरू कर दिया है, जिनकी उत्पादन क्षमता 2.5 मिलियन जोड़े से अधिक है और यह शास्त्रीपुरम, आगरा के निर्यात संवर्धन औद्योगिक पार्क में स्थित है। वॉन वेल्क्स जर्मनी के उत्पाद भारत में मेट्रो, मोची, सेंट्रो, रिलायंस सेंट्रो, लुलु और देश भर के अन्य प्रमुख स्टोर्स में उपलब्ध है। यह कंपनी की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन भी उपलब्ध है।

–आईएएनएस

पीकेटी/एबीएम

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ग्रेटर नोएडा, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-29 में शुक्रवार को जर्मन समूह की एक बड़ी कंपनी ने अपनी एक फैक्ट्री की नींव रखी। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार के एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य में यह एक मील का पत्थर साबित होगी। इस कंपनी ने जर्मन तकनीक के साथ अपनी पहली विशेष शू फैक्ट्री की नींव रखी है, इसमें कई देशों से लोग जुड़े हुए हैं और 300 करोड़ का निवेश हुआ है।

इस दौरान समूह के सीईओ ने बताया कि यीडा में एक विशाल फुटवियर सहायक उद्योग भी स्थापित किया जाएगा। शुक्रवार को वॉन व्लेक्स जर्मनी समूह ने ग्रेटर नोएडा के जेवर में अपने नए फुटवियर प्लांट के दूसरे चरण की नींव रखी। यह प्लांट 10,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाया जा रहा है, जिसमें 1,30,000 वर्ग फुट का कवर क्षेत्र है। समूह यहां 300 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश कर रहा है।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह और विशिष्ट अतिथि सीईओ यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) और नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड अरुण वीर सिंह की उपस्थिति में नींव रखी गई।

इस समारोह में अमेरिका, जर्मनी, दुबई, अफ्रीका, मलेशिया, श्रीलंका, इंडोनेशिया, चीन और जापान सहित कई देशों से कंपनी के साझेदार शामिल हुए।

वॉन व्लेक्स जर्मनी समूह के भारत के सीईओ आशीष जैन ने बताया कि यह जर्मन तकनीक का उपयोग करके भारत में स्थापित होने वाला अपनी तरह का पहला आधुनिक फुटवियर प्लांट है। यह फैक्ट्री एक ऐसी इकाई होगी, जिसमें अमेरिका, चीन, जापान जैसे कई अन्य देशों की भी सहभागिता होगी। जिसमें 4 मिलियन से अधिक जोड़े का उत्पादन किया जाएगा। जो दुनिया भर के 80 से अधिक देशों में निर्यात किया जाएगा और भारतीय बाजार में भी बेचा जाएगा। यह एक अनोखा सहयोग है, जिसमें जर्मन और भारतीय कंपनी मिलकर जर्मन तकनीक से काम करेंगी। इसमें सभी प्रकार के जूते, जिनमें स्पोर्ट्स शूज भी शामिल हैं, अनोखी पेटेंट तकनीक और पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों का उपयोग करके पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की श्रेणियों में तैयार किए जाएंगे।

आशीष जैन ने यह भी घोषणा की है कि समूह यमुना अथॉरिटी इलाके में ही एक विशाल फुटवियर सहायक उद्योग भी स्थापित करेगा, जिसके तहत आउटसोल, इनसोल, इंटरलाइनिंग्स और अन्य गैर-चमड़ा कच्चे माल का उत्पादन भी किया जाएगा। इससे गुणवत्ता वाले कच्चे माल की उपलब्धता में सुधार होगा, जिससे आयात को कम करके और निर्यात में वृद्धि होगी। इन सभी फैक्ट्रियों के साथ, हम लगभग 10,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार देने की योजना बना रहे हैं। कुल 300 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। यह परियोजना कोविड के बाद चीन से भारत में आई सबसे बड़ी फुटवियर परियोजनाओं में से एक है।

जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि जर्मनी से आई इतनी अत्याधुनिक तकनीकों वाली कंपनियां अपना पूरा आधार चीन से हटाकर जेवर, भारत में स्थानांतरित कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह रोजगार सृजन के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा और स्थानीय लोगों के लिए समृद्धि लाएगा।

यीडा के सीईओ अरुण वीर सिंह ने कहा कि यह देखना अद्भुत है कि नवीकरणीय और अन्य उन्नत कच्चे माल, मधुमेह और आर्थोपेडिक्स पर केंद्रित तकनीकें, जो पहले केवल पश्चिम में उत्पादित होती थीं, अब भारत आ रही हैं और दुनिया भर में निर्यात की जाएंगी। उन्होंने नए युग की तकनीकों के उपयोग के बारे में जोर दिया, जो वॉन वेल्क्स जर्मनी जैसी कंपनियों के साथ भारत के फुटवियर उद्योग में एक बड़ा बदलाव लाएगी।

कासा एवरज जर्मनी के सीईओ, मैनफ्रेड एवरज ने बताया कि वॉन वेल्क्स जर्मनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट 5 ज़ोन तकनीक पर आधारित है, जिसे प्रसिद्ध ऑर्थोपेडिक नैचुरोपैथ डॉ. वाल्टर माउच ने विकसित किया था। यह पैरों, घुटनों और पीठ के अच्छे स्वास्थ्य और 12 से अधिक घंटे खड़े रहने के दौरान आराम को बढ़ावा देती है। कंपनी मधुमेह जूते, आर्थोपेडिक जूते और जर्मन 5 ज़ोन तकनीक का उपयोग करके सभी प्रकार की पैरों की समस्याओं के लिए जूते बनाएगी।

इस कंपनी से जुड़े अन्य अधिकारियों का कहना है कि यमुना अथॉरिटी को इसलिए चुना गया है क्योंकि यह दिल्ली-एनसीआर में औद्योगिक विकास और वृद्धि के अगले चरण के लिए आदर्श स्थान है। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट होने के कारण, एक्सप्रेसवे और सड़क कनेक्टिविटी, व्यापार करने में आसानी और त्वरित अनुमोदन के कारण, यह सही विकल्प था।

कासा एवरज़ जर्मनी और आयाट्रिक समूह इंडिया के सहयोग के तहत वॉन वेल्क्स जर्मनी समूह ने पहले ही भारत में दो निर्माण इकाइयों के साथ कंपनी का उत्पादन शुरू कर दिया है, जिनकी उत्पादन क्षमता 2.5 मिलियन जोड़े से अधिक है और यह शास्त्रीपुरम, आगरा के निर्यात संवर्धन औद्योगिक पार्क में स्थित है। वॉन वेल्क्स जर्मनी के उत्पाद भारत में मेट्रो, मोची, सेंट्रो, रिलायंस सेंट्रो, लुलु और देश भर के अन्य प्रमुख स्टोर्स में उपलब्ध है। यह कंपनी की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन भी उपलब्ध है।

–आईएएनएस

पीकेटी/एबीएम

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ग्रेटर नोएडा, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-29 में शुक्रवार को जर्मन समूह की एक बड़ी कंपनी ने अपनी एक फैक्ट्री की नींव रखी। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार के एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य में यह एक मील का पत्थर साबित होगी। इस कंपनी ने जर्मन तकनीक के साथ अपनी पहली विशेष शू फैक्ट्री की नींव रखी है, इसमें कई देशों से लोग जुड़े हुए हैं और 300 करोड़ का निवेश हुआ है।

इस दौरान समूह के सीईओ ने बताया कि यीडा में एक विशाल फुटवियर सहायक उद्योग भी स्थापित किया जाएगा। शुक्रवार को वॉन व्लेक्स जर्मनी समूह ने ग्रेटर नोएडा के जेवर में अपने नए फुटवियर प्लांट के दूसरे चरण की नींव रखी। यह प्लांट 10,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाया जा रहा है, जिसमें 1,30,000 वर्ग फुट का कवर क्षेत्र है। समूह यहां 300 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश कर रहा है।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह और विशिष्ट अतिथि सीईओ यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) और नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड अरुण वीर सिंह की उपस्थिति में नींव रखी गई।

इस समारोह में अमेरिका, जर्मनी, दुबई, अफ्रीका, मलेशिया, श्रीलंका, इंडोनेशिया, चीन और जापान सहित कई देशों से कंपनी के साझेदार शामिल हुए।

वॉन व्लेक्स जर्मनी समूह के भारत के सीईओ आशीष जैन ने बताया कि यह जर्मन तकनीक का उपयोग करके भारत में स्थापित होने वाला अपनी तरह का पहला आधुनिक फुटवियर प्लांट है। यह फैक्ट्री एक ऐसी इकाई होगी, जिसमें अमेरिका, चीन, जापान जैसे कई अन्य देशों की भी सहभागिता होगी। जिसमें 4 मिलियन से अधिक जोड़े का उत्पादन किया जाएगा। जो दुनिया भर के 80 से अधिक देशों में निर्यात किया जाएगा और भारतीय बाजार में भी बेचा जाएगा। यह एक अनोखा सहयोग है, जिसमें जर्मन और भारतीय कंपनी मिलकर जर्मन तकनीक से काम करेंगी। इसमें सभी प्रकार के जूते, जिनमें स्पोर्ट्स शूज भी शामिल हैं, अनोखी पेटेंट तकनीक और पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों का उपयोग करके पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की श्रेणियों में तैयार किए जाएंगे।

आशीष जैन ने यह भी घोषणा की है कि समूह यमुना अथॉरिटी इलाके में ही एक विशाल फुटवियर सहायक उद्योग भी स्थापित करेगा, जिसके तहत आउटसोल, इनसोल, इंटरलाइनिंग्स और अन्य गैर-चमड़ा कच्चे माल का उत्पादन भी किया जाएगा। इससे गुणवत्ता वाले कच्चे माल की उपलब्धता में सुधार होगा, जिससे आयात को कम करके और निर्यात में वृद्धि होगी। इन सभी फैक्ट्रियों के साथ, हम लगभग 10,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार देने की योजना बना रहे हैं। कुल 300 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। यह परियोजना कोविड के बाद चीन से भारत में आई सबसे बड़ी फुटवियर परियोजनाओं में से एक है।

जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि जर्मनी से आई इतनी अत्याधुनिक तकनीकों वाली कंपनियां अपना पूरा आधार चीन से हटाकर जेवर, भारत में स्थानांतरित कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह रोजगार सृजन के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा और स्थानीय लोगों के लिए समृद्धि लाएगा।

यीडा के सीईओ अरुण वीर सिंह ने कहा कि यह देखना अद्भुत है कि नवीकरणीय और अन्य उन्नत कच्चे माल, मधुमेह और आर्थोपेडिक्स पर केंद्रित तकनीकें, जो पहले केवल पश्चिम में उत्पादित होती थीं, अब भारत आ रही हैं और दुनिया भर में निर्यात की जाएंगी। उन्होंने नए युग की तकनीकों के उपयोग के बारे में जोर दिया, जो वॉन वेल्क्स जर्मनी जैसी कंपनियों के साथ भारत के फुटवियर उद्योग में एक बड़ा बदलाव लाएगी।

कासा एवरज जर्मनी के सीईओ, मैनफ्रेड एवरज ने बताया कि वॉन वेल्क्स जर्मनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट 5 ज़ोन तकनीक पर आधारित है, जिसे प्रसिद्ध ऑर्थोपेडिक नैचुरोपैथ डॉ. वाल्टर माउच ने विकसित किया था। यह पैरों, घुटनों और पीठ के अच्छे स्वास्थ्य और 12 से अधिक घंटे खड़े रहने के दौरान आराम को बढ़ावा देती है। कंपनी मधुमेह जूते, आर्थोपेडिक जूते और जर्मन 5 ज़ोन तकनीक का उपयोग करके सभी प्रकार की पैरों की समस्याओं के लिए जूते बनाएगी।

इस कंपनी से जुड़े अन्य अधिकारियों का कहना है कि यमुना अथॉरिटी को इसलिए चुना गया है क्योंकि यह दिल्ली-एनसीआर में औद्योगिक विकास और वृद्धि के अगले चरण के लिए आदर्श स्थान है। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट होने के कारण, एक्सप्रेसवे और सड़क कनेक्टिविटी, व्यापार करने में आसानी और त्वरित अनुमोदन के कारण, यह सही विकल्प था।

कासा एवरज़ जर्मनी और आयाट्रिक समूह इंडिया के सहयोग के तहत वॉन वेल्क्स जर्मनी समूह ने पहले ही भारत में दो निर्माण इकाइयों के साथ कंपनी का उत्पादन शुरू कर दिया है, जिनकी उत्पादन क्षमता 2.5 मिलियन जोड़े से अधिक है और यह शास्त्रीपुरम, आगरा के निर्यात संवर्धन औद्योगिक पार्क में स्थित है। वॉन वेल्क्स जर्मनी के उत्पाद भारत में मेट्रो, मोची, सेंट्रो, रिलायंस सेंट्रो, लुलु और देश भर के अन्य प्रमुख स्टोर्स में उपलब्ध है। यह कंपनी की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन भी उपलब्ध है।

–आईएएनएस

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ग्रेटर नोएडा, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-29 में शुक्रवार को जर्मन समूह की एक बड़ी कंपनी ने अपनी एक फैक्ट्री की नींव रखी। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार के एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य में यह एक मील का पत्थर साबित होगी। इस कंपनी ने जर्मन तकनीक के साथ अपनी पहली विशेष शू फैक्ट्री की नींव रखी है, इसमें कई देशों से लोग जुड़े हुए हैं और 300 करोड़ का निवेश हुआ है।

इस दौरान समूह के सीईओ ने बताया कि यीडा में एक विशाल फुटवियर सहायक उद्योग भी स्थापित किया जाएगा। शुक्रवार को वॉन व्लेक्स जर्मनी समूह ने ग्रेटर नोएडा के जेवर में अपने नए फुटवियर प्लांट के दूसरे चरण की नींव रखी। यह प्लांट 10,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाया जा रहा है, जिसमें 1,30,000 वर्ग फुट का कवर क्षेत्र है। समूह यहां 300 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश कर रहा है।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह और विशिष्ट अतिथि सीईओ यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) और नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड अरुण वीर सिंह की उपस्थिति में नींव रखी गई।

इस समारोह में अमेरिका, जर्मनी, दुबई, अफ्रीका, मलेशिया, श्रीलंका, इंडोनेशिया, चीन और जापान सहित कई देशों से कंपनी के साझेदार शामिल हुए।

वॉन व्लेक्स जर्मनी समूह के भारत के सीईओ आशीष जैन ने बताया कि यह जर्मन तकनीक का उपयोग करके भारत में स्थापित होने वाला अपनी तरह का पहला आधुनिक फुटवियर प्लांट है। यह फैक्ट्री एक ऐसी इकाई होगी, जिसमें अमेरिका, चीन, जापान जैसे कई अन्य देशों की भी सहभागिता होगी। जिसमें 4 मिलियन से अधिक जोड़े का उत्पादन किया जाएगा। जो दुनिया भर के 80 से अधिक देशों में निर्यात किया जाएगा और भारतीय बाजार में भी बेचा जाएगा। यह एक अनोखा सहयोग है, जिसमें जर्मन और भारतीय कंपनी मिलकर जर्मन तकनीक से काम करेंगी। इसमें सभी प्रकार के जूते, जिनमें स्पोर्ट्स शूज भी शामिल हैं, अनोखी पेटेंट तकनीक और पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों का उपयोग करके पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की श्रेणियों में तैयार किए जाएंगे।

आशीष जैन ने यह भी घोषणा की है कि समूह यमुना अथॉरिटी इलाके में ही एक विशाल फुटवियर सहायक उद्योग भी स्थापित करेगा, जिसके तहत आउटसोल, इनसोल, इंटरलाइनिंग्स और अन्य गैर-चमड़ा कच्चे माल का उत्पादन भी किया जाएगा। इससे गुणवत्ता वाले कच्चे माल की उपलब्धता में सुधार होगा, जिससे आयात को कम करके और निर्यात में वृद्धि होगी। इन सभी फैक्ट्रियों के साथ, हम लगभग 10,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार देने की योजना बना रहे हैं। कुल 300 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। यह परियोजना कोविड के बाद चीन से भारत में आई सबसे बड़ी फुटवियर परियोजनाओं में से एक है।

जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि जर्मनी से आई इतनी अत्याधुनिक तकनीकों वाली कंपनियां अपना पूरा आधार चीन से हटाकर जेवर, भारत में स्थानांतरित कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह रोजगार सृजन के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा और स्थानीय लोगों के लिए समृद्धि लाएगा।

यीडा के सीईओ अरुण वीर सिंह ने कहा कि यह देखना अद्भुत है कि नवीकरणीय और अन्य उन्नत कच्चे माल, मधुमेह और आर्थोपेडिक्स पर केंद्रित तकनीकें, जो पहले केवल पश्चिम में उत्पादित होती थीं, अब भारत आ रही हैं और दुनिया भर में निर्यात की जाएंगी। उन्होंने नए युग की तकनीकों के उपयोग के बारे में जोर दिया, जो वॉन वेल्क्स जर्मनी जैसी कंपनियों के साथ भारत के फुटवियर उद्योग में एक बड़ा बदलाव लाएगी।

कासा एवरज जर्मनी के सीईओ, मैनफ्रेड एवरज ने बताया कि वॉन वेल्क्स जर्मनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट 5 ज़ोन तकनीक पर आधारित है, जिसे प्रसिद्ध ऑर्थोपेडिक नैचुरोपैथ डॉ. वाल्टर माउच ने विकसित किया था। यह पैरों, घुटनों और पीठ के अच्छे स्वास्थ्य और 12 से अधिक घंटे खड़े रहने के दौरान आराम को बढ़ावा देती है। कंपनी मधुमेह जूते, आर्थोपेडिक जूते और जर्मन 5 ज़ोन तकनीक का उपयोग करके सभी प्रकार की पैरों की समस्याओं के लिए जूते बनाएगी।

इस कंपनी से जुड़े अन्य अधिकारियों का कहना है कि यमुना अथॉरिटी को इसलिए चुना गया है क्योंकि यह दिल्ली-एनसीआर में औद्योगिक विकास और वृद्धि के अगले चरण के लिए आदर्श स्थान है। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट होने के कारण, एक्सप्रेसवे और सड़क कनेक्टिविटी, व्यापार करने में आसानी और त्वरित अनुमोदन के कारण, यह सही विकल्प था।

कासा एवरज़ जर्मनी और आयाट्रिक समूह इंडिया के सहयोग के तहत वॉन वेल्क्स जर्मनी समूह ने पहले ही भारत में दो निर्माण इकाइयों के साथ कंपनी का उत्पादन शुरू कर दिया है, जिनकी उत्पादन क्षमता 2.5 मिलियन जोड़े से अधिक है और यह शास्त्रीपुरम, आगरा के निर्यात संवर्धन औद्योगिक पार्क में स्थित है। वॉन वेल्क्स जर्मनी के उत्पाद भारत में मेट्रो, मोची, सेंट्रो, रिलायंस सेंट्रो, लुलु और देश भर के अन्य प्रमुख स्टोर्स में उपलब्ध है। यह कंपनी की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन भी उपलब्ध है।

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ग्रेटर नोएडा, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-29 में शुक्रवार को जर्मन समूह की एक बड़ी कंपनी ने अपनी एक फैक्ट्री की नींव रखी। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार के एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य में यह एक मील का पत्थर साबित होगी। इस कंपनी ने जर्मन तकनीक के साथ अपनी पहली विशेष शू फैक्ट्री की नींव रखी है, इसमें कई देशों से लोग जुड़े हुए हैं और 300 करोड़ का निवेश हुआ है।

इस दौरान समूह के सीईओ ने बताया कि यीडा में एक विशाल फुटवियर सहायक उद्योग भी स्थापित किया जाएगा। शुक्रवार को वॉन व्लेक्स जर्मनी समूह ने ग्रेटर नोएडा के जेवर में अपने नए फुटवियर प्लांट के दूसरे चरण की नींव रखी। यह प्लांट 10,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाया जा रहा है, जिसमें 1,30,000 वर्ग फुट का कवर क्षेत्र है। समूह यहां 300 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश कर रहा है।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह और विशिष्ट अतिथि सीईओ यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) और नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड अरुण वीर सिंह की उपस्थिति में नींव रखी गई।

इस समारोह में अमेरिका, जर्मनी, दुबई, अफ्रीका, मलेशिया, श्रीलंका, इंडोनेशिया, चीन और जापान सहित कई देशों से कंपनी के साझेदार शामिल हुए।

वॉन व्लेक्स जर्मनी समूह के भारत के सीईओ आशीष जैन ने बताया कि यह जर्मन तकनीक का उपयोग करके भारत में स्थापित होने वाला अपनी तरह का पहला आधुनिक फुटवियर प्लांट है। यह फैक्ट्री एक ऐसी इकाई होगी, जिसमें अमेरिका, चीन, जापान जैसे कई अन्य देशों की भी सहभागिता होगी। जिसमें 4 मिलियन से अधिक जोड़े का उत्पादन किया जाएगा। जो दुनिया भर के 80 से अधिक देशों में निर्यात किया जाएगा और भारतीय बाजार में भी बेचा जाएगा। यह एक अनोखा सहयोग है, जिसमें जर्मन और भारतीय कंपनी मिलकर जर्मन तकनीक से काम करेंगी। इसमें सभी प्रकार के जूते, जिनमें स्पोर्ट्स शूज भी शामिल हैं, अनोखी पेटेंट तकनीक और पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों का उपयोग करके पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की श्रेणियों में तैयार किए जाएंगे।

आशीष जैन ने यह भी घोषणा की है कि समूह यमुना अथॉरिटी इलाके में ही एक विशाल फुटवियर सहायक उद्योग भी स्थापित करेगा, जिसके तहत आउटसोल, इनसोल, इंटरलाइनिंग्स और अन्य गैर-चमड़ा कच्चे माल का उत्पादन भी किया जाएगा। इससे गुणवत्ता वाले कच्चे माल की उपलब्धता में सुधार होगा, जिससे आयात को कम करके और निर्यात में वृद्धि होगी। इन सभी फैक्ट्रियों के साथ, हम लगभग 10,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार देने की योजना बना रहे हैं। कुल 300 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। यह परियोजना कोविड के बाद चीन से भारत में आई सबसे बड़ी फुटवियर परियोजनाओं में से एक है।

जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि जर्मनी से आई इतनी अत्याधुनिक तकनीकों वाली कंपनियां अपना पूरा आधार चीन से हटाकर जेवर, भारत में स्थानांतरित कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह रोजगार सृजन के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा और स्थानीय लोगों के लिए समृद्धि लाएगा।

यीडा के सीईओ अरुण वीर सिंह ने कहा कि यह देखना अद्भुत है कि नवीकरणीय और अन्य उन्नत कच्चे माल, मधुमेह और आर्थोपेडिक्स पर केंद्रित तकनीकें, जो पहले केवल पश्चिम में उत्पादित होती थीं, अब भारत आ रही हैं और दुनिया भर में निर्यात की जाएंगी। उन्होंने नए युग की तकनीकों के उपयोग के बारे में जोर दिया, जो वॉन वेल्क्स जर्मनी जैसी कंपनियों के साथ भारत के फुटवियर उद्योग में एक बड़ा बदलाव लाएगी।

कासा एवरज जर्मनी के सीईओ, मैनफ्रेड एवरज ने बताया कि वॉन वेल्क्स जर्मनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट 5 ज़ोन तकनीक पर आधारित है, जिसे प्रसिद्ध ऑर्थोपेडिक नैचुरोपैथ डॉ. वाल्टर माउच ने विकसित किया था। यह पैरों, घुटनों और पीठ के अच्छे स्वास्थ्य और 12 से अधिक घंटे खड़े रहने के दौरान आराम को बढ़ावा देती है। कंपनी मधुमेह जूते, आर्थोपेडिक जूते और जर्मन 5 ज़ोन तकनीक का उपयोग करके सभी प्रकार की पैरों की समस्याओं के लिए जूते बनाएगी।

इस कंपनी से जुड़े अन्य अधिकारियों का कहना है कि यमुना अथॉरिटी को इसलिए चुना गया है क्योंकि यह दिल्ली-एनसीआर में औद्योगिक विकास और वृद्धि के अगले चरण के लिए आदर्श स्थान है। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट होने के कारण, एक्सप्रेसवे और सड़क कनेक्टिविटी, व्यापार करने में आसानी और त्वरित अनुमोदन के कारण, यह सही विकल्प था।

कासा एवरज़ जर्मनी और आयाट्रिक समूह इंडिया के सहयोग के तहत वॉन वेल्क्स जर्मनी समूह ने पहले ही भारत में दो निर्माण इकाइयों के साथ कंपनी का उत्पादन शुरू कर दिया है, जिनकी उत्पादन क्षमता 2.5 मिलियन जोड़े से अधिक है और यह शास्त्रीपुरम, आगरा के निर्यात संवर्धन औद्योगिक पार्क में स्थित है। वॉन वेल्क्स जर्मनी के उत्पाद भारत में मेट्रो, मोची, सेंट्रो, रिलायंस सेंट्रो, लुलु और देश भर के अन्य प्रमुख स्टोर्स में उपलब्ध है। यह कंपनी की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन भी उपलब्ध है।

–आईएएनएस

पीकेटी/एबीएम

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ग्रेटर नोएडा, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-29 में शुक्रवार को जर्मन समूह की एक बड़ी कंपनी ने अपनी एक फैक्ट्री की नींव रखी। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार के एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य में यह एक मील का पत्थर साबित होगी। इस कंपनी ने जर्मन तकनीक के साथ अपनी पहली विशेष शू फैक्ट्री की नींव रखी है, इसमें कई देशों से लोग जुड़े हुए हैं और 300 करोड़ का निवेश हुआ है।

इस दौरान समूह के सीईओ ने बताया कि यीडा में एक विशाल फुटवियर सहायक उद्योग भी स्थापित किया जाएगा। शुक्रवार को वॉन व्लेक्स जर्मनी समूह ने ग्रेटर नोएडा के जेवर में अपने नए फुटवियर प्लांट के दूसरे चरण की नींव रखी। यह प्लांट 10,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाया जा रहा है, जिसमें 1,30,000 वर्ग फुट का कवर क्षेत्र है। समूह यहां 300 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश कर रहा है।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह और विशिष्ट अतिथि सीईओ यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) और नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड अरुण वीर सिंह की उपस्थिति में नींव रखी गई।

इस समारोह में अमेरिका, जर्मनी, दुबई, अफ्रीका, मलेशिया, श्रीलंका, इंडोनेशिया, चीन और जापान सहित कई देशों से कंपनी के साझेदार शामिल हुए।

वॉन व्लेक्स जर्मनी समूह के भारत के सीईओ आशीष जैन ने बताया कि यह जर्मन तकनीक का उपयोग करके भारत में स्थापित होने वाला अपनी तरह का पहला आधुनिक फुटवियर प्लांट है। यह फैक्ट्री एक ऐसी इकाई होगी, जिसमें अमेरिका, चीन, जापान जैसे कई अन्य देशों की भी सहभागिता होगी। जिसमें 4 मिलियन से अधिक जोड़े का उत्पादन किया जाएगा। जो दुनिया भर के 80 से अधिक देशों में निर्यात किया जाएगा और भारतीय बाजार में भी बेचा जाएगा। यह एक अनोखा सहयोग है, जिसमें जर्मन और भारतीय कंपनी मिलकर जर्मन तकनीक से काम करेंगी। इसमें सभी प्रकार के जूते, जिनमें स्पोर्ट्स शूज भी शामिल हैं, अनोखी पेटेंट तकनीक और पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों का उपयोग करके पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की श्रेणियों में तैयार किए जाएंगे।

आशीष जैन ने यह भी घोषणा की है कि समूह यमुना अथॉरिटी इलाके में ही एक विशाल फुटवियर सहायक उद्योग भी स्थापित करेगा, जिसके तहत आउटसोल, इनसोल, इंटरलाइनिंग्स और अन्य गैर-चमड़ा कच्चे माल का उत्पादन भी किया जाएगा। इससे गुणवत्ता वाले कच्चे माल की उपलब्धता में सुधार होगा, जिससे आयात को कम करके और निर्यात में वृद्धि होगी। इन सभी फैक्ट्रियों के साथ, हम लगभग 10,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार देने की योजना बना रहे हैं। कुल 300 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। यह परियोजना कोविड के बाद चीन से भारत में आई सबसे बड़ी फुटवियर परियोजनाओं में से एक है।

जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि जर्मनी से आई इतनी अत्याधुनिक तकनीकों वाली कंपनियां अपना पूरा आधार चीन से हटाकर जेवर, भारत में स्थानांतरित कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह रोजगार सृजन के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा और स्थानीय लोगों के लिए समृद्धि लाएगा।

यीडा के सीईओ अरुण वीर सिंह ने कहा कि यह देखना अद्भुत है कि नवीकरणीय और अन्य उन्नत कच्चे माल, मधुमेह और आर्थोपेडिक्स पर केंद्रित तकनीकें, जो पहले केवल पश्चिम में उत्पादित होती थीं, अब भारत आ रही हैं और दुनिया भर में निर्यात की जाएंगी। उन्होंने नए युग की तकनीकों के उपयोग के बारे में जोर दिया, जो वॉन वेल्क्स जर्मनी जैसी कंपनियों के साथ भारत के फुटवियर उद्योग में एक बड़ा बदलाव लाएगी।

कासा एवरज जर्मनी के सीईओ, मैनफ्रेड एवरज ने बताया कि वॉन वेल्क्स जर्मनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट 5 ज़ोन तकनीक पर आधारित है, जिसे प्रसिद्ध ऑर्थोपेडिक नैचुरोपैथ डॉ. वाल्टर माउच ने विकसित किया था। यह पैरों, घुटनों और पीठ के अच्छे स्वास्थ्य और 12 से अधिक घंटे खड़े रहने के दौरान आराम को बढ़ावा देती है। कंपनी मधुमेह जूते, आर्थोपेडिक जूते और जर्मन 5 ज़ोन तकनीक का उपयोग करके सभी प्रकार की पैरों की समस्याओं के लिए जूते बनाएगी।

इस कंपनी से जुड़े अन्य अधिकारियों का कहना है कि यमुना अथॉरिटी को इसलिए चुना गया है क्योंकि यह दिल्ली-एनसीआर में औद्योगिक विकास और वृद्धि के अगले चरण के लिए आदर्श स्थान है। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट होने के कारण, एक्सप्रेसवे और सड़क कनेक्टिविटी, व्यापार करने में आसानी और त्वरित अनुमोदन के कारण, यह सही विकल्प था।

कासा एवरज़ जर्मनी और आयाट्रिक समूह इंडिया के सहयोग के तहत वॉन वेल्क्स जर्मनी समूह ने पहले ही भारत में दो निर्माण इकाइयों के साथ कंपनी का उत्पादन शुरू कर दिया है, जिनकी उत्पादन क्षमता 2.5 मिलियन जोड़े से अधिक है और यह शास्त्रीपुरम, आगरा के निर्यात संवर्धन औद्योगिक पार्क में स्थित है। वॉन वेल्क्स जर्मनी के उत्पाद भारत में मेट्रो, मोची, सेंट्रो, रिलायंस सेंट्रो, लुलु और देश भर के अन्य प्रमुख स्टोर्स में उपलब्ध है। यह कंपनी की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन भी उपलब्ध है।

–आईएएनएस

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ग्रेटर नोएडा, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-29 में शुक्रवार को जर्मन समूह की एक बड़ी कंपनी ने अपनी एक फैक्ट्री की नींव रखी। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार के एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य में यह एक मील का पत्थर साबित होगी। इस कंपनी ने जर्मन तकनीक के साथ अपनी पहली विशेष शू फैक्ट्री की नींव रखी है, इसमें कई देशों से लोग जुड़े हुए हैं और 300 करोड़ का निवेश हुआ है।

इस दौरान समूह के सीईओ ने बताया कि यीडा में एक विशाल फुटवियर सहायक उद्योग भी स्थापित किया जाएगा। शुक्रवार को वॉन व्लेक्स जर्मनी समूह ने ग्रेटर नोएडा के जेवर में अपने नए फुटवियर प्लांट के दूसरे चरण की नींव रखी। यह प्लांट 10,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाया जा रहा है, जिसमें 1,30,000 वर्ग फुट का कवर क्षेत्र है। समूह यहां 300 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश कर रहा है।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह और विशिष्ट अतिथि सीईओ यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) और नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड अरुण वीर सिंह की उपस्थिति में नींव रखी गई।

इस समारोह में अमेरिका, जर्मनी, दुबई, अफ्रीका, मलेशिया, श्रीलंका, इंडोनेशिया, चीन और जापान सहित कई देशों से कंपनी के साझेदार शामिल हुए।

वॉन व्लेक्स जर्मनी समूह के भारत के सीईओ आशीष जैन ने बताया कि यह जर्मन तकनीक का उपयोग करके भारत में स्थापित होने वाला अपनी तरह का पहला आधुनिक फुटवियर प्लांट है। यह फैक्ट्री एक ऐसी इकाई होगी, जिसमें अमेरिका, चीन, जापान जैसे कई अन्य देशों की भी सहभागिता होगी। जिसमें 4 मिलियन से अधिक जोड़े का उत्पादन किया जाएगा। जो दुनिया भर के 80 से अधिक देशों में निर्यात किया जाएगा और भारतीय बाजार में भी बेचा जाएगा। यह एक अनोखा सहयोग है, जिसमें जर्मन और भारतीय कंपनी मिलकर जर्मन तकनीक से काम करेंगी। इसमें सभी प्रकार के जूते, जिनमें स्पोर्ट्स शूज भी शामिल हैं, अनोखी पेटेंट तकनीक और पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों का उपयोग करके पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की श्रेणियों में तैयार किए जाएंगे।

आशीष जैन ने यह भी घोषणा की है कि समूह यमुना अथॉरिटी इलाके में ही एक विशाल फुटवियर सहायक उद्योग भी स्थापित करेगा, जिसके तहत आउटसोल, इनसोल, इंटरलाइनिंग्स और अन्य गैर-चमड़ा कच्चे माल का उत्पादन भी किया जाएगा। इससे गुणवत्ता वाले कच्चे माल की उपलब्धता में सुधार होगा, जिससे आयात को कम करके और निर्यात में वृद्धि होगी। इन सभी फैक्ट्रियों के साथ, हम लगभग 10,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार देने की योजना बना रहे हैं। कुल 300 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। यह परियोजना कोविड के बाद चीन से भारत में आई सबसे बड़ी फुटवियर परियोजनाओं में से एक है।

जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि जर्मनी से आई इतनी अत्याधुनिक तकनीकों वाली कंपनियां अपना पूरा आधार चीन से हटाकर जेवर, भारत में स्थानांतरित कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह रोजगार सृजन के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा और स्थानीय लोगों के लिए समृद्धि लाएगा।

यीडा के सीईओ अरुण वीर सिंह ने कहा कि यह देखना अद्भुत है कि नवीकरणीय और अन्य उन्नत कच्चे माल, मधुमेह और आर्थोपेडिक्स पर केंद्रित तकनीकें, जो पहले केवल पश्चिम में उत्पादित होती थीं, अब भारत आ रही हैं और दुनिया भर में निर्यात की जाएंगी। उन्होंने नए युग की तकनीकों के उपयोग के बारे में जोर दिया, जो वॉन वेल्क्स जर्मनी जैसी कंपनियों के साथ भारत के फुटवियर उद्योग में एक बड़ा बदलाव लाएगी।

कासा एवरज जर्मनी के सीईओ, मैनफ्रेड एवरज ने बताया कि वॉन वेल्क्स जर्मनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट 5 ज़ोन तकनीक पर आधारित है, जिसे प्रसिद्ध ऑर्थोपेडिक नैचुरोपैथ डॉ. वाल्टर माउच ने विकसित किया था। यह पैरों, घुटनों और पीठ के अच्छे स्वास्थ्य और 12 से अधिक घंटे खड़े रहने के दौरान आराम को बढ़ावा देती है। कंपनी मधुमेह जूते, आर्थोपेडिक जूते और जर्मन 5 ज़ोन तकनीक का उपयोग करके सभी प्रकार की पैरों की समस्याओं के लिए जूते बनाएगी।

इस कंपनी से जुड़े अन्य अधिकारियों का कहना है कि यमुना अथॉरिटी को इसलिए चुना गया है क्योंकि यह दिल्ली-एनसीआर में औद्योगिक विकास और वृद्धि के अगले चरण के लिए आदर्श स्थान है। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट होने के कारण, एक्सप्रेसवे और सड़क कनेक्टिविटी, व्यापार करने में आसानी और त्वरित अनुमोदन के कारण, यह सही विकल्प था।

कासा एवरज़ जर्मनी और आयाट्रिक समूह इंडिया के सहयोग के तहत वॉन वेल्क्स जर्मनी समूह ने पहले ही भारत में दो निर्माण इकाइयों के साथ कंपनी का उत्पादन शुरू कर दिया है, जिनकी उत्पादन क्षमता 2.5 मिलियन जोड़े से अधिक है और यह शास्त्रीपुरम, आगरा के निर्यात संवर्धन औद्योगिक पार्क में स्थित है। वॉन वेल्क्स जर्मनी के उत्पाद भारत में मेट्रो, मोची, सेंट्रो, रिलायंस सेंट्रो, लुलु और देश भर के अन्य प्रमुख स्टोर्स में उपलब्ध है। यह कंपनी की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन भी उपलब्ध है।

–आईएएनएस

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ग्रेटर नोएडा, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-29 में शुक्रवार को जर्मन समूह की एक बड़ी कंपनी ने अपनी एक फैक्ट्री की नींव रखी। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार के एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य में यह एक मील का पत्थर साबित होगी। इस कंपनी ने जर्मन तकनीक के साथ अपनी पहली विशेष शू फैक्ट्री की नींव रखी है, इसमें कई देशों से लोग जुड़े हुए हैं और 300 करोड़ का निवेश हुआ है।

इस दौरान समूह के सीईओ ने बताया कि यीडा में एक विशाल फुटवियर सहायक उद्योग भी स्थापित किया जाएगा। शुक्रवार को वॉन व्लेक्स जर्मनी समूह ने ग्रेटर नोएडा के जेवर में अपने नए फुटवियर प्लांट के दूसरे चरण की नींव रखी। यह प्लांट 10,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाया जा रहा है, जिसमें 1,30,000 वर्ग फुट का कवर क्षेत्र है। समूह यहां 300 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश कर रहा है।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह और विशिष्ट अतिथि सीईओ यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) और नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड अरुण वीर सिंह की उपस्थिति में नींव रखी गई।

इस समारोह में अमेरिका, जर्मनी, दुबई, अफ्रीका, मलेशिया, श्रीलंका, इंडोनेशिया, चीन और जापान सहित कई देशों से कंपनी के साझेदार शामिल हुए।

वॉन व्लेक्स जर्मनी समूह के भारत के सीईओ आशीष जैन ने बताया कि यह जर्मन तकनीक का उपयोग करके भारत में स्थापित होने वाला अपनी तरह का पहला आधुनिक फुटवियर प्लांट है। यह फैक्ट्री एक ऐसी इकाई होगी, जिसमें अमेरिका, चीन, जापान जैसे कई अन्य देशों की भी सहभागिता होगी। जिसमें 4 मिलियन से अधिक जोड़े का उत्पादन किया जाएगा। जो दुनिया भर के 80 से अधिक देशों में निर्यात किया जाएगा और भारतीय बाजार में भी बेचा जाएगा। यह एक अनोखा सहयोग है, जिसमें जर्मन और भारतीय कंपनी मिलकर जर्मन तकनीक से काम करेंगी। इसमें सभी प्रकार के जूते, जिनमें स्पोर्ट्स शूज भी शामिल हैं, अनोखी पेटेंट तकनीक और पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों का उपयोग करके पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की श्रेणियों में तैयार किए जाएंगे।

आशीष जैन ने यह भी घोषणा की है कि समूह यमुना अथॉरिटी इलाके में ही एक विशाल फुटवियर सहायक उद्योग भी स्थापित करेगा, जिसके तहत आउटसोल, इनसोल, इंटरलाइनिंग्स और अन्य गैर-चमड़ा कच्चे माल का उत्पादन भी किया जाएगा। इससे गुणवत्ता वाले कच्चे माल की उपलब्धता में सुधार होगा, जिससे आयात को कम करके और निर्यात में वृद्धि होगी। इन सभी फैक्ट्रियों के साथ, हम लगभग 10,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार देने की योजना बना रहे हैं। कुल 300 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। यह परियोजना कोविड के बाद चीन से भारत में आई सबसे बड़ी फुटवियर परियोजनाओं में से एक है।

जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि जर्मनी से आई इतनी अत्याधुनिक तकनीकों वाली कंपनियां अपना पूरा आधार चीन से हटाकर जेवर, भारत में स्थानांतरित कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह रोजगार सृजन के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा और स्थानीय लोगों के लिए समृद्धि लाएगा।

यीडा के सीईओ अरुण वीर सिंह ने कहा कि यह देखना अद्भुत है कि नवीकरणीय और अन्य उन्नत कच्चे माल, मधुमेह और आर्थोपेडिक्स पर केंद्रित तकनीकें, जो पहले केवल पश्चिम में उत्पादित होती थीं, अब भारत आ रही हैं और दुनिया भर में निर्यात की जाएंगी। उन्होंने नए युग की तकनीकों के उपयोग के बारे में जोर दिया, जो वॉन वेल्क्स जर्मनी जैसी कंपनियों के साथ भारत के फुटवियर उद्योग में एक बड़ा बदलाव लाएगी।

कासा एवरज जर्मनी के सीईओ, मैनफ्रेड एवरज ने बताया कि वॉन वेल्क्स जर्मनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट 5 ज़ोन तकनीक पर आधारित है, जिसे प्रसिद्ध ऑर्थोपेडिक नैचुरोपैथ डॉ. वाल्टर माउच ने विकसित किया था। यह पैरों, घुटनों और पीठ के अच्छे स्वास्थ्य और 12 से अधिक घंटे खड़े रहने के दौरान आराम को बढ़ावा देती है। कंपनी मधुमेह जूते, आर्थोपेडिक जूते और जर्मन 5 ज़ोन तकनीक का उपयोग करके सभी प्रकार की पैरों की समस्याओं के लिए जूते बनाएगी।

इस कंपनी से जुड़े अन्य अधिकारियों का कहना है कि यमुना अथॉरिटी को इसलिए चुना गया है क्योंकि यह दिल्ली-एनसीआर में औद्योगिक विकास और वृद्धि के अगले चरण के लिए आदर्श स्थान है। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट होने के कारण, एक्सप्रेसवे और सड़क कनेक्टिविटी, व्यापार करने में आसानी और त्वरित अनुमोदन के कारण, यह सही विकल्प था।

कासा एवरज़ जर्मनी और आयाट्रिक समूह इंडिया के सहयोग के तहत वॉन वेल्क्स जर्मनी समूह ने पहले ही भारत में दो निर्माण इकाइयों के साथ कंपनी का उत्पादन शुरू कर दिया है, जिनकी उत्पादन क्षमता 2.5 मिलियन जोड़े से अधिक है और यह शास्त्रीपुरम, आगरा के निर्यात संवर्धन औद्योगिक पार्क में स्थित है। वॉन वेल्क्स जर्मनी के उत्पाद भारत में मेट्रो, मोची, सेंट्रो, रिलायंस सेंट्रो, लुलु और देश भर के अन्य प्रमुख स्टोर्स में उपलब्ध है। यह कंपनी की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन भी उपलब्ध है।

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