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Home राष्ट्रीय

यूपी के मंत्री को 72 प्लॉट का आवंटन रद्द

by
February 22, 2023
in राष्ट्रीय
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यूपी के मंत्री को 72 प्लॉट का आवंटन रद्द
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फतेहपुर, 22 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने एमएसएमई मंत्री राकेश सचान को फतेहपुर में 72 भूखंडों का आवंटन रद्द कर दिया है।

प्लॉट 11 साल पहले सपा शासन के दौरान आवंटित किए गए थे जब सचान जिले से सपा सांसद थे।

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मंगलवार को जिला उद्योग बंधु की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पारित कर सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया।

महाप्रबंधक (उद्योग) अजिनेश कुमार सिंह ने 2012-2013 में सचान, उनके एनजीओ अभिनव सेवा संस्थान और सीमा शिक्षण संस्थान को आवंटन रद्द करने का प्रस्ताव रखा।

सिंह ने कहा कि पात्र लोगों को फिर से भूखंड आवंटित किए जाएंगे और विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि जिस उद्देश्य के लिए जमीन मांगी गई है, उसका उपयोग किया जाए।

आवंटन तब पाए गए जब उद्योग और एमएसएमई विभाग ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले पूरे उत्तर प्रदेश में औद्योगिक एस्टेट में खाली जमीन की तलाश की।

छोटे व्यवसायों का समर्थन करनेवाली उद्यमियों की एक संस्था लघु उद्योग भारती ने 11 फरवरी को सचान को भूखंडों के आवंटन के बारे में सरकार से शिकायत की थी।

इस निकाय के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने कहा कि सबसे पिछड़े जिलों में से एक फतेहपुर का औद्योगीकरण प्राथमिकता होनी चाहिए।

सचान ने अपनी ओर से कहा था कि उन्हें और गैर सरकारी संगठनों को सरकार की नीति के अनुरूप शिक्षण संस्थान स्थापित करने के लिए जमीन आवंटित की गई थी।

उन्होंने कहा, स्कूल स्थापित नहीं किए गए थे क्योंकि क्षेत्र का विकास नहीं हुआ था और उद्योग नहीं आ रहे थे। मैंने उद्योगों और एमएसएमई विभाग को औपचारिक रूप से भूखंड वापस कर दिए हैं।

लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्होंने और उनके एनजीओ ने कुल लागत का 10 प्रतिशत न्यूनतम आवंटन शुल्क के रूप में क्यों नहीं जमा कराया।

–आईएएनएस

एसकेके

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फतेहपुर, 22 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने एमएसएमई मंत्री राकेश सचान को फतेहपुर में 72 भूखंडों का आवंटन रद्द कर दिया है।

प्लॉट 11 साल पहले सपा शासन के दौरान आवंटित किए गए थे जब सचान जिले से सपा सांसद थे।

मंगलवार को जिला उद्योग बंधु की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पारित कर सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया।

महाप्रबंधक (उद्योग) अजिनेश कुमार सिंह ने 2012-2013 में सचान, उनके एनजीओ अभिनव सेवा संस्थान और सीमा शिक्षण संस्थान को आवंटन रद्द करने का प्रस्ताव रखा।

सिंह ने कहा कि पात्र लोगों को फिर से भूखंड आवंटित किए जाएंगे और विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि जिस उद्देश्य के लिए जमीन मांगी गई है, उसका उपयोग किया जाए।

आवंटन तब पाए गए जब उद्योग और एमएसएमई विभाग ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले पूरे उत्तर प्रदेश में औद्योगिक एस्टेट में खाली जमीन की तलाश की।

छोटे व्यवसायों का समर्थन करनेवाली उद्यमियों की एक संस्था लघु उद्योग भारती ने 11 फरवरी को सचान को भूखंडों के आवंटन के बारे में सरकार से शिकायत की थी।

इस निकाय के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने कहा कि सबसे पिछड़े जिलों में से एक फतेहपुर का औद्योगीकरण प्राथमिकता होनी चाहिए।

सचान ने अपनी ओर से कहा था कि उन्हें और गैर सरकारी संगठनों को सरकार की नीति के अनुरूप शिक्षण संस्थान स्थापित करने के लिए जमीन आवंटित की गई थी।

उन्होंने कहा, स्कूल स्थापित नहीं किए गए थे क्योंकि क्षेत्र का विकास नहीं हुआ था और उद्योग नहीं आ रहे थे। मैंने उद्योगों और एमएसएमई विभाग को औपचारिक रूप से भूखंड वापस कर दिए हैं।

लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्होंने और उनके एनजीओ ने कुल लागत का 10 प्रतिशत न्यूनतम आवंटन शुल्क के रूप में क्यों नहीं जमा कराया।

–आईएएनएस

एसकेके

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फतेहपुर, 22 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने एमएसएमई मंत्री राकेश सचान को फतेहपुर में 72 भूखंडों का आवंटन रद्द कर दिया है।

प्लॉट 11 साल पहले सपा शासन के दौरान आवंटित किए गए थे जब सचान जिले से सपा सांसद थे।

मंगलवार को जिला उद्योग बंधु की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पारित कर सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया।

महाप्रबंधक (उद्योग) अजिनेश कुमार सिंह ने 2012-2013 में सचान, उनके एनजीओ अभिनव सेवा संस्थान और सीमा शिक्षण संस्थान को आवंटन रद्द करने का प्रस्ताव रखा।

सिंह ने कहा कि पात्र लोगों को फिर से भूखंड आवंटित किए जाएंगे और विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि जिस उद्देश्य के लिए जमीन मांगी गई है, उसका उपयोग किया जाए।

आवंटन तब पाए गए जब उद्योग और एमएसएमई विभाग ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले पूरे उत्तर प्रदेश में औद्योगिक एस्टेट में खाली जमीन की तलाश की।

छोटे व्यवसायों का समर्थन करनेवाली उद्यमियों की एक संस्था लघु उद्योग भारती ने 11 फरवरी को सचान को भूखंडों के आवंटन के बारे में सरकार से शिकायत की थी।

इस निकाय के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने कहा कि सबसे पिछड़े जिलों में से एक फतेहपुर का औद्योगीकरण प्राथमिकता होनी चाहिए।

सचान ने अपनी ओर से कहा था कि उन्हें और गैर सरकारी संगठनों को सरकार की नीति के अनुरूप शिक्षण संस्थान स्थापित करने के लिए जमीन आवंटित की गई थी।

उन्होंने कहा, स्कूल स्थापित नहीं किए गए थे क्योंकि क्षेत्र का विकास नहीं हुआ था और उद्योग नहीं आ रहे थे। मैंने उद्योगों और एमएसएमई विभाग को औपचारिक रूप से भूखंड वापस कर दिए हैं।

लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्होंने और उनके एनजीओ ने कुल लागत का 10 प्रतिशत न्यूनतम आवंटन शुल्क के रूप में क्यों नहीं जमा कराया।

–आईएएनएस

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फतेहपुर, 22 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने एमएसएमई मंत्री राकेश सचान को फतेहपुर में 72 भूखंडों का आवंटन रद्द कर दिया है।

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मंगलवार को जिला उद्योग बंधु की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पारित कर सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया।

महाप्रबंधक (उद्योग) अजिनेश कुमार सिंह ने 2012-2013 में सचान, उनके एनजीओ अभिनव सेवा संस्थान और सीमा शिक्षण संस्थान को आवंटन रद्द करने का प्रस्ताव रखा।

सिंह ने कहा कि पात्र लोगों को फिर से भूखंड आवंटित किए जाएंगे और विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि जिस उद्देश्य के लिए जमीन मांगी गई है, उसका उपयोग किया जाए।

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इस निकाय के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने कहा कि सबसे पिछड़े जिलों में से एक फतेहपुर का औद्योगीकरण प्राथमिकता होनी चाहिए।

सचान ने अपनी ओर से कहा था कि उन्हें और गैर सरकारी संगठनों को सरकार की नीति के अनुरूप शिक्षण संस्थान स्थापित करने के लिए जमीन आवंटित की गई थी।

उन्होंने कहा, स्कूल स्थापित नहीं किए गए थे क्योंकि क्षेत्र का विकास नहीं हुआ था और उद्योग नहीं आ रहे थे। मैंने उद्योगों और एमएसएमई विभाग को औपचारिक रूप से भूखंड वापस कर दिए हैं।

लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्होंने और उनके एनजीओ ने कुल लागत का 10 प्रतिशत न्यूनतम आवंटन शुल्क के रूप में क्यों नहीं जमा कराया।

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मंगलवार को जिला उद्योग बंधु की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पारित कर सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया।

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इस निकाय के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने कहा कि सबसे पिछड़े जिलों में से एक फतेहपुर का औद्योगीकरण प्राथमिकता होनी चाहिए।

सचान ने अपनी ओर से कहा था कि उन्हें और गैर सरकारी संगठनों को सरकार की नीति के अनुरूप शिक्षण संस्थान स्थापित करने के लिए जमीन आवंटित की गई थी।

उन्होंने कहा, स्कूल स्थापित नहीं किए गए थे क्योंकि क्षेत्र का विकास नहीं हुआ था और उद्योग नहीं आ रहे थे। मैंने उद्योगों और एमएसएमई विभाग को औपचारिक रूप से भूखंड वापस कर दिए हैं।

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मंगलवार को जिला उद्योग बंधु की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पारित कर सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया।

महाप्रबंधक (उद्योग) अजिनेश कुमार सिंह ने 2012-2013 में सचान, उनके एनजीओ अभिनव सेवा संस्थान और सीमा शिक्षण संस्थान को आवंटन रद्द करने का प्रस्ताव रखा।

सिंह ने कहा कि पात्र लोगों को फिर से भूखंड आवंटित किए जाएंगे और विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि जिस उद्देश्य के लिए जमीन मांगी गई है, उसका उपयोग किया जाए।

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सचान ने अपनी ओर से कहा था कि उन्हें और गैर सरकारी संगठनों को सरकार की नीति के अनुरूप शिक्षण संस्थान स्थापित करने के लिए जमीन आवंटित की गई थी।

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महाप्रबंधक (उद्योग) अजिनेश कुमार सिंह ने 2012-2013 में सचान, उनके एनजीओ अभिनव सेवा संस्थान और सीमा शिक्षण संस्थान को आवंटन रद्द करने का प्रस्ताव रखा।

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सचान ने अपनी ओर से कहा था कि उन्हें और गैर सरकारी संगठनों को सरकार की नीति के अनुरूप शिक्षण संस्थान स्थापित करने के लिए जमीन आवंटित की गई थी।

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सचान ने अपनी ओर से कहा था कि उन्हें और गैर सरकारी संगठनों को सरकार की नीति के अनुरूप शिक्षण संस्थान स्थापित करने के लिए जमीन आवंटित की गई थी।

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फतेहपुर, 22 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने एमएसएमई मंत्री राकेश सचान को फतेहपुर में 72 भूखंडों का आवंटन रद्द कर दिया है।

प्लॉट 11 साल पहले सपा शासन के दौरान आवंटित किए गए थे जब सचान जिले से सपा सांसद थे।

मंगलवार को जिला उद्योग बंधु की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पारित कर सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया।

महाप्रबंधक (उद्योग) अजिनेश कुमार सिंह ने 2012-2013 में सचान, उनके एनजीओ अभिनव सेवा संस्थान और सीमा शिक्षण संस्थान को आवंटन रद्द करने का प्रस्ताव रखा।

सिंह ने कहा कि पात्र लोगों को फिर से भूखंड आवंटित किए जाएंगे और विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि जिस उद्देश्य के लिए जमीन मांगी गई है, उसका उपयोग किया जाए।

आवंटन तब पाए गए जब उद्योग और एमएसएमई विभाग ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले पूरे उत्तर प्रदेश में औद्योगिक एस्टेट में खाली जमीन की तलाश की।

छोटे व्यवसायों का समर्थन करनेवाली उद्यमियों की एक संस्था लघु उद्योग भारती ने 11 फरवरी को सचान को भूखंडों के आवंटन के बारे में सरकार से शिकायत की थी।

इस निकाय के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने कहा कि सबसे पिछड़े जिलों में से एक फतेहपुर का औद्योगीकरण प्राथमिकता होनी चाहिए।

सचान ने अपनी ओर से कहा था कि उन्हें और गैर सरकारी संगठनों को सरकार की नीति के अनुरूप शिक्षण संस्थान स्थापित करने के लिए जमीन आवंटित की गई थी।

उन्होंने कहा, स्कूल स्थापित नहीं किए गए थे क्योंकि क्षेत्र का विकास नहीं हुआ था और उद्योग नहीं आ रहे थे। मैंने उद्योगों और एमएसएमई विभाग को औपचारिक रूप से भूखंड वापस कर दिए हैं।

लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्होंने और उनके एनजीओ ने कुल लागत का 10 प्रतिशत न्यूनतम आवंटन शुल्क के रूप में क्यों नहीं जमा कराया।

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मंगलवार को जिला उद्योग बंधु की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पारित कर सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया।

महाप्रबंधक (उद्योग) अजिनेश कुमार सिंह ने 2012-2013 में सचान, उनके एनजीओ अभिनव सेवा संस्थान और सीमा शिक्षण संस्थान को आवंटन रद्द करने का प्रस्ताव रखा।

सिंह ने कहा कि पात्र लोगों को फिर से भूखंड आवंटित किए जाएंगे और विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि जिस उद्देश्य के लिए जमीन मांगी गई है, उसका उपयोग किया जाए।

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इस निकाय के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने कहा कि सबसे पिछड़े जिलों में से एक फतेहपुर का औद्योगीकरण प्राथमिकता होनी चाहिए।

सचान ने अपनी ओर से कहा था कि उन्हें और गैर सरकारी संगठनों को सरकार की नीति के अनुरूप शिक्षण संस्थान स्थापित करने के लिए जमीन आवंटित की गई थी।

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महाप्रबंधक (उद्योग) अजिनेश कुमार सिंह ने 2012-2013 में सचान, उनके एनजीओ अभिनव सेवा संस्थान और सीमा शिक्षण संस्थान को आवंटन रद्द करने का प्रस्ताव रखा।

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सिंह ने कहा कि पात्र लोगों को फिर से भूखंड आवंटित किए जाएंगे और विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि जिस उद्देश्य के लिए जमीन मांगी गई है, उसका उपयोग किया जाए।

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सचान ने अपनी ओर से कहा था कि उन्हें और गैर सरकारी संगठनों को सरकार की नीति के अनुरूप शिक्षण संस्थान स्थापित करने के लिए जमीन आवंटित की गई थी।

उन्होंने कहा, स्कूल स्थापित नहीं किए गए थे क्योंकि क्षेत्र का विकास नहीं हुआ था और उद्योग नहीं आ रहे थे। मैंने उद्योगों और एमएसएमई विभाग को औपचारिक रूप से भूखंड वापस कर दिए हैं।

लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्होंने और उनके एनजीओ ने कुल लागत का 10 प्रतिशत न्यूनतम आवंटन शुल्क के रूप में क्यों नहीं जमा कराया।

–आईएएनएस

एसकेके

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फतेहपुर, 22 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने एमएसएमई मंत्री राकेश सचान को फतेहपुर में 72 भूखंडों का आवंटन रद्द कर दिया है।

प्लॉट 11 साल पहले सपा शासन के दौरान आवंटित किए गए थे जब सचान जिले से सपा सांसद थे।

मंगलवार को जिला उद्योग बंधु की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पारित कर सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया।

महाप्रबंधक (उद्योग) अजिनेश कुमार सिंह ने 2012-2013 में सचान, उनके एनजीओ अभिनव सेवा संस्थान और सीमा शिक्षण संस्थान को आवंटन रद्द करने का प्रस्ताव रखा।

सिंह ने कहा कि पात्र लोगों को फिर से भूखंड आवंटित किए जाएंगे और विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि जिस उद्देश्य के लिए जमीन मांगी गई है, उसका उपयोग किया जाए।

आवंटन तब पाए गए जब उद्योग और एमएसएमई विभाग ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले पूरे उत्तर प्रदेश में औद्योगिक एस्टेट में खाली जमीन की तलाश की।

छोटे व्यवसायों का समर्थन करनेवाली उद्यमियों की एक संस्था लघु उद्योग भारती ने 11 फरवरी को सचान को भूखंडों के आवंटन के बारे में सरकार से शिकायत की थी।

इस निकाय के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने कहा कि सबसे पिछड़े जिलों में से एक फतेहपुर का औद्योगीकरण प्राथमिकता होनी चाहिए।

सचान ने अपनी ओर से कहा था कि उन्हें और गैर सरकारी संगठनों को सरकार की नीति के अनुरूप शिक्षण संस्थान स्थापित करने के लिए जमीन आवंटित की गई थी।

उन्होंने कहा, स्कूल स्थापित नहीं किए गए थे क्योंकि क्षेत्र का विकास नहीं हुआ था और उद्योग नहीं आ रहे थे। मैंने उद्योगों और एमएसएमई विभाग को औपचारिक रूप से भूखंड वापस कर दिए हैं।

लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्होंने और उनके एनजीओ ने कुल लागत का 10 प्रतिशत न्यूनतम आवंटन शुल्क के रूप में क्यों नहीं जमा कराया।

–आईएएनएस

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फतेहपुर, 22 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने एमएसएमई मंत्री राकेश सचान को फतेहपुर में 72 भूखंडों का आवंटन रद्द कर दिया है।

प्लॉट 11 साल पहले सपा शासन के दौरान आवंटित किए गए थे जब सचान जिले से सपा सांसद थे।

मंगलवार को जिला उद्योग बंधु की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पारित कर सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया।

महाप्रबंधक (उद्योग) अजिनेश कुमार सिंह ने 2012-2013 में सचान, उनके एनजीओ अभिनव सेवा संस्थान और सीमा शिक्षण संस्थान को आवंटन रद्द करने का प्रस्ताव रखा।

सिंह ने कहा कि पात्र लोगों को फिर से भूखंड आवंटित किए जाएंगे और विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि जिस उद्देश्य के लिए जमीन मांगी गई है, उसका उपयोग किया जाए।

आवंटन तब पाए गए जब उद्योग और एमएसएमई विभाग ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले पूरे उत्तर प्रदेश में औद्योगिक एस्टेट में खाली जमीन की तलाश की।

छोटे व्यवसायों का समर्थन करनेवाली उद्यमियों की एक संस्था लघु उद्योग भारती ने 11 फरवरी को सचान को भूखंडों के आवंटन के बारे में सरकार से शिकायत की थी।

इस निकाय के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने कहा कि सबसे पिछड़े जिलों में से एक फतेहपुर का औद्योगीकरण प्राथमिकता होनी चाहिए।

सचान ने अपनी ओर से कहा था कि उन्हें और गैर सरकारी संगठनों को सरकार की नीति के अनुरूप शिक्षण संस्थान स्थापित करने के लिए जमीन आवंटित की गई थी।

उन्होंने कहा, स्कूल स्थापित नहीं किए गए थे क्योंकि क्षेत्र का विकास नहीं हुआ था और उद्योग नहीं आ रहे थे। मैंने उद्योगों और एमएसएमई विभाग को औपचारिक रूप से भूखंड वापस कर दिए हैं।

लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्होंने और उनके एनजीओ ने कुल लागत का 10 प्रतिशत न्यूनतम आवंटन शुल्क के रूप में क्यों नहीं जमा कराया।

–आईएएनएस

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फतेहपुर, 22 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने एमएसएमई मंत्री राकेश सचान को फतेहपुर में 72 भूखंडों का आवंटन रद्द कर दिया है।

प्लॉट 11 साल पहले सपा शासन के दौरान आवंटित किए गए थे जब सचान जिले से सपा सांसद थे।

मंगलवार को जिला उद्योग बंधु की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पारित कर सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया।

महाप्रबंधक (उद्योग) अजिनेश कुमार सिंह ने 2012-2013 में सचान, उनके एनजीओ अभिनव सेवा संस्थान और सीमा शिक्षण संस्थान को आवंटन रद्द करने का प्रस्ताव रखा।

सिंह ने कहा कि पात्र लोगों को फिर से भूखंड आवंटित किए जाएंगे और विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि जिस उद्देश्य के लिए जमीन मांगी गई है, उसका उपयोग किया जाए।

आवंटन तब पाए गए जब उद्योग और एमएसएमई विभाग ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले पूरे उत्तर प्रदेश में औद्योगिक एस्टेट में खाली जमीन की तलाश की।

छोटे व्यवसायों का समर्थन करनेवाली उद्यमियों की एक संस्था लघु उद्योग भारती ने 11 फरवरी को सचान को भूखंडों के आवंटन के बारे में सरकार से शिकायत की थी।

इस निकाय के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने कहा कि सबसे पिछड़े जिलों में से एक फतेहपुर का औद्योगीकरण प्राथमिकता होनी चाहिए।

सचान ने अपनी ओर से कहा था कि उन्हें और गैर सरकारी संगठनों को सरकार की नीति के अनुरूप शिक्षण संस्थान स्थापित करने के लिए जमीन आवंटित की गई थी।

उन्होंने कहा, स्कूल स्थापित नहीं किए गए थे क्योंकि क्षेत्र का विकास नहीं हुआ था और उद्योग नहीं आ रहे थे। मैंने उद्योगों और एमएसएमई विभाग को औपचारिक रूप से भूखंड वापस कर दिए हैं।

लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्होंने और उनके एनजीओ ने कुल लागत का 10 प्रतिशत न्यूनतम आवंटन शुल्क के रूप में क्यों नहीं जमा कराया।

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