मुंबई, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईईएलआईटी) और महाराष्ट्र सरकार ने स्वचालन और रोबोटिक्स के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और महाराष्ट्र के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल उपस्थित थे।
एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि अश्विनी वैष्णव ने रेलवे और आईटी में कई उत्कृष्ट कार्य किए हैं। यह समझौता ज्ञापन महाराष्ट्र में तकनीकी शिक्षा को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में 9 पॉलिटेक्निक संस्थान स्थापित किए गए हैं और सरकारी क्षेत्र में 43 पॉलिटेक्निक हैं, जबकि 300 प्राइवेट पॉलिटेक्निक संस्थान भी कार्यरत हैं।
पाटिल ने कहा कि केंद्र से मिली सहायता के माध्यम से इन संस्थानों का बड़ा विस्तार किया गया है, जिससे तकनीकी शिक्षा का स्तर और भी ऊंचा हुआ है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एनआईईएलआईटी और महाराष्ट्र सरकार के बीच यह समझौता स्वचालन और रोबोटिक्स के क्षेत्र में नए अवसरों का सृजन करेगा और छात्रों को नवीनतम तकनीकों के साथ जुड़ने का मौका देगा।
वहीं, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि चंद्रकांत दादा पाटिल इस एमओयू के एक प्रेरणास्त्रोत हैं। उन्होंने उस कौशल की कल्पना की है जिनकी युवाओं को आवश्यकता है, और इसलिए आज यह एमओयू हो रहा है। महाराष्ट्र में उद्योग पिछले 150-200 वर्षों से अस्तित्व में हैं, लेकिन अब यह क्षेत्र बदल रहा है। राज्य सरकार ने इस दिशा में कार्य किया है कि युवाओं को किस कौशल की आवश्यकता है और उन्हें कौन सी तकनीक चाहिए।
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इसमें प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति का भी लाभ हुआ है। यह नीति टेक्नोलॉजी और शिक्षा के क्षेत्र में एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है।
उन्होंने जोर दिया कि तकनीक और नई शिक्षा नीति एक साथ आकर काम कर रहे हैं, जिससे युवाओं को उनके करियर में आवश्यक कौशल और तकनीकी ज्ञान प्राप्त होगा। देश की आईटी इंडस्ट्री का उपयोग युवा कर सकते हैं। यह न केवल उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें अपनी क्षमताओं को और बढ़ाने का मौका भी देगा।
उम्मीद जताई जा रही है कि इस समझौते से छात्रों और पेशेवरों को स्वचालन और रोबोटिक्स के क्षेत्र में उन्नत प्रशिक्षण प्राप्त होगा, जिससे वह भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकेंगे। यह पहल महाराष्ट्र की तकनीकी शिक्षा को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
–आईएएनएस
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