नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपनी किताब ‘अनलिश्ड’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है। पीएम मोदी से पहली मुलाकात का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा है कि उनमें विचित्र तरह की अलौकिक ऊर्जा है। इस पर भारत के पूर्व राजदूत अशोक सज्जनहार ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि बोरिस जॉनसन ने अपनी किताब में पीएम मोदी को लेकर ढेर सारी बातों का जिक्र किया है।
अशोक सज्जनहार ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि बोरिस जॉनसन ने ‘अनलिश्ड’ में अपनी भारत यात्रा का जिक्र भी किया है। उन्होंने बताया है कि जब जॉनसन भारत आए थे तो पीएम मोदी से मिलने के लिए काफी उत्सुक थे। तब उनके विदेश मंत्रालय ने उन्हें मिलने से मना कर दिया था। ब्रिटिश अधिकारियों ने कहा था कि वह हिंदू राष्ट्रवादी हैं। आपको उनसे नहीं मिलना चाहिए। तब वह पीएम मोदी से नहीं मिले। लेकिन बाद में जब वह आए और पीएम मोदी से मिले तो काफी प्रभावित हुए। तब उन्हें लगा कि उनके पास कोई अलौकिक शक्ति है।
उन्होंने कहा कि उसके बाद हमने देखा है कि पीएम मोदी और पीएम बोरिस जॉनसन के बीच रिश्ते बहुत अच्छे हो गए। फिर दोनों के बीच हर मुद्दे पर अच्छी बातचीत हुई। उसके बाद दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर भी बात हुई। उन्होंने घोषणा की कि मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। फिर वह भारत के साथ संबंधों को लेकर बहुत सकारात्मक हो गए। पीएम मोदी के उन पर प्रभाव डालने के बाद ही दोनों देशों के बीच संबंध बहुत तेजी से मधुर हुए।
वरिष्ठ पत्रकार और भू-राजनीतिक विशेषज्ञ फरीद जकारिया ने कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध में पीएम मोदी एक मूल्यवान मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं। इस पर पूर्व राजदूत ने कहा कि जकारिया बिल्कुल सही कह रहे हैं। पूरी दुनिया में सिर्फ दो ही ऐसे लोग हैं जो रूस और यूक्रेन दोनों के नेताओं से बात कर सकते हैं। एक हैं तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगन और दूसरे हैं पीएम मोदी। इन दोनों के अलावा कोई तीसरा बड़ा नेता नहीं है जो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से बात कर सके।
पीएम मोदी हमेशा कहते हैं कि ‘सबका साथ, सबका विकास’। हाल ही में कोविड को देखें तो पूरी दुनिया में पीएम मोदी की तारीफ हुई। इस पर पूर्व राजदूत ने कहा कि पीएम मोदी ने इस नारे से शुरुआत की कि भारत में हम जो नीतियां अपनाएंगे, उससे सबका विकास होगा। लेकिन उन्होंने फिर इन चीजों को ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का नाम दिया। याद होगा कि साल 2014 में जब वह पहली बार संयुक्त राष्ट्र की महासभा में गए थे, तब उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि भारत का मूल तत्व यह है कि हम पूरी दुनिया को एक परिवार मानते हैं।
उन्होंने कहा कि जब कोविड का समय आया तो विकसित देशों ने अपनी बनाई वैक्सीन विकासशील देशों को नहीं दी। भारत ने 100 से अधिक देशों को करीब 30 करोड़ डोज दी – वह भी मुफ्त में। इसलिए पूरी दुनिया में जिन लोगों ने भी भारत से वैक्सीन ली है, वे भारत को अपनी ताकत मानते हैं। जब भारत अपने नागरिकों को वैक्सीन लगा रहा था, तब भारत ने इन सभी देशों को मुफ्त में वैक्सीन दी।
फरीद जकारिया ने यह भी कहा कि पीएम मोदी वैश्विक मंच पर रचनात्मक भूमिका निभा सकते हैं और बड़े देशों के नेता भी उनकी प्रशंसा करेंगे। इस पर पूर्व राजदूत ने कहा कि जकारिया ने सही बात कही है। मेरा मानना है कि आज वैश्विक मंच पर जो युद्ध हो रहे हैं, खास तौर पर दक्षिण के देशों में जो युद्ध हो रहे हैं, उनसे उन देशों को काफी नुकसान हो रहा है। इस दौर में भारत और पीएम मोदी पसंद के साझेदार बन गए हैं। सभी देश भारत से दोस्ती करना चाहते हैं। भारत एक विश्व मित्र के रूप में उभरा है।
–आईएएनएस
आरके/एकेजे