नई दिल्ली,13 अक्टूबर (आईएएनएस)। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बयान देकर हलचल तेज कर दी है। चढूनी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार की वजह भूपेंद्र सिंह हुड्डा को माना है।
चढूनी के बयान पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा कि जो लोग भाजपा पर आरोप लगा रहे थे और पीएम मोदी पर हमला कर रहे थे, उनकी आज पोल खुल गई है। इनका कहीं भी ईमानदारी से कोई मतलब नहीं था। इनका मतलब केवल केंद्र सरकार पर निशाना साधने का था। मोदी सरकार किसानों की हितैषी रही है। स्वार्थपूर्ण नेताओं को हरियाणा की जनता ने सबक सिखाने का काम किया है। किसानों को समझना चाहिए कि किस प्रकार से किसानों का इस्तेमाल यह कांग्रेस पार्टी कर रही है। यह सच्चाई अब सामने आ चुकी है।
वहीं कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस को हुड्डा की वजह से हार नहीं मिली है। बल्कि चुनाव आयोग और ईवीएम की वजह से कांग्रेस हारी है। मैं बार-बार कहता आया हूं कि ईवीएम जब तक रहेगी भाजपा ही जीतती रहेगी। यही काम हरियाणा के अंदर हुआ है। कांग्रेस हमेशा किसानों के साथ खड़ी रही है। अगर देश के अंदर 70-72 हजार करोड़ रुपये किसानों का किसी ने माफ किया है तो वह कांग्रेस पार्टी ने किया है। किसी दूसरी पार्टी ने ऐसा नहीं किया है। इसलिए इस तरीके के इस तरह के बयान देना ठीक नहीं है।
किसान नेता और संयुक्त संघर्ष पार्टी के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने हरियाणा में कांग्रेस की हार के पीछे भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले ही उन्होंने चेतावनी दी थी कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस का नाश करेंगे और अब यह सच साबित हो गया है। हमें लोकसभा चुनाव में एक टिकट देने का वादा किया गया था, लेकिन बाद में भूपेंद्र सिंह मुकर गए। अगर वह अभय चौटाला के साथ समझौता करते और एक टिकट देते, तो उनकी पार्टी को हरियाणा में 9 सीटें मिल सकती थी। कांग्रेस हाईकमान से मैं अपील करूंगा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष न बनाएं। पिछले दस सालों में भूपेंद्र सिंह ने विपक्ष की भूमिका नहीं निभाई, जबकि किसान यूनियन ने यह भूमिका निभाई है।
–आईएएनएस
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