नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश को तीन अनूठे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस केंद्र मिलने जा रहे हैं। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) केंद्र, देशवासियों की स्वास्थ्य देखभाल, कृषि और शहरों से जुड़े विषयों पर आधारित हैं। ‘विकसित भारत’ अभियान को साकार करने के लिए ये तीनों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस केंद्र, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की एक पहल है।
ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस केंद्र, उच्च शिक्षण संस्थानों के अंतर्गत काम करेंगे। भारत में एआई को बढ़ावा देने और भारत के लिए एआई को कारगर बनाने के दृष्टिकोण के तहत, इन केंद्रों की स्थापना की घोषणा 2023-24 के बजट घोषणा के पैरा 60 के तहत की गई थी। जिसके अनुरूप, सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28 की अवधि के दौरान 990.00 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय व्यय के साथ तीन एआई उत्कृष्टता केंद्रों के निर्माण को मंजूरी दी है।
तीनों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उत्कृष्टता केंद्रों का शुभारंभ केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मंगलवार को नई दिल्ली में करेंगे। ये केंद्र स्वास्थ्य देखभाल, कृषि और स्थाई शहरों से जुड़े विषयों पर हैं। ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) पर आधारित इन तीनों उत्कृष्टता केंद्रों को शुरू किया जा रहा है। इनका नेतृत्व उद्योग जगत के भागीदारों और स्टार्टअप के साथ मिलकर शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों द्वारा किया जाएगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि इन तीनों क्षेत्रों में अनुसंधान, अत्याधुनिक अनुप्रयोग का विकास और उपयुक्त समाधान तकनीकों के विकास शामिल हैं। इस पहल का उद्देश्य एक प्रभावी एआई तंत्र को सक्रिय करना और इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधनों का पोषण करना है। इस पहल के कार्यान्वयन की देखरेख के लिए एक शीर्ष समिति का गठन किया गया है। इस समिति की सह-अध्यक्षता ज़ोहो कॉर्पोरेशन के संस्थापक और सीईओ डॉ. श्रीधर वेम्बू करेंगे।
–आईएएनएस
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