नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। चुनाव आयोग ने मंगलवार को महाराष्ट्र और झारखंड में चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया। इसके बाद दोनों राज्यों में चुनावी माहौल गरम हो गया है। भाजपा नेता तरुण चुघ ने दोनों राज्यों में पार्टी की जीत का दावा किया है।
तरुण चुघ ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “महाराष्ट्र और झारखंड में चुनावों की घोषणा हो चुकी है। लोकतंत्र में चुनाव एक उत्सव की तरह होते हैं, और इस बार भाजपा के नेतृत्व में एनडीए, दोनों राज्यों में नई सरकार बनाने जा रही है।”
इसके बाद उन्होंने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “झारखंड की जनता हेमंत सोरेन की दमनकारी नीति, भ्रष्टाचार और अत्याचार से त्रस्त हो चुकी है। पिछले कार्यकाल में उनकी सरकार ने जनता की उम्मीदों पर पानी फेरने का काम किया है। इस चुनाव में झारखंड के लोग कमल का फूल चुनेंगे और भाजपा की सरकार बनाएंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “महाराष्ट्र में भी स्थिति इसी तरह की है, जहां जनता भाजपा और एनडीए की स्थायी और विकासात्मक नीतियों की ओर रुख कर रही है। सभी उपचुनावों में जनता प्रधानमंत्री जी की नीति और दृष्टिकोण को समर्थन देने के लिए तैयार है। हमें पूरा विश्वास है कि इन चुनावों में भाजपा को व्यापक समर्थन मिलेगा और हम एक बार फिर से अपनी सरकार बनाने में सफल होंगे। हमारा उद्देश्य सिर्फ चुनाव जीतना नहीं है, बल्कि जनता का विश्वास जीतना और उनकी समस्याओं का समाधान करना भी है। दोनों राज्यों में, एनडीए की सरकारें जनता के विकास और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध होंगी।”
इसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर हमलावर होते हुए कहा, “गलत जनविरोधी और राष्ट्रविरोधी नीतियों के साथ ही भ्रष्टाचार को संस्थागत बनाने के कारण राहुल गांधी और कांग्रेस बार-बार चुनावों में हार का सामना कर रहे हैं। राहुल गांधी की लगभग 15 बार राजनीतिक लॉन्चिंग असफल हो चुकी है, लेकिन उनकी हार का मुख्य कारण स्वीकार करने की बजाय वह हार के लिए ईवीएम या अन्य कारकों को दोष देने का प्रयास कर रहे हैं। यह कांग्रेस पार्टी की निरंतर विफलता का संकेत है। कांग्रेस को आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है कि क्यों जनता उनके विचारों से असंतुष्ट है। पार्टी की “टुकड़े-टुकड़े गैंग” की सोच, आतंकवादियों को महिमामंडित करने की प्रवृत्ति, और देश को जाति-धर्म के आधार पर बांटने की नीति ने जनता को त्रस्त कर दिया है। जनता अब इस तरह की विभाजनकारी राजनीति से घृणा करती है और उन्होंने चुनावों में इसका सबक सिखाया है।”
उन्होंने आगे कहा, “कांग्रेस को अपने दृष्टिकोण में सुधार करने की आवश्यकता है। उन्हें यह समझना होगा कि यदि वे अपनी गलतियों से नहीं सीखते हैं, तो जनता उन्हें और अधिक गंभीरता से नहीं लेगी। सुधार, आत्ममंथन और जनता के प्रति संवेदनशीलता ही कांग्रेस को एक नई दिशा दे सकती है।”
–आईएएनएस
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