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Home ताज़ा समाचार

गंगा और हुगली नदी पर 1,200 किलोमीटर की यात्रा करेंगे कैडेट

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October 20, 2024
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। गणतंत्र दिवस शिविर-2025 के लिए 500 से अधिक कैडेट गंगा और हुगली नदी के किनारे 1,200 किलोमीटर की यात्रा पर निकलेंगे। अपने आप में यह एक नई पहल है। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) इस विशेष नौकायन अभियान को अंजाम देगा। एनसीसी के इससे संबंधित अभियान विभिन्न माध्यमों से अगले वर्ष आने वाले गणतंत्र दिवस शिविर 2025 तक जारी रहेंगे। नौकायन अभियान में पूरे भारत से 528 नौसेना विंग के कैडेट शामिल होंगे, जो इस दौरान नौकायन करेंगे। राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडेट इस विशेष नौकायन अभियान के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से होकर गंगा और हुगली नदी पर जाएंगे।

इस दौरान राष्ट्रीय कैडेट कोर का यह नौकायन अभियान विभिन्न नदियों से होते हुए लगभग 1,200 किलोमीटर का सफर तय करेगा। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह विशेष नौकायन अभियान ‘भारतीय नदिया-संस्कृतियों की जननी’ विषय पर आधारित है। नौकायन अभियान का यह कार्यक्रम 21 अक्टूबर, 2024 को उत्तर प्रदेश में कानपुर से शुरू किया जाएगा। 1200 किलोमीटर लंबी यात्रा तय करने के उपरांत, नौकायन अभियान 20 दिसंबर, 2024 को कोलकाता में समाप्त होगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस अग्रणी अभियान का उद्देश्य युवाओं को रोमांच और सेना की वर्दी के जरिए सेवा के लिए प्रेरित करना है। अपने इस अभियान के जरिए ये कैडेट भारत की समृद्ध समुद्री परंपराओं का जश्न भी मनाएंगे। छह चरणों वाले इस आयोजन में सभी राज्य निदेशालयों का प्रतिनिधित्व करने वाले कैडेट भाग लेंगे। उनके साथ लगभग 40 एसोसिएट एनसीसी अधिकारी भी होंगे।

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अभियान के प्रमुख चरणों में पहला चरण कानपुर से प्रयागराज 260 किलोमीटर का होगा। द्वितीय चरण प्रयागराज से वाराणसी 205 किमी है। तीसरा चरण वाराणसी से बक्सर 150 किलोमीटर है। चौथा चरण बक्सर से पटना 150 किलोमीटर, पांचवा चरण पटना से फरक्का के बीच 230 किलोमीटर का है। छठा व अंतिम चरण फरक्का से कोलकाता 205 किलोमीटर का है। इस यात्रा के दौरान, कैडेट स्थानीय एनसीसी समूहों के साथ जुड़ेंगे और नदी तटों की सफाई और प्लास्टिक कचरे को कम करके ‘स्वच्छ भारत’ पहल में योगदान देंगे। वे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘नुक्कड़ नाटक’ भी करेंगे।

–आईएएनएस

जीसीबी/एएस

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नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। गणतंत्र दिवस शिविर-2025 के लिए 500 से अधिक कैडेट गंगा और हुगली नदी के किनारे 1,200 किलोमीटर की यात्रा पर निकलेंगे। अपने आप में यह एक नई पहल है। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) इस विशेष नौकायन अभियान को अंजाम देगा। एनसीसी के इससे संबंधित अभियान विभिन्न माध्यमों से अगले वर्ष आने वाले गणतंत्र दिवस शिविर 2025 तक जारी रहेंगे। नौकायन अभियान में पूरे भारत से 528 नौसेना विंग के कैडेट शामिल होंगे, जो इस दौरान नौकायन करेंगे। राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडेट इस विशेष नौकायन अभियान के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से होकर गंगा और हुगली नदी पर जाएंगे।

इस दौरान राष्ट्रीय कैडेट कोर का यह नौकायन अभियान विभिन्न नदियों से होते हुए लगभग 1,200 किलोमीटर का सफर तय करेगा। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह विशेष नौकायन अभियान ‘भारतीय नदिया-संस्कृतियों की जननी’ विषय पर आधारित है। नौकायन अभियान का यह कार्यक्रम 21 अक्टूबर, 2024 को उत्तर प्रदेश में कानपुर से शुरू किया जाएगा। 1200 किलोमीटर लंबी यात्रा तय करने के उपरांत, नौकायन अभियान 20 दिसंबर, 2024 को कोलकाता में समाप्त होगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस अग्रणी अभियान का उद्देश्य युवाओं को रोमांच और सेना की वर्दी के जरिए सेवा के लिए प्रेरित करना है। अपने इस अभियान के जरिए ये कैडेट भारत की समृद्ध समुद्री परंपराओं का जश्न भी मनाएंगे। छह चरणों वाले इस आयोजन में सभी राज्य निदेशालयों का प्रतिनिधित्व करने वाले कैडेट भाग लेंगे। उनके साथ लगभग 40 एसोसिएट एनसीसी अधिकारी भी होंगे।

अभियान के प्रमुख चरणों में पहला चरण कानपुर से प्रयागराज 260 किलोमीटर का होगा। द्वितीय चरण प्रयागराज से वाराणसी 205 किमी है। तीसरा चरण वाराणसी से बक्सर 150 किलोमीटर है। चौथा चरण बक्सर से पटना 150 किलोमीटर, पांचवा चरण पटना से फरक्का के बीच 230 किलोमीटर का है। छठा व अंतिम चरण फरक्का से कोलकाता 205 किलोमीटर का है। इस यात्रा के दौरान, कैडेट स्थानीय एनसीसी समूहों के साथ जुड़ेंगे और नदी तटों की सफाई और प्लास्टिक कचरे को कम करके ‘स्वच्छ भारत’ पहल में योगदान देंगे। वे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘नुक्कड़ नाटक’ भी करेंगे।

–आईएएनएस

जीसीबी/एएस

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नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। गणतंत्र दिवस शिविर-2025 के लिए 500 से अधिक कैडेट गंगा और हुगली नदी के किनारे 1,200 किलोमीटर की यात्रा पर निकलेंगे। अपने आप में यह एक नई पहल है। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) इस विशेष नौकायन अभियान को अंजाम देगा। एनसीसी के इससे संबंधित अभियान विभिन्न माध्यमों से अगले वर्ष आने वाले गणतंत्र दिवस शिविर 2025 तक जारी रहेंगे। नौकायन अभियान में पूरे भारत से 528 नौसेना विंग के कैडेट शामिल होंगे, जो इस दौरान नौकायन करेंगे। राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडेट इस विशेष नौकायन अभियान के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से होकर गंगा और हुगली नदी पर जाएंगे।

इस दौरान राष्ट्रीय कैडेट कोर का यह नौकायन अभियान विभिन्न नदियों से होते हुए लगभग 1,200 किलोमीटर का सफर तय करेगा। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह विशेष नौकायन अभियान ‘भारतीय नदिया-संस्कृतियों की जननी’ विषय पर आधारित है। नौकायन अभियान का यह कार्यक्रम 21 अक्टूबर, 2024 को उत्तर प्रदेश में कानपुर से शुरू किया जाएगा। 1200 किलोमीटर लंबी यात्रा तय करने के उपरांत, नौकायन अभियान 20 दिसंबर, 2024 को कोलकाता में समाप्त होगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस अग्रणी अभियान का उद्देश्य युवाओं को रोमांच और सेना की वर्दी के जरिए सेवा के लिए प्रेरित करना है। अपने इस अभियान के जरिए ये कैडेट भारत की समृद्ध समुद्री परंपराओं का जश्न भी मनाएंगे। छह चरणों वाले इस आयोजन में सभी राज्य निदेशालयों का प्रतिनिधित्व करने वाले कैडेट भाग लेंगे। उनके साथ लगभग 40 एसोसिएट एनसीसी अधिकारी भी होंगे।

अभियान के प्रमुख चरणों में पहला चरण कानपुर से प्रयागराज 260 किलोमीटर का होगा। द्वितीय चरण प्रयागराज से वाराणसी 205 किमी है। तीसरा चरण वाराणसी से बक्सर 150 किलोमीटर है। चौथा चरण बक्सर से पटना 150 किलोमीटर, पांचवा चरण पटना से फरक्का के बीच 230 किलोमीटर का है। छठा व अंतिम चरण फरक्का से कोलकाता 205 किलोमीटर का है। इस यात्रा के दौरान, कैडेट स्थानीय एनसीसी समूहों के साथ जुड़ेंगे और नदी तटों की सफाई और प्लास्टिक कचरे को कम करके ‘स्वच्छ भारत’ पहल में योगदान देंगे। वे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘नुक्कड़ नाटक’ भी करेंगे।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। गणतंत्र दिवस शिविर-2025 के लिए 500 से अधिक कैडेट गंगा और हुगली नदी के किनारे 1,200 किलोमीटर की यात्रा पर निकलेंगे। अपने आप में यह एक नई पहल है। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) इस विशेष नौकायन अभियान को अंजाम देगा। एनसीसी के इससे संबंधित अभियान विभिन्न माध्यमों से अगले वर्ष आने वाले गणतंत्र दिवस शिविर 2025 तक जारी रहेंगे। नौकायन अभियान में पूरे भारत से 528 नौसेना विंग के कैडेट शामिल होंगे, जो इस दौरान नौकायन करेंगे। राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडेट इस विशेष नौकायन अभियान के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से होकर गंगा और हुगली नदी पर जाएंगे।

इस दौरान राष्ट्रीय कैडेट कोर का यह नौकायन अभियान विभिन्न नदियों से होते हुए लगभग 1,200 किलोमीटर का सफर तय करेगा। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह विशेष नौकायन अभियान ‘भारतीय नदिया-संस्कृतियों की जननी’ विषय पर आधारित है। नौकायन अभियान का यह कार्यक्रम 21 अक्टूबर, 2024 को उत्तर प्रदेश में कानपुर से शुरू किया जाएगा। 1200 किलोमीटर लंबी यात्रा तय करने के उपरांत, नौकायन अभियान 20 दिसंबर, 2024 को कोलकाता में समाप्त होगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस अग्रणी अभियान का उद्देश्य युवाओं को रोमांच और सेना की वर्दी के जरिए सेवा के लिए प्रेरित करना है। अपने इस अभियान के जरिए ये कैडेट भारत की समृद्ध समुद्री परंपराओं का जश्न भी मनाएंगे। छह चरणों वाले इस आयोजन में सभी राज्य निदेशालयों का प्रतिनिधित्व करने वाले कैडेट भाग लेंगे। उनके साथ लगभग 40 एसोसिएट एनसीसी अधिकारी भी होंगे।

अभियान के प्रमुख चरणों में पहला चरण कानपुर से प्रयागराज 260 किलोमीटर का होगा। द्वितीय चरण प्रयागराज से वाराणसी 205 किमी है। तीसरा चरण वाराणसी से बक्सर 150 किलोमीटर है। चौथा चरण बक्सर से पटना 150 किलोमीटर, पांचवा चरण पटना से फरक्का के बीच 230 किलोमीटर का है। छठा व अंतिम चरण फरक्का से कोलकाता 205 किलोमीटर का है। इस यात्रा के दौरान, कैडेट स्थानीय एनसीसी समूहों के साथ जुड़ेंगे और नदी तटों की सफाई और प्लास्टिक कचरे को कम करके ‘स्वच्छ भारत’ पहल में योगदान देंगे। वे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘नुक्कड़ नाटक’ भी करेंगे।

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नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। गणतंत्र दिवस शिविर-2025 के लिए 500 से अधिक कैडेट गंगा और हुगली नदी के किनारे 1,200 किलोमीटर की यात्रा पर निकलेंगे। अपने आप में यह एक नई पहल है। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) इस विशेष नौकायन अभियान को अंजाम देगा। एनसीसी के इससे संबंधित अभियान विभिन्न माध्यमों से अगले वर्ष आने वाले गणतंत्र दिवस शिविर 2025 तक जारी रहेंगे। नौकायन अभियान में पूरे भारत से 528 नौसेना विंग के कैडेट शामिल होंगे, जो इस दौरान नौकायन करेंगे। राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडेट इस विशेष नौकायन अभियान के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से होकर गंगा और हुगली नदी पर जाएंगे।

इस दौरान राष्ट्रीय कैडेट कोर का यह नौकायन अभियान विभिन्न नदियों से होते हुए लगभग 1,200 किलोमीटर का सफर तय करेगा। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह विशेष नौकायन अभियान ‘भारतीय नदिया-संस्कृतियों की जननी’ विषय पर आधारित है। नौकायन अभियान का यह कार्यक्रम 21 अक्टूबर, 2024 को उत्तर प्रदेश में कानपुर से शुरू किया जाएगा। 1200 किलोमीटर लंबी यात्रा तय करने के उपरांत, नौकायन अभियान 20 दिसंबर, 2024 को कोलकाता में समाप्त होगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस अग्रणी अभियान का उद्देश्य युवाओं को रोमांच और सेना की वर्दी के जरिए सेवा के लिए प्रेरित करना है। अपने इस अभियान के जरिए ये कैडेट भारत की समृद्ध समुद्री परंपराओं का जश्न भी मनाएंगे। छह चरणों वाले इस आयोजन में सभी राज्य निदेशालयों का प्रतिनिधित्व करने वाले कैडेट भाग लेंगे। उनके साथ लगभग 40 एसोसिएट एनसीसी अधिकारी भी होंगे।

अभियान के प्रमुख चरणों में पहला चरण कानपुर से प्रयागराज 260 किलोमीटर का होगा। द्वितीय चरण प्रयागराज से वाराणसी 205 किमी है। तीसरा चरण वाराणसी से बक्सर 150 किलोमीटर है। चौथा चरण बक्सर से पटना 150 किलोमीटर, पांचवा चरण पटना से फरक्का के बीच 230 किलोमीटर का है। छठा व अंतिम चरण फरक्का से कोलकाता 205 किलोमीटर का है। इस यात्रा के दौरान, कैडेट स्थानीय एनसीसी समूहों के साथ जुड़ेंगे और नदी तटों की सफाई और प्लास्टिक कचरे को कम करके ‘स्वच्छ भारत’ पहल में योगदान देंगे। वे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘नुक्कड़ नाटक’ भी करेंगे।

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इस दौरान राष्ट्रीय कैडेट कोर का यह नौकायन अभियान विभिन्न नदियों से होते हुए लगभग 1,200 किलोमीटर का सफर तय करेगा। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह विशेष नौकायन अभियान ‘भारतीय नदिया-संस्कृतियों की जननी’ विषय पर आधारित है। नौकायन अभियान का यह कार्यक्रम 21 अक्टूबर, 2024 को उत्तर प्रदेश में कानपुर से शुरू किया जाएगा। 1200 किलोमीटर लंबी यात्रा तय करने के उपरांत, नौकायन अभियान 20 दिसंबर, 2024 को कोलकाता में समाप्त होगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस अग्रणी अभियान का उद्देश्य युवाओं को रोमांच और सेना की वर्दी के जरिए सेवा के लिए प्रेरित करना है। अपने इस अभियान के जरिए ये कैडेट भारत की समृद्ध समुद्री परंपराओं का जश्न भी मनाएंगे। छह चरणों वाले इस आयोजन में सभी राज्य निदेशालयों का प्रतिनिधित्व करने वाले कैडेट भाग लेंगे। उनके साथ लगभग 40 एसोसिएट एनसीसी अधिकारी भी होंगे।

अभियान के प्रमुख चरणों में पहला चरण कानपुर से प्रयागराज 260 किलोमीटर का होगा। द्वितीय चरण प्रयागराज से वाराणसी 205 किमी है। तीसरा चरण वाराणसी से बक्सर 150 किलोमीटर है। चौथा चरण बक्सर से पटना 150 किलोमीटर, पांचवा चरण पटना से फरक्का के बीच 230 किलोमीटर का है। छठा व अंतिम चरण फरक्का से कोलकाता 205 किलोमीटर का है। इस यात्रा के दौरान, कैडेट स्थानीय एनसीसी समूहों के साथ जुड़ेंगे और नदी तटों की सफाई और प्लास्टिक कचरे को कम करके ‘स्वच्छ भारत’ पहल में योगदान देंगे। वे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘नुक्कड़ नाटक’ भी करेंगे।

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इस दौरान राष्ट्रीय कैडेट कोर का यह नौकायन अभियान विभिन्न नदियों से होते हुए लगभग 1,200 किलोमीटर का सफर तय करेगा। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह विशेष नौकायन अभियान ‘भारतीय नदिया-संस्कृतियों की जननी’ विषय पर आधारित है। नौकायन अभियान का यह कार्यक्रम 21 अक्टूबर, 2024 को उत्तर प्रदेश में कानपुर से शुरू किया जाएगा। 1200 किलोमीटर लंबी यात्रा तय करने के उपरांत, नौकायन अभियान 20 दिसंबर, 2024 को कोलकाता में समाप्त होगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस अग्रणी अभियान का उद्देश्य युवाओं को रोमांच और सेना की वर्दी के जरिए सेवा के लिए प्रेरित करना है। अपने इस अभियान के जरिए ये कैडेट भारत की समृद्ध समुद्री परंपराओं का जश्न भी मनाएंगे। छह चरणों वाले इस आयोजन में सभी राज्य निदेशालयों का प्रतिनिधित्व करने वाले कैडेट भाग लेंगे। उनके साथ लगभग 40 एसोसिएट एनसीसी अधिकारी भी होंगे।

अभियान के प्रमुख चरणों में पहला चरण कानपुर से प्रयागराज 260 किलोमीटर का होगा। द्वितीय चरण प्रयागराज से वाराणसी 205 किमी है। तीसरा चरण वाराणसी से बक्सर 150 किलोमीटर है। चौथा चरण बक्सर से पटना 150 किलोमीटर, पांचवा चरण पटना से फरक्का के बीच 230 किलोमीटर का है। छठा व अंतिम चरण फरक्का से कोलकाता 205 किलोमीटर का है। इस यात्रा के दौरान, कैडेट स्थानीय एनसीसी समूहों के साथ जुड़ेंगे और नदी तटों की सफाई और प्लास्टिक कचरे को कम करके ‘स्वच्छ भारत’ पहल में योगदान देंगे। वे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘नुक्कड़ नाटक’ भी करेंगे।

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इस दौरान राष्ट्रीय कैडेट कोर का यह नौकायन अभियान विभिन्न नदियों से होते हुए लगभग 1,200 किलोमीटर का सफर तय करेगा। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह विशेष नौकायन अभियान ‘भारतीय नदिया-संस्कृतियों की जननी’ विषय पर आधारित है। नौकायन अभियान का यह कार्यक्रम 21 अक्टूबर, 2024 को उत्तर प्रदेश में कानपुर से शुरू किया जाएगा। 1200 किलोमीटर लंबी यात्रा तय करने के उपरांत, नौकायन अभियान 20 दिसंबर, 2024 को कोलकाता में समाप्त होगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस अग्रणी अभियान का उद्देश्य युवाओं को रोमांच और सेना की वर्दी के जरिए सेवा के लिए प्रेरित करना है। अपने इस अभियान के जरिए ये कैडेट भारत की समृद्ध समुद्री परंपराओं का जश्न भी मनाएंगे। छह चरणों वाले इस आयोजन में सभी राज्य निदेशालयों का प्रतिनिधित्व करने वाले कैडेट भाग लेंगे। उनके साथ लगभग 40 एसोसिएट एनसीसी अधिकारी भी होंगे।

अभियान के प्रमुख चरणों में पहला चरण कानपुर से प्रयागराज 260 किलोमीटर का होगा। द्वितीय चरण प्रयागराज से वाराणसी 205 किमी है। तीसरा चरण वाराणसी से बक्सर 150 किलोमीटर है। चौथा चरण बक्सर से पटना 150 किलोमीटर, पांचवा चरण पटना से फरक्का के बीच 230 किलोमीटर का है। छठा व अंतिम चरण फरक्का से कोलकाता 205 किलोमीटर का है। इस यात्रा के दौरान, कैडेट स्थानीय एनसीसी समूहों के साथ जुड़ेंगे और नदी तटों की सफाई और प्लास्टिक कचरे को कम करके ‘स्वच्छ भारत’ पहल में योगदान देंगे। वे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘नुक्कड़ नाटक’ भी करेंगे।

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नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। गणतंत्र दिवस शिविर-2025 के लिए 500 से अधिक कैडेट गंगा और हुगली नदी के किनारे 1,200 किलोमीटर की यात्रा पर निकलेंगे। अपने आप में यह एक नई पहल है। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) इस विशेष नौकायन अभियान को अंजाम देगा। एनसीसी के इससे संबंधित अभियान विभिन्न माध्यमों से अगले वर्ष आने वाले गणतंत्र दिवस शिविर 2025 तक जारी रहेंगे। नौकायन अभियान में पूरे भारत से 528 नौसेना विंग के कैडेट शामिल होंगे, जो इस दौरान नौकायन करेंगे। राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडेट इस विशेष नौकायन अभियान के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से होकर गंगा और हुगली नदी पर जाएंगे।

इस दौरान राष्ट्रीय कैडेट कोर का यह नौकायन अभियान विभिन्न नदियों से होते हुए लगभग 1,200 किलोमीटर का सफर तय करेगा। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह विशेष नौकायन अभियान ‘भारतीय नदिया-संस्कृतियों की जननी’ विषय पर आधारित है। नौकायन अभियान का यह कार्यक्रम 21 अक्टूबर, 2024 को उत्तर प्रदेश में कानपुर से शुरू किया जाएगा। 1200 किलोमीटर लंबी यात्रा तय करने के उपरांत, नौकायन अभियान 20 दिसंबर, 2024 को कोलकाता में समाप्त होगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस अग्रणी अभियान का उद्देश्य युवाओं को रोमांच और सेना की वर्दी के जरिए सेवा के लिए प्रेरित करना है। अपने इस अभियान के जरिए ये कैडेट भारत की समृद्ध समुद्री परंपराओं का जश्न भी मनाएंगे। छह चरणों वाले इस आयोजन में सभी राज्य निदेशालयों का प्रतिनिधित्व करने वाले कैडेट भाग लेंगे। उनके साथ लगभग 40 एसोसिएट एनसीसी अधिकारी भी होंगे।

अभियान के प्रमुख चरणों में पहला चरण कानपुर से प्रयागराज 260 किलोमीटर का होगा। द्वितीय चरण प्रयागराज से वाराणसी 205 किमी है। तीसरा चरण वाराणसी से बक्सर 150 किलोमीटर है। चौथा चरण बक्सर से पटना 150 किलोमीटर, पांचवा चरण पटना से फरक्का के बीच 230 किलोमीटर का है। छठा व अंतिम चरण फरक्का से कोलकाता 205 किलोमीटर का है। इस यात्रा के दौरान, कैडेट स्थानीय एनसीसी समूहों के साथ जुड़ेंगे और नदी तटों की सफाई और प्लास्टिक कचरे को कम करके ‘स्वच्छ भारत’ पहल में योगदान देंगे। वे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘नुक्कड़ नाटक’ भी करेंगे।

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नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। गणतंत्र दिवस शिविर-2025 के लिए 500 से अधिक कैडेट गंगा और हुगली नदी के किनारे 1,200 किलोमीटर की यात्रा पर निकलेंगे। अपने आप में यह एक नई पहल है। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) इस विशेष नौकायन अभियान को अंजाम देगा। एनसीसी के इससे संबंधित अभियान विभिन्न माध्यमों से अगले वर्ष आने वाले गणतंत्र दिवस शिविर 2025 तक जारी रहेंगे। नौकायन अभियान में पूरे भारत से 528 नौसेना विंग के कैडेट शामिल होंगे, जो इस दौरान नौकायन करेंगे। राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडेट इस विशेष नौकायन अभियान के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से होकर गंगा और हुगली नदी पर जाएंगे।

इस दौरान राष्ट्रीय कैडेट कोर का यह नौकायन अभियान विभिन्न नदियों से होते हुए लगभग 1,200 किलोमीटर का सफर तय करेगा। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह विशेष नौकायन अभियान ‘भारतीय नदिया-संस्कृतियों की जननी’ विषय पर आधारित है। नौकायन अभियान का यह कार्यक्रम 21 अक्टूबर, 2024 को उत्तर प्रदेश में कानपुर से शुरू किया जाएगा। 1200 किलोमीटर लंबी यात्रा तय करने के उपरांत, नौकायन अभियान 20 दिसंबर, 2024 को कोलकाता में समाप्त होगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस अग्रणी अभियान का उद्देश्य युवाओं को रोमांच और सेना की वर्दी के जरिए सेवा के लिए प्रेरित करना है। अपने इस अभियान के जरिए ये कैडेट भारत की समृद्ध समुद्री परंपराओं का जश्न भी मनाएंगे। छह चरणों वाले इस आयोजन में सभी राज्य निदेशालयों का प्रतिनिधित्व करने वाले कैडेट भाग लेंगे। उनके साथ लगभग 40 एसोसिएट एनसीसी अधिकारी भी होंगे।

अभियान के प्रमुख चरणों में पहला चरण कानपुर से प्रयागराज 260 किलोमीटर का होगा। द्वितीय चरण प्रयागराज से वाराणसी 205 किमी है। तीसरा चरण वाराणसी से बक्सर 150 किलोमीटर है। चौथा चरण बक्सर से पटना 150 किलोमीटर, पांचवा चरण पटना से फरक्का के बीच 230 किलोमीटर का है। छठा व अंतिम चरण फरक्का से कोलकाता 205 किलोमीटर का है। इस यात्रा के दौरान, कैडेट स्थानीय एनसीसी समूहों के साथ जुड़ेंगे और नदी तटों की सफाई और प्लास्टिक कचरे को कम करके ‘स्वच्छ भारत’ पहल में योगदान देंगे। वे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘नुक्कड़ नाटक’ भी करेंगे।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। गणतंत्र दिवस शिविर-2025 के लिए 500 से अधिक कैडेट गंगा और हुगली नदी के किनारे 1,200 किलोमीटर की यात्रा पर निकलेंगे। अपने आप में यह एक नई पहल है। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) इस विशेष नौकायन अभियान को अंजाम देगा। एनसीसी के इससे संबंधित अभियान विभिन्न माध्यमों से अगले वर्ष आने वाले गणतंत्र दिवस शिविर 2025 तक जारी रहेंगे। नौकायन अभियान में पूरे भारत से 528 नौसेना विंग के कैडेट शामिल होंगे, जो इस दौरान नौकायन करेंगे। राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडेट इस विशेष नौकायन अभियान के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से होकर गंगा और हुगली नदी पर जाएंगे।

इस दौरान राष्ट्रीय कैडेट कोर का यह नौकायन अभियान विभिन्न नदियों से होते हुए लगभग 1,200 किलोमीटर का सफर तय करेगा। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह विशेष नौकायन अभियान ‘भारतीय नदिया-संस्कृतियों की जननी’ विषय पर आधारित है। नौकायन अभियान का यह कार्यक्रम 21 अक्टूबर, 2024 को उत्तर प्रदेश में कानपुर से शुरू किया जाएगा। 1200 किलोमीटर लंबी यात्रा तय करने के उपरांत, नौकायन अभियान 20 दिसंबर, 2024 को कोलकाता में समाप्त होगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस अग्रणी अभियान का उद्देश्य युवाओं को रोमांच और सेना की वर्दी के जरिए सेवा के लिए प्रेरित करना है। अपने इस अभियान के जरिए ये कैडेट भारत की समृद्ध समुद्री परंपराओं का जश्न भी मनाएंगे। छह चरणों वाले इस आयोजन में सभी राज्य निदेशालयों का प्रतिनिधित्व करने वाले कैडेट भाग लेंगे। उनके साथ लगभग 40 एसोसिएट एनसीसी अधिकारी भी होंगे।

अभियान के प्रमुख चरणों में पहला चरण कानपुर से प्रयागराज 260 किलोमीटर का होगा। द्वितीय चरण प्रयागराज से वाराणसी 205 किमी है। तीसरा चरण वाराणसी से बक्सर 150 किलोमीटर है। चौथा चरण बक्सर से पटना 150 किलोमीटर, पांचवा चरण पटना से फरक्का के बीच 230 किलोमीटर का है। छठा व अंतिम चरण फरक्का से कोलकाता 205 किलोमीटर का है। इस यात्रा के दौरान, कैडेट स्थानीय एनसीसी समूहों के साथ जुड़ेंगे और नदी तटों की सफाई और प्लास्टिक कचरे को कम करके ‘स्वच्छ भारत’ पहल में योगदान देंगे। वे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘नुक्कड़ नाटक’ भी करेंगे।

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इस दौरान राष्ट्रीय कैडेट कोर का यह नौकायन अभियान विभिन्न नदियों से होते हुए लगभग 1,200 किलोमीटर का सफर तय करेगा। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह विशेष नौकायन अभियान ‘भारतीय नदिया-संस्कृतियों की जननी’ विषय पर आधारित है। नौकायन अभियान का यह कार्यक्रम 21 अक्टूबर, 2024 को उत्तर प्रदेश में कानपुर से शुरू किया जाएगा। 1200 किलोमीटर लंबी यात्रा तय करने के उपरांत, नौकायन अभियान 20 दिसंबर, 2024 को कोलकाता में समाप्त होगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस अग्रणी अभियान का उद्देश्य युवाओं को रोमांच और सेना की वर्दी के जरिए सेवा के लिए प्रेरित करना है। अपने इस अभियान के जरिए ये कैडेट भारत की समृद्ध समुद्री परंपराओं का जश्न भी मनाएंगे। छह चरणों वाले इस आयोजन में सभी राज्य निदेशालयों का प्रतिनिधित्व करने वाले कैडेट भाग लेंगे। उनके साथ लगभग 40 एसोसिएट एनसीसी अधिकारी भी होंगे।

अभियान के प्रमुख चरणों में पहला चरण कानपुर से प्रयागराज 260 किलोमीटर का होगा। द्वितीय चरण प्रयागराज से वाराणसी 205 किमी है। तीसरा चरण वाराणसी से बक्सर 150 किलोमीटर है। चौथा चरण बक्सर से पटना 150 किलोमीटर, पांचवा चरण पटना से फरक्का के बीच 230 किलोमीटर का है। छठा व अंतिम चरण फरक्का से कोलकाता 205 किलोमीटर का है। इस यात्रा के दौरान, कैडेट स्थानीय एनसीसी समूहों के साथ जुड़ेंगे और नदी तटों की सफाई और प्लास्टिक कचरे को कम करके ‘स्वच्छ भारत’ पहल में योगदान देंगे। वे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘नुक्कड़ नाटक’ भी करेंगे।

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इस दौरान राष्ट्रीय कैडेट कोर का यह नौकायन अभियान विभिन्न नदियों से होते हुए लगभग 1,200 किलोमीटर का सफर तय करेगा। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह विशेष नौकायन अभियान ‘भारतीय नदिया-संस्कृतियों की जननी’ विषय पर आधारित है। नौकायन अभियान का यह कार्यक्रम 21 अक्टूबर, 2024 को उत्तर प्रदेश में कानपुर से शुरू किया जाएगा। 1200 किलोमीटर लंबी यात्रा तय करने के उपरांत, नौकायन अभियान 20 दिसंबर, 2024 को कोलकाता में समाप्त होगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस अग्रणी अभियान का उद्देश्य युवाओं को रोमांच और सेना की वर्दी के जरिए सेवा के लिए प्रेरित करना है। अपने इस अभियान के जरिए ये कैडेट भारत की समृद्ध समुद्री परंपराओं का जश्न भी मनाएंगे। छह चरणों वाले इस आयोजन में सभी राज्य निदेशालयों का प्रतिनिधित्व करने वाले कैडेट भाग लेंगे। उनके साथ लगभग 40 एसोसिएट एनसीसी अधिकारी भी होंगे।

अभियान के प्रमुख चरणों में पहला चरण कानपुर से प्रयागराज 260 किलोमीटर का होगा। द्वितीय चरण प्रयागराज से वाराणसी 205 किमी है। तीसरा चरण वाराणसी से बक्सर 150 किलोमीटर है। चौथा चरण बक्सर से पटना 150 किलोमीटर, पांचवा चरण पटना से फरक्का के बीच 230 किलोमीटर का है। छठा व अंतिम चरण फरक्का से कोलकाता 205 किलोमीटर का है। इस यात्रा के दौरान, कैडेट स्थानीय एनसीसी समूहों के साथ जुड़ेंगे और नदी तटों की सफाई और प्लास्टिक कचरे को कम करके ‘स्वच्छ भारत’ पहल में योगदान देंगे। वे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘नुक्कड़ नाटक’ भी करेंगे।

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इस दौरान राष्ट्रीय कैडेट कोर का यह नौकायन अभियान विभिन्न नदियों से होते हुए लगभग 1,200 किलोमीटर का सफर तय करेगा। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह विशेष नौकायन अभियान ‘भारतीय नदिया-संस्कृतियों की जननी’ विषय पर आधारित है। नौकायन अभियान का यह कार्यक्रम 21 अक्टूबर, 2024 को उत्तर प्रदेश में कानपुर से शुरू किया जाएगा। 1200 किलोमीटर लंबी यात्रा तय करने के उपरांत, नौकायन अभियान 20 दिसंबर, 2024 को कोलकाता में समाप्त होगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस अग्रणी अभियान का उद्देश्य युवाओं को रोमांच और सेना की वर्दी के जरिए सेवा के लिए प्रेरित करना है। अपने इस अभियान के जरिए ये कैडेट भारत की समृद्ध समुद्री परंपराओं का जश्न भी मनाएंगे। छह चरणों वाले इस आयोजन में सभी राज्य निदेशालयों का प्रतिनिधित्व करने वाले कैडेट भाग लेंगे। उनके साथ लगभग 40 एसोसिएट एनसीसी अधिकारी भी होंगे।

अभियान के प्रमुख चरणों में पहला चरण कानपुर से प्रयागराज 260 किलोमीटर का होगा। द्वितीय चरण प्रयागराज से वाराणसी 205 किमी है। तीसरा चरण वाराणसी से बक्सर 150 किलोमीटर है। चौथा चरण बक्सर से पटना 150 किलोमीटर, पांचवा चरण पटना से फरक्का के बीच 230 किलोमीटर का है। छठा व अंतिम चरण फरक्का से कोलकाता 205 किलोमीटर का है। इस यात्रा के दौरान, कैडेट स्थानीय एनसीसी समूहों के साथ जुड़ेंगे और नदी तटों की सफाई और प्लास्टिक कचरे को कम करके ‘स्वच्छ भारत’ पहल में योगदान देंगे। वे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘नुक्कड़ नाटक’ भी करेंगे।

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इस दौरान राष्ट्रीय कैडेट कोर का यह नौकायन अभियान विभिन्न नदियों से होते हुए लगभग 1,200 किलोमीटर का सफर तय करेगा। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह विशेष नौकायन अभियान ‘भारतीय नदिया-संस्कृतियों की जननी’ विषय पर आधारित है। नौकायन अभियान का यह कार्यक्रम 21 अक्टूबर, 2024 को उत्तर प्रदेश में कानपुर से शुरू किया जाएगा। 1200 किलोमीटर लंबी यात्रा तय करने के उपरांत, नौकायन अभियान 20 दिसंबर, 2024 को कोलकाता में समाप्त होगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस अग्रणी अभियान का उद्देश्य युवाओं को रोमांच और सेना की वर्दी के जरिए सेवा के लिए प्रेरित करना है। अपने इस अभियान के जरिए ये कैडेट भारत की समृद्ध समुद्री परंपराओं का जश्न भी मनाएंगे। छह चरणों वाले इस आयोजन में सभी राज्य निदेशालयों का प्रतिनिधित्व करने वाले कैडेट भाग लेंगे। उनके साथ लगभग 40 एसोसिएट एनसीसी अधिकारी भी होंगे।

अभियान के प्रमुख चरणों में पहला चरण कानपुर से प्रयागराज 260 किलोमीटर का होगा। द्वितीय चरण प्रयागराज से वाराणसी 205 किमी है। तीसरा चरण वाराणसी से बक्सर 150 किलोमीटर है। चौथा चरण बक्सर से पटना 150 किलोमीटर, पांचवा चरण पटना से फरक्का के बीच 230 किलोमीटर का है। छठा व अंतिम चरण फरक्का से कोलकाता 205 किलोमीटर का है। इस यात्रा के दौरान, कैडेट स्थानीय एनसीसी समूहों के साथ जुड़ेंगे और नदी तटों की सफाई और प्लास्टिक कचरे को कम करके ‘स्वच्छ भारत’ पहल में योगदान देंगे। वे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘नुक्कड़ नाटक’ भी करेंगे।

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इस दौरान राष्ट्रीय कैडेट कोर का यह नौकायन अभियान विभिन्न नदियों से होते हुए लगभग 1,200 किलोमीटर का सफर तय करेगा। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह विशेष नौकायन अभियान ‘भारतीय नदिया-संस्कृतियों की जननी’ विषय पर आधारित है। नौकायन अभियान का यह कार्यक्रम 21 अक्टूबर, 2024 को उत्तर प्रदेश में कानपुर से शुरू किया जाएगा। 1200 किलोमीटर लंबी यात्रा तय करने के उपरांत, नौकायन अभियान 20 दिसंबर, 2024 को कोलकाता में समाप्त होगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस अग्रणी अभियान का उद्देश्य युवाओं को रोमांच और सेना की वर्दी के जरिए सेवा के लिए प्रेरित करना है। अपने इस अभियान के जरिए ये कैडेट भारत की समृद्ध समुद्री परंपराओं का जश्न भी मनाएंगे। छह चरणों वाले इस आयोजन में सभी राज्य निदेशालयों का प्रतिनिधित्व करने वाले कैडेट भाग लेंगे। उनके साथ लगभग 40 एसोसिएट एनसीसी अधिकारी भी होंगे।

अभियान के प्रमुख चरणों में पहला चरण कानपुर से प्रयागराज 260 किलोमीटर का होगा। द्वितीय चरण प्रयागराज से वाराणसी 205 किमी है। तीसरा चरण वाराणसी से बक्सर 150 किलोमीटर है। चौथा चरण बक्सर से पटना 150 किलोमीटर, पांचवा चरण पटना से फरक्का के बीच 230 किलोमीटर का है। छठा व अंतिम चरण फरक्का से कोलकाता 205 किलोमीटर का है। इस यात्रा के दौरान, कैडेट स्थानीय एनसीसी समूहों के साथ जुड़ेंगे और नदी तटों की सफाई और प्लास्टिक कचरे को कम करके ‘स्वच्छ भारत’ पहल में योगदान देंगे। वे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘नुक्कड़ नाटक’ भी करेंगे।

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