सिवनी, धूमा. गत दिवस धूमा में हुई एक हादसे में तीन मृत्यु को लेकर जनता का आक्रोश अस्पताल प्रबंधन को लेकर बढ़ रहा है व जनता अब आंदोलन का
मन बना चुकी है जनमानस का कहना है कि वर्षों से स्थाई चिकित्सक यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र धूमा में नहीं है आने वाले मरीजों को सिर्फ रेफर करने की परंपरा है न दवाई है न आक्सीजन है और तो और जब मेले की सूचना जब विभाग को थी तो एक आक्समिक चिकित्सा का वाहन भी नहीं मिला प्राइवेट वाहन का उपयोग करना पड़ा आम जनता को सिर्फ बहलाने फुसलाने काम चलाऊ व्यवस्था में किसी चिकित्सक को संलग्न कर देते हैं अभी हाल में किसी महिला चिकित्सक जो जबलपुर से अप-डाउन करती है ट्रेनिंग परीवीक्षा बतौर यहां सेवाओं में रख दिया है.
पोस्टमार्टम एम एल सी नहीं हो पा रहे नागरिक परेशान हैं पुलिस प्रशासन भी परेशान हैं चिकित्सक आवास में बतौर एक
भ्रत्य निवास करता है डाक्टर होगा ऐसी आशा में दरवाजा खटखटाते है तो वहां से भ्रत्य निकलता है देहात के डाक्टर समझ इलाज करा लेते हैं पर समुचित आवश्यक सेवाओं की स्थिति में कमी बनी है.
पूरी बरसात निकल गई लैब का काम छाता लगाकर होता रहा पर जहां जन आरोग्य समिति के सुझाव पर भी अमल नहीं किया गया जिस क्वार्टर में लैब स्विफ्ट होना थी वह खाली विभाग नहीं करा पाया. समुचित इलाज के अभाव में सैवाओ की उपलब्धता न होने से सिर्फ संस्था रेफर सेन्टर बन गई है.
अनेक लोग इलाज के अभाव में असमय काल कलवित हो गये, अब जनता स्थाई चिकित्सक जो मुख्यालय बनाकर सेवाएं दै.
आक्सीजन व आवश्यक दवाएं उपलब्ध हो क्योंकि सिवनी जिले में जिले के तीन कलेक्टर तीन एसडीएम चले गए और सिवनी मंडला लोकसभा के सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते भी आठ बार के सांसद लेकिन किसी ने नहीं सोचा कि इतने बड़े क्षेत्र में एक स्थाई एमबीबीएस डॉक्टर को रखा जाए अश्वनी पटेल की जाने के बाद किसी ने हिम्मत नहीं भांति कि हम एक स्थाई डॉक्टर को दूंगा में पदस्थापना कर दें और वहीं प्रदेश की सरकार स्वास्थ सुविधाओं को लेकर गला फाड़ रही है कुछ दिन पहले ही लखनादौन के नवागत एसडीएम रवि सिहांग अस्पताल परिसर का निरीक्षण किया था लेकिन निरीक्षण से फर्क नहीं पड़ने वाला क्योंकि लखनादौन विधानसभा योगेंद्र सिंह बाबा के हाथ में और वह विधानसभा में ज्यादातर नहीं बोल पाते वहीं दूसरी और पूर्व केंद्रीय मंत्री वर्तमान सांसद भी संसद में स्वास्थ्य सुविधाओं की बात उन्होंने अपनी लोकसभा के लिए नहीं किया.
रेफर की परंपरा दूर हो ऐसी मांग को लेकर आंदोलन किया जावेगा एवं जिला कलेक्टर महोदय उक्त तथ्य पर जनमानस की मांग पर अविलंब गौर करें ऐसा आग्रह है वरना अंतिम विकल्प जनता का आंदोलन होगा.