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Home ताज़ा समाचार

किम जोंग उन फिर करेंगे अपने ‘दोस्त’ से मुलाकात, सामने आई बड़ी जानकारी

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October 26, 2024
in ताज़ा समाचार
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सियोल, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन की अगले साल रूस की यात्रा करने की संभावना है। क्रेमिलन की ओर से शुक्रवार को दी गई इस जानकारी ने प्योंगयांग और मॉस्को के बीच एक बार फिर गहरे संबंधों को उजागर किया। वह भी तब जब सोल और वाशिंगटन, रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती का दावा कर रहे हैं।

समाचार एजेंसी योनहाप ने रूस की टीएएसएस और स्पुतनिक समाचार एजेंसियों के हवाले से बताया कि क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने उत्तर कोरियाई नेता की यात्रा की संभावना के बारे में पूछने वाले पत्रकारों से यह जानकारी दी।

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क्रेमलिन प्रवक्ता ने कहा, “बेशक, करीबी पड़ोसी लगातार उच्चतम स्तर पर यात्राएं करते रहते हैं।”

पेस्कोव ने यह भी कहा कि रूस और उत्तर कोरिया ‘सभी क्षेत्रों’ में ‘मजबूत संबंध’ कायम कर रहे हैं।

बता दें किम इससे पहले 2019 में (24 से 26 अप्रैल) और 2023 में (12-17 सितंबर) रूस की यात्रा पर जा चुके हैं।

क्रेमलिन की इस टिप्पणी से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया था। इससे रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती की अटकलों को और अधिक बल मिला।

कजान में एक बहुपक्षीय शिखर सम्मेलन में इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में पुतिन ने सैनिकों की तैनाती की बात को न तो स्वीकार किया और न ही खारिज किया। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उत्तर कोरिया के साथ हाल ही में हस्ताक्षरित पारस्परिक संधि को गंभीरता से लेती है और उस ढांचे के भीतर रूस उत्तर कोरिया के साथ क्या करता है, यह ‘हमारा मामला’ है।

सरकारी चैनल रोसिया-1 के साथ इंटरव्यू में पुतिन ने दोहराया कि मॉस्को और प्योंगयांग इस बात पर फैसला लेंगे कि ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ संधि के अनुच्छेद-4 को कैसे लागू किया जाए, जिसमें पारस्परिक रक्षा के प्रावधान शामिल हैं।

उत्तर कोरिया के आधिकारिक नाम का जिक्र करते हुए पुतिन ने कहा, “जब हमें कुछ तय करने की जरूरत होगी, तो हम निश्चित रूप से निर्णय लेंगे। डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया में हमारे मित्रों की भी यही स्थिति है।”

रूसी राष्ट्रपति ने कहा, “लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि यह हमारा संप्रभु निर्णय होगा: हम कुछ लागू करेंगे या नहीं, अगर तो कहां और कैसे। हमें इसकी जरूरत है या हम केवल कुछ अभ्यास, प्रशिक्षण और अनुभव साझा करने में ही लगे रहेंगे। यह पूरी तरह से हमारा अपना मामला है।”

बता दें हाल ही में व्हाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी ने यह दावा किया कि उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरुआत में पूर्वी रूस में कम से कम 3,000 सैनिक भेजे हैं।

योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने अमेरिका का आकलन पेश किया कि प्योंगयांग ने अक्टूबर के प्रारम्भ से मध्य तक की अवधि में इन सैनिकों को जहाज से रूस भेजा। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वाशिंगटन को अभी तक यह नहीं पता है कि सैनिकों का मिशन क्या है?

किर्बी के मुताबिक उत्तर कोरियाई सैनिक वर्तमान में तीन रूसी साइट्स पर बुनियादी युद्ध की ट्रेनिंग ले रहे हैं।

अमेरिका का विश्लेषण सोल की प्रमुख खुफिया एजेंसी के आकलन से मेल खाता है, जिसके अनुसार लगभग 3,000 उत्तर कोरियाई सैनिकों को रूस भेजा गया और दिसंबर तक कुल 10,000 सैनिकों की तैनाती की उम्मीद है।

–आईएएनएस

पीएसएम/ एमके

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सियोल, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन की अगले साल रूस की यात्रा करने की संभावना है। क्रेमिलन की ओर से शुक्रवार को दी गई इस जानकारी ने प्योंगयांग और मॉस्को के बीच एक बार फिर गहरे संबंधों को उजागर किया। वह भी तब जब सोल और वाशिंगटन, रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती का दावा कर रहे हैं।

समाचार एजेंसी योनहाप ने रूस की टीएएसएस और स्पुतनिक समाचार एजेंसियों के हवाले से बताया कि क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने उत्तर कोरियाई नेता की यात्रा की संभावना के बारे में पूछने वाले पत्रकारों से यह जानकारी दी।

क्रेमलिन प्रवक्ता ने कहा, “बेशक, करीबी पड़ोसी लगातार उच्चतम स्तर पर यात्राएं करते रहते हैं।”

पेस्कोव ने यह भी कहा कि रूस और उत्तर कोरिया ‘सभी क्षेत्रों’ में ‘मजबूत संबंध’ कायम कर रहे हैं।

बता दें किम इससे पहले 2019 में (24 से 26 अप्रैल) और 2023 में (12-17 सितंबर) रूस की यात्रा पर जा चुके हैं।

क्रेमलिन की इस टिप्पणी से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया था। इससे रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती की अटकलों को और अधिक बल मिला।

कजान में एक बहुपक्षीय शिखर सम्मेलन में इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में पुतिन ने सैनिकों की तैनाती की बात को न तो स्वीकार किया और न ही खारिज किया। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उत्तर कोरिया के साथ हाल ही में हस्ताक्षरित पारस्परिक संधि को गंभीरता से लेती है और उस ढांचे के भीतर रूस उत्तर कोरिया के साथ क्या करता है, यह ‘हमारा मामला’ है।

सरकारी चैनल रोसिया-1 के साथ इंटरव्यू में पुतिन ने दोहराया कि मॉस्को और प्योंगयांग इस बात पर फैसला लेंगे कि ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ संधि के अनुच्छेद-4 को कैसे लागू किया जाए, जिसमें पारस्परिक रक्षा के प्रावधान शामिल हैं।

उत्तर कोरिया के आधिकारिक नाम का जिक्र करते हुए पुतिन ने कहा, “जब हमें कुछ तय करने की जरूरत होगी, तो हम निश्चित रूप से निर्णय लेंगे। डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया में हमारे मित्रों की भी यही स्थिति है।”

रूसी राष्ट्रपति ने कहा, “लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि यह हमारा संप्रभु निर्णय होगा: हम कुछ लागू करेंगे या नहीं, अगर तो कहां और कैसे। हमें इसकी जरूरत है या हम केवल कुछ अभ्यास, प्रशिक्षण और अनुभव साझा करने में ही लगे रहेंगे। यह पूरी तरह से हमारा अपना मामला है।”

बता दें हाल ही में व्हाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी ने यह दावा किया कि उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरुआत में पूर्वी रूस में कम से कम 3,000 सैनिक भेजे हैं।

योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने अमेरिका का आकलन पेश किया कि प्योंगयांग ने अक्टूबर के प्रारम्भ से मध्य तक की अवधि में इन सैनिकों को जहाज से रूस भेजा। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वाशिंगटन को अभी तक यह नहीं पता है कि सैनिकों का मिशन क्या है?

किर्बी के मुताबिक उत्तर कोरियाई सैनिक वर्तमान में तीन रूसी साइट्स पर बुनियादी युद्ध की ट्रेनिंग ले रहे हैं।

अमेरिका का विश्लेषण सोल की प्रमुख खुफिया एजेंसी के आकलन से मेल खाता है, जिसके अनुसार लगभग 3,000 उत्तर कोरियाई सैनिकों को रूस भेजा गया और दिसंबर तक कुल 10,000 सैनिकों की तैनाती की उम्मीद है।

–आईएएनएस

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सियोल, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन की अगले साल रूस की यात्रा करने की संभावना है। क्रेमिलन की ओर से शुक्रवार को दी गई इस जानकारी ने प्योंगयांग और मॉस्को के बीच एक बार फिर गहरे संबंधों को उजागर किया। वह भी तब जब सोल और वाशिंगटन, रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती का दावा कर रहे हैं।

समाचार एजेंसी योनहाप ने रूस की टीएएसएस और स्पुतनिक समाचार एजेंसियों के हवाले से बताया कि क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने उत्तर कोरियाई नेता की यात्रा की संभावना के बारे में पूछने वाले पत्रकारों से यह जानकारी दी।

क्रेमलिन प्रवक्ता ने कहा, “बेशक, करीबी पड़ोसी लगातार उच्चतम स्तर पर यात्राएं करते रहते हैं।”

पेस्कोव ने यह भी कहा कि रूस और उत्तर कोरिया ‘सभी क्षेत्रों’ में ‘मजबूत संबंध’ कायम कर रहे हैं।

बता दें किम इससे पहले 2019 में (24 से 26 अप्रैल) और 2023 में (12-17 सितंबर) रूस की यात्रा पर जा चुके हैं।

क्रेमलिन की इस टिप्पणी से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया था। इससे रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती की अटकलों को और अधिक बल मिला।

कजान में एक बहुपक्षीय शिखर सम्मेलन में इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में पुतिन ने सैनिकों की तैनाती की बात को न तो स्वीकार किया और न ही खारिज किया। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उत्तर कोरिया के साथ हाल ही में हस्ताक्षरित पारस्परिक संधि को गंभीरता से लेती है और उस ढांचे के भीतर रूस उत्तर कोरिया के साथ क्या करता है, यह ‘हमारा मामला’ है।

सरकारी चैनल रोसिया-1 के साथ इंटरव्यू में पुतिन ने दोहराया कि मॉस्को और प्योंगयांग इस बात पर फैसला लेंगे कि ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ संधि के अनुच्छेद-4 को कैसे लागू किया जाए, जिसमें पारस्परिक रक्षा के प्रावधान शामिल हैं।

उत्तर कोरिया के आधिकारिक नाम का जिक्र करते हुए पुतिन ने कहा, “जब हमें कुछ तय करने की जरूरत होगी, तो हम निश्चित रूप से निर्णय लेंगे। डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया में हमारे मित्रों की भी यही स्थिति है।”

रूसी राष्ट्रपति ने कहा, “लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि यह हमारा संप्रभु निर्णय होगा: हम कुछ लागू करेंगे या नहीं, अगर तो कहां और कैसे। हमें इसकी जरूरत है या हम केवल कुछ अभ्यास, प्रशिक्षण और अनुभव साझा करने में ही लगे रहेंगे। यह पूरी तरह से हमारा अपना मामला है।”

बता दें हाल ही में व्हाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी ने यह दावा किया कि उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरुआत में पूर्वी रूस में कम से कम 3,000 सैनिक भेजे हैं।

योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने अमेरिका का आकलन पेश किया कि प्योंगयांग ने अक्टूबर के प्रारम्भ से मध्य तक की अवधि में इन सैनिकों को जहाज से रूस भेजा। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वाशिंगटन को अभी तक यह नहीं पता है कि सैनिकों का मिशन क्या है?

किर्बी के मुताबिक उत्तर कोरियाई सैनिक वर्तमान में तीन रूसी साइट्स पर बुनियादी युद्ध की ट्रेनिंग ले रहे हैं।

अमेरिका का विश्लेषण सोल की प्रमुख खुफिया एजेंसी के आकलन से मेल खाता है, जिसके अनुसार लगभग 3,000 उत्तर कोरियाई सैनिकों को रूस भेजा गया और दिसंबर तक कुल 10,000 सैनिकों की तैनाती की उम्मीद है।

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सियोल, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन की अगले साल रूस की यात्रा करने की संभावना है। क्रेमिलन की ओर से शुक्रवार को दी गई इस जानकारी ने प्योंगयांग और मॉस्को के बीच एक बार फिर गहरे संबंधों को उजागर किया। वह भी तब जब सोल और वाशिंगटन, रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती का दावा कर रहे हैं।

समाचार एजेंसी योनहाप ने रूस की टीएएसएस और स्पुतनिक समाचार एजेंसियों के हवाले से बताया कि क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने उत्तर कोरियाई नेता की यात्रा की संभावना के बारे में पूछने वाले पत्रकारों से यह जानकारी दी।

क्रेमलिन प्रवक्ता ने कहा, “बेशक, करीबी पड़ोसी लगातार उच्चतम स्तर पर यात्राएं करते रहते हैं।”

पेस्कोव ने यह भी कहा कि रूस और उत्तर कोरिया ‘सभी क्षेत्रों’ में ‘मजबूत संबंध’ कायम कर रहे हैं।

बता दें किम इससे पहले 2019 में (24 से 26 अप्रैल) और 2023 में (12-17 सितंबर) रूस की यात्रा पर जा चुके हैं।

क्रेमलिन की इस टिप्पणी से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया था। इससे रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती की अटकलों को और अधिक बल मिला।

कजान में एक बहुपक्षीय शिखर सम्मेलन में इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में पुतिन ने सैनिकों की तैनाती की बात को न तो स्वीकार किया और न ही खारिज किया। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उत्तर कोरिया के साथ हाल ही में हस्ताक्षरित पारस्परिक संधि को गंभीरता से लेती है और उस ढांचे के भीतर रूस उत्तर कोरिया के साथ क्या करता है, यह ‘हमारा मामला’ है।

सरकारी चैनल रोसिया-1 के साथ इंटरव्यू में पुतिन ने दोहराया कि मॉस्को और प्योंगयांग इस बात पर फैसला लेंगे कि ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ संधि के अनुच्छेद-4 को कैसे लागू किया जाए, जिसमें पारस्परिक रक्षा के प्रावधान शामिल हैं।

उत्तर कोरिया के आधिकारिक नाम का जिक्र करते हुए पुतिन ने कहा, “जब हमें कुछ तय करने की जरूरत होगी, तो हम निश्चित रूप से निर्णय लेंगे। डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया में हमारे मित्रों की भी यही स्थिति है।”

रूसी राष्ट्रपति ने कहा, “लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि यह हमारा संप्रभु निर्णय होगा: हम कुछ लागू करेंगे या नहीं, अगर तो कहां और कैसे। हमें इसकी जरूरत है या हम केवल कुछ अभ्यास, प्रशिक्षण और अनुभव साझा करने में ही लगे रहेंगे। यह पूरी तरह से हमारा अपना मामला है।”

बता दें हाल ही में व्हाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी ने यह दावा किया कि उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरुआत में पूर्वी रूस में कम से कम 3,000 सैनिक भेजे हैं।

योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने अमेरिका का आकलन पेश किया कि प्योंगयांग ने अक्टूबर के प्रारम्भ से मध्य तक की अवधि में इन सैनिकों को जहाज से रूस भेजा। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वाशिंगटन को अभी तक यह नहीं पता है कि सैनिकों का मिशन क्या है?

किर्बी के मुताबिक उत्तर कोरियाई सैनिक वर्तमान में तीन रूसी साइट्स पर बुनियादी युद्ध की ट्रेनिंग ले रहे हैं।

अमेरिका का विश्लेषण सोल की प्रमुख खुफिया एजेंसी के आकलन से मेल खाता है, जिसके अनुसार लगभग 3,000 उत्तर कोरियाई सैनिकों को रूस भेजा गया और दिसंबर तक कुल 10,000 सैनिकों की तैनाती की उम्मीद है।

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समाचार एजेंसी योनहाप ने रूस की टीएएसएस और स्पुतनिक समाचार एजेंसियों के हवाले से बताया कि क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने उत्तर कोरियाई नेता की यात्रा की संभावना के बारे में पूछने वाले पत्रकारों से यह जानकारी दी।

क्रेमलिन प्रवक्ता ने कहा, “बेशक, करीबी पड़ोसी लगातार उच्चतम स्तर पर यात्राएं करते रहते हैं।”

पेस्कोव ने यह भी कहा कि रूस और उत्तर कोरिया ‘सभी क्षेत्रों’ में ‘मजबूत संबंध’ कायम कर रहे हैं।

बता दें किम इससे पहले 2019 में (24 से 26 अप्रैल) और 2023 में (12-17 सितंबर) रूस की यात्रा पर जा चुके हैं।

क्रेमलिन की इस टिप्पणी से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया था। इससे रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती की अटकलों को और अधिक बल मिला।

कजान में एक बहुपक्षीय शिखर सम्मेलन में इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में पुतिन ने सैनिकों की तैनाती की बात को न तो स्वीकार किया और न ही खारिज किया। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उत्तर कोरिया के साथ हाल ही में हस्ताक्षरित पारस्परिक संधि को गंभीरता से लेती है और उस ढांचे के भीतर रूस उत्तर कोरिया के साथ क्या करता है, यह ‘हमारा मामला’ है।

सरकारी चैनल रोसिया-1 के साथ इंटरव्यू में पुतिन ने दोहराया कि मॉस्को और प्योंगयांग इस बात पर फैसला लेंगे कि ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ संधि के अनुच्छेद-4 को कैसे लागू किया जाए, जिसमें पारस्परिक रक्षा के प्रावधान शामिल हैं।

उत्तर कोरिया के आधिकारिक नाम का जिक्र करते हुए पुतिन ने कहा, “जब हमें कुछ तय करने की जरूरत होगी, तो हम निश्चित रूप से निर्णय लेंगे। डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया में हमारे मित्रों की भी यही स्थिति है।”

रूसी राष्ट्रपति ने कहा, “लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि यह हमारा संप्रभु निर्णय होगा: हम कुछ लागू करेंगे या नहीं, अगर तो कहां और कैसे। हमें इसकी जरूरत है या हम केवल कुछ अभ्यास, प्रशिक्षण और अनुभव साझा करने में ही लगे रहेंगे। यह पूरी तरह से हमारा अपना मामला है।”

बता दें हाल ही में व्हाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी ने यह दावा किया कि उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरुआत में पूर्वी रूस में कम से कम 3,000 सैनिक भेजे हैं।

योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने अमेरिका का आकलन पेश किया कि प्योंगयांग ने अक्टूबर के प्रारम्भ से मध्य तक की अवधि में इन सैनिकों को जहाज से रूस भेजा। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वाशिंगटन को अभी तक यह नहीं पता है कि सैनिकों का मिशन क्या है?

किर्बी के मुताबिक उत्तर कोरियाई सैनिक वर्तमान में तीन रूसी साइट्स पर बुनियादी युद्ध की ट्रेनिंग ले रहे हैं।

अमेरिका का विश्लेषण सोल की प्रमुख खुफिया एजेंसी के आकलन से मेल खाता है, जिसके अनुसार लगभग 3,000 उत्तर कोरियाई सैनिकों को रूस भेजा गया और दिसंबर तक कुल 10,000 सैनिकों की तैनाती की उम्मीद है।

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सियोल, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन की अगले साल रूस की यात्रा करने की संभावना है। क्रेमिलन की ओर से शुक्रवार को दी गई इस जानकारी ने प्योंगयांग और मॉस्को के बीच एक बार फिर गहरे संबंधों को उजागर किया। वह भी तब जब सोल और वाशिंगटन, रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती का दावा कर रहे हैं।

समाचार एजेंसी योनहाप ने रूस की टीएएसएस और स्पुतनिक समाचार एजेंसियों के हवाले से बताया कि क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने उत्तर कोरियाई नेता की यात्रा की संभावना के बारे में पूछने वाले पत्रकारों से यह जानकारी दी।

क्रेमलिन प्रवक्ता ने कहा, “बेशक, करीबी पड़ोसी लगातार उच्चतम स्तर पर यात्राएं करते रहते हैं।”

पेस्कोव ने यह भी कहा कि रूस और उत्तर कोरिया ‘सभी क्षेत्रों’ में ‘मजबूत संबंध’ कायम कर रहे हैं।

बता दें किम इससे पहले 2019 में (24 से 26 अप्रैल) और 2023 में (12-17 सितंबर) रूस की यात्रा पर जा चुके हैं।

क्रेमलिन की इस टिप्पणी से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया था। इससे रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती की अटकलों को और अधिक बल मिला।

कजान में एक बहुपक्षीय शिखर सम्मेलन में इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में पुतिन ने सैनिकों की तैनाती की बात को न तो स्वीकार किया और न ही खारिज किया। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उत्तर कोरिया के साथ हाल ही में हस्ताक्षरित पारस्परिक संधि को गंभीरता से लेती है और उस ढांचे के भीतर रूस उत्तर कोरिया के साथ क्या करता है, यह ‘हमारा मामला’ है।

सरकारी चैनल रोसिया-1 के साथ इंटरव्यू में पुतिन ने दोहराया कि मॉस्को और प्योंगयांग इस बात पर फैसला लेंगे कि ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ संधि के अनुच्छेद-4 को कैसे लागू किया जाए, जिसमें पारस्परिक रक्षा के प्रावधान शामिल हैं।

उत्तर कोरिया के आधिकारिक नाम का जिक्र करते हुए पुतिन ने कहा, “जब हमें कुछ तय करने की जरूरत होगी, तो हम निश्चित रूप से निर्णय लेंगे। डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया में हमारे मित्रों की भी यही स्थिति है।”

रूसी राष्ट्रपति ने कहा, “लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि यह हमारा संप्रभु निर्णय होगा: हम कुछ लागू करेंगे या नहीं, अगर तो कहां और कैसे। हमें इसकी जरूरत है या हम केवल कुछ अभ्यास, प्रशिक्षण और अनुभव साझा करने में ही लगे रहेंगे। यह पूरी तरह से हमारा अपना मामला है।”

बता दें हाल ही में व्हाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी ने यह दावा किया कि उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरुआत में पूर्वी रूस में कम से कम 3,000 सैनिक भेजे हैं।

योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने अमेरिका का आकलन पेश किया कि प्योंगयांग ने अक्टूबर के प्रारम्भ से मध्य तक की अवधि में इन सैनिकों को जहाज से रूस भेजा। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वाशिंगटन को अभी तक यह नहीं पता है कि सैनिकों का मिशन क्या है?

किर्बी के मुताबिक उत्तर कोरियाई सैनिक वर्तमान में तीन रूसी साइट्स पर बुनियादी युद्ध की ट्रेनिंग ले रहे हैं।

अमेरिका का विश्लेषण सोल की प्रमुख खुफिया एजेंसी के आकलन से मेल खाता है, जिसके अनुसार लगभग 3,000 उत्तर कोरियाई सैनिकों को रूस भेजा गया और दिसंबर तक कुल 10,000 सैनिकों की तैनाती की उम्मीद है।

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सियोल, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन की अगले साल रूस की यात्रा करने की संभावना है। क्रेमिलन की ओर से शुक्रवार को दी गई इस जानकारी ने प्योंगयांग और मॉस्को के बीच एक बार फिर गहरे संबंधों को उजागर किया। वह भी तब जब सोल और वाशिंगटन, रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती का दावा कर रहे हैं।

समाचार एजेंसी योनहाप ने रूस की टीएएसएस और स्पुतनिक समाचार एजेंसियों के हवाले से बताया कि क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने उत्तर कोरियाई नेता की यात्रा की संभावना के बारे में पूछने वाले पत्रकारों से यह जानकारी दी।

क्रेमलिन प्रवक्ता ने कहा, “बेशक, करीबी पड़ोसी लगातार उच्चतम स्तर पर यात्राएं करते रहते हैं।”

पेस्कोव ने यह भी कहा कि रूस और उत्तर कोरिया ‘सभी क्षेत्रों’ में ‘मजबूत संबंध’ कायम कर रहे हैं।

बता दें किम इससे पहले 2019 में (24 से 26 अप्रैल) और 2023 में (12-17 सितंबर) रूस की यात्रा पर जा चुके हैं।

क्रेमलिन की इस टिप्पणी से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया था। इससे रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती की अटकलों को और अधिक बल मिला।

कजान में एक बहुपक्षीय शिखर सम्मेलन में इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में पुतिन ने सैनिकों की तैनाती की बात को न तो स्वीकार किया और न ही खारिज किया। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उत्तर कोरिया के साथ हाल ही में हस्ताक्षरित पारस्परिक संधि को गंभीरता से लेती है और उस ढांचे के भीतर रूस उत्तर कोरिया के साथ क्या करता है, यह ‘हमारा मामला’ है।

सरकारी चैनल रोसिया-1 के साथ इंटरव्यू में पुतिन ने दोहराया कि मॉस्को और प्योंगयांग इस बात पर फैसला लेंगे कि ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ संधि के अनुच्छेद-4 को कैसे लागू किया जाए, जिसमें पारस्परिक रक्षा के प्रावधान शामिल हैं।

उत्तर कोरिया के आधिकारिक नाम का जिक्र करते हुए पुतिन ने कहा, “जब हमें कुछ तय करने की जरूरत होगी, तो हम निश्चित रूप से निर्णय लेंगे। डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया में हमारे मित्रों की भी यही स्थिति है।”

रूसी राष्ट्रपति ने कहा, “लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि यह हमारा संप्रभु निर्णय होगा: हम कुछ लागू करेंगे या नहीं, अगर तो कहां और कैसे। हमें इसकी जरूरत है या हम केवल कुछ अभ्यास, प्रशिक्षण और अनुभव साझा करने में ही लगे रहेंगे। यह पूरी तरह से हमारा अपना मामला है।”

बता दें हाल ही में व्हाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी ने यह दावा किया कि उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरुआत में पूर्वी रूस में कम से कम 3,000 सैनिक भेजे हैं।

योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने अमेरिका का आकलन पेश किया कि प्योंगयांग ने अक्टूबर के प्रारम्भ से मध्य तक की अवधि में इन सैनिकों को जहाज से रूस भेजा। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वाशिंगटन को अभी तक यह नहीं पता है कि सैनिकों का मिशन क्या है?

किर्बी के मुताबिक उत्तर कोरियाई सैनिक वर्तमान में तीन रूसी साइट्स पर बुनियादी युद्ध की ट्रेनिंग ले रहे हैं।

अमेरिका का विश्लेषण सोल की प्रमुख खुफिया एजेंसी के आकलन से मेल खाता है, जिसके अनुसार लगभग 3,000 उत्तर कोरियाई सैनिकों को रूस भेजा गया और दिसंबर तक कुल 10,000 सैनिकों की तैनाती की उम्मीद है।

–आईएएनएस

पीएसएम/ एमके

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सियोल, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन की अगले साल रूस की यात्रा करने की संभावना है। क्रेमिलन की ओर से शुक्रवार को दी गई इस जानकारी ने प्योंगयांग और मॉस्को के बीच एक बार फिर गहरे संबंधों को उजागर किया। वह भी तब जब सोल और वाशिंगटन, रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती का दावा कर रहे हैं।

समाचार एजेंसी योनहाप ने रूस की टीएएसएस और स्पुतनिक समाचार एजेंसियों के हवाले से बताया कि क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने उत्तर कोरियाई नेता की यात्रा की संभावना के बारे में पूछने वाले पत्रकारों से यह जानकारी दी।

क्रेमलिन प्रवक्ता ने कहा, “बेशक, करीबी पड़ोसी लगातार उच्चतम स्तर पर यात्राएं करते रहते हैं।”

पेस्कोव ने यह भी कहा कि रूस और उत्तर कोरिया ‘सभी क्षेत्रों’ में ‘मजबूत संबंध’ कायम कर रहे हैं।

बता दें किम इससे पहले 2019 में (24 से 26 अप्रैल) और 2023 में (12-17 सितंबर) रूस की यात्रा पर जा चुके हैं।

क्रेमलिन की इस टिप्पणी से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया था। इससे रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती की अटकलों को और अधिक बल मिला।

कजान में एक बहुपक्षीय शिखर सम्मेलन में इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में पुतिन ने सैनिकों की तैनाती की बात को न तो स्वीकार किया और न ही खारिज किया। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उत्तर कोरिया के साथ हाल ही में हस्ताक्षरित पारस्परिक संधि को गंभीरता से लेती है और उस ढांचे के भीतर रूस उत्तर कोरिया के साथ क्या करता है, यह ‘हमारा मामला’ है।

सरकारी चैनल रोसिया-1 के साथ इंटरव्यू में पुतिन ने दोहराया कि मॉस्को और प्योंगयांग इस बात पर फैसला लेंगे कि ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ संधि के अनुच्छेद-4 को कैसे लागू किया जाए, जिसमें पारस्परिक रक्षा के प्रावधान शामिल हैं।

उत्तर कोरिया के आधिकारिक नाम का जिक्र करते हुए पुतिन ने कहा, “जब हमें कुछ तय करने की जरूरत होगी, तो हम निश्चित रूप से निर्णय लेंगे। डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया में हमारे मित्रों की भी यही स्थिति है।”

रूसी राष्ट्रपति ने कहा, “लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि यह हमारा संप्रभु निर्णय होगा: हम कुछ लागू करेंगे या नहीं, अगर तो कहां और कैसे। हमें इसकी जरूरत है या हम केवल कुछ अभ्यास, प्रशिक्षण और अनुभव साझा करने में ही लगे रहेंगे। यह पूरी तरह से हमारा अपना मामला है।”

बता दें हाल ही में व्हाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी ने यह दावा किया कि उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरुआत में पूर्वी रूस में कम से कम 3,000 सैनिक भेजे हैं।

योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने अमेरिका का आकलन पेश किया कि प्योंगयांग ने अक्टूबर के प्रारम्भ से मध्य तक की अवधि में इन सैनिकों को जहाज से रूस भेजा। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वाशिंगटन को अभी तक यह नहीं पता है कि सैनिकों का मिशन क्या है?

किर्बी के मुताबिक उत्तर कोरियाई सैनिक वर्तमान में तीन रूसी साइट्स पर बुनियादी युद्ध की ट्रेनिंग ले रहे हैं।

अमेरिका का विश्लेषण सोल की प्रमुख खुफिया एजेंसी के आकलन से मेल खाता है, जिसके अनुसार लगभग 3,000 उत्तर कोरियाई सैनिकों को रूस भेजा गया और दिसंबर तक कुल 10,000 सैनिकों की तैनाती की उम्मीद है।

–आईएएनएस

पीएसएम/ एमके

सियोल, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन की अगले साल रूस की यात्रा करने की संभावना है। क्रेमिलन की ओर से शुक्रवार को दी गई इस जानकारी ने प्योंगयांग और मॉस्को के बीच एक बार फिर गहरे संबंधों को उजागर किया। वह भी तब जब सोल और वाशिंगटन, रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती का दावा कर रहे हैं।

समाचार एजेंसी योनहाप ने रूस की टीएएसएस और स्पुतनिक समाचार एजेंसियों के हवाले से बताया कि क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने उत्तर कोरियाई नेता की यात्रा की संभावना के बारे में पूछने वाले पत्रकारों से यह जानकारी दी।

क्रेमलिन प्रवक्ता ने कहा, “बेशक, करीबी पड़ोसी लगातार उच्चतम स्तर पर यात्राएं करते रहते हैं।”

पेस्कोव ने यह भी कहा कि रूस और उत्तर कोरिया ‘सभी क्षेत्रों’ में ‘मजबूत संबंध’ कायम कर रहे हैं।

बता दें किम इससे पहले 2019 में (24 से 26 अप्रैल) और 2023 में (12-17 सितंबर) रूस की यात्रा पर जा चुके हैं।

क्रेमलिन की इस टिप्पणी से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया था। इससे रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती की अटकलों को और अधिक बल मिला।

कजान में एक बहुपक्षीय शिखर सम्मेलन में इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में पुतिन ने सैनिकों की तैनाती की बात को न तो स्वीकार किया और न ही खारिज किया। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उत्तर कोरिया के साथ हाल ही में हस्ताक्षरित पारस्परिक संधि को गंभीरता से लेती है और उस ढांचे के भीतर रूस उत्तर कोरिया के साथ क्या करता है, यह ‘हमारा मामला’ है।

सरकारी चैनल रोसिया-1 के साथ इंटरव्यू में पुतिन ने दोहराया कि मॉस्को और प्योंगयांग इस बात पर फैसला लेंगे कि ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ संधि के अनुच्छेद-4 को कैसे लागू किया जाए, जिसमें पारस्परिक रक्षा के प्रावधान शामिल हैं।

उत्तर कोरिया के आधिकारिक नाम का जिक्र करते हुए पुतिन ने कहा, “जब हमें कुछ तय करने की जरूरत होगी, तो हम निश्चित रूप से निर्णय लेंगे। डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया में हमारे मित्रों की भी यही स्थिति है।”

रूसी राष्ट्रपति ने कहा, “लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि यह हमारा संप्रभु निर्णय होगा: हम कुछ लागू करेंगे या नहीं, अगर तो कहां और कैसे। हमें इसकी जरूरत है या हम केवल कुछ अभ्यास, प्रशिक्षण और अनुभव साझा करने में ही लगे रहेंगे। यह पूरी तरह से हमारा अपना मामला है।”

बता दें हाल ही में व्हाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी ने यह दावा किया कि उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरुआत में पूर्वी रूस में कम से कम 3,000 सैनिक भेजे हैं।

योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने अमेरिका का आकलन पेश किया कि प्योंगयांग ने अक्टूबर के प्रारम्भ से मध्य तक की अवधि में इन सैनिकों को जहाज से रूस भेजा। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वाशिंगटन को अभी तक यह नहीं पता है कि सैनिकों का मिशन क्या है?

किर्बी के मुताबिक उत्तर कोरियाई सैनिक वर्तमान में तीन रूसी साइट्स पर बुनियादी युद्ध की ट्रेनिंग ले रहे हैं।

अमेरिका का विश्लेषण सोल की प्रमुख खुफिया एजेंसी के आकलन से मेल खाता है, जिसके अनुसार लगभग 3,000 उत्तर कोरियाई सैनिकों को रूस भेजा गया और दिसंबर तक कुल 10,000 सैनिकों की तैनाती की उम्मीद है।

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सियोल, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन की अगले साल रूस की यात्रा करने की संभावना है। क्रेमिलन की ओर से शुक्रवार को दी गई इस जानकारी ने प्योंगयांग और मॉस्को के बीच एक बार फिर गहरे संबंधों को उजागर किया। वह भी तब जब सोल और वाशिंगटन, रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती का दावा कर रहे हैं।

समाचार एजेंसी योनहाप ने रूस की टीएएसएस और स्पुतनिक समाचार एजेंसियों के हवाले से बताया कि क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने उत्तर कोरियाई नेता की यात्रा की संभावना के बारे में पूछने वाले पत्रकारों से यह जानकारी दी।

क्रेमलिन प्रवक्ता ने कहा, “बेशक, करीबी पड़ोसी लगातार उच्चतम स्तर पर यात्राएं करते रहते हैं।”

पेस्कोव ने यह भी कहा कि रूस और उत्तर कोरिया ‘सभी क्षेत्रों’ में ‘मजबूत संबंध’ कायम कर रहे हैं।

बता दें किम इससे पहले 2019 में (24 से 26 अप्रैल) और 2023 में (12-17 सितंबर) रूस की यात्रा पर जा चुके हैं।

क्रेमलिन की इस टिप्पणी से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया था। इससे रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती की अटकलों को और अधिक बल मिला।

कजान में एक बहुपक्षीय शिखर सम्मेलन में इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में पुतिन ने सैनिकों की तैनाती की बात को न तो स्वीकार किया और न ही खारिज किया। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उत्तर कोरिया के साथ हाल ही में हस्ताक्षरित पारस्परिक संधि को गंभीरता से लेती है और उस ढांचे के भीतर रूस उत्तर कोरिया के साथ क्या करता है, यह ‘हमारा मामला’ है।

सरकारी चैनल रोसिया-1 के साथ इंटरव्यू में पुतिन ने दोहराया कि मॉस्को और प्योंगयांग इस बात पर फैसला लेंगे कि ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ संधि के अनुच्छेद-4 को कैसे लागू किया जाए, जिसमें पारस्परिक रक्षा के प्रावधान शामिल हैं।

उत्तर कोरिया के आधिकारिक नाम का जिक्र करते हुए पुतिन ने कहा, “जब हमें कुछ तय करने की जरूरत होगी, तो हम निश्चित रूप से निर्णय लेंगे। डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया में हमारे मित्रों की भी यही स्थिति है।”

रूसी राष्ट्रपति ने कहा, “लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि यह हमारा संप्रभु निर्णय होगा: हम कुछ लागू करेंगे या नहीं, अगर तो कहां और कैसे। हमें इसकी जरूरत है या हम केवल कुछ अभ्यास, प्रशिक्षण और अनुभव साझा करने में ही लगे रहेंगे। यह पूरी तरह से हमारा अपना मामला है।”

बता दें हाल ही में व्हाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी ने यह दावा किया कि उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरुआत में पूर्वी रूस में कम से कम 3,000 सैनिक भेजे हैं।

योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने अमेरिका का आकलन पेश किया कि प्योंगयांग ने अक्टूबर के प्रारम्भ से मध्य तक की अवधि में इन सैनिकों को जहाज से रूस भेजा। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वाशिंगटन को अभी तक यह नहीं पता है कि सैनिकों का मिशन क्या है?

किर्बी के मुताबिक उत्तर कोरियाई सैनिक वर्तमान में तीन रूसी साइट्स पर बुनियादी युद्ध की ट्रेनिंग ले रहे हैं।

अमेरिका का विश्लेषण सोल की प्रमुख खुफिया एजेंसी के आकलन से मेल खाता है, जिसके अनुसार लगभग 3,000 उत्तर कोरियाई सैनिकों को रूस भेजा गया और दिसंबर तक कुल 10,000 सैनिकों की तैनाती की उम्मीद है।

–आईएएनएस

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सियोल, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन की अगले साल रूस की यात्रा करने की संभावना है। क्रेमिलन की ओर से शुक्रवार को दी गई इस जानकारी ने प्योंगयांग और मॉस्को के बीच एक बार फिर गहरे संबंधों को उजागर किया। वह भी तब जब सोल और वाशिंगटन, रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती का दावा कर रहे हैं।

समाचार एजेंसी योनहाप ने रूस की टीएएसएस और स्पुतनिक समाचार एजेंसियों के हवाले से बताया कि क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने उत्तर कोरियाई नेता की यात्रा की संभावना के बारे में पूछने वाले पत्रकारों से यह जानकारी दी।

क्रेमलिन प्रवक्ता ने कहा, “बेशक, करीबी पड़ोसी लगातार उच्चतम स्तर पर यात्राएं करते रहते हैं।”

पेस्कोव ने यह भी कहा कि रूस और उत्तर कोरिया ‘सभी क्षेत्रों’ में ‘मजबूत संबंध’ कायम कर रहे हैं।

बता दें किम इससे पहले 2019 में (24 से 26 अप्रैल) और 2023 में (12-17 सितंबर) रूस की यात्रा पर जा चुके हैं।

क्रेमलिन की इस टिप्पणी से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया था। इससे रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती की अटकलों को और अधिक बल मिला।

कजान में एक बहुपक्षीय शिखर सम्मेलन में इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में पुतिन ने सैनिकों की तैनाती की बात को न तो स्वीकार किया और न ही खारिज किया। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उत्तर कोरिया के साथ हाल ही में हस्ताक्षरित पारस्परिक संधि को गंभीरता से लेती है और उस ढांचे के भीतर रूस उत्तर कोरिया के साथ क्या करता है, यह ‘हमारा मामला’ है।

सरकारी चैनल रोसिया-1 के साथ इंटरव्यू में पुतिन ने दोहराया कि मॉस्को और प्योंगयांग इस बात पर फैसला लेंगे कि ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ संधि के अनुच्छेद-4 को कैसे लागू किया जाए, जिसमें पारस्परिक रक्षा के प्रावधान शामिल हैं।

उत्तर कोरिया के आधिकारिक नाम का जिक्र करते हुए पुतिन ने कहा, “जब हमें कुछ तय करने की जरूरत होगी, तो हम निश्चित रूप से निर्णय लेंगे। डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया में हमारे मित्रों की भी यही स्थिति है।”

रूसी राष्ट्रपति ने कहा, “लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि यह हमारा संप्रभु निर्णय होगा: हम कुछ लागू करेंगे या नहीं, अगर तो कहां और कैसे। हमें इसकी जरूरत है या हम केवल कुछ अभ्यास, प्रशिक्षण और अनुभव साझा करने में ही लगे रहेंगे। यह पूरी तरह से हमारा अपना मामला है।”

बता दें हाल ही में व्हाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी ने यह दावा किया कि उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरुआत में पूर्वी रूस में कम से कम 3,000 सैनिक भेजे हैं।

योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने अमेरिका का आकलन पेश किया कि प्योंगयांग ने अक्टूबर के प्रारम्भ से मध्य तक की अवधि में इन सैनिकों को जहाज से रूस भेजा। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वाशिंगटन को अभी तक यह नहीं पता है कि सैनिकों का मिशन क्या है?

किर्बी के मुताबिक उत्तर कोरियाई सैनिक वर्तमान में तीन रूसी साइट्स पर बुनियादी युद्ध की ट्रेनिंग ले रहे हैं।

अमेरिका का विश्लेषण सोल की प्रमुख खुफिया एजेंसी के आकलन से मेल खाता है, जिसके अनुसार लगभग 3,000 उत्तर कोरियाई सैनिकों को रूस भेजा गया और दिसंबर तक कुल 10,000 सैनिकों की तैनाती की उम्मीद है।

–आईएएनएस

पीएसएम/ एमके

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सियोल, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन की अगले साल रूस की यात्रा करने की संभावना है। क्रेमिलन की ओर से शुक्रवार को दी गई इस जानकारी ने प्योंगयांग और मॉस्को के बीच एक बार फिर गहरे संबंधों को उजागर किया। वह भी तब जब सोल और वाशिंगटन, रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती का दावा कर रहे हैं।

समाचार एजेंसी योनहाप ने रूस की टीएएसएस और स्पुतनिक समाचार एजेंसियों के हवाले से बताया कि क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने उत्तर कोरियाई नेता की यात्रा की संभावना के बारे में पूछने वाले पत्रकारों से यह जानकारी दी।

क्रेमलिन प्रवक्ता ने कहा, “बेशक, करीबी पड़ोसी लगातार उच्चतम स्तर पर यात्राएं करते रहते हैं।”

पेस्कोव ने यह भी कहा कि रूस और उत्तर कोरिया ‘सभी क्षेत्रों’ में ‘मजबूत संबंध’ कायम कर रहे हैं।

बता दें किम इससे पहले 2019 में (24 से 26 अप्रैल) और 2023 में (12-17 सितंबर) रूस की यात्रा पर जा चुके हैं।

क्रेमलिन की इस टिप्पणी से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया था। इससे रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती की अटकलों को और अधिक बल मिला।

कजान में एक बहुपक्षीय शिखर सम्मेलन में इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में पुतिन ने सैनिकों की तैनाती की बात को न तो स्वीकार किया और न ही खारिज किया। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उत्तर कोरिया के साथ हाल ही में हस्ताक्षरित पारस्परिक संधि को गंभीरता से लेती है और उस ढांचे के भीतर रूस उत्तर कोरिया के साथ क्या करता है, यह ‘हमारा मामला’ है।

सरकारी चैनल रोसिया-1 के साथ इंटरव्यू में पुतिन ने दोहराया कि मॉस्को और प्योंगयांग इस बात पर फैसला लेंगे कि ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ संधि के अनुच्छेद-4 को कैसे लागू किया जाए, जिसमें पारस्परिक रक्षा के प्रावधान शामिल हैं।

उत्तर कोरिया के आधिकारिक नाम का जिक्र करते हुए पुतिन ने कहा, “जब हमें कुछ तय करने की जरूरत होगी, तो हम निश्चित रूप से निर्णय लेंगे। डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया में हमारे मित्रों की भी यही स्थिति है।”

रूसी राष्ट्रपति ने कहा, “लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि यह हमारा संप्रभु निर्णय होगा: हम कुछ लागू करेंगे या नहीं, अगर तो कहां और कैसे। हमें इसकी जरूरत है या हम केवल कुछ अभ्यास, प्रशिक्षण और अनुभव साझा करने में ही लगे रहेंगे। यह पूरी तरह से हमारा अपना मामला है।”

बता दें हाल ही में व्हाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी ने यह दावा किया कि उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरुआत में पूर्वी रूस में कम से कम 3,000 सैनिक भेजे हैं।

योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने अमेरिका का आकलन पेश किया कि प्योंगयांग ने अक्टूबर के प्रारम्भ से मध्य तक की अवधि में इन सैनिकों को जहाज से रूस भेजा। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वाशिंगटन को अभी तक यह नहीं पता है कि सैनिकों का मिशन क्या है?

किर्बी के मुताबिक उत्तर कोरियाई सैनिक वर्तमान में तीन रूसी साइट्स पर बुनियादी युद्ध की ट्रेनिंग ले रहे हैं।

अमेरिका का विश्लेषण सोल की प्रमुख खुफिया एजेंसी के आकलन से मेल खाता है, जिसके अनुसार लगभग 3,000 उत्तर कोरियाई सैनिकों को रूस भेजा गया और दिसंबर तक कुल 10,000 सैनिकों की तैनाती की उम्मीद है।

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समाचार एजेंसी योनहाप ने रूस की टीएएसएस और स्पुतनिक समाचार एजेंसियों के हवाले से बताया कि क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने उत्तर कोरियाई नेता की यात्रा की संभावना के बारे में पूछने वाले पत्रकारों से यह जानकारी दी।

क्रेमलिन प्रवक्ता ने कहा, “बेशक, करीबी पड़ोसी लगातार उच्चतम स्तर पर यात्राएं करते रहते हैं।”

पेस्कोव ने यह भी कहा कि रूस और उत्तर कोरिया ‘सभी क्षेत्रों’ में ‘मजबूत संबंध’ कायम कर रहे हैं।

बता दें किम इससे पहले 2019 में (24 से 26 अप्रैल) और 2023 में (12-17 सितंबर) रूस की यात्रा पर जा चुके हैं।

क्रेमलिन की इस टिप्पणी से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया था। इससे रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती की अटकलों को और अधिक बल मिला।

कजान में एक बहुपक्षीय शिखर सम्मेलन में इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में पुतिन ने सैनिकों की तैनाती की बात को न तो स्वीकार किया और न ही खारिज किया। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उत्तर कोरिया के साथ हाल ही में हस्ताक्षरित पारस्परिक संधि को गंभीरता से लेती है और उस ढांचे के भीतर रूस उत्तर कोरिया के साथ क्या करता है, यह ‘हमारा मामला’ है।

सरकारी चैनल रोसिया-1 के साथ इंटरव्यू में पुतिन ने दोहराया कि मॉस्को और प्योंगयांग इस बात पर फैसला लेंगे कि ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ संधि के अनुच्छेद-4 को कैसे लागू किया जाए, जिसमें पारस्परिक रक्षा के प्रावधान शामिल हैं।

उत्तर कोरिया के आधिकारिक नाम का जिक्र करते हुए पुतिन ने कहा, “जब हमें कुछ तय करने की जरूरत होगी, तो हम निश्चित रूप से निर्णय लेंगे। डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया में हमारे मित्रों की भी यही स्थिति है।”

रूसी राष्ट्रपति ने कहा, “लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि यह हमारा संप्रभु निर्णय होगा: हम कुछ लागू करेंगे या नहीं, अगर तो कहां और कैसे। हमें इसकी जरूरत है या हम केवल कुछ अभ्यास, प्रशिक्षण और अनुभव साझा करने में ही लगे रहेंगे। यह पूरी तरह से हमारा अपना मामला है।”

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योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने अमेरिका का आकलन पेश किया कि प्योंगयांग ने अक्टूबर के प्रारम्भ से मध्य तक की अवधि में इन सैनिकों को जहाज से रूस भेजा। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वाशिंगटन को अभी तक यह नहीं पता है कि सैनिकों का मिशन क्या है?

किर्बी के मुताबिक उत्तर कोरियाई सैनिक वर्तमान में तीन रूसी साइट्स पर बुनियादी युद्ध की ट्रेनिंग ले रहे हैं।

अमेरिका का विश्लेषण सोल की प्रमुख खुफिया एजेंसी के आकलन से मेल खाता है, जिसके अनुसार लगभग 3,000 उत्तर कोरियाई सैनिकों को रूस भेजा गया और दिसंबर तक कुल 10,000 सैनिकों की तैनाती की उम्मीद है।

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समाचार एजेंसी योनहाप ने रूस की टीएएसएस और स्पुतनिक समाचार एजेंसियों के हवाले से बताया कि क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने उत्तर कोरियाई नेता की यात्रा की संभावना के बारे में पूछने वाले पत्रकारों से यह जानकारी दी।

क्रेमलिन प्रवक्ता ने कहा, “बेशक, करीबी पड़ोसी लगातार उच्चतम स्तर पर यात्राएं करते रहते हैं।”

पेस्कोव ने यह भी कहा कि रूस और उत्तर कोरिया ‘सभी क्षेत्रों’ में ‘मजबूत संबंध’ कायम कर रहे हैं।

बता दें किम इससे पहले 2019 में (24 से 26 अप्रैल) और 2023 में (12-17 सितंबर) रूस की यात्रा पर जा चुके हैं।

क्रेमलिन की इस टिप्पणी से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया था। इससे रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती की अटकलों को और अधिक बल मिला।

कजान में एक बहुपक्षीय शिखर सम्मेलन में इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में पुतिन ने सैनिकों की तैनाती की बात को न तो स्वीकार किया और न ही खारिज किया। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उत्तर कोरिया के साथ हाल ही में हस्ताक्षरित पारस्परिक संधि को गंभीरता से लेती है और उस ढांचे के भीतर रूस उत्तर कोरिया के साथ क्या करता है, यह ‘हमारा मामला’ है।

सरकारी चैनल रोसिया-1 के साथ इंटरव्यू में पुतिन ने दोहराया कि मॉस्को और प्योंगयांग इस बात पर फैसला लेंगे कि ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ संधि के अनुच्छेद-4 को कैसे लागू किया जाए, जिसमें पारस्परिक रक्षा के प्रावधान शामिल हैं।

उत्तर कोरिया के आधिकारिक नाम का जिक्र करते हुए पुतिन ने कहा, “जब हमें कुछ तय करने की जरूरत होगी, तो हम निश्चित रूप से निर्णय लेंगे। डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया में हमारे मित्रों की भी यही स्थिति है।”

रूसी राष्ट्रपति ने कहा, “लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि यह हमारा संप्रभु निर्णय होगा: हम कुछ लागू करेंगे या नहीं, अगर तो कहां और कैसे। हमें इसकी जरूरत है या हम केवल कुछ अभ्यास, प्रशिक्षण और अनुभव साझा करने में ही लगे रहेंगे। यह पूरी तरह से हमारा अपना मामला है।”

बता दें हाल ही में व्हाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी ने यह दावा किया कि उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरुआत में पूर्वी रूस में कम से कम 3,000 सैनिक भेजे हैं।

योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने अमेरिका का आकलन पेश किया कि प्योंगयांग ने अक्टूबर के प्रारम्भ से मध्य तक की अवधि में इन सैनिकों को जहाज से रूस भेजा। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वाशिंगटन को अभी तक यह नहीं पता है कि सैनिकों का मिशन क्या है?

किर्बी के मुताबिक उत्तर कोरियाई सैनिक वर्तमान में तीन रूसी साइट्स पर बुनियादी युद्ध की ट्रेनिंग ले रहे हैं।

अमेरिका का विश्लेषण सोल की प्रमुख खुफिया एजेंसी के आकलन से मेल खाता है, जिसके अनुसार लगभग 3,000 उत्तर कोरियाई सैनिकों को रूस भेजा गया और दिसंबर तक कुल 10,000 सैनिकों की तैनाती की उम्मीद है।

–आईएएनएस

पीएसएम/ एमके

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सियोल, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन की अगले साल रूस की यात्रा करने की संभावना है। क्रेमिलन की ओर से शुक्रवार को दी गई इस जानकारी ने प्योंगयांग और मॉस्को के बीच एक बार फिर गहरे संबंधों को उजागर किया। वह भी तब जब सोल और वाशिंगटन, रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती का दावा कर रहे हैं।

समाचार एजेंसी योनहाप ने रूस की टीएएसएस और स्पुतनिक समाचार एजेंसियों के हवाले से बताया कि क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने उत्तर कोरियाई नेता की यात्रा की संभावना के बारे में पूछने वाले पत्रकारों से यह जानकारी दी।

क्रेमलिन प्रवक्ता ने कहा, “बेशक, करीबी पड़ोसी लगातार उच्चतम स्तर पर यात्राएं करते रहते हैं।”

पेस्कोव ने यह भी कहा कि रूस और उत्तर कोरिया ‘सभी क्षेत्रों’ में ‘मजबूत संबंध’ कायम कर रहे हैं।

बता दें किम इससे पहले 2019 में (24 से 26 अप्रैल) और 2023 में (12-17 सितंबर) रूस की यात्रा पर जा चुके हैं।

क्रेमलिन की इस टिप्पणी से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया था। इससे रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती की अटकलों को और अधिक बल मिला।

कजान में एक बहुपक्षीय शिखर सम्मेलन में इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में पुतिन ने सैनिकों की तैनाती की बात को न तो स्वीकार किया और न ही खारिज किया। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उत्तर कोरिया के साथ हाल ही में हस्ताक्षरित पारस्परिक संधि को गंभीरता से लेती है और उस ढांचे के भीतर रूस उत्तर कोरिया के साथ क्या करता है, यह ‘हमारा मामला’ है।

सरकारी चैनल रोसिया-1 के साथ इंटरव्यू में पुतिन ने दोहराया कि मॉस्को और प्योंगयांग इस बात पर फैसला लेंगे कि ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ संधि के अनुच्छेद-4 को कैसे लागू किया जाए, जिसमें पारस्परिक रक्षा के प्रावधान शामिल हैं।

उत्तर कोरिया के आधिकारिक नाम का जिक्र करते हुए पुतिन ने कहा, “जब हमें कुछ तय करने की जरूरत होगी, तो हम निश्चित रूप से निर्णय लेंगे। डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया में हमारे मित्रों की भी यही स्थिति है।”

रूसी राष्ट्रपति ने कहा, “लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि यह हमारा संप्रभु निर्णय होगा: हम कुछ लागू करेंगे या नहीं, अगर तो कहां और कैसे। हमें इसकी जरूरत है या हम केवल कुछ अभ्यास, प्रशिक्षण और अनुभव साझा करने में ही लगे रहेंगे। यह पूरी तरह से हमारा अपना मामला है।”

बता दें हाल ही में व्हाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी ने यह दावा किया कि उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरुआत में पूर्वी रूस में कम से कम 3,000 सैनिक भेजे हैं।

योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने अमेरिका का आकलन पेश किया कि प्योंगयांग ने अक्टूबर के प्रारम्भ से मध्य तक की अवधि में इन सैनिकों को जहाज से रूस भेजा। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वाशिंगटन को अभी तक यह नहीं पता है कि सैनिकों का मिशन क्या है?

किर्बी के मुताबिक उत्तर कोरियाई सैनिक वर्तमान में तीन रूसी साइट्स पर बुनियादी युद्ध की ट्रेनिंग ले रहे हैं।

अमेरिका का विश्लेषण सोल की प्रमुख खुफिया एजेंसी के आकलन से मेल खाता है, जिसके अनुसार लगभग 3,000 उत्तर कोरियाई सैनिकों को रूस भेजा गया और दिसंबर तक कुल 10,000 सैनिकों की तैनाती की उम्मीद है।

–आईएएनएस

पीएसएम/ एमके

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सियोल, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन की अगले साल रूस की यात्रा करने की संभावना है। क्रेमिलन की ओर से शुक्रवार को दी गई इस जानकारी ने प्योंगयांग और मॉस्को के बीच एक बार फिर गहरे संबंधों को उजागर किया। वह भी तब जब सोल और वाशिंगटन, रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती का दावा कर रहे हैं।

समाचार एजेंसी योनहाप ने रूस की टीएएसएस और स्पुतनिक समाचार एजेंसियों के हवाले से बताया कि क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने उत्तर कोरियाई नेता की यात्रा की संभावना के बारे में पूछने वाले पत्रकारों से यह जानकारी दी।

क्रेमलिन प्रवक्ता ने कहा, “बेशक, करीबी पड़ोसी लगातार उच्चतम स्तर पर यात्राएं करते रहते हैं।”

पेस्कोव ने यह भी कहा कि रूस और उत्तर कोरिया ‘सभी क्षेत्रों’ में ‘मजबूत संबंध’ कायम कर रहे हैं।

बता दें किम इससे पहले 2019 में (24 से 26 अप्रैल) और 2023 में (12-17 सितंबर) रूस की यात्रा पर जा चुके हैं।

क्रेमलिन की इस टिप्पणी से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया था। इससे रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती की अटकलों को और अधिक बल मिला।

कजान में एक बहुपक्षीय शिखर सम्मेलन में इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में पुतिन ने सैनिकों की तैनाती की बात को न तो स्वीकार किया और न ही खारिज किया। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उत्तर कोरिया के साथ हाल ही में हस्ताक्षरित पारस्परिक संधि को गंभीरता से लेती है और उस ढांचे के भीतर रूस उत्तर कोरिया के साथ क्या करता है, यह ‘हमारा मामला’ है।

सरकारी चैनल रोसिया-1 के साथ इंटरव्यू में पुतिन ने दोहराया कि मॉस्को और प्योंगयांग इस बात पर फैसला लेंगे कि ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ संधि के अनुच्छेद-4 को कैसे लागू किया जाए, जिसमें पारस्परिक रक्षा के प्रावधान शामिल हैं।

उत्तर कोरिया के आधिकारिक नाम का जिक्र करते हुए पुतिन ने कहा, “जब हमें कुछ तय करने की जरूरत होगी, तो हम निश्चित रूप से निर्णय लेंगे। डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया में हमारे मित्रों की भी यही स्थिति है।”

रूसी राष्ट्रपति ने कहा, “लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि यह हमारा संप्रभु निर्णय होगा: हम कुछ लागू करेंगे या नहीं, अगर तो कहां और कैसे। हमें इसकी जरूरत है या हम केवल कुछ अभ्यास, प्रशिक्षण और अनुभव साझा करने में ही लगे रहेंगे। यह पूरी तरह से हमारा अपना मामला है।”

बता दें हाल ही में व्हाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी ने यह दावा किया कि उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरुआत में पूर्वी रूस में कम से कम 3,000 सैनिक भेजे हैं।

योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने अमेरिका का आकलन पेश किया कि प्योंगयांग ने अक्टूबर के प्रारम्भ से मध्य तक की अवधि में इन सैनिकों को जहाज से रूस भेजा। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वाशिंगटन को अभी तक यह नहीं पता है कि सैनिकों का मिशन क्या है?

किर्बी के मुताबिक उत्तर कोरियाई सैनिक वर्तमान में तीन रूसी साइट्स पर बुनियादी युद्ध की ट्रेनिंग ले रहे हैं।

अमेरिका का विश्लेषण सोल की प्रमुख खुफिया एजेंसी के आकलन से मेल खाता है, जिसके अनुसार लगभग 3,000 उत्तर कोरियाई सैनिकों को रूस भेजा गया और दिसंबर तक कुल 10,000 सैनिकों की तैनाती की उम्मीद है।

–आईएएनएस

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