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Home ताज़ा समाचार

कर्नाटक में विजयपुर के किसान परेशान, वक्फ बोर्ड ने 1500 एकड़ जमीन पर किया दावा

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October 26, 2024
in ताज़ा समाचार
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विजयपुर, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश भर में वक्फ बोर्ड कई जमीनों पर अपना दावा करता रहा है। इस वजह से लोग अपना कामकाज छोड़कर मामले को निपटाने में लगे हुए हैं। कर्नाटक के विजयपुर जिले से भी ऐसा ही मामला सामने आया है। जिले के होनवाड़ के ग्रामीणों का कहना है कि वक्फ बोर्ड उनकी जमीन को अपना बताकर उनसे छीन रहा है।

आईएएनएस से बात करते हुए किसान धरेश ने कहा, “विजयपुर जिले के अथनी तालुका के हलसांगी में हमारी 1,500 एकड़ जमीन को वक्फ ने अपनी जमीन घोषित कर दी है और इस वजह से हमें तहसीलदार का नोटिस भी मिला है। हम गरीब हैं, आप ही बताइए हम कहां जाएं। अगर हमें साबित करना है कि जमीन हमारी है तो हमें वक्फ बोर्ड के पास जाना होगा। मेरे पास सिर्फ यही जमीन है और अगर इस पर मेरा कोई हक नहीं है तो मैं कहां जाऊं। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस वक्फ को हटाकर मुझे मेरी जमीन वापस दी जाए।”

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एक किसान नेता ने कहा कि यहां के किसानों को अपने पूर्वजों से 1,500 एकड़ जमीन विरासत में मिली है। वे इस पर खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। अगर यह जमीन वक्फ में चली गई तो हम सड़क पर आ जाएंगे। इसलिए सरकार से अनुरोध है कि वक्फ के दावों को खारिज कर हमें न्याय दिलाए। अगर केंद्र और कर्नाटक सरकार ने जल्द ही इस पर संज्ञान नहीं लिया तो यह जमीन वक्फ में चली जाएगी।

वक्फ बोर्ड पर अक्सर मनमाने तरीके से दूसरों की संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित करने का आरोप लगता रहता है। वक्फ अधिनियम 1995 के अनुसार, राज्य वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित कर सकता है और यदि उसका मालिक यह साबित करने में विफल रहता है कि संपत्ति उसकी है तो वह संपत्ति वक्फ बोर्ड की हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पहले सिर्फ नोटिस भेजकर बोर्ड को जमीन पर अधिकार मिल जाता था। लेकिन मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सिर्फ नोटिस जारी करना किसी संपत्ति को वक्फ करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके लिए वैधानिक प्रक्रिया पूरी करना जरूरी है, जिसमें दो सर्वेक्षण, विवादों का निपटारा और राज्य सरकार और वक्फ को रिपोर्ट सौंपना शामिल है।

–आईएएनएस

आरके/एकेजे

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विजयपुर, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश भर में वक्फ बोर्ड कई जमीनों पर अपना दावा करता रहा है। इस वजह से लोग अपना कामकाज छोड़कर मामले को निपटाने में लगे हुए हैं। कर्नाटक के विजयपुर जिले से भी ऐसा ही मामला सामने आया है। जिले के होनवाड़ के ग्रामीणों का कहना है कि वक्फ बोर्ड उनकी जमीन को अपना बताकर उनसे छीन रहा है।

आईएएनएस से बात करते हुए किसान धरेश ने कहा, “विजयपुर जिले के अथनी तालुका के हलसांगी में हमारी 1,500 एकड़ जमीन को वक्फ ने अपनी जमीन घोषित कर दी है और इस वजह से हमें तहसीलदार का नोटिस भी मिला है। हम गरीब हैं, आप ही बताइए हम कहां जाएं। अगर हमें साबित करना है कि जमीन हमारी है तो हमें वक्फ बोर्ड के पास जाना होगा। मेरे पास सिर्फ यही जमीन है और अगर इस पर मेरा कोई हक नहीं है तो मैं कहां जाऊं। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस वक्फ को हटाकर मुझे मेरी जमीन वापस दी जाए।”

एक किसान नेता ने कहा कि यहां के किसानों को अपने पूर्वजों से 1,500 एकड़ जमीन विरासत में मिली है। वे इस पर खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। अगर यह जमीन वक्फ में चली गई तो हम सड़क पर आ जाएंगे। इसलिए सरकार से अनुरोध है कि वक्फ के दावों को खारिज कर हमें न्याय दिलाए। अगर केंद्र और कर्नाटक सरकार ने जल्द ही इस पर संज्ञान नहीं लिया तो यह जमीन वक्फ में चली जाएगी।

वक्फ बोर्ड पर अक्सर मनमाने तरीके से दूसरों की संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित करने का आरोप लगता रहता है। वक्फ अधिनियम 1995 के अनुसार, राज्य वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित कर सकता है और यदि उसका मालिक यह साबित करने में विफल रहता है कि संपत्ति उसकी है तो वह संपत्ति वक्फ बोर्ड की हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पहले सिर्फ नोटिस भेजकर बोर्ड को जमीन पर अधिकार मिल जाता था। लेकिन मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सिर्फ नोटिस जारी करना किसी संपत्ति को वक्फ करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके लिए वैधानिक प्रक्रिया पूरी करना जरूरी है, जिसमें दो सर्वेक्षण, विवादों का निपटारा और राज्य सरकार और वक्फ को रिपोर्ट सौंपना शामिल है।

–आईएएनएस

आरके/एकेजे

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विजयपुर, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश भर में वक्फ बोर्ड कई जमीनों पर अपना दावा करता रहा है। इस वजह से लोग अपना कामकाज छोड़कर मामले को निपटाने में लगे हुए हैं। कर्नाटक के विजयपुर जिले से भी ऐसा ही मामला सामने आया है। जिले के होनवाड़ के ग्रामीणों का कहना है कि वक्फ बोर्ड उनकी जमीन को अपना बताकर उनसे छीन रहा है।

आईएएनएस से बात करते हुए किसान धरेश ने कहा, “विजयपुर जिले के अथनी तालुका के हलसांगी में हमारी 1,500 एकड़ जमीन को वक्फ ने अपनी जमीन घोषित कर दी है और इस वजह से हमें तहसीलदार का नोटिस भी मिला है। हम गरीब हैं, आप ही बताइए हम कहां जाएं। अगर हमें साबित करना है कि जमीन हमारी है तो हमें वक्फ बोर्ड के पास जाना होगा। मेरे पास सिर्फ यही जमीन है और अगर इस पर मेरा कोई हक नहीं है तो मैं कहां जाऊं। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस वक्फ को हटाकर मुझे मेरी जमीन वापस दी जाए।”

एक किसान नेता ने कहा कि यहां के किसानों को अपने पूर्वजों से 1,500 एकड़ जमीन विरासत में मिली है। वे इस पर खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। अगर यह जमीन वक्फ में चली गई तो हम सड़क पर आ जाएंगे। इसलिए सरकार से अनुरोध है कि वक्फ के दावों को खारिज कर हमें न्याय दिलाए। अगर केंद्र और कर्नाटक सरकार ने जल्द ही इस पर संज्ञान नहीं लिया तो यह जमीन वक्फ में चली जाएगी।

वक्फ बोर्ड पर अक्सर मनमाने तरीके से दूसरों की संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित करने का आरोप लगता रहता है। वक्फ अधिनियम 1995 के अनुसार, राज्य वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित कर सकता है और यदि उसका मालिक यह साबित करने में विफल रहता है कि संपत्ति उसकी है तो वह संपत्ति वक्फ बोर्ड की हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पहले सिर्फ नोटिस भेजकर बोर्ड को जमीन पर अधिकार मिल जाता था। लेकिन मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सिर्फ नोटिस जारी करना किसी संपत्ति को वक्फ करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके लिए वैधानिक प्रक्रिया पूरी करना जरूरी है, जिसमें दो सर्वेक्षण, विवादों का निपटारा और राज्य सरकार और वक्फ को रिपोर्ट सौंपना शामिल है।

–आईएएनएस

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विजयपुर, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश भर में वक्फ बोर्ड कई जमीनों पर अपना दावा करता रहा है। इस वजह से लोग अपना कामकाज छोड़कर मामले को निपटाने में लगे हुए हैं। कर्नाटक के विजयपुर जिले से भी ऐसा ही मामला सामने आया है। जिले के होनवाड़ के ग्रामीणों का कहना है कि वक्फ बोर्ड उनकी जमीन को अपना बताकर उनसे छीन रहा है।

आईएएनएस से बात करते हुए किसान धरेश ने कहा, “विजयपुर जिले के अथनी तालुका के हलसांगी में हमारी 1,500 एकड़ जमीन को वक्फ ने अपनी जमीन घोषित कर दी है और इस वजह से हमें तहसीलदार का नोटिस भी मिला है। हम गरीब हैं, आप ही बताइए हम कहां जाएं। अगर हमें साबित करना है कि जमीन हमारी है तो हमें वक्फ बोर्ड के पास जाना होगा। मेरे पास सिर्फ यही जमीन है और अगर इस पर मेरा कोई हक नहीं है तो मैं कहां जाऊं। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस वक्फ को हटाकर मुझे मेरी जमीन वापस दी जाए।”

एक किसान नेता ने कहा कि यहां के किसानों को अपने पूर्वजों से 1,500 एकड़ जमीन विरासत में मिली है। वे इस पर खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। अगर यह जमीन वक्फ में चली गई तो हम सड़क पर आ जाएंगे। इसलिए सरकार से अनुरोध है कि वक्फ के दावों को खारिज कर हमें न्याय दिलाए। अगर केंद्र और कर्नाटक सरकार ने जल्द ही इस पर संज्ञान नहीं लिया तो यह जमीन वक्फ में चली जाएगी।

वक्फ बोर्ड पर अक्सर मनमाने तरीके से दूसरों की संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित करने का आरोप लगता रहता है। वक्फ अधिनियम 1995 के अनुसार, राज्य वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित कर सकता है और यदि उसका मालिक यह साबित करने में विफल रहता है कि संपत्ति उसकी है तो वह संपत्ति वक्फ बोर्ड की हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पहले सिर्फ नोटिस भेजकर बोर्ड को जमीन पर अधिकार मिल जाता था। लेकिन मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सिर्फ नोटिस जारी करना किसी संपत्ति को वक्फ करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके लिए वैधानिक प्रक्रिया पूरी करना जरूरी है, जिसमें दो सर्वेक्षण, विवादों का निपटारा और राज्य सरकार और वक्फ को रिपोर्ट सौंपना शामिल है।

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विजयपुर, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश भर में वक्फ बोर्ड कई जमीनों पर अपना दावा करता रहा है। इस वजह से लोग अपना कामकाज छोड़कर मामले को निपटाने में लगे हुए हैं। कर्नाटक के विजयपुर जिले से भी ऐसा ही मामला सामने आया है। जिले के होनवाड़ के ग्रामीणों का कहना है कि वक्फ बोर्ड उनकी जमीन को अपना बताकर उनसे छीन रहा है।

आईएएनएस से बात करते हुए किसान धरेश ने कहा, “विजयपुर जिले के अथनी तालुका के हलसांगी में हमारी 1,500 एकड़ जमीन को वक्फ ने अपनी जमीन घोषित कर दी है और इस वजह से हमें तहसीलदार का नोटिस भी मिला है। हम गरीब हैं, आप ही बताइए हम कहां जाएं। अगर हमें साबित करना है कि जमीन हमारी है तो हमें वक्फ बोर्ड के पास जाना होगा। मेरे पास सिर्फ यही जमीन है और अगर इस पर मेरा कोई हक नहीं है तो मैं कहां जाऊं। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस वक्फ को हटाकर मुझे मेरी जमीन वापस दी जाए।”

एक किसान नेता ने कहा कि यहां के किसानों को अपने पूर्वजों से 1,500 एकड़ जमीन विरासत में मिली है। वे इस पर खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। अगर यह जमीन वक्फ में चली गई तो हम सड़क पर आ जाएंगे। इसलिए सरकार से अनुरोध है कि वक्फ के दावों को खारिज कर हमें न्याय दिलाए। अगर केंद्र और कर्नाटक सरकार ने जल्द ही इस पर संज्ञान नहीं लिया तो यह जमीन वक्फ में चली जाएगी।

वक्फ बोर्ड पर अक्सर मनमाने तरीके से दूसरों की संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित करने का आरोप लगता रहता है। वक्फ अधिनियम 1995 के अनुसार, राज्य वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित कर सकता है और यदि उसका मालिक यह साबित करने में विफल रहता है कि संपत्ति उसकी है तो वह संपत्ति वक्फ बोर्ड की हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पहले सिर्फ नोटिस भेजकर बोर्ड को जमीन पर अधिकार मिल जाता था। लेकिन मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सिर्फ नोटिस जारी करना किसी संपत्ति को वक्फ करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके लिए वैधानिक प्रक्रिया पूरी करना जरूरी है, जिसमें दो सर्वेक्षण, विवादों का निपटारा और राज्य सरकार और वक्फ को रिपोर्ट सौंपना शामिल है।

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विजयपुर, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश भर में वक्फ बोर्ड कई जमीनों पर अपना दावा करता रहा है। इस वजह से लोग अपना कामकाज छोड़कर मामले को निपटाने में लगे हुए हैं। कर्नाटक के विजयपुर जिले से भी ऐसा ही मामला सामने आया है। जिले के होनवाड़ के ग्रामीणों का कहना है कि वक्फ बोर्ड उनकी जमीन को अपना बताकर उनसे छीन रहा है।

आईएएनएस से बात करते हुए किसान धरेश ने कहा, “विजयपुर जिले के अथनी तालुका के हलसांगी में हमारी 1,500 एकड़ जमीन को वक्फ ने अपनी जमीन घोषित कर दी है और इस वजह से हमें तहसीलदार का नोटिस भी मिला है। हम गरीब हैं, आप ही बताइए हम कहां जाएं। अगर हमें साबित करना है कि जमीन हमारी है तो हमें वक्फ बोर्ड के पास जाना होगा। मेरे पास सिर्फ यही जमीन है और अगर इस पर मेरा कोई हक नहीं है तो मैं कहां जाऊं। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस वक्फ को हटाकर मुझे मेरी जमीन वापस दी जाए।”

एक किसान नेता ने कहा कि यहां के किसानों को अपने पूर्वजों से 1,500 एकड़ जमीन विरासत में मिली है। वे इस पर खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। अगर यह जमीन वक्फ में चली गई तो हम सड़क पर आ जाएंगे। इसलिए सरकार से अनुरोध है कि वक्फ के दावों को खारिज कर हमें न्याय दिलाए। अगर केंद्र और कर्नाटक सरकार ने जल्द ही इस पर संज्ञान नहीं लिया तो यह जमीन वक्फ में चली जाएगी।

वक्फ बोर्ड पर अक्सर मनमाने तरीके से दूसरों की संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित करने का आरोप लगता रहता है। वक्फ अधिनियम 1995 के अनुसार, राज्य वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित कर सकता है और यदि उसका मालिक यह साबित करने में विफल रहता है कि संपत्ति उसकी है तो वह संपत्ति वक्फ बोर्ड की हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पहले सिर्फ नोटिस भेजकर बोर्ड को जमीन पर अधिकार मिल जाता था। लेकिन मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सिर्फ नोटिस जारी करना किसी संपत्ति को वक्फ करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके लिए वैधानिक प्रक्रिया पूरी करना जरूरी है, जिसमें दो सर्वेक्षण, विवादों का निपटारा और राज्य सरकार और वक्फ को रिपोर्ट सौंपना शामिल है।

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विजयपुर, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश भर में वक्फ बोर्ड कई जमीनों पर अपना दावा करता रहा है। इस वजह से लोग अपना कामकाज छोड़कर मामले को निपटाने में लगे हुए हैं। कर्नाटक के विजयपुर जिले से भी ऐसा ही मामला सामने आया है। जिले के होनवाड़ के ग्रामीणों का कहना है कि वक्फ बोर्ड उनकी जमीन को अपना बताकर उनसे छीन रहा है।

आईएएनएस से बात करते हुए किसान धरेश ने कहा, “विजयपुर जिले के अथनी तालुका के हलसांगी में हमारी 1,500 एकड़ जमीन को वक्फ ने अपनी जमीन घोषित कर दी है और इस वजह से हमें तहसीलदार का नोटिस भी मिला है। हम गरीब हैं, आप ही बताइए हम कहां जाएं। अगर हमें साबित करना है कि जमीन हमारी है तो हमें वक्फ बोर्ड के पास जाना होगा। मेरे पास सिर्फ यही जमीन है और अगर इस पर मेरा कोई हक नहीं है तो मैं कहां जाऊं। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस वक्फ को हटाकर मुझे मेरी जमीन वापस दी जाए।”

एक किसान नेता ने कहा कि यहां के किसानों को अपने पूर्वजों से 1,500 एकड़ जमीन विरासत में मिली है। वे इस पर खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। अगर यह जमीन वक्फ में चली गई तो हम सड़क पर आ जाएंगे। इसलिए सरकार से अनुरोध है कि वक्फ के दावों को खारिज कर हमें न्याय दिलाए। अगर केंद्र और कर्नाटक सरकार ने जल्द ही इस पर संज्ञान नहीं लिया तो यह जमीन वक्फ में चली जाएगी।

वक्फ बोर्ड पर अक्सर मनमाने तरीके से दूसरों की संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित करने का आरोप लगता रहता है। वक्फ अधिनियम 1995 के अनुसार, राज्य वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित कर सकता है और यदि उसका मालिक यह साबित करने में विफल रहता है कि संपत्ति उसकी है तो वह संपत्ति वक्फ बोर्ड की हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पहले सिर्फ नोटिस भेजकर बोर्ड को जमीन पर अधिकार मिल जाता था। लेकिन मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सिर्फ नोटिस जारी करना किसी संपत्ति को वक्फ करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके लिए वैधानिक प्रक्रिया पूरी करना जरूरी है, जिसमें दो सर्वेक्षण, विवादों का निपटारा और राज्य सरकार और वक्फ को रिपोर्ट सौंपना शामिल है।

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विजयपुर, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश भर में वक्फ बोर्ड कई जमीनों पर अपना दावा करता रहा है। इस वजह से लोग अपना कामकाज छोड़कर मामले को निपटाने में लगे हुए हैं। कर्नाटक के विजयपुर जिले से भी ऐसा ही मामला सामने आया है। जिले के होनवाड़ के ग्रामीणों का कहना है कि वक्फ बोर्ड उनकी जमीन को अपना बताकर उनसे छीन रहा है।

आईएएनएस से बात करते हुए किसान धरेश ने कहा, “विजयपुर जिले के अथनी तालुका के हलसांगी में हमारी 1,500 एकड़ जमीन को वक्फ ने अपनी जमीन घोषित कर दी है और इस वजह से हमें तहसीलदार का नोटिस भी मिला है। हम गरीब हैं, आप ही बताइए हम कहां जाएं। अगर हमें साबित करना है कि जमीन हमारी है तो हमें वक्फ बोर्ड के पास जाना होगा। मेरे पास सिर्फ यही जमीन है और अगर इस पर मेरा कोई हक नहीं है तो मैं कहां जाऊं। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस वक्फ को हटाकर मुझे मेरी जमीन वापस दी जाए।”

एक किसान नेता ने कहा कि यहां के किसानों को अपने पूर्वजों से 1,500 एकड़ जमीन विरासत में मिली है। वे इस पर खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। अगर यह जमीन वक्फ में चली गई तो हम सड़क पर आ जाएंगे। इसलिए सरकार से अनुरोध है कि वक्फ के दावों को खारिज कर हमें न्याय दिलाए। अगर केंद्र और कर्नाटक सरकार ने जल्द ही इस पर संज्ञान नहीं लिया तो यह जमीन वक्फ में चली जाएगी।

वक्फ बोर्ड पर अक्सर मनमाने तरीके से दूसरों की संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित करने का आरोप लगता रहता है। वक्फ अधिनियम 1995 के अनुसार, राज्य वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित कर सकता है और यदि उसका मालिक यह साबित करने में विफल रहता है कि संपत्ति उसकी है तो वह संपत्ति वक्फ बोर्ड की हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पहले सिर्फ नोटिस भेजकर बोर्ड को जमीन पर अधिकार मिल जाता था। लेकिन मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सिर्फ नोटिस जारी करना किसी संपत्ति को वक्फ करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके लिए वैधानिक प्रक्रिया पूरी करना जरूरी है, जिसमें दो सर्वेक्षण, विवादों का निपटारा और राज्य सरकार और वक्फ को रिपोर्ट सौंपना शामिल है।

–आईएएनएस

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विजयपुर, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश भर में वक्फ बोर्ड कई जमीनों पर अपना दावा करता रहा है। इस वजह से लोग अपना कामकाज छोड़कर मामले को निपटाने में लगे हुए हैं। कर्नाटक के विजयपुर जिले से भी ऐसा ही मामला सामने आया है। जिले के होनवाड़ के ग्रामीणों का कहना है कि वक्फ बोर्ड उनकी जमीन को अपना बताकर उनसे छीन रहा है।

आईएएनएस से बात करते हुए किसान धरेश ने कहा, “विजयपुर जिले के अथनी तालुका के हलसांगी में हमारी 1,500 एकड़ जमीन को वक्फ ने अपनी जमीन घोषित कर दी है और इस वजह से हमें तहसीलदार का नोटिस भी मिला है। हम गरीब हैं, आप ही बताइए हम कहां जाएं। अगर हमें साबित करना है कि जमीन हमारी है तो हमें वक्फ बोर्ड के पास जाना होगा। मेरे पास सिर्फ यही जमीन है और अगर इस पर मेरा कोई हक नहीं है तो मैं कहां जाऊं। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस वक्फ को हटाकर मुझे मेरी जमीन वापस दी जाए।”

एक किसान नेता ने कहा कि यहां के किसानों को अपने पूर्वजों से 1,500 एकड़ जमीन विरासत में मिली है। वे इस पर खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। अगर यह जमीन वक्फ में चली गई तो हम सड़क पर आ जाएंगे। इसलिए सरकार से अनुरोध है कि वक्फ के दावों को खारिज कर हमें न्याय दिलाए। अगर केंद्र और कर्नाटक सरकार ने जल्द ही इस पर संज्ञान नहीं लिया तो यह जमीन वक्फ में चली जाएगी।

वक्फ बोर्ड पर अक्सर मनमाने तरीके से दूसरों की संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित करने का आरोप लगता रहता है। वक्फ अधिनियम 1995 के अनुसार, राज्य वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित कर सकता है और यदि उसका मालिक यह साबित करने में विफल रहता है कि संपत्ति उसकी है तो वह संपत्ति वक्फ बोर्ड की हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पहले सिर्फ नोटिस भेजकर बोर्ड को जमीन पर अधिकार मिल जाता था। लेकिन मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सिर्फ नोटिस जारी करना किसी संपत्ति को वक्फ करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके लिए वैधानिक प्रक्रिया पूरी करना जरूरी है, जिसमें दो सर्वेक्षण, विवादों का निपटारा और राज्य सरकार और वक्फ को रिपोर्ट सौंपना शामिल है।

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विजयपुर, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश भर में वक्फ बोर्ड कई जमीनों पर अपना दावा करता रहा है। इस वजह से लोग अपना कामकाज छोड़कर मामले को निपटाने में लगे हुए हैं। कर्नाटक के विजयपुर जिले से भी ऐसा ही मामला सामने आया है। जिले के होनवाड़ के ग्रामीणों का कहना है कि वक्फ बोर्ड उनकी जमीन को अपना बताकर उनसे छीन रहा है।

आईएएनएस से बात करते हुए किसान धरेश ने कहा, “विजयपुर जिले के अथनी तालुका के हलसांगी में हमारी 1,500 एकड़ जमीन को वक्फ ने अपनी जमीन घोषित कर दी है और इस वजह से हमें तहसीलदार का नोटिस भी मिला है। हम गरीब हैं, आप ही बताइए हम कहां जाएं। अगर हमें साबित करना है कि जमीन हमारी है तो हमें वक्फ बोर्ड के पास जाना होगा। मेरे पास सिर्फ यही जमीन है और अगर इस पर मेरा कोई हक नहीं है तो मैं कहां जाऊं। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस वक्फ को हटाकर मुझे मेरी जमीन वापस दी जाए।”

एक किसान नेता ने कहा कि यहां के किसानों को अपने पूर्वजों से 1,500 एकड़ जमीन विरासत में मिली है। वे इस पर खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। अगर यह जमीन वक्फ में चली गई तो हम सड़क पर आ जाएंगे। इसलिए सरकार से अनुरोध है कि वक्फ के दावों को खारिज कर हमें न्याय दिलाए। अगर केंद्र और कर्नाटक सरकार ने जल्द ही इस पर संज्ञान नहीं लिया तो यह जमीन वक्फ में चली जाएगी।

वक्फ बोर्ड पर अक्सर मनमाने तरीके से दूसरों की संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित करने का आरोप लगता रहता है। वक्फ अधिनियम 1995 के अनुसार, राज्य वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित कर सकता है और यदि उसका मालिक यह साबित करने में विफल रहता है कि संपत्ति उसकी है तो वह संपत्ति वक्फ बोर्ड की हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पहले सिर्फ नोटिस भेजकर बोर्ड को जमीन पर अधिकार मिल जाता था। लेकिन मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सिर्फ नोटिस जारी करना किसी संपत्ति को वक्फ करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके लिए वैधानिक प्रक्रिया पूरी करना जरूरी है, जिसमें दो सर्वेक्षण, विवादों का निपटारा और राज्य सरकार और वक्फ को रिपोर्ट सौंपना शामिल है।

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आईएएनएस से बात करते हुए किसान धरेश ने कहा, “विजयपुर जिले के अथनी तालुका के हलसांगी में हमारी 1,500 एकड़ जमीन को वक्फ ने अपनी जमीन घोषित कर दी है और इस वजह से हमें तहसीलदार का नोटिस भी मिला है। हम गरीब हैं, आप ही बताइए हम कहां जाएं। अगर हमें साबित करना है कि जमीन हमारी है तो हमें वक्फ बोर्ड के पास जाना होगा। मेरे पास सिर्फ यही जमीन है और अगर इस पर मेरा कोई हक नहीं है तो मैं कहां जाऊं। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस वक्फ को हटाकर मुझे मेरी जमीन वापस दी जाए।”

एक किसान नेता ने कहा कि यहां के किसानों को अपने पूर्वजों से 1,500 एकड़ जमीन विरासत में मिली है। वे इस पर खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। अगर यह जमीन वक्फ में चली गई तो हम सड़क पर आ जाएंगे। इसलिए सरकार से अनुरोध है कि वक्फ के दावों को खारिज कर हमें न्याय दिलाए। अगर केंद्र और कर्नाटक सरकार ने जल्द ही इस पर संज्ञान नहीं लिया तो यह जमीन वक्फ में चली जाएगी।

वक्फ बोर्ड पर अक्सर मनमाने तरीके से दूसरों की संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित करने का आरोप लगता रहता है। वक्फ अधिनियम 1995 के अनुसार, राज्य वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित कर सकता है और यदि उसका मालिक यह साबित करने में विफल रहता है कि संपत्ति उसकी है तो वह संपत्ति वक्फ बोर्ड की हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पहले सिर्फ नोटिस भेजकर बोर्ड को जमीन पर अधिकार मिल जाता था। लेकिन मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सिर्फ नोटिस जारी करना किसी संपत्ति को वक्फ करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके लिए वैधानिक प्रक्रिया पूरी करना जरूरी है, जिसमें दो सर्वेक्षण, विवादों का निपटारा और राज्य सरकार और वक्फ को रिपोर्ट सौंपना शामिल है।

–आईएएनएस

आरके/एकेजे

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विजयपुर, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश भर में वक्फ बोर्ड कई जमीनों पर अपना दावा करता रहा है। इस वजह से लोग अपना कामकाज छोड़कर मामले को निपटाने में लगे हुए हैं। कर्नाटक के विजयपुर जिले से भी ऐसा ही मामला सामने आया है। जिले के होनवाड़ के ग्रामीणों का कहना है कि वक्फ बोर्ड उनकी जमीन को अपना बताकर उनसे छीन रहा है।

आईएएनएस से बात करते हुए किसान धरेश ने कहा, “विजयपुर जिले के अथनी तालुका के हलसांगी में हमारी 1,500 एकड़ जमीन को वक्फ ने अपनी जमीन घोषित कर दी है और इस वजह से हमें तहसीलदार का नोटिस भी मिला है। हम गरीब हैं, आप ही बताइए हम कहां जाएं। अगर हमें साबित करना है कि जमीन हमारी है तो हमें वक्फ बोर्ड के पास जाना होगा। मेरे पास सिर्फ यही जमीन है और अगर इस पर मेरा कोई हक नहीं है तो मैं कहां जाऊं। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस वक्फ को हटाकर मुझे मेरी जमीन वापस दी जाए।”

एक किसान नेता ने कहा कि यहां के किसानों को अपने पूर्वजों से 1,500 एकड़ जमीन विरासत में मिली है। वे इस पर खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। अगर यह जमीन वक्फ में चली गई तो हम सड़क पर आ जाएंगे। इसलिए सरकार से अनुरोध है कि वक्फ के दावों को खारिज कर हमें न्याय दिलाए। अगर केंद्र और कर्नाटक सरकार ने जल्द ही इस पर संज्ञान नहीं लिया तो यह जमीन वक्फ में चली जाएगी।

वक्फ बोर्ड पर अक्सर मनमाने तरीके से दूसरों की संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित करने का आरोप लगता रहता है। वक्फ अधिनियम 1995 के अनुसार, राज्य वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित कर सकता है और यदि उसका मालिक यह साबित करने में विफल रहता है कि संपत्ति उसकी है तो वह संपत्ति वक्फ बोर्ड की हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पहले सिर्फ नोटिस भेजकर बोर्ड को जमीन पर अधिकार मिल जाता था। लेकिन मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सिर्फ नोटिस जारी करना किसी संपत्ति को वक्फ करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके लिए वैधानिक प्रक्रिया पूरी करना जरूरी है, जिसमें दो सर्वेक्षण, विवादों का निपटारा और राज्य सरकार और वक्फ को रिपोर्ट सौंपना शामिल है।

–आईएएनएस

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विजयपुर, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश भर में वक्फ बोर्ड कई जमीनों पर अपना दावा करता रहा है। इस वजह से लोग अपना कामकाज छोड़कर मामले को निपटाने में लगे हुए हैं। कर्नाटक के विजयपुर जिले से भी ऐसा ही मामला सामने आया है। जिले के होनवाड़ के ग्रामीणों का कहना है कि वक्फ बोर्ड उनकी जमीन को अपना बताकर उनसे छीन रहा है।

आईएएनएस से बात करते हुए किसान धरेश ने कहा, “विजयपुर जिले के अथनी तालुका के हलसांगी में हमारी 1,500 एकड़ जमीन को वक्फ ने अपनी जमीन घोषित कर दी है और इस वजह से हमें तहसीलदार का नोटिस भी मिला है। हम गरीब हैं, आप ही बताइए हम कहां जाएं। अगर हमें साबित करना है कि जमीन हमारी है तो हमें वक्फ बोर्ड के पास जाना होगा। मेरे पास सिर्फ यही जमीन है और अगर इस पर मेरा कोई हक नहीं है तो मैं कहां जाऊं। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस वक्फ को हटाकर मुझे मेरी जमीन वापस दी जाए।”

एक किसान नेता ने कहा कि यहां के किसानों को अपने पूर्वजों से 1,500 एकड़ जमीन विरासत में मिली है। वे इस पर खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। अगर यह जमीन वक्फ में चली गई तो हम सड़क पर आ जाएंगे। इसलिए सरकार से अनुरोध है कि वक्फ के दावों को खारिज कर हमें न्याय दिलाए। अगर केंद्र और कर्नाटक सरकार ने जल्द ही इस पर संज्ञान नहीं लिया तो यह जमीन वक्फ में चली जाएगी।

वक्फ बोर्ड पर अक्सर मनमाने तरीके से दूसरों की संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित करने का आरोप लगता रहता है। वक्फ अधिनियम 1995 के अनुसार, राज्य वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित कर सकता है और यदि उसका मालिक यह साबित करने में विफल रहता है कि संपत्ति उसकी है तो वह संपत्ति वक्फ बोर्ड की हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पहले सिर्फ नोटिस भेजकर बोर्ड को जमीन पर अधिकार मिल जाता था। लेकिन मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सिर्फ नोटिस जारी करना किसी संपत्ति को वक्फ करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके लिए वैधानिक प्रक्रिया पूरी करना जरूरी है, जिसमें दो सर्वेक्षण, विवादों का निपटारा और राज्य सरकार और वक्फ को रिपोर्ट सौंपना शामिल है।

–आईएएनएस

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विजयपुर, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश भर में वक्फ बोर्ड कई जमीनों पर अपना दावा करता रहा है। इस वजह से लोग अपना कामकाज छोड़कर मामले को निपटाने में लगे हुए हैं। कर्नाटक के विजयपुर जिले से भी ऐसा ही मामला सामने आया है। जिले के होनवाड़ के ग्रामीणों का कहना है कि वक्फ बोर्ड उनकी जमीन को अपना बताकर उनसे छीन रहा है।

आईएएनएस से बात करते हुए किसान धरेश ने कहा, “विजयपुर जिले के अथनी तालुका के हलसांगी में हमारी 1,500 एकड़ जमीन को वक्फ ने अपनी जमीन घोषित कर दी है और इस वजह से हमें तहसीलदार का नोटिस भी मिला है। हम गरीब हैं, आप ही बताइए हम कहां जाएं। अगर हमें साबित करना है कि जमीन हमारी है तो हमें वक्फ बोर्ड के पास जाना होगा। मेरे पास सिर्फ यही जमीन है और अगर इस पर मेरा कोई हक नहीं है तो मैं कहां जाऊं। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस वक्फ को हटाकर मुझे मेरी जमीन वापस दी जाए।”

एक किसान नेता ने कहा कि यहां के किसानों को अपने पूर्वजों से 1,500 एकड़ जमीन विरासत में मिली है। वे इस पर खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। अगर यह जमीन वक्फ में चली गई तो हम सड़क पर आ जाएंगे। इसलिए सरकार से अनुरोध है कि वक्फ के दावों को खारिज कर हमें न्याय दिलाए। अगर केंद्र और कर्नाटक सरकार ने जल्द ही इस पर संज्ञान नहीं लिया तो यह जमीन वक्फ में चली जाएगी।

वक्फ बोर्ड पर अक्सर मनमाने तरीके से दूसरों की संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित करने का आरोप लगता रहता है। वक्फ अधिनियम 1995 के अनुसार, राज्य वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित कर सकता है और यदि उसका मालिक यह साबित करने में विफल रहता है कि संपत्ति उसकी है तो वह संपत्ति वक्फ बोर्ड की हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पहले सिर्फ नोटिस भेजकर बोर्ड को जमीन पर अधिकार मिल जाता था। लेकिन मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सिर्फ नोटिस जारी करना किसी संपत्ति को वक्फ करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके लिए वैधानिक प्रक्रिया पूरी करना जरूरी है, जिसमें दो सर्वेक्षण, विवादों का निपटारा और राज्य सरकार और वक्फ को रिपोर्ट सौंपना शामिल है।

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विजयपुर, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश भर में वक्फ बोर्ड कई जमीनों पर अपना दावा करता रहा है। इस वजह से लोग अपना कामकाज छोड़कर मामले को निपटाने में लगे हुए हैं। कर्नाटक के विजयपुर जिले से भी ऐसा ही मामला सामने आया है। जिले के होनवाड़ के ग्रामीणों का कहना है कि वक्फ बोर्ड उनकी जमीन को अपना बताकर उनसे छीन रहा है।

आईएएनएस से बात करते हुए किसान धरेश ने कहा, “विजयपुर जिले के अथनी तालुका के हलसांगी में हमारी 1,500 एकड़ जमीन को वक्फ ने अपनी जमीन घोषित कर दी है और इस वजह से हमें तहसीलदार का नोटिस भी मिला है। हम गरीब हैं, आप ही बताइए हम कहां जाएं। अगर हमें साबित करना है कि जमीन हमारी है तो हमें वक्फ बोर्ड के पास जाना होगा। मेरे पास सिर्फ यही जमीन है और अगर इस पर मेरा कोई हक नहीं है तो मैं कहां जाऊं। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस वक्फ को हटाकर मुझे मेरी जमीन वापस दी जाए।”

एक किसान नेता ने कहा कि यहां के किसानों को अपने पूर्वजों से 1,500 एकड़ जमीन विरासत में मिली है। वे इस पर खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। अगर यह जमीन वक्फ में चली गई तो हम सड़क पर आ जाएंगे। इसलिए सरकार से अनुरोध है कि वक्फ के दावों को खारिज कर हमें न्याय दिलाए। अगर केंद्र और कर्नाटक सरकार ने जल्द ही इस पर संज्ञान नहीं लिया तो यह जमीन वक्फ में चली जाएगी।

वक्फ बोर्ड पर अक्सर मनमाने तरीके से दूसरों की संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित करने का आरोप लगता रहता है। वक्फ अधिनियम 1995 के अनुसार, राज्य वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित कर सकता है और यदि उसका मालिक यह साबित करने में विफल रहता है कि संपत्ति उसकी है तो वह संपत्ति वक्फ बोर्ड की हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पहले सिर्फ नोटिस भेजकर बोर्ड को जमीन पर अधिकार मिल जाता था। लेकिन मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सिर्फ नोटिस जारी करना किसी संपत्ति को वक्फ करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके लिए वैधानिक प्रक्रिया पूरी करना जरूरी है, जिसमें दो सर्वेक्षण, विवादों का निपटारा और राज्य सरकार और वक्फ को रिपोर्ट सौंपना शामिल है।

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विजयपुर, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश भर में वक्फ बोर्ड कई जमीनों पर अपना दावा करता रहा है। इस वजह से लोग अपना कामकाज छोड़कर मामले को निपटाने में लगे हुए हैं। कर्नाटक के विजयपुर जिले से भी ऐसा ही मामला सामने आया है। जिले के होनवाड़ के ग्रामीणों का कहना है कि वक्फ बोर्ड उनकी जमीन को अपना बताकर उनसे छीन रहा है।

आईएएनएस से बात करते हुए किसान धरेश ने कहा, “विजयपुर जिले के अथनी तालुका के हलसांगी में हमारी 1,500 एकड़ जमीन को वक्फ ने अपनी जमीन घोषित कर दी है और इस वजह से हमें तहसीलदार का नोटिस भी मिला है। हम गरीब हैं, आप ही बताइए हम कहां जाएं। अगर हमें साबित करना है कि जमीन हमारी है तो हमें वक्फ बोर्ड के पास जाना होगा। मेरे पास सिर्फ यही जमीन है और अगर इस पर मेरा कोई हक नहीं है तो मैं कहां जाऊं। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस वक्फ को हटाकर मुझे मेरी जमीन वापस दी जाए।”

एक किसान नेता ने कहा कि यहां के किसानों को अपने पूर्वजों से 1,500 एकड़ जमीन विरासत में मिली है। वे इस पर खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। अगर यह जमीन वक्फ में चली गई तो हम सड़क पर आ जाएंगे। इसलिए सरकार से अनुरोध है कि वक्फ के दावों को खारिज कर हमें न्याय दिलाए। अगर केंद्र और कर्नाटक सरकार ने जल्द ही इस पर संज्ञान नहीं लिया तो यह जमीन वक्फ में चली जाएगी।

वक्फ बोर्ड पर अक्सर मनमाने तरीके से दूसरों की संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित करने का आरोप लगता रहता है। वक्फ अधिनियम 1995 के अनुसार, राज्य वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित कर सकता है और यदि उसका मालिक यह साबित करने में विफल रहता है कि संपत्ति उसकी है तो वह संपत्ति वक्फ बोर्ड की हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पहले सिर्फ नोटिस भेजकर बोर्ड को जमीन पर अधिकार मिल जाता था। लेकिन मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सिर्फ नोटिस जारी करना किसी संपत्ति को वक्फ करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके लिए वैधानिक प्रक्रिया पूरी करना जरूरी है, जिसमें दो सर्वेक्षण, विवादों का निपटारा और राज्य सरकार और वक्फ को रिपोर्ट सौंपना शामिल है।

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