नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने शनिवार को एक एडवाइजरी जारी की जिसमें विभिन्न एयरलाइनों को मिल रही बम की फर्जी धमकियों के प्रसार को रोकने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित सभी मध्यस्थों की जिम्मेदारी तय की गई है और इन अफवाहों को रोकने में विफल रहने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से एयरलाइनों को फर्जी बम धमकी संदेशों के बारे में डेटा साझा करने के लिए कहा है और ऐसी गतिविधियों के पीछे के लोगों की पहचान करने के लिए कहा है। गुरुवार को 80 से अधिक विमानों को उड़ाने की धमकियां मिलीं।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा है कि सोशल मीडिया मध्यस्थों को आईटी अधिनियम 2000, आईटी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 का पालन करना चाहिए।
मंत्रालय ने कहा है कि इन प्लेटफार्मों को सार्वजनिक व्यवस्था और सुरक्षा बनाए रखने के लिए गैरकानूनी सामग्री को तुरंत हटाना आवश्यक है। उसने कहा कि इससे सार्वजनिक व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा के लिए संभावित खतरा पैदा होता है। इस तरह की झूठी बम धमकियां बड़ी संख्या में नागरिकों को प्रभावित करने के साथ-साथ देश की आर्थिक सुरक्षा को भी अस्थिर करती हैं।
इसके अलावा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फॉरवर्डिंग, री-शेयरिंग, री-पोस्टिंग, री-ट्वीट के विकल्प की उपलब्धता के कारण इस तरह की झूठी बम धमकियों के प्रसार का पैमाना खतरनाक रूप से अनियंत्रित पाया गया है।
इस तरह की झूठी बम धमकियां ज्यादातर गलत सूचनाएं होती हैं, जो सार्वजनिक व्यवस्था, एयरलाइनों के संचालन और एयरलाइन यात्रियों की सुरक्षा को बड़े पैमाने पर बाधित करती हैं।
वहीं, इस सप्ताह के आरंभ में नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने कहा था कि सरकार एयरलाइनों को बम की धमकी देने की घटनाओं से निपटने के लिए विधायी कार्रवाई करने की योजना बना रही है, जिसमें ऐसी धमकी देने वालों को नो-फ्लाई सूची में डालना भी शामिल है।
–आईएएनएस
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