गांधीग्राम. गांधीग्राम क्षेत्र में इकलौती दूधिया संगमरमर की मां दुर्गा की शेर पर सवार वाली चतुर्भुजी प्रतिमा क्षेत्र में एकमात्र गांधीग्राम राम जानकी मंदिर परिसर में विराजित है .इस प्रकार की सुंदर वा दिव्य प्रतिमा इकलौती होने के कारण लोग दर्शन के लिए स्वयं खिंचे चले आते हैं.
संगमरमर की दिव्य नयनाभिराम मां दुर्गा की प्रतिमा की स्थापना सन 1983 में गांधीग्राम के चौरसिया परिवार के शंकर लाल चौरसिया सुंदर भाई चौरसिया पुत्र सुरेश चौरसिया,नरेश चौरसिया, राकेश चौरसिया ने कराई थी, उक्त विषयक जानकारी में शैलेश चौरसिया ने बताया कि मां दुर्गा की सुंदर और तभी प्रतिमा जयपुर,जोधपुर से उनके बाबा द्वारा लाई गई थी.
प्रतिमाओं को जहां सुंदर वस्त्रों से सुसज्जित किया गया है. राम जानकी मंदिर में राम जानकी, राधा कृष्ण की अष्टधातु निर्मित नयनाभिराम मूर्तियों को स्वर्ण, चंद्र आभूषण से सुसज्जित किया गया वहीं संगमरमर की माँ दुर्गा की प्रतिमा को सजाया गया है.
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*दर्शन से मनोकामना पूरी होती है….भक्तों की आस्था है की मां दुर्गा की स्थापित दिव्य प्रतिमा के दर्शन मात्र से भक्तों के मनोरथ पूर्ण हो जाते हैं, नवयुवकों को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता,एवम अनेक महिलाओं को पुत्रवती होने का आशीर्वाद मां की पूजा अर्चना से मिला है, मां दुर्गा की नयनाभिराम प्रतिमा के दर्शन मात्र से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं वर्तमान समय में कार्तिक माह के अवसर पर यहां पर नित्य प्रति मां दुर्गा की चतुर्भुजी मां दुर्गा की प्रतिमा की नित्यप्रति आरती हो रही है.