deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home ताज़ा समाचार

मध्य पूर्व देश क्यों चीन के साथ सहयोग करना चाहते हैं?

by
December 7, 2022
in ताज़ा समाचार
0
मध्य पूर्व देश क्यों चीन के साथ सहयोग करना चाहते हैं?
0
SHARES
5
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

बीजिंग, 7 दिसम्बर (आईएएनएस)। 7 से 10 दिसंबर तक चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग सऊदी अरब की राजधानी रियाद में पहली चीन-अरब देश शिखर बैठक, चीन-खाड़ी सहयोग परिषद शिखर बैठक में भाग लेंगे और सऊदी अरब की राजकीय यात्रा करेंगे। यह चीन और अरब देशों के संबंधों में एक मील का पत्थर है, जो चीन-अरब देशों की रणनीतिक साझेदारी का एक नया अध्याय जोड़ेगा।

स्थानीय विश्लेषकों के विचार में वर्तमान में मध्य पूर्व देशों का चीन के साथ करीब आने के पीछे दो मुख्य कारण हैं। पहला, चीन और मध्य पूर्व देश राजनीति में एक दूसरे का सम्मान करते हैं और सहयोग का मजबूत आधार है। चीन कभी भी दूसरे देश के अंदरूनी मामले में हस्तक्षेप नहीं करता है और हमेशा मध्य पूर्व की जनता का स्वतंत्रता से अपने विकास का रास्ता निकालने का समर्थन करता है। मध्य पूर्व सवाल पर चीन न्यायपूर्ण सिद्धांत पर कायम रहकर शांति और वार्ता बढ़ाने की कोशिश करता है, जो एक विश्वसनीय बड़ा देश है। चीन द्वारा प्रस्तावित बेल्ट एंड रोड पहल मध्य पूर्व देशों के लिए मूल्यवान मौका भी प्रदान करता है। उधर, मध्य पूर्व देश थाईवान, शिनच्यांग व मानवाधिकार जैसे मुद्दों पर चीन का अटल समर्थन करते हैं।

READ ALSO

‘मन्नू क्या करेगा?’ में खुद की खोज का सफर, युवाओं की उलझनों की कहानी कहती है फिल्म

अदाणी पावर को मध्य प्रदेश में 800 मेगावाट अतिरिक्त क्षमता के लिए ग्रीनफील्ड थर्मल प्लांट से बिजली सप्लाई का मिला ऑर्डर

दूसरा, चीन और मध्यपूर्व देशों के बीच बड़ी आर्थिक पूरकता मौजूद है। दोनों पक्षों के सहयोग का उज्‍जवल भविष्य है। चीन मध्य पूर्व के कई देशों का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है। इस साल की पहले तीन तिमाहियों में चीन और अरब देशों का व्यापार 3 खरब 19 अरब 29 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक जा पहुंचा, जो पिछले साल की समान अवधि से 35.28 प्रतिशत बढ़ा है।

लंबे समय तक मध्य पूर्व के देश प्रभुत्ववाद और भू-राजनीतिक मुकाबले के शिकार बने रहे हैं। उनको इस क्षेत्र के लिए शांति व विकास बढ़ाने वाली सकारात्मक ऊर्जा की जरूरत है। इस संदर्भ में चीन मध्य पूर्व देशों के लिए एक विश्वसनीय रणनीतिक साझेदार के रूप में देखा जाता है।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

–आईएएनएस

एएनएम

ADVERTISEMENT

बीजिंग, 7 दिसम्बर (आईएएनएस)। 7 से 10 दिसंबर तक चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग सऊदी अरब की राजधानी रियाद में पहली चीन-अरब देश शिखर बैठक, चीन-खाड़ी सहयोग परिषद शिखर बैठक में भाग लेंगे और सऊदी अरब की राजकीय यात्रा करेंगे। यह चीन और अरब देशों के संबंधों में एक मील का पत्थर है, जो चीन-अरब देशों की रणनीतिक साझेदारी का एक नया अध्याय जोड़ेगा।

स्थानीय विश्लेषकों के विचार में वर्तमान में मध्य पूर्व देशों का चीन के साथ करीब आने के पीछे दो मुख्य कारण हैं। पहला, चीन और मध्य पूर्व देश राजनीति में एक दूसरे का सम्मान करते हैं और सहयोग का मजबूत आधार है। चीन कभी भी दूसरे देश के अंदरूनी मामले में हस्तक्षेप नहीं करता है और हमेशा मध्य पूर्व की जनता का स्वतंत्रता से अपने विकास का रास्ता निकालने का समर्थन करता है। मध्य पूर्व सवाल पर चीन न्यायपूर्ण सिद्धांत पर कायम रहकर शांति और वार्ता बढ़ाने की कोशिश करता है, जो एक विश्वसनीय बड़ा देश है। चीन द्वारा प्रस्तावित बेल्ट एंड रोड पहल मध्य पूर्व देशों के लिए मूल्यवान मौका भी प्रदान करता है। उधर, मध्य पूर्व देश थाईवान, शिनच्यांग व मानवाधिकार जैसे मुद्दों पर चीन का अटल समर्थन करते हैं।

दूसरा, चीन और मध्यपूर्व देशों के बीच बड़ी आर्थिक पूरकता मौजूद है। दोनों पक्षों के सहयोग का उज्‍जवल भविष्य है। चीन मध्य पूर्व के कई देशों का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है। इस साल की पहले तीन तिमाहियों में चीन और अरब देशों का व्यापार 3 खरब 19 अरब 29 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक जा पहुंचा, जो पिछले साल की समान अवधि से 35.28 प्रतिशत बढ़ा है।

लंबे समय तक मध्य पूर्व के देश प्रभुत्ववाद और भू-राजनीतिक मुकाबले के शिकार बने रहे हैं। उनको इस क्षेत्र के लिए शांति व विकास बढ़ाने वाली सकारात्मक ऊर्जा की जरूरत है। इस संदर्भ में चीन मध्य पूर्व देशों के लिए एक विश्वसनीय रणनीतिक साझेदार के रूप में देखा जाता है।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

–आईएएनएस

एएनएम

ADVERTISEMENT

बीजिंग, 7 दिसम्बर (आईएएनएस)। 7 से 10 दिसंबर तक चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग सऊदी अरब की राजधानी रियाद में पहली चीन-अरब देश शिखर बैठक, चीन-खाड़ी सहयोग परिषद शिखर बैठक में भाग लेंगे और सऊदी अरब की राजकीय यात्रा करेंगे। यह चीन और अरब देशों के संबंधों में एक मील का पत्थर है, जो चीन-अरब देशों की रणनीतिक साझेदारी का एक नया अध्याय जोड़ेगा।

स्थानीय विश्लेषकों के विचार में वर्तमान में मध्य पूर्व देशों का चीन के साथ करीब आने के पीछे दो मुख्य कारण हैं। पहला, चीन और मध्य पूर्व देश राजनीति में एक दूसरे का सम्मान करते हैं और सहयोग का मजबूत आधार है। चीन कभी भी दूसरे देश के अंदरूनी मामले में हस्तक्षेप नहीं करता है और हमेशा मध्य पूर्व की जनता का स्वतंत्रता से अपने विकास का रास्ता निकालने का समर्थन करता है। मध्य पूर्व सवाल पर चीन न्यायपूर्ण सिद्धांत पर कायम रहकर शांति और वार्ता बढ़ाने की कोशिश करता है, जो एक विश्वसनीय बड़ा देश है। चीन द्वारा प्रस्तावित बेल्ट एंड रोड पहल मध्य पूर्व देशों के लिए मूल्यवान मौका भी प्रदान करता है। उधर, मध्य पूर्व देश थाईवान, शिनच्यांग व मानवाधिकार जैसे मुद्दों पर चीन का अटल समर्थन करते हैं।

दूसरा, चीन और मध्यपूर्व देशों के बीच बड़ी आर्थिक पूरकता मौजूद है। दोनों पक्षों के सहयोग का उज्‍जवल भविष्य है। चीन मध्य पूर्व के कई देशों का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है। इस साल की पहले तीन तिमाहियों में चीन और अरब देशों का व्यापार 3 खरब 19 अरब 29 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक जा पहुंचा, जो पिछले साल की समान अवधि से 35.28 प्रतिशत बढ़ा है।

लंबे समय तक मध्य पूर्व के देश प्रभुत्ववाद और भू-राजनीतिक मुकाबले के शिकार बने रहे हैं। उनको इस क्षेत्र के लिए शांति व विकास बढ़ाने वाली सकारात्मक ऊर्जा की जरूरत है। इस संदर्भ में चीन मध्य पूर्व देशों के लिए एक विश्वसनीय रणनीतिक साझेदार के रूप में देखा जाता है।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

–आईएएनएस

एएनएम

ADVERTISEMENT

बीजिंग, 7 दिसम्बर (आईएएनएस)। 7 से 10 दिसंबर तक चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग सऊदी अरब की राजधानी रियाद में पहली चीन-अरब देश शिखर बैठक, चीन-खाड़ी सहयोग परिषद शिखर बैठक में भाग लेंगे और सऊदी अरब की राजकीय यात्रा करेंगे। यह चीन और अरब देशों के संबंधों में एक मील का पत्थर है, जो चीन-अरब देशों की रणनीतिक साझेदारी का एक नया अध्याय जोड़ेगा।

स्थानीय विश्लेषकों के विचार में वर्तमान में मध्य पूर्व देशों का चीन के साथ करीब आने के पीछे दो मुख्य कारण हैं। पहला, चीन और मध्य पूर्व देश राजनीति में एक दूसरे का सम्मान करते हैं और सहयोग का मजबूत आधार है। चीन कभी भी दूसरे देश के अंदरूनी मामले में हस्तक्षेप नहीं करता है और हमेशा मध्य पूर्व की जनता का स्वतंत्रता से अपने विकास का रास्ता निकालने का समर्थन करता है। मध्य पूर्व सवाल पर चीन न्यायपूर्ण सिद्धांत पर कायम रहकर शांति और वार्ता बढ़ाने की कोशिश करता है, जो एक विश्वसनीय बड़ा देश है। चीन द्वारा प्रस्तावित बेल्ट एंड रोड पहल मध्य पूर्व देशों के लिए मूल्यवान मौका भी प्रदान करता है। उधर, मध्य पूर्व देश थाईवान, शिनच्यांग व मानवाधिकार जैसे मुद्दों पर चीन का अटल समर्थन करते हैं।

दूसरा, चीन और मध्यपूर्व देशों के बीच बड़ी आर्थिक पूरकता मौजूद है। दोनों पक्षों के सहयोग का उज्‍जवल भविष्य है। चीन मध्य पूर्व के कई देशों का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है। इस साल की पहले तीन तिमाहियों में चीन और अरब देशों का व्यापार 3 खरब 19 अरब 29 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक जा पहुंचा, जो पिछले साल की समान अवधि से 35.28 प्रतिशत बढ़ा है।

लंबे समय तक मध्य पूर्व के देश प्रभुत्ववाद और भू-राजनीतिक मुकाबले के शिकार बने रहे हैं। उनको इस क्षेत्र के लिए शांति व विकास बढ़ाने वाली सकारात्मक ऊर्जा की जरूरत है। इस संदर्भ में चीन मध्य पूर्व देशों के लिए एक विश्वसनीय रणनीतिक साझेदार के रूप में देखा जाता है।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

–आईएएनएस

एएनएम

ADVERTISEMENT

बीजिंग, 7 दिसम्बर (आईएएनएस)। 7 से 10 दिसंबर तक चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग सऊदी अरब की राजधानी रियाद में पहली चीन-अरब देश शिखर बैठक, चीन-खाड़ी सहयोग परिषद शिखर बैठक में भाग लेंगे और सऊदी अरब की राजकीय यात्रा करेंगे। यह चीन और अरब देशों के संबंधों में एक मील का पत्थर है, जो चीन-अरब देशों की रणनीतिक साझेदारी का एक नया अध्याय जोड़ेगा।

स्थानीय विश्लेषकों के विचार में वर्तमान में मध्य पूर्व देशों का चीन के साथ करीब आने के पीछे दो मुख्य कारण हैं। पहला, चीन और मध्य पूर्व देश राजनीति में एक दूसरे का सम्मान करते हैं और सहयोग का मजबूत आधार है। चीन कभी भी दूसरे देश के अंदरूनी मामले में हस्तक्षेप नहीं करता है और हमेशा मध्य पूर्व की जनता का स्वतंत्रता से अपने विकास का रास्ता निकालने का समर्थन करता है। मध्य पूर्व सवाल पर चीन न्यायपूर्ण सिद्धांत पर कायम रहकर शांति और वार्ता बढ़ाने की कोशिश करता है, जो एक विश्वसनीय बड़ा देश है। चीन द्वारा प्रस्तावित बेल्ट एंड रोड पहल मध्य पूर्व देशों के लिए मूल्यवान मौका भी प्रदान करता है। उधर, मध्य पूर्व देश थाईवान, शिनच्यांग व मानवाधिकार जैसे मुद्दों पर चीन का अटल समर्थन करते हैं।

दूसरा, चीन और मध्यपूर्व देशों के बीच बड़ी आर्थिक पूरकता मौजूद है। दोनों पक्षों के सहयोग का उज्‍जवल भविष्य है। चीन मध्य पूर्व के कई देशों का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है। इस साल की पहले तीन तिमाहियों में चीन और अरब देशों का व्यापार 3 खरब 19 अरब 29 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक जा पहुंचा, जो पिछले साल की समान अवधि से 35.28 प्रतिशत बढ़ा है।

लंबे समय तक मध्य पूर्व के देश प्रभुत्ववाद और भू-राजनीतिक मुकाबले के शिकार बने रहे हैं। उनको इस क्षेत्र के लिए शांति व विकास बढ़ाने वाली सकारात्मक ऊर्जा की जरूरत है। इस संदर्भ में चीन मध्य पूर्व देशों के लिए एक विश्वसनीय रणनीतिक साझेदार के रूप में देखा जाता है।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

–आईएएनएस

एएनएम

ADVERTISEMENT

बीजिंग, 7 दिसम्बर (आईएएनएस)। 7 से 10 दिसंबर तक चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग सऊदी अरब की राजधानी रियाद में पहली चीन-अरब देश शिखर बैठक, चीन-खाड़ी सहयोग परिषद शिखर बैठक में भाग लेंगे और सऊदी अरब की राजकीय यात्रा करेंगे। यह चीन और अरब देशों के संबंधों में एक मील का पत्थर है, जो चीन-अरब देशों की रणनीतिक साझेदारी का एक नया अध्याय जोड़ेगा।

स्थानीय विश्लेषकों के विचार में वर्तमान में मध्य पूर्व देशों का चीन के साथ करीब आने के पीछे दो मुख्य कारण हैं। पहला, चीन और मध्य पूर्व देश राजनीति में एक दूसरे का सम्मान करते हैं और सहयोग का मजबूत आधार है। चीन कभी भी दूसरे देश के अंदरूनी मामले में हस्तक्षेप नहीं करता है और हमेशा मध्य पूर्व की जनता का स्वतंत्रता से अपने विकास का रास्ता निकालने का समर्थन करता है। मध्य पूर्व सवाल पर चीन न्यायपूर्ण सिद्धांत पर कायम रहकर शांति और वार्ता बढ़ाने की कोशिश करता है, जो एक विश्वसनीय बड़ा देश है। चीन द्वारा प्रस्तावित बेल्ट एंड रोड पहल मध्य पूर्व देशों के लिए मूल्यवान मौका भी प्रदान करता है। उधर, मध्य पूर्व देश थाईवान, शिनच्यांग व मानवाधिकार जैसे मुद्दों पर चीन का अटल समर्थन करते हैं।

दूसरा, चीन और मध्यपूर्व देशों के बीच बड़ी आर्थिक पूरकता मौजूद है। दोनों पक्षों के सहयोग का उज्‍जवल भविष्य है। चीन मध्य पूर्व के कई देशों का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है। इस साल की पहले तीन तिमाहियों में चीन और अरब देशों का व्यापार 3 खरब 19 अरब 29 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक जा पहुंचा, जो पिछले साल की समान अवधि से 35.28 प्रतिशत बढ़ा है।

लंबे समय तक मध्य पूर्व के देश प्रभुत्ववाद और भू-राजनीतिक मुकाबले के शिकार बने रहे हैं। उनको इस क्षेत्र के लिए शांति व विकास बढ़ाने वाली सकारात्मक ऊर्जा की जरूरत है। इस संदर्भ में चीन मध्य पूर्व देशों के लिए एक विश्वसनीय रणनीतिक साझेदार के रूप में देखा जाता है।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

–आईएएनएस

एएनएम

ADVERTISEMENT

बीजिंग, 7 दिसम्बर (आईएएनएस)। 7 से 10 दिसंबर तक चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग सऊदी अरब की राजधानी रियाद में पहली चीन-अरब देश शिखर बैठक, चीन-खाड़ी सहयोग परिषद शिखर बैठक में भाग लेंगे और सऊदी अरब की राजकीय यात्रा करेंगे। यह चीन और अरब देशों के संबंधों में एक मील का पत्थर है, जो चीन-अरब देशों की रणनीतिक साझेदारी का एक नया अध्याय जोड़ेगा।

स्थानीय विश्लेषकों के विचार में वर्तमान में मध्य पूर्व देशों का चीन के साथ करीब आने के पीछे दो मुख्य कारण हैं। पहला, चीन और मध्य पूर्व देश राजनीति में एक दूसरे का सम्मान करते हैं और सहयोग का मजबूत आधार है। चीन कभी भी दूसरे देश के अंदरूनी मामले में हस्तक्षेप नहीं करता है और हमेशा मध्य पूर्व की जनता का स्वतंत्रता से अपने विकास का रास्ता निकालने का समर्थन करता है। मध्य पूर्व सवाल पर चीन न्यायपूर्ण सिद्धांत पर कायम रहकर शांति और वार्ता बढ़ाने की कोशिश करता है, जो एक विश्वसनीय बड़ा देश है। चीन द्वारा प्रस्तावित बेल्ट एंड रोड पहल मध्य पूर्व देशों के लिए मूल्यवान मौका भी प्रदान करता है। उधर, मध्य पूर्व देश थाईवान, शिनच्यांग व मानवाधिकार जैसे मुद्दों पर चीन का अटल समर्थन करते हैं।

दूसरा, चीन और मध्यपूर्व देशों के बीच बड़ी आर्थिक पूरकता मौजूद है। दोनों पक्षों के सहयोग का उज्‍जवल भविष्य है। चीन मध्य पूर्व के कई देशों का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है। इस साल की पहले तीन तिमाहियों में चीन और अरब देशों का व्यापार 3 खरब 19 अरब 29 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक जा पहुंचा, जो पिछले साल की समान अवधि से 35.28 प्रतिशत बढ़ा है।

लंबे समय तक मध्य पूर्व के देश प्रभुत्ववाद और भू-राजनीतिक मुकाबले के शिकार बने रहे हैं। उनको इस क्षेत्र के लिए शांति व विकास बढ़ाने वाली सकारात्मक ऊर्जा की जरूरत है। इस संदर्भ में चीन मध्य पूर्व देशों के लिए एक विश्वसनीय रणनीतिक साझेदार के रूप में देखा जाता है।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

–आईएएनएस

एएनएम

ADVERTISEMENT

बीजिंग, 7 दिसम्बर (आईएएनएस)। 7 से 10 दिसंबर तक चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग सऊदी अरब की राजधानी रियाद में पहली चीन-अरब देश शिखर बैठक, चीन-खाड़ी सहयोग परिषद शिखर बैठक में भाग लेंगे और सऊदी अरब की राजकीय यात्रा करेंगे। यह चीन और अरब देशों के संबंधों में एक मील का पत्थर है, जो चीन-अरब देशों की रणनीतिक साझेदारी का एक नया अध्याय जोड़ेगा।

स्थानीय विश्लेषकों के विचार में वर्तमान में मध्य पूर्व देशों का चीन के साथ करीब आने के पीछे दो मुख्य कारण हैं। पहला, चीन और मध्य पूर्व देश राजनीति में एक दूसरे का सम्मान करते हैं और सहयोग का मजबूत आधार है। चीन कभी भी दूसरे देश के अंदरूनी मामले में हस्तक्षेप नहीं करता है और हमेशा मध्य पूर्व की जनता का स्वतंत्रता से अपने विकास का रास्ता निकालने का समर्थन करता है। मध्य पूर्व सवाल पर चीन न्यायपूर्ण सिद्धांत पर कायम रहकर शांति और वार्ता बढ़ाने की कोशिश करता है, जो एक विश्वसनीय बड़ा देश है। चीन द्वारा प्रस्तावित बेल्ट एंड रोड पहल मध्य पूर्व देशों के लिए मूल्यवान मौका भी प्रदान करता है। उधर, मध्य पूर्व देश थाईवान, शिनच्यांग व मानवाधिकार जैसे मुद्दों पर चीन का अटल समर्थन करते हैं।

दूसरा, चीन और मध्यपूर्व देशों के बीच बड़ी आर्थिक पूरकता मौजूद है। दोनों पक्षों के सहयोग का उज्‍जवल भविष्य है। चीन मध्य पूर्व के कई देशों का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है। इस साल की पहले तीन तिमाहियों में चीन और अरब देशों का व्यापार 3 खरब 19 अरब 29 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक जा पहुंचा, जो पिछले साल की समान अवधि से 35.28 प्रतिशत बढ़ा है।

लंबे समय तक मध्य पूर्व के देश प्रभुत्ववाद और भू-राजनीतिक मुकाबले के शिकार बने रहे हैं। उनको इस क्षेत्र के लिए शांति व विकास बढ़ाने वाली सकारात्मक ऊर्जा की जरूरत है। इस संदर्भ में चीन मध्य पूर्व देशों के लिए एक विश्वसनीय रणनीतिक साझेदार के रूप में देखा जाता है।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

–आईएएनएस

एएनएम

Related Posts

ताज़ा समाचार

‘मन्नू क्या करेगा?’ में खुद की खोज का सफर, युवाओं की उलझनों की कहानी कहती है फिल्म

September 11, 2025
ताज़ा समाचार

अदाणी पावर को मध्य प्रदेश में 800 मेगावाट अतिरिक्त क्षमता के लिए ग्रीनफील्ड थर्मल प्लांट से बिजली सप्लाई का मिला ऑर्डर

September 11, 2025
ताज़ा समाचार

गुजरात : मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ‘राष्ट्रीय वन शहीद दिवस’ पर शहीद वनकर्मियों को श्रद्धांजलि दी

September 11, 2025
ताज़ा समाचार

‘अनुपमा’ फेम रूपाली गांगुली का ट्रेडिशनल लुक, बंगाली गाने पर दिखाया जलवा

September 11, 2025
ताज़ा समाचार

ऑटोमोबाइल सेक्टर के बाजार विस्तार और सप्लाई चेन को मजबूत करने में केंद्र सरकार करेगी मदद

September 11, 2025
ताज़ा समाचार

नेपाल में उथल-पुथल : चार चेहरों ने बदली आंदोलन की दिशा, ओली सरकार को हिलाया

September 11, 2025
Next Post
चीन और अरब मीडिया संगोष्ठी सफलतापूर्वक आयोजित

चीन और अरब मीडिया संगोष्ठी सफलतापूर्वक आयोजित

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

097765
Total views : 5971644
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In