जबलपुर. जिले के राइस मिलर्स के साथ स्वयं कलेक्टर दीपक सक्सेना द्वारा बैठक कर समय सीमा में धान मिलिंग पूर्ण करने के निर्देश दिए गए थे लेकिन राइस मिलर्स को दिए गए सख्त निर्देश का भी कोई असर नहीं दिखाई दे रहा हैं. वहीं वेयर हाउस संचालकों द्वारा भी व्यापक पैमाने पर गड़बडिय़ां की जा रही हैं. राइस मिलर्स द्वारा व्यापक पैमाने पर गड़बडिय़ां की जा रही हैं.
कुछ वेयर हाउस द्वारा जरूरत से ज्यादा सूखत बताई जा रही हैं वहीं कुछ राइस मिलर्स की धान की कस्टम मिलिंग की प्रगति अत्यंत कम हैं. हालहीं में 5 नवंबर को धान की कस्टम मिलिंग की समीक्षा के दौरान भी उक्त बातें संज्ञान में आईं, जिसके चलते रैंडम आधार पर राइस मिल और वेयर हाउसों की आकस्मिक रूप से मौके पर पहुंच कर जांच के लिए जांच दल गठित किया गया हैं.
जांच दल में इन्हें किया गया शामिल
जांच दल में डिप्टी कलेक्टर एवं प्र. जिला आपूर्ति नियंत्रक कुलदीप पाराशर, सहायक आपूर्ति अधिकारी संजय खरे, एमपीसीएससी के जिला प्रबंधक दिलीप किरार, जिला विपणन अधिकारी, मार्कफेड हीरेन्द्र सिंह रघुवंशी एवं एमपीडब्ल्युएलसी के जिला प्रबंधक सखाराम निमोदा को शामिल किया हैं. कलेक्टर दीपक सक्सेना द्वारा जांच दल को जांच की कार्रवाई कर एक सप्ताह में अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.
दिए गए थे सख्त निर्देश
ज्ञात हो कि कलेक्टर दीपक सक्सेना के दिशा-निर्देशों पर कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में धान मिलिंग कार्यों की 5 नवंबर को व्यापक समीक्षा की गई थी. इस बैठक में जिले के सभी राइस मिलर्स को 15 नवंबर तक शेष धान की मिलिंग को अनिवार्य रूप से पूरा करने के निर्देश दिए गए. साथ ही स्पष्ट चेतावनी दी गई कि समय सीमा का उल्लंघन करने पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
बैठक के दौरान उप जिलाधिकारी एवं प्रभारी जिला आपूर्ति नियंत्रक कुलदीप पाराशर, सहायक आपूर्ति अधिकारी संजय खरे, जिला विपणन अधिकारी हीरेन्द्र सिंह रघुवंशी, जिला प्रबंधक म.प्र. वेयरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कॉर्पोरेशन एस.आर. निमोदा, तथा म.प्र. सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन के जिला प्रबंधक दिलीप किरार समेत जिले के समस्त राइस मिलर्स मौजूद रहे.