कहा जाता है कि अक्षय नवमी पर मथुरा और अयोध्या की पंचकोशीय परिक्रमा करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं और इसका विशेष महत्व है। अक्षय नवमी पर्व पर मथुरा में हर वर्ष की तरह इस बार भी बड़ी संख्या में ठाकुर जी के भक्त परिक्रमा करने के लिए पहुंचे थे। जिला प्रशासन ने भक्तों को परिक्रमा करने के दौरान किसी भी प्रकार से कोई समस्या न होने देने और सुरक्षा व्यवस्था के लिए पर्याप्त व्यवस्था की है।
जगह-जगह पर पुलिस बल तैनात किए गए थे और बेरिकेडिंग भी की गई थी जिससे किसी भी भक्त को समस्या न हो। परिक्रमा लगाने के बाद कुछ भक्तों ने अपने अनुभव आईएएनएस के साथ साझा किए।
अक्षय नवमी पर परिक्रमा कर रही मथुरा निवासी पुष्पा बंसल ने आईएएनएस को बताया कि आज के दिन परिक्रमा क्यों की जाती है। उन्होंने कहा, “अक्षय नवमी के दिन मान्यता है कि आज के दिन दान पुण्य करना अच्छा होता है। दानपुण्य के लिए लाभ हानि नहीं देखी जाती है। ठाकुर जी ने गाय चराई थी और परिक्रमा दी थी। तब से यह मान्यता चली आ रही है और आम जनता भी आज के दिन परिक्रमा करती है।”
उन्होंने कहा कि परिक्रमा से लाभ ही लाभ मिलता है। मन में जो भी मनोकामना लेकर परिक्रमा की जाती है तो ठाकुर जी उसे पूर्ण जरूर करते हैं। उन्होंने कहा कि बचपन से ही यहां पर परिक्रमा कर रही हैं। हमें तो गिनती भी नहीं पता है कि हम अब तक कितनी बार परिक्रमा कर चुके हैं।
हाथरस से आई एक महिला ने बताया कि भगवान की प्राप्ति के लिए यह परिक्रमा की जाती है। हमारे जीवन में इस दिन का काफी महत्व है।
एक अन्य महिला ने कहा, “भगवान की कृपा हम पर बनी रहे इसलिए यह परिक्रमा की जाती है। किसी तरह की कोई मनोकामना नहीं है, हम तो भगवान की प्राप्ति के लिए परिक्रमा करते हैं।”
–आईएएनएस
डीकेएम/एएस
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मथुरा, 10 नवंबर (आईएएनएस)। मथुरा में अक्षय नवमी पर रविवार को भारी संख्या में ठाकुर जी के भक्तों ने पंचकोशीय परिक्रमा की।
कहा जाता है कि अक्षय नवमी पर मथुरा और अयोध्या की पंचकोशीय परिक्रमा करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं और इसका विशेष महत्व है। अक्षय नवमी पर्व पर मथुरा में हर वर्ष की तरह इस बार भी बड़ी संख्या में ठाकुर जी के भक्त परिक्रमा करने के लिए पहुंचे थे। जिला प्रशासन ने भक्तों को परिक्रमा करने के दौरान किसी भी प्रकार से कोई समस्या न होने देने और सुरक्षा व्यवस्था के लिए पर्याप्त व्यवस्था की है।
जगह-जगह पर पुलिस बल तैनात किए गए थे और बेरिकेडिंग भी की गई थी जिससे किसी भी भक्त को समस्या न हो। परिक्रमा लगाने के बाद कुछ भक्तों ने अपने अनुभव आईएएनएस के साथ साझा किए।
अक्षय नवमी पर परिक्रमा कर रही मथुरा निवासी पुष्पा बंसल ने आईएएनएस को बताया कि आज के दिन परिक्रमा क्यों की जाती है। उन्होंने कहा, “अक्षय नवमी के दिन मान्यता है कि आज के दिन दान पुण्य करना अच्छा होता है। दानपुण्य के लिए लाभ हानि नहीं देखी जाती है। ठाकुर जी ने गाय चराई थी और परिक्रमा दी थी। तब से यह मान्यता चली आ रही है और आम जनता भी आज के दिन परिक्रमा करती है।”
उन्होंने कहा कि परिक्रमा से लाभ ही लाभ मिलता है। मन में जो भी मनोकामना लेकर परिक्रमा की जाती है तो ठाकुर जी उसे पूर्ण जरूर करते हैं। उन्होंने कहा कि बचपन से ही यहां पर परिक्रमा कर रही हैं। हमें तो गिनती भी नहीं पता है कि हम अब तक कितनी बार परिक्रमा कर चुके हैं।
हाथरस से आई एक महिला ने बताया कि भगवान की प्राप्ति के लिए यह परिक्रमा की जाती है। हमारे जीवन में इस दिन का काफी महत्व है।
एक अन्य महिला ने कहा, “भगवान की कृपा हम पर बनी रहे इसलिए यह परिक्रमा की जाती है। किसी तरह की कोई मनोकामना नहीं है, हम तो भगवान की प्राप्ति के लिए परिक्रमा करते हैं।”
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मथुरा, 10 नवंबर (आईएएनएस)। मथुरा में अक्षय नवमी पर रविवार को भारी संख्या में ठाकुर जी के भक्तों ने पंचकोशीय परिक्रमा की।
कहा जाता है कि अक्षय नवमी पर मथुरा और अयोध्या की पंचकोशीय परिक्रमा करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं और इसका विशेष महत्व है। अक्षय नवमी पर्व पर मथुरा में हर वर्ष की तरह इस बार भी बड़ी संख्या में ठाकुर जी के भक्त परिक्रमा करने के लिए पहुंचे थे। जिला प्रशासन ने भक्तों को परिक्रमा करने के दौरान किसी भी प्रकार से कोई समस्या न होने देने और सुरक्षा व्यवस्था के लिए पर्याप्त व्यवस्था की है।
जगह-जगह पर पुलिस बल तैनात किए गए थे और बेरिकेडिंग भी की गई थी जिससे किसी भी भक्त को समस्या न हो। परिक्रमा लगाने के बाद कुछ भक्तों ने अपने अनुभव आईएएनएस के साथ साझा किए।
अक्षय नवमी पर परिक्रमा कर रही मथुरा निवासी पुष्पा बंसल ने आईएएनएस को बताया कि आज के दिन परिक्रमा क्यों की जाती है। उन्होंने कहा, “अक्षय नवमी के दिन मान्यता है कि आज के दिन दान पुण्य करना अच्छा होता है। दानपुण्य के लिए लाभ हानि नहीं देखी जाती है। ठाकुर जी ने गाय चराई थी और परिक्रमा दी थी। तब से यह मान्यता चली आ रही है और आम जनता भी आज के दिन परिक्रमा करती है।”
उन्होंने कहा कि परिक्रमा से लाभ ही लाभ मिलता है। मन में जो भी मनोकामना लेकर परिक्रमा की जाती है तो ठाकुर जी उसे पूर्ण जरूर करते हैं। उन्होंने कहा कि बचपन से ही यहां पर परिक्रमा कर रही हैं। हमें तो गिनती भी नहीं पता है कि हम अब तक कितनी बार परिक्रमा कर चुके हैं।
हाथरस से आई एक महिला ने बताया कि भगवान की प्राप्ति के लिए यह परिक्रमा की जाती है। हमारे जीवन में इस दिन का काफी महत्व है।
एक अन्य महिला ने कहा, “भगवान की कृपा हम पर बनी रहे इसलिए यह परिक्रमा की जाती है। किसी तरह की कोई मनोकामना नहीं है, हम तो भगवान की प्राप्ति के लिए परिक्रमा करते हैं।”
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मथुरा, 10 नवंबर (आईएएनएस)। मथुरा में अक्षय नवमी पर रविवार को भारी संख्या में ठाकुर जी के भक्तों ने पंचकोशीय परिक्रमा की।
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अक्षय नवमी पर परिक्रमा कर रही मथुरा निवासी पुष्पा बंसल ने आईएएनएस को बताया कि आज के दिन परिक्रमा क्यों की जाती है। उन्होंने कहा, “अक्षय नवमी के दिन मान्यता है कि आज के दिन दान पुण्य करना अच्छा होता है। दानपुण्य के लिए लाभ हानि नहीं देखी जाती है। ठाकुर जी ने गाय चराई थी और परिक्रमा दी थी। तब से यह मान्यता चली आ रही है और आम जनता भी आज के दिन परिक्रमा करती है।”
उन्होंने कहा कि परिक्रमा से लाभ ही लाभ मिलता है। मन में जो भी मनोकामना लेकर परिक्रमा की जाती है तो ठाकुर जी उसे पूर्ण जरूर करते हैं। उन्होंने कहा कि बचपन से ही यहां पर परिक्रमा कर रही हैं। हमें तो गिनती भी नहीं पता है कि हम अब तक कितनी बार परिक्रमा कर चुके हैं।
हाथरस से आई एक महिला ने बताया कि भगवान की प्राप्ति के लिए यह परिक्रमा की जाती है। हमारे जीवन में इस दिन का काफी महत्व है।
एक अन्य महिला ने कहा, “भगवान की कृपा हम पर बनी रहे इसलिए यह परिक्रमा की जाती है। किसी तरह की कोई मनोकामना नहीं है, हम तो भगवान की प्राप्ति के लिए परिक्रमा करते हैं।”
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अक्षय नवमी पर परिक्रमा कर रही मथुरा निवासी पुष्पा बंसल ने आईएएनएस को बताया कि आज के दिन परिक्रमा क्यों की जाती है। उन्होंने कहा, “अक्षय नवमी के दिन मान्यता है कि आज के दिन दान पुण्य करना अच्छा होता है। दानपुण्य के लिए लाभ हानि नहीं देखी जाती है। ठाकुर जी ने गाय चराई थी और परिक्रमा दी थी। तब से यह मान्यता चली आ रही है और आम जनता भी आज के दिन परिक्रमा करती है।”
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हाथरस से आई एक महिला ने बताया कि भगवान की प्राप्ति के लिए यह परिक्रमा की जाती है। हमारे जीवन में इस दिन का काफी महत्व है।
एक अन्य महिला ने कहा, “भगवान की कृपा हम पर बनी रहे इसलिए यह परिक्रमा की जाती है। किसी तरह की कोई मनोकामना नहीं है, हम तो भगवान की प्राप्ति के लिए परिक्रमा करते हैं।”
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मथुरा, 10 नवंबर (आईएएनएस)। मथुरा में अक्षय नवमी पर रविवार को भारी संख्या में ठाकुर जी के भक्तों ने पंचकोशीय परिक्रमा की।
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जगह-जगह पर पुलिस बल तैनात किए गए थे और बेरिकेडिंग भी की गई थी जिससे किसी भी भक्त को समस्या न हो। परिक्रमा लगाने के बाद कुछ भक्तों ने अपने अनुभव आईएएनएस के साथ साझा किए।
अक्षय नवमी पर परिक्रमा कर रही मथुरा निवासी पुष्पा बंसल ने आईएएनएस को बताया कि आज के दिन परिक्रमा क्यों की जाती है। उन्होंने कहा, “अक्षय नवमी के दिन मान्यता है कि आज के दिन दान पुण्य करना अच्छा होता है। दानपुण्य के लिए लाभ हानि नहीं देखी जाती है। ठाकुर जी ने गाय चराई थी और परिक्रमा दी थी। तब से यह मान्यता चली आ रही है और आम जनता भी आज के दिन परिक्रमा करती है।”
उन्होंने कहा कि परिक्रमा से लाभ ही लाभ मिलता है। मन में जो भी मनोकामना लेकर परिक्रमा की जाती है तो ठाकुर जी उसे पूर्ण जरूर करते हैं। उन्होंने कहा कि बचपन से ही यहां पर परिक्रमा कर रही हैं। हमें तो गिनती भी नहीं पता है कि हम अब तक कितनी बार परिक्रमा कर चुके हैं।
हाथरस से आई एक महिला ने बताया कि भगवान की प्राप्ति के लिए यह परिक्रमा की जाती है। हमारे जीवन में इस दिन का काफी महत्व है।
एक अन्य महिला ने कहा, “भगवान की कृपा हम पर बनी रहे इसलिए यह परिक्रमा की जाती है। किसी तरह की कोई मनोकामना नहीं है, हम तो भगवान की प्राप्ति के लिए परिक्रमा करते हैं।”
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मथुरा, 10 नवंबर (आईएएनएस)। मथुरा में अक्षय नवमी पर रविवार को भारी संख्या में ठाकुर जी के भक्तों ने पंचकोशीय परिक्रमा की।
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जगह-जगह पर पुलिस बल तैनात किए गए थे और बेरिकेडिंग भी की गई थी जिससे किसी भी भक्त को समस्या न हो। परिक्रमा लगाने के बाद कुछ भक्तों ने अपने अनुभव आईएएनएस के साथ साझा किए।
अक्षय नवमी पर परिक्रमा कर रही मथुरा निवासी पुष्पा बंसल ने आईएएनएस को बताया कि आज के दिन परिक्रमा क्यों की जाती है। उन्होंने कहा, “अक्षय नवमी के दिन मान्यता है कि आज के दिन दान पुण्य करना अच्छा होता है। दानपुण्य के लिए लाभ हानि नहीं देखी जाती है। ठाकुर जी ने गाय चराई थी और परिक्रमा दी थी। तब से यह मान्यता चली आ रही है और आम जनता भी आज के दिन परिक्रमा करती है।”
उन्होंने कहा कि परिक्रमा से लाभ ही लाभ मिलता है। मन में जो भी मनोकामना लेकर परिक्रमा की जाती है तो ठाकुर जी उसे पूर्ण जरूर करते हैं। उन्होंने कहा कि बचपन से ही यहां पर परिक्रमा कर रही हैं। हमें तो गिनती भी नहीं पता है कि हम अब तक कितनी बार परिक्रमा कर चुके हैं।
हाथरस से आई एक महिला ने बताया कि भगवान की प्राप्ति के लिए यह परिक्रमा की जाती है। हमारे जीवन में इस दिन का काफी महत्व है।
एक अन्य महिला ने कहा, “भगवान की कृपा हम पर बनी रहे इसलिए यह परिक्रमा की जाती है। किसी तरह की कोई मनोकामना नहीं है, हम तो भगवान की प्राप्ति के लिए परिक्रमा करते हैं।”
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अक्षय नवमी पर परिक्रमा कर रही मथुरा निवासी पुष्पा बंसल ने आईएएनएस को बताया कि आज के दिन परिक्रमा क्यों की जाती है। उन्होंने कहा, “अक्षय नवमी के दिन मान्यता है कि आज के दिन दान पुण्य करना अच्छा होता है। दानपुण्य के लिए लाभ हानि नहीं देखी जाती है। ठाकुर जी ने गाय चराई थी और परिक्रमा दी थी। तब से यह मान्यता चली आ रही है और आम जनता भी आज के दिन परिक्रमा करती है।”
उन्होंने कहा कि परिक्रमा से लाभ ही लाभ मिलता है। मन में जो भी मनोकामना लेकर परिक्रमा की जाती है तो ठाकुर जी उसे पूर्ण जरूर करते हैं। उन्होंने कहा कि बचपन से ही यहां पर परिक्रमा कर रही हैं। हमें तो गिनती भी नहीं पता है कि हम अब तक कितनी बार परिक्रमा कर चुके हैं।
हाथरस से आई एक महिला ने बताया कि भगवान की प्राप्ति के लिए यह परिक्रमा की जाती है। हमारे जीवन में इस दिन का काफी महत्व है।
एक अन्य महिला ने कहा, “भगवान की कृपा हम पर बनी रहे इसलिए यह परिक्रमा की जाती है। किसी तरह की कोई मनोकामना नहीं है, हम तो भगवान की प्राप्ति के लिए परिक्रमा करते हैं।”
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मथुरा, 10 नवंबर (आईएएनएस)। मथुरा में अक्षय नवमी पर रविवार को भारी संख्या में ठाकुर जी के भक्तों ने पंचकोशीय परिक्रमा की।
कहा जाता है कि अक्षय नवमी पर मथुरा और अयोध्या की पंचकोशीय परिक्रमा करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं और इसका विशेष महत्व है। अक्षय नवमी पर्व पर मथुरा में हर वर्ष की तरह इस बार भी बड़ी संख्या में ठाकुर जी के भक्त परिक्रमा करने के लिए पहुंचे थे। जिला प्रशासन ने भक्तों को परिक्रमा करने के दौरान किसी भी प्रकार से कोई समस्या न होने देने और सुरक्षा व्यवस्था के लिए पर्याप्त व्यवस्था की है।
जगह-जगह पर पुलिस बल तैनात किए गए थे और बेरिकेडिंग भी की गई थी जिससे किसी भी भक्त को समस्या न हो। परिक्रमा लगाने के बाद कुछ भक्तों ने अपने अनुभव आईएएनएस के साथ साझा किए।
अक्षय नवमी पर परिक्रमा कर रही मथुरा निवासी पुष्पा बंसल ने आईएएनएस को बताया कि आज के दिन परिक्रमा क्यों की जाती है। उन्होंने कहा, “अक्षय नवमी के दिन मान्यता है कि आज के दिन दान पुण्य करना अच्छा होता है। दानपुण्य के लिए लाभ हानि नहीं देखी जाती है। ठाकुर जी ने गाय चराई थी और परिक्रमा दी थी। तब से यह मान्यता चली आ रही है और आम जनता भी आज के दिन परिक्रमा करती है।”
उन्होंने कहा कि परिक्रमा से लाभ ही लाभ मिलता है। मन में जो भी मनोकामना लेकर परिक्रमा की जाती है तो ठाकुर जी उसे पूर्ण जरूर करते हैं। उन्होंने कहा कि बचपन से ही यहां पर परिक्रमा कर रही हैं। हमें तो गिनती भी नहीं पता है कि हम अब तक कितनी बार परिक्रमा कर चुके हैं।
हाथरस से आई एक महिला ने बताया कि भगवान की प्राप्ति के लिए यह परिक्रमा की जाती है। हमारे जीवन में इस दिन का काफी महत्व है।
एक अन्य महिला ने कहा, “भगवान की कृपा हम पर बनी रहे इसलिए यह परिक्रमा की जाती है। किसी तरह की कोई मनोकामना नहीं है, हम तो भगवान की प्राप्ति के लिए परिक्रमा करते हैं।”
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मथुरा, 10 नवंबर (आईएएनएस)। मथुरा में अक्षय नवमी पर रविवार को भारी संख्या में ठाकुर जी के भक्तों ने पंचकोशीय परिक्रमा की।
कहा जाता है कि अक्षय नवमी पर मथुरा और अयोध्या की पंचकोशीय परिक्रमा करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं और इसका विशेष महत्व है। अक्षय नवमी पर्व पर मथुरा में हर वर्ष की तरह इस बार भी बड़ी संख्या में ठाकुर जी के भक्त परिक्रमा करने के लिए पहुंचे थे। जिला प्रशासन ने भक्तों को परिक्रमा करने के दौरान किसी भी प्रकार से कोई समस्या न होने देने और सुरक्षा व्यवस्था के लिए पर्याप्त व्यवस्था की है।
जगह-जगह पर पुलिस बल तैनात किए गए थे और बेरिकेडिंग भी की गई थी जिससे किसी भी भक्त को समस्या न हो। परिक्रमा लगाने के बाद कुछ भक्तों ने अपने अनुभव आईएएनएस के साथ साझा किए।
अक्षय नवमी पर परिक्रमा कर रही मथुरा निवासी पुष्पा बंसल ने आईएएनएस को बताया कि आज के दिन परिक्रमा क्यों की जाती है। उन्होंने कहा, “अक्षय नवमी के दिन मान्यता है कि आज के दिन दान पुण्य करना अच्छा होता है। दानपुण्य के लिए लाभ हानि नहीं देखी जाती है। ठाकुर जी ने गाय चराई थी और परिक्रमा दी थी। तब से यह मान्यता चली आ रही है और आम जनता भी आज के दिन परिक्रमा करती है।”
उन्होंने कहा कि परिक्रमा से लाभ ही लाभ मिलता है। मन में जो भी मनोकामना लेकर परिक्रमा की जाती है तो ठाकुर जी उसे पूर्ण जरूर करते हैं। उन्होंने कहा कि बचपन से ही यहां पर परिक्रमा कर रही हैं। हमें तो गिनती भी नहीं पता है कि हम अब तक कितनी बार परिक्रमा कर चुके हैं।
हाथरस से आई एक महिला ने बताया कि भगवान की प्राप्ति के लिए यह परिक्रमा की जाती है। हमारे जीवन में इस दिन का काफी महत्व है।
एक अन्य महिला ने कहा, “भगवान की कृपा हम पर बनी रहे इसलिए यह परिक्रमा की जाती है। किसी तरह की कोई मनोकामना नहीं है, हम तो भगवान की प्राप्ति के लिए परिक्रमा करते हैं।”
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मथुरा, 10 नवंबर (आईएएनएस)। मथुरा में अक्षय नवमी पर रविवार को भारी संख्या में ठाकुर जी के भक्तों ने पंचकोशीय परिक्रमा की।
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अक्षय नवमी पर परिक्रमा कर रही मथुरा निवासी पुष्पा बंसल ने आईएएनएस को बताया कि आज के दिन परिक्रमा क्यों की जाती है। उन्होंने कहा, “अक्षय नवमी के दिन मान्यता है कि आज के दिन दान पुण्य करना अच्छा होता है। दानपुण्य के लिए लाभ हानि नहीं देखी जाती है। ठाकुर जी ने गाय चराई थी और परिक्रमा दी थी। तब से यह मान्यता चली आ रही है और आम जनता भी आज के दिन परिक्रमा करती है।”
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हाथरस से आई एक महिला ने बताया कि भगवान की प्राप्ति के लिए यह परिक्रमा की जाती है। हमारे जीवन में इस दिन का काफी महत्व है।
एक अन्य महिला ने कहा, “भगवान की कृपा हम पर बनी रहे इसलिए यह परिक्रमा की जाती है। किसी तरह की कोई मनोकामना नहीं है, हम तो भगवान की प्राप्ति के लिए परिक्रमा करते हैं।”
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अक्षय नवमी पर परिक्रमा कर रही मथुरा निवासी पुष्पा बंसल ने आईएएनएस को बताया कि आज के दिन परिक्रमा क्यों की जाती है। उन्होंने कहा, “अक्षय नवमी के दिन मान्यता है कि आज के दिन दान पुण्य करना अच्छा होता है। दानपुण्य के लिए लाभ हानि नहीं देखी जाती है। ठाकुर जी ने गाय चराई थी और परिक्रमा दी थी। तब से यह मान्यता चली आ रही है और आम जनता भी आज के दिन परिक्रमा करती है।”
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हाथरस से आई एक महिला ने बताया कि भगवान की प्राप्ति के लिए यह परिक्रमा की जाती है। हमारे जीवन में इस दिन का काफी महत्व है।
एक अन्य महिला ने कहा, “भगवान की कृपा हम पर बनी रहे इसलिए यह परिक्रमा की जाती है। किसी तरह की कोई मनोकामना नहीं है, हम तो भगवान की प्राप्ति के लिए परिक्रमा करते हैं।”
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मथुरा, 10 नवंबर (आईएएनएस)। मथुरा में अक्षय नवमी पर रविवार को भारी संख्या में ठाकुर जी के भक्तों ने पंचकोशीय परिक्रमा की।
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हाथरस से आई एक महिला ने बताया कि भगवान की प्राप्ति के लिए यह परिक्रमा की जाती है। हमारे जीवन में इस दिन का काफी महत्व है।
एक अन्य महिला ने कहा, “भगवान की कृपा हम पर बनी रहे इसलिए यह परिक्रमा की जाती है। किसी तरह की कोई मनोकामना नहीं है, हम तो भगवान की प्राप्ति के लिए परिक्रमा करते हैं।”
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जगह-जगह पर पुलिस बल तैनात किए गए थे और बेरिकेडिंग भी की गई थी जिससे किसी भी भक्त को समस्या न हो। परिक्रमा लगाने के बाद कुछ भक्तों ने अपने अनुभव आईएएनएस के साथ साझा किए।
अक्षय नवमी पर परिक्रमा कर रही मथुरा निवासी पुष्पा बंसल ने आईएएनएस को बताया कि आज के दिन परिक्रमा क्यों की जाती है। उन्होंने कहा, “अक्षय नवमी के दिन मान्यता है कि आज के दिन दान पुण्य करना अच्छा होता है। दानपुण्य के लिए लाभ हानि नहीं देखी जाती है। ठाकुर जी ने गाय चराई थी और परिक्रमा दी थी। तब से यह मान्यता चली आ रही है और आम जनता भी आज के दिन परिक्रमा करती है।”
उन्होंने कहा कि परिक्रमा से लाभ ही लाभ मिलता है। मन में जो भी मनोकामना लेकर परिक्रमा की जाती है तो ठाकुर जी उसे पूर्ण जरूर करते हैं। उन्होंने कहा कि बचपन से ही यहां पर परिक्रमा कर रही हैं। हमें तो गिनती भी नहीं पता है कि हम अब तक कितनी बार परिक्रमा कर चुके हैं।
हाथरस से आई एक महिला ने बताया कि भगवान की प्राप्ति के लिए यह परिक्रमा की जाती है। हमारे जीवन में इस दिन का काफी महत्व है।
एक अन्य महिला ने कहा, “भगवान की कृपा हम पर बनी रहे इसलिए यह परिक्रमा की जाती है। किसी तरह की कोई मनोकामना नहीं है, हम तो भगवान की प्राप्ति के लिए परिक्रमा करते हैं।”
–आईएएनएस
डीकेएम/एएस
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मथुरा, 10 नवंबर (आईएएनएस)। मथुरा में अक्षय नवमी पर रविवार को भारी संख्या में ठाकुर जी के भक्तों ने पंचकोशीय परिक्रमा की।
कहा जाता है कि अक्षय नवमी पर मथुरा और अयोध्या की पंचकोशीय परिक्रमा करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं और इसका विशेष महत्व है। अक्षय नवमी पर्व पर मथुरा में हर वर्ष की तरह इस बार भी बड़ी संख्या में ठाकुर जी के भक्त परिक्रमा करने के लिए पहुंचे थे। जिला प्रशासन ने भक्तों को परिक्रमा करने के दौरान किसी भी प्रकार से कोई समस्या न होने देने और सुरक्षा व्यवस्था के लिए पर्याप्त व्यवस्था की है।
जगह-जगह पर पुलिस बल तैनात किए गए थे और बेरिकेडिंग भी की गई थी जिससे किसी भी भक्त को समस्या न हो। परिक्रमा लगाने के बाद कुछ भक्तों ने अपने अनुभव आईएएनएस के साथ साझा किए।
अक्षय नवमी पर परिक्रमा कर रही मथुरा निवासी पुष्पा बंसल ने आईएएनएस को बताया कि आज के दिन परिक्रमा क्यों की जाती है। उन्होंने कहा, “अक्षय नवमी के दिन मान्यता है कि आज के दिन दान पुण्य करना अच्छा होता है। दानपुण्य के लिए लाभ हानि नहीं देखी जाती है। ठाकुर जी ने गाय चराई थी और परिक्रमा दी थी। तब से यह मान्यता चली आ रही है और आम जनता भी आज के दिन परिक्रमा करती है।”
उन्होंने कहा कि परिक्रमा से लाभ ही लाभ मिलता है। मन में जो भी मनोकामना लेकर परिक्रमा की जाती है तो ठाकुर जी उसे पूर्ण जरूर करते हैं। उन्होंने कहा कि बचपन से ही यहां पर परिक्रमा कर रही हैं। हमें तो गिनती भी नहीं पता है कि हम अब तक कितनी बार परिक्रमा कर चुके हैं।
हाथरस से आई एक महिला ने बताया कि भगवान की प्राप्ति के लिए यह परिक्रमा की जाती है। हमारे जीवन में इस दिन का काफी महत्व है।
एक अन्य महिला ने कहा, “भगवान की कृपा हम पर बनी रहे इसलिए यह परिक्रमा की जाती है। किसी तरह की कोई मनोकामना नहीं है, हम तो भगवान की प्राप्ति के लिए परिक्रमा करते हैं।”
–आईएएनएस
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मथुरा, 10 नवंबर (आईएएनएस)। मथुरा में अक्षय नवमी पर रविवार को भारी संख्या में ठाकुर जी के भक्तों ने पंचकोशीय परिक्रमा की।
कहा जाता है कि अक्षय नवमी पर मथुरा और अयोध्या की पंचकोशीय परिक्रमा करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं और इसका विशेष महत्व है। अक्षय नवमी पर्व पर मथुरा में हर वर्ष की तरह इस बार भी बड़ी संख्या में ठाकुर जी के भक्त परिक्रमा करने के लिए पहुंचे थे। जिला प्रशासन ने भक्तों को परिक्रमा करने के दौरान किसी भी प्रकार से कोई समस्या न होने देने और सुरक्षा व्यवस्था के लिए पर्याप्त व्यवस्था की है।
जगह-जगह पर पुलिस बल तैनात किए गए थे और बेरिकेडिंग भी की गई थी जिससे किसी भी भक्त को समस्या न हो। परिक्रमा लगाने के बाद कुछ भक्तों ने अपने अनुभव आईएएनएस के साथ साझा किए।
अक्षय नवमी पर परिक्रमा कर रही मथुरा निवासी पुष्पा बंसल ने आईएएनएस को बताया कि आज के दिन परिक्रमा क्यों की जाती है। उन्होंने कहा, “अक्षय नवमी के दिन मान्यता है कि आज के दिन दान पुण्य करना अच्छा होता है। दानपुण्य के लिए लाभ हानि नहीं देखी जाती है। ठाकुर जी ने गाय चराई थी और परिक्रमा दी थी। तब से यह मान्यता चली आ रही है और आम जनता भी आज के दिन परिक्रमा करती है।”
उन्होंने कहा कि परिक्रमा से लाभ ही लाभ मिलता है। मन में जो भी मनोकामना लेकर परिक्रमा की जाती है तो ठाकुर जी उसे पूर्ण जरूर करते हैं। उन्होंने कहा कि बचपन से ही यहां पर परिक्रमा कर रही हैं। हमें तो गिनती भी नहीं पता है कि हम अब तक कितनी बार परिक्रमा कर चुके हैं।
हाथरस से आई एक महिला ने बताया कि भगवान की प्राप्ति के लिए यह परिक्रमा की जाती है। हमारे जीवन में इस दिन का काफी महत्व है।
एक अन्य महिला ने कहा, “भगवान की कृपा हम पर बनी रहे इसलिए यह परिक्रमा की जाती है। किसी तरह की कोई मनोकामना नहीं है, हम तो भगवान की प्राप्ति के लिए परिक्रमा करते हैं।”