रांची, 11 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को झारखंड भाजपा के बूथ कार्यकर्ताओं से ऑनलाइन संवाद के दौरान कांग्रेस को आरक्षण विरोधी करार दिया।
‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ कार्यक्रम में उन्होंने कांग्रेस की ओर से अखबार में दिए गए एक पुराने विज्ञापन का जिक्र करते हुए कहा, “आज मुझे सोशल मीडिया पर कांग्रेस का एक पुराना विज्ञापन लोगों ने भेजा है। मैं तो हैरान हूं कि कैसा विज्ञापन छापते थे। ये विज्ञापन जिस समय राजीव गांधी कांग्रेस के नेता थे, उस जमाने का है। उस विज्ञापन में एससी-एसटी, ओबीसी को भद्दा पेश किया गया है और साफ-साफ बताया गया है कि उन्हें आरक्षण देने से देश को कितना नुकसान होगा।”
उन्होंने कहा कि एक समय था, जब पूरे देश में पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक कांग्रेस ही थी। जब तक सत्ता में कांग्रेस थी, तब तक देश में आरक्षण की बात करने की हिम्मत ही नहीं होती थी। ऐसी आवाजों को कांग्रेस कुचल देती थी, क्योंकि नेहरू जी से लेकर राजीव गांधी तक, शाही परिवार के सभी लोग आरक्षण के घोर विरोधी रहे हैं। धीरे-धीरे लोगों को बाबासाहेब अंबेडकर की बातें समझ में आने लगीं और जब एससी, एसटी, ओबीसी समाज एकजुट हुआ, तब से लेकर आज तक कांग्रेस केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार ही नहीं बना पाई। आज देश के कुछ ही राज्यों में गिनकर कांग्रेस की सरकार चल रही है इसलिए कांग्रेस का शाही परिवार नाराज है और उसने एससी-एसटी की सामूहिक शक्ति को तोड़ने का फैसला किया। पिछले कुछ सालों से इनका यही एजेंडा बना हुआ है।
उन्होंने कांग्रेस की गारंटियों और वादों को झूठा करार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जहां-जहां सत्ता में है, वहां के लोगों को ऐसे ही ठगा है। आपने तो सुना ही होगा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे तो खुद कहते हैं कि इनकी पार्टी ने झूठी गारंटियां दी हैं। जितना कर सकते हैं, उतनी ही गारंटी दो। परिवारवादी पार्टियां, भ्रष्टाचारी तो होती ही हैं, साथ ही समाज के प्रतिभाशाली नौजवानों के रास्ते में सबसे बड़ी दीवार होती हैं। जेएमएम के परिवारवादियों ने कांग्रेस के शाही परिवार से ऐसी गंदी चीजें सीखी हैं, जिसमें उन्हें कुर्सी और खजाना दो ही चीजों की चिंता रहती है, नागरिकों की उन्हें परवाह ही नहीं होती है।
उन्होंने कहा कि झारखंड संभावनाओं से भरा राज्य है, लेकिन यहां शासन कर रही पार्टियों ने इसे तबाह कर रखा है। झारखंड को हमें इनके भ्रष्टाचार, माफियावाद और कुशासन से मुक्त कराना है। इसमें कार्यकर्ताओं की भूमिका बड़ी है।
–आईएएनएस
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