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Home ताज़ा समाचार

छात्रों के प्रति सरकार का रवैया क्रूर नहीं, बल्कि सहयोग और सहानुभूति का होना चाहिए : मायावती

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November 12, 2024
in ताज़ा समाचार
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लखनऊ, 12 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में यूपीपीएससी के अभ्यर्थियों के विरोध प्रदर्शन को लेकर सियासत में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती भी कूद पड़ी हैं। मायावती ने यूपीपीएससी अभ्यर्थियों की मांग का समर्थन करते हुए सरकार पर निशाना साधा।

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उन्होंने कहा कि यूपी के पास एक समय में परीक्षा कराने की बुनियादी सुविधाओं का इतना अभाव है कि पीसीएस आदि जैसी विशिष्ट परीक्षाएं दो दिन में करानी पड़ रही हैं। गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई आदि की जबरदस्त मार झेल रहे छात्रों के प्रति सरकार का रवैया क्रूर नहीं, बल्कि सहयोग एवं सहानुभूति का होना चाहिए। बसपा प्रमुख ने सोशल मीडिया पर एक के बाद एक कई पोस्ट किए है।

मायावती ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”उत्तर प्रदेश संघ लोक सेवा आयोग द्वारा पीसीएस तथा आरओ-एआरओ की भी प्रारंभिक परीक्षा-2024 एक समय में कराने में विफलता को लेकर आक्रोशित छात्रों पर पुलिस कार्रवाई से उत्पन्न स्थिति की खबर का व्यापक चर्चा में रहना स्वाभाविक।”

उन्होंने आगे लिखा, ”क्या यूपी के पास एक समय में परीक्षा कराने की बुनियादी सुविधाओं का इतना अभाव है कि पीसीएस आदि जैसी विशिष्ट परीक्षा दो दिन में करानी पड़ रही है। पेपर लीक पर रोक व परीक्षाओं की विश्वसनीयता अहम मुद्दा है, जिसके लिए एक बार में ही परीक्षा व्यवस्था जरूरी है। सरकार इस ओर ध्यान दे।”

इस मामले में अपनी आखिरी पोस्ट में बसपा प्रमुख मायावती ने लिखा, ”गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई आदि की जबरदस्त मार झेल रहे छात्रों के प्रति सरकार का रवैया क्रूर नहीं बल्कि सहयोग एवं सहानुभूति का होना चाहिए। इसको लेकर सरकार खाली पड़े सभी बैकलाग पर जितनी जल्दी भर्ती की प्रक्रिया पूरी करे उतना बेहतर। लोगों को रोज़ी-रोज़गार की सख्त जरूरत है।”

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से प्रस्तावित पीसीएस प्रारंभिक और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा दो दिन कराने के विरोध में प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन जारी है। प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि अगर पर्याप्त संख्या में केंद्र न मिलने के कारण दो दिन परीक्षा कराने और एक समान मूल्यांकन के लिए नॉर्मलाइजेशन लागू करने की कोई मजबूरी है, तो इसका भी समाधान है।

–आईएएनएस

एसके/एएस

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लखनऊ, 12 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में यूपीपीएससी के अभ्यर्थियों के विरोध प्रदर्शन को लेकर सियासत में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती भी कूद पड़ी हैं। मायावती ने यूपीपीएससी अभ्यर्थियों की मांग का समर्थन करते हुए सरकार पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि यूपी के पास एक समय में परीक्षा कराने की बुनियादी सुविधाओं का इतना अभाव है कि पीसीएस आदि जैसी विशिष्ट परीक्षाएं दो दिन में करानी पड़ रही हैं। गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई आदि की जबरदस्त मार झेल रहे छात्रों के प्रति सरकार का रवैया क्रूर नहीं, बल्कि सहयोग एवं सहानुभूति का होना चाहिए। बसपा प्रमुख ने सोशल मीडिया पर एक के बाद एक कई पोस्ट किए है।

मायावती ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”उत्तर प्रदेश संघ लोक सेवा आयोग द्वारा पीसीएस तथा आरओ-एआरओ की भी प्रारंभिक परीक्षा-2024 एक समय में कराने में विफलता को लेकर आक्रोशित छात्रों पर पुलिस कार्रवाई से उत्पन्न स्थिति की खबर का व्यापक चर्चा में रहना स्वाभाविक।”

उन्होंने आगे लिखा, ”क्या यूपी के पास एक समय में परीक्षा कराने की बुनियादी सुविधाओं का इतना अभाव है कि पीसीएस आदि जैसी विशिष्ट परीक्षा दो दिन में करानी पड़ रही है। पेपर लीक पर रोक व परीक्षाओं की विश्वसनीयता अहम मुद्दा है, जिसके लिए एक बार में ही परीक्षा व्यवस्था जरूरी है। सरकार इस ओर ध्यान दे।”

इस मामले में अपनी आखिरी पोस्ट में बसपा प्रमुख मायावती ने लिखा, ”गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई आदि की जबरदस्त मार झेल रहे छात्रों के प्रति सरकार का रवैया क्रूर नहीं बल्कि सहयोग एवं सहानुभूति का होना चाहिए। इसको लेकर सरकार खाली पड़े सभी बैकलाग पर जितनी जल्दी भर्ती की प्रक्रिया पूरी करे उतना बेहतर। लोगों को रोज़ी-रोज़गार की सख्त जरूरत है।”

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से प्रस्तावित पीसीएस प्रारंभिक और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा दो दिन कराने के विरोध में प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन जारी है। प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि अगर पर्याप्त संख्या में केंद्र न मिलने के कारण दो दिन परीक्षा कराने और एक समान मूल्यांकन के लिए नॉर्मलाइजेशन लागू करने की कोई मजबूरी है, तो इसका भी समाधान है।

–आईएएनएस

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लखनऊ, 12 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में यूपीपीएससी के अभ्यर्थियों के विरोध प्रदर्शन को लेकर सियासत में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती भी कूद पड़ी हैं। मायावती ने यूपीपीएससी अभ्यर्थियों की मांग का समर्थन करते हुए सरकार पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि यूपी के पास एक समय में परीक्षा कराने की बुनियादी सुविधाओं का इतना अभाव है कि पीसीएस आदि जैसी विशिष्ट परीक्षाएं दो दिन में करानी पड़ रही हैं। गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई आदि की जबरदस्त मार झेल रहे छात्रों के प्रति सरकार का रवैया क्रूर नहीं, बल्कि सहयोग एवं सहानुभूति का होना चाहिए। बसपा प्रमुख ने सोशल मीडिया पर एक के बाद एक कई पोस्ट किए है।

मायावती ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”उत्तर प्रदेश संघ लोक सेवा आयोग द्वारा पीसीएस तथा आरओ-एआरओ की भी प्रारंभिक परीक्षा-2024 एक समय में कराने में विफलता को लेकर आक्रोशित छात्रों पर पुलिस कार्रवाई से उत्पन्न स्थिति की खबर का व्यापक चर्चा में रहना स्वाभाविक।”

उन्होंने आगे लिखा, ”क्या यूपी के पास एक समय में परीक्षा कराने की बुनियादी सुविधाओं का इतना अभाव है कि पीसीएस आदि जैसी विशिष्ट परीक्षा दो दिन में करानी पड़ रही है। पेपर लीक पर रोक व परीक्षाओं की विश्वसनीयता अहम मुद्दा है, जिसके लिए एक बार में ही परीक्षा व्यवस्था जरूरी है। सरकार इस ओर ध्यान दे।”

इस मामले में अपनी आखिरी पोस्ट में बसपा प्रमुख मायावती ने लिखा, ”गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई आदि की जबरदस्त मार झेल रहे छात्रों के प्रति सरकार का रवैया क्रूर नहीं बल्कि सहयोग एवं सहानुभूति का होना चाहिए। इसको लेकर सरकार खाली पड़े सभी बैकलाग पर जितनी जल्दी भर्ती की प्रक्रिया पूरी करे उतना बेहतर। लोगों को रोज़ी-रोज़गार की सख्त जरूरत है।”

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से प्रस्तावित पीसीएस प्रारंभिक और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा दो दिन कराने के विरोध में प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन जारी है। प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि अगर पर्याप्त संख्या में केंद्र न मिलने के कारण दो दिन परीक्षा कराने और एक समान मूल्यांकन के लिए नॉर्मलाइजेशन लागू करने की कोई मजबूरी है, तो इसका भी समाधान है।

–आईएएनएस

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लखनऊ, 12 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में यूपीपीएससी के अभ्यर्थियों के विरोध प्रदर्शन को लेकर सियासत में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती भी कूद पड़ी हैं। मायावती ने यूपीपीएससी अभ्यर्थियों की मांग का समर्थन करते हुए सरकार पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि यूपी के पास एक समय में परीक्षा कराने की बुनियादी सुविधाओं का इतना अभाव है कि पीसीएस आदि जैसी विशिष्ट परीक्षाएं दो दिन में करानी पड़ रही हैं। गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई आदि की जबरदस्त मार झेल रहे छात्रों के प्रति सरकार का रवैया क्रूर नहीं, बल्कि सहयोग एवं सहानुभूति का होना चाहिए। बसपा प्रमुख ने सोशल मीडिया पर एक के बाद एक कई पोस्ट किए है।

मायावती ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”उत्तर प्रदेश संघ लोक सेवा आयोग द्वारा पीसीएस तथा आरओ-एआरओ की भी प्रारंभिक परीक्षा-2024 एक समय में कराने में विफलता को लेकर आक्रोशित छात्रों पर पुलिस कार्रवाई से उत्पन्न स्थिति की खबर का व्यापक चर्चा में रहना स्वाभाविक।”

उन्होंने आगे लिखा, ”क्या यूपी के पास एक समय में परीक्षा कराने की बुनियादी सुविधाओं का इतना अभाव है कि पीसीएस आदि जैसी विशिष्ट परीक्षा दो दिन में करानी पड़ रही है। पेपर लीक पर रोक व परीक्षाओं की विश्वसनीयता अहम मुद्दा है, जिसके लिए एक बार में ही परीक्षा व्यवस्था जरूरी है। सरकार इस ओर ध्यान दे।”

इस मामले में अपनी आखिरी पोस्ट में बसपा प्रमुख मायावती ने लिखा, ”गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई आदि की जबरदस्त मार झेल रहे छात्रों के प्रति सरकार का रवैया क्रूर नहीं बल्कि सहयोग एवं सहानुभूति का होना चाहिए। इसको लेकर सरकार खाली पड़े सभी बैकलाग पर जितनी जल्दी भर्ती की प्रक्रिया पूरी करे उतना बेहतर। लोगों को रोज़ी-रोज़गार की सख्त जरूरत है।”

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से प्रस्तावित पीसीएस प्रारंभिक और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा दो दिन कराने के विरोध में प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन जारी है। प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि अगर पर्याप्त संख्या में केंद्र न मिलने के कारण दो दिन परीक्षा कराने और एक समान मूल्यांकन के लिए नॉर्मलाइजेशन लागू करने की कोई मजबूरी है, तो इसका भी समाधान है।

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