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Home ताज़ा समाचार

सपा अब ‘परिवार विकास प्राधिकरण’ बन चुकी है : अनुजेश यादव (साक्षात्कार)

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November 12, 2024
in ताज़ा समाचार
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मैनपुरी, 12 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की करहल विधानसभा सीट के उपचुनाव में दिलचस्पी बढ़ गई है। इस चुनावी मैदान में सपा और भाजपा, दोनों प्रमुख दल सैफई परिवार के सदस्यों को आमने-सामने लाकर चुनावी माहौल को गरमा रहे हैं। इसे यूं भी कहा जा सकता है कि फूफा और भतीजा एक ही चुनावी मैदान में उतरकर इस दंगल को रोमांचक बना रहे हैं। भाजपा ने इस बार मुलायम सिंह के भाई अभय राम यादव के दामाद अनुजेश यादव को उम्मीदवार बनाया है, जबकि सपा ने मुलायम सिंह यादव के भाई के पौत्र और लालू प्रसाद यादव के दामाद तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारा है। प्रस्तुत है अनुजेश यादव से बातचीत के प्रमुख अंश।

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प्रश्न: करहल उपचुनाव में आपके मुख्य मुद्दे क्या हैं?

उत्तर: हमारा मुख्य मुद्दा विकास है। डबल इंजन की सरकार ने करहल में कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की हैं। किसान निधि सम्मान योजना से किसानों को मदद मिल रही है और आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों को स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं। योगी जी के शासन में कानून व्यवस्था सुधरी है, जिससे बहन-बेटियां सुरक्षित महसूस कर रही हैं।

प्रश्न: आपकी दावेदारी का आधार क्या है?

उत्तर: करहल से हमारा रिश्ता बहुत पुराना है। हमारे परिवार से कई लोग यहां विधायक रह चुके हैं और मैं खुद पहले भी यहां से चुनाव लड़ चुका हूं। हमारे लिए यह कोई नई विधानसभा नहीं है; यहां से हमारा वर्षों पुराना गहरा और मजबूत रिश्ता है।

प्रश्न: सपा के पीडीए मॉडल को आप किस नजरिए से देखते हैं?

उत्तर: देखिए, वो पीडीए नहीं, बल्कि एक तरह का ‘परिवार विकास प्राधिकरण’ बन गया है। सपा की राजनीति परिवारवाद पर आधारित है, और करहल की जनता इस सच्चाई को समझती है।

प्रश्न: सपा और भाजपा के बीच हो रहे पोस्टर वार पर आप क्या कहेंगे?

उत्तर: मुख्यमंत्री जी का एक नारा है जो बिलकुल सटीक बैठता है। सपा चाहे जितने भी पोस्टर जारी करे, पर हमारे लिए विकास का काम ही सबसे बड़ा पोस्टर है।

प्रश्न: सपा इसे अपनी परंपरागत सीट बता रही है। इस पर आपका क्या कहना है?

उत्तर: देखिए, हमारी भी यहां एक पुरानी विरासत रही है। हमारे परिवार का राजनीति में योगदान 1952 से है। इस लिहाज से यह सीट हमारी भी परंपरागत सीट मानी जा सकती है।

प्रश्न: क्या किसी रिश्तेदार ने आपको चुनाव लड़ने से मना किया?

उत्तर: नहीं, हमारा एक अनुभवी राजनीतिक परिवार है और हमें सभी का समर्थन है। मैं अनुभवहीन नहीं हूं जो इस बारे में सोचूं।

प्रश्न: आपने सपा छोड़कर भाजपा का दामन क्यों थामा?

उत्तर: सपा में एक पूर्व विधायक ने मेरी पत्नी और मेरे खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, जो मेरे लिए असहनीय था। ऐसे माहौल में सम्मानजनक राजनीति संभव नहीं थी, इसीलिए मैंने सपा छोड़ दी।

प्रश्न: शिवपाल यादव आपको चुनाव न लड़ने की सलाह दे रहे हैं?

उत्तर: उन्होंने पहले अपने ही भतीजे के खिलाफ चुनाव लड़ा था, तो मैं उनकी सलाह को क्यों मानूं? मैं यहां जनता की सेवा के लिए हूं। किसी दबाव या खरीद-फरोख्त में नहीं आऊंगा।

प्रश्न: फूफा-भतीजे की इस लड़ाई में किसका पलड़ा भारी रहेगा?

उत्तर: जनता का समर्थन हमारे साथ है। फूफा ही भारी रहेगा। भाजपा को जनता का आशीर्वाद मिलेगा और हम बड़े अंतर से जीतेंगे।

प्रश्न: सपा का आरोप है कि भाजपा को कोई दूसरा उम्मीदवार नहीं मिला, इसलिए आपको मैदान में उतारा गया। इस पर आपका क्या कहना है?

उत्तर: यह आरोप गलत है। मैं भारतीय जनता पार्टी में 2017 से सक्रिय हूं। केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व ने मुझ पर भरोसा जताया है और इसी विश्वास के आधार पर मुझे प्रत्याशी बनाया गया है।

गौरतलब हो कि मैनपुरी की करहल विधानसभा सपा की परंपरागत सीट मानी जाती है। 2022 में अखिलेश यादव ने यहां से भाजपा उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को हराया था। अब इस सीट पर सपा और भाजपा, दोनों सैफई परिवार के रिश्तेदारों को उतारकर जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं।

–आईएएनएस

विकेटी/एएस

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मैनपुरी, 12 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की करहल विधानसभा सीट के उपचुनाव में दिलचस्पी बढ़ गई है। इस चुनावी मैदान में सपा और भाजपा, दोनों प्रमुख दल सैफई परिवार के सदस्यों को आमने-सामने लाकर चुनावी माहौल को गरमा रहे हैं। इसे यूं भी कहा जा सकता है कि फूफा और भतीजा एक ही चुनावी मैदान में उतरकर इस दंगल को रोमांचक बना रहे हैं। भाजपा ने इस बार मुलायम सिंह के भाई अभय राम यादव के दामाद अनुजेश यादव को उम्मीदवार बनाया है, जबकि सपा ने मुलायम सिंह यादव के भाई के पौत्र और लालू प्रसाद यादव के दामाद तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारा है। प्रस्तुत है अनुजेश यादव से बातचीत के प्रमुख अंश।

प्रश्न: करहल उपचुनाव में आपके मुख्य मुद्दे क्या हैं?

उत्तर: हमारा मुख्य मुद्दा विकास है। डबल इंजन की सरकार ने करहल में कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की हैं। किसान निधि सम्मान योजना से किसानों को मदद मिल रही है और आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों को स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं। योगी जी के शासन में कानून व्यवस्था सुधरी है, जिससे बहन-बेटियां सुरक्षित महसूस कर रही हैं।

प्रश्न: आपकी दावेदारी का आधार क्या है?

उत्तर: करहल से हमारा रिश्ता बहुत पुराना है। हमारे परिवार से कई लोग यहां विधायक रह चुके हैं और मैं खुद पहले भी यहां से चुनाव लड़ चुका हूं। हमारे लिए यह कोई नई विधानसभा नहीं है; यहां से हमारा वर्षों पुराना गहरा और मजबूत रिश्ता है।

प्रश्न: सपा के पीडीए मॉडल को आप किस नजरिए से देखते हैं?

उत्तर: देखिए, वो पीडीए नहीं, बल्कि एक तरह का ‘परिवार विकास प्राधिकरण’ बन गया है। सपा की राजनीति परिवारवाद पर आधारित है, और करहल की जनता इस सच्चाई को समझती है।

प्रश्न: सपा और भाजपा के बीच हो रहे पोस्टर वार पर आप क्या कहेंगे?

उत्तर: मुख्यमंत्री जी का एक नारा है जो बिलकुल सटीक बैठता है। सपा चाहे जितने भी पोस्टर जारी करे, पर हमारे लिए विकास का काम ही सबसे बड़ा पोस्टर है।

प्रश्न: सपा इसे अपनी परंपरागत सीट बता रही है। इस पर आपका क्या कहना है?

उत्तर: देखिए, हमारी भी यहां एक पुरानी विरासत रही है। हमारे परिवार का राजनीति में योगदान 1952 से है। इस लिहाज से यह सीट हमारी भी परंपरागत सीट मानी जा सकती है।

प्रश्न: क्या किसी रिश्तेदार ने आपको चुनाव लड़ने से मना किया?

उत्तर: नहीं, हमारा एक अनुभवी राजनीतिक परिवार है और हमें सभी का समर्थन है। मैं अनुभवहीन नहीं हूं जो इस बारे में सोचूं।

प्रश्न: आपने सपा छोड़कर भाजपा का दामन क्यों थामा?

उत्तर: सपा में एक पूर्व विधायक ने मेरी पत्नी और मेरे खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, जो मेरे लिए असहनीय था। ऐसे माहौल में सम्मानजनक राजनीति संभव नहीं थी, इसीलिए मैंने सपा छोड़ दी।

प्रश्न: शिवपाल यादव आपको चुनाव न लड़ने की सलाह दे रहे हैं?

उत्तर: उन्होंने पहले अपने ही भतीजे के खिलाफ चुनाव लड़ा था, तो मैं उनकी सलाह को क्यों मानूं? मैं यहां जनता की सेवा के लिए हूं। किसी दबाव या खरीद-फरोख्त में नहीं आऊंगा।

प्रश्न: फूफा-भतीजे की इस लड़ाई में किसका पलड़ा भारी रहेगा?

उत्तर: जनता का समर्थन हमारे साथ है। फूफा ही भारी रहेगा। भाजपा को जनता का आशीर्वाद मिलेगा और हम बड़े अंतर से जीतेंगे।

प्रश्न: सपा का आरोप है कि भाजपा को कोई दूसरा उम्मीदवार नहीं मिला, इसलिए आपको मैदान में उतारा गया। इस पर आपका क्या कहना है?

उत्तर: यह आरोप गलत है। मैं भारतीय जनता पार्टी में 2017 से सक्रिय हूं। केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व ने मुझ पर भरोसा जताया है और इसी विश्वास के आधार पर मुझे प्रत्याशी बनाया गया है।

गौरतलब हो कि मैनपुरी की करहल विधानसभा सपा की परंपरागत सीट मानी जाती है। 2022 में अखिलेश यादव ने यहां से भाजपा उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को हराया था। अब इस सीट पर सपा और भाजपा, दोनों सैफई परिवार के रिश्तेदारों को उतारकर जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं।

–आईएएनएस

विकेटी/एएस

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मैनपुरी, 12 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की करहल विधानसभा सीट के उपचुनाव में दिलचस्पी बढ़ गई है। इस चुनावी मैदान में सपा और भाजपा, दोनों प्रमुख दल सैफई परिवार के सदस्यों को आमने-सामने लाकर चुनावी माहौल को गरमा रहे हैं। इसे यूं भी कहा जा सकता है कि फूफा और भतीजा एक ही चुनावी मैदान में उतरकर इस दंगल को रोमांचक बना रहे हैं। भाजपा ने इस बार मुलायम सिंह के भाई अभय राम यादव के दामाद अनुजेश यादव को उम्मीदवार बनाया है, जबकि सपा ने मुलायम सिंह यादव के भाई के पौत्र और लालू प्रसाद यादव के दामाद तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारा है। प्रस्तुत है अनुजेश यादव से बातचीत के प्रमुख अंश।

प्रश्न: करहल उपचुनाव में आपके मुख्य मुद्दे क्या हैं?

उत्तर: हमारा मुख्य मुद्दा विकास है। डबल इंजन की सरकार ने करहल में कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की हैं। किसान निधि सम्मान योजना से किसानों को मदद मिल रही है और आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों को स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं। योगी जी के शासन में कानून व्यवस्था सुधरी है, जिससे बहन-बेटियां सुरक्षित महसूस कर रही हैं।

प्रश्न: आपकी दावेदारी का आधार क्या है?

उत्तर: करहल से हमारा रिश्ता बहुत पुराना है। हमारे परिवार से कई लोग यहां विधायक रह चुके हैं और मैं खुद पहले भी यहां से चुनाव लड़ चुका हूं। हमारे लिए यह कोई नई विधानसभा नहीं है; यहां से हमारा वर्षों पुराना गहरा और मजबूत रिश्ता है।

प्रश्न: सपा के पीडीए मॉडल को आप किस नजरिए से देखते हैं?

उत्तर: देखिए, वो पीडीए नहीं, बल्कि एक तरह का ‘परिवार विकास प्राधिकरण’ बन गया है। सपा की राजनीति परिवारवाद पर आधारित है, और करहल की जनता इस सच्चाई को समझती है।

प्रश्न: सपा और भाजपा के बीच हो रहे पोस्टर वार पर आप क्या कहेंगे?

उत्तर: मुख्यमंत्री जी का एक नारा है जो बिलकुल सटीक बैठता है। सपा चाहे जितने भी पोस्टर जारी करे, पर हमारे लिए विकास का काम ही सबसे बड़ा पोस्टर है।

प्रश्न: सपा इसे अपनी परंपरागत सीट बता रही है। इस पर आपका क्या कहना है?

उत्तर: देखिए, हमारी भी यहां एक पुरानी विरासत रही है। हमारे परिवार का राजनीति में योगदान 1952 से है। इस लिहाज से यह सीट हमारी भी परंपरागत सीट मानी जा सकती है।

प्रश्न: क्या किसी रिश्तेदार ने आपको चुनाव लड़ने से मना किया?

उत्तर: नहीं, हमारा एक अनुभवी राजनीतिक परिवार है और हमें सभी का समर्थन है। मैं अनुभवहीन नहीं हूं जो इस बारे में सोचूं।

प्रश्न: आपने सपा छोड़कर भाजपा का दामन क्यों थामा?

उत्तर: सपा में एक पूर्व विधायक ने मेरी पत्नी और मेरे खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, जो मेरे लिए असहनीय था। ऐसे माहौल में सम्मानजनक राजनीति संभव नहीं थी, इसीलिए मैंने सपा छोड़ दी।

प्रश्न: शिवपाल यादव आपको चुनाव न लड़ने की सलाह दे रहे हैं?

उत्तर: उन्होंने पहले अपने ही भतीजे के खिलाफ चुनाव लड़ा था, तो मैं उनकी सलाह को क्यों मानूं? मैं यहां जनता की सेवा के लिए हूं। किसी दबाव या खरीद-फरोख्त में नहीं आऊंगा।

प्रश्न: फूफा-भतीजे की इस लड़ाई में किसका पलड़ा भारी रहेगा?

उत्तर: जनता का समर्थन हमारे साथ है। फूफा ही भारी रहेगा। भाजपा को जनता का आशीर्वाद मिलेगा और हम बड़े अंतर से जीतेंगे।

प्रश्न: सपा का आरोप है कि भाजपा को कोई दूसरा उम्मीदवार नहीं मिला, इसलिए आपको मैदान में उतारा गया। इस पर आपका क्या कहना है?

उत्तर: यह आरोप गलत है। मैं भारतीय जनता पार्टी में 2017 से सक्रिय हूं। केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व ने मुझ पर भरोसा जताया है और इसी विश्वास के आधार पर मुझे प्रत्याशी बनाया गया है।

गौरतलब हो कि मैनपुरी की करहल विधानसभा सपा की परंपरागत सीट मानी जाती है। 2022 में अखिलेश यादव ने यहां से भाजपा उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को हराया था। अब इस सीट पर सपा और भाजपा, दोनों सैफई परिवार के रिश्तेदारों को उतारकर जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं।

–आईएएनएस

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मैनपुरी, 12 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की करहल विधानसभा सीट के उपचुनाव में दिलचस्पी बढ़ गई है। इस चुनावी मैदान में सपा और भाजपा, दोनों प्रमुख दल सैफई परिवार के सदस्यों को आमने-सामने लाकर चुनावी माहौल को गरमा रहे हैं। इसे यूं भी कहा जा सकता है कि फूफा और भतीजा एक ही चुनावी मैदान में उतरकर इस दंगल को रोमांचक बना रहे हैं। भाजपा ने इस बार मुलायम सिंह के भाई अभय राम यादव के दामाद अनुजेश यादव को उम्मीदवार बनाया है, जबकि सपा ने मुलायम सिंह यादव के भाई के पौत्र और लालू प्रसाद यादव के दामाद तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारा है। प्रस्तुत है अनुजेश यादव से बातचीत के प्रमुख अंश।

प्रश्न: करहल उपचुनाव में आपके मुख्य मुद्दे क्या हैं?

उत्तर: हमारा मुख्य मुद्दा विकास है। डबल इंजन की सरकार ने करहल में कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की हैं। किसान निधि सम्मान योजना से किसानों को मदद मिल रही है और आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों को स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं। योगी जी के शासन में कानून व्यवस्था सुधरी है, जिससे बहन-बेटियां सुरक्षित महसूस कर रही हैं।

प्रश्न: आपकी दावेदारी का आधार क्या है?

उत्तर: करहल से हमारा रिश्ता बहुत पुराना है। हमारे परिवार से कई लोग यहां विधायक रह चुके हैं और मैं खुद पहले भी यहां से चुनाव लड़ चुका हूं। हमारे लिए यह कोई नई विधानसभा नहीं है; यहां से हमारा वर्षों पुराना गहरा और मजबूत रिश्ता है।

प्रश्न: सपा के पीडीए मॉडल को आप किस नजरिए से देखते हैं?

उत्तर: देखिए, वो पीडीए नहीं, बल्कि एक तरह का ‘परिवार विकास प्राधिकरण’ बन गया है। सपा की राजनीति परिवारवाद पर आधारित है, और करहल की जनता इस सच्चाई को समझती है।

प्रश्न: सपा और भाजपा के बीच हो रहे पोस्टर वार पर आप क्या कहेंगे?

उत्तर: मुख्यमंत्री जी का एक नारा है जो बिलकुल सटीक बैठता है। सपा चाहे जितने भी पोस्टर जारी करे, पर हमारे लिए विकास का काम ही सबसे बड़ा पोस्टर है।

प्रश्न: सपा इसे अपनी परंपरागत सीट बता रही है। इस पर आपका क्या कहना है?

उत्तर: देखिए, हमारी भी यहां एक पुरानी विरासत रही है। हमारे परिवार का राजनीति में योगदान 1952 से है। इस लिहाज से यह सीट हमारी भी परंपरागत सीट मानी जा सकती है।

प्रश्न: क्या किसी रिश्तेदार ने आपको चुनाव लड़ने से मना किया?

उत्तर: नहीं, हमारा एक अनुभवी राजनीतिक परिवार है और हमें सभी का समर्थन है। मैं अनुभवहीन नहीं हूं जो इस बारे में सोचूं।

प्रश्न: आपने सपा छोड़कर भाजपा का दामन क्यों थामा?

उत्तर: सपा में एक पूर्व विधायक ने मेरी पत्नी और मेरे खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, जो मेरे लिए असहनीय था। ऐसे माहौल में सम्मानजनक राजनीति संभव नहीं थी, इसीलिए मैंने सपा छोड़ दी।

प्रश्न: शिवपाल यादव आपको चुनाव न लड़ने की सलाह दे रहे हैं?

उत्तर: उन्होंने पहले अपने ही भतीजे के खिलाफ चुनाव लड़ा था, तो मैं उनकी सलाह को क्यों मानूं? मैं यहां जनता की सेवा के लिए हूं। किसी दबाव या खरीद-फरोख्त में नहीं आऊंगा।

प्रश्न: फूफा-भतीजे की इस लड़ाई में किसका पलड़ा भारी रहेगा?

उत्तर: जनता का समर्थन हमारे साथ है। फूफा ही भारी रहेगा। भाजपा को जनता का आशीर्वाद मिलेगा और हम बड़े अंतर से जीतेंगे।

प्रश्न: सपा का आरोप है कि भाजपा को कोई दूसरा उम्मीदवार नहीं मिला, इसलिए आपको मैदान में उतारा गया। इस पर आपका क्या कहना है?

उत्तर: यह आरोप गलत है। मैं भारतीय जनता पार्टी में 2017 से सक्रिय हूं। केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व ने मुझ पर भरोसा जताया है और इसी विश्वास के आधार पर मुझे प्रत्याशी बनाया गया है।

गौरतलब हो कि मैनपुरी की करहल विधानसभा सपा की परंपरागत सीट मानी जाती है। 2022 में अखिलेश यादव ने यहां से भाजपा उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को हराया था। अब इस सीट पर सपा और भाजपा, दोनों सैफई परिवार के रिश्तेदारों को उतारकर जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं।

–आईएएनएस

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मैनपुरी, 12 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की करहल विधानसभा सीट के उपचुनाव में दिलचस्पी बढ़ गई है। इस चुनावी मैदान में सपा और भाजपा, दोनों प्रमुख दल सैफई परिवार के सदस्यों को आमने-सामने लाकर चुनावी माहौल को गरमा रहे हैं। इसे यूं भी कहा जा सकता है कि फूफा और भतीजा एक ही चुनावी मैदान में उतरकर इस दंगल को रोमांचक बना रहे हैं। भाजपा ने इस बार मुलायम सिंह के भाई अभय राम यादव के दामाद अनुजेश यादव को उम्मीदवार बनाया है, जबकि सपा ने मुलायम सिंह यादव के भाई के पौत्र और लालू प्रसाद यादव के दामाद तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारा है। प्रस्तुत है अनुजेश यादव से बातचीत के प्रमुख अंश।

प्रश्न: करहल उपचुनाव में आपके मुख्य मुद्दे क्या हैं?

उत्तर: हमारा मुख्य मुद्दा विकास है। डबल इंजन की सरकार ने करहल में कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की हैं। किसान निधि सम्मान योजना से किसानों को मदद मिल रही है और आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों को स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं। योगी जी के शासन में कानून व्यवस्था सुधरी है, जिससे बहन-बेटियां सुरक्षित महसूस कर रही हैं।

प्रश्न: आपकी दावेदारी का आधार क्या है?

उत्तर: करहल से हमारा रिश्ता बहुत पुराना है। हमारे परिवार से कई लोग यहां विधायक रह चुके हैं और मैं खुद पहले भी यहां से चुनाव लड़ चुका हूं। हमारे लिए यह कोई नई विधानसभा नहीं है; यहां से हमारा वर्षों पुराना गहरा और मजबूत रिश्ता है।

प्रश्न: सपा के पीडीए मॉडल को आप किस नजरिए से देखते हैं?

उत्तर: देखिए, वो पीडीए नहीं, बल्कि एक तरह का ‘परिवार विकास प्राधिकरण’ बन गया है। सपा की राजनीति परिवारवाद पर आधारित है, और करहल की जनता इस सच्चाई को समझती है।

प्रश्न: सपा और भाजपा के बीच हो रहे पोस्टर वार पर आप क्या कहेंगे?

उत्तर: मुख्यमंत्री जी का एक नारा है जो बिलकुल सटीक बैठता है। सपा चाहे जितने भी पोस्टर जारी करे, पर हमारे लिए विकास का काम ही सबसे बड़ा पोस्टर है।

प्रश्न: सपा इसे अपनी परंपरागत सीट बता रही है। इस पर आपका क्या कहना है?

उत्तर: देखिए, हमारी भी यहां एक पुरानी विरासत रही है। हमारे परिवार का राजनीति में योगदान 1952 से है। इस लिहाज से यह सीट हमारी भी परंपरागत सीट मानी जा सकती है।

प्रश्न: क्या किसी रिश्तेदार ने आपको चुनाव लड़ने से मना किया?

उत्तर: नहीं, हमारा एक अनुभवी राजनीतिक परिवार है और हमें सभी का समर्थन है। मैं अनुभवहीन नहीं हूं जो इस बारे में सोचूं।

प्रश्न: आपने सपा छोड़कर भाजपा का दामन क्यों थामा?

उत्तर: सपा में एक पूर्व विधायक ने मेरी पत्नी और मेरे खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, जो मेरे लिए असहनीय था। ऐसे माहौल में सम्मानजनक राजनीति संभव नहीं थी, इसीलिए मैंने सपा छोड़ दी।

प्रश्न: शिवपाल यादव आपको चुनाव न लड़ने की सलाह दे रहे हैं?

उत्तर: उन्होंने पहले अपने ही भतीजे के खिलाफ चुनाव लड़ा था, तो मैं उनकी सलाह को क्यों मानूं? मैं यहां जनता की सेवा के लिए हूं। किसी दबाव या खरीद-फरोख्त में नहीं आऊंगा।

प्रश्न: फूफा-भतीजे की इस लड़ाई में किसका पलड़ा भारी रहेगा?

उत्तर: जनता का समर्थन हमारे साथ है। फूफा ही भारी रहेगा। भाजपा को जनता का आशीर्वाद मिलेगा और हम बड़े अंतर से जीतेंगे।

प्रश्न: सपा का आरोप है कि भाजपा को कोई दूसरा उम्मीदवार नहीं मिला, इसलिए आपको मैदान में उतारा गया। इस पर आपका क्या कहना है?

उत्तर: यह आरोप गलत है। मैं भारतीय जनता पार्टी में 2017 से सक्रिय हूं। केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व ने मुझ पर भरोसा जताया है और इसी विश्वास के आधार पर मुझे प्रत्याशी बनाया गया है।

गौरतलब हो कि मैनपुरी की करहल विधानसभा सपा की परंपरागत सीट मानी जाती है। 2022 में अखिलेश यादव ने यहां से भाजपा उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को हराया था। अब इस सीट पर सपा और भाजपा, दोनों सैफई परिवार के रिश्तेदारों को उतारकर जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं।

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मैनपुरी, 12 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की करहल विधानसभा सीट के उपचुनाव में दिलचस्पी बढ़ गई है। इस चुनावी मैदान में सपा और भाजपा, दोनों प्रमुख दल सैफई परिवार के सदस्यों को आमने-सामने लाकर चुनावी माहौल को गरमा रहे हैं। इसे यूं भी कहा जा सकता है कि फूफा और भतीजा एक ही चुनावी मैदान में उतरकर इस दंगल को रोमांचक बना रहे हैं। भाजपा ने इस बार मुलायम सिंह के भाई अभय राम यादव के दामाद अनुजेश यादव को उम्मीदवार बनाया है, जबकि सपा ने मुलायम सिंह यादव के भाई के पौत्र और लालू प्रसाद यादव के दामाद तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारा है। प्रस्तुत है अनुजेश यादव से बातचीत के प्रमुख अंश।

प्रश्न: करहल उपचुनाव में आपके मुख्य मुद्दे क्या हैं?

उत्तर: हमारा मुख्य मुद्दा विकास है। डबल इंजन की सरकार ने करहल में कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की हैं। किसान निधि सम्मान योजना से किसानों को मदद मिल रही है और आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों को स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं। योगी जी के शासन में कानून व्यवस्था सुधरी है, जिससे बहन-बेटियां सुरक्षित महसूस कर रही हैं।

प्रश्न: आपकी दावेदारी का आधार क्या है?

उत्तर: करहल से हमारा रिश्ता बहुत पुराना है। हमारे परिवार से कई लोग यहां विधायक रह चुके हैं और मैं खुद पहले भी यहां से चुनाव लड़ चुका हूं। हमारे लिए यह कोई नई विधानसभा नहीं है; यहां से हमारा वर्षों पुराना गहरा और मजबूत रिश्ता है।

प्रश्न: सपा के पीडीए मॉडल को आप किस नजरिए से देखते हैं?

उत्तर: देखिए, वो पीडीए नहीं, बल्कि एक तरह का ‘परिवार विकास प्राधिकरण’ बन गया है। सपा की राजनीति परिवारवाद पर आधारित है, और करहल की जनता इस सच्चाई को समझती है।

प्रश्न: सपा और भाजपा के बीच हो रहे पोस्टर वार पर आप क्या कहेंगे?

उत्तर: मुख्यमंत्री जी का एक नारा है जो बिलकुल सटीक बैठता है। सपा चाहे जितने भी पोस्टर जारी करे, पर हमारे लिए विकास का काम ही सबसे बड़ा पोस्टर है।

प्रश्न: सपा इसे अपनी परंपरागत सीट बता रही है। इस पर आपका क्या कहना है?

उत्तर: देखिए, हमारी भी यहां एक पुरानी विरासत रही है। हमारे परिवार का राजनीति में योगदान 1952 से है। इस लिहाज से यह सीट हमारी भी परंपरागत सीट मानी जा सकती है।

प्रश्न: क्या किसी रिश्तेदार ने आपको चुनाव लड़ने से मना किया?

उत्तर: नहीं, हमारा एक अनुभवी राजनीतिक परिवार है और हमें सभी का समर्थन है। मैं अनुभवहीन नहीं हूं जो इस बारे में सोचूं।

प्रश्न: आपने सपा छोड़कर भाजपा का दामन क्यों थामा?

उत्तर: सपा में एक पूर्व विधायक ने मेरी पत्नी और मेरे खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, जो मेरे लिए असहनीय था। ऐसे माहौल में सम्मानजनक राजनीति संभव नहीं थी, इसीलिए मैंने सपा छोड़ दी।

प्रश्न: शिवपाल यादव आपको चुनाव न लड़ने की सलाह दे रहे हैं?

उत्तर: उन्होंने पहले अपने ही भतीजे के खिलाफ चुनाव लड़ा था, तो मैं उनकी सलाह को क्यों मानूं? मैं यहां जनता की सेवा के लिए हूं। किसी दबाव या खरीद-फरोख्त में नहीं आऊंगा।

प्रश्न: फूफा-भतीजे की इस लड़ाई में किसका पलड़ा भारी रहेगा?

उत्तर: जनता का समर्थन हमारे साथ है। फूफा ही भारी रहेगा। भाजपा को जनता का आशीर्वाद मिलेगा और हम बड़े अंतर से जीतेंगे।

प्रश्न: सपा का आरोप है कि भाजपा को कोई दूसरा उम्मीदवार नहीं मिला, इसलिए आपको मैदान में उतारा गया। इस पर आपका क्या कहना है?

उत्तर: यह आरोप गलत है। मैं भारतीय जनता पार्टी में 2017 से सक्रिय हूं। केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व ने मुझ पर भरोसा जताया है और इसी विश्वास के आधार पर मुझे प्रत्याशी बनाया गया है।

गौरतलब हो कि मैनपुरी की करहल विधानसभा सपा की परंपरागत सीट मानी जाती है। 2022 में अखिलेश यादव ने यहां से भाजपा उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को हराया था। अब इस सीट पर सपा और भाजपा, दोनों सैफई परिवार के रिश्तेदारों को उतारकर जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं।

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मैनपुरी, 12 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की करहल विधानसभा सीट के उपचुनाव में दिलचस्पी बढ़ गई है। इस चुनावी मैदान में सपा और भाजपा, दोनों प्रमुख दल सैफई परिवार के सदस्यों को आमने-सामने लाकर चुनावी माहौल को गरमा रहे हैं। इसे यूं भी कहा जा सकता है कि फूफा और भतीजा एक ही चुनावी मैदान में उतरकर इस दंगल को रोमांचक बना रहे हैं। भाजपा ने इस बार मुलायम सिंह के भाई अभय राम यादव के दामाद अनुजेश यादव को उम्मीदवार बनाया है, जबकि सपा ने मुलायम सिंह यादव के भाई के पौत्र और लालू प्रसाद यादव के दामाद तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारा है। प्रस्तुत है अनुजेश यादव से बातचीत के प्रमुख अंश।

प्रश्न: करहल उपचुनाव में आपके मुख्य मुद्दे क्या हैं?

उत्तर: हमारा मुख्य मुद्दा विकास है। डबल इंजन की सरकार ने करहल में कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की हैं। किसान निधि सम्मान योजना से किसानों को मदद मिल रही है और आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों को स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं। योगी जी के शासन में कानून व्यवस्था सुधरी है, जिससे बहन-बेटियां सुरक्षित महसूस कर रही हैं।

प्रश्न: आपकी दावेदारी का आधार क्या है?

उत्तर: करहल से हमारा रिश्ता बहुत पुराना है। हमारे परिवार से कई लोग यहां विधायक रह चुके हैं और मैं खुद पहले भी यहां से चुनाव लड़ चुका हूं। हमारे लिए यह कोई नई विधानसभा नहीं है; यहां से हमारा वर्षों पुराना गहरा और मजबूत रिश्ता है।

प्रश्न: सपा के पीडीए मॉडल को आप किस नजरिए से देखते हैं?

उत्तर: देखिए, वो पीडीए नहीं, बल्कि एक तरह का ‘परिवार विकास प्राधिकरण’ बन गया है। सपा की राजनीति परिवारवाद पर आधारित है, और करहल की जनता इस सच्चाई को समझती है।

प्रश्न: सपा और भाजपा के बीच हो रहे पोस्टर वार पर आप क्या कहेंगे?

उत्तर: मुख्यमंत्री जी का एक नारा है जो बिलकुल सटीक बैठता है। सपा चाहे जितने भी पोस्टर जारी करे, पर हमारे लिए विकास का काम ही सबसे बड़ा पोस्टर है।

प्रश्न: सपा इसे अपनी परंपरागत सीट बता रही है। इस पर आपका क्या कहना है?

उत्तर: देखिए, हमारी भी यहां एक पुरानी विरासत रही है। हमारे परिवार का राजनीति में योगदान 1952 से है। इस लिहाज से यह सीट हमारी भी परंपरागत सीट मानी जा सकती है।

प्रश्न: क्या किसी रिश्तेदार ने आपको चुनाव लड़ने से मना किया?

उत्तर: नहीं, हमारा एक अनुभवी राजनीतिक परिवार है और हमें सभी का समर्थन है। मैं अनुभवहीन नहीं हूं जो इस बारे में सोचूं।

प्रश्न: आपने सपा छोड़कर भाजपा का दामन क्यों थामा?

उत्तर: सपा में एक पूर्व विधायक ने मेरी पत्नी और मेरे खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, जो मेरे लिए असहनीय था। ऐसे माहौल में सम्मानजनक राजनीति संभव नहीं थी, इसीलिए मैंने सपा छोड़ दी।

प्रश्न: शिवपाल यादव आपको चुनाव न लड़ने की सलाह दे रहे हैं?

उत्तर: उन्होंने पहले अपने ही भतीजे के खिलाफ चुनाव लड़ा था, तो मैं उनकी सलाह को क्यों मानूं? मैं यहां जनता की सेवा के लिए हूं। किसी दबाव या खरीद-फरोख्त में नहीं आऊंगा।

प्रश्न: फूफा-भतीजे की इस लड़ाई में किसका पलड़ा भारी रहेगा?

उत्तर: जनता का समर्थन हमारे साथ है। फूफा ही भारी रहेगा। भाजपा को जनता का आशीर्वाद मिलेगा और हम बड़े अंतर से जीतेंगे।

प्रश्न: सपा का आरोप है कि भाजपा को कोई दूसरा उम्मीदवार नहीं मिला, इसलिए आपको मैदान में उतारा गया। इस पर आपका क्या कहना है?

उत्तर: यह आरोप गलत है। मैं भारतीय जनता पार्टी में 2017 से सक्रिय हूं। केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व ने मुझ पर भरोसा जताया है और इसी विश्वास के आधार पर मुझे प्रत्याशी बनाया गया है।

गौरतलब हो कि मैनपुरी की करहल विधानसभा सपा की परंपरागत सीट मानी जाती है। 2022 में अखिलेश यादव ने यहां से भाजपा उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को हराया था। अब इस सीट पर सपा और भाजपा, दोनों सैफई परिवार के रिश्तेदारों को उतारकर जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं।

–आईएएनएस

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मैनपुरी, 12 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की करहल विधानसभा सीट के उपचुनाव में दिलचस्पी बढ़ गई है। इस चुनावी मैदान में सपा और भाजपा, दोनों प्रमुख दल सैफई परिवार के सदस्यों को आमने-सामने लाकर चुनावी माहौल को गरमा रहे हैं। इसे यूं भी कहा जा सकता है कि फूफा और भतीजा एक ही चुनावी मैदान में उतरकर इस दंगल को रोमांचक बना रहे हैं। भाजपा ने इस बार मुलायम सिंह के भाई अभय राम यादव के दामाद अनुजेश यादव को उम्मीदवार बनाया है, जबकि सपा ने मुलायम सिंह यादव के भाई के पौत्र और लालू प्रसाद यादव के दामाद तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारा है। प्रस्तुत है अनुजेश यादव से बातचीत के प्रमुख अंश।

प्रश्न: करहल उपचुनाव में आपके मुख्य मुद्दे क्या हैं?

उत्तर: हमारा मुख्य मुद्दा विकास है। डबल इंजन की सरकार ने करहल में कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की हैं। किसान निधि सम्मान योजना से किसानों को मदद मिल रही है और आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों को स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं। योगी जी के शासन में कानून व्यवस्था सुधरी है, जिससे बहन-बेटियां सुरक्षित महसूस कर रही हैं।

प्रश्न: आपकी दावेदारी का आधार क्या है?

उत्तर: करहल से हमारा रिश्ता बहुत पुराना है। हमारे परिवार से कई लोग यहां विधायक रह चुके हैं और मैं खुद पहले भी यहां से चुनाव लड़ चुका हूं। हमारे लिए यह कोई नई विधानसभा नहीं है; यहां से हमारा वर्षों पुराना गहरा और मजबूत रिश्ता है।

प्रश्न: सपा के पीडीए मॉडल को आप किस नजरिए से देखते हैं?

उत्तर: देखिए, वो पीडीए नहीं, बल्कि एक तरह का ‘परिवार विकास प्राधिकरण’ बन गया है। सपा की राजनीति परिवारवाद पर आधारित है, और करहल की जनता इस सच्चाई को समझती है।

प्रश्न: सपा और भाजपा के बीच हो रहे पोस्टर वार पर आप क्या कहेंगे?

उत्तर: मुख्यमंत्री जी का एक नारा है जो बिलकुल सटीक बैठता है। सपा चाहे जितने भी पोस्टर जारी करे, पर हमारे लिए विकास का काम ही सबसे बड़ा पोस्टर है।

प्रश्न: सपा इसे अपनी परंपरागत सीट बता रही है। इस पर आपका क्या कहना है?

उत्तर: देखिए, हमारी भी यहां एक पुरानी विरासत रही है। हमारे परिवार का राजनीति में योगदान 1952 से है। इस लिहाज से यह सीट हमारी भी परंपरागत सीट मानी जा सकती है।

प्रश्न: क्या किसी रिश्तेदार ने आपको चुनाव लड़ने से मना किया?

उत्तर: नहीं, हमारा एक अनुभवी राजनीतिक परिवार है और हमें सभी का समर्थन है। मैं अनुभवहीन नहीं हूं जो इस बारे में सोचूं।

प्रश्न: आपने सपा छोड़कर भाजपा का दामन क्यों थामा?

उत्तर: सपा में एक पूर्व विधायक ने मेरी पत्नी और मेरे खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, जो मेरे लिए असहनीय था। ऐसे माहौल में सम्मानजनक राजनीति संभव नहीं थी, इसीलिए मैंने सपा छोड़ दी।

प्रश्न: शिवपाल यादव आपको चुनाव न लड़ने की सलाह दे रहे हैं?

उत्तर: उन्होंने पहले अपने ही भतीजे के खिलाफ चुनाव लड़ा था, तो मैं उनकी सलाह को क्यों मानूं? मैं यहां जनता की सेवा के लिए हूं। किसी दबाव या खरीद-फरोख्त में नहीं आऊंगा।

प्रश्न: फूफा-भतीजे की इस लड़ाई में किसका पलड़ा भारी रहेगा?

उत्तर: जनता का समर्थन हमारे साथ है। फूफा ही भारी रहेगा। भाजपा को जनता का आशीर्वाद मिलेगा और हम बड़े अंतर से जीतेंगे।

प्रश्न: सपा का आरोप है कि भाजपा को कोई दूसरा उम्मीदवार नहीं मिला, इसलिए आपको मैदान में उतारा गया। इस पर आपका क्या कहना है?

उत्तर: यह आरोप गलत है। मैं भारतीय जनता पार्टी में 2017 से सक्रिय हूं। केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व ने मुझ पर भरोसा जताया है और इसी विश्वास के आधार पर मुझे प्रत्याशी बनाया गया है।

गौरतलब हो कि मैनपुरी की करहल विधानसभा सपा की परंपरागत सीट मानी जाती है। 2022 में अखिलेश यादव ने यहां से भाजपा उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को हराया था। अब इस सीट पर सपा और भाजपा, दोनों सैफई परिवार के रिश्तेदारों को उतारकर जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं।

–आईएएनएस

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