पटना, 16 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना खलील-उर-रहमान सज्जाद नोमानी के वायरल वीडियो को लेकर सियासत तेज हो गई। उनके बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि हम इस तरह के धार्मिक बयानों का समर्थन नहीं करते।
पी. चिदंबरम के बयान पर अब बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने शनिवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, “मुझे नहीं मालूम कि चिदंबरम ने किस संदर्भ में यह बयान दिया, लेकिन वक्फ संशोधन विधेयक जब लोकसभा और राज्यसभा में लाया गया था। उस समय कांग्रेस का रुख साफ था कि जब तक जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) का गठन नहीं हो जाता और इस पर गहन चर्चा नहीं हो जाती, हम इस बिल को पास नहीं होने देंगे। कांग्रेस का रुख साफ रहा है और हम आज भी उसी रुख के साथ आगे बढ़ेंगे।”
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया था, जिसमें सज्जाद नोमानी मुस्लिम समुदाय से यह अपील करते दिखे कि जो भाजपा का साथ दे उसका हुक्का-पानी बंद होना चाहिए। वीडियो वायरल होने के बाद उन्होंने सफाई दी। उनका कहना है कि उनके बारे में झूठ फैलाया जा रहा है।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद पी. चिदंबरम ने कहा, “हम इस तरह के धार्मिक बयानों का समर्थन नहीं करते, इस तरह से धर्म के नाम वोट मांगना गलत है, हमें वोट काम के आधार पर मांगना चाहिए।”
इस बीच, भाजपा नेता किरीट सोमैया ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को पत्र लिखकर मौलाना खलील-उर-रहमान सज्जाद नोमानी के खिलाफ कार्रवाई की अपील की है। उन्होंने नोमानी पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा, “हम यहां भाषण, मुस्लिम समुदाय से अपील संलग्न कर रहे हैं, जिसमें धार्मिक कट्टरता के नाम पर मुसलमानों को भड़काया गया है और भाजपा को वोट देने वाले मुसलमानों के सामाजिक बहिष्कार का आह्वान किया गया है। भाषण सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित है।”
–आईएएनएस
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