मुंबई, 22 नवंबर (आईएएनएस)। वित्त वर्ष 2024-25 में हर 10 में 8 (83.6 प्रतिशत) स्टॉकब्रोकर उभरती हुई टेक्नोलॉजी का फायदा उठाने के लिए आईटी बजट बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। इसमें से 41.8 प्रतिशत का लक्ष्य आईटी बजट में 20 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी करना है। यह जानकारी शुक्रवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।
एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) की ओर से जारी किए गए ‘स्टॉकटेक सर्वेक्षण 2024-25’ में बताया गया कि स्टॉकब्रोकर दक्षता, क्षमता और ग्राहक अनुभव को बेहतर करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), एल्गोरिदम ट्रेडिंग और ब्लॉकचेन जैसी टेक्नोलॉजी पर फोकस करना चाहते हैं।
सर्वेक्षण में 34.3 प्रतिशत स्टॉकब्रोकर ने पूर्वानुमानित विश्लेषण और पर्सनल ट्रेडिंग रणनीतियों को चलाने के लिए एआई और एमएल को प्राथमिकता दी है। जबकि, 32.9 प्रतिशत स्टॉकब्रोकर ने सटीकता और ऑटोमेशन पर जोर देते हुए एल्गोरिदम ट्रेडिंग को प्राथमिकता दी है।
सर्वेक्षण में आगे कहा गया कि 7.1 प्रतिशत स्टॉकब्रोकर ने सुरक्षित और पारदर्शी संचालन के लिए ब्लॉकचेन को अपनाने पर जोर दिया है।
सर्वेक्षण के अनुसार, 60 प्रतिशत से अधिक स्टॉकब्रोकर ने अपनी 50 प्रतिशत से अधिक व्यावसायिक प्रक्रियाओं को डिजिटल कर दिया है, जो परिचालन आधुनिकीकरण की दिशा में एक मजबूत प्रयास को दर्शाता है।
एएनएमआई के अध्यक्ष हरिन मेहता ने कहा कि सर्वेक्षण भारत के स्टॉकब्रोकिंग उद्योग के तकनीकी विकास में गहराई से जानकारी प्रदान करता है। एआई, ऑटोमेशन और सुरक्षा में बढ़ते निवेश के साथ, उद्योग उन्नत लचीलापन और समावेशिता प्रदान करने के लिए तैयार है।
सर्वेक्षण में 84.8 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने मजबूत जोखिम प्रबंधन और साइबर सुरक्षा रणनीतियों को जरूरी बताते हुए सुरक्षा को एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता बताया। जबकि, 90.9 प्रतिशत ने सादगी को महत्व दिया, खुदरा निवेशकों की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए यूजर फ्रेंडली प्लेटफार्म के विकास पर जोर दिया गया।
सेबी के कार्यकारी निदेशक वी. सुंदरेसन ने कहा, “स्टॉकटेक सर्वे 2024-25 भारत के पूंजी बाजारों में टेक्नोलॉजी की परिवर्तनकारी क्षमता को रेखांकित करता है। सेबी इनोवेशन, पारदर्शिता और निवेशक सुरक्षा के माहौल को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मजबूत जोखिम प्रबंधन ढांचे के साथ उभरती टेक्नोलॉजी को अपनाकर, उद्योग बाजार सहभागियों के हितों की रक्षा करते हुए स्थायी विकास हासिल कर सकता है।
–आईएएनएस
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