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Home राष्ट्रीय

उज्जैन : महाकालेश्‍वर मंदिर में भस्म आरती के बीच हंगामा

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November 22, 2024
in राष्ट्रीय
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उज्जैन : महाकालेश्‍वर मंदिर में भस्म आरती के बीच हंगामा
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उज्जैन, 22 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान हंगामा हो गया। कोर्ट से दर्शन के लिए आए दो कर्मचारी अवैध तरीके से मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। इसका मंदिर के कर्मचारियों ने विरोध किया। तभी दोनों के बीच कहासुनी शुरू हो गई। इसके बाद देखते ही देखते यह कहासुनी मारपीट में तब्दील हो गई। इससे मंदिर में अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। भक्तों ने बड़ी मुश्किल से जैसे तैसे भस्म आरती की प्रक्रिया संपन्न की, ताकि आगे की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं हो। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। इसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे दोनों पक्षों के बीच मारपीट हो रही है।

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मंदिर के कर्मचारी ओम योगी ने दावा किया है कि 22 नवंबर सुबह तीन बजे कोर्ट के कर्मचारी मोहन अजमेरी और सोनू जाटवा मंदिर दर्शन के लिए आए थे।

दरअसल, 19 लोगों को बिना आरएफआईडी बैंड के मंदिर के अंदर ले जाने की कोशिश की जा रही थी।

इस बीच, जब उन्हें रोका गया, तभी विवाद शुरू हो गया। इसके बाद यह विवाद मारपीट में बदल गया।

मंदिर प्रशासन ने हाल ही में श्रद्धालुओं के सुचारू प्रवेश के लिए आरएफआईडी बैंड सिस्टम लागू किया है, ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो। लेकिन, अब जिस तरह से अवैध एंट्री का मामला प्रकाश में आया है, उसके बाद से मंदिर प्रशासन की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

उज्जैन के जिलाधिकारी नीरज कुमार सिंह ने इस घटना पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले की विधिवत जांच कराएंगे और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने कहा कि मंदिर में दर्शन के लिए एक बार में महज 10 लोगों को ही दर्शन की इजाजत थी। लेकिन, 19 लोगों को अंदर ले जाया गया। इसके बाद दोनों के पक्षों के मारपीट की स्थिति पैदा हो गई।

उल्लेखनीय है कि तीन-चार महीने पहले महाकाल मंदिर के एक सुरक्षाकर्मी ने कुछ लोगों को अवैध तरीके से भस्म आरती में शामिल कराने की कोशिश की थी। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।

–आईएएनएस

एसएचके/सीबीटी

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उज्जैन, 22 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान हंगामा हो गया। कोर्ट से दर्शन के लिए आए दो कर्मचारी अवैध तरीके से मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। इसका मंदिर के कर्मचारियों ने विरोध किया। तभी दोनों के बीच कहासुनी शुरू हो गई। इसके बाद देखते ही देखते यह कहासुनी मारपीट में तब्दील हो गई। इससे मंदिर में अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। भक्तों ने बड़ी मुश्किल से जैसे तैसे भस्म आरती की प्रक्रिया संपन्न की, ताकि आगे की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं हो। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। इसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे दोनों पक्षों के बीच मारपीट हो रही है।

मंदिर के कर्मचारी ओम योगी ने दावा किया है कि 22 नवंबर सुबह तीन बजे कोर्ट के कर्मचारी मोहन अजमेरी और सोनू जाटवा मंदिर दर्शन के लिए आए थे।

दरअसल, 19 लोगों को बिना आरएफआईडी बैंड के मंदिर के अंदर ले जाने की कोशिश की जा रही थी।

इस बीच, जब उन्हें रोका गया, तभी विवाद शुरू हो गया। इसके बाद यह विवाद मारपीट में बदल गया।

मंदिर प्रशासन ने हाल ही में श्रद्धालुओं के सुचारू प्रवेश के लिए आरएफआईडी बैंड सिस्टम लागू किया है, ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो। लेकिन, अब जिस तरह से अवैध एंट्री का मामला प्रकाश में आया है, उसके बाद से मंदिर प्रशासन की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

उज्जैन के जिलाधिकारी नीरज कुमार सिंह ने इस घटना पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले की विधिवत जांच कराएंगे और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने कहा कि मंदिर में दर्शन के लिए एक बार में महज 10 लोगों को ही दर्शन की इजाजत थी। लेकिन, 19 लोगों को अंदर ले जाया गया। इसके बाद दोनों के पक्षों के मारपीट की स्थिति पैदा हो गई।

उल्लेखनीय है कि तीन-चार महीने पहले महाकाल मंदिर के एक सुरक्षाकर्मी ने कुछ लोगों को अवैध तरीके से भस्म आरती में शामिल कराने की कोशिश की थी। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।

–आईएएनएस

एसएचके/सीबीटी

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उज्जैन, 22 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान हंगामा हो गया। कोर्ट से दर्शन के लिए आए दो कर्मचारी अवैध तरीके से मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। इसका मंदिर के कर्मचारियों ने विरोध किया। तभी दोनों के बीच कहासुनी शुरू हो गई। इसके बाद देखते ही देखते यह कहासुनी मारपीट में तब्दील हो गई। इससे मंदिर में अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। भक्तों ने बड़ी मुश्किल से जैसे तैसे भस्म आरती की प्रक्रिया संपन्न की, ताकि आगे की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं हो। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। इसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे दोनों पक्षों के बीच मारपीट हो रही है।

मंदिर के कर्मचारी ओम योगी ने दावा किया है कि 22 नवंबर सुबह तीन बजे कोर्ट के कर्मचारी मोहन अजमेरी और सोनू जाटवा मंदिर दर्शन के लिए आए थे।

दरअसल, 19 लोगों को बिना आरएफआईडी बैंड के मंदिर के अंदर ले जाने की कोशिश की जा रही थी।

इस बीच, जब उन्हें रोका गया, तभी विवाद शुरू हो गया। इसके बाद यह विवाद मारपीट में बदल गया।

मंदिर प्रशासन ने हाल ही में श्रद्धालुओं के सुचारू प्रवेश के लिए आरएफआईडी बैंड सिस्टम लागू किया है, ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो। लेकिन, अब जिस तरह से अवैध एंट्री का मामला प्रकाश में आया है, उसके बाद से मंदिर प्रशासन की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

उज्जैन के जिलाधिकारी नीरज कुमार सिंह ने इस घटना पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले की विधिवत जांच कराएंगे और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने कहा कि मंदिर में दर्शन के लिए एक बार में महज 10 लोगों को ही दर्शन की इजाजत थी। लेकिन, 19 लोगों को अंदर ले जाया गया। इसके बाद दोनों के पक्षों के मारपीट की स्थिति पैदा हो गई।

उल्लेखनीय है कि तीन-चार महीने पहले महाकाल मंदिर के एक सुरक्षाकर्मी ने कुछ लोगों को अवैध तरीके से भस्म आरती में शामिल कराने की कोशिश की थी। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।

–आईएएनएस

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उज्जैन, 22 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान हंगामा हो गया। कोर्ट से दर्शन के लिए आए दो कर्मचारी अवैध तरीके से मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। इसका मंदिर के कर्मचारियों ने विरोध किया। तभी दोनों के बीच कहासुनी शुरू हो गई। इसके बाद देखते ही देखते यह कहासुनी मारपीट में तब्दील हो गई। इससे मंदिर में अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। भक्तों ने बड़ी मुश्किल से जैसे तैसे भस्म आरती की प्रक्रिया संपन्न की, ताकि आगे की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं हो। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। इसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे दोनों पक्षों के बीच मारपीट हो रही है।

मंदिर के कर्मचारी ओम योगी ने दावा किया है कि 22 नवंबर सुबह तीन बजे कोर्ट के कर्मचारी मोहन अजमेरी और सोनू जाटवा मंदिर दर्शन के लिए आए थे।

दरअसल, 19 लोगों को बिना आरएफआईडी बैंड के मंदिर के अंदर ले जाने की कोशिश की जा रही थी।

इस बीच, जब उन्हें रोका गया, तभी विवाद शुरू हो गया। इसके बाद यह विवाद मारपीट में बदल गया।

मंदिर प्रशासन ने हाल ही में श्रद्धालुओं के सुचारू प्रवेश के लिए आरएफआईडी बैंड सिस्टम लागू किया है, ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो। लेकिन, अब जिस तरह से अवैध एंट्री का मामला प्रकाश में आया है, उसके बाद से मंदिर प्रशासन की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

उज्जैन के जिलाधिकारी नीरज कुमार सिंह ने इस घटना पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले की विधिवत जांच कराएंगे और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने कहा कि मंदिर में दर्शन के लिए एक बार में महज 10 लोगों को ही दर्शन की इजाजत थी। लेकिन, 19 लोगों को अंदर ले जाया गया। इसके बाद दोनों के पक्षों के मारपीट की स्थिति पैदा हो गई।

उल्लेखनीय है कि तीन-चार महीने पहले महाकाल मंदिर के एक सुरक्षाकर्मी ने कुछ लोगों को अवैध तरीके से भस्म आरती में शामिल कराने की कोशिश की थी। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।

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मंदिर के कर्मचारी ओम योगी ने दावा किया है कि 22 नवंबर सुबह तीन बजे कोर्ट के कर्मचारी मोहन अजमेरी और सोनू जाटवा मंदिर दर्शन के लिए आए थे।

दरअसल, 19 लोगों को बिना आरएफआईडी बैंड के मंदिर के अंदर ले जाने की कोशिश की जा रही थी।

इस बीच, जब उन्हें रोका गया, तभी विवाद शुरू हो गया। इसके बाद यह विवाद मारपीट में बदल गया।

मंदिर प्रशासन ने हाल ही में श्रद्धालुओं के सुचारू प्रवेश के लिए आरएफआईडी बैंड सिस्टम लागू किया है, ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो। लेकिन, अब जिस तरह से अवैध एंट्री का मामला प्रकाश में आया है, उसके बाद से मंदिर प्रशासन की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

उज्जैन के जिलाधिकारी नीरज कुमार सिंह ने इस घटना पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले की विधिवत जांच कराएंगे और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने कहा कि मंदिर में दर्शन के लिए एक बार में महज 10 लोगों को ही दर्शन की इजाजत थी। लेकिन, 19 लोगों को अंदर ले जाया गया। इसके बाद दोनों के पक्षों के मारपीट की स्थिति पैदा हो गई।

उल्लेखनीय है कि तीन-चार महीने पहले महाकाल मंदिर के एक सुरक्षाकर्मी ने कुछ लोगों को अवैध तरीके से भस्म आरती में शामिल कराने की कोशिश की थी। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।

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मंदिर के कर्मचारी ओम योगी ने दावा किया है कि 22 नवंबर सुबह तीन बजे कोर्ट के कर्मचारी मोहन अजमेरी और सोनू जाटवा मंदिर दर्शन के लिए आए थे।

दरअसल, 19 लोगों को बिना आरएफआईडी बैंड के मंदिर के अंदर ले जाने की कोशिश की जा रही थी।

इस बीच, जब उन्हें रोका गया, तभी विवाद शुरू हो गया। इसके बाद यह विवाद मारपीट में बदल गया।

मंदिर प्रशासन ने हाल ही में श्रद्धालुओं के सुचारू प्रवेश के लिए आरएफआईडी बैंड सिस्टम लागू किया है, ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो। लेकिन, अब जिस तरह से अवैध एंट्री का मामला प्रकाश में आया है, उसके बाद से मंदिर प्रशासन की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

उज्जैन के जिलाधिकारी नीरज कुमार सिंह ने इस घटना पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले की विधिवत जांच कराएंगे और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने कहा कि मंदिर में दर्शन के लिए एक बार में महज 10 लोगों को ही दर्शन की इजाजत थी। लेकिन, 19 लोगों को अंदर ले जाया गया। इसके बाद दोनों के पक्षों के मारपीट की स्थिति पैदा हो गई।

उल्लेखनीय है कि तीन-चार महीने पहले महाकाल मंदिर के एक सुरक्षाकर्मी ने कुछ लोगों को अवैध तरीके से भस्म आरती में शामिल कराने की कोशिश की थी। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।

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मंदिर के कर्मचारी ओम योगी ने दावा किया है कि 22 नवंबर सुबह तीन बजे कोर्ट के कर्मचारी मोहन अजमेरी और सोनू जाटवा मंदिर दर्शन के लिए आए थे।

दरअसल, 19 लोगों को बिना आरएफआईडी बैंड के मंदिर के अंदर ले जाने की कोशिश की जा रही थी।

इस बीच, जब उन्हें रोका गया, तभी विवाद शुरू हो गया। इसके बाद यह विवाद मारपीट में बदल गया।

मंदिर प्रशासन ने हाल ही में श्रद्धालुओं के सुचारू प्रवेश के लिए आरएफआईडी बैंड सिस्टम लागू किया है, ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो। लेकिन, अब जिस तरह से अवैध एंट्री का मामला प्रकाश में आया है, उसके बाद से मंदिर प्रशासन की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

उज्जैन के जिलाधिकारी नीरज कुमार सिंह ने इस घटना पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले की विधिवत जांच कराएंगे और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने कहा कि मंदिर में दर्शन के लिए एक बार में महज 10 लोगों को ही दर्शन की इजाजत थी। लेकिन, 19 लोगों को अंदर ले जाया गया। इसके बाद दोनों के पक्षों के मारपीट की स्थिति पैदा हो गई।

उल्लेखनीय है कि तीन-चार महीने पहले महाकाल मंदिर के एक सुरक्षाकर्मी ने कुछ लोगों को अवैध तरीके से भस्म आरती में शामिल कराने की कोशिश की थी। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।

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उज्जैन, 22 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान हंगामा हो गया। कोर्ट से दर्शन के लिए आए दो कर्मचारी अवैध तरीके से मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। इसका मंदिर के कर्मचारियों ने विरोध किया। तभी दोनों के बीच कहासुनी शुरू हो गई। इसके बाद देखते ही देखते यह कहासुनी मारपीट में तब्दील हो गई। इससे मंदिर में अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। भक्तों ने बड़ी मुश्किल से जैसे तैसे भस्म आरती की प्रक्रिया संपन्न की, ताकि आगे की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं हो। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। इसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे दोनों पक्षों के बीच मारपीट हो रही है।

मंदिर के कर्मचारी ओम योगी ने दावा किया है कि 22 नवंबर सुबह तीन बजे कोर्ट के कर्मचारी मोहन अजमेरी और सोनू जाटवा मंदिर दर्शन के लिए आए थे।

दरअसल, 19 लोगों को बिना आरएफआईडी बैंड के मंदिर के अंदर ले जाने की कोशिश की जा रही थी।

इस बीच, जब उन्हें रोका गया, तभी विवाद शुरू हो गया। इसके बाद यह विवाद मारपीट में बदल गया।

मंदिर प्रशासन ने हाल ही में श्रद्धालुओं के सुचारू प्रवेश के लिए आरएफआईडी बैंड सिस्टम लागू किया है, ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो। लेकिन, अब जिस तरह से अवैध एंट्री का मामला प्रकाश में आया है, उसके बाद से मंदिर प्रशासन की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

उज्जैन के जिलाधिकारी नीरज कुमार सिंह ने इस घटना पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले की विधिवत जांच कराएंगे और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने कहा कि मंदिर में दर्शन के लिए एक बार में महज 10 लोगों को ही दर्शन की इजाजत थी। लेकिन, 19 लोगों को अंदर ले जाया गया। इसके बाद दोनों के पक्षों के मारपीट की स्थिति पैदा हो गई।

उल्लेखनीय है कि तीन-चार महीने पहले महाकाल मंदिर के एक सुरक्षाकर्मी ने कुछ लोगों को अवैध तरीके से भस्म आरती में शामिल कराने की कोशिश की थी। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।

–आईएएनएस

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उज्जैन, 22 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान हंगामा हो गया। कोर्ट से दर्शन के लिए आए दो कर्मचारी अवैध तरीके से मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। इसका मंदिर के कर्मचारियों ने विरोध किया। तभी दोनों के बीच कहासुनी शुरू हो गई। इसके बाद देखते ही देखते यह कहासुनी मारपीट में तब्दील हो गई। इससे मंदिर में अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। भक्तों ने बड़ी मुश्किल से जैसे तैसे भस्म आरती की प्रक्रिया संपन्न की, ताकि आगे की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं हो। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। इसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे दोनों पक्षों के बीच मारपीट हो रही है।

मंदिर के कर्मचारी ओम योगी ने दावा किया है कि 22 नवंबर सुबह तीन बजे कोर्ट के कर्मचारी मोहन अजमेरी और सोनू जाटवा मंदिर दर्शन के लिए आए थे।

दरअसल, 19 लोगों को बिना आरएफआईडी बैंड के मंदिर के अंदर ले जाने की कोशिश की जा रही थी।

इस बीच, जब उन्हें रोका गया, तभी विवाद शुरू हो गया। इसके बाद यह विवाद मारपीट में बदल गया।

मंदिर प्रशासन ने हाल ही में श्रद्धालुओं के सुचारू प्रवेश के लिए आरएफआईडी बैंड सिस्टम लागू किया है, ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो। लेकिन, अब जिस तरह से अवैध एंट्री का मामला प्रकाश में आया है, उसके बाद से मंदिर प्रशासन की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

उज्जैन के जिलाधिकारी नीरज कुमार सिंह ने इस घटना पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले की विधिवत जांच कराएंगे और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने कहा कि मंदिर में दर्शन के लिए एक बार में महज 10 लोगों को ही दर्शन की इजाजत थी। लेकिन, 19 लोगों को अंदर ले जाया गया। इसके बाद दोनों के पक्षों के मारपीट की स्थिति पैदा हो गई।

उल्लेखनीय है कि तीन-चार महीने पहले महाकाल मंदिर के एक सुरक्षाकर्मी ने कुछ लोगों को अवैध तरीके से भस्म आरती में शामिल कराने की कोशिश की थी। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।

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मंदिर के कर्मचारी ओम योगी ने दावा किया है कि 22 नवंबर सुबह तीन बजे कोर्ट के कर्मचारी मोहन अजमेरी और सोनू जाटवा मंदिर दर्शन के लिए आए थे।

दरअसल, 19 लोगों को बिना आरएफआईडी बैंड के मंदिर के अंदर ले जाने की कोशिश की जा रही थी।

इस बीच, जब उन्हें रोका गया, तभी विवाद शुरू हो गया। इसके बाद यह विवाद मारपीट में बदल गया।

मंदिर प्रशासन ने हाल ही में श्रद्धालुओं के सुचारू प्रवेश के लिए आरएफआईडी बैंड सिस्टम लागू किया है, ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो। लेकिन, अब जिस तरह से अवैध एंट्री का मामला प्रकाश में आया है, उसके बाद से मंदिर प्रशासन की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

उज्जैन के जिलाधिकारी नीरज कुमार सिंह ने इस घटना पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले की विधिवत जांच कराएंगे और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने कहा कि मंदिर में दर्शन के लिए एक बार में महज 10 लोगों को ही दर्शन की इजाजत थी। लेकिन, 19 लोगों को अंदर ले जाया गया। इसके बाद दोनों के पक्षों के मारपीट की स्थिति पैदा हो गई।

उल्लेखनीय है कि तीन-चार महीने पहले महाकाल मंदिर के एक सुरक्षाकर्मी ने कुछ लोगों को अवैध तरीके से भस्म आरती में शामिल कराने की कोशिश की थी। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।

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मंदिर के कर्मचारी ओम योगी ने दावा किया है कि 22 नवंबर सुबह तीन बजे कोर्ट के कर्मचारी मोहन अजमेरी और सोनू जाटवा मंदिर दर्शन के लिए आए थे।

दरअसल, 19 लोगों को बिना आरएफआईडी बैंड के मंदिर के अंदर ले जाने की कोशिश की जा रही थी।

इस बीच, जब उन्हें रोका गया, तभी विवाद शुरू हो गया। इसके बाद यह विवाद मारपीट में बदल गया।

मंदिर प्रशासन ने हाल ही में श्रद्धालुओं के सुचारू प्रवेश के लिए आरएफआईडी बैंड सिस्टम लागू किया है, ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो। लेकिन, अब जिस तरह से अवैध एंट्री का मामला प्रकाश में आया है, उसके बाद से मंदिर प्रशासन की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

उज्जैन के जिलाधिकारी नीरज कुमार सिंह ने इस घटना पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले की विधिवत जांच कराएंगे और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने कहा कि मंदिर में दर्शन के लिए एक बार में महज 10 लोगों को ही दर्शन की इजाजत थी। लेकिन, 19 लोगों को अंदर ले जाया गया। इसके बाद दोनों के पक्षों के मारपीट की स्थिति पैदा हो गई।

उल्लेखनीय है कि तीन-चार महीने पहले महाकाल मंदिर के एक सुरक्षाकर्मी ने कुछ लोगों को अवैध तरीके से भस्म आरती में शामिल कराने की कोशिश की थी। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।

–आईएएनएस

एसएचके/सीबीटी

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उज्जैन, 22 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान हंगामा हो गया। कोर्ट से दर्शन के लिए आए दो कर्मचारी अवैध तरीके से मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। इसका मंदिर के कर्मचारियों ने विरोध किया। तभी दोनों के बीच कहासुनी शुरू हो गई। इसके बाद देखते ही देखते यह कहासुनी मारपीट में तब्दील हो गई। इससे मंदिर में अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। भक्तों ने बड़ी मुश्किल से जैसे तैसे भस्म आरती की प्रक्रिया संपन्न की, ताकि आगे की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं हो। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। इसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे दोनों पक्षों के बीच मारपीट हो रही है।

मंदिर के कर्मचारी ओम योगी ने दावा किया है कि 22 नवंबर सुबह तीन बजे कोर्ट के कर्मचारी मोहन अजमेरी और सोनू जाटवा मंदिर दर्शन के लिए आए थे।

दरअसल, 19 लोगों को बिना आरएफआईडी बैंड के मंदिर के अंदर ले जाने की कोशिश की जा रही थी।

इस बीच, जब उन्हें रोका गया, तभी विवाद शुरू हो गया। इसके बाद यह विवाद मारपीट में बदल गया।

मंदिर प्रशासन ने हाल ही में श्रद्धालुओं के सुचारू प्रवेश के लिए आरएफआईडी बैंड सिस्टम लागू किया है, ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो। लेकिन, अब जिस तरह से अवैध एंट्री का मामला प्रकाश में आया है, उसके बाद से मंदिर प्रशासन की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

उज्जैन के जिलाधिकारी नीरज कुमार सिंह ने इस घटना पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले की विधिवत जांच कराएंगे और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने कहा कि मंदिर में दर्शन के लिए एक बार में महज 10 लोगों को ही दर्शन की इजाजत थी। लेकिन, 19 लोगों को अंदर ले जाया गया। इसके बाद दोनों के पक्षों के मारपीट की स्थिति पैदा हो गई।

उल्लेखनीय है कि तीन-चार महीने पहले महाकाल मंदिर के एक सुरक्षाकर्मी ने कुछ लोगों को अवैध तरीके से भस्म आरती में शामिल कराने की कोशिश की थी। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।

–आईएएनएस

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उज्जैन, 22 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान हंगामा हो गया। कोर्ट से दर्शन के लिए आए दो कर्मचारी अवैध तरीके से मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। इसका मंदिर के कर्मचारियों ने विरोध किया। तभी दोनों के बीच कहासुनी शुरू हो गई। इसके बाद देखते ही देखते यह कहासुनी मारपीट में तब्दील हो गई। इससे मंदिर में अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। भक्तों ने बड़ी मुश्किल से जैसे तैसे भस्म आरती की प्रक्रिया संपन्न की, ताकि आगे की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं हो। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। इसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे दोनों पक्षों के बीच मारपीट हो रही है।

मंदिर के कर्मचारी ओम योगी ने दावा किया है कि 22 नवंबर सुबह तीन बजे कोर्ट के कर्मचारी मोहन अजमेरी और सोनू जाटवा मंदिर दर्शन के लिए आए थे।

दरअसल, 19 लोगों को बिना आरएफआईडी बैंड के मंदिर के अंदर ले जाने की कोशिश की जा रही थी।

इस बीच, जब उन्हें रोका गया, तभी विवाद शुरू हो गया। इसके बाद यह विवाद मारपीट में बदल गया।

मंदिर प्रशासन ने हाल ही में श्रद्धालुओं के सुचारू प्रवेश के लिए आरएफआईडी बैंड सिस्टम लागू किया है, ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो। लेकिन, अब जिस तरह से अवैध एंट्री का मामला प्रकाश में आया है, उसके बाद से मंदिर प्रशासन की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

उज्जैन के जिलाधिकारी नीरज कुमार सिंह ने इस घटना पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले की विधिवत जांच कराएंगे और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने कहा कि मंदिर में दर्शन के लिए एक बार में महज 10 लोगों को ही दर्शन की इजाजत थी। लेकिन, 19 लोगों को अंदर ले जाया गया। इसके बाद दोनों के पक्षों के मारपीट की स्थिति पैदा हो गई।

उल्लेखनीय है कि तीन-चार महीने पहले महाकाल मंदिर के एक सुरक्षाकर्मी ने कुछ लोगों को अवैध तरीके से भस्म आरती में शामिल कराने की कोशिश की थी। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।

–आईएएनएस

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उज्जैन, 22 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान हंगामा हो गया। कोर्ट से दर्शन के लिए आए दो कर्मचारी अवैध तरीके से मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। इसका मंदिर के कर्मचारियों ने विरोध किया। तभी दोनों के बीच कहासुनी शुरू हो गई। इसके बाद देखते ही देखते यह कहासुनी मारपीट में तब्दील हो गई। इससे मंदिर में अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। भक्तों ने बड़ी मुश्किल से जैसे तैसे भस्म आरती की प्रक्रिया संपन्न की, ताकि आगे की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं हो। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। इसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे दोनों पक्षों के बीच मारपीट हो रही है।

मंदिर के कर्मचारी ओम योगी ने दावा किया है कि 22 नवंबर सुबह तीन बजे कोर्ट के कर्मचारी मोहन अजमेरी और सोनू जाटवा मंदिर दर्शन के लिए आए थे।

दरअसल, 19 लोगों को बिना आरएफआईडी बैंड के मंदिर के अंदर ले जाने की कोशिश की जा रही थी।

इस बीच, जब उन्हें रोका गया, तभी विवाद शुरू हो गया। इसके बाद यह विवाद मारपीट में बदल गया।

मंदिर प्रशासन ने हाल ही में श्रद्धालुओं के सुचारू प्रवेश के लिए आरएफआईडी बैंड सिस्टम लागू किया है, ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो। लेकिन, अब जिस तरह से अवैध एंट्री का मामला प्रकाश में आया है, उसके बाद से मंदिर प्रशासन की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

उज्जैन के जिलाधिकारी नीरज कुमार सिंह ने इस घटना पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले की विधिवत जांच कराएंगे और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने कहा कि मंदिर में दर्शन के लिए एक बार में महज 10 लोगों को ही दर्शन की इजाजत थी। लेकिन, 19 लोगों को अंदर ले जाया गया। इसके बाद दोनों के पक्षों के मारपीट की स्थिति पैदा हो गई।

उल्लेखनीय है कि तीन-चार महीने पहले महाकाल मंदिर के एक सुरक्षाकर्मी ने कुछ लोगों को अवैध तरीके से भस्म आरती में शामिल कराने की कोशिश की थी। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।

–आईएएनएस

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उज्जैन, 22 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान हंगामा हो गया। कोर्ट से दर्शन के लिए आए दो कर्मचारी अवैध तरीके से मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। इसका मंदिर के कर्मचारियों ने विरोध किया। तभी दोनों के बीच कहासुनी शुरू हो गई। इसके बाद देखते ही देखते यह कहासुनी मारपीट में तब्दील हो गई। इससे मंदिर में अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। भक्तों ने बड़ी मुश्किल से जैसे तैसे भस्म आरती की प्रक्रिया संपन्न की, ताकि आगे की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं हो। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। इसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे दोनों पक्षों के बीच मारपीट हो रही है।

मंदिर के कर्मचारी ओम योगी ने दावा किया है कि 22 नवंबर सुबह तीन बजे कोर्ट के कर्मचारी मोहन अजमेरी और सोनू जाटवा मंदिर दर्शन के लिए आए थे।

दरअसल, 19 लोगों को बिना आरएफआईडी बैंड के मंदिर के अंदर ले जाने की कोशिश की जा रही थी।

इस बीच, जब उन्हें रोका गया, तभी विवाद शुरू हो गया। इसके बाद यह विवाद मारपीट में बदल गया।

मंदिर प्रशासन ने हाल ही में श्रद्धालुओं के सुचारू प्रवेश के लिए आरएफआईडी बैंड सिस्टम लागू किया है, ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो। लेकिन, अब जिस तरह से अवैध एंट्री का मामला प्रकाश में आया है, उसके बाद से मंदिर प्रशासन की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

उज्जैन के जिलाधिकारी नीरज कुमार सिंह ने इस घटना पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले की विधिवत जांच कराएंगे और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने कहा कि मंदिर में दर्शन के लिए एक बार में महज 10 लोगों को ही दर्शन की इजाजत थी। लेकिन, 19 लोगों को अंदर ले जाया गया। इसके बाद दोनों के पक्षों के मारपीट की स्थिति पैदा हो गई।

उल्लेखनीय है कि तीन-चार महीने पहले महाकाल मंदिर के एक सुरक्षाकर्मी ने कुछ लोगों को अवैध तरीके से भस्म आरती में शामिल कराने की कोशिश की थी। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।

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मंदिर के कर्मचारी ओम योगी ने दावा किया है कि 22 नवंबर सुबह तीन बजे कोर्ट के कर्मचारी मोहन अजमेरी और सोनू जाटवा मंदिर दर्शन के लिए आए थे।

दरअसल, 19 लोगों को बिना आरएफआईडी बैंड के मंदिर के अंदर ले जाने की कोशिश की जा रही थी।

इस बीच, जब उन्हें रोका गया, तभी विवाद शुरू हो गया। इसके बाद यह विवाद मारपीट में बदल गया।

मंदिर प्रशासन ने हाल ही में श्रद्धालुओं के सुचारू प्रवेश के लिए आरएफआईडी बैंड सिस्टम लागू किया है, ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो। लेकिन, अब जिस तरह से अवैध एंट्री का मामला प्रकाश में आया है, उसके बाद से मंदिर प्रशासन की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

उज्जैन के जिलाधिकारी नीरज कुमार सिंह ने इस घटना पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले की विधिवत जांच कराएंगे और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने कहा कि मंदिर में दर्शन के लिए एक बार में महज 10 लोगों को ही दर्शन की इजाजत थी। लेकिन, 19 लोगों को अंदर ले जाया गया। इसके बाद दोनों के पक्षों के मारपीट की स्थिति पैदा हो गई।

उल्लेखनीय है कि तीन-चार महीने पहले महाकाल मंदिर के एक सुरक्षाकर्मी ने कुछ लोगों को अवैध तरीके से भस्म आरती में शामिल कराने की कोशिश की थी। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।

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