जबलपुर. शहर के सरकारी दफ्तरों में फैला भ्रष्टाचार अब श्मशानघाट तक पहुँच गया है. दुर्दशा की भेंट चढ़ चुका गौरीघाट मुक्तिधाम इसकी हकीकत बयाँ कर रहा है. यहाँ शव रखने के चबूतरे से लेकर श्मशानघाट की सीढ़ियों तक की टाइल्स उखड़ चुकी हैं, जगह-जगह कचरा और गंदगी का ढेर लगा है, लेकिन जिम्मेदारों को कोई फिक्र नहीं. गौरीघाट शहर का सबसे बड़ा मुक्तिधाम है, जहाँ हर दिन हजारों लोग अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करने पहुँचते हैं.
उखड़ी टाइल्स के कारण लोग घायल हो रहे हैं. यहाँ उखड़ी टाइल्सों के भीतर से झाँक रहे ईट बता रहे हैं कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण निर्माण कार्य में किस कदर भ्रष्टाचार हुआ है. ठेकेदार द्वारा ईटों की छपाई किए बिना टाइल्स चिपका दी गई थीं, जो अब एक-एक कर उखड़ रही हैं.
मप्र मानव अधिकार आयोग के क्षेत्रीय कार्यालय प्रभारी फरजाना मिर्जा ने बताया कि समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार के आधार पर मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग की मुख्य पीठ भोपाल में प्रकरण पर सुनवाई करते हुए, अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने मानव अधिकारों के हनन का मामला मानकर, जबलपुर के कलेक्टर से मामले की जांच कराकर, मृतकों का अंतिम संस्कार सम्मान पूर्ण एवं गरिमा के साथ अपेक्षित स्वच्छ व सुरक्षित व्यवस्थाओं के अधीन हो, यह सुनिश्चित कराये जाने के संबंध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है.