deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home ब्लॉग

निर्यात में वृद्धि से भारत की सी-फूड और वाइन इंडस्ट्री में जबरदस्त तेजी : केंद्र

by
November 23, 2024
in ब्लॉग
0
0
SHARES
2
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। सरकार ने शनिवार को कहा कि भारत के प्रीमियम सी-फूड और वाइन इंडस्ट्री में जबरदस्त वृद्धि हुई है। इसमें अकेले सी-फूड निर्यात का मूल्य 7.3 बिलियन डॉलर और मात्रा 17.81 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है।

READ ALSO

इक्विटी म्यूचुअल फंड इनफ्लो अगस्त में 33,430 करोड़ रुपए रहा, गोल्ड ईटीएफ में निवेश बढ़ा : एम्फी

एम्स दिल्ली ने ‘नेवर अलोन’ ऐप लॉन्च किया, छात्रों को आत्महत्या करने से रोकने में करेगा मदद

ब्रसेल्स में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में, वाइन और सी-फूड में भारत की प्रगति को बिजनेस लीडर्स, ट्रेड बॉडीज, मरीन फूड आयातकों सरकारी व्यापार एजेंसियों और राजनयिक समुदाय के सदस्यों के आगे प्रदर्शित किया गया।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, यह एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीईडीए) और मरीन प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमपीईडीए) के सहयोग से आयोजित किया गया था।

बेल्जियम, लक्जमबर्ग और यूरोपीय संघ (ईयू) में भारत के राजदूत सौरभ कुमार ने सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने में इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला।

वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल ने भारत के गतिशील व्यापारि‍क परिदृश्य और यूरोपीय संघ के साथ इसकी बढ़ती साझेदारी, विशेष रूप से सी-फूड और वाइन सेक्टर के बारे में बात की।

कार्यक्रम में, उपस्थित लोगों ने पांच प्रीमियम भारतीय सी-फूड वैरायटी का आनंद लिया। इसमें वन्नामेई झींगा, ब्लैक टाइगर झींगा, किंगफिश (सुरमई), तिलापिया मछली और स्क्विड शामिल था।

इन व्यंजनों को भारतीय अंगूर के बागों से वाइन के साथ विशेष रूप से जोड़ा गया था, जिनकी बोल्ड रेड, क्रिस्प व्हाइट और रिफ्रेशिंग रोज भारत की वाइन क्राफ्टमैनशिप की वैश्विक मान्यता को प्रदर्शित करती हैं।

भारतीय वाइन इंडस्ट्री में काफी वृद्धि हुई है। इसमें 24 से अधिक प्रमुख ब्रांड वैश्विक विशेषज्ञता को स्वदेशी परंपराओं के साथ जोड़ते हैं।

कैबरनेट सॉविनन, शिराज, मर्लोट और सांगियोवेस जैसे रेड के साथ-साथ चेनिन ब्लैंक, सॉविनन ब्लैंक और विओग्नियर जैसी व्हाइट वाइन को हाइलाइट किया गया।

2023-2024 में भारत का कुल निर्यात 433.09 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। इसमें कृषि वस्तुओं का योगदान 33.24 बिलियन डॉलर (कुल निर्यात का 8 प्रतिशत) और समुद्री निर्यात का योगदान 132 देशों में 7.36 बिलियन डॉलर (कृषि निर्यात का 22 प्रतिशत) रहा।

वन्नामेई झींगा का निर्यात चौगुना हो गया है, जिसने इसे उच्च गुणवत्ता वाले सी-फूड प्रोडक्ट के रूप में मजबूती से स्थापित किया है।

500 यूरोपीय संघ-अप्रूव्ड फर्मों के साथ, भारत की सी-फूड प्रोसेसिंग क्षमता का विस्तार जारी है। इससे यूरोपीय संघ भारत का दूसरा सबसे बड़ा सी-फूड मार्केट बन गया है, जिसकी वार्षिक खरीद 0.95 बिलियन डॉलर है।

इसके अतिरिक्त, मंत्रालय के अनुसार, भारत यूरोपीय संघ का दूसरा सबसे बड़ा झींगा सप्लायर है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 8 प्रतिशत है और यह यूरोपीय संघ के स्क्विड आयात में 12 प्रतिशत का योगदान देता है।

–आईएएनएस

एसकेटी/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। सरकार ने शनिवार को कहा कि भारत के प्रीमियम सी-फूड और वाइन इंडस्ट्री में जबरदस्त वृद्धि हुई है। इसमें अकेले सी-फूड निर्यात का मूल्य 7.3 बिलियन डॉलर और मात्रा 17.81 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है।

ब्रसेल्स में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में, वाइन और सी-फूड में भारत की प्रगति को बिजनेस लीडर्स, ट्रेड बॉडीज, मरीन फूड आयातकों सरकारी व्यापार एजेंसियों और राजनयिक समुदाय के सदस्यों के आगे प्रदर्शित किया गया।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, यह एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीईडीए) और मरीन प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमपीईडीए) के सहयोग से आयोजित किया गया था।

बेल्जियम, लक्जमबर्ग और यूरोपीय संघ (ईयू) में भारत के राजदूत सौरभ कुमार ने सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने में इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला।

वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल ने भारत के गतिशील व्यापारि‍क परिदृश्य और यूरोपीय संघ के साथ इसकी बढ़ती साझेदारी, विशेष रूप से सी-फूड और वाइन सेक्टर के बारे में बात की।

कार्यक्रम में, उपस्थित लोगों ने पांच प्रीमियम भारतीय सी-फूड वैरायटी का आनंद लिया। इसमें वन्नामेई झींगा, ब्लैक टाइगर झींगा, किंगफिश (सुरमई), तिलापिया मछली और स्क्विड शामिल था।

इन व्यंजनों को भारतीय अंगूर के बागों से वाइन के साथ विशेष रूप से जोड़ा गया था, जिनकी बोल्ड रेड, क्रिस्प व्हाइट और रिफ्रेशिंग रोज भारत की वाइन क्राफ्टमैनशिप की वैश्विक मान्यता को प्रदर्शित करती हैं।

भारतीय वाइन इंडस्ट्री में काफी वृद्धि हुई है। इसमें 24 से अधिक प्रमुख ब्रांड वैश्विक विशेषज्ञता को स्वदेशी परंपराओं के साथ जोड़ते हैं।

कैबरनेट सॉविनन, शिराज, मर्लोट और सांगियोवेस जैसे रेड के साथ-साथ चेनिन ब्लैंक, सॉविनन ब्लैंक और विओग्नियर जैसी व्हाइट वाइन को हाइलाइट किया गया।

2023-2024 में भारत का कुल निर्यात 433.09 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। इसमें कृषि वस्तुओं का योगदान 33.24 बिलियन डॉलर (कुल निर्यात का 8 प्रतिशत) और समुद्री निर्यात का योगदान 132 देशों में 7.36 बिलियन डॉलर (कृषि निर्यात का 22 प्रतिशत) रहा।

वन्नामेई झींगा का निर्यात चौगुना हो गया है, जिसने इसे उच्च गुणवत्ता वाले सी-फूड प्रोडक्ट के रूप में मजबूती से स्थापित किया है।

500 यूरोपीय संघ-अप्रूव्ड फर्मों के साथ, भारत की सी-फूड प्रोसेसिंग क्षमता का विस्तार जारी है। इससे यूरोपीय संघ भारत का दूसरा सबसे बड़ा सी-फूड मार्केट बन गया है, जिसकी वार्षिक खरीद 0.95 बिलियन डॉलर है।

इसके अतिरिक्त, मंत्रालय के अनुसार, भारत यूरोपीय संघ का दूसरा सबसे बड़ा झींगा सप्लायर है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 8 प्रतिशत है और यह यूरोपीय संघ के स्क्विड आयात में 12 प्रतिशत का योगदान देता है।

–आईएएनएस

एसकेटी/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। सरकार ने शनिवार को कहा कि भारत के प्रीमियम सी-फूड और वाइन इंडस्ट्री में जबरदस्त वृद्धि हुई है। इसमें अकेले सी-फूड निर्यात का मूल्य 7.3 बिलियन डॉलर और मात्रा 17.81 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है।

ब्रसेल्स में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में, वाइन और सी-फूड में भारत की प्रगति को बिजनेस लीडर्स, ट्रेड बॉडीज, मरीन फूड आयातकों सरकारी व्यापार एजेंसियों और राजनयिक समुदाय के सदस्यों के आगे प्रदर्शित किया गया।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, यह एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीईडीए) और मरीन प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमपीईडीए) के सहयोग से आयोजित किया गया था।

बेल्जियम, लक्जमबर्ग और यूरोपीय संघ (ईयू) में भारत के राजदूत सौरभ कुमार ने सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने में इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला।

वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल ने भारत के गतिशील व्यापारि‍क परिदृश्य और यूरोपीय संघ के साथ इसकी बढ़ती साझेदारी, विशेष रूप से सी-फूड और वाइन सेक्टर के बारे में बात की।

कार्यक्रम में, उपस्थित लोगों ने पांच प्रीमियम भारतीय सी-फूड वैरायटी का आनंद लिया। इसमें वन्नामेई झींगा, ब्लैक टाइगर झींगा, किंगफिश (सुरमई), तिलापिया मछली और स्क्विड शामिल था।

इन व्यंजनों को भारतीय अंगूर के बागों से वाइन के साथ विशेष रूप से जोड़ा गया था, जिनकी बोल्ड रेड, क्रिस्प व्हाइट और रिफ्रेशिंग रोज भारत की वाइन क्राफ्टमैनशिप की वैश्विक मान्यता को प्रदर्शित करती हैं।

भारतीय वाइन इंडस्ट्री में काफी वृद्धि हुई है। इसमें 24 से अधिक प्रमुख ब्रांड वैश्विक विशेषज्ञता को स्वदेशी परंपराओं के साथ जोड़ते हैं।

कैबरनेट सॉविनन, शिराज, मर्लोट और सांगियोवेस जैसे रेड के साथ-साथ चेनिन ब्लैंक, सॉविनन ब्लैंक और विओग्नियर जैसी व्हाइट वाइन को हाइलाइट किया गया।

2023-2024 में भारत का कुल निर्यात 433.09 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। इसमें कृषि वस्तुओं का योगदान 33.24 बिलियन डॉलर (कुल निर्यात का 8 प्रतिशत) और समुद्री निर्यात का योगदान 132 देशों में 7.36 बिलियन डॉलर (कृषि निर्यात का 22 प्रतिशत) रहा।

वन्नामेई झींगा का निर्यात चौगुना हो गया है, जिसने इसे उच्च गुणवत्ता वाले सी-फूड प्रोडक्ट के रूप में मजबूती से स्थापित किया है।

500 यूरोपीय संघ-अप्रूव्ड फर्मों के साथ, भारत की सी-फूड प्रोसेसिंग क्षमता का विस्तार जारी है। इससे यूरोपीय संघ भारत का दूसरा सबसे बड़ा सी-फूड मार्केट बन गया है, जिसकी वार्षिक खरीद 0.95 बिलियन डॉलर है।

इसके अतिरिक्त, मंत्रालय के अनुसार, भारत यूरोपीय संघ का दूसरा सबसे बड़ा झींगा सप्लायर है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 8 प्रतिशत है और यह यूरोपीय संघ के स्क्विड आयात में 12 प्रतिशत का योगदान देता है।

–आईएएनएस

एसकेटी/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। सरकार ने शनिवार को कहा कि भारत के प्रीमियम सी-फूड और वाइन इंडस्ट्री में जबरदस्त वृद्धि हुई है। इसमें अकेले सी-फूड निर्यात का मूल्य 7.3 बिलियन डॉलर और मात्रा 17.81 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है।

ब्रसेल्स में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में, वाइन और सी-फूड में भारत की प्रगति को बिजनेस लीडर्स, ट्रेड बॉडीज, मरीन फूड आयातकों सरकारी व्यापार एजेंसियों और राजनयिक समुदाय के सदस्यों के आगे प्रदर्शित किया गया।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, यह एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीईडीए) और मरीन प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमपीईडीए) के सहयोग से आयोजित किया गया था।

बेल्जियम, लक्जमबर्ग और यूरोपीय संघ (ईयू) में भारत के राजदूत सौरभ कुमार ने सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने में इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला।

वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल ने भारत के गतिशील व्यापारि‍क परिदृश्य और यूरोपीय संघ के साथ इसकी बढ़ती साझेदारी, विशेष रूप से सी-फूड और वाइन सेक्टर के बारे में बात की।

कार्यक्रम में, उपस्थित लोगों ने पांच प्रीमियम भारतीय सी-फूड वैरायटी का आनंद लिया। इसमें वन्नामेई झींगा, ब्लैक टाइगर झींगा, किंगफिश (सुरमई), तिलापिया मछली और स्क्विड शामिल था।

इन व्यंजनों को भारतीय अंगूर के बागों से वाइन के साथ विशेष रूप से जोड़ा गया था, जिनकी बोल्ड रेड, क्रिस्प व्हाइट और रिफ्रेशिंग रोज भारत की वाइन क्राफ्टमैनशिप की वैश्विक मान्यता को प्रदर्शित करती हैं।

भारतीय वाइन इंडस्ट्री में काफी वृद्धि हुई है। इसमें 24 से अधिक प्रमुख ब्रांड वैश्विक विशेषज्ञता को स्वदेशी परंपराओं के साथ जोड़ते हैं।

कैबरनेट सॉविनन, शिराज, मर्लोट और सांगियोवेस जैसे रेड के साथ-साथ चेनिन ब्लैंक, सॉविनन ब्लैंक और विओग्नियर जैसी व्हाइट वाइन को हाइलाइट किया गया।

2023-2024 में भारत का कुल निर्यात 433.09 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। इसमें कृषि वस्तुओं का योगदान 33.24 बिलियन डॉलर (कुल निर्यात का 8 प्रतिशत) और समुद्री निर्यात का योगदान 132 देशों में 7.36 बिलियन डॉलर (कृषि निर्यात का 22 प्रतिशत) रहा।

वन्नामेई झींगा का निर्यात चौगुना हो गया है, जिसने इसे उच्च गुणवत्ता वाले सी-फूड प्रोडक्ट के रूप में मजबूती से स्थापित किया है।

500 यूरोपीय संघ-अप्रूव्ड फर्मों के साथ, भारत की सी-फूड प्रोसेसिंग क्षमता का विस्तार जारी है। इससे यूरोपीय संघ भारत का दूसरा सबसे बड़ा सी-फूड मार्केट बन गया है, जिसकी वार्षिक खरीद 0.95 बिलियन डॉलर है।

इसके अतिरिक्त, मंत्रालय के अनुसार, भारत यूरोपीय संघ का दूसरा सबसे बड़ा झींगा सप्लायर है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 8 प्रतिशत है और यह यूरोपीय संघ के स्क्विड आयात में 12 प्रतिशत का योगदान देता है।

–आईएएनएस

एसकेटी/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। सरकार ने शनिवार को कहा कि भारत के प्रीमियम सी-फूड और वाइन इंडस्ट्री में जबरदस्त वृद्धि हुई है। इसमें अकेले सी-फूड निर्यात का मूल्य 7.3 बिलियन डॉलर और मात्रा 17.81 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है।

ब्रसेल्स में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में, वाइन और सी-फूड में भारत की प्रगति को बिजनेस लीडर्स, ट्रेड बॉडीज, मरीन फूड आयातकों सरकारी व्यापार एजेंसियों और राजनयिक समुदाय के सदस्यों के आगे प्रदर्शित किया गया।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, यह एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीईडीए) और मरीन प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमपीईडीए) के सहयोग से आयोजित किया गया था।

बेल्जियम, लक्जमबर्ग और यूरोपीय संघ (ईयू) में भारत के राजदूत सौरभ कुमार ने सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने में इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला।

वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल ने भारत के गतिशील व्यापारि‍क परिदृश्य और यूरोपीय संघ के साथ इसकी बढ़ती साझेदारी, विशेष रूप से सी-फूड और वाइन सेक्टर के बारे में बात की।

कार्यक्रम में, उपस्थित लोगों ने पांच प्रीमियम भारतीय सी-फूड वैरायटी का आनंद लिया। इसमें वन्नामेई झींगा, ब्लैक टाइगर झींगा, किंगफिश (सुरमई), तिलापिया मछली और स्क्विड शामिल था।

इन व्यंजनों को भारतीय अंगूर के बागों से वाइन के साथ विशेष रूप से जोड़ा गया था, जिनकी बोल्ड रेड, क्रिस्प व्हाइट और रिफ्रेशिंग रोज भारत की वाइन क्राफ्टमैनशिप की वैश्विक मान्यता को प्रदर्शित करती हैं।

भारतीय वाइन इंडस्ट्री में काफी वृद्धि हुई है। इसमें 24 से अधिक प्रमुख ब्रांड वैश्विक विशेषज्ञता को स्वदेशी परंपराओं के साथ जोड़ते हैं।

कैबरनेट सॉविनन, शिराज, मर्लोट और सांगियोवेस जैसे रेड के साथ-साथ चेनिन ब्लैंक, सॉविनन ब्लैंक और विओग्नियर जैसी व्हाइट वाइन को हाइलाइट किया गया।

2023-2024 में भारत का कुल निर्यात 433.09 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। इसमें कृषि वस्तुओं का योगदान 33.24 बिलियन डॉलर (कुल निर्यात का 8 प्रतिशत) और समुद्री निर्यात का योगदान 132 देशों में 7.36 बिलियन डॉलर (कृषि निर्यात का 22 प्रतिशत) रहा।

वन्नामेई झींगा का निर्यात चौगुना हो गया है, जिसने इसे उच्च गुणवत्ता वाले सी-फूड प्रोडक्ट के रूप में मजबूती से स्थापित किया है।

500 यूरोपीय संघ-अप्रूव्ड फर्मों के साथ, भारत की सी-फूड प्रोसेसिंग क्षमता का विस्तार जारी है। इससे यूरोपीय संघ भारत का दूसरा सबसे बड़ा सी-फूड मार्केट बन गया है, जिसकी वार्षिक खरीद 0.95 बिलियन डॉलर है।

इसके अतिरिक्त, मंत्रालय के अनुसार, भारत यूरोपीय संघ का दूसरा सबसे बड़ा झींगा सप्लायर है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 8 प्रतिशत है और यह यूरोपीय संघ के स्क्विड आयात में 12 प्रतिशत का योगदान देता है।

–आईएएनएस

एसकेटी/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। सरकार ने शनिवार को कहा कि भारत के प्रीमियम सी-फूड और वाइन इंडस्ट्री में जबरदस्त वृद्धि हुई है। इसमें अकेले सी-फूड निर्यात का मूल्य 7.3 बिलियन डॉलर और मात्रा 17.81 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है।

ब्रसेल्स में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में, वाइन और सी-फूड में भारत की प्रगति को बिजनेस लीडर्स, ट्रेड बॉडीज, मरीन फूड आयातकों सरकारी व्यापार एजेंसियों और राजनयिक समुदाय के सदस्यों के आगे प्रदर्शित किया गया।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, यह एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीईडीए) और मरीन प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमपीईडीए) के सहयोग से आयोजित किया गया था।

बेल्जियम, लक्जमबर्ग और यूरोपीय संघ (ईयू) में भारत के राजदूत सौरभ कुमार ने सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने में इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला।

वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल ने भारत के गतिशील व्यापारि‍क परिदृश्य और यूरोपीय संघ के साथ इसकी बढ़ती साझेदारी, विशेष रूप से सी-फूड और वाइन सेक्टर के बारे में बात की।

कार्यक्रम में, उपस्थित लोगों ने पांच प्रीमियम भारतीय सी-फूड वैरायटी का आनंद लिया। इसमें वन्नामेई झींगा, ब्लैक टाइगर झींगा, किंगफिश (सुरमई), तिलापिया मछली और स्क्विड शामिल था।

इन व्यंजनों को भारतीय अंगूर के बागों से वाइन के साथ विशेष रूप से जोड़ा गया था, जिनकी बोल्ड रेड, क्रिस्प व्हाइट और रिफ्रेशिंग रोज भारत की वाइन क्राफ्टमैनशिप की वैश्विक मान्यता को प्रदर्शित करती हैं।

भारतीय वाइन इंडस्ट्री में काफी वृद्धि हुई है। इसमें 24 से अधिक प्रमुख ब्रांड वैश्विक विशेषज्ञता को स्वदेशी परंपराओं के साथ जोड़ते हैं।

कैबरनेट सॉविनन, शिराज, मर्लोट और सांगियोवेस जैसे रेड के साथ-साथ चेनिन ब्लैंक, सॉविनन ब्लैंक और विओग्नियर जैसी व्हाइट वाइन को हाइलाइट किया गया।

2023-2024 में भारत का कुल निर्यात 433.09 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। इसमें कृषि वस्तुओं का योगदान 33.24 बिलियन डॉलर (कुल निर्यात का 8 प्रतिशत) और समुद्री निर्यात का योगदान 132 देशों में 7.36 बिलियन डॉलर (कृषि निर्यात का 22 प्रतिशत) रहा।

वन्नामेई झींगा का निर्यात चौगुना हो गया है, जिसने इसे उच्च गुणवत्ता वाले सी-फूड प्रोडक्ट के रूप में मजबूती से स्थापित किया है।

500 यूरोपीय संघ-अप्रूव्ड फर्मों के साथ, भारत की सी-फूड प्रोसेसिंग क्षमता का विस्तार जारी है। इससे यूरोपीय संघ भारत का दूसरा सबसे बड़ा सी-फूड मार्केट बन गया है, जिसकी वार्षिक खरीद 0.95 बिलियन डॉलर है।

इसके अतिरिक्त, मंत्रालय के अनुसार, भारत यूरोपीय संघ का दूसरा सबसे बड़ा झींगा सप्लायर है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 8 प्रतिशत है और यह यूरोपीय संघ के स्क्विड आयात में 12 प्रतिशत का योगदान देता है।

–आईएएनएस

एसकेटी/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। सरकार ने शनिवार को कहा कि भारत के प्रीमियम सी-फूड और वाइन इंडस्ट्री में जबरदस्त वृद्धि हुई है। इसमें अकेले सी-फूड निर्यात का मूल्य 7.3 बिलियन डॉलर और मात्रा 17.81 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है।

ब्रसेल्स में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में, वाइन और सी-फूड में भारत की प्रगति को बिजनेस लीडर्स, ट्रेड बॉडीज, मरीन फूड आयातकों सरकारी व्यापार एजेंसियों और राजनयिक समुदाय के सदस्यों के आगे प्रदर्शित किया गया।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, यह एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीईडीए) और मरीन प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमपीईडीए) के सहयोग से आयोजित किया गया था।

बेल्जियम, लक्जमबर्ग और यूरोपीय संघ (ईयू) में भारत के राजदूत सौरभ कुमार ने सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने में इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला।

वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल ने भारत के गतिशील व्यापारि‍क परिदृश्य और यूरोपीय संघ के साथ इसकी बढ़ती साझेदारी, विशेष रूप से सी-फूड और वाइन सेक्टर के बारे में बात की।

कार्यक्रम में, उपस्थित लोगों ने पांच प्रीमियम भारतीय सी-फूड वैरायटी का आनंद लिया। इसमें वन्नामेई झींगा, ब्लैक टाइगर झींगा, किंगफिश (सुरमई), तिलापिया मछली और स्क्विड शामिल था।

इन व्यंजनों को भारतीय अंगूर के बागों से वाइन के साथ विशेष रूप से जोड़ा गया था, जिनकी बोल्ड रेड, क्रिस्प व्हाइट और रिफ्रेशिंग रोज भारत की वाइन क्राफ्टमैनशिप की वैश्विक मान्यता को प्रदर्शित करती हैं।

भारतीय वाइन इंडस्ट्री में काफी वृद्धि हुई है। इसमें 24 से अधिक प्रमुख ब्रांड वैश्विक विशेषज्ञता को स्वदेशी परंपराओं के साथ जोड़ते हैं।

कैबरनेट सॉविनन, शिराज, मर्लोट और सांगियोवेस जैसे रेड के साथ-साथ चेनिन ब्लैंक, सॉविनन ब्लैंक और विओग्नियर जैसी व्हाइट वाइन को हाइलाइट किया गया।

2023-2024 में भारत का कुल निर्यात 433.09 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। इसमें कृषि वस्तुओं का योगदान 33.24 बिलियन डॉलर (कुल निर्यात का 8 प्रतिशत) और समुद्री निर्यात का योगदान 132 देशों में 7.36 बिलियन डॉलर (कृषि निर्यात का 22 प्रतिशत) रहा।

वन्नामेई झींगा का निर्यात चौगुना हो गया है, जिसने इसे उच्च गुणवत्ता वाले सी-फूड प्रोडक्ट के रूप में मजबूती से स्थापित किया है।

500 यूरोपीय संघ-अप्रूव्ड फर्मों के साथ, भारत की सी-फूड प्रोसेसिंग क्षमता का विस्तार जारी है। इससे यूरोपीय संघ भारत का दूसरा सबसे बड़ा सी-फूड मार्केट बन गया है, जिसकी वार्षिक खरीद 0.95 बिलियन डॉलर है।

इसके अतिरिक्त, मंत्रालय के अनुसार, भारत यूरोपीय संघ का दूसरा सबसे बड़ा झींगा सप्लायर है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 8 प्रतिशत है और यह यूरोपीय संघ के स्क्विड आयात में 12 प्रतिशत का योगदान देता है।

–आईएएनएस

एसकेटी/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। सरकार ने शनिवार को कहा कि भारत के प्रीमियम सी-फूड और वाइन इंडस्ट्री में जबरदस्त वृद्धि हुई है। इसमें अकेले सी-फूड निर्यात का मूल्य 7.3 बिलियन डॉलर और मात्रा 17.81 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है।

ब्रसेल्स में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में, वाइन और सी-फूड में भारत की प्रगति को बिजनेस लीडर्स, ट्रेड बॉडीज, मरीन फूड आयातकों सरकारी व्यापार एजेंसियों और राजनयिक समुदाय के सदस्यों के आगे प्रदर्शित किया गया।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, यह एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीईडीए) और मरीन प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमपीईडीए) के सहयोग से आयोजित किया गया था।

बेल्जियम, लक्जमबर्ग और यूरोपीय संघ (ईयू) में भारत के राजदूत सौरभ कुमार ने सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने में इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला।

वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल ने भारत के गतिशील व्यापारि‍क परिदृश्य और यूरोपीय संघ के साथ इसकी बढ़ती साझेदारी, विशेष रूप से सी-फूड और वाइन सेक्टर के बारे में बात की।

कार्यक्रम में, उपस्थित लोगों ने पांच प्रीमियम भारतीय सी-फूड वैरायटी का आनंद लिया। इसमें वन्नामेई झींगा, ब्लैक टाइगर झींगा, किंगफिश (सुरमई), तिलापिया मछली और स्क्विड शामिल था।

इन व्यंजनों को भारतीय अंगूर के बागों से वाइन के साथ विशेष रूप से जोड़ा गया था, जिनकी बोल्ड रेड, क्रिस्प व्हाइट और रिफ्रेशिंग रोज भारत की वाइन क्राफ्टमैनशिप की वैश्विक मान्यता को प्रदर्शित करती हैं।

भारतीय वाइन इंडस्ट्री में काफी वृद्धि हुई है। इसमें 24 से अधिक प्रमुख ब्रांड वैश्विक विशेषज्ञता को स्वदेशी परंपराओं के साथ जोड़ते हैं।

कैबरनेट सॉविनन, शिराज, मर्लोट और सांगियोवेस जैसे रेड के साथ-साथ चेनिन ब्लैंक, सॉविनन ब्लैंक और विओग्नियर जैसी व्हाइट वाइन को हाइलाइट किया गया।

2023-2024 में भारत का कुल निर्यात 433.09 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। इसमें कृषि वस्तुओं का योगदान 33.24 बिलियन डॉलर (कुल निर्यात का 8 प्रतिशत) और समुद्री निर्यात का योगदान 132 देशों में 7.36 बिलियन डॉलर (कृषि निर्यात का 22 प्रतिशत) रहा।

वन्नामेई झींगा का निर्यात चौगुना हो गया है, जिसने इसे उच्च गुणवत्ता वाले सी-फूड प्रोडक्ट के रूप में मजबूती से स्थापित किया है।

500 यूरोपीय संघ-अप्रूव्ड फर्मों के साथ, भारत की सी-फूड प्रोसेसिंग क्षमता का विस्तार जारी है। इससे यूरोपीय संघ भारत का दूसरा सबसे बड़ा सी-फूड मार्केट बन गया है, जिसकी वार्षिक खरीद 0.95 बिलियन डॉलर है।

इसके अतिरिक्त, मंत्रालय के अनुसार, भारत यूरोपीय संघ का दूसरा सबसे बड़ा झींगा सप्लायर है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 8 प्रतिशत है और यह यूरोपीय संघ के स्क्विड आयात में 12 प्रतिशत का योगदान देता है।

–आईएएनएस

एसकेटी/सीबीटी

नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। सरकार ने शनिवार को कहा कि भारत के प्रीमियम सी-फूड और वाइन इंडस्ट्री में जबरदस्त वृद्धि हुई है। इसमें अकेले सी-फूड निर्यात का मूल्य 7.3 बिलियन डॉलर और मात्रा 17.81 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है।

ब्रसेल्स में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में, वाइन और सी-फूड में भारत की प्रगति को बिजनेस लीडर्स, ट्रेड बॉडीज, मरीन फूड आयातकों सरकारी व्यापार एजेंसियों और राजनयिक समुदाय के सदस्यों के आगे प्रदर्शित किया गया।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, यह एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीईडीए) और मरीन प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमपीईडीए) के सहयोग से आयोजित किया गया था।

बेल्जियम, लक्जमबर्ग और यूरोपीय संघ (ईयू) में भारत के राजदूत सौरभ कुमार ने सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने में इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला।

वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल ने भारत के गतिशील व्यापारि‍क परिदृश्य और यूरोपीय संघ के साथ इसकी बढ़ती साझेदारी, विशेष रूप से सी-फूड और वाइन सेक्टर के बारे में बात की।

कार्यक्रम में, उपस्थित लोगों ने पांच प्रीमियम भारतीय सी-फूड वैरायटी का आनंद लिया। इसमें वन्नामेई झींगा, ब्लैक टाइगर झींगा, किंगफिश (सुरमई), तिलापिया मछली और स्क्विड शामिल था।

इन व्यंजनों को भारतीय अंगूर के बागों से वाइन के साथ विशेष रूप से जोड़ा गया था, जिनकी बोल्ड रेड, क्रिस्प व्हाइट और रिफ्रेशिंग रोज भारत की वाइन क्राफ्टमैनशिप की वैश्विक मान्यता को प्रदर्शित करती हैं।

भारतीय वाइन इंडस्ट्री में काफी वृद्धि हुई है। इसमें 24 से अधिक प्रमुख ब्रांड वैश्विक विशेषज्ञता को स्वदेशी परंपराओं के साथ जोड़ते हैं।

कैबरनेट सॉविनन, शिराज, मर्लोट और सांगियोवेस जैसे रेड के साथ-साथ चेनिन ब्लैंक, सॉविनन ब्लैंक और विओग्नियर जैसी व्हाइट वाइन को हाइलाइट किया गया।

2023-2024 में भारत का कुल निर्यात 433.09 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। इसमें कृषि वस्तुओं का योगदान 33.24 बिलियन डॉलर (कुल निर्यात का 8 प्रतिशत) और समुद्री निर्यात का योगदान 132 देशों में 7.36 बिलियन डॉलर (कृषि निर्यात का 22 प्रतिशत) रहा।

वन्नामेई झींगा का निर्यात चौगुना हो गया है, जिसने इसे उच्च गुणवत्ता वाले सी-फूड प्रोडक्ट के रूप में मजबूती से स्थापित किया है।

500 यूरोपीय संघ-अप्रूव्ड फर्मों के साथ, भारत की सी-फूड प्रोसेसिंग क्षमता का विस्तार जारी है। इससे यूरोपीय संघ भारत का दूसरा सबसे बड़ा सी-फूड मार्केट बन गया है, जिसकी वार्षिक खरीद 0.95 बिलियन डॉलर है।

इसके अतिरिक्त, मंत्रालय के अनुसार, भारत यूरोपीय संघ का दूसरा सबसे बड़ा झींगा सप्लायर है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 8 प्रतिशत है और यह यूरोपीय संघ के स्क्विड आयात में 12 प्रतिशत का योगदान देता है।

–आईएएनएस

एसकेटी/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। सरकार ने शनिवार को कहा कि भारत के प्रीमियम सी-फूड और वाइन इंडस्ट्री में जबरदस्त वृद्धि हुई है। इसमें अकेले सी-फूड निर्यात का मूल्य 7.3 बिलियन डॉलर और मात्रा 17.81 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है।

ब्रसेल्स में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में, वाइन और सी-फूड में भारत की प्रगति को बिजनेस लीडर्स, ट्रेड बॉडीज, मरीन फूड आयातकों सरकारी व्यापार एजेंसियों और राजनयिक समुदाय के सदस्यों के आगे प्रदर्शित किया गया।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, यह एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीईडीए) और मरीन प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमपीईडीए) के सहयोग से आयोजित किया गया था।

बेल्जियम, लक्जमबर्ग और यूरोपीय संघ (ईयू) में भारत के राजदूत सौरभ कुमार ने सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने में इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला।

वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल ने भारत के गतिशील व्यापारि‍क परिदृश्य और यूरोपीय संघ के साथ इसकी बढ़ती साझेदारी, विशेष रूप से सी-फूड और वाइन सेक्टर के बारे में बात की।

कार्यक्रम में, उपस्थित लोगों ने पांच प्रीमियम भारतीय सी-फूड वैरायटी का आनंद लिया। इसमें वन्नामेई झींगा, ब्लैक टाइगर झींगा, किंगफिश (सुरमई), तिलापिया मछली और स्क्विड शामिल था।

इन व्यंजनों को भारतीय अंगूर के बागों से वाइन के साथ विशेष रूप से जोड़ा गया था, जिनकी बोल्ड रेड, क्रिस्प व्हाइट और रिफ्रेशिंग रोज भारत की वाइन क्राफ्टमैनशिप की वैश्विक मान्यता को प्रदर्शित करती हैं।

भारतीय वाइन इंडस्ट्री में काफी वृद्धि हुई है। इसमें 24 से अधिक प्रमुख ब्रांड वैश्विक विशेषज्ञता को स्वदेशी परंपराओं के साथ जोड़ते हैं।

कैबरनेट सॉविनन, शिराज, मर्लोट और सांगियोवेस जैसे रेड के साथ-साथ चेनिन ब्लैंक, सॉविनन ब्लैंक और विओग्नियर जैसी व्हाइट वाइन को हाइलाइट किया गया।

2023-2024 में भारत का कुल निर्यात 433.09 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। इसमें कृषि वस्तुओं का योगदान 33.24 बिलियन डॉलर (कुल निर्यात का 8 प्रतिशत) और समुद्री निर्यात का योगदान 132 देशों में 7.36 बिलियन डॉलर (कृषि निर्यात का 22 प्रतिशत) रहा।

वन्नामेई झींगा का निर्यात चौगुना हो गया है, जिसने इसे उच्च गुणवत्ता वाले सी-फूड प्रोडक्ट के रूप में मजबूती से स्थापित किया है।

500 यूरोपीय संघ-अप्रूव्ड फर्मों के साथ, भारत की सी-फूड प्रोसेसिंग क्षमता का विस्तार जारी है। इससे यूरोपीय संघ भारत का दूसरा सबसे बड़ा सी-फूड मार्केट बन गया है, जिसकी वार्षिक खरीद 0.95 बिलियन डॉलर है।

इसके अतिरिक्त, मंत्रालय के अनुसार, भारत यूरोपीय संघ का दूसरा सबसे बड़ा झींगा सप्लायर है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 8 प्रतिशत है और यह यूरोपीय संघ के स्क्विड आयात में 12 प्रतिशत का योगदान देता है।

–आईएएनएस

एसकेटी/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। सरकार ने शनिवार को कहा कि भारत के प्रीमियम सी-फूड और वाइन इंडस्ट्री में जबरदस्त वृद्धि हुई है। इसमें अकेले सी-फूड निर्यात का मूल्य 7.3 बिलियन डॉलर और मात्रा 17.81 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है।

ब्रसेल्स में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में, वाइन और सी-फूड में भारत की प्रगति को बिजनेस लीडर्स, ट्रेड बॉडीज, मरीन फूड आयातकों सरकारी व्यापार एजेंसियों और राजनयिक समुदाय के सदस्यों के आगे प्रदर्शित किया गया।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, यह एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीईडीए) और मरीन प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमपीईडीए) के सहयोग से आयोजित किया गया था।

बेल्जियम, लक्जमबर्ग और यूरोपीय संघ (ईयू) में भारत के राजदूत सौरभ कुमार ने सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने में इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला।

वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल ने भारत के गतिशील व्यापारि‍क परिदृश्य और यूरोपीय संघ के साथ इसकी बढ़ती साझेदारी, विशेष रूप से सी-फूड और वाइन सेक्टर के बारे में बात की।

कार्यक्रम में, उपस्थित लोगों ने पांच प्रीमियम भारतीय सी-फूड वैरायटी का आनंद लिया। इसमें वन्नामेई झींगा, ब्लैक टाइगर झींगा, किंगफिश (सुरमई), तिलापिया मछली और स्क्विड शामिल था।

इन व्यंजनों को भारतीय अंगूर के बागों से वाइन के साथ विशेष रूप से जोड़ा गया था, जिनकी बोल्ड रेड, क्रिस्प व्हाइट और रिफ्रेशिंग रोज भारत की वाइन क्राफ्टमैनशिप की वैश्विक मान्यता को प्रदर्शित करती हैं।

भारतीय वाइन इंडस्ट्री में काफी वृद्धि हुई है। इसमें 24 से अधिक प्रमुख ब्रांड वैश्विक विशेषज्ञता को स्वदेशी परंपराओं के साथ जोड़ते हैं।

कैबरनेट सॉविनन, शिराज, मर्लोट और सांगियोवेस जैसे रेड के साथ-साथ चेनिन ब्लैंक, सॉविनन ब्लैंक और विओग्नियर जैसी व्हाइट वाइन को हाइलाइट किया गया।

2023-2024 में भारत का कुल निर्यात 433.09 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। इसमें कृषि वस्तुओं का योगदान 33.24 बिलियन डॉलर (कुल निर्यात का 8 प्रतिशत) और समुद्री निर्यात का योगदान 132 देशों में 7.36 बिलियन डॉलर (कृषि निर्यात का 22 प्रतिशत) रहा।

वन्नामेई झींगा का निर्यात चौगुना हो गया है, जिसने इसे उच्च गुणवत्ता वाले सी-फूड प्रोडक्ट के रूप में मजबूती से स्थापित किया है।

500 यूरोपीय संघ-अप्रूव्ड फर्मों के साथ, भारत की सी-फूड प्रोसेसिंग क्षमता का विस्तार जारी है। इससे यूरोपीय संघ भारत का दूसरा सबसे बड़ा सी-फूड मार्केट बन गया है, जिसकी वार्षिक खरीद 0.95 बिलियन डॉलर है।

इसके अतिरिक्त, मंत्रालय के अनुसार, भारत यूरोपीय संघ का दूसरा सबसे बड़ा झींगा सप्लायर है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 8 प्रतिशत है और यह यूरोपीय संघ के स्क्विड आयात में 12 प्रतिशत का योगदान देता है।

–आईएएनएस

एसकेटी/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। सरकार ने शनिवार को कहा कि भारत के प्रीमियम सी-फूड और वाइन इंडस्ट्री में जबरदस्त वृद्धि हुई है। इसमें अकेले सी-फूड निर्यात का मूल्य 7.3 बिलियन डॉलर और मात्रा 17.81 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है।

ब्रसेल्स में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में, वाइन और सी-फूड में भारत की प्रगति को बिजनेस लीडर्स, ट्रेड बॉडीज, मरीन फूड आयातकों सरकारी व्यापार एजेंसियों और राजनयिक समुदाय के सदस्यों के आगे प्रदर्शित किया गया।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, यह एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीईडीए) और मरीन प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमपीईडीए) के सहयोग से आयोजित किया गया था।

बेल्जियम, लक्जमबर्ग और यूरोपीय संघ (ईयू) में भारत के राजदूत सौरभ कुमार ने सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने में इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला।

वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल ने भारत के गतिशील व्यापारि‍क परिदृश्य और यूरोपीय संघ के साथ इसकी बढ़ती साझेदारी, विशेष रूप से सी-फूड और वाइन सेक्टर के बारे में बात की।

कार्यक्रम में, उपस्थित लोगों ने पांच प्रीमियम भारतीय सी-फूड वैरायटी का आनंद लिया। इसमें वन्नामेई झींगा, ब्लैक टाइगर झींगा, किंगफिश (सुरमई), तिलापिया मछली और स्क्विड शामिल था।

इन व्यंजनों को भारतीय अंगूर के बागों से वाइन के साथ विशेष रूप से जोड़ा गया था, जिनकी बोल्ड रेड, क्रिस्प व्हाइट और रिफ्रेशिंग रोज भारत की वाइन क्राफ्टमैनशिप की वैश्विक मान्यता को प्रदर्शित करती हैं।

भारतीय वाइन इंडस्ट्री में काफी वृद्धि हुई है। इसमें 24 से अधिक प्रमुख ब्रांड वैश्विक विशेषज्ञता को स्वदेशी परंपराओं के साथ जोड़ते हैं।

कैबरनेट सॉविनन, शिराज, मर्लोट और सांगियोवेस जैसे रेड के साथ-साथ चेनिन ब्लैंक, सॉविनन ब्लैंक और विओग्नियर जैसी व्हाइट वाइन को हाइलाइट किया गया।

2023-2024 में भारत का कुल निर्यात 433.09 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। इसमें कृषि वस्तुओं का योगदान 33.24 बिलियन डॉलर (कुल निर्यात का 8 प्रतिशत) और समुद्री निर्यात का योगदान 132 देशों में 7.36 बिलियन डॉलर (कृषि निर्यात का 22 प्रतिशत) रहा।

वन्नामेई झींगा का निर्यात चौगुना हो गया है, जिसने इसे उच्च गुणवत्ता वाले सी-फूड प्रोडक्ट के रूप में मजबूती से स्थापित किया है।

500 यूरोपीय संघ-अप्रूव्ड फर्मों के साथ, भारत की सी-फूड प्रोसेसिंग क्षमता का विस्तार जारी है। इससे यूरोपीय संघ भारत का दूसरा सबसे बड़ा सी-फूड मार्केट बन गया है, जिसकी वार्षिक खरीद 0.95 बिलियन डॉलर है।

इसके अतिरिक्त, मंत्रालय के अनुसार, भारत यूरोपीय संघ का दूसरा सबसे बड़ा झींगा सप्लायर है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 8 प्रतिशत है और यह यूरोपीय संघ के स्क्विड आयात में 12 प्रतिशत का योगदान देता है।

–आईएएनएस

एसकेटी/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। सरकार ने शनिवार को कहा कि भारत के प्रीमियम सी-फूड और वाइन इंडस्ट्री में जबरदस्त वृद्धि हुई है। इसमें अकेले सी-फूड निर्यात का मूल्य 7.3 बिलियन डॉलर और मात्रा 17.81 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है।

ब्रसेल्स में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में, वाइन और सी-फूड में भारत की प्रगति को बिजनेस लीडर्स, ट्रेड बॉडीज, मरीन फूड आयातकों सरकारी व्यापार एजेंसियों और राजनयिक समुदाय के सदस्यों के आगे प्रदर्शित किया गया।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, यह एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीईडीए) और मरीन प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमपीईडीए) के सहयोग से आयोजित किया गया था।

बेल्जियम, लक्जमबर्ग और यूरोपीय संघ (ईयू) में भारत के राजदूत सौरभ कुमार ने सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने में इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला।

वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल ने भारत के गतिशील व्यापारि‍क परिदृश्य और यूरोपीय संघ के साथ इसकी बढ़ती साझेदारी, विशेष रूप से सी-फूड और वाइन सेक्टर के बारे में बात की।

कार्यक्रम में, उपस्थित लोगों ने पांच प्रीमियम भारतीय सी-फूड वैरायटी का आनंद लिया। इसमें वन्नामेई झींगा, ब्लैक टाइगर झींगा, किंगफिश (सुरमई), तिलापिया मछली और स्क्विड शामिल था।

इन व्यंजनों को भारतीय अंगूर के बागों से वाइन के साथ विशेष रूप से जोड़ा गया था, जिनकी बोल्ड रेड, क्रिस्प व्हाइट और रिफ्रेशिंग रोज भारत की वाइन क्राफ्टमैनशिप की वैश्विक मान्यता को प्रदर्शित करती हैं।

भारतीय वाइन इंडस्ट्री में काफी वृद्धि हुई है। इसमें 24 से अधिक प्रमुख ब्रांड वैश्विक विशेषज्ञता को स्वदेशी परंपराओं के साथ जोड़ते हैं।

कैबरनेट सॉविनन, शिराज, मर्लोट और सांगियोवेस जैसे रेड के साथ-साथ चेनिन ब्लैंक, सॉविनन ब्लैंक और विओग्नियर जैसी व्हाइट वाइन को हाइलाइट किया गया।

2023-2024 में भारत का कुल निर्यात 433.09 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। इसमें कृषि वस्तुओं का योगदान 33.24 बिलियन डॉलर (कुल निर्यात का 8 प्रतिशत) और समुद्री निर्यात का योगदान 132 देशों में 7.36 बिलियन डॉलर (कृषि निर्यात का 22 प्रतिशत) रहा।

वन्नामेई झींगा का निर्यात चौगुना हो गया है, जिसने इसे उच्च गुणवत्ता वाले सी-फूड प्रोडक्ट के रूप में मजबूती से स्थापित किया है।

500 यूरोपीय संघ-अप्रूव्ड फर्मों के साथ, भारत की सी-फूड प्रोसेसिंग क्षमता का विस्तार जारी है। इससे यूरोपीय संघ भारत का दूसरा सबसे बड़ा सी-फूड मार्केट बन गया है, जिसकी वार्षिक खरीद 0.95 बिलियन डॉलर है।

इसके अतिरिक्त, मंत्रालय के अनुसार, भारत यूरोपीय संघ का दूसरा सबसे बड़ा झींगा सप्लायर है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 8 प्रतिशत है और यह यूरोपीय संघ के स्क्विड आयात में 12 प्रतिशत का योगदान देता है।

–आईएएनएस

एसकेटी/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। सरकार ने शनिवार को कहा कि भारत के प्रीमियम सी-फूड और वाइन इंडस्ट्री में जबरदस्त वृद्धि हुई है। इसमें अकेले सी-फूड निर्यात का मूल्य 7.3 बिलियन डॉलर और मात्रा 17.81 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है।

ब्रसेल्स में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में, वाइन और सी-फूड में भारत की प्रगति को बिजनेस लीडर्स, ट्रेड बॉडीज, मरीन फूड आयातकों सरकारी व्यापार एजेंसियों और राजनयिक समुदाय के सदस्यों के आगे प्रदर्शित किया गया।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, यह एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीईडीए) और मरीन प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमपीईडीए) के सहयोग से आयोजित किया गया था।

बेल्जियम, लक्जमबर्ग और यूरोपीय संघ (ईयू) में भारत के राजदूत सौरभ कुमार ने सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने में इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला।

वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल ने भारत के गतिशील व्यापारि‍क परिदृश्य और यूरोपीय संघ के साथ इसकी बढ़ती साझेदारी, विशेष रूप से सी-फूड और वाइन सेक्टर के बारे में बात की।

कार्यक्रम में, उपस्थित लोगों ने पांच प्रीमियम भारतीय सी-फूड वैरायटी का आनंद लिया। इसमें वन्नामेई झींगा, ब्लैक टाइगर झींगा, किंगफिश (सुरमई), तिलापिया मछली और स्क्विड शामिल था।

इन व्यंजनों को भारतीय अंगूर के बागों से वाइन के साथ विशेष रूप से जोड़ा गया था, जिनकी बोल्ड रेड, क्रिस्प व्हाइट और रिफ्रेशिंग रोज भारत की वाइन क्राफ्टमैनशिप की वैश्विक मान्यता को प्रदर्शित करती हैं।

भारतीय वाइन इंडस्ट्री में काफी वृद्धि हुई है। इसमें 24 से अधिक प्रमुख ब्रांड वैश्विक विशेषज्ञता को स्वदेशी परंपराओं के साथ जोड़ते हैं।

कैबरनेट सॉविनन, शिराज, मर्लोट और सांगियोवेस जैसे रेड के साथ-साथ चेनिन ब्लैंक, सॉविनन ब्लैंक और विओग्नियर जैसी व्हाइट वाइन को हाइलाइट किया गया।

2023-2024 में भारत का कुल निर्यात 433.09 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। इसमें कृषि वस्तुओं का योगदान 33.24 बिलियन डॉलर (कुल निर्यात का 8 प्रतिशत) और समुद्री निर्यात का योगदान 132 देशों में 7.36 बिलियन डॉलर (कृषि निर्यात का 22 प्रतिशत) रहा।

वन्नामेई झींगा का निर्यात चौगुना हो गया है, जिसने इसे उच्च गुणवत्ता वाले सी-फूड प्रोडक्ट के रूप में मजबूती से स्थापित किया है।

500 यूरोपीय संघ-अप्रूव्ड फर्मों के साथ, भारत की सी-फूड प्रोसेसिंग क्षमता का विस्तार जारी है। इससे यूरोपीय संघ भारत का दूसरा सबसे बड़ा सी-फूड मार्केट बन गया है, जिसकी वार्षिक खरीद 0.95 बिलियन डॉलर है।

इसके अतिरिक्त, मंत्रालय के अनुसार, भारत यूरोपीय संघ का दूसरा सबसे बड़ा झींगा सप्लायर है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 8 प्रतिशत है और यह यूरोपीय संघ के स्क्विड आयात में 12 प्रतिशत का योगदान देता है।

–आईएएनएस

एसकेटी/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। सरकार ने शनिवार को कहा कि भारत के प्रीमियम सी-फूड और वाइन इंडस्ट्री में जबरदस्त वृद्धि हुई है। इसमें अकेले सी-फूड निर्यात का मूल्य 7.3 बिलियन डॉलर और मात्रा 17.81 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है।

ब्रसेल्स में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में, वाइन और सी-फूड में भारत की प्रगति को बिजनेस लीडर्स, ट्रेड बॉडीज, मरीन फूड आयातकों सरकारी व्यापार एजेंसियों और राजनयिक समुदाय के सदस्यों के आगे प्रदर्शित किया गया।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, यह एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीईडीए) और मरीन प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमपीईडीए) के सहयोग से आयोजित किया गया था।

बेल्जियम, लक्जमबर्ग और यूरोपीय संघ (ईयू) में भारत के राजदूत सौरभ कुमार ने सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने में इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला।

वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल ने भारत के गतिशील व्यापारि‍क परिदृश्य और यूरोपीय संघ के साथ इसकी बढ़ती साझेदारी, विशेष रूप से सी-फूड और वाइन सेक्टर के बारे में बात की।

कार्यक्रम में, उपस्थित लोगों ने पांच प्रीमियम भारतीय सी-फूड वैरायटी का आनंद लिया। इसमें वन्नामेई झींगा, ब्लैक टाइगर झींगा, किंगफिश (सुरमई), तिलापिया मछली और स्क्विड शामिल था।

इन व्यंजनों को भारतीय अंगूर के बागों से वाइन के साथ विशेष रूप से जोड़ा गया था, जिनकी बोल्ड रेड, क्रिस्प व्हाइट और रिफ्रेशिंग रोज भारत की वाइन क्राफ्टमैनशिप की वैश्विक मान्यता को प्रदर्शित करती हैं।

भारतीय वाइन इंडस्ट्री में काफी वृद्धि हुई है। इसमें 24 से अधिक प्रमुख ब्रांड वैश्विक विशेषज्ञता को स्वदेशी परंपराओं के साथ जोड़ते हैं।

कैबरनेट सॉविनन, शिराज, मर्लोट और सांगियोवेस जैसे रेड के साथ-साथ चेनिन ब्लैंक, सॉविनन ब्लैंक और विओग्नियर जैसी व्हाइट वाइन को हाइलाइट किया गया।

2023-2024 में भारत का कुल निर्यात 433.09 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। इसमें कृषि वस्तुओं का योगदान 33.24 बिलियन डॉलर (कुल निर्यात का 8 प्रतिशत) और समुद्री निर्यात का योगदान 132 देशों में 7.36 बिलियन डॉलर (कृषि निर्यात का 22 प्रतिशत) रहा।

वन्नामेई झींगा का निर्यात चौगुना हो गया है, जिसने इसे उच्च गुणवत्ता वाले सी-फूड प्रोडक्ट के रूप में मजबूती से स्थापित किया है।

500 यूरोपीय संघ-अप्रूव्ड फर्मों के साथ, भारत की सी-फूड प्रोसेसिंग क्षमता का विस्तार जारी है। इससे यूरोपीय संघ भारत का दूसरा सबसे बड़ा सी-फूड मार्केट बन गया है, जिसकी वार्षिक खरीद 0.95 बिलियन डॉलर है।

इसके अतिरिक्त, मंत्रालय के अनुसार, भारत यूरोपीय संघ का दूसरा सबसे बड़ा झींगा सप्लायर है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 8 प्रतिशत है और यह यूरोपीय संघ के स्क्विड आयात में 12 प्रतिशत का योगदान देता है।

–आईएएनएस

एसकेटी/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। सरकार ने शनिवार को कहा कि भारत के प्रीमियम सी-फूड और वाइन इंडस्ट्री में जबरदस्त वृद्धि हुई है। इसमें अकेले सी-फूड निर्यात का मूल्य 7.3 बिलियन डॉलर और मात्रा 17.81 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है।

ब्रसेल्स में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में, वाइन और सी-फूड में भारत की प्रगति को बिजनेस लीडर्स, ट्रेड बॉडीज, मरीन फूड आयातकों सरकारी व्यापार एजेंसियों और राजनयिक समुदाय के सदस्यों के आगे प्रदर्शित किया गया।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, यह एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीईडीए) और मरीन प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमपीईडीए) के सहयोग से आयोजित किया गया था।

बेल्जियम, लक्जमबर्ग और यूरोपीय संघ (ईयू) में भारत के राजदूत सौरभ कुमार ने सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने में इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला।

वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल ने भारत के गतिशील व्यापारि‍क परिदृश्य और यूरोपीय संघ के साथ इसकी बढ़ती साझेदारी, विशेष रूप से सी-फूड और वाइन सेक्टर के बारे में बात की।

कार्यक्रम में, उपस्थित लोगों ने पांच प्रीमियम भारतीय सी-फूड वैरायटी का आनंद लिया। इसमें वन्नामेई झींगा, ब्लैक टाइगर झींगा, किंगफिश (सुरमई), तिलापिया मछली और स्क्विड शामिल था।

इन व्यंजनों को भारतीय अंगूर के बागों से वाइन के साथ विशेष रूप से जोड़ा गया था, जिनकी बोल्ड रेड, क्रिस्प व्हाइट और रिफ्रेशिंग रोज भारत की वाइन क्राफ्टमैनशिप की वैश्विक मान्यता को प्रदर्शित करती हैं।

भारतीय वाइन इंडस्ट्री में काफी वृद्धि हुई है। इसमें 24 से अधिक प्रमुख ब्रांड वैश्विक विशेषज्ञता को स्वदेशी परंपराओं के साथ जोड़ते हैं।

कैबरनेट सॉविनन, शिराज, मर्लोट और सांगियोवेस जैसे रेड के साथ-साथ चेनिन ब्लैंक, सॉविनन ब्लैंक और विओग्नियर जैसी व्हाइट वाइन को हाइलाइट किया गया।

2023-2024 में भारत का कुल निर्यात 433.09 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। इसमें कृषि वस्तुओं का योगदान 33.24 बिलियन डॉलर (कुल निर्यात का 8 प्रतिशत) और समुद्री निर्यात का योगदान 132 देशों में 7.36 बिलियन डॉलर (कृषि निर्यात का 22 प्रतिशत) रहा।

वन्नामेई झींगा का निर्यात चौगुना हो गया है, जिसने इसे उच्च गुणवत्ता वाले सी-फूड प्रोडक्ट के रूप में मजबूती से स्थापित किया है।

500 यूरोपीय संघ-अप्रूव्ड फर्मों के साथ, भारत की सी-फूड प्रोसेसिंग क्षमता का विस्तार जारी है। इससे यूरोपीय संघ भारत का दूसरा सबसे बड़ा सी-फूड मार्केट बन गया है, जिसकी वार्षिक खरीद 0.95 बिलियन डॉलर है।

इसके अतिरिक्त, मंत्रालय के अनुसार, भारत यूरोपीय संघ का दूसरा सबसे बड़ा झींगा सप्लायर है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 8 प्रतिशत है और यह यूरोपीय संघ के स्क्विड आयात में 12 प्रतिशत का योगदान देता है।

–आईएएनएस

एसकेटी/सीबीटी

Related Posts

ब्लॉग

इक्विटी म्यूचुअल फंड इनफ्लो अगस्त में 33,430 करोड़ रुपए रहा, गोल्ड ईटीएफ में निवेश बढ़ा : एम्फी

September 10, 2025
ब्लॉग

एम्स दिल्ली ने ‘नेवर अलोन’ ऐप लॉन्च किया, छात्रों को आत्महत्या करने से रोकने में करेगा मदद

September 10, 2025
ब्लॉग

फिच ने वित्त वर्ष 2026 के लिए भारत की विकास दर का अनुमान बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत किया

September 10, 2025
ब्लॉग

यूरोपीय संघ ने निर्यात के लिए 102 नए भारतीय मत्स्य प्रतिष्ठानों को सूचीबद्ध किया : केंद्र

September 9, 2025
ब्लॉग

डॉ. प्रीति अदाणी ने हांगकांग समिट में दुनिया भर के परोपकारियों से की ‘बदलाव का सह-निर्माता’ बनने की अपील

September 9, 2025
ब्लॉग

जीएसटी 2.0 के रोलआउट के साथ बड़े पैमाने पर मिलेगा उपभोग को बढ़ावा : रिपोर्ट

September 9, 2025
Next Post

महाराष्ट्र चुनाव : रिजल्ट से पहले स्वरा भास्कर ने बढ़ाया शौहर फहाद अहमद का हौसला

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

097685
Total views : 5971194
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In