जबलपुर. एमडी-एमएस कोर्स में दाखिले के लिए नीट पीजी काउंसिलिंग में प्रदेश के रजिस्टर्ड कैंडिडेट्स की मेरिट सूची में दूसरी बार नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया अपनाये जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस सुश्रुत धर्माधिकारी तथा जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने काउंसलिंग के रिजल्ट घोषित किये जाने पर रोक लगा दी है.
रीवा के डॉ. अभिषेक शुक्ला व अन्य की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि नीट के द्वारा पीजी कोर्स में दाखिले के लिए मैरिट लिस्ट तैयार की गयी थी. नीट के द्वारा नॉर्मलाइज़ेशन प्रोसेस अपनाते हुए मैरिट लिस्ट जारी की गयी थी. प्रदेष सरकार द्वारा प्रदेष के रजिस्टर्ड कैंडिडेट्स की मैरिट लिस्ट तैयार करने में दूसरी बार नॉर्मलाइज़ेशन प्रोसेस अपनाया गया. जिसके कारण नीट के मैरिट लिस्ट में अच्छी रेटिंग होने के बावजूद भी प्रदेश की मेरिट लिस्ट में उनका स्थान नीचे हो गया.
याचिकाकर्ताओं की तरफ से पैरवी करते हुए अधिवक्ता आदित्य संघी ने युगलपीठ को बताया कि पहले राउंड के लिए चॉइस फिलिंग और चॉइस लॉकिंग की प्रक्रिया शुरु हो चुकी, जो 24 नवम्बर की रात 12 बजे तक चलेगी,जिसका रिजल्ट 26 नवम्बर को घोषित किया जाना है. एडमिशन की प्रक्रिया में नियमों का पालन नहीं हो रहा, पहले राउंड के रिजल्ट घोषित करने पर रोक लगाई जाए.
सरकार की तरफ से तर्क दिया गया कि नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंस नई दिल्ली द्वारा मेरिट लिस्ट तैयार की गई है. इसके बाद मप्र में पूरी प्रक्रिया का विधिवत पालन किया गया, इसलिए मामले में याचिका पर अंतरिम राहत नहीं दी जाना चाहिए.
सुनवाई के बाद युगलपीठ ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों के तहत पहले राउंड की काउंसलिंग कराने की इजाजत तो दी, लेकिन अगली सुनवाई तक रिजल्ट घोषित करने पर रोक लगा दी