वाराणसी, 24 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित जामा मस्जिद में रविवार को सर्वे के दौरान बवाल हो गया। कुछ अराजक तत्वों ने पुलिस पर पथराव किया। इसके बाद स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। महाश्रृंगार गौरी केस की याचिकाकर्ता सीता साहू ने इस विषय पर आईएएनएस से खास बात की।
सीता साहू ने संभल हिंसा को लेकर बोला कि मैं शुरू से ही संविधान को सर्वोपरि मानती आई हूं। न्यायालय के आदेश के अनुसार ही वहां कार्रवाई हो रही है। प्रशासन वहां अच्छे से काम कर रहा है, आगे क्या होता है, ये देखना होगा।
उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से थोड़ा-बहुत भय बन जाता है। हमारा भी न्यायालय में आना-जाना बना रहता है, लेकिन मुझे विश्वास है कि महादेव के आदेशानुसार हम काम करते हैं, तो उनका छत्रछाया भी हम पर बनी रहेगी।
ज्ञानवापी में भी सर्वे का काम बाकी है, उससे पहले ऐसी घटनाएं हो जा रही हैं। इस पर सीता साहू ने कहा कि हमने याचिका डाली हुई है और अभी कई जगहों का सर्वे बचा हुआ है, इसमें वजू खाने का सर्वे भी है, हालांकि इसमें अभी सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगी हुई है। इसके अलावा भी बहुत से तहखाने हैं, जहां पर सर्वे होना बाकी है। इसमें मंदिर होने का बहुत ही पुख्ता सबूत मिलेंगे।
बता दें कि रविवार को उत्तर प्रदेश के संभल जिले स्थित शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भारी बवाल हो गया। इस दौरान मौके पर संभल के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मौजूद थे, लेकिन फिर भी माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस द्वारा किए जा रहे सर्वे के खिलाफ स्थानीय लोगों ने रोष जताया। इसी बीच, हिंसक झड़पें शुरू हो गईं।
भीड़ ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया और साथ ही फायरिंग भी की गई। इस बीच, पुलिस को खुद को बचाने और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। फायरिंग और पथराव के बीच पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की, इससे पूरे इलाके में तनाव का माहौल बन गया।
–आईएएनएस
एससीएच/सीबीटी