जबलपुर. पराली जलाने के मामले में मध्य प्रदेश का देश में अव्वल स्थान पर है. पांच साल का आंकड़ा का डाटा देखा जाये तो सबसे अधिक पराली इस साल जलाई गयी है. पराली जलाने के मामले में जबलपुर प्रदेश में दूसरे स्थान पर है. जिला कलेक्टर ने पराली जलाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देष गुरुवार को जारी किये थे. प्रदेश में दूसरे नम्बर में होने के बावजूद एक भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई है.
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली की एक अंतःविषय अनुसंधान पहल, कंसोर्टियम फॉर रिसर्च ऑन एग्रो इकोसिस्टम मॉनिटरिंग एंड मॉडलिंग फ्रॉम स्पेस के डेटा के अनुसार इस साल 15 सितंबर से 24 नवंबर के बीच मध्य प्रदेश में धान की पराली जलाने की कुल 14493 घटनाएं दर्ज हुई है. पिछले पांच सालों में मध्य प्रदेश में पराली जलाने की सबसे अधिक घटनाएं दर्ज हुई है. मध्य प्रदेश पराली जलाने के मामलों में देश में सबसे ऊपर है.
डाटा रिपोर्ट के अनुसार रविवार को प्रदेश में 697 स्थानों में पराली को जलाया गया. रविवार को प्रदेश में सबसे अधिक पराली जलाने की घटनाएं जबलपुर में हुई. जबलपुर में 167 स्थानों पर पराली जलाई गयी. आंकड़े के अनुसार जबलपुर में पराली जलाने का यह आंकड़ा तीसरे नम्बर पर आता है. सबसे अधिक 13 नवम्बर को 1124 स्थानों में पराली जलाई गयी थी. इसके बाद 10 नवम्बर को 783 स्थानों में पराली जलाई गयी थी.
जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना ने गुरुवार को पराली जलाने वालों के खिलाफ वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981 के तहत दंड और कार्रवाई के आदेश जारी किए थे. इसके बावजूद भी पराली जलाने वालों के खिलाफ एक भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई है.
पांच वर्षो में प्रदेश में पराली जलाने का आंकड़ा
साल संख्या
2020 13793
2021 6811
2022 10833
2023 12253
2024 13793 अभी तक
इस साल प्रदेश के जिलों में पराली जलाने का आंकड़ा
जिला संख्या
श्योपुर 2506
जबलपुर 1952
होशंगाबाद 1617
दतिया 1221
ग्वालियर 1136