deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home ताज़ा समाचार

नवजोत सिंह सिद्धू ने शेयर किया पत्नी का डाइट प्लान, कहा- ‘कैंसर से लड़ने में रहा मददगार’

by
November 25, 2024
in ताज़ा समाचार
0
0
SHARES
2
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उस डाइट प्लान को शेयर किया है जिसके बारे में उनका दावा है कि कैंसर से जूझ रही उनकी पत्नी नवजोत कौर के बीमारी को मात देने में मददगार रहा था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि उनके लिए डॉक्टर भगवान का रूप हैं।

READ ALSO

मरीजों के साथ अभद्रता करता है रेडियोग्राफार

चित्रकूट विधायक के सामने युवक की बेदम पिटाई

एक्स पर एक उन्होंने कहा, “आज मैं सभी के भले के लिए डाइट प्लान जारी कर रहा हूं। हमने जो कुछ भी किया है वह डॉक्टरों की सलाह के साथ एक सहयोगी प्रक्रिया में किया है। इस डाइट प्लान को बनाने में मेरा कोई योगदान नहीं है। मैंने दुनिया के बड़े-बड़े प्रख्यात डॉक्टरों के ऑब्जर्वेशन को इकट्ठा किया और डाइट प्लान बनाया। यह डॉक्टरों की सलाह से बनाया गया।”

उन्होंने कहा, “एक पुरानी कहावत है – जैसा अन्न, वैसा मन, वैसा तन। हम चाहते हैं कि जो खुशी हमें मिली है, जो फायदा लाभ हमें मिला है वह हम सबके साथ शेयर करें।”

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि उनकी पत्नी की कैंसर से जंग में सर्जरी, कीमोथेरेपी, हार्मोनल और टारगेटेड थेरेपी, सकारात्मकता और कैंसर से लड़ने का दृढ़ संकल्प शामिल था। इन सबको बल मिला एक सख्त डाइट प्लान और जीवनशैली से जो प्राचीन भारतीय आयुर्वेद, योशिनोरी ओसुमी के” ऑटोफैगी” के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रिसर्च और दुनिया भर के प्रख्यात डॉक्टरों के अवलोकनों के आधार पर तैयार की गई थी।

डाइट प्लान शेयर करते हुए उन्होंने लिखा :

आपके पीने के पानी का आदर्श पीएच स्तर 7 होना चाहिए, ताकि आपकी रिकवरी को बढ़ावा मिले। इलायची, तुलसी, पुदीना, अदरक और दालचीनी वाले काढ़े का सेवन करें। चाय के विकल्प के रूप में इसका सेवन करें।

रात के खाने और नाश्ते के बीच कम से कम 12 से 17 घंटे का अंतर देकर, रात का खाना सूर्यास्त से पहले और अगले दिन का पहला भोजन सुबह 10 बजे करें। सुबह गर्म पानी, नींबू का रस और एक चम्मच सेब के सिरका के साथ लहसुन की दो कली हर दूसरे दिन खाएं। इसके अगले दिन एक इंच कच्ची हल्दी या हल्दी पाउडर और 9 से 10 नीम के पत्तों का सेवन करें।

शहतूत, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी या अनार जैसे फल, गाजर, चुकंदर और आंवले का रस, एक चम्मच मिश्रित बीज (कद्दू के बीज, सफेद तिल, सूरजमुखी के बीज और अलसी/चिया सीड्स) का सेवन करें।

तीन टुकड़े अखरोट, दो टुकड़े ब्राजील नट्स या बादाम (सभी नट्स को रातभर भिगोना चाहिए) का सेवन करें। स्नैकिंग के लिए मखाना (सेंधा नमक के साथ) और स्वस्थ फैट्स के लिए नारियल मलाई या एवोकाडो का सेवन करें।

दोपहर में या जब भी भूख लगे, सफेद पेठा का रस या संतरे, हल्दी और अदरक का जूस या अदरक, खीरा और अनानास का जूस या घीया के जूस का सेवन करें। दिन में एक बार हनुमान फल या हरसिंगार के काढ़ा का सेवन करें।

शरीर के वजन के एक प्रतिशत के बराबर सलाद का सेवन करें, जिसमें टमाटर, पालक, मशरूम, गाजर, प्याज, मूली, चुकंदर, खीरा, शकरकंद, एवोकाडो, ब्रोकली, हरी बीन्स, लाल हरी पीली शिमला मिर्च शामिल हो (कच्चे संयोजन में से कोई भी चार-पांच)। चुकंदर या शकरकंद को पकाया जाना चाहिए।

पके हुए भोजन का सीमित सेवन करें। दो पकी हुई सब्जियां या एक पकी हुई सब्जी और दालें या चना या राजमा एक सर्विंग (कटोरी) से अधिक न लें। पकाने से पहले उन्हें रात भर भिगोना चाहिए।

दिन में कभी भी, खासकर अंतिम भोजन के बाद, गुनगुने पानी के साथ दो चम्मच ईसबगोल का सेवन जरूरी है क्योंकि कैंसर की जीवन रेखा खाद्य पदार्थों का पूर्ण निष्कासन है। रिफाइंड कार्ब्स, रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल, दूध उत्पाद और किसी भी प्रकार के पैक्ड फूड का सेवन न करें।

हमेशा कोल्ड प्रेस्ड नारियल तेल या कोल्ड प्रेस्ड सरसों का तेल (कच्ची घानी) या कोल्ड प्रेस्ड जैतून का तेल खाने में इस्तेमाल करें। किसी भी रिफाइंड तेल का सेवन न करें।

चपाती के लिए केवल क्विनोआ, बादाम या सिंघाड़ा के आटा का प्रयोग करें। उबला हुआ क्विनोआ, चावल का सबसे अच्छा विकल्प है। कभी-कभी करेले के रस का सेवन, संतरे या चकोतरा के साथ जूस बनाकर करें।

नियमित रूप से 50 से 70 ग्राम हरी पत्तियों का सेवन करना महत्वपूर्ण है। इसमें पालक, नीम, कड़ी पत्ते, लेट्यूस, धनिया, पुदीने के पत्ते, मूली के पत्ते, चुकंदर के पत्ते, किसी भी सलाद के पत्ते जिन्हें हरा रक्त कहा जाता है।

किसी भी तरह के सोडा या कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें और सफेद नमक के बदले सेंधा नमक का इस्तेमाल करें।

किसी भी रूप में नियमित रूप से व्यायाम करें, यह शरीर की बेहतरी के लिए उपचारात्मक दवा है ।

परिवार और दोस्तों से निरंतर प्रेरणा और प्यार के साथ सकारात्मक मानसिकता अडिग इच्छा शक्ति के लिए प्रोत्साहन का काम करेगा। सभी फलों और सब्जियों को बेकिंग सोडा से धोने और फिर एक चुटकी नमक के साथ पानी से धोने के बाद सेवन करें। बिना किसी चीनी की कोटिंग के खजूर कभी-कभी खाया जा सकता है।

–आईएएनएस

एफजेड/एकेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उस डाइट प्लान को शेयर किया है जिसके बारे में उनका दावा है कि कैंसर से जूझ रही उनकी पत्नी नवजोत कौर के बीमारी को मात देने में मददगार रहा था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि उनके लिए डॉक्टर भगवान का रूप हैं।

एक्स पर एक उन्होंने कहा, “आज मैं सभी के भले के लिए डाइट प्लान जारी कर रहा हूं। हमने जो कुछ भी किया है वह डॉक्टरों की सलाह के साथ एक सहयोगी प्रक्रिया में किया है। इस डाइट प्लान को बनाने में मेरा कोई योगदान नहीं है। मैंने दुनिया के बड़े-बड़े प्रख्यात डॉक्टरों के ऑब्जर्वेशन को इकट्ठा किया और डाइट प्लान बनाया। यह डॉक्टरों की सलाह से बनाया गया।”

उन्होंने कहा, “एक पुरानी कहावत है – जैसा अन्न, वैसा मन, वैसा तन। हम चाहते हैं कि जो खुशी हमें मिली है, जो फायदा लाभ हमें मिला है वह हम सबके साथ शेयर करें।”

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि उनकी पत्नी की कैंसर से जंग में सर्जरी, कीमोथेरेपी, हार्मोनल और टारगेटेड थेरेपी, सकारात्मकता और कैंसर से लड़ने का दृढ़ संकल्प शामिल था। इन सबको बल मिला एक सख्त डाइट प्लान और जीवनशैली से जो प्राचीन भारतीय आयुर्वेद, योशिनोरी ओसुमी के” ऑटोफैगी” के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रिसर्च और दुनिया भर के प्रख्यात डॉक्टरों के अवलोकनों के आधार पर तैयार की गई थी।

डाइट प्लान शेयर करते हुए उन्होंने लिखा :

आपके पीने के पानी का आदर्श पीएच स्तर 7 होना चाहिए, ताकि आपकी रिकवरी को बढ़ावा मिले। इलायची, तुलसी, पुदीना, अदरक और दालचीनी वाले काढ़े का सेवन करें। चाय के विकल्प के रूप में इसका सेवन करें।

रात के खाने और नाश्ते के बीच कम से कम 12 से 17 घंटे का अंतर देकर, रात का खाना सूर्यास्त से पहले और अगले दिन का पहला भोजन सुबह 10 बजे करें। सुबह गर्म पानी, नींबू का रस और एक चम्मच सेब के सिरका के साथ लहसुन की दो कली हर दूसरे दिन खाएं। इसके अगले दिन एक इंच कच्ची हल्दी या हल्दी पाउडर और 9 से 10 नीम के पत्तों का सेवन करें।

शहतूत, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी या अनार जैसे फल, गाजर, चुकंदर और आंवले का रस, एक चम्मच मिश्रित बीज (कद्दू के बीज, सफेद तिल, सूरजमुखी के बीज और अलसी/चिया सीड्स) का सेवन करें।

तीन टुकड़े अखरोट, दो टुकड़े ब्राजील नट्स या बादाम (सभी नट्स को रातभर भिगोना चाहिए) का सेवन करें। स्नैकिंग के लिए मखाना (सेंधा नमक के साथ) और स्वस्थ फैट्स के लिए नारियल मलाई या एवोकाडो का सेवन करें।

दोपहर में या जब भी भूख लगे, सफेद पेठा का रस या संतरे, हल्दी और अदरक का जूस या अदरक, खीरा और अनानास का जूस या घीया के जूस का सेवन करें। दिन में एक बार हनुमान फल या हरसिंगार के काढ़ा का सेवन करें।

शरीर के वजन के एक प्रतिशत के बराबर सलाद का सेवन करें, जिसमें टमाटर, पालक, मशरूम, गाजर, प्याज, मूली, चुकंदर, खीरा, शकरकंद, एवोकाडो, ब्रोकली, हरी बीन्स, लाल हरी पीली शिमला मिर्च शामिल हो (कच्चे संयोजन में से कोई भी चार-पांच)। चुकंदर या शकरकंद को पकाया जाना चाहिए।

पके हुए भोजन का सीमित सेवन करें। दो पकी हुई सब्जियां या एक पकी हुई सब्जी और दालें या चना या राजमा एक सर्विंग (कटोरी) से अधिक न लें। पकाने से पहले उन्हें रात भर भिगोना चाहिए।

दिन में कभी भी, खासकर अंतिम भोजन के बाद, गुनगुने पानी के साथ दो चम्मच ईसबगोल का सेवन जरूरी है क्योंकि कैंसर की जीवन रेखा खाद्य पदार्थों का पूर्ण निष्कासन है। रिफाइंड कार्ब्स, रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल, दूध उत्पाद और किसी भी प्रकार के पैक्ड फूड का सेवन न करें।

हमेशा कोल्ड प्रेस्ड नारियल तेल या कोल्ड प्रेस्ड सरसों का तेल (कच्ची घानी) या कोल्ड प्रेस्ड जैतून का तेल खाने में इस्तेमाल करें। किसी भी रिफाइंड तेल का सेवन न करें।

चपाती के लिए केवल क्विनोआ, बादाम या सिंघाड़ा के आटा का प्रयोग करें। उबला हुआ क्विनोआ, चावल का सबसे अच्छा विकल्प है। कभी-कभी करेले के रस का सेवन, संतरे या चकोतरा के साथ जूस बनाकर करें।

नियमित रूप से 50 से 70 ग्राम हरी पत्तियों का सेवन करना महत्वपूर्ण है। इसमें पालक, नीम, कड़ी पत्ते, लेट्यूस, धनिया, पुदीने के पत्ते, मूली के पत्ते, चुकंदर के पत्ते, किसी भी सलाद के पत्ते जिन्हें हरा रक्त कहा जाता है।

किसी भी तरह के सोडा या कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें और सफेद नमक के बदले सेंधा नमक का इस्तेमाल करें।

किसी भी रूप में नियमित रूप से व्यायाम करें, यह शरीर की बेहतरी के लिए उपचारात्मक दवा है ।

परिवार और दोस्तों से निरंतर प्रेरणा और प्यार के साथ सकारात्मक मानसिकता अडिग इच्छा शक्ति के लिए प्रोत्साहन का काम करेगा। सभी फलों और सब्जियों को बेकिंग सोडा से धोने और फिर एक चुटकी नमक के साथ पानी से धोने के बाद सेवन करें। बिना किसी चीनी की कोटिंग के खजूर कभी-कभी खाया जा सकता है।

–आईएएनएस

एफजेड/एकेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उस डाइट प्लान को शेयर किया है जिसके बारे में उनका दावा है कि कैंसर से जूझ रही उनकी पत्नी नवजोत कौर के बीमारी को मात देने में मददगार रहा था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि उनके लिए डॉक्टर भगवान का रूप हैं।

एक्स पर एक उन्होंने कहा, “आज मैं सभी के भले के लिए डाइट प्लान जारी कर रहा हूं। हमने जो कुछ भी किया है वह डॉक्टरों की सलाह के साथ एक सहयोगी प्रक्रिया में किया है। इस डाइट प्लान को बनाने में मेरा कोई योगदान नहीं है। मैंने दुनिया के बड़े-बड़े प्रख्यात डॉक्टरों के ऑब्जर्वेशन को इकट्ठा किया और डाइट प्लान बनाया। यह डॉक्टरों की सलाह से बनाया गया।”

उन्होंने कहा, “एक पुरानी कहावत है – जैसा अन्न, वैसा मन, वैसा तन। हम चाहते हैं कि जो खुशी हमें मिली है, जो फायदा लाभ हमें मिला है वह हम सबके साथ शेयर करें।”

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि उनकी पत्नी की कैंसर से जंग में सर्जरी, कीमोथेरेपी, हार्मोनल और टारगेटेड थेरेपी, सकारात्मकता और कैंसर से लड़ने का दृढ़ संकल्प शामिल था। इन सबको बल मिला एक सख्त डाइट प्लान और जीवनशैली से जो प्राचीन भारतीय आयुर्वेद, योशिनोरी ओसुमी के” ऑटोफैगी” के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रिसर्च और दुनिया भर के प्रख्यात डॉक्टरों के अवलोकनों के आधार पर तैयार की गई थी।

डाइट प्लान शेयर करते हुए उन्होंने लिखा :

आपके पीने के पानी का आदर्श पीएच स्तर 7 होना चाहिए, ताकि आपकी रिकवरी को बढ़ावा मिले। इलायची, तुलसी, पुदीना, अदरक और दालचीनी वाले काढ़े का सेवन करें। चाय के विकल्प के रूप में इसका सेवन करें।

रात के खाने और नाश्ते के बीच कम से कम 12 से 17 घंटे का अंतर देकर, रात का खाना सूर्यास्त से पहले और अगले दिन का पहला भोजन सुबह 10 बजे करें। सुबह गर्म पानी, नींबू का रस और एक चम्मच सेब के सिरका के साथ लहसुन की दो कली हर दूसरे दिन खाएं। इसके अगले दिन एक इंच कच्ची हल्दी या हल्दी पाउडर और 9 से 10 नीम के पत्तों का सेवन करें।

शहतूत, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी या अनार जैसे फल, गाजर, चुकंदर और आंवले का रस, एक चम्मच मिश्रित बीज (कद्दू के बीज, सफेद तिल, सूरजमुखी के बीज और अलसी/चिया सीड्स) का सेवन करें।

तीन टुकड़े अखरोट, दो टुकड़े ब्राजील नट्स या बादाम (सभी नट्स को रातभर भिगोना चाहिए) का सेवन करें। स्नैकिंग के लिए मखाना (सेंधा नमक के साथ) और स्वस्थ फैट्स के लिए नारियल मलाई या एवोकाडो का सेवन करें।

दोपहर में या जब भी भूख लगे, सफेद पेठा का रस या संतरे, हल्दी और अदरक का जूस या अदरक, खीरा और अनानास का जूस या घीया के जूस का सेवन करें। दिन में एक बार हनुमान फल या हरसिंगार के काढ़ा का सेवन करें।

शरीर के वजन के एक प्रतिशत के बराबर सलाद का सेवन करें, जिसमें टमाटर, पालक, मशरूम, गाजर, प्याज, मूली, चुकंदर, खीरा, शकरकंद, एवोकाडो, ब्रोकली, हरी बीन्स, लाल हरी पीली शिमला मिर्च शामिल हो (कच्चे संयोजन में से कोई भी चार-पांच)। चुकंदर या शकरकंद को पकाया जाना चाहिए।

पके हुए भोजन का सीमित सेवन करें। दो पकी हुई सब्जियां या एक पकी हुई सब्जी और दालें या चना या राजमा एक सर्विंग (कटोरी) से अधिक न लें। पकाने से पहले उन्हें रात भर भिगोना चाहिए।

दिन में कभी भी, खासकर अंतिम भोजन के बाद, गुनगुने पानी के साथ दो चम्मच ईसबगोल का सेवन जरूरी है क्योंकि कैंसर की जीवन रेखा खाद्य पदार्थों का पूर्ण निष्कासन है। रिफाइंड कार्ब्स, रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल, दूध उत्पाद और किसी भी प्रकार के पैक्ड फूड का सेवन न करें।

हमेशा कोल्ड प्रेस्ड नारियल तेल या कोल्ड प्रेस्ड सरसों का तेल (कच्ची घानी) या कोल्ड प्रेस्ड जैतून का तेल खाने में इस्तेमाल करें। किसी भी रिफाइंड तेल का सेवन न करें।

चपाती के लिए केवल क्विनोआ, बादाम या सिंघाड़ा के आटा का प्रयोग करें। उबला हुआ क्विनोआ, चावल का सबसे अच्छा विकल्प है। कभी-कभी करेले के रस का सेवन, संतरे या चकोतरा के साथ जूस बनाकर करें।

नियमित रूप से 50 से 70 ग्राम हरी पत्तियों का सेवन करना महत्वपूर्ण है। इसमें पालक, नीम, कड़ी पत्ते, लेट्यूस, धनिया, पुदीने के पत्ते, मूली के पत्ते, चुकंदर के पत्ते, किसी भी सलाद के पत्ते जिन्हें हरा रक्त कहा जाता है।

किसी भी तरह के सोडा या कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें और सफेद नमक के बदले सेंधा नमक का इस्तेमाल करें।

किसी भी रूप में नियमित रूप से व्यायाम करें, यह शरीर की बेहतरी के लिए उपचारात्मक दवा है ।

परिवार और दोस्तों से निरंतर प्रेरणा और प्यार के साथ सकारात्मक मानसिकता अडिग इच्छा शक्ति के लिए प्रोत्साहन का काम करेगा। सभी फलों और सब्जियों को बेकिंग सोडा से धोने और फिर एक चुटकी नमक के साथ पानी से धोने के बाद सेवन करें। बिना किसी चीनी की कोटिंग के खजूर कभी-कभी खाया जा सकता है।

–आईएएनएस

एफजेड/एकेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उस डाइट प्लान को शेयर किया है जिसके बारे में उनका दावा है कि कैंसर से जूझ रही उनकी पत्नी नवजोत कौर के बीमारी को मात देने में मददगार रहा था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि उनके लिए डॉक्टर भगवान का रूप हैं।

एक्स पर एक उन्होंने कहा, “आज मैं सभी के भले के लिए डाइट प्लान जारी कर रहा हूं। हमने जो कुछ भी किया है वह डॉक्टरों की सलाह के साथ एक सहयोगी प्रक्रिया में किया है। इस डाइट प्लान को बनाने में मेरा कोई योगदान नहीं है। मैंने दुनिया के बड़े-बड़े प्रख्यात डॉक्टरों के ऑब्जर्वेशन को इकट्ठा किया और डाइट प्लान बनाया। यह डॉक्टरों की सलाह से बनाया गया।”

उन्होंने कहा, “एक पुरानी कहावत है – जैसा अन्न, वैसा मन, वैसा तन। हम चाहते हैं कि जो खुशी हमें मिली है, जो फायदा लाभ हमें मिला है वह हम सबके साथ शेयर करें।”

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि उनकी पत्नी की कैंसर से जंग में सर्जरी, कीमोथेरेपी, हार्मोनल और टारगेटेड थेरेपी, सकारात्मकता और कैंसर से लड़ने का दृढ़ संकल्प शामिल था। इन सबको बल मिला एक सख्त डाइट प्लान और जीवनशैली से जो प्राचीन भारतीय आयुर्वेद, योशिनोरी ओसुमी के” ऑटोफैगी” के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रिसर्च और दुनिया भर के प्रख्यात डॉक्टरों के अवलोकनों के आधार पर तैयार की गई थी।

डाइट प्लान शेयर करते हुए उन्होंने लिखा :

आपके पीने के पानी का आदर्श पीएच स्तर 7 होना चाहिए, ताकि आपकी रिकवरी को बढ़ावा मिले। इलायची, तुलसी, पुदीना, अदरक और दालचीनी वाले काढ़े का सेवन करें। चाय के विकल्प के रूप में इसका सेवन करें।

रात के खाने और नाश्ते के बीच कम से कम 12 से 17 घंटे का अंतर देकर, रात का खाना सूर्यास्त से पहले और अगले दिन का पहला भोजन सुबह 10 बजे करें। सुबह गर्म पानी, नींबू का रस और एक चम्मच सेब के सिरका के साथ लहसुन की दो कली हर दूसरे दिन खाएं। इसके अगले दिन एक इंच कच्ची हल्दी या हल्दी पाउडर और 9 से 10 नीम के पत्तों का सेवन करें।

शहतूत, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी या अनार जैसे फल, गाजर, चुकंदर और आंवले का रस, एक चम्मच मिश्रित बीज (कद्दू के बीज, सफेद तिल, सूरजमुखी के बीज और अलसी/चिया सीड्स) का सेवन करें।

तीन टुकड़े अखरोट, दो टुकड़े ब्राजील नट्स या बादाम (सभी नट्स को रातभर भिगोना चाहिए) का सेवन करें। स्नैकिंग के लिए मखाना (सेंधा नमक के साथ) और स्वस्थ फैट्स के लिए नारियल मलाई या एवोकाडो का सेवन करें।

दोपहर में या जब भी भूख लगे, सफेद पेठा का रस या संतरे, हल्दी और अदरक का जूस या अदरक, खीरा और अनानास का जूस या घीया के जूस का सेवन करें। दिन में एक बार हनुमान फल या हरसिंगार के काढ़ा का सेवन करें।

शरीर के वजन के एक प्रतिशत के बराबर सलाद का सेवन करें, जिसमें टमाटर, पालक, मशरूम, गाजर, प्याज, मूली, चुकंदर, खीरा, शकरकंद, एवोकाडो, ब्रोकली, हरी बीन्स, लाल हरी पीली शिमला मिर्च शामिल हो (कच्चे संयोजन में से कोई भी चार-पांच)। चुकंदर या शकरकंद को पकाया जाना चाहिए।

पके हुए भोजन का सीमित सेवन करें। दो पकी हुई सब्जियां या एक पकी हुई सब्जी और दालें या चना या राजमा एक सर्विंग (कटोरी) से अधिक न लें। पकाने से पहले उन्हें रात भर भिगोना चाहिए।

दिन में कभी भी, खासकर अंतिम भोजन के बाद, गुनगुने पानी के साथ दो चम्मच ईसबगोल का सेवन जरूरी है क्योंकि कैंसर की जीवन रेखा खाद्य पदार्थों का पूर्ण निष्कासन है। रिफाइंड कार्ब्स, रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल, दूध उत्पाद और किसी भी प्रकार के पैक्ड फूड का सेवन न करें।

हमेशा कोल्ड प्रेस्ड नारियल तेल या कोल्ड प्रेस्ड सरसों का तेल (कच्ची घानी) या कोल्ड प्रेस्ड जैतून का तेल खाने में इस्तेमाल करें। किसी भी रिफाइंड तेल का सेवन न करें।

चपाती के लिए केवल क्विनोआ, बादाम या सिंघाड़ा के आटा का प्रयोग करें। उबला हुआ क्विनोआ, चावल का सबसे अच्छा विकल्प है। कभी-कभी करेले के रस का सेवन, संतरे या चकोतरा के साथ जूस बनाकर करें।

नियमित रूप से 50 से 70 ग्राम हरी पत्तियों का सेवन करना महत्वपूर्ण है। इसमें पालक, नीम, कड़ी पत्ते, लेट्यूस, धनिया, पुदीने के पत्ते, मूली के पत्ते, चुकंदर के पत्ते, किसी भी सलाद के पत्ते जिन्हें हरा रक्त कहा जाता है।

किसी भी तरह के सोडा या कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें और सफेद नमक के बदले सेंधा नमक का इस्तेमाल करें।

किसी भी रूप में नियमित रूप से व्यायाम करें, यह शरीर की बेहतरी के लिए उपचारात्मक दवा है ।

परिवार और दोस्तों से निरंतर प्रेरणा और प्यार के साथ सकारात्मक मानसिकता अडिग इच्छा शक्ति के लिए प्रोत्साहन का काम करेगा। सभी फलों और सब्जियों को बेकिंग सोडा से धोने और फिर एक चुटकी नमक के साथ पानी से धोने के बाद सेवन करें। बिना किसी चीनी की कोटिंग के खजूर कभी-कभी खाया जा सकता है।

–आईएएनएस

एफजेड/एकेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उस डाइट प्लान को शेयर किया है जिसके बारे में उनका दावा है कि कैंसर से जूझ रही उनकी पत्नी नवजोत कौर के बीमारी को मात देने में मददगार रहा था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि उनके लिए डॉक्टर भगवान का रूप हैं।

एक्स पर एक उन्होंने कहा, “आज मैं सभी के भले के लिए डाइट प्लान जारी कर रहा हूं। हमने जो कुछ भी किया है वह डॉक्टरों की सलाह के साथ एक सहयोगी प्रक्रिया में किया है। इस डाइट प्लान को बनाने में मेरा कोई योगदान नहीं है। मैंने दुनिया के बड़े-बड़े प्रख्यात डॉक्टरों के ऑब्जर्वेशन को इकट्ठा किया और डाइट प्लान बनाया। यह डॉक्टरों की सलाह से बनाया गया।”

उन्होंने कहा, “एक पुरानी कहावत है – जैसा अन्न, वैसा मन, वैसा तन। हम चाहते हैं कि जो खुशी हमें मिली है, जो फायदा लाभ हमें मिला है वह हम सबके साथ शेयर करें।”

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि उनकी पत्नी की कैंसर से जंग में सर्जरी, कीमोथेरेपी, हार्मोनल और टारगेटेड थेरेपी, सकारात्मकता और कैंसर से लड़ने का दृढ़ संकल्प शामिल था। इन सबको बल मिला एक सख्त डाइट प्लान और जीवनशैली से जो प्राचीन भारतीय आयुर्वेद, योशिनोरी ओसुमी के” ऑटोफैगी” के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रिसर्च और दुनिया भर के प्रख्यात डॉक्टरों के अवलोकनों के आधार पर तैयार की गई थी।

डाइट प्लान शेयर करते हुए उन्होंने लिखा :

आपके पीने के पानी का आदर्श पीएच स्तर 7 होना चाहिए, ताकि आपकी रिकवरी को बढ़ावा मिले। इलायची, तुलसी, पुदीना, अदरक और दालचीनी वाले काढ़े का सेवन करें। चाय के विकल्प के रूप में इसका सेवन करें।

रात के खाने और नाश्ते के बीच कम से कम 12 से 17 घंटे का अंतर देकर, रात का खाना सूर्यास्त से पहले और अगले दिन का पहला भोजन सुबह 10 बजे करें। सुबह गर्म पानी, नींबू का रस और एक चम्मच सेब के सिरका के साथ लहसुन की दो कली हर दूसरे दिन खाएं। इसके अगले दिन एक इंच कच्ची हल्दी या हल्दी पाउडर और 9 से 10 नीम के पत्तों का सेवन करें।

शहतूत, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी या अनार जैसे फल, गाजर, चुकंदर और आंवले का रस, एक चम्मच मिश्रित बीज (कद्दू के बीज, सफेद तिल, सूरजमुखी के बीज और अलसी/चिया सीड्स) का सेवन करें।

तीन टुकड़े अखरोट, दो टुकड़े ब्राजील नट्स या बादाम (सभी नट्स को रातभर भिगोना चाहिए) का सेवन करें। स्नैकिंग के लिए मखाना (सेंधा नमक के साथ) और स्वस्थ फैट्स के लिए नारियल मलाई या एवोकाडो का सेवन करें।

दोपहर में या जब भी भूख लगे, सफेद पेठा का रस या संतरे, हल्दी और अदरक का जूस या अदरक, खीरा और अनानास का जूस या घीया के जूस का सेवन करें। दिन में एक बार हनुमान फल या हरसिंगार के काढ़ा का सेवन करें।

शरीर के वजन के एक प्रतिशत के बराबर सलाद का सेवन करें, जिसमें टमाटर, पालक, मशरूम, गाजर, प्याज, मूली, चुकंदर, खीरा, शकरकंद, एवोकाडो, ब्रोकली, हरी बीन्स, लाल हरी पीली शिमला मिर्च शामिल हो (कच्चे संयोजन में से कोई भी चार-पांच)। चुकंदर या शकरकंद को पकाया जाना चाहिए।

पके हुए भोजन का सीमित सेवन करें। दो पकी हुई सब्जियां या एक पकी हुई सब्जी और दालें या चना या राजमा एक सर्विंग (कटोरी) से अधिक न लें। पकाने से पहले उन्हें रात भर भिगोना चाहिए।

दिन में कभी भी, खासकर अंतिम भोजन के बाद, गुनगुने पानी के साथ दो चम्मच ईसबगोल का सेवन जरूरी है क्योंकि कैंसर की जीवन रेखा खाद्य पदार्थों का पूर्ण निष्कासन है। रिफाइंड कार्ब्स, रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल, दूध उत्पाद और किसी भी प्रकार के पैक्ड फूड का सेवन न करें।

हमेशा कोल्ड प्रेस्ड नारियल तेल या कोल्ड प्रेस्ड सरसों का तेल (कच्ची घानी) या कोल्ड प्रेस्ड जैतून का तेल खाने में इस्तेमाल करें। किसी भी रिफाइंड तेल का सेवन न करें।

चपाती के लिए केवल क्विनोआ, बादाम या सिंघाड़ा के आटा का प्रयोग करें। उबला हुआ क्विनोआ, चावल का सबसे अच्छा विकल्प है। कभी-कभी करेले के रस का सेवन, संतरे या चकोतरा के साथ जूस बनाकर करें।

नियमित रूप से 50 से 70 ग्राम हरी पत्तियों का सेवन करना महत्वपूर्ण है। इसमें पालक, नीम, कड़ी पत्ते, लेट्यूस, धनिया, पुदीने के पत्ते, मूली के पत्ते, चुकंदर के पत्ते, किसी भी सलाद के पत्ते जिन्हें हरा रक्त कहा जाता है।

किसी भी तरह के सोडा या कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें और सफेद नमक के बदले सेंधा नमक का इस्तेमाल करें।

किसी भी रूप में नियमित रूप से व्यायाम करें, यह शरीर की बेहतरी के लिए उपचारात्मक दवा है ।

परिवार और दोस्तों से निरंतर प्रेरणा और प्यार के साथ सकारात्मक मानसिकता अडिग इच्छा शक्ति के लिए प्रोत्साहन का काम करेगा। सभी फलों और सब्जियों को बेकिंग सोडा से धोने और फिर एक चुटकी नमक के साथ पानी से धोने के बाद सेवन करें। बिना किसी चीनी की कोटिंग के खजूर कभी-कभी खाया जा सकता है।

–आईएएनएस

एफजेड/एकेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उस डाइट प्लान को शेयर किया है जिसके बारे में उनका दावा है कि कैंसर से जूझ रही उनकी पत्नी नवजोत कौर के बीमारी को मात देने में मददगार रहा था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि उनके लिए डॉक्टर भगवान का रूप हैं।

एक्स पर एक उन्होंने कहा, “आज मैं सभी के भले के लिए डाइट प्लान जारी कर रहा हूं। हमने जो कुछ भी किया है वह डॉक्टरों की सलाह के साथ एक सहयोगी प्रक्रिया में किया है। इस डाइट प्लान को बनाने में मेरा कोई योगदान नहीं है। मैंने दुनिया के बड़े-बड़े प्रख्यात डॉक्टरों के ऑब्जर्वेशन को इकट्ठा किया और डाइट प्लान बनाया। यह डॉक्टरों की सलाह से बनाया गया।”

उन्होंने कहा, “एक पुरानी कहावत है – जैसा अन्न, वैसा मन, वैसा तन। हम चाहते हैं कि जो खुशी हमें मिली है, जो फायदा लाभ हमें मिला है वह हम सबके साथ शेयर करें।”

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि उनकी पत्नी की कैंसर से जंग में सर्जरी, कीमोथेरेपी, हार्मोनल और टारगेटेड थेरेपी, सकारात्मकता और कैंसर से लड़ने का दृढ़ संकल्प शामिल था। इन सबको बल मिला एक सख्त डाइट प्लान और जीवनशैली से जो प्राचीन भारतीय आयुर्वेद, योशिनोरी ओसुमी के” ऑटोफैगी” के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रिसर्च और दुनिया भर के प्रख्यात डॉक्टरों के अवलोकनों के आधार पर तैयार की गई थी।

डाइट प्लान शेयर करते हुए उन्होंने लिखा :

आपके पीने के पानी का आदर्श पीएच स्तर 7 होना चाहिए, ताकि आपकी रिकवरी को बढ़ावा मिले। इलायची, तुलसी, पुदीना, अदरक और दालचीनी वाले काढ़े का सेवन करें। चाय के विकल्प के रूप में इसका सेवन करें।

रात के खाने और नाश्ते के बीच कम से कम 12 से 17 घंटे का अंतर देकर, रात का खाना सूर्यास्त से पहले और अगले दिन का पहला भोजन सुबह 10 बजे करें। सुबह गर्म पानी, नींबू का रस और एक चम्मच सेब के सिरका के साथ लहसुन की दो कली हर दूसरे दिन खाएं। इसके अगले दिन एक इंच कच्ची हल्दी या हल्दी पाउडर और 9 से 10 नीम के पत्तों का सेवन करें।

शहतूत, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी या अनार जैसे फल, गाजर, चुकंदर और आंवले का रस, एक चम्मच मिश्रित बीज (कद्दू के बीज, सफेद तिल, सूरजमुखी के बीज और अलसी/चिया सीड्स) का सेवन करें।

तीन टुकड़े अखरोट, दो टुकड़े ब्राजील नट्स या बादाम (सभी नट्स को रातभर भिगोना चाहिए) का सेवन करें। स्नैकिंग के लिए मखाना (सेंधा नमक के साथ) और स्वस्थ फैट्स के लिए नारियल मलाई या एवोकाडो का सेवन करें।

दोपहर में या जब भी भूख लगे, सफेद पेठा का रस या संतरे, हल्दी और अदरक का जूस या अदरक, खीरा और अनानास का जूस या घीया के जूस का सेवन करें। दिन में एक बार हनुमान फल या हरसिंगार के काढ़ा का सेवन करें।

शरीर के वजन के एक प्रतिशत के बराबर सलाद का सेवन करें, जिसमें टमाटर, पालक, मशरूम, गाजर, प्याज, मूली, चुकंदर, खीरा, शकरकंद, एवोकाडो, ब्रोकली, हरी बीन्स, लाल हरी पीली शिमला मिर्च शामिल हो (कच्चे संयोजन में से कोई भी चार-पांच)। चुकंदर या शकरकंद को पकाया जाना चाहिए।

पके हुए भोजन का सीमित सेवन करें। दो पकी हुई सब्जियां या एक पकी हुई सब्जी और दालें या चना या राजमा एक सर्विंग (कटोरी) से अधिक न लें। पकाने से पहले उन्हें रात भर भिगोना चाहिए।

दिन में कभी भी, खासकर अंतिम भोजन के बाद, गुनगुने पानी के साथ दो चम्मच ईसबगोल का सेवन जरूरी है क्योंकि कैंसर की जीवन रेखा खाद्य पदार्थों का पूर्ण निष्कासन है। रिफाइंड कार्ब्स, रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल, दूध उत्पाद और किसी भी प्रकार के पैक्ड फूड का सेवन न करें।

हमेशा कोल्ड प्रेस्ड नारियल तेल या कोल्ड प्रेस्ड सरसों का तेल (कच्ची घानी) या कोल्ड प्रेस्ड जैतून का तेल खाने में इस्तेमाल करें। किसी भी रिफाइंड तेल का सेवन न करें।

चपाती के लिए केवल क्विनोआ, बादाम या सिंघाड़ा के आटा का प्रयोग करें। उबला हुआ क्विनोआ, चावल का सबसे अच्छा विकल्प है। कभी-कभी करेले के रस का सेवन, संतरे या चकोतरा के साथ जूस बनाकर करें।

नियमित रूप से 50 से 70 ग्राम हरी पत्तियों का सेवन करना महत्वपूर्ण है। इसमें पालक, नीम, कड़ी पत्ते, लेट्यूस, धनिया, पुदीने के पत्ते, मूली के पत्ते, चुकंदर के पत्ते, किसी भी सलाद के पत्ते जिन्हें हरा रक्त कहा जाता है।

किसी भी तरह के सोडा या कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें और सफेद नमक के बदले सेंधा नमक का इस्तेमाल करें।

किसी भी रूप में नियमित रूप से व्यायाम करें, यह शरीर की बेहतरी के लिए उपचारात्मक दवा है ।

परिवार और दोस्तों से निरंतर प्रेरणा और प्यार के साथ सकारात्मक मानसिकता अडिग इच्छा शक्ति के लिए प्रोत्साहन का काम करेगा। सभी फलों और सब्जियों को बेकिंग सोडा से धोने और फिर एक चुटकी नमक के साथ पानी से धोने के बाद सेवन करें। बिना किसी चीनी की कोटिंग के खजूर कभी-कभी खाया जा सकता है।

–आईएएनएस

एफजेड/एकेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उस डाइट प्लान को शेयर किया है जिसके बारे में उनका दावा है कि कैंसर से जूझ रही उनकी पत्नी नवजोत कौर के बीमारी को मात देने में मददगार रहा था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि उनके लिए डॉक्टर भगवान का रूप हैं।

एक्स पर एक उन्होंने कहा, “आज मैं सभी के भले के लिए डाइट प्लान जारी कर रहा हूं। हमने जो कुछ भी किया है वह डॉक्टरों की सलाह के साथ एक सहयोगी प्रक्रिया में किया है। इस डाइट प्लान को बनाने में मेरा कोई योगदान नहीं है। मैंने दुनिया के बड़े-बड़े प्रख्यात डॉक्टरों के ऑब्जर्वेशन को इकट्ठा किया और डाइट प्लान बनाया। यह डॉक्टरों की सलाह से बनाया गया।”

उन्होंने कहा, “एक पुरानी कहावत है – जैसा अन्न, वैसा मन, वैसा तन। हम चाहते हैं कि जो खुशी हमें मिली है, जो फायदा लाभ हमें मिला है वह हम सबके साथ शेयर करें।”

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि उनकी पत्नी की कैंसर से जंग में सर्जरी, कीमोथेरेपी, हार्मोनल और टारगेटेड थेरेपी, सकारात्मकता और कैंसर से लड़ने का दृढ़ संकल्प शामिल था। इन सबको बल मिला एक सख्त डाइट प्लान और जीवनशैली से जो प्राचीन भारतीय आयुर्वेद, योशिनोरी ओसुमी के” ऑटोफैगी” के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रिसर्च और दुनिया भर के प्रख्यात डॉक्टरों के अवलोकनों के आधार पर तैयार की गई थी।

डाइट प्लान शेयर करते हुए उन्होंने लिखा :

आपके पीने के पानी का आदर्श पीएच स्तर 7 होना चाहिए, ताकि आपकी रिकवरी को बढ़ावा मिले। इलायची, तुलसी, पुदीना, अदरक और दालचीनी वाले काढ़े का सेवन करें। चाय के विकल्प के रूप में इसका सेवन करें।

रात के खाने और नाश्ते के बीच कम से कम 12 से 17 घंटे का अंतर देकर, रात का खाना सूर्यास्त से पहले और अगले दिन का पहला भोजन सुबह 10 बजे करें। सुबह गर्म पानी, नींबू का रस और एक चम्मच सेब के सिरका के साथ लहसुन की दो कली हर दूसरे दिन खाएं। इसके अगले दिन एक इंच कच्ची हल्दी या हल्दी पाउडर और 9 से 10 नीम के पत्तों का सेवन करें।

शहतूत, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी या अनार जैसे फल, गाजर, चुकंदर और आंवले का रस, एक चम्मच मिश्रित बीज (कद्दू के बीज, सफेद तिल, सूरजमुखी के बीज और अलसी/चिया सीड्स) का सेवन करें।

तीन टुकड़े अखरोट, दो टुकड़े ब्राजील नट्स या बादाम (सभी नट्स को रातभर भिगोना चाहिए) का सेवन करें। स्नैकिंग के लिए मखाना (सेंधा नमक के साथ) और स्वस्थ फैट्स के लिए नारियल मलाई या एवोकाडो का सेवन करें।

दोपहर में या जब भी भूख लगे, सफेद पेठा का रस या संतरे, हल्दी और अदरक का जूस या अदरक, खीरा और अनानास का जूस या घीया के जूस का सेवन करें। दिन में एक बार हनुमान फल या हरसिंगार के काढ़ा का सेवन करें।

शरीर के वजन के एक प्रतिशत के बराबर सलाद का सेवन करें, जिसमें टमाटर, पालक, मशरूम, गाजर, प्याज, मूली, चुकंदर, खीरा, शकरकंद, एवोकाडो, ब्रोकली, हरी बीन्स, लाल हरी पीली शिमला मिर्च शामिल हो (कच्चे संयोजन में से कोई भी चार-पांच)। चुकंदर या शकरकंद को पकाया जाना चाहिए।

पके हुए भोजन का सीमित सेवन करें। दो पकी हुई सब्जियां या एक पकी हुई सब्जी और दालें या चना या राजमा एक सर्विंग (कटोरी) से अधिक न लें। पकाने से पहले उन्हें रात भर भिगोना चाहिए।

दिन में कभी भी, खासकर अंतिम भोजन के बाद, गुनगुने पानी के साथ दो चम्मच ईसबगोल का सेवन जरूरी है क्योंकि कैंसर की जीवन रेखा खाद्य पदार्थों का पूर्ण निष्कासन है। रिफाइंड कार्ब्स, रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल, दूध उत्पाद और किसी भी प्रकार के पैक्ड फूड का सेवन न करें।

हमेशा कोल्ड प्रेस्ड नारियल तेल या कोल्ड प्रेस्ड सरसों का तेल (कच्ची घानी) या कोल्ड प्रेस्ड जैतून का तेल खाने में इस्तेमाल करें। किसी भी रिफाइंड तेल का सेवन न करें।

चपाती के लिए केवल क्विनोआ, बादाम या सिंघाड़ा के आटा का प्रयोग करें। उबला हुआ क्विनोआ, चावल का सबसे अच्छा विकल्प है। कभी-कभी करेले के रस का सेवन, संतरे या चकोतरा के साथ जूस बनाकर करें।

नियमित रूप से 50 से 70 ग्राम हरी पत्तियों का सेवन करना महत्वपूर्ण है। इसमें पालक, नीम, कड़ी पत्ते, लेट्यूस, धनिया, पुदीने के पत्ते, मूली के पत्ते, चुकंदर के पत्ते, किसी भी सलाद के पत्ते जिन्हें हरा रक्त कहा जाता है।

किसी भी तरह के सोडा या कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें और सफेद नमक के बदले सेंधा नमक का इस्तेमाल करें।

किसी भी रूप में नियमित रूप से व्यायाम करें, यह शरीर की बेहतरी के लिए उपचारात्मक दवा है ।

परिवार और दोस्तों से निरंतर प्रेरणा और प्यार के साथ सकारात्मक मानसिकता अडिग इच्छा शक्ति के लिए प्रोत्साहन का काम करेगा। सभी फलों और सब्जियों को बेकिंग सोडा से धोने और फिर एक चुटकी नमक के साथ पानी से धोने के बाद सेवन करें। बिना किसी चीनी की कोटिंग के खजूर कभी-कभी खाया जा सकता है।

–आईएएनएस

एफजेड/एकेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उस डाइट प्लान को शेयर किया है जिसके बारे में उनका दावा है कि कैंसर से जूझ रही उनकी पत्नी नवजोत कौर के बीमारी को मात देने में मददगार रहा था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि उनके लिए डॉक्टर भगवान का रूप हैं।

एक्स पर एक उन्होंने कहा, “आज मैं सभी के भले के लिए डाइट प्लान जारी कर रहा हूं। हमने जो कुछ भी किया है वह डॉक्टरों की सलाह के साथ एक सहयोगी प्रक्रिया में किया है। इस डाइट प्लान को बनाने में मेरा कोई योगदान नहीं है। मैंने दुनिया के बड़े-बड़े प्रख्यात डॉक्टरों के ऑब्जर्वेशन को इकट्ठा किया और डाइट प्लान बनाया। यह डॉक्टरों की सलाह से बनाया गया।”

उन्होंने कहा, “एक पुरानी कहावत है – जैसा अन्न, वैसा मन, वैसा तन। हम चाहते हैं कि जो खुशी हमें मिली है, जो फायदा लाभ हमें मिला है वह हम सबके साथ शेयर करें।”

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि उनकी पत्नी की कैंसर से जंग में सर्जरी, कीमोथेरेपी, हार्मोनल और टारगेटेड थेरेपी, सकारात्मकता और कैंसर से लड़ने का दृढ़ संकल्प शामिल था। इन सबको बल मिला एक सख्त डाइट प्लान और जीवनशैली से जो प्राचीन भारतीय आयुर्वेद, योशिनोरी ओसुमी के” ऑटोफैगी” के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रिसर्च और दुनिया भर के प्रख्यात डॉक्टरों के अवलोकनों के आधार पर तैयार की गई थी।

डाइट प्लान शेयर करते हुए उन्होंने लिखा :

आपके पीने के पानी का आदर्श पीएच स्तर 7 होना चाहिए, ताकि आपकी रिकवरी को बढ़ावा मिले। इलायची, तुलसी, पुदीना, अदरक और दालचीनी वाले काढ़े का सेवन करें। चाय के विकल्प के रूप में इसका सेवन करें।

रात के खाने और नाश्ते के बीच कम से कम 12 से 17 घंटे का अंतर देकर, रात का खाना सूर्यास्त से पहले और अगले दिन का पहला भोजन सुबह 10 बजे करें। सुबह गर्म पानी, नींबू का रस और एक चम्मच सेब के सिरका के साथ लहसुन की दो कली हर दूसरे दिन खाएं। इसके अगले दिन एक इंच कच्ची हल्दी या हल्दी पाउडर और 9 से 10 नीम के पत्तों का सेवन करें।

शहतूत, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी या अनार जैसे फल, गाजर, चुकंदर और आंवले का रस, एक चम्मच मिश्रित बीज (कद्दू के बीज, सफेद तिल, सूरजमुखी के बीज और अलसी/चिया सीड्स) का सेवन करें।

तीन टुकड़े अखरोट, दो टुकड़े ब्राजील नट्स या बादाम (सभी नट्स को रातभर भिगोना चाहिए) का सेवन करें। स्नैकिंग के लिए मखाना (सेंधा नमक के साथ) और स्वस्थ फैट्स के लिए नारियल मलाई या एवोकाडो का सेवन करें।

दोपहर में या जब भी भूख लगे, सफेद पेठा का रस या संतरे, हल्दी और अदरक का जूस या अदरक, खीरा और अनानास का जूस या घीया के जूस का सेवन करें। दिन में एक बार हनुमान फल या हरसिंगार के काढ़ा का सेवन करें।

शरीर के वजन के एक प्रतिशत के बराबर सलाद का सेवन करें, जिसमें टमाटर, पालक, मशरूम, गाजर, प्याज, मूली, चुकंदर, खीरा, शकरकंद, एवोकाडो, ब्रोकली, हरी बीन्स, लाल हरी पीली शिमला मिर्च शामिल हो (कच्चे संयोजन में से कोई भी चार-पांच)। चुकंदर या शकरकंद को पकाया जाना चाहिए।

पके हुए भोजन का सीमित सेवन करें। दो पकी हुई सब्जियां या एक पकी हुई सब्जी और दालें या चना या राजमा एक सर्विंग (कटोरी) से अधिक न लें। पकाने से पहले उन्हें रात भर भिगोना चाहिए।

दिन में कभी भी, खासकर अंतिम भोजन के बाद, गुनगुने पानी के साथ दो चम्मच ईसबगोल का सेवन जरूरी है क्योंकि कैंसर की जीवन रेखा खाद्य पदार्थों का पूर्ण निष्कासन है। रिफाइंड कार्ब्स, रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल, दूध उत्पाद और किसी भी प्रकार के पैक्ड फूड का सेवन न करें।

हमेशा कोल्ड प्रेस्ड नारियल तेल या कोल्ड प्रेस्ड सरसों का तेल (कच्ची घानी) या कोल्ड प्रेस्ड जैतून का तेल खाने में इस्तेमाल करें। किसी भी रिफाइंड तेल का सेवन न करें।

चपाती के लिए केवल क्विनोआ, बादाम या सिंघाड़ा के आटा का प्रयोग करें। उबला हुआ क्विनोआ, चावल का सबसे अच्छा विकल्प है। कभी-कभी करेले के रस का सेवन, संतरे या चकोतरा के साथ जूस बनाकर करें।

नियमित रूप से 50 से 70 ग्राम हरी पत्तियों का सेवन करना महत्वपूर्ण है। इसमें पालक, नीम, कड़ी पत्ते, लेट्यूस, धनिया, पुदीने के पत्ते, मूली के पत्ते, चुकंदर के पत्ते, किसी भी सलाद के पत्ते जिन्हें हरा रक्त कहा जाता है।

किसी भी तरह के सोडा या कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें और सफेद नमक के बदले सेंधा नमक का इस्तेमाल करें।

किसी भी रूप में नियमित रूप से व्यायाम करें, यह शरीर की बेहतरी के लिए उपचारात्मक दवा है ।

परिवार और दोस्तों से निरंतर प्रेरणा और प्यार के साथ सकारात्मक मानसिकता अडिग इच्छा शक्ति के लिए प्रोत्साहन का काम करेगा। सभी फलों और सब्जियों को बेकिंग सोडा से धोने और फिर एक चुटकी नमक के साथ पानी से धोने के बाद सेवन करें। बिना किसी चीनी की कोटिंग के खजूर कभी-कभी खाया जा सकता है।

–आईएएनएस

एफजेड/एकेजे

नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उस डाइट प्लान को शेयर किया है जिसके बारे में उनका दावा है कि कैंसर से जूझ रही उनकी पत्नी नवजोत कौर के बीमारी को मात देने में मददगार रहा था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि उनके लिए डॉक्टर भगवान का रूप हैं।

एक्स पर एक उन्होंने कहा, “आज मैं सभी के भले के लिए डाइट प्लान जारी कर रहा हूं। हमने जो कुछ भी किया है वह डॉक्टरों की सलाह के साथ एक सहयोगी प्रक्रिया में किया है। इस डाइट प्लान को बनाने में मेरा कोई योगदान नहीं है। मैंने दुनिया के बड़े-बड़े प्रख्यात डॉक्टरों के ऑब्जर्वेशन को इकट्ठा किया और डाइट प्लान बनाया। यह डॉक्टरों की सलाह से बनाया गया।”

उन्होंने कहा, “एक पुरानी कहावत है – जैसा अन्न, वैसा मन, वैसा तन। हम चाहते हैं कि जो खुशी हमें मिली है, जो फायदा लाभ हमें मिला है वह हम सबके साथ शेयर करें।”

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि उनकी पत्नी की कैंसर से जंग में सर्जरी, कीमोथेरेपी, हार्मोनल और टारगेटेड थेरेपी, सकारात्मकता और कैंसर से लड़ने का दृढ़ संकल्प शामिल था। इन सबको बल मिला एक सख्त डाइट प्लान और जीवनशैली से जो प्राचीन भारतीय आयुर्वेद, योशिनोरी ओसुमी के” ऑटोफैगी” के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रिसर्च और दुनिया भर के प्रख्यात डॉक्टरों के अवलोकनों के आधार पर तैयार की गई थी।

डाइट प्लान शेयर करते हुए उन्होंने लिखा :

आपके पीने के पानी का आदर्श पीएच स्तर 7 होना चाहिए, ताकि आपकी रिकवरी को बढ़ावा मिले। इलायची, तुलसी, पुदीना, अदरक और दालचीनी वाले काढ़े का सेवन करें। चाय के विकल्प के रूप में इसका सेवन करें।

रात के खाने और नाश्ते के बीच कम से कम 12 से 17 घंटे का अंतर देकर, रात का खाना सूर्यास्त से पहले और अगले दिन का पहला भोजन सुबह 10 बजे करें। सुबह गर्म पानी, नींबू का रस और एक चम्मच सेब के सिरका के साथ लहसुन की दो कली हर दूसरे दिन खाएं। इसके अगले दिन एक इंच कच्ची हल्दी या हल्दी पाउडर और 9 से 10 नीम के पत्तों का सेवन करें।

शहतूत, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी या अनार जैसे फल, गाजर, चुकंदर और आंवले का रस, एक चम्मच मिश्रित बीज (कद्दू के बीज, सफेद तिल, सूरजमुखी के बीज और अलसी/चिया सीड्स) का सेवन करें।

तीन टुकड़े अखरोट, दो टुकड़े ब्राजील नट्स या बादाम (सभी नट्स को रातभर भिगोना चाहिए) का सेवन करें। स्नैकिंग के लिए मखाना (सेंधा नमक के साथ) और स्वस्थ फैट्स के लिए नारियल मलाई या एवोकाडो का सेवन करें।

दोपहर में या जब भी भूख लगे, सफेद पेठा का रस या संतरे, हल्दी और अदरक का जूस या अदरक, खीरा और अनानास का जूस या घीया के जूस का सेवन करें। दिन में एक बार हनुमान फल या हरसिंगार के काढ़ा का सेवन करें।

शरीर के वजन के एक प्रतिशत के बराबर सलाद का सेवन करें, जिसमें टमाटर, पालक, मशरूम, गाजर, प्याज, मूली, चुकंदर, खीरा, शकरकंद, एवोकाडो, ब्रोकली, हरी बीन्स, लाल हरी पीली शिमला मिर्च शामिल हो (कच्चे संयोजन में से कोई भी चार-पांच)। चुकंदर या शकरकंद को पकाया जाना चाहिए।

पके हुए भोजन का सीमित सेवन करें। दो पकी हुई सब्जियां या एक पकी हुई सब्जी और दालें या चना या राजमा एक सर्विंग (कटोरी) से अधिक न लें। पकाने से पहले उन्हें रात भर भिगोना चाहिए।

दिन में कभी भी, खासकर अंतिम भोजन के बाद, गुनगुने पानी के साथ दो चम्मच ईसबगोल का सेवन जरूरी है क्योंकि कैंसर की जीवन रेखा खाद्य पदार्थों का पूर्ण निष्कासन है। रिफाइंड कार्ब्स, रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल, दूध उत्पाद और किसी भी प्रकार के पैक्ड फूड का सेवन न करें।

हमेशा कोल्ड प्रेस्ड नारियल तेल या कोल्ड प्रेस्ड सरसों का तेल (कच्ची घानी) या कोल्ड प्रेस्ड जैतून का तेल खाने में इस्तेमाल करें। किसी भी रिफाइंड तेल का सेवन न करें।

चपाती के लिए केवल क्विनोआ, बादाम या सिंघाड़ा के आटा का प्रयोग करें। उबला हुआ क्विनोआ, चावल का सबसे अच्छा विकल्प है। कभी-कभी करेले के रस का सेवन, संतरे या चकोतरा के साथ जूस बनाकर करें।

नियमित रूप से 50 से 70 ग्राम हरी पत्तियों का सेवन करना महत्वपूर्ण है। इसमें पालक, नीम, कड़ी पत्ते, लेट्यूस, धनिया, पुदीने के पत्ते, मूली के पत्ते, चुकंदर के पत्ते, किसी भी सलाद के पत्ते जिन्हें हरा रक्त कहा जाता है।

किसी भी तरह के सोडा या कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें और सफेद नमक के बदले सेंधा नमक का इस्तेमाल करें।

किसी भी रूप में नियमित रूप से व्यायाम करें, यह शरीर की बेहतरी के लिए उपचारात्मक दवा है ।

परिवार और दोस्तों से निरंतर प्रेरणा और प्यार के साथ सकारात्मक मानसिकता अडिग इच्छा शक्ति के लिए प्रोत्साहन का काम करेगा। सभी फलों और सब्जियों को बेकिंग सोडा से धोने और फिर एक चुटकी नमक के साथ पानी से धोने के बाद सेवन करें। बिना किसी चीनी की कोटिंग के खजूर कभी-कभी खाया जा सकता है।

–आईएएनएस

एफजेड/एकेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उस डाइट प्लान को शेयर किया है जिसके बारे में उनका दावा है कि कैंसर से जूझ रही उनकी पत्नी नवजोत कौर के बीमारी को मात देने में मददगार रहा था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि उनके लिए डॉक्टर भगवान का रूप हैं।

एक्स पर एक उन्होंने कहा, “आज मैं सभी के भले के लिए डाइट प्लान जारी कर रहा हूं। हमने जो कुछ भी किया है वह डॉक्टरों की सलाह के साथ एक सहयोगी प्रक्रिया में किया है। इस डाइट प्लान को बनाने में मेरा कोई योगदान नहीं है। मैंने दुनिया के बड़े-बड़े प्रख्यात डॉक्टरों के ऑब्जर्वेशन को इकट्ठा किया और डाइट प्लान बनाया। यह डॉक्टरों की सलाह से बनाया गया।”

उन्होंने कहा, “एक पुरानी कहावत है – जैसा अन्न, वैसा मन, वैसा तन। हम चाहते हैं कि जो खुशी हमें मिली है, जो फायदा लाभ हमें मिला है वह हम सबके साथ शेयर करें।”

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि उनकी पत्नी की कैंसर से जंग में सर्जरी, कीमोथेरेपी, हार्मोनल और टारगेटेड थेरेपी, सकारात्मकता और कैंसर से लड़ने का दृढ़ संकल्प शामिल था। इन सबको बल मिला एक सख्त डाइट प्लान और जीवनशैली से जो प्राचीन भारतीय आयुर्वेद, योशिनोरी ओसुमी के” ऑटोफैगी” के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रिसर्च और दुनिया भर के प्रख्यात डॉक्टरों के अवलोकनों के आधार पर तैयार की गई थी।

डाइट प्लान शेयर करते हुए उन्होंने लिखा :

आपके पीने के पानी का आदर्श पीएच स्तर 7 होना चाहिए, ताकि आपकी रिकवरी को बढ़ावा मिले। इलायची, तुलसी, पुदीना, अदरक और दालचीनी वाले काढ़े का सेवन करें। चाय के विकल्प के रूप में इसका सेवन करें।

रात के खाने और नाश्ते के बीच कम से कम 12 से 17 घंटे का अंतर देकर, रात का खाना सूर्यास्त से पहले और अगले दिन का पहला भोजन सुबह 10 बजे करें। सुबह गर्म पानी, नींबू का रस और एक चम्मच सेब के सिरका के साथ लहसुन की दो कली हर दूसरे दिन खाएं। इसके अगले दिन एक इंच कच्ची हल्दी या हल्दी पाउडर और 9 से 10 नीम के पत्तों का सेवन करें।

शहतूत, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी या अनार जैसे फल, गाजर, चुकंदर और आंवले का रस, एक चम्मच मिश्रित बीज (कद्दू के बीज, सफेद तिल, सूरजमुखी के बीज और अलसी/चिया सीड्स) का सेवन करें।

तीन टुकड़े अखरोट, दो टुकड़े ब्राजील नट्स या बादाम (सभी नट्स को रातभर भिगोना चाहिए) का सेवन करें। स्नैकिंग के लिए मखाना (सेंधा नमक के साथ) और स्वस्थ फैट्स के लिए नारियल मलाई या एवोकाडो का सेवन करें।

दोपहर में या जब भी भूख लगे, सफेद पेठा का रस या संतरे, हल्दी और अदरक का जूस या अदरक, खीरा और अनानास का जूस या घीया के जूस का सेवन करें। दिन में एक बार हनुमान फल या हरसिंगार के काढ़ा का सेवन करें।

शरीर के वजन के एक प्रतिशत के बराबर सलाद का सेवन करें, जिसमें टमाटर, पालक, मशरूम, गाजर, प्याज, मूली, चुकंदर, खीरा, शकरकंद, एवोकाडो, ब्रोकली, हरी बीन्स, लाल हरी पीली शिमला मिर्च शामिल हो (कच्चे संयोजन में से कोई भी चार-पांच)। चुकंदर या शकरकंद को पकाया जाना चाहिए।

पके हुए भोजन का सीमित सेवन करें। दो पकी हुई सब्जियां या एक पकी हुई सब्जी और दालें या चना या राजमा एक सर्विंग (कटोरी) से अधिक न लें। पकाने से पहले उन्हें रात भर भिगोना चाहिए।

दिन में कभी भी, खासकर अंतिम भोजन के बाद, गुनगुने पानी के साथ दो चम्मच ईसबगोल का सेवन जरूरी है क्योंकि कैंसर की जीवन रेखा खाद्य पदार्थों का पूर्ण निष्कासन है। रिफाइंड कार्ब्स, रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल, दूध उत्पाद और किसी भी प्रकार के पैक्ड फूड का सेवन न करें।

हमेशा कोल्ड प्रेस्ड नारियल तेल या कोल्ड प्रेस्ड सरसों का तेल (कच्ची घानी) या कोल्ड प्रेस्ड जैतून का तेल खाने में इस्तेमाल करें। किसी भी रिफाइंड तेल का सेवन न करें।

चपाती के लिए केवल क्विनोआ, बादाम या सिंघाड़ा के आटा का प्रयोग करें। उबला हुआ क्विनोआ, चावल का सबसे अच्छा विकल्प है। कभी-कभी करेले के रस का सेवन, संतरे या चकोतरा के साथ जूस बनाकर करें।

नियमित रूप से 50 से 70 ग्राम हरी पत्तियों का सेवन करना महत्वपूर्ण है। इसमें पालक, नीम, कड़ी पत्ते, लेट्यूस, धनिया, पुदीने के पत्ते, मूली के पत्ते, चुकंदर के पत्ते, किसी भी सलाद के पत्ते जिन्हें हरा रक्त कहा जाता है।

किसी भी तरह के सोडा या कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें और सफेद नमक के बदले सेंधा नमक का इस्तेमाल करें।

किसी भी रूप में नियमित रूप से व्यायाम करें, यह शरीर की बेहतरी के लिए उपचारात्मक दवा है ।

परिवार और दोस्तों से निरंतर प्रेरणा और प्यार के साथ सकारात्मक मानसिकता अडिग इच्छा शक्ति के लिए प्रोत्साहन का काम करेगा। सभी फलों और सब्जियों को बेकिंग सोडा से धोने और फिर एक चुटकी नमक के साथ पानी से धोने के बाद सेवन करें। बिना किसी चीनी की कोटिंग के खजूर कभी-कभी खाया जा सकता है।

–आईएएनएस

एफजेड/एकेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उस डाइट प्लान को शेयर किया है जिसके बारे में उनका दावा है कि कैंसर से जूझ रही उनकी पत्नी नवजोत कौर के बीमारी को मात देने में मददगार रहा था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि उनके लिए डॉक्टर भगवान का रूप हैं।

एक्स पर एक उन्होंने कहा, “आज मैं सभी के भले के लिए डाइट प्लान जारी कर रहा हूं। हमने जो कुछ भी किया है वह डॉक्टरों की सलाह के साथ एक सहयोगी प्रक्रिया में किया है। इस डाइट प्लान को बनाने में मेरा कोई योगदान नहीं है। मैंने दुनिया के बड़े-बड़े प्रख्यात डॉक्टरों के ऑब्जर्वेशन को इकट्ठा किया और डाइट प्लान बनाया। यह डॉक्टरों की सलाह से बनाया गया।”

उन्होंने कहा, “एक पुरानी कहावत है – जैसा अन्न, वैसा मन, वैसा तन। हम चाहते हैं कि जो खुशी हमें मिली है, जो फायदा लाभ हमें मिला है वह हम सबके साथ शेयर करें।”

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि उनकी पत्नी की कैंसर से जंग में सर्जरी, कीमोथेरेपी, हार्मोनल और टारगेटेड थेरेपी, सकारात्मकता और कैंसर से लड़ने का दृढ़ संकल्प शामिल था। इन सबको बल मिला एक सख्त डाइट प्लान और जीवनशैली से जो प्राचीन भारतीय आयुर्वेद, योशिनोरी ओसुमी के” ऑटोफैगी” के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रिसर्च और दुनिया भर के प्रख्यात डॉक्टरों के अवलोकनों के आधार पर तैयार की गई थी।

डाइट प्लान शेयर करते हुए उन्होंने लिखा :

आपके पीने के पानी का आदर्श पीएच स्तर 7 होना चाहिए, ताकि आपकी रिकवरी को बढ़ावा मिले। इलायची, तुलसी, पुदीना, अदरक और दालचीनी वाले काढ़े का सेवन करें। चाय के विकल्प के रूप में इसका सेवन करें।

रात के खाने और नाश्ते के बीच कम से कम 12 से 17 घंटे का अंतर देकर, रात का खाना सूर्यास्त से पहले और अगले दिन का पहला भोजन सुबह 10 बजे करें। सुबह गर्म पानी, नींबू का रस और एक चम्मच सेब के सिरका के साथ लहसुन की दो कली हर दूसरे दिन खाएं। इसके अगले दिन एक इंच कच्ची हल्दी या हल्दी पाउडर और 9 से 10 नीम के पत्तों का सेवन करें।

शहतूत, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी या अनार जैसे फल, गाजर, चुकंदर और आंवले का रस, एक चम्मच मिश्रित बीज (कद्दू के बीज, सफेद तिल, सूरजमुखी के बीज और अलसी/चिया सीड्स) का सेवन करें।

तीन टुकड़े अखरोट, दो टुकड़े ब्राजील नट्स या बादाम (सभी नट्स को रातभर भिगोना चाहिए) का सेवन करें। स्नैकिंग के लिए मखाना (सेंधा नमक के साथ) और स्वस्थ फैट्स के लिए नारियल मलाई या एवोकाडो का सेवन करें।

दोपहर में या जब भी भूख लगे, सफेद पेठा का रस या संतरे, हल्दी और अदरक का जूस या अदरक, खीरा और अनानास का जूस या घीया के जूस का सेवन करें। दिन में एक बार हनुमान फल या हरसिंगार के काढ़ा का सेवन करें।

शरीर के वजन के एक प्रतिशत के बराबर सलाद का सेवन करें, जिसमें टमाटर, पालक, मशरूम, गाजर, प्याज, मूली, चुकंदर, खीरा, शकरकंद, एवोकाडो, ब्रोकली, हरी बीन्स, लाल हरी पीली शिमला मिर्च शामिल हो (कच्चे संयोजन में से कोई भी चार-पांच)। चुकंदर या शकरकंद को पकाया जाना चाहिए।

पके हुए भोजन का सीमित सेवन करें। दो पकी हुई सब्जियां या एक पकी हुई सब्जी और दालें या चना या राजमा एक सर्विंग (कटोरी) से अधिक न लें। पकाने से पहले उन्हें रात भर भिगोना चाहिए।

दिन में कभी भी, खासकर अंतिम भोजन के बाद, गुनगुने पानी के साथ दो चम्मच ईसबगोल का सेवन जरूरी है क्योंकि कैंसर की जीवन रेखा खाद्य पदार्थों का पूर्ण निष्कासन है। रिफाइंड कार्ब्स, रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल, दूध उत्पाद और किसी भी प्रकार के पैक्ड फूड का सेवन न करें।

हमेशा कोल्ड प्रेस्ड नारियल तेल या कोल्ड प्रेस्ड सरसों का तेल (कच्ची घानी) या कोल्ड प्रेस्ड जैतून का तेल खाने में इस्तेमाल करें। किसी भी रिफाइंड तेल का सेवन न करें।

चपाती के लिए केवल क्विनोआ, बादाम या सिंघाड़ा के आटा का प्रयोग करें। उबला हुआ क्विनोआ, चावल का सबसे अच्छा विकल्प है। कभी-कभी करेले के रस का सेवन, संतरे या चकोतरा के साथ जूस बनाकर करें।

नियमित रूप से 50 से 70 ग्राम हरी पत्तियों का सेवन करना महत्वपूर्ण है। इसमें पालक, नीम, कड़ी पत्ते, लेट्यूस, धनिया, पुदीने के पत्ते, मूली के पत्ते, चुकंदर के पत्ते, किसी भी सलाद के पत्ते जिन्हें हरा रक्त कहा जाता है।

किसी भी तरह के सोडा या कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें और सफेद नमक के बदले सेंधा नमक का इस्तेमाल करें।

किसी भी रूप में नियमित रूप से व्यायाम करें, यह शरीर की बेहतरी के लिए उपचारात्मक दवा है ।

परिवार और दोस्तों से निरंतर प्रेरणा और प्यार के साथ सकारात्मक मानसिकता अडिग इच्छा शक्ति के लिए प्रोत्साहन का काम करेगा। सभी फलों और सब्जियों को बेकिंग सोडा से धोने और फिर एक चुटकी नमक के साथ पानी से धोने के बाद सेवन करें। बिना किसी चीनी की कोटिंग के खजूर कभी-कभी खाया जा सकता है।

–आईएएनएस

एफजेड/एकेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उस डाइट प्लान को शेयर किया है जिसके बारे में उनका दावा है कि कैंसर से जूझ रही उनकी पत्नी नवजोत कौर के बीमारी को मात देने में मददगार रहा था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि उनके लिए डॉक्टर भगवान का रूप हैं।

एक्स पर एक उन्होंने कहा, “आज मैं सभी के भले के लिए डाइट प्लान जारी कर रहा हूं। हमने जो कुछ भी किया है वह डॉक्टरों की सलाह के साथ एक सहयोगी प्रक्रिया में किया है। इस डाइट प्लान को बनाने में मेरा कोई योगदान नहीं है। मैंने दुनिया के बड़े-बड़े प्रख्यात डॉक्टरों के ऑब्जर्वेशन को इकट्ठा किया और डाइट प्लान बनाया। यह डॉक्टरों की सलाह से बनाया गया।”

उन्होंने कहा, “एक पुरानी कहावत है – जैसा अन्न, वैसा मन, वैसा तन। हम चाहते हैं कि जो खुशी हमें मिली है, जो फायदा लाभ हमें मिला है वह हम सबके साथ शेयर करें।”

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि उनकी पत्नी की कैंसर से जंग में सर्जरी, कीमोथेरेपी, हार्मोनल और टारगेटेड थेरेपी, सकारात्मकता और कैंसर से लड़ने का दृढ़ संकल्प शामिल था। इन सबको बल मिला एक सख्त डाइट प्लान और जीवनशैली से जो प्राचीन भारतीय आयुर्वेद, योशिनोरी ओसुमी के” ऑटोफैगी” के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रिसर्च और दुनिया भर के प्रख्यात डॉक्टरों के अवलोकनों के आधार पर तैयार की गई थी।

डाइट प्लान शेयर करते हुए उन्होंने लिखा :

आपके पीने के पानी का आदर्श पीएच स्तर 7 होना चाहिए, ताकि आपकी रिकवरी को बढ़ावा मिले। इलायची, तुलसी, पुदीना, अदरक और दालचीनी वाले काढ़े का सेवन करें। चाय के विकल्प के रूप में इसका सेवन करें।

रात के खाने और नाश्ते के बीच कम से कम 12 से 17 घंटे का अंतर देकर, रात का खाना सूर्यास्त से पहले और अगले दिन का पहला भोजन सुबह 10 बजे करें। सुबह गर्म पानी, नींबू का रस और एक चम्मच सेब के सिरका के साथ लहसुन की दो कली हर दूसरे दिन खाएं। इसके अगले दिन एक इंच कच्ची हल्दी या हल्दी पाउडर और 9 से 10 नीम के पत्तों का सेवन करें।

शहतूत, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी या अनार जैसे फल, गाजर, चुकंदर और आंवले का रस, एक चम्मच मिश्रित बीज (कद्दू के बीज, सफेद तिल, सूरजमुखी के बीज और अलसी/चिया सीड्स) का सेवन करें।

तीन टुकड़े अखरोट, दो टुकड़े ब्राजील नट्स या बादाम (सभी नट्स को रातभर भिगोना चाहिए) का सेवन करें। स्नैकिंग के लिए मखाना (सेंधा नमक के साथ) और स्वस्थ फैट्स के लिए नारियल मलाई या एवोकाडो का सेवन करें।

दोपहर में या जब भी भूख लगे, सफेद पेठा का रस या संतरे, हल्दी और अदरक का जूस या अदरक, खीरा और अनानास का जूस या घीया के जूस का सेवन करें। दिन में एक बार हनुमान फल या हरसिंगार के काढ़ा का सेवन करें।

शरीर के वजन के एक प्रतिशत के बराबर सलाद का सेवन करें, जिसमें टमाटर, पालक, मशरूम, गाजर, प्याज, मूली, चुकंदर, खीरा, शकरकंद, एवोकाडो, ब्रोकली, हरी बीन्स, लाल हरी पीली शिमला मिर्च शामिल हो (कच्चे संयोजन में से कोई भी चार-पांच)। चुकंदर या शकरकंद को पकाया जाना चाहिए।

पके हुए भोजन का सीमित सेवन करें। दो पकी हुई सब्जियां या एक पकी हुई सब्जी और दालें या चना या राजमा एक सर्विंग (कटोरी) से अधिक न लें। पकाने से पहले उन्हें रात भर भिगोना चाहिए।

दिन में कभी भी, खासकर अंतिम भोजन के बाद, गुनगुने पानी के साथ दो चम्मच ईसबगोल का सेवन जरूरी है क्योंकि कैंसर की जीवन रेखा खाद्य पदार्थों का पूर्ण निष्कासन है। रिफाइंड कार्ब्स, रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल, दूध उत्पाद और किसी भी प्रकार के पैक्ड फूड का सेवन न करें।

हमेशा कोल्ड प्रेस्ड नारियल तेल या कोल्ड प्रेस्ड सरसों का तेल (कच्ची घानी) या कोल्ड प्रेस्ड जैतून का तेल खाने में इस्तेमाल करें। किसी भी रिफाइंड तेल का सेवन न करें।

चपाती के लिए केवल क्विनोआ, बादाम या सिंघाड़ा के आटा का प्रयोग करें। उबला हुआ क्विनोआ, चावल का सबसे अच्छा विकल्प है। कभी-कभी करेले के रस का सेवन, संतरे या चकोतरा के साथ जूस बनाकर करें।

नियमित रूप से 50 से 70 ग्राम हरी पत्तियों का सेवन करना महत्वपूर्ण है। इसमें पालक, नीम, कड़ी पत्ते, लेट्यूस, धनिया, पुदीने के पत्ते, मूली के पत्ते, चुकंदर के पत्ते, किसी भी सलाद के पत्ते जिन्हें हरा रक्त कहा जाता है।

किसी भी तरह के सोडा या कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें और सफेद नमक के बदले सेंधा नमक का इस्तेमाल करें।

किसी भी रूप में नियमित रूप से व्यायाम करें, यह शरीर की बेहतरी के लिए उपचारात्मक दवा है ।

परिवार और दोस्तों से निरंतर प्रेरणा और प्यार के साथ सकारात्मक मानसिकता अडिग इच्छा शक्ति के लिए प्रोत्साहन का काम करेगा। सभी फलों और सब्जियों को बेकिंग सोडा से धोने और फिर एक चुटकी नमक के साथ पानी से धोने के बाद सेवन करें। बिना किसी चीनी की कोटिंग के खजूर कभी-कभी खाया जा सकता है।

–आईएएनएस

एफजेड/एकेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उस डाइट प्लान को शेयर किया है जिसके बारे में उनका दावा है कि कैंसर से जूझ रही उनकी पत्नी नवजोत कौर के बीमारी को मात देने में मददगार रहा था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि उनके लिए डॉक्टर भगवान का रूप हैं।

एक्स पर एक उन्होंने कहा, “आज मैं सभी के भले के लिए डाइट प्लान जारी कर रहा हूं। हमने जो कुछ भी किया है वह डॉक्टरों की सलाह के साथ एक सहयोगी प्रक्रिया में किया है। इस डाइट प्लान को बनाने में मेरा कोई योगदान नहीं है। मैंने दुनिया के बड़े-बड़े प्रख्यात डॉक्टरों के ऑब्जर्वेशन को इकट्ठा किया और डाइट प्लान बनाया। यह डॉक्टरों की सलाह से बनाया गया।”

उन्होंने कहा, “एक पुरानी कहावत है – जैसा अन्न, वैसा मन, वैसा तन। हम चाहते हैं कि जो खुशी हमें मिली है, जो फायदा लाभ हमें मिला है वह हम सबके साथ शेयर करें।”

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि उनकी पत्नी की कैंसर से जंग में सर्जरी, कीमोथेरेपी, हार्मोनल और टारगेटेड थेरेपी, सकारात्मकता और कैंसर से लड़ने का दृढ़ संकल्प शामिल था। इन सबको बल मिला एक सख्त डाइट प्लान और जीवनशैली से जो प्राचीन भारतीय आयुर्वेद, योशिनोरी ओसुमी के” ऑटोफैगी” के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रिसर्च और दुनिया भर के प्रख्यात डॉक्टरों के अवलोकनों के आधार पर तैयार की गई थी।

डाइट प्लान शेयर करते हुए उन्होंने लिखा :

आपके पीने के पानी का आदर्श पीएच स्तर 7 होना चाहिए, ताकि आपकी रिकवरी को बढ़ावा मिले। इलायची, तुलसी, पुदीना, अदरक और दालचीनी वाले काढ़े का सेवन करें। चाय के विकल्प के रूप में इसका सेवन करें।

रात के खाने और नाश्ते के बीच कम से कम 12 से 17 घंटे का अंतर देकर, रात का खाना सूर्यास्त से पहले और अगले दिन का पहला भोजन सुबह 10 बजे करें। सुबह गर्म पानी, नींबू का रस और एक चम्मच सेब के सिरका के साथ लहसुन की दो कली हर दूसरे दिन खाएं। इसके अगले दिन एक इंच कच्ची हल्दी या हल्दी पाउडर और 9 से 10 नीम के पत्तों का सेवन करें।

शहतूत, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी या अनार जैसे फल, गाजर, चुकंदर और आंवले का रस, एक चम्मच मिश्रित बीज (कद्दू के बीज, सफेद तिल, सूरजमुखी के बीज और अलसी/चिया सीड्स) का सेवन करें।

तीन टुकड़े अखरोट, दो टुकड़े ब्राजील नट्स या बादाम (सभी नट्स को रातभर भिगोना चाहिए) का सेवन करें। स्नैकिंग के लिए मखाना (सेंधा नमक के साथ) और स्वस्थ फैट्स के लिए नारियल मलाई या एवोकाडो का सेवन करें।

दोपहर में या जब भी भूख लगे, सफेद पेठा का रस या संतरे, हल्दी और अदरक का जूस या अदरक, खीरा और अनानास का जूस या घीया के जूस का सेवन करें। दिन में एक बार हनुमान फल या हरसिंगार के काढ़ा का सेवन करें।

शरीर के वजन के एक प्रतिशत के बराबर सलाद का सेवन करें, जिसमें टमाटर, पालक, मशरूम, गाजर, प्याज, मूली, चुकंदर, खीरा, शकरकंद, एवोकाडो, ब्रोकली, हरी बीन्स, लाल हरी पीली शिमला मिर्च शामिल हो (कच्चे संयोजन में से कोई भी चार-पांच)। चुकंदर या शकरकंद को पकाया जाना चाहिए।

पके हुए भोजन का सीमित सेवन करें। दो पकी हुई सब्जियां या एक पकी हुई सब्जी और दालें या चना या राजमा एक सर्विंग (कटोरी) से अधिक न लें। पकाने से पहले उन्हें रात भर भिगोना चाहिए।

दिन में कभी भी, खासकर अंतिम भोजन के बाद, गुनगुने पानी के साथ दो चम्मच ईसबगोल का सेवन जरूरी है क्योंकि कैंसर की जीवन रेखा खाद्य पदार्थों का पूर्ण निष्कासन है। रिफाइंड कार्ब्स, रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल, दूध उत्पाद और किसी भी प्रकार के पैक्ड फूड का सेवन न करें।

हमेशा कोल्ड प्रेस्ड नारियल तेल या कोल्ड प्रेस्ड सरसों का तेल (कच्ची घानी) या कोल्ड प्रेस्ड जैतून का तेल खाने में इस्तेमाल करें। किसी भी रिफाइंड तेल का सेवन न करें।

चपाती के लिए केवल क्विनोआ, बादाम या सिंघाड़ा के आटा का प्रयोग करें। उबला हुआ क्विनोआ, चावल का सबसे अच्छा विकल्प है। कभी-कभी करेले के रस का सेवन, संतरे या चकोतरा के साथ जूस बनाकर करें।

नियमित रूप से 50 से 70 ग्राम हरी पत्तियों का सेवन करना महत्वपूर्ण है। इसमें पालक, नीम, कड़ी पत्ते, लेट्यूस, धनिया, पुदीने के पत्ते, मूली के पत्ते, चुकंदर के पत्ते, किसी भी सलाद के पत्ते जिन्हें हरा रक्त कहा जाता है।

किसी भी तरह के सोडा या कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें और सफेद नमक के बदले सेंधा नमक का इस्तेमाल करें।

किसी भी रूप में नियमित रूप से व्यायाम करें, यह शरीर की बेहतरी के लिए उपचारात्मक दवा है ।

परिवार और दोस्तों से निरंतर प्रेरणा और प्यार के साथ सकारात्मक मानसिकता अडिग इच्छा शक्ति के लिए प्रोत्साहन का काम करेगा। सभी फलों और सब्जियों को बेकिंग सोडा से धोने और फिर एक चुटकी नमक के साथ पानी से धोने के बाद सेवन करें। बिना किसी चीनी की कोटिंग के खजूर कभी-कभी खाया जा सकता है।

–आईएएनएस

एफजेड/एकेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उस डाइट प्लान को शेयर किया है जिसके बारे में उनका दावा है कि कैंसर से जूझ रही उनकी पत्नी नवजोत कौर के बीमारी को मात देने में मददगार रहा था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि उनके लिए डॉक्टर भगवान का रूप हैं।

एक्स पर एक उन्होंने कहा, “आज मैं सभी के भले के लिए डाइट प्लान जारी कर रहा हूं। हमने जो कुछ भी किया है वह डॉक्टरों की सलाह के साथ एक सहयोगी प्रक्रिया में किया है। इस डाइट प्लान को बनाने में मेरा कोई योगदान नहीं है। मैंने दुनिया के बड़े-बड़े प्रख्यात डॉक्टरों के ऑब्जर्वेशन को इकट्ठा किया और डाइट प्लान बनाया। यह डॉक्टरों की सलाह से बनाया गया।”

उन्होंने कहा, “एक पुरानी कहावत है – जैसा अन्न, वैसा मन, वैसा तन। हम चाहते हैं कि जो खुशी हमें मिली है, जो फायदा लाभ हमें मिला है वह हम सबके साथ शेयर करें।”

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि उनकी पत्नी की कैंसर से जंग में सर्जरी, कीमोथेरेपी, हार्मोनल और टारगेटेड थेरेपी, सकारात्मकता और कैंसर से लड़ने का दृढ़ संकल्प शामिल था। इन सबको बल मिला एक सख्त डाइट प्लान और जीवनशैली से जो प्राचीन भारतीय आयुर्वेद, योशिनोरी ओसुमी के” ऑटोफैगी” के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रिसर्च और दुनिया भर के प्रख्यात डॉक्टरों के अवलोकनों के आधार पर तैयार की गई थी।

डाइट प्लान शेयर करते हुए उन्होंने लिखा :

आपके पीने के पानी का आदर्श पीएच स्तर 7 होना चाहिए, ताकि आपकी रिकवरी को बढ़ावा मिले। इलायची, तुलसी, पुदीना, अदरक और दालचीनी वाले काढ़े का सेवन करें। चाय के विकल्प के रूप में इसका सेवन करें।

रात के खाने और नाश्ते के बीच कम से कम 12 से 17 घंटे का अंतर देकर, रात का खाना सूर्यास्त से पहले और अगले दिन का पहला भोजन सुबह 10 बजे करें। सुबह गर्म पानी, नींबू का रस और एक चम्मच सेब के सिरका के साथ लहसुन की दो कली हर दूसरे दिन खाएं। इसके अगले दिन एक इंच कच्ची हल्दी या हल्दी पाउडर और 9 से 10 नीम के पत्तों का सेवन करें।

शहतूत, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी या अनार जैसे फल, गाजर, चुकंदर और आंवले का रस, एक चम्मच मिश्रित बीज (कद्दू के बीज, सफेद तिल, सूरजमुखी के बीज और अलसी/चिया सीड्स) का सेवन करें।

तीन टुकड़े अखरोट, दो टुकड़े ब्राजील नट्स या बादाम (सभी नट्स को रातभर भिगोना चाहिए) का सेवन करें। स्नैकिंग के लिए मखाना (सेंधा नमक के साथ) और स्वस्थ फैट्स के लिए नारियल मलाई या एवोकाडो का सेवन करें।

दोपहर में या जब भी भूख लगे, सफेद पेठा का रस या संतरे, हल्दी और अदरक का जूस या अदरक, खीरा और अनानास का जूस या घीया के जूस का सेवन करें। दिन में एक बार हनुमान फल या हरसिंगार के काढ़ा का सेवन करें।

शरीर के वजन के एक प्रतिशत के बराबर सलाद का सेवन करें, जिसमें टमाटर, पालक, मशरूम, गाजर, प्याज, मूली, चुकंदर, खीरा, शकरकंद, एवोकाडो, ब्रोकली, हरी बीन्स, लाल हरी पीली शिमला मिर्च शामिल हो (कच्चे संयोजन में से कोई भी चार-पांच)। चुकंदर या शकरकंद को पकाया जाना चाहिए।

पके हुए भोजन का सीमित सेवन करें। दो पकी हुई सब्जियां या एक पकी हुई सब्जी और दालें या चना या राजमा एक सर्विंग (कटोरी) से अधिक न लें। पकाने से पहले उन्हें रात भर भिगोना चाहिए।

दिन में कभी भी, खासकर अंतिम भोजन के बाद, गुनगुने पानी के साथ दो चम्मच ईसबगोल का सेवन जरूरी है क्योंकि कैंसर की जीवन रेखा खाद्य पदार्थों का पूर्ण निष्कासन है। रिफाइंड कार्ब्स, रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल, दूध उत्पाद और किसी भी प्रकार के पैक्ड फूड का सेवन न करें।

हमेशा कोल्ड प्रेस्ड नारियल तेल या कोल्ड प्रेस्ड सरसों का तेल (कच्ची घानी) या कोल्ड प्रेस्ड जैतून का तेल खाने में इस्तेमाल करें। किसी भी रिफाइंड तेल का सेवन न करें।

चपाती के लिए केवल क्विनोआ, बादाम या सिंघाड़ा के आटा का प्रयोग करें। उबला हुआ क्विनोआ, चावल का सबसे अच्छा विकल्प है। कभी-कभी करेले के रस का सेवन, संतरे या चकोतरा के साथ जूस बनाकर करें।

नियमित रूप से 50 से 70 ग्राम हरी पत्तियों का सेवन करना महत्वपूर्ण है। इसमें पालक, नीम, कड़ी पत्ते, लेट्यूस, धनिया, पुदीने के पत्ते, मूली के पत्ते, चुकंदर के पत्ते, किसी भी सलाद के पत्ते जिन्हें हरा रक्त कहा जाता है।

किसी भी तरह के सोडा या कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें और सफेद नमक के बदले सेंधा नमक का इस्तेमाल करें।

किसी भी रूप में नियमित रूप से व्यायाम करें, यह शरीर की बेहतरी के लिए उपचारात्मक दवा है ।

परिवार और दोस्तों से निरंतर प्रेरणा और प्यार के साथ सकारात्मक मानसिकता अडिग इच्छा शक्ति के लिए प्रोत्साहन का काम करेगा। सभी फलों और सब्जियों को बेकिंग सोडा से धोने और फिर एक चुटकी नमक के साथ पानी से धोने के बाद सेवन करें। बिना किसी चीनी की कोटिंग के खजूर कभी-कभी खाया जा सकता है।

–आईएएनएस

एफजेड/एकेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उस डाइट प्लान को शेयर किया है जिसके बारे में उनका दावा है कि कैंसर से जूझ रही उनकी पत्नी नवजोत कौर के बीमारी को मात देने में मददगार रहा था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि उनके लिए डॉक्टर भगवान का रूप हैं।

एक्स पर एक उन्होंने कहा, “आज मैं सभी के भले के लिए डाइट प्लान जारी कर रहा हूं। हमने जो कुछ भी किया है वह डॉक्टरों की सलाह के साथ एक सहयोगी प्रक्रिया में किया है। इस डाइट प्लान को बनाने में मेरा कोई योगदान नहीं है। मैंने दुनिया के बड़े-बड़े प्रख्यात डॉक्टरों के ऑब्जर्वेशन को इकट्ठा किया और डाइट प्लान बनाया। यह डॉक्टरों की सलाह से बनाया गया।”

उन्होंने कहा, “एक पुरानी कहावत है – जैसा अन्न, वैसा मन, वैसा तन। हम चाहते हैं कि जो खुशी हमें मिली है, जो फायदा लाभ हमें मिला है वह हम सबके साथ शेयर करें।”

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि उनकी पत्नी की कैंसर से जंग में सर्जरी, कीमोथेरेपी, हार्मोनल और टारगेटेड थेरेपी, सकारात्मकता और कैंसर से लड़ने का दृढ़ संकल्प शामिल था। इन सबको बल मिला एक सख्त डाइट प्लान और जीवनशैली से जो प्राचीन भारतीय आयुर्वेद, योशिनोरी ओसुमी के” ऑटोफैगी” के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रिसर्च और दुनिया भर के प्रख्यात डॉक्टरों के अवलोकनों के आधार पर तैयार की गई थी।

डाइट प्लान शेयर करते हुए उन्होंने लिखा :

आपके पीने के पानी का आदर्श पीएच स्तर 7 होना चाहिए, ताकि आपकी रिकवरी को बढ़ावा मिले। इलायची, तुलसी, पुदीना, अदरक और दालचीनी वाले काढ़े का सेवन करें। चाय के विकल्प के रूप में इसका सेवन करें।

रात के खाने और नाश्ते के बीच कम से कम 12 से 17 घंटे का अंतर देकर, रात का खाना सूर्यास्त से पहले और अगले दिन का पहला भोजन सुबह 10 बजे करें। सुबह गर्म पानी, नींबू का रस और एक चम्मच सेब के सिरका के साथ लहसुन की दो कली हर दूसरे दिन खाएं। इसके अगले दिन एक इंच कच्ची हल्दी या हल्दी पाउडर और 9 से 10 नीम के पत्तों का सेवन करें।

शहतूत, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी या अनार जैसे फल, गाजर, चुकंदर और आंवले का रस, एक चम्मच मिश्रित बीज (कद्दू के बीज, सफेद तिल, सूरजमुखी के बीज और अलसी/चिया सीड्स) का सेवन करें।

तीन टुकड़े अखरोट, दो टुकड़े ब्राजील नट्स या बादाम (सभी नट्स को रातभर भिगोना चाहिए) का सेवन करें। स्नैकिंग के लिए मखाना (सेंधा नमक के साथ) और स्वस्थ फैट्स के लिए नारियल मलाई या एवोकाडो का सेवन करें।

दोपहर में या जब भी भूख लगे, सफेद पेठा का रस या संतरे, हल्दी और अदरक का जूस या अदरक, खीरा और अनानास का जूस या घीया के जूस का सेवन करें। दिन में एक बार हनुमान फल या हरसिंगार के काढ़ा का सेवन करें।

शरीर के वजन के एक प्रतिशत के बराबर सलाद का सेवन करें, जिसमें टमाटर, पालक, मशरूम, गाजर, प्याज, मूली, चुकंदर, खीरा, शकरकंद, एवोकाडो, ब्रोकली, हरी बीन्स, लाल हरी पीली शिमला मिर्च शामिल हो (कच्चे संयोजन में से कोई भी चार-पांच)। चुकंदर या शकरकंद को पकाया जाना चाहिए।

पके हुए भोजन का सीमित सेवन करें। दो पकी हुई सब्जियां या एक पकी हुई सब्जी और दालें या चना या राजमा एक सर्विंग (कटोरी) से अधिक न लें। पकाने से पहले उन्हें रात भर भिगोना चाहिए।

दिन में कभी भी, खासकर अंतिम भोजन के बाद, गुनगुने पानी के साथ दो चम्मच ईसबगोल का सेवन जरूरी है क्योंकि कैंसर की जीवन रेखा खाद्य पदार्थों का पूर्ण निष्कासन है। रिफाइंड कार्ब्स, रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल, दूध उत्पाद और किसी भी प्रकार के पैक्ड फूड का सेवन न करें।

हमेशा कोल्ड प्रेस्ड नारियल तेल या कोल्ड प्रेस्ड सरसों का तेल (कच्ची घानी) या कोल्ड प्रेस्ड जैतून का तेल खाने में इस्तेमाल करें। किसी भी रिफाइंड तेल का सेवन न करें।

चपाती के लिए केवल क्विनोआ, बादाम या सिंघाड़ा के आटा का प्रयोग करें। उबला हुआ क्विनोआ, चावल का सबसे अच्छा विकल्प है। कभी-कभी करेले के रस का सेवन, संतरे या चकोतरा के साथ जूस बनाकर करें।

नियमित रूप से 50 से 70 ग्राम हरी पत्तियों का सेवन करना महत्वपूर्ण है। इसमें पालक, नीम, कड़ी पत्ते, लेट्यूस, धनिया, पुदीने के पत्ते, मूली के पत्ते, चुकंदर के पत्ते, किसी भी सलाद के पत्ते जिन्हें हरा रक्त कहा जाता है।

किसी भी तरह के सोडा या कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें और सफेद नमक के बदले सेंधा नमक का इस्तेमाल करें।

किसी भी रूप में नियमित रूप से व्यायाम करें, यह शरीर की बेहतरी के लिए उपचारात्मक दवा है ।

परिवार और दोस्तों से निरंतर प्रेरणा और प्यार के साथ सकारात्मक मानसिकता अडिग इच्छा शक्ति के लिए प्रोत्साहन का काम करेगा। सभी फलों और सब्जियों को बेकिंग सोडा से धोने और फिर एक चुटकी नमक के साथ पानी से धोने के बाद सेवन करें। बिना किसी चीनी की कोटिंग के खजूर कभी-कभी खाया जा सकता है।

–आईएएनएस

एफजेड/एकेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उस डाइट प्लान को शेयर किया है जिसके बारे में उनका दावा है कि कैंसर से जूझ रही उनकी पत्नी नवजोत कौर के बीमारी को मात देने में मददगार रहा था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि उनके लिए डॉक्टर भगवान का रूप हैं।

एक्स पर एक उन्होंने कहा, “आज मैं सभी के भले के लिए डाइट प्लान जारी कर रहा हूं। हमने जो कुछ भी किया है वह डॉक्टरों की सलाह के साथ एक सहयोगी प्रक्रिया में किया है। इस डाइट प्लान को बनाने में मेरा कोई योगदान नहीं है। मैंने दुनिया के बड़े-बड़े प्रख्यात डॉक्टरों के ऑब्जर्वेशन को इकट्ठा किया और डाइट प्लान बनाया। यह डॉक्टरों की सलाह से बनाया गया।”

उन्होंने कहा, “एक पुरानी कहावत है – जैसा अन्न, वैसा मन, वैसा तन। हम चाहते हैं कि जो खुशी हमें मिली है, जो फायदा लाभ हमें मिला है वह हम सबके साथ शेयर करें।”

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि उनकी पत्नी की कैंसर से जंग में सर्जरी, कीमोथेरेपी, हार्मोनल और टारगेटेड थेरेपी, सकारात्मकता और कैंसर से लड़ने का दृढ़ संकल्प शामिल था। इन सबको बल मिला एक सख्त डाइट प्लान और जीवनशैली से जो प्राचीन भारतीय आयुर्वेद, योशिनोरी ओसुमी के” ऑटोफैगी” के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रिसर्च और दुनिया भर के प्रख्यात डॉक्टरों के अवलोकनों के आधार पर तैयार की गई थी।

डाइट प्लान शेयर करते हुए उन्होंने लिखा :

आपके पीने के पानी का आदर्श पीएच स्तर 7 होना चाहिए, ताकि आपकी रिकवरी को बढ़ावा मिले। इलायची, तुलसी, पुदीना, अदरक और दालचीनी वाले काढ़े का सेवन करें। चाय के विकल्प के रूप में इसका सेवन करें।

रात के खाने और नाश्ते के बीच कम से कम 12 से 17 घंटे का अंतर देकर, रात का खाना सूर्यास्त से पहले और अगले दिन का पहला भोजन सुबह 10 बजे करें। सुबह गर्म पानी, नींबू का रस और एक चम्मच सेब के सिरका के साथ लहसुन की दो कली हर दूसरे दिन खाएं। इसके अगले दिन एक इंच कच्ची हल्दी या हल्दी पाउडर और 9 से 10 नीम के पत्तों का सेवन करें।

शहतूत, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी या अनार जैसे फल, गाजर, चुकंदर और आंवले का रस, एक चम्मच मिश्रित बीज (कद्दू के बीज, सफेद तिल, सूरजमुखी के बीज और अलसी/चिया सीड्स) का सेवन करें।

तीन टुकड़े अखरोट, दो टुकड़े ब्राजील नट्स या बादाम (सभी नट्स को रातभर भिगोना चाहिए) का सेवन करें। स्नैकिंग के लिए मखाना (सेंधा नमक के साथ) और स्वस्थ फैट्स के लिए नारियल मलाई या एवोकाडो का सेवन करें।

दोपहर में या जब भी भूख लगे, सफेद पेठा का रस या संतरे, हल्दी और अदरक का जूस या अदरक, खीरा और अनानास का जूस या घीया के जूस का सेवन करें। दिन में एक बार हनुमान फल या हरसिंगार के काढ़ा का सेवन करें।

शरीर के वजन के एक प्रतिशत के बराबर सलाद का सेवन करें, जिसमें टमाटर, पालक, मशरूम, गाजर, प्याज, मूली, चुकंदर, खीरा, शकरकंद, एवोकाडो, ब्रोकली, हरी बीन्स, लाल हरी पीली शिमला मिर्च शामिल हो (कच्चे संयोजन में से कोई भी चार-पांच)। चुकंदर या शकरकंद को पकाया जाना चाहिए।

पके हुए भोजन का सीमित सेवन करें। दो पकी हुई सब्जियां या एक पकी हुई सब्जी और दालें या चना या राजमा एक सर्विंग (कटोरी) से अधिक न लें। पकाने से पहले उन्हें रात भर भिगोना चाहिए।

दिन में कभी भी, खासकर अंतिम भोजन के बाद, गुनगुने पानी के साथ दो चम्मच ईसबगोल का सेवन जरूरी है क्योंकि कैंसर की जीवन रेखा खाद्य पदार्थों का पूर्ण निष्कासन है। रिफाइंड कार्ब्स, रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल, दूध उत्पाद और किसी भी प्रकार के पैक्ड फूड का सेवन न करें।

हमेशा कोल्ड प्रेस्ड नारियल तेल या कोल्ड प्रेस्ड सरसों का तेल (कच्ची घानी) या कोल्ड प्रेस्ड जैतून का तेल खाने में इस्तेमाल करें। किसी भी रिफाइंड तेल का सेवन न करें।

चपाती के लिए केवल क्विनोआ, बादाम या सिंघाड़ा के आटा का प्रयोग करें। उबला हुआ क्विनोआ, चावल का सबसे अच्छा विकल्प है। कभी-कभी करेले के रस का सेवन, संतरे या चकोतरा के साथ जूस बनाकर करें।

नियमित रूप से 50 से 70 ग्राम हरी पत्तियों का सेवन करना महत्वपूर्ण है। इसमें पालक, नीम, कड़ी पत्ते, लेट्यूस, धनिया, पुदीने के पत्ते, मूली के पत्ते, चुकंदर के पत्ते, किसी भी सलाद के पत्ते जिन्हें हरा रक्त कहा जाता है।

किसी भी तरह के सोडा या कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें और सफेद नमक के बदले सेंधा नमक का इस्तेमाल करें।

किसी भी रूप में नियमित रूप से व्यायाम करें, यह शरीर की बेहतरी के लिए उपचारात्मक दवा है ।

परिवार और दोस्तों से निरंतर प्रेरणा और प्यार के साथ सकारात्मक मानसिकता अडिग इच्छा शक्ति के लिए प्रोत्साहन का काम करेगा। सभी फलों और सब्जियों को बेकिंग सोडा से धोने और फिर एक चुटकी नमक के साथ पानी से धोने के बाद सेवन करें। बिना किसी चीनी की कोटिंग के खजूर कभी-कभी खाया जा सकता है।

–आईएएनएस

एफजेड/एकेजे

Related Posts

Radiographer misbehaves with patients
जबलपुर

मरीजों के साथ अभद्रता करता है रेडियोग्राफार

September 10, 2025
A young man was brutally beaten up in front of Chitrakoot MLA
जबलपुर

चित्रकूट विधायक के सामने युवक की बेदम पिटाई

September 10, 2025
अंतिम संस्कार की तैयारी के बीच घर लौटा लापता युवक
ताज़ा समाचार

अंतिम संस्कार की तैयारी के बीच घर लौटा लापता युवक, परिजन बोले ‘भूत’

September 10, 2025
ताज़ा समाचार

पीएम मोदी के मणिपुर दौरे पर अभिषेक बनर्जी का तंज, ‘ढाई साल से जल रहा मणिपुर’

September 10, 2025
ताज़ा समाचार

सलारपुर खादर में अवैध निर्माण पर प्राधिकरण की कार्रवाई, किसानों ने किया विरोध

September 10, 2025
ताज़ा समाचार

त्रिपुरा से हिमाचल के लिए आई मदद, सीएम माणिक साहा ने भेजी राहत सामग्री

September 10, 2025
Next Post

संसद चर्चा-परिचर्चा करने का मंच, हंगामा करने का नहीं : जगदंबिका पाल

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

097612
Total views : 5970647
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In