जबलपुर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा नगर पालिका द्वारा जर्जर भवनों पर कार्रवाई नहीं करने को चुनौती दी गई थी. याचिका में कहा गया था कि जर्जर भवन लोगों की जान के लिए खतरा बनें हुए है. चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत एवं जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए आवेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
गाडरवारा निवासी शुभम कौरव की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास ने 7 अगस्त 2024 को आदेश जारी कर खतरनाक एवं जर्जर भवनों को गिराने के निर्देष जारी किये थे. याचिका में आरोप लगाते हुए कहा गया था कि नगर पालिका परिषद गाडरवारा के मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा पार्षदों के राजनीतिक दबाव में आकर एवं अनैतिक वित्तीय लाभ लेकर उचित कार्रवाई नहीं कर रहें है.
उन्होंने केवल ऐसे भवन मालिकों को नोटिस जारी कर खानापूर्ति की है. इससे न सिर्फ जर्जर एवं जीर्ण-शीर्ण भवनों में निवास करने वालों वरन राहगीरों की सुरक्षा को भी जान-माल का खतरा है. ऐसे मकानों में जुआ, शराबखोरी जैसी असामाजिक गतिविधियां भी संचालित हो रही हैं. इन मुद्दों को लेकर अधिकारियों को शिकायत की गई. जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो याचिका दायर की गई.
याचिका में प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास विभाग, आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास, कलेक्टर नरसिंहपुर, अनुविभागीय दण्डाधिकारी गाडरवारा, तहसीलदार गाडरवारा एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी गाडरवारा को अनावेदक बनाया गया था. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.