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Home ताज़ा समाचार

एमसीडी चुनाव में कुछ ऐसा रहा भाजपा सांसदों का प्रदर्शन

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December 7, 2022
in ताज़ा समाचार
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एमसीडी चुनाव में कुछ ऐसा रहा भाजपा सांसदों का प्रदर्शन
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नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली नगर निगम के चुनाव में लगातार तीन बार से जीत हासिल करने वाली भाजपा को आम आदमी पार्टी ने हरा दिया है। हालांकि तमाम पूवार्नुमानों और एग्जिट पोल को धत्ता बताते हुए भाजपा ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि वो हारे हुए चुनाव को भी पुरजोर और दमदार तरीके से लड़ती है और आखिर तक माहौल को बदलने का प्रयास करती है।

दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा और आप में कांटे की टक्कर के बीच 134 सीटों पर जीत हासिल कर आम आदमी पार्टी ने भाजपा को अब एमसीडी की सत्ता से भी बाहर कर दिया है। लेकिन हारने के बावजूद 104 सीटें जीतकर भाजपा ने यह संदेश तो दे ही दिया है कि आप के लिए दिल्ली विधान सभा की तरह दिल्ली नगर निगम को चलाना बहुत आसान नहीं रहने वाला है।

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हालांकि यह भी एक तथ्य है कि दिल्ली नगर निगम के नतीजों ने कई सांसदों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। दिल्ली से भाजपा के सभी सांसदों के प्रदर्शन की बात करें तो सबसे ज्यादा शानदार प्रदर्शन गौतम गंभीर का रहा है और इस मामले में केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सबसे पिछड़ गई हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी दिल्ली से लोक सभा सांसद गौतम गंभीर के संसदीय क्षेत्र में नगर निगम के कुल 36 वार्ड हैं जिसमें से 22 वाडरें में भाजपा को जीत हासिल हुई है। वहीं भाजपा का सबसे खराब प्रदर्शन नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र में रहा है जहां से केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सांसद हैं। लेखी के संसदीय क्षेत्र में निगम के 25 वार्ड आते हैं जिनमें से भाजपा के खाते में सिर्फ 5 वार्ड ही आ पाएं हैं।

अन्य सांसदों की बात करें तो,डॉ हर्षवर्धन के संसदीय क्षेत्र चांदनी चौक में आने वाले कुल 30 वाडरें में से 16 पर भाजपा जीती है। मनोज तिवारी के उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में आने वाले 41 वाडरे में से 20 सीटों पर जीत हासिल कर भाजपा ने यहां से आप को पछाड़ दिया है।

प्रवेश वर्मा के संसदीय क्षेत्र पश्चिमी दिल्ली में आप ने भाजपा को पछाड़ दिया है। वर्मा के संसदीय क्षेत्र में निगम के 38 वार्ड आते हैं जिनमें से सिर्फ 14 वाडरे में ही वर्मा अपनी पार्टी को जीता पाएं हैं।

रमेश बिधूड़ी के संसदीय क्षेत्र दक्षिणी दिल्ली में आने वाले कुल 37 वाडरें में से भाजपा को सिर्फ 13 वाडरें में ही जीत हासिल हो पाई। हंसराज हंस के संसदीय क्षेत्र उत्तर पश्चिमी दिल्ली में निगम के 43 वार्ड आते हैं, जिनमें से भाजपा को महज 14 सीटों पर ही जीत हासिल हो पाई।

–आईएएनएस

एसटीपी/एएनएम

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नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली नगर निगम के चुनाव में लगातार तीन बार से जीत हासिल करने वाली भाजपा को आम आदमी पार्टी ने हरा दिया है। हालांकि तमाम पूवार्नुमानों और एग्जिट पोल को धत्ता बताते हुए भाजपा ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि वो हारे हुए चुनाव को भी पुरजोर और दमदार तरीके से लड़ती है और आखिर तक माहौल को बदलने का प्रयास करती है।

दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा और आप में कांटे की टक्कर के बीच 134 सीटों पर जीत हासिल कर आम आदमी पार्टी ने भाजपा को अब एमसीडी की सत्ता से भी बाहर कर दिया है। लेकिन हारने के बावजूद 104 सीटें जीतकर भाजपा ने यह संदेश तो दे ही दिया है कि आप के लिए दिल्ली विधान सभा की तरह दिल्ली नगर निगम को चलाना बहुत आसान नहीं रहने वाला है।

हालांकि यह भी एक तथ्य है कि दिल्ली नगर निगम के नतीजों ने कई सांसदों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। दिल्ली से भाजपा के सभी सांसदों के प्रदर्शन की बात करें तो सबसे ज्यादा शानदार प्रदर्शन गौतम गंभीर का रहा है और इस मामले में केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सबसे पिछड़ गई हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी दिल्ली से लोक सभा सांसद गौतम गंभीर के संसदीय क्षेत्र में नगर निगम के कुल 36 वार्ड हैं जिसमें से 22 वाडरें में भाजपा को जीत हासिल हुई है। वहीं भाजपा का सबसे खराब प्रदर्शन नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र में रहा है जहां से केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सांसद हैं। लेखी के संसदीय क्षेत्र में निगम के 25 वार्ड आते हैं जिनमें से भाजपा के खाते में सिर्फ 5 वार्ड ही आ पाएं हैं।

अन्य सांसदों की बात करें तो,डॉ हर्षवर्धन के संसदीय क्षेत्र चांदनी चौक में आने वाले कुल 30 वाडरें में से 16 पर भाजपा जीती है। मनोज तिवारी के उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में आने वाले 41 वाडरे में से 20 सीटों पर जीत हासिल कर भाजपा ने यहां से आप को पछाड़ दिया है।

प्रवेश वर्मा के संसदीय क्षेत्र पश्चिमी दिल्ली में आप ने भाजपा को पछाड़ दिया है। वर्मा के संसदीय क्षेत्र में निगम के 38 वार्ड आते हैं जिनमें से सिर्फ 14 वाडरे में ही वर्मा अपनी पार्टी को जीता पाएं हैं।

रमेश बिधूड़ी के संसदीय क्षेत्र दक्षिणी दिल्ली में आने वाले कुल 37 वाडरें में से भाजपा को सिर्फ 13 वाडरें में ही जीत हासिल हो पाई। हंसराज हंस के संसदीय क्षेत्र उत्तर पश्चिमी दिल्ली में निगम के 43 वार्ड आते हैं, जिनमें से भाजपा को महज 14 सीटों पर ही जीत हासिल हो पाई।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली नगर निगम के चुनाव में लगातार तीन बार से जीत हासिल करने वाली भाजपा को आम आदमी पार्टी ने हरा दिया है। हालांकि तमाम पूवार्नुमानों और एग्जिट पोल को धत्ता बताते हुए भाजपा ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि वो हारे हुए चुनाव को भी पुरजोर और दमदार तरीके से लड़ती है और आखिर तक माहौल को बदलने का प्रयास करती है।

दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा और आप में कांटे की टक्कर के बीच 134 सीटों पर जीत हासिल कर आम आदमी पार्टी ने भाजपा को अब एमसीडी की सत्ता से भी बाहर कर दिया है। लेकिन हारने के बावजूद 104 सीटें जीतकर भाजपा ने यह संदेश तो दे ही दिया है कि आप के लिए दिल्ली विधान सभा की तरह दिल्ली नगर निगम को चलाना बहुत आसान नहीं रहने वाला है।

हालांकि यह भी एक तथ्य है कि दिल्ली नगर निगम के नतीजों ने कई सांसदों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। दिल्ली से भाजपा के सभी सांसदों के प्रदर्शन की बात करें तो सबसे ज्यादा शानदार प्रदर्शन गौतम गंभीर का रहा है और इस मामले में केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सबसे पिछड़ गई हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी दिल्ली से लोक सभा सांसद गौतम गंभीर के संसदीय क्षेत्र में नगर निगम के कुल 36 वार्ड हैं जिसमें से 22 वाडरें में भाजपा को जीत हासिल हुई है। वहीं भाजपा का सबसे खराब प्रदर्शन नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र में रहा है जहां से केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सांसद हैं। लेखी के संसदीय क्षेत्र में निगम के 25 वार्ड आते हैं जिनमें से भाजपा के खाते में सिर्फ 5 वार्ड ही आ पाएं हैं।

अन्य सांसदों की बात करें तो,डॉ हर्षवर्धन के संसदीय क्षेत्र चांदनी चौक में आने वाले कुल 30 वाडरें में से 16 पर भाजपा जीती है। मनोज तिवारी के उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में आने वाले 41 वाडरे में से 20 सीटों पर जीत हासिल कर भाजपा ने यहां से आप को पछाड़ दिया है।

प्रवेश वर्मा के संसदीय क्षेत्र पश्चिमी दिल्ली में आप ने भाजपा को पछाड़ दिया है। वर्मा के संसदीय क्षेत्र में निगम के 38 वार्ड आते हैं जिनमें से सिर्फ 14 वाडरे में ही वर्मा अपनी पार्टी को जीता पाएं हैं।

रमेश बिधूड़ी के संसदीय क्षेत्र दक्षिणी दिल्ली में आने वाले कुल 37 वाडरें में से भाजपा को सिर्फ 13 वाडरें में ही जीत हासिल हो पाई। हंसराज हंस के संसदीय क्षेत्र उत्तर पश्चिमी दिल्ली में निगम के 43 वार्ड आते हैं, जिनमें से भाजपा को महज 14 सीटों पर ही जीत हासिल हो पाई।

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नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली नगर निगम के चुनाव में लगातार तीन बार से जीत हासिल करने वाली भाजपा को आम आदमी पार्टी ने हरा दिया है। हालांकि तमाम पूवार्नुमानों और एग्जिट पोल को धत्ता बताते हुए भाजपा ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि वो हारे हुए चुनाव को भी पुरजोर और दमदार तरीके से लड़ती है और आखिर तक माहौल को बदलने का प्रयास करती है।

दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा और आप में कांटे की टक्कर के बीच 134 सीटों पर जीत हासिल कर आम आदमी पार्टी ने भाजपा को अब एमसीडी की सत्ता से भी बाहर कर दिया है। लेकिन हारने के बावजूद 104 सीटें जीतकर भाजपा ने यह संदेश तो दे ही दिया है कि आप के लिए दिल्ली विधान सभा की तरह दिल्ली नगर निगम को चलाना बहुत आसान नहीं रहने वाला है।

हालांकि यह भी एक तथ्य है कि दिल्ली नगर निगम के नतीजों ने कई सांसदों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। दिल्ली से भाजपा के सभी सांसदों के प्रदर्शन की बात करें तो सबसे ज्यादा शानदार प्रदर्शन गौतम गंभीर का रहा है और इस मामले में केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सबसे पिछड़ गई हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी दिल्ली से लोक सभा सांसद गौतम गंभीर के संसदीय क्षेत्र में नगर निगम के कुल 36 वार्ड हैं जिसमें से 22 वाडरें में भाजपा को जीत हासिल हुई है। वहीं भाजपा का सबसे खराब प्रदर्शन नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र में रहा है जहां से केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सांसद हैं। लेखी के संसदीय क्षेत्र में निगम के 25 वार्ड आते हैं जिनमें से भाजपा के खाते में सिर्फ 5 वार्ड ही आ पाएं हैं।

अन्य सांसदों की बात करें तो,डॉ हर्षवर्धन के संसदीय क्षेत्र चांदनी चौक में आने वाले कुल 30 वाडरें में से 16 पर भाजपा जीती है। मनोज तिवारी के उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में आने वाले 41 वाडरे में से 20 सीटों पर जीत हासिल कर भाजपा ने यहां से आप को पछाड़ दिया है।

प्रवेश वर्मा के संसदीय क्षेत्र पश्चिमी दिल्ली में आप ने भाजपा को पछाड़ दिया है। वर्मा के संसदीय क्षेत्र में निगम के 38 वार्ड आते हैं जिनमें से सिर्फ 14 वाडरे में ही वर्मा अपनी पार्टी को जीता पाएं हैं।

रमेश बिधूड़ी के संसदीय क्षेत्र दक्षिणी दिल्ली में आने वाले कुल 37 वाडरें में से भाजपा को सिर्फ 13 वाडरें में ही जीत हासिल हो पाई। हंसराज हंस के संसदीय क्षेत्र उत्तर पश्चिमी दिल्ली में निगम के 43 वार्ड आते हैं, जिनमें से भाजपा को महज 14 सीटों पर ही जीत हासिल हो पाई।

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दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा और आप में कांटे की टक्कर के बीच 134 सीटों पर जीत हासिल कर आम आदमी पार्टी ने भाजपा को अब एमसीडी की सत्ता से भी बाहर कर दिया है। लेकिन हारने के बावजूद 104 सीटें जीतकर भाजपा ने यह संदेश तो दे ही दिया है कि आप के लिए दिल्ली विधान सभा की तरह दिल्ली नगर निगम को चलाना बहुत आसान नहीं रहने वाला है।

हालांकि यह भी एक तथ्य है कि दिल्ली नगर निगम के नतीजों ने कई सांसदों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। दिल्ली से भाजपा के सभी सांसदों के प्रदर्शन की बात करें तो सबसे ज्यादा शानदार प्रदर्शन गौतम गंभीर का रहा है और इस मामले में केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सबसे पिछड़ गई हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी दिल्ली से लोक सभा सांसद गौतम गंभीर के संसदीय क्षेत्र में नगर निगम के कुल 36 वार्ड हैं जिसमें से 22 वाडरें में भाजपा को जीत हासिल हुई है। वहीं भाजपा का सबसे खराब प्रदर्शन नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र में रहा है जहां से केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सांसद हैं। लेखी के संसदीय क्षेत्र में निगम के 25 वार्ड आते हैं जिनमें से भाजपा के खाते में सिर्फ 5 वार्ड ही आ पाएं हैं।

अन्य सांसदों की बात करें तो,डॉ हर्षवर्धन के संसदीय क्षेत्र चांदनी चौक में आने वाले कुल 30 वाडरें में से 16 पर भाजपा जीती है। मनोज तिवारी के उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में आने वाले 41 वाडरे में से 20 सीटों पर जीत हासिल कर भाजपा ने यहां से आप को पछाड़ दिया है।

प्रवेश वर्मा के संसदीय क्षेत्र पश्चिमी दिल्ली में आप ने भाजपा को पछाड़ दिया है। वर्मा के संसदीय क्षेत्र में निगम के 38 वार्ड आते हैं जिनमें से सिर्फ 14 वाडरे में ही वर्मा अपनी पार्टी को जीता पाएं हैं।

रमेश बिधूड़ी के संसदीय क्षेत्र दक्षिणी दिल्ली में आने वाले कुल 37 वाडरें में से भाजपा को सिर्फ 13 वाडरें में ही जीत हासिल हो पाई। हंसराज हंस के संसदीय क्षेत्र उत्तर पश्चिमी दिल्ली में निगम के 43 वार्ड आते हैं, जिनमें से भाजपा को महज 14 सीटों पर ही जीत हासिल हो पाई।

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दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा और आप में कांटे की टक्कर के बीच 134 सीटों पर जीत हासिल कर आम आदमी पार्टी ने भाजपा को अब एमसीडी की सत्ता से भी बाहर कर दिया है। लेकिन हारने के बावजूद 104 सीटें जीतकर भाजपा ने यह संदेश तो दे ही दिया है कि आप के लिए दिल्ली विधान सभा की तरह दिल्ली नगर निगम को चलाना बहुत आसान नहीं रहने वाला है।

हालांकि यह भी एक तथ्य है कि दिल्ली नगर निगम के नतीजों ने कई सांसदों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। दिल्ली से भाजपा के सभी सांसदों के प्रदर्शन की बात करें तो सबसे ज्यादा शानदार प्रदर्शन गौतम गंभीर का रहा है और इस मामले में केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सबसे पिछड़ गई हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी दिल्ली से लोक सभा सांसद गौतम गंभीर के संसदीय क्षेत्र में नगर निगम के कुल 36 वार्ड हैं जिसमें से 22 वाडरें में भाजपा को जीत हासिल हुई है। वहीं भाजपा का सबसे खराब प्रदर्शन नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र में रहा है जहां से केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सांसद हैं। लेखी के संसदीय क्षेत्र में निगम के 25 वार्ड आते हैं जिनमें से भाजपा के खाते में सिर्फ 5 वार्ड ही आ पाएं हैं।

अन्य सांसदों की बात करें तो,डॉ हर्षवर्धन के संसदीय क्षेत्र चांदनी चौक में आने वाले कुल 30 वाडरें में से 16 पर भाजपा जीती है। मनोज तिवारी के उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में आने वाले 41 वाडरे में से 20 सीटों पर जीत हासिल कर भाजपा ने यहां से आप को पछाड़ दिया है।

प्रवेश वर्मा के संसदीय क्षेत्र पश्चिमी दिल्ली में आप ने भाजपा को पछाड़ दिया है। वर्मा के संसदीय क्षेत्र में निगम के 38 वार्ड आते हैं जिनमें से सिर्फ 14 वाडरे में ही वर्मा अपनी पार्टी को जीता पाएं हैं।

रमेश बिधूड़ी के संसदीय क्षेत्र दक्षिणी दिल्ली में आने वाले कुल 37 वाडरें में से भाजपा को सिर्फ 13 वाडरें में ही जीत हासिल हो पाई। हंसराज हंस के संसदीय क्षेत्र उत्तर पश्चिमी दिल्ली में निगम के 43 वार्ड आते हैं, जिनमें से भाजपा को महज 14 सीटों पर ही जीत हासिल हो पाई।

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नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली नगर निगम के चुनाव में लगातार तीन बार से जीत हासिल करने वाली भाजपा को आम आदमी पार्टी ने हरा दिया है। हालांकि तमाम पूवार्नुमानों और एग्जिट पोल को धत्ता बताते हुए भाजपा ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि वो हारे हुए चुनाव को भी पुरजोर और दमदार तरीके से लड़ती है और आखिर तक माहौल को बदलने का प्रयास करती है।

दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा और आप में कांटे की टक्कर के बीच 134 सीटों पर जीत हासिल कर आम आदमी पार्टी ने भाजपा को अब एमसीडी की सत्ता से भी बाहर कर दिया है। लेकिन हारने के बावजूद 104 सीटें जीतकर भाजपा ने यह संदेश तो दे ही दिया है कि आप के लिए दिल्ली विधान सभा की तरह दिल्ली नगर निगम को चलाना बहुत आसान नहीं रहने वाला है।

हालांकि यह भी एक तथ्य है कि दिल्ली नगर निगम के नतीजों ने कई सांसदों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। दिल्ली से भाजपा के सभी सांसदों के प्रदर्शन की बात करें तो सबसे ज्यादा शानदार प्रदर्शन गौतम गंभीर का रहा है और इस मामले में केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सबसे पिछड़ गई हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी दिल्ली से लोक सभा सांसद गौतम गंभीर के संसदीय क्षेत्र में नगर निगम के कुल 36 वार्ड हैं जिसमें से 22 वाडरें में भाजपा को जीत हासिल हुई है। वहीं भाजपा का सबसे खराब प्रदर्शन नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र में रहा है जहां से केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सांसद हैं। लेखी के संसदीय क्षेत्र में निगम के 25 वार्ड आते हैं जिनमें से भाजपा के खाते में सिर्फ 5 वार्ड ही आ पाएं हैं।

अन्य सांसदों की बात करें तो,डॉ हर्षवर्धन के संसदीय क्षेत्र चांदनी चौक में आने वाले कुल 30 वाडरें में से 16 पर भाजपा जीती है। मनोज तिवारी के उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में आने वाले 41 वाडरे में से 20 सीटों पर जीत हासिल कर भाजपा ने यहां से आप को पछाड़ दिया है।

प्रवेश वर्मा के संसदीय क्षेत्र पश्चिमी दिल्ली में आप ने भाजपा को पछाड़ दिया है। वर्मा के संसदीय क्षेत्र में निगम के 38 वार्ड आते हैं जिनमें से सिर्फ 14 वाडरे में ही वर्मा अपनी पार्टी को जीता पाएं हैं।

रमेश बिधूड़ी के संसदीय क्षेत्र दक्षिणी दिल्ली में आने वाले कुल 37 वाडरें में से भाजपा को सिर्फ 13 वाडरें में ही जीत हासिल हो पाई। हंसराज हंस के संसदीय क्षेत्र उत्तर पश्चिमी दिल्ली में निगम के 43 वार्ड आते हैं, जिनमें से भाजपा को महज 14 सीटों पर ही जीत हासिल हो पाई।

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दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा और आप में कांटे की टक्कर के बीच 134 सीटों पर जीत हासिल कर आम आदमी पार्टी ने भाजपा को अब एमसीडी की सत्ता से भी बाहर कर दिया है। लेकिन हारने के बावजूद 104 सीटें जीतकर भाजपा ने यह संदेश तो दे ही दिया है कि आप के लिए दिल्ली विधान सभा की तरह दिल्ली नगर निगम को चलाना बहुत आसान नहीं रहने वाला है।

हालांकि यह भी एक तथ्य है कि दिल्ली नगर निगम के नतीजों ने कई सांसदों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। दिल्ली से भाजपा के सभी सांसदों के प्रदर्शन की बात करें तो सबसे ज्यादा शानदार प्रदर्शन गौतम गंभीर का रहा है और इस मामले में केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सबसे पिछड़ गई हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी दिल्ली से लोक सभा सांसद गौतम गंभीर के संसदीय क्षेत्र में नगर निगम के कुल 36 वार्ड हैं जिसमें से 22 वाडरें में भाजपा को जीत हासिल हुई है। वहीं भाजपा का सबसे खराब प्रदर्शन नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र में रहा है जहां से केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सांसद हैं। लेखी के संसदीय क्षेत्र में निगम के 25 वार्ड आते हैं जिनमें से भाजपा के खाते में सिर्फ 5 वार्ड ही आ पाएं हैं।

अन्य सांसदों की बात करें तो,डॉ हर्षवर्धन के संसदीय क्षेत्र चांदनी चौक में आने वाले कुल 30 वाडरें में से 16 पर भाजपा जीती है। मनोज तिवारी के उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में आने वाले 41 वाडरे में से 20 सीटों पर जीत हासिल कर भाजपा ने यहां से आप को पछाड़ दिया है।

प्रवेश वर्मा के संसदीय क्षेत्र पश्चिमी दिल्ली में आप ने भाजपा को पछाड़ दिया है। वर्मा के संसदीय क्षेत्र में निगम के 38 वार्ड आते हैं जिनमें से सिर्फ 14 वाडरे में ही वर्मा अपनी पार्टी को जीता पाएं हैं।

रमेश बिधूड़ी के संसदीय क्षेत्र दक्षिणी दिल्ली में आने वाले कुल 37 वाडरें में से भाजपा को सिर्फ 13 वाडरें में ही जीत हासिल हो पाई। हंसराज हंस के संसदीय क्षेत्र उत्तर पश्चिमी दिल्ली में निगम के 43 वार्ड आते हैं, जिनमें से भाजपा को महज 14 सीटों पर ही जीत हासिल हो पाई।

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दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा और आप में कांटे की टक्कर के बीच 134 सीटों पर जीत हासिल कर आम आदमी पार्टी ने भाजपा को अब एमसीडी की सत्ता से भी बाहर कर दिया है। लेकिन हारने के बावजूद 104 सीटें जीतकर भाजपा ने यह संदेश तो दे ही दिया है कि आप के लिए दिल्ली विधान सभा की तरह दिल्ली नगर निगम को चलाना बहुत आसान नहीं रहने वाला है।

हालांकि यह भी एक तथ्य है कि दिल्ली नगर निगम के नतीजों ने कई सांसदों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। दिल्ली से भाजपा के सभी सांसदों के प्रदर्शन की बात करें तो सबसे ज्यादा शानदार प्रदर्शन गौतम गंभीर का रहा है और इस मामले में केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सबसे पिछड़ गई हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी दिल्ली से लोक सभा सांसद गौतम गंभीर के संसदीय क्षेत्र में नगर निगम के कुल 36 वार्ड हैं जिसमें से 22 वाडरें में भाजपा को जीत हासिल हुई है। वहीं भाजपा का सबसे खराब प्रदर्शन नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र में रहा है जहां से केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सांसद हैं। लेखी के संसदीय क्षेत्र में निगम के 25 वार्ड आते हैं जिनमें से भाजपा के खाते में सिर्फ 5 वार्ड ही आ पाएं हैं।

अन्य सांसदों की बात करें तो,डॉ हर्षवर्धन के संसदीय क्षेत्र चांदनी चौक में आने वाले कुल 30 वाडरें में से 16 पर भाजपा जीती है। मनोज तिवारी के उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में आने वाले 41 वाडरे में से 20 सीटों पर जीत हासिल कर भाजपा ने यहां से आप को पछाड़ दिया है।

प्रवेश वर्मा के संसदीय क्षेत्र पश्चिमी दिल्ली में आप ने भाजपा को पछाड़ दिया है। वर्मा के संसदीय क्षेत्र में निगम के 38 वार्ड आते हैं जिनमें से सिर्फ 14 वाडरे में ही वर्मा अपनी पार्टी को जीता पाएं हैं।

रमेश बिधूड़ी के संसदीय क्षेत्र दक्षिणी दिल्ली में आने वाले कुल 37 वाडरें में से भाजपा को सिर्फ 13 वाडरें में ही जीत हासिल हो पाई। हंसराज हंस के संसदीय क्षेत्र उत्तर पश्चिमी दिल्ली में निगम के 43 वार्ड आते हैं, जिनमें से भाजपा को महज 14 सीटों पर ही जीत हासिल हो पाई।

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नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली नगर निगम के चुनाव में लगातार तीन बार से जीत हासिल करने वाली भाजपा को आम आदमी पार्टी ने हरा दिया है। हालांकि तमाम पूवार्नुमानों और एग्जिट पोल को धत्ता बताते हुए भाजपा ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि वो हारे हुए चुनाव को भी पुरजोर और दमदार तरीके से लड़ती है और आखिर तक माहौल को बदलने का प्रयास करती है।

दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा और आप में कांटे की टक्कर के बीच 134 सीटों पर जीत हासिल कर आम आदमी पार्टी ने भाजपा को अब एमसीडी की सत्ता से भी बाहर कर दिया है। लेकिन हारने के बावजूद 104 सीटें जीतकर भाजपा ने यह संदेश तो दे ही दिया है कि आप के लिए दिल्ली विधान सभा की तरह दिल्ली नगर निगम को चलाना बहुत आसान नहीं रहने वाला है।

हालांकि यह भी एक तथ्य है कि दिल्ली नगर निगम के नतीजों ने कई सांसदों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। दिल्ली से भाजपा के सभी सांसदों के प्रदर्शन की बात करें तो सबसे ज्यादा शानदार प्रदर्शन गौतम गंभीर का रहा है और इस मामले में केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सबसे पिछड़ गई हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी दिल्ली से लोक सभा सांसद गौतम गंभीर के संसदीय क्षेत्र में नगर निगम के कुल 36 वार्ड हैं जिसमें से 22 वाडरें में भाजपा को जीत हासिल हुई है। वहीं भाजपा का सबसे खराब प्रदर्शन नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र में रहा है जहां से केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सांसद हैं। लेखी के संसदीय क्षेत्र में निगम के 25 वार्ड आते हैं जिनमें से भाजपा के खाते में सिर्फ 5 वार्ड ही आ पाएं हैं।

अन्य सांसदों की बात करें तो,डॉ हर्षवर्धन के संसदीय क्षेत्र चांदनी चौक में आने वाले कुल 30 वाडरें में से 16 पर भाजपा जीती है। मनोज तिवारी के उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में आने वाले 41 वाडरे में से 20 सीटों पर जीत हासिल कर भाजपा ने यहां से आप को पछाड़ दिया है।

प्रवेश वर्मा के संसदीय क्षेत्र पश्चिमी दिल्ली में आप ने भाजपा को पछाड़ दिया है। वर्मा के संसदीय क्षेत्र में निगम के 38 वार्ड आते हैं जिनमें से सिर्फ 14 वाडरे में ही वर्मा अपनी पार्टी को जीता पाएं हैं।

रमेश बिधूड़ी के संसदीय क्षेत्र दक्षिणी दिल्ली में आने वाले कुल 37 वाडरें में से भाजपा को सिर्फ 13 वाडरें में ही जीत हासिल हो पाई। हंसराज हंस के संसदीय क्षेत्र उत्तर पश्चिमी दिल्ली में निगम के 43 वार्ड आते हैं, जिनमें से भाजपा को महज 14 सीटों पर ही जीत हासिल हो पाई।

–आईएएनएस

एसटीपी/एएनएम

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नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली नगर निगम के चुनाव में लगातार तीन बार से जीत हासिल करने वाली भाजपा को आम आदमी पार्टी ने हरा दिया है। हालांकि तमाम पूवार्नुमानों और एग्जिट पोल को धत्ता बताते हुए भाजपा ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि वो हारे हुए चुनाव को भी पुरजोर और दमदार तरीके से लड़ती है और आखिर तक माहौल को बदलने का प्रयास करती है।

दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा और आप में कांटे की टक्कर के बीच 134 सीटों पर जीत हासिल कर आम आदमी पार्टी ने भाजपा को अब एमसीडी की सत्ता से भी बाहर कर दिया है। लेकिन हारने के बावजूद 104 सीटें जीतकर भाजपा ने यह संदेश तो दे ही दिया है कि आप के लिए दिल्ली विधान सभा की तरह दिल्ली नगर निगम को चलाना बहुत आसान नहीं रहने वाला है।

हालांकि यह भी एक तथ्य है कि दिल्ली नगर निगम के नतीजों ने कई सांसदों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। दिल्ली से भाजपा के सभी सांसदों के प्रदर्शन की बात करें तो सबसे ज्यादा शानदार प्रदर्शन गौतम गंभीर का रहा है और इस मामले में केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सबसे पिछड़ गई हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी दिल्ली से लोक सभा सांसद गौतम गंभीर के संसदीय क्षेत्र में नगर निगम के कुल 36 वार्ड हैं जिसमें से 22 वाडरें में भाजपा को जीत हासिल हुई है। वहीं भाजपा का सबसे खराब प्रदर्शन नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र में रहा है जहां से केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सांसद हैं। लेखी के संसदीय क्षेत्र में निगम के 25 वार्ड आते हैं जिनमें से भाजपा के खाते में सिर्फ 5 वार्ड ही आ पाएं हैं।

अन्य सांसदों की बात करें तो,डॉ हर्षवर्धन के संसदीय क्षेत्र चांदनी चौक में आने वाले कुल 30 वाडरें में से 16 पर भाजपा जीती है। मनोज तिवारी के उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में आने वाले 41 वाडरे में से 20 सीटों पर जीत हासिल कर भाजपा ने यहां से आप को पछाड़ दिया है।

प्रवेश वर्मा के संसदीय क्षेत्र पश्चिमी दिल्ली में आप ने भाजपा को पछाड़ दिया है। वर्मा के संसदीय क्षेत्र में निगम के 38 वार्ड आते हैं जिनमें से सिर्फ 14 वाडरे में ही वर्मा अपनी पार्टी को जीता पाएं हैं।

रमेश बिधूड़ी के संसदीय क्षेत्र दक्षिणी दिल्ली में आने वाले कुल 37 वाडरें में से भाजपा को सिर्फ 13 वाडरें में ही जीत हासिल हो पाई। हंसराज हंस के संसदीय क्षेत्र उत्तर पश्चिमी दिल्ली में निगम के 43 वार्ड आते हैं, जिनमें से भाजपा को महज 14 सीटों पर ही जीत हासिल हो पाई।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली नगर निगम के चुनाव में लगातार तीन बार से जीत हासिल करने वाली भाजपा को आम आदमी पार्टी ने हरा दिया है। हालांकि तमाम पूवार्नुमानों और एग्जिट पोल को धत्ता बताते हुए भाजपा ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि वो हारे हुए चुनाव को भी पुरजोर और दमदार तरीके से लड़ती है और आखिर तक माहौल को बदलने का प्रयास करती है।

दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा और आप में कांटे की टक्कर के बीच 134 सीटों पर जीत हासिल कर आम आदमी पार्टी ने भाजपा को अब एमसीडी की सत्ता से भी बाहर कर दिया है। लेकिन हारने के बावजूद 104 सीटें जीतकर भाजपा ने यह संदेश तो दे ही दिया है कि आप के लिए दिल्ली विधान सभा की तरह दिल्ली नगर निगम को चलाना बहुत आसान नहीं रहने वाला है।

हालांकि यह भी एक तथ्य है कि दिल्ली नगर निगम के नतीजों ने कई सांसदों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। दिल्ली से भाजपा के सभी सांसदों के प्रदर्शन की बात करें तो सबसे ज्यादा शानदार प्रदर्शन गौतम गंभीर का रहा है और इस मामले में केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सबसे पिछड़ गई हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी दिल्ली से लोक सभा सांसद गौतम गंभीर के संसदीय क्षेत्र में नगर निगम के कुल 36 वार्ड हैं जिसमें से 22 वाडरें में भाजपा को जीत हासिल हुई है। वहीं भाजपा का सबसे खराब प्रदर्शन नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र में रहा है जहां से केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सांसद हैं। लेखी के संसदीय क्षेत्र में निगम के 25 वार्ड आते हैं जिनमें से भाजपा के खाते में सिर्फ 5 वार्ड ही आ पाएं हैं।

अन्य सांसदों की बात करें तो,डॉ हर्षवर्धन के संसदीय क्षेत्र चांदनी चौक में आने वाले कुल 30 वाडरें में से 16 पर भाजपा जीती है। मनोज तिवारी के उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में आने वाले 41 वाडरे में से 20 सीटों पर जीत हासिल कर भाजपा ने यहां से आप को पछाड़ दिया है।

प्रवेश वर्मा के संसदीय क्षेत्र पश्चिमी दिल्ली में आप ने भाजपा को पछाड़ दिया है। वर्मा के संसदीय क्षेत्र में निगम के 38 वार्ड आते हैं जिनमें से सिर्फ 14 वाडरे में ही वर्मा अपनी पार्टी को जीता पाएं हैं।

रमेश बिधूड़ी के संसदीय क्षेत्र दक्षिणी दिल्ली में आने वाले कुल 37 वाडरें में से भाजपा को सिर्फ 13 वाडरें में ही जीत हासिल हो पाई। हंसराज हंस के संसदीय क्षेत्र उत्तर पश्चिमी दिल्ली में निगम के 43 वार्ड आते हैं, जिनमें से भाजपा को महज 14 सीटों पर ही जीत हासिल हो पाई।

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नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली नगर निगम के चुनाव में लगातार तीन बार से जीत हासिल करने वाली भाजपा को आम आदमी पार्टी ने हरा दिया है। हालांकि तमाम पूवार्नुमानों और एग्जिट पोल को धत्ता बताते हुए भाजपा ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि वो हारे हुए चुनाव को भी पुरजोर और दमदार तरीके से लड़ती है और आखिर तक माहौल को बदलने का प्रयास करती है।

दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा और आप में कांटे की टक्कर के बीच 134 सीटों पर जीत हासिल कर आम आदमी पार्टी ने भाजपा को अब एमसीडी की सत्ता से भी बाहर कर दिया है। लेकिन हारने के बावजूद 104 सीटें जीतकर भाजपा ने यह संदेश तो दे ही दिया है कि आप के लिए दिल्ली विधान सभा की तरह दिल्ली नगर निगम को चलाना बहुत आसान नहीं रहने वाला है।

हालांकि यह भी एक तथ्य है कि दिल्ली नगर निगम के नतीजों ने कई सांसदों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। दिल्ली से भाजपा के सभी सांसदों के प्रदर्शन की बात करें तो सबसे ज्यादा शानदार प्रदर्शन गौतम गंभीर का रहा है और इस मामले में केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सबसे पिछड़ गई हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी दिल्ली से लोक सभा सांसद गौतम गंभीर के संसदीय क्षेत्र में नगर निगम के कुल 36 वार्ड हैं जिसमें से 22 वाडरें में भाजपा को जीत हासिल हुई है। वहीं भाजपा का सबसे खराब प्रदर्शन नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र में रहा है जहां से केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सांसद हैं। लेखी के संसदीय क्षेत्र में निगम के 25 वार्ड आते हैं जिनमें से भाजपा के खाते में सिर्फ 5 वार्ड ही आ पाएं हैं।

अन्य सांसदों की बात करें तो,डॉ हर्षवर्धन के संसदीय क्षेत्र चांदनी चौक में आने वाले कुल 30 वाडरें में से 16 पर भाजपा जीती है। मनोज तिवारी के उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में आने वाले 41 वाडरे में से 20 सीटों पर जीत हासिल कर भाजपा ने यहां से आप को पछाड़ दिया है।

प्रवेश वर्मा के संसदीय क्षेत्र पश्चिमी दिल्ली में आप ने भाजपा को पछाड़ दिया है। वर्मा के संसदीय क्षेत्र में निगम के 38 वार्ड आते हैं जिनमें से सिर्फ 14 वाडरे में ही वर्मा अपनी पार्टी को जीता पाएं हैं।

रमेश बिधूड़ी के संसदीय क्षेत्र दक्षिणी दिल्ली में आने वाले कुल 37 वाडरें में से भाजपा को सिर्फ 13 वाडरें में ही जीत हासिल हो पाई। हंसराज हंस के संसदीय क्षेत्र उत्तर पश्चिमी दिल्ली में निगम के 43 वार्ड आते हैं, जिनमें से भाजपा को महज 14 सीटों पर ही जीत हासिल हो पाई।

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नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली नगर निगम के चुनाव में लगातार तीन बार से जीत हासिल करने वाली भाजपा को आम आदमी पार्टी ने हरा दिया है। हालांकि तमाम पूवार्नुमानों और एग्जिट पोल को धत्ता बताते हुए भाजपा ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि वो हारे हुए चुनाव को भी पुरजोर और दमदार तरीके से लड़ती है और आखिर तक माहौल को बदलने का प्रयास करती है।

दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा और आप में कांटे की टक्कर के बीच 134 सीटों पर जीत हासिल कर आम आदमी पार्टी ने भाजपा को अब एमसीडी की सत्ता से भी बाहर कर दिया है। लेकिन हारने के बावजूद 104 सीटें जीतकर भाजपा ने यह संदेश तो दे ही दिया है कि आप के लिए दिल्ली विधान सभा की तरह दिल्ली नगर निगम को चलाना बहुत आसान नहीं रहने वाला है।

हालांकि यह भी एक तथ्य है कि दिल्ली नगर निगम के नतीजों ने कई सांसदों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। दिल्ली से भाजपा के सभी सांसदों के प्रदर्शन की बात करें तो सबसे ज्यादा शानदार प्रदर्शन गौतम गंभीर का रहा है और इस मामले में केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सबसे पिछड़ गई हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी दिल्ली से लोक सभा सांसद गौतम गंभीर के संसदीय क्षेत्र में नगर निगम के कुल 36 वार्ड हैं जिसमें से 22 वाडरें में भाजपा को जीत हासिल हुई है। वहीं भाजपा का सबसे खराब प्रदर्शन नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र में रहा है जहां से केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सांसद हैं। लेखी के संसदीय क्षेत्र में निगम के 25 वार्ड आते हैं जिनमें से भाजपा के खाते में सिर्फ 5 वार्ड ही आ पाएं हैं।

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प्रवेश वर्मा के संसदीय क्षेत्र पश्चिमी दिल्ली में आप ने भाजपा को पछाड़ दिया है। वर्मा के संसदीय क्षेत्र में निगम के 38 वार्ड आते हैं जिनमें से सिर्फ 14 वाडरे में ही वर्मा अपनी पार्टी को जीता पाएं हैं।

रमेश बिधूड़ी के संसदीय क्षेत्र दक्षिणी दिल्ली में आने वाले कुल 37 वाडरें में से भाजपा को सिर्फ 13 वाडरें में ही जीत हासिल हो पाई। हंसराज हंस के संसदीय क्षेत्र उत्तर पश्चिमी दिल्ली में निगम के 43 वार्ड आते हैं, जिनमें से भाजपा को महज 14 सीटों पर ही जीत हासिल हो पाई।

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नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली नगर निगम के चुनाव में लगातार तीन बार से जीत हासिल करने वाली भाजपा को आम आदमी पार्टी ने हरा दिया है। हालांकि तमाम पूवार्नुमानों और एग्जिट पोल को धत्ता बताते हुए भाजपा ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि वो हारे हुए चुनाव को भी पुरजोर और दमदार तरीके से लड़ती है और आखिर तक माहौल को बदलने का प्रयास करती है।

दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा और आप में कांटे की टक्कर के बीच 134 सीटों पर जीत हासिल कर आम आदमी पार्टी ने भाजपा को अब एमसीडी की सत्ता से भी बाहर कर दिया है। लेकिन हारने के बावजूद 104 सीटें जीतकर भाजपा ने यह संदेश तो दे ही दिया है कि आप के लिए दिल्ली विधान सभा की तरह दिल्ली नगर निगम को चलाना बहुत आसान नहीं रहने वाला है।

हालांकि यह भी एक तथ्य है कि दिल्ली नगर निगम के नतीजों ने कई सांसदों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। दिल्ली से भाजपा के सभी सांसदों के प्रदर्शन की बात करें तो सबसे ज्यादा शानदार प्रदर्शन गौतम गंभीर का रहा है और इस मामले में केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सबसे पिछड़ गई हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी दिल्ली से लोक सभा सांसद गौतम गंभीर के संसदीय क्षेत्र में नगर निगम के कुल 36 वार्ड हैं जिसमें से 22 वाडरें में भाजपा को जीत हासिल हुई है। वहीं भाजपा का सबसे खराब प्रदर्शन नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र में रहा है जहां से केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सांसद हैं। लेखी के संसदीय क्षेत्र में निगम के 25 वार्ड आते हैं जिनमें से भाजपा के खाते में सिर्फ 5 वार्ड ही आ पाएं हैं।

अन्य सांसदों की बात करें तो,डॉ हर्षवर्धन के संसदीय क्षेत्र चांदनी चौक में आने वाले कुल 30 वाडरें में से 16 पर भाजपा जीती है। मनोज तिवारी के उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में आने वाले 41 वाडरे में से 20 सीटों पर जीत हासिल कर भाजपा ने यहां से आप को पछाड़ दिया है।

प्रवेश वर्मा के संसदीय क्षेत्र पश्चिमी दिल्ली में आप ने भाजपा को पछाड़ दिया है। वर्मा के संसदीय क्षेत्र में निगम के 38 वार्ड आते हैं जिनमें से सिर्फ 14 वाडरे में ही वर्मा अपनी पार्टी को जीता पाएं हैं।

रमेश बिधूड़ी के संसदीय क्षेत्र दक्षिणी दिल्ली में आने वाले कुल 37 वाडरें में से भाजपा को सिर्फ 13 वाडरें में ही जीत हासिल हो पाई। हंसराज हंस के संसदीय क्षेत्र उत्तर पश्चिमी दिल्ली में निगम के 43 वार्ड आते हैं, जिनमें से भाजपा को महज 14 सीटों पर ही जीत हासिल हो पाई।

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दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा और आप में कांटे की टक्कर के बीच 134 सीटों पर जीत हासिल कर आम आदमी पार्टी ने भाजपा को अब एमसीडी की सत्ता से भी बाहर कर दिया है। लेकिन हारने के बावजूद 104 सीटें जीतकर भाजपा ने यह संदेश तो दे ही दिया है कि आप के लिए दिल्ली विधान सभा की तरह दिल्ली नगर निगम को चलाना बहुत आसान नहीं रहने वाला है।

हालांकि यह भी एक तथ्य है कि दिल्ली नगर निगम के नतीजों ने कई सांसदों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। दिल्ली से भाजपा के सभी सांसदों के प्रदर्शन की बात करें तो सबसे ज्यादा शानदार प्रदर्शन गौतम गंभीर का रहा है और इस मामले में केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सबसे पिछड़ गई हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी दिल्ली से लोक सभा सांसद गौतम गंभीर के संसदीय क्षेत्र में नगर निगम के कुल 36 वार्ड हैं जिसमें से 22 वाडरें में भाजपा को जीत हासिल हुई है। वहीं भाजपा का सबसे खराब प्रदर्शन नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र में रहा है जहां से केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी सांसद हैं। लेखी के संसदीय क्षेत्र में निगम के 25 वार्ड आते हैं जिनमें से भाजपा के खाते में सिर्फ 5 वार्ड ही आ पाएं हैं।

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प्रवेश वर्मा के संसदीय क्षेत्र पश्चिमी दिल्ली में आप ने भाजपा को पछाड़ दिया है। वर्मा के संसदीय क्षेत्र में निगम के 38 वार्ड आते हैं जिनमें से सिर्फ 14 वाडरे में ही वर्मा अपनी पार्टी को जीता पाएं हैं।

रमेश बिधूड़ी के संसदीय क्षेत्र दक्षिणी दिल्ली में आने वाले कुल 37 वाडरें में से भाजपा को सिर्फ 13 वाडरें में ही जीत हासिल हो पाई। हंसराज हंस के संसदीय क्षेत्र उत्तर पश्चिमी दिल्ली में निगम के 43 वार्ड आते हैं, जिनमें से भाजपा को महज 14 सीटों पर ही जीत हासिल हो पाई।

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