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Home ताज़ा समाचार

डिजिटल अरेस्ट स्कैम पर सरकार सख्त, लाखों सिम और फर्जी आईडी ब्लॉक

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November 28, 2024
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 28 नवंबर (आईएएनएस)। देश में डिजिटल अरेस्ट स्कैम बढ़ने के बीच सरकार ने स्कैमर्स पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
पुलिस अधिकारियों द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार 6.69 लाख से अधिक सिम कार्ड और 1,32,000 आईएमईआई नंबर ब्लॉक किए हैं।

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गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि डिजिटल अरेस्ट और दूसरे साइबर अपराधों से बेहतर तरीके से निपटने के लिए तंत्र को मजबूत करते हुए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं।

गृह मंत्रालय ने देश में सभी तरह के साइबर अपराधों से निपटने के लिए ‘इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर’ (आई4सी) की स्थापना की है।

फाइनेंशियल फ्रॉड की तत्काल रिपोर्टिंग और साइबर अपराधियों द्वारा धन की हेराफेरी को रोकने के लिए आई4सी के तहत ‘सिटिजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम’ की शुरुआत 2021 में की गई थी।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अब तक 9.94 लाख से अधिक शिकायतों में 3,431 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय राशि बचाई गई है।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने फर्जी भारतीय नंबर से आने वाली अंतरराष्ट्रीय कॉलों की पहचान करने और उन्हें ब्लॉक करने के लिए एक सिस्टम तैयार किया है।

कुमार ने कहा, “हाल ही में फर्जी डिजिटल अरेस्ट, फेडएक्स स्कैम, सरकारी और पुलिस अधिकारियों के रूप में कॉल आदि के मामलों में साइबर अपराधियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय नकली कॉल की गई हैं।”

दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को इस तरह की आने वाली अंतरराष्ट्रीय नकली कॉलों को ब्लॉक करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।

आई4सी में एक साइबर फ्रॉड मिटिगेशन सेंटर (सीएफएमसी) स्थापित किया गया है, जहां प्रमुख बैंकों, वित्तीय मध्यस्थों, भुगतान एग्रीगेटर्स, टीएसपी, आईटी मध्यस्थों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधि साइबर अपराध से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई और सहयोग के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

बैंकों और वित्तीय संस्थानों के सहयोग से I4C ने साइबर अपराधियों की पहचान करने वालों की एक संदिग्ध रजिस्ट्री भी शुरू की है।

सरकार ने ‘रिपोर्ट एंड चेक सस्पेक्ट’ नाम से एक नए फीचर की भी शुरुआत की है, जो नागरिकों को ‘सस्पेक्ट सर्च’ के जरिए साइबर अपराधियों की पहचान करने वालों के I4C के संग्रह को खोजने का ऑप्शन देता है।

—आईएएनएस

एसकेटी/केआर

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नई दिल्ली, 28 नवंबर (आईएएनएस)। देश में डिजिटल अरेस्ट स्कैम बढ़ने के बीच सरकार ने स्कैमर्स पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
पुलिस अधिकारियों द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार 6.69 लाख से अधिक सिम कार्ड और 1,32,000 आईएमईआई नंबर ब्लॉक किए हैं।

गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि डिजिटल अरेस्ट और दूसरे साइबर अपराधों से बेहतर तरीके से निपटने के लिए तंत्र को मजबूत करते हुए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं।

गृह मंत्रालय ने देश में सभी तरह के साइबर अपराधों से निपटने के लिए ‘इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर’ (आई4सी) की स्थापना की है।

फाइनेंशियल फ्रॉड की तत्काल रिपोर्टिंग और साइबर अपराधियों द्वारा धन की हेराफेरी को रोकने के लिए आई4सी के तहत ‘सिटिजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम’ की शुरुआत 2021 में की गई थी।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अब तक 9.94 लाख से अधिक शिकायतों में 3,431 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय राशि बचाई गई है।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने फर्जी भारतीय नंबर से आने वाली अंतरराष्ट्रीय कॉलों की पहचान करने और उन्हें ब्लॉक करने के लिए एक सिस्टम तैयार किया है।

कुमार ने कहा, “हाल ही में फर्जी डिजिटल अरेस्ट, फेडएक्स स्कैम, सरकारी और पुलिस अधिकारियों के रूप में कॉल आदि के मामलों में साइबर अपराधियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय नकली कॉल की गई हैं।”

दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को इस तरह की आने वाली अंतरराष्ट्रीय नकली कॉलों को ब्लॉक करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।

आई4सी में एक साइबर फ्रॉड मिटिगेशन सेंटर (सीएफएमसी) स्थापित किया गया है, जहां प्रमुख बैंकों, वित्तीय मध्यस्थों, भुगतान एग्रीगेटर्स, टीएसपी, आईटी मध्यस्थों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधि साइबर अपराध से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई और सहयोग के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

बैंकों और वित्तीय संस्थानों के सहयोग से I4C ने साइबर अपराधियों की पहचान करने वालों की एक संदिग्ध रजिस्ट्री भी शुरू की है।

सरकार ने ‘रिपोर्ट एंड चेक सस्पेक्ट’ नाम से एक नए फीचर की भी शुरुआत की है, जो नागरिकों को ‘सस्पेक्ट सर्च’ के जरिए साइबर अपराधियों की पहचान करने वालों के I4C के संग्रह को खोजने का ऑप्शन देता है।

—आईएएनएस

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नई दिल्ली, 28 नवंबर (आईएएनएस)। देश में डिजिटल अरेस्ट स्कैम बढ़ने के बीच सरकार ने स्कैमर्स पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
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केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अब तक 9.94 लाख से अधिक शिकायतों में 3,431 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय राशि बचाई गई है।

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दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को इस तरह की आने वाली अंतरराष्ट्रीय नकली कॉलों को ब्लॉक करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।

आई4सी में एक साइबर फ्रॉड मिटिगेशन सेंटर (सीएफएमसी) स्थापित किया गया है, जहां प्रमुख बैंकों, वित्तीय मध्यस्थों, भुगतान एग्रीगेटर्स, टीएसपी, आईटी मध्यस्थों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधि साइबर अपराध से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई और सहयोग के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

बैंकों और वित्तीय संस्थानों के सहयोग से I4C ने साइबर अपराधियों की पहचान करने वालों की एक संदिग्ध रजिस्ट्री भी शुरू की है।

सरकार ने ‘रिपोर्ट एंड चेक सस्पेक्ट’ नाम से एक नए फीचर की भी शुरुआत की है, जो नागरिकों को ‘सस्पेक्ट सर्च’ के जरिए साइबर अपराधियों की पहचान करने वालों के I4C के संग्रह को खोजने का ऑप्शन देता है।

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नई दिल्ली, 28 नवंबर (आईएएनएस)। देश में डिजिटल अरेस्ट स्कैम बढ़ने के बीच सरकार ने स्कैमर्स पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
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गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि डिजिटल अरेस्ट और दूसरे साइबर अपराधों से बेहतर तरीके से निपटने के लिए तंत्र को मजबूत करते हुए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं।

गृह मंत्रालय ने देश में सभी तरह के साइबर अपराधों से निपटने के लिए ‘इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर’ (आई4सी) की स्थापना की है।

फाइनेंशियल फ्रॉड की तत्काल रिपोर्टिंग और साइबर अपराधियों द्वारा धन की हेराफेरी को रोकने के लिए आई4सी के तहत ‘सिटिजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम’ की शुरुआत 2021 में की गई थी।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अब तक 9.94 लाख से अधिक शिकायतों में 3,431 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय राशि बचाई गई है।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने फर्जी भारतीय नंबर से आने वाली अंतरराष्ट्रीय कॉलों की पहचान करने और उन्हें ब्लॉक करने के लिए एक सिस्टम तैयार किया है।

कुमार ने कहा, “हाल ही में फर्जी डिजिटल अरेस्ट, फेडएक्स स्कैम, सरकारी और पुलिस अधिकारियों के रूप में कॉल आदि के मामलों में साइबर अपराधियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय नकली कॉल की गई हैं।”

दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को इस तरह की आने वाली अंतरराष्ट्रीय नकली कॉलों को ब्लॉक करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।

आई4सी में एक साइबर फ्रॉड मिटिगेशन सेंटर (सीएफएमसी) स्थापित किया गया है, जहां प्रमुख बैंकों, वित्तीय मध्यस्थों, भुगतान एग्रीगेटर्स, टीएसपी, आईटी मध्यस्थों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधि साइबर अपराध से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई और सहयोग के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

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गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि डिजिटल अरेस्ट और दूसरे साइबर अपराधों से बेहतर तरीके से निपटने के लिए तंत्र को मजबूत करते हुए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं।

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फाइनेंशियल फ्रॉड की तत्काल रिपोर्टिंग और साइबर अपराधियों द्वारा धन की हेराफेरी को रोकने के लिए आई4सी के तहत ‘सिटिजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम’ की शुरुआत 2021 में की गई थी।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अब तक 9.94 लाख से अधिक शिकायतों में 3,431 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय राशि बचाई गई है।

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कुमार ने कहा, “हाल ही में फर्जी डिजिटल अरेस्ट, फेडएक्स स्कैम, सरकारी और पुलिस अधिकारियों के रूप में कॉल आदि के मामलों में साइबर अपराधियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय नकली कॉल की गई हैं।”

दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को इस तरह की आने वाली अंतरराष्ट्रीय नकली कॉलों को ब्लॉक करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।

आई4सी में एक साइबर फ्रॉड मिटिगेशन सेंटर (सीएफएमसी) स्थापित किया गया है, जहां प्रमुख बैंकों, वित्तीय मध्यस्थों, भुगतान एग्रीगेटर्स, टीएसपी, आईटी मध्यस्थों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधि साइबर अपराध से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई और सहयोग के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

बैंकों और वित्तीय संस्थानों के सहयोग से I4C ने साइबर अपराधियों की पहचान करने वालों की एक संदिग्ध रजिस्ट्री भी शुरू की है।

सरकार ने ‘रिपोर्ट एंड चेक सस्पेक्ट’ नाम से एक नए फीचर की भी शुरुआत की है, जो नागरिकों को ‘सस्पेक्ट सर्च’ के जरिए साइबर अपराधियों की पहचान करने वालों के I4C के संग्रह को खोजने का ऑप्शन देता है।

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पुलिस अधिकारियों द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार 6.69 लाख से अधिक सिम कार्ड और 1,32,000 आईएमईआई नंबर ब्लॉक किए हैं।

गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि डिजिटल अरेस्ट और दूसरे साइबर अपराधों से बेहतर तरीके से निपटने के लिए तंत्र को मजबूत करते हुए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं।

गृह मंत्रालय ने देश में सभी तरह के साइबर अपराधों से निपटने के लिए ‘इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर’ (आई4सी) की स्थापना की है।

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केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अब तक 9.94 लाख से अधिक शिकायतों में 3,431 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय राशि बचाई गई है।

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कुमार ने कहा, “हाल ही में फर्जी डिजिटल अरेस्ट, फेडएक्स स्कैम, सरकारी और पुलिस अधिकारियों के रूप में कॉल आदि के मामलों में साइबर अपराधियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय नकली कॉल की गई हैं।”

दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को इस तरह की आने वाली अंतरराष्ट्रीय नकली कॉलों को ब्लॉक करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।

आई4सी में एक साइबर फ्रॉड मिटिगेशन सेंटर (सीएफएमसी) स्थापित किया गया है, जहां प्रमुख बैंकों, वित्तीय मध्यस्थों, भुगतान एग्रीगेटर्स, टीएसपी, आईटी मध्यस्थों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधि साइबर अपराध से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई और सहयोग के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

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गृह मंत्रालय ने देश में सभी तरह के साइबर अपराधों से निपटने के लिए ‘इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर’ (आई4सी) की स्थापना की है।

फाइनेंशियल फ्रॉड की तत्काल रिपोर्टिंग और साइबर अपराधियों द्वारा धन की हेराफेरी को रोकने के लिए आई4सी के तहत ‘सिटिजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम’ की शुरुआत 2021 में की गई थी।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अब तक 9.94 लाख से अधिक शिकायतों में 3,431 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय राशि बचाई गई है।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने फर्जी भारतीय नंबर से आने वाली अंतरराष्ट्रीय कॉलों की पहचान करने और उन्हें ब्लॉक करने के लिए एक सिस्टम तैयार किया है।

कुमार ने कहा, “हाल ही में फर्जी डिजिटल अरेस्ट, फेडएक्स स्कैम, सरकारी और पुलिस अधिकारियों के रूप में कॉल आदि के मामलों में साइबर अपराधियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय नकली कॉल की गई हैं।”

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आई4सी में एक साइबर फ्रॉड मिटिगेशन सेंटर (सीएफएमसी) स्थापित किया गया है, जहां प्रमुख बैंकों, वित्तीय मध्यस्थों, भुगतान एग्रीगेटर्स, टीएसपी, आईटी मध्यस्थों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधि साइबर अपराध से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई और सहयोग के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

बैंकों और वित्तीय संस्थानों के सहयोग से I4C ने साइबर अपराधियों की पहचान करने वालों की एक संदिग्ध रजिस्ट्री भी शुरू की है।

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गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि डिजिटल अरेस्ट और दूसरे साइबर अपराधों से बेहतर तरीके से निपटने के लिए तंत्र को मजबूत करते हुए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं।

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