जयपुर, 28 नवंबर (आईएएनएस)। राजस्थान के अजमेर शरीफ को लेकर विवाद तेज हो गया है। अजमेर शरीफ दरगाह को हिंदू मंदिर मंदिर बताने वाली अर्जी को सिविल कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है, अब इस पर 20 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी। इसको लेकर नायब काजी सैय्यद अजगर अली ने गुरुवार को आईएएनएस से बात की।
सैय्यद अजगर अली नायब काजी ने आईएएनएस से कहा कि हमने बुधवार को देखा कि निचली अदालत ने अजमेर शरीफ दरगाह के सर्वे का आदेश दिया है। सर्वे होना कोई बुरी बात नहीं है, इसको कराया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत के अंदर अभी धार्मिक समझ पैदा हो रही है, जो अच्छी बात है। लेकिन, मुझे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख का एक बयान याद आता है, जिसमें उन्होंने कहा है कि हर मस्जिद के नीचे शिवलिंग तलाश करना सही नहीं है।
काजी ने आगे कहा कि अगर हम भारत को विश्वगुरु बनाना चाहते हैं, उसमें भारत के प्रत्येक समूह और व्यक्ति का योगदान रहेगा। लेकिन, अगर हम इसी तरह लड़ते रहे और परिस्थिति बदलती रही तो एक दूसरे के ऊपर से विश्वास खत्म हो जाएगा। मेरा मानना है कि इस तरह के मामलों में जहां लोग आरोप लगाते हैं या याचिका दायर कर रहे हैं, उन मामलों में सुप्रीम कोर्ट को पहले संज्ञान लेना चाहिए।
बता दें कि अभी उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद विवाद का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह का मामला कोर्ट पहुंच गया। इसमें हिंदू पक्ष की तरफ से लगाई गई अर्जी में दरगाह को महादेव का मंदिर बताया गया। कोर्ट ने अर्जी को स्वीकार करते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी कर दिया है और जवाब मांगा है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी। अजमेर शरीफ दरगाह मामले के प्रकाश में आने के बाद अब इसको लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है।
–आईएएनएस
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