नई दिल्ली, 28 नवंबर (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया और सौरभ भारद्वाज आज इस्कॉन मंदिर पहुंचे। यहां पर उन्होंने इस्कॉन टेंपल के डायरेक्टर से मुलाकात कर बांग्लादेश के हालात के बारे में जानकारी ली।
मनीष सिसोदिया ने इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए कहा है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार का प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को खुलकर विरोध करना चाहिए। मनीष सिसोदिया ने कहा है कि बांग्लादेश में जिस तरीके से हमारे संत चिन्मय कृष्ण दास जी को जेल में डाला गया है और उनकी जमानत नहीं हुई, यह अनुचित है। बांग्लादेश में जो इस्कॉन के लोगों के साथ हो रहा है, उसको लेकर अरविंद केजरीवाल हम सब पार्टी के लोग व देश के लोग चिंचित हैं। उन्होंने कहा कि स्वामी चिन्मय कृष्ण दास के बारे में जानकारी करने और उनकी क्या खबर मिली, वहां के हालात क्या हैंं, इन सारे विषयों पर बात करने आज हम लोग यहां पर पहुंचे थे।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस्कॉन ने पूरी दुनिया में प्रेम का संदेश दिया है। प्रेम और सौहार्द का संदेश देने वाली संस्था आतंकवादी तो हो नहीं सकती है। ये लोग कभी कट्टरपंथी तो हो ही नहीं सकते। हमने बड़े-बड़े शहरों में देखा है कि जब हरे कृष्णा करते हुए इस्कॉन के लोग सड़कों पर निकलते हैं, तो हर धर्म जाति के लोग खुशी से झूम उठते हैं। मनीष सिसोदिया ने कहा कि ऐसी संस्था को जो प्रेम और सौहार्द का संदेश देती है, अगर कोई कट्टरपंथी और आतंकवादी कहे तो यह मान्य नहीं होना चाहिए और हम तो भारत में इसे बिल्कुल स्वीकार नहीं कर सकते हैं।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं भारत सरकार से अपील करूंगा कि अभी तक जो कुछ हुआ है उसको देखते हुए कुछ और किए जाने की जरूरत है, क्योंकि भारतीय विचार की अस्मिता दांव पर है, भारतीयता दांव पर है। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री दोनों इस बात को देखें और कुछ करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार से अपील है कि जल्द से जल्द जरूरी कदम उठाया जाए। इस मुद्दे पर ईस्ट ऑफ कैलाश के डायरेक्टर विजेंद्र नंदन ने कहा है कि इस्कॉन पूरी दुनिया में 1000 केंद्रों के द्वारा भाईचारा, सद्भावना और प्रेम फैलता है। गीता जैसे ग्रंथ का विदेशी भाषा में प्रचार प्रसार किया जा रहा है। ऐसे संगठन को अगर बांग्लादेश में कट्टरपंथी और आतंकवादी कहा जाए तो यह बिल्कुल बेबुनियाद है।
सिसोदिया ने कहा कि हम हमेशा से आपदा के समय पर लोगों के साथ खड़े रहे हैं, कोविड के समय में भी हम 5 लाख लोगों का प्रसाद बनाकर दिल्ली सरकार के जरिए उसे बंटवाते थे। उन्होंने कहा कि हम भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि जल्द से जल्द इस पर कड़ा कदम उठाया जाए। जिन लोगों ने यह दुर्व्यवहार किया है उनको दंडित किया जाए।
–आईएएनएस
पीकेटी/सीबीटी