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Home ताज़ा समाचार

जल्द ही फाइनल हो जाएगा महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री : मनीषा कायंदे

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November 29, 2024
in ताज़ा समाचार
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मुंबई, 29 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा ये सवाल हर आम से लेकर खास शख्स पूछ रहा है। इस बीच शिवसेना नेता मनीषा कायंदे ने कहा है कि जल्द ही मुख्यमंत्री का नाम फाइनल कर लिया जाएगा।

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मनीषा कायंदे ने आईएएनएस से बातचीत में इस बात पर बल दिया कि विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान हमने जो भी बातें अपने घोषणापत्र में की थी, उसे हम पूरा करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। हम अपने वादों को पूरा करने में कोई समझौता नहीं करेंगे।

वहीं मुख्यमंत्री पद को लेकर हो रहे विलंब पर विपक्षी दलों द्वारा तंज कसे जाने पर मनीषा कायंदे ने कहा, “एक तो ये लोग चुनाव जीतने में विफल रहे। इन लोगों की सरकार आई नहीं। लेकिन, अगर गलती से भी आ जाती, तो मैं दावे के साथ कहती हूं कि यह लोग पूरे महीने सीएम पद के लिए लड़ते रहते। उधर, रही बात मुख्यमंत्री की, तो मैं एक बात साफ कर देना चाहती हूं कि एक-दो दिन में इसका भी फैसला कर लिया जाएगा। महाराष्ट्र की जनता हमारे साथ है। यह बात बीते विधानसभा चुनाव में साफ हो चुका है। लेकिन, विपक्षी दल इस बात को समझने से परहेज कर रहे हैं।”

मनीषा कायंदे ने विपक्षी दलों में समन्वय का अभाव बताते हुए कहा, “विपक्षी दलों में तालमेल का अभाव है। पहले ये लोग सीट शेयरिंग को लेकर लड़ते रहे। यही नहीं, चुनाव से तीन महीने पहले उद्धव ठाकरे इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त थे कि उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार महाविकास अघाड़ी की तरफ से चुना जाएगा। ”

इस बीच, जब उनसे पूछा गया कि एकनाथ शिंदे दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात के बाद अपने विधायकों के साथ बैठक करने वाले थे। इस पर मनीषा कायंदे ने कहा बैठक होने वाली थी। लेकिन, किसी कारण से रद्द हो गई। अब अगली बैठक जल्द ही होगी।

वहीं, उन्होंने नाना पटोले पर तंज कसते हुए कहा, “वो तो सूट बूट पहनकर पूरी तरह से तैयार थे कि कब शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन हो, ताकि मैं जाऊं। लेकिन, अफसोस महाराष्ट्र की जनता ने इन लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। प्रदेश की जनता ने इन लोगों को नकारा है। आज इन लोगों की दुर्गति ऐसी हो चुकी है कि यह लोग कायंदे से नेता प्रतिपक्ष चुनने के लायक भी नहीं हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “आज मुख्यमंत्री पद को लेकर बैठक होनी थी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। जैसे ही कोई बैठक होगी। आपको बता दिया जाएगा।”

उद्धव ठाकरे गुट के नेता अंबादास दानवे ने अपने बयान में कहा था, “अगर हम चुनाव अकेले लड़ते, तो इस बात की प्रबल संभावना थी कि हम चुनाव में बेहतर परिणाम दे पाते। लेकिन, अफसोस हम ऐसा नहीं कर पाए। लिहाजा, अब हम आगामी सभी चुनाव अकेले ही लड़ेंगे।”

इस पर मनीषा कायंदे ने दावा किया कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन अब टूटने की कगार पर पहुंच चुका है। पहले यह विरोध दबी जुबान में होता था मगर, आज खुलकर हो रहा है। आज भी कई लोग एकनाथ शिंदे के साथ आना चाहते हैं। यही बात उद्धव ठाकरे को बताने की कोशिश की जा रही थी। लेकिन, उस वक्त उद्धव ठाकरे इतने ज्यादा बहक गए थे कि उन्होंने किसी की भी सुनना उचित नहीं समझा।

इस बीच, कायंदे से जब पूछा गया कि क्या अब उद्धव ठाकरे को अलग हो जाना चाहिए, तो उन्होंने कहा कि मैं इस पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दे सकती हूं।

मनीषा कायंदे ने कहा कि शिवसेना यूबीटी के कुछ नेता हमारे नेताओं के संपर्क में हैं। लेकिन, वो कौन हैं, इस पर मौजूदा समय में किसी भी प्रकार की टिप्पणी करना उचित नहीं रहेगा।

वहीं, अजमेर दरगाह को लेकर छिड़े विवाद पर भी मनीषा कायंदे ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मुगल राजाओं ने भारत पर बहुत आक्रमण किए। ऐसी कई जगहें हैं, जहां पहले मंदिर थे। लेकिन, मुगल आक्रांताओं ने उसे ध्वस्त करवाया। निश्चित तौर पर यह मामलें अब कोर्ट में जाएंगे। यह बहुत ही पुराने मुद्दे हैं, जिसे कोर्ट में ही सुलझाए जाएगा। जिस तरह से राम मंदिर का समाधान हुआ, ठीक उसी तरह से अन्य मामलों का भी निपटारा होगा।”

समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव के विवादित बयान को कायंदे ने गलत बताया। उन्होंने कहा, “न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए। अगर आपको किसी बात पर आपत्ति है, तो आप कोर्ट में जाइए।”

–आईएएनएस

एसएचके/केआर

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मुंबई, 29 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा ये सवाल हर आम से लेकर खास शख्स पूछ रहा है। इस बीच शिवसेना नेता मनीषा कायंदे ने कहा है कि जल्द ही मुख्यमंत्री का नाम फाइनल कर लिया जाएगा।

मनीषा कायंदे ने आईएएनएस से बातचीत में इस बात पर बल दिया कि विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान हमने जो भी बातें अपने घोषणापत्र में की थी, उसे हम पूरा करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। हम अपने वादों को पूरा करने में कोई समझौता नहीं करेंगे।

वहीं मुख्यमंत्री पद को लेकर हो रहे विलंब पर विपक्षी दलों द्वारा तंज कसे जाने पर मनीषा कायंदे ने कहा, “एक तो ये लोग चुनाव जीतने में विफल रहे। इन लोगों की सरकार आई नहीं। लेकिन, अगर गलती से भी आ जाती, तो मैं दावे के साथ कहती हूं कि यह लोग पूरे महीने सीएम पद के लिए लड़ते रहते। उधर, रही बात मुख्यमंत्री की, तो मैं एक बात साफ कर देना चाहती हूं कि एक-दो दिन में इसका भी फैसला कर लिया जाएगा। महाराष्ट्र की जनता हमारे साथ है। यह बात बीते विधानसभा चुनाव में साफ हो चुका है। लेकिन, विपक्षी दल इस बात को समझने से परहेज कर रहे हैं।”

मनीषा कायंदे ने विपक्षी दलों में समन्वय का अभाव बताते हुए कहा, “विपक्षी दलों में तालमेल का अभाव है। पहले ये लोग सीट शेयरिंग को लेकर लड़ते रहे। यही नहीं, चुनाव से तीन महीने पहले उद्धव ठाकरे इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त थे कि उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार महाविकास अघाड़ी की तरफ से चुना जाएगा। ”

इस बीच, जब उनसे पूछा गया कि एकनाथ शिंदे दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात के बाद अपने विधायकों के साथ बैठक करने वाले थे। इस पर मनीषा कायंदे ने कहा बैठक होने वाली थी। लेकिन, किसी कारण से रद्द हो गई। अब अगली बैठक जल्द ही होगी।

वहीं, उन्होंने नाना पटोले पर तंज कसते हुए कहा, “वो तो सूट बूट पहनकर पूरी तरह से तैयार थे कि कब शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन हो, ताकि मैं जाऊं। लेकिन, अफसोस महाराष्ट्र की जनता ने इन लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। प्रदेश की जनता ने इन लोगों को नकारा है। आज इन लोगों की दुर्गति ऐसी हो चुकी है कि यह लोग कायंदे से नेता प्रतिपक्ष चुनने के लायक भी नहीं हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “आज मुख्यमंत्री पद को लेकर बैठक होनी थी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। जैसे ही कोई बैठक होगी। आपको बता दिया जाएगा।”

उद्धव ठाकरे गुट के नेता अंबादास दानवे ने अपने बयान में कहा था, “अगर हम चुनाव अकेले लड़ते, तो इस बात की प्रबल संभावना थी कि हम चुनाव में बेहतर परिणाम दे पाते। लेकिन, अफसोस हम ऐसा नहीं कर पाए। लिहाजा, अब हम आगामी सभी चुनाव अकेले ही लड़ेंगे।”

इस पर मनीषा कायंदे ने दावा किया कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन अब टूटने की कगार पर पहुंच चुका है। पहले यह विरोध दबी जुबान में होता था मगर, आज खुलकर हो रहा है। आज भी कई लोग एकनाथ शिंदे के साथ आना चाहते हैं। यही बात उद्धव ठाकरे को बताने की कोशिश की जा रही थी। लेकिन, उस वक्त उद्धव ठाकरे इतने ज्यादा बहक गए थे कि उन्होंने किसी की भी सुनना उचित नहीं समझा।

इस बीच, कायंदे से जब पूछा गया कि क्या अब उद्धव ठाकरे को अलग हो जाना चाहिए, तो उन्होंने कहा कि मैं इस पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दे सकती हूं।

मनीषा कायंदे ने कहा कि शिवसेना यूबीटी के कुछ नेता हमारे नेताओं के संपर्क में हैं। लेकिन, वो कौन हैं, इस पर मौजूदा समय में किसी भी प्रकार की टिप्पणी करना उचित नहीं रहेगा।

वहीं, अजमेर दरगाह को लेकर छिड़े विवाद पर भी मनीषा कायंदे ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मुगल राजाओं ने भारत पर बहुत आक्रमण किए। ऐसी कई जगहें हैं, जहां पहले मंदिर थे। लेकिन, मुगल आक्रांताओं ने उसे ध्वस्त करवाया। निश्चित तौर पर यह मामलें अब कोर्ट में जाएंगे। यह बहुत ही पुराने मुद्दे हैं, जिसे कोर्ट में ही सुलझाए जाएगा। जिस तरह से राम मंदिर का समाधान हुआ, ठीक उसी तरह से अन्य मामलों का भी निपटारा होगा।”

समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव के विवादित बयान को कायंदे ने गलत बताया। उन्होंने कहा, “न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए। अगर आपको किसी बात पर आपत्ति है, तो आप कोर्ट में जाइए।”

–आईएएनएस

एसएचके/केआर

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मुंबई, 29 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा ये सवाल हर आम से लेकर खास शख्स पूछ रहा है। इस बीच शिवसेना नेता मनीषा कायंदे ने कहा है कि जल्द ही मुख्यमंत्री का नाम फाइनल कर लिया जाएगा।

मनीषा कायंदे ने आईएएनएस से बातचीत में इस बात पर बल दिया कि विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान हमने जो भी बातें अपने घोषणापत्र में की थी, उसे हम पूरा करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। हम अपने वादों को पूरा करने में कोई समझौता नहीं करेंगे।

वहीं मुख्यमंत्री पद को लेकर हो रहे विलंब पर विपक्षी दलों द्वारा तंज कसे जाने पर मनीषा कायंदे ने कहा, “एक तो ये लोग चुनाव जीतने में विफल रहे। इन लोगों की सरकार आई नहीं। लेकिन, अगर गलती से भी आ जाती, तो मैं दावे के साथ कहती हूं कि यह लोग पूरे महीने सीएम पद के लिए लड़ते रहते। उधर, रही बात मुख्यमंत्री की, तो मैं एक बात साफ कर देना चाहती हूं कि एक-दो दिन में इसका भी फैसला कर लिया जाएगा। महाराष्ट्र की जनता हमारे साथ है। यह बात बीते विधानसभा चुनाव में साफ हो चुका है। लेकिन, विपक्षी दल इस बात को समझने से परहेज कर रहे हैं।”

मनीषा कायंदे ने विपक्षी दलों में समन्वय का अभाव बताते हुए कहा, “विपक्षी दलों में तालमेल का अभाव है। पहले ये लोग सीट शेयरिंग को लेकर लड़ते रहे। यही नहीं, चुनाव से तीन महीने पहले उद्धव ठाकरे इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त थे कि उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार महाविकास अघाड़ी की तरफ से चुना जाएगा। ”

इस बीच, जब उनसे पूछा गया कि एकनाथ शिंदे दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात के बाद अपने विधायकों के साथ बैठक करने वाले थे। इस पर मनीषा कायंदे ने कहा बैठक होने वाली थी। लेकिन, किसी कारण से रद्द हो गई। अब अगली बैठक जल्द ही होगी।

वहीं, उन्होंने नाना पटोले पर तंज कसते हुए कहा, “वो तो सूट बूट पहनकर पूरी तरह से तैयार थे कि कब शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन हो, ताकि मैं जाऊं। लेकिन, अफसोस महाराष्ट्र की जनता ने इन लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। प्रदेश की जनता ने इन लोगों को नकारा है। आज इन लोगों की दुर्गति ऐसी हो चुकी है कि यह लोग कायंदे से नेता प्रतिपक्ष चुनने के लायक भी नहीं हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “आज मुख्यमंत्री पद को लेकर बैठक होनी थी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। जैसे ही कोई बैठक होगी। आपको बता दिया जाएगा।”

उद्धव ठाकरे गुट के नेता अंबादास दानवे ने अपने बयान में कहा था, “अगर हम चुनाव अकेले लड़ते, तो इस बात की प्रबल संभावना थी कि हम चुनाव में बेहतर परिणाम दे पाते। लेकिन, अफसोस हम ऐसा नहीं कर पाए। लिहाजा, अब हम आगामी सभी चुनाव अकेले ही लड़ेंगे।”

इस पर मनीषा कायंदे ने दावा किया कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन अब टूटने की कगार पर पहुंच चुका है। पहले यह विरोध दबी जुबान में होता था मगर, आज खुलकर हो रहा है। आज भी कई लोग एकनाथ शिंदे के साथ आना चाहते हैं। यही बात उद्धव ठाकरे को बताने की कोशिश की जा रही थी। लेकिन, उस वक्त उद्धव ठाकरे इतने ज्यादा बहक गए थे कि उन्होंने किसी की भी सुनना उचित नहीं समझा।

इस बीच, कायंदे से जब पूछा गया कि क्या अब उद्धव ठाकरे को अलग हो जाना चाहिए, तो उन्होंने कहा कि मैं इस पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दे सकती हूं।

मनीषा कायंदे ने कहा कि शिवसेना यूबीटी के कुछ नेता हमारे नेताओं के संपर्क में हैं। लेकिन, वो कौन हैं, इस पर मौजूदा समय में किसी भी प्रकार की टिप्पणी करना उचित नहीं रहेगा।

वहीं, अजमेर दरगाह को लेकर छिड़े विवाद पर भी मनीषा कायंदे ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मुगल राजाओं ने भारत पर बहुत आक्रमण किए। ऐसी कई जगहें हैं, जहां पहले मंदिर थे। लेकिन, मुगल आक्रांताओं ने उसे ध्वस्त करवाया। निश्चित तौर पर यह मामलें अब कोर्ट में जाएंगे। यह बहुत ही पुराने मुद्दे हैं, जिसे कोर्ट में ही सुलझाए जाएगा। जिस तरह से राम मंदिर का समाधान हुआ, ठीक उसी तरह से अन्य मामलों का भी निपटारा होगा।”

समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव के विवादित बयान को कायंदे ने गलत बताया। उन्होंने कहा, “न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए। अगर आपको किसी बात पर आपत्ति है, तो आप कोर्ट में जाइए।”

–आईएएनएस

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मुंबई, 29 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा ये सवाल हर आम से लेकर खास शख्स पूछ रहा है। इस बीच शिवसेना नेता मनीषा कायंदे ने कहा है कि जल्द ही मुख्यमंत्री का नाम फाइनल कर लिया जाएगा।

मनीषा कायंदे ने आईएएनएस से बातचीत में इस बात पर बल दिया कि विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान हमने जो भी बातें अपने घोषणापत्र में की थी, उसे हम पूरा करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। हम अपने वादों को पूरा करने में कोई समझौता नहीं करेंगे।

वहीं मुख्यमंत्री पद को लेकर हो रहे विलंब पर विपक्षी दलों द्वारा तंज कसे जाने पर मनीषा कायंदे ने कहा, “एक तो ये लोग चुनाव जीतने में विफल रहे। इन लोगों की सरकार आई नहीं। लेकिन, अगर गलती से भी आ जाती, तो मैं दावे के साथ कहती हूं कि यह लोग पूरे महीने सीएम पद के लिए लड़ते रहते। उधर, रही बात मुख्यमंत्री की, तो मैं एक बात साफ कर देना चाहती हूं कि एक-दो दिन में इसका भी फैसला कर लिया जाएगा। महाराष्ट्र की जनता हमारे साथ है। यह बात बीते विधानसभा चुनाव में साफ हो चुका है। लेकिन, विपक्षी दल इस बात को समझने से परहेज कर रहे हैं।”

मनीषा कायंदे ने विपक्षी दलों में समन्वय का अभाव बताते हुए कहा, “विपक्षी दलों में तालमेल का अभाव है। पहले ये लोग सीट शेयरिंग को लेकर लड़ते रहे। यही नहीं, चुनाव से तीन महीने पहले उद्धव ठाकरे इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त थे कि उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार महाविकास अघाड़ी की तरफ से चुना जाएगा। ”

इस बीच, जब उनसे पूछा गया कि एकनाथ शिंदे दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात के बाद अपने विधायकों के साथ बैठक करने वाले थे। इस पर मनीषा कायंदे ने कहा बैठक होने वाली थी। लेकिन, किसी कारण से रद्द हो गई। अब अगली बैठक जल्द ही होगी।

वहीं, उन्होंने नाना पटोले पर तंज कसते हुए कहा, “वो तो सूट बूट पहनकर पूरी तरह से तैयार थे कि कब शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन हो, ताकि मैं जाऊं। लेकिन, अफसोस महाराष्ट्र की जनता ने इन लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। प्रदेश की जनता ने इन लोगों को नकारा है। आज इन लोगों की दुर्गति ऐसी हो चुकी है कि यह लोग कायंदे से नेता प्रतिपक्ष चुनने के लायक भी नहीं हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “आज मुख्यमंत्री पद को लेकर बैठक होनी थी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। जैसे ही कोई बैठक होगी। आपको बता दिया जाएगा।”

उद्धव ठाकरे गुट के नेता अंबादास दानवे ने अपने बयान में कहा था, “अगर हम चुनाव अकेले लड़ते, तो इस बात की प्रबल संभावना थी कि हम चुनाव में बेहतर परिणाम दे पाते। लेकिन, अफसोस हम ऐसा नहीं कर पाए। लिहाजा, अब हम आगामी सभी चुनाव अकेले ही लड़ेंगे।”

इस पर मनीषा कायंदे ने दावा किया कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन अब टूटने की कगार पर पहुंच चुका है। पहले यह विरोध दबी जुबान में होता था मगर, आज खुलकर हो रहा है। आज भी कई लोग एकनाथ शिंदे के साथ आना चाहते हैं। यही बात उद्धव ठाकरे को बताने की कोशिश की जा रही थी। लेकिन, उस वक्त उद्धव ठाकरे इतने ज्यादा बहक गए थे कि उन्होंने किसी की भी सुनना उचित नहीं समझा।

इस बीच, कायंदे से जब पूछा गया कि क्या अब उद्धव ठाकरे को अलग हो जाना चाहिए, तो उन्होंने कहा कि मैं इस पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दे सकती हूं।

मनीषा कायंदे ने कहा कि शिवसेना यूबीटी के कुछ नेता हमारे नेताओं के संपर्क में हैं। लेकिन, वो कौन हैं, इस पर मौजूदा समय में किसी भी प्रकार की टिप्पणी करना उचित नहीं रहेगा।

वहीं, अजमेर दरगाह को लेकर छिड़े विवाद पर भी मनीषा कायंदे ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मुगल राजाओं ने भारत पर बहुत आक्रमण किए। ऐसी कई जगहें हैं, जहां पहले मंदिर थे। लेकिन, मुगल आक्रांताओं ने उसे ध्वस्त करवाया। निश्चित तौर पर यह मामलें अब कोर्ट में जाएंगे। यह बहुत ही पुराने मुद्दे हैं, जिसे कोर्ट में ही सुलझाए जाएगा। जिस तरह से राम मंदिर का समाधान हुआ, ठीक उसी तरह से अन्य मामलों का भी निपटारा होगा।”

समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव के विवादित बयान को कायंदे ने गलत बताया। उन्होंने कहा, “न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए। अगर आपको किसी बात पर आपत्ति है, तो आप कोर्ट में जाइए।”

–आईएएनएस

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मुंबई, 29 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा ये सवाल हर आम से लेकर खास शख्स पूछ रहा है। इस बीच शिवसेना नेता मनीषा कायंदे ने कहा है कि जल्द ही मुख्यमंत्री का नाम फाइनल कर लिया जाएगा।

मनीषा कायंदे ने आईएएनएस से बातचीत में इस बात पर बल दिया कि विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान हमने जो भी बातें अपने घोषणापत्र में की थी, उसे हम पूरा करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। हम अपने वादों को पूरा करने में कोई समझौता नहीं करेंगे।

वहीं मुख्यमंत्री पद को लेकर हो रहे विलंब पर विपक्षी दलों द्वारा तंज कसे जाने पर मनीषा कायंदे ने कहा, “एक तो ये लोग चुनाव जीतने में विफल रहे। इन लोगों की सरकार आई नहीं। लेकिन, अगर गलती से भी आ जाती, तो मैं दावे के साथ कहती हूं कि यह लोग पूरे महीने सीएम पद के लिए लड़ते रहते। उधर, रही बात मुख्यमंत्री की, तो मैं एक बात साफ कर देना चाहती हूं कि एक-दो दिन में इसका भी फैसला कर लिया जाएगा। महाराष्ट्र की जनता हमारे साथ है। यह बात बीते विधानसभा चुनाव में साफ हो चुका है। लेकिन, विपक्षी दल इस बात को समझने से परहेज कर रहे हैं।”

मनीषा कायंदे ने विपक्षी दलों में समन्वय का अभाव बताते हुए कहा, “विपक्षी दलों में तालमेल का अभाव है। पहले ये लोग सीट शेयरिंग को लेकर लड़ते रहे। यही नहीं, चुनाव से तीन महीने पहले उद्धव ठाकरे इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त थे कि उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार महाविकास अघाड़ी की तरफ से चुना जाएगा। ”

इस बीच, जब उनसे पूछा गया कि एकनाथ शिंदे दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात के बाद अपने विधायकों के साथ बैठक करने वाले थे। इस पर मनीषा कायंदे ने कहा बैठक होने वाली थी। लेकिन, किसी कारण से रद्द हो गई। अब अगली बैठक जल्द ही होगी।

वहीं, उन्होंने नाना पटोले पर तंज कसते हुए कहा, “वो तो सूट बूट पहनकर पूरी तरह से तैयार थे कि कब शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन हो, ताकि मैं जाऊं। लेकिन, अफसोस महाराष्ट्र की जनता ने इन लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। प्रदेश की जनता ने इन लोगों को नकारा है। आज इन लोगों की दुर्गति ऐसी हो चुकी है कि यह लोग कायंदे से नेता प्रतिपक्ष चुनने के लायक भी नहीं हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “आज मुख्यमंत्री पद को लेकर बैठक होनी थी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। जैसे ही कोई बैठक होगी। आपको बता दिया जाएगा।”

उद्धव ठाकरे गुट के नेता अंबादास दानवे ने अपने बयान में कहा था, “अगर हम चुनाव अकेले लड़ते, तो इस बात की प्रबल संभावना थी कि हम चुनाव में बेहतर परिणाम दे पाते। लेकिन, अफसोस हम ऐसा नहीं कर पाए। लिहाजा, अब हम आगामी सभी चुनाव अकेले ही लड़ेंगे।”

इस पर मनीषा कायंदे ने दावा किया कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन अब टूटने की कगार पर पहुंच चुका है। पहले यह विरोध दबी जुबान में होता था मगर, आज खुलकर हो रहा है। आज भी कई लोग एकनाथ शिंदे के साथ आना चाहते हैं। यही बात उद्धव ठाकरे को बताने की कोशिश की जा रही थी। लेकिन, उस वक्त उद्धव ठाकरे इतने ज्यादा बहक गए थे कि उन्होंने किसी की भी सुनना उचित नहीं समझा।

इस बीच, कायंदे से जब पूछा गया कि क्या अब उद्धव ठाकरे को अलग हो जाना चाहिए, तो उन्होंने कहा कि मैं इस पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दे सकती हूं।

मनीषा कायंदे ने कहा कि शिवसेना यूबीटी के कुछ नेता हमारे नेताओं के संपर्क में हैं। लेकिन, वो कौन हैं, इस पर मौजूदा समय में किसी भी प्रकार की टिप्पणी करना उचित नहीं रहेगा।

वहीं, अजमेर दरगाह को लेकर छिड़े विवाद पर भी मनीषा कायंदे ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मुगल राजाओं ने भारत पर बहुत आक्रमण किए। ऐसी कई जगहें हैं, जहां पहले मंदिर थे। लेकिन, मुगल आक्रांताओं ने उसे ध्वस्त करवाया। निश्चित तौर पर यह मामलें अब कोर्ट में जाएंगे। यह बहुत ही पुराने मुद्दे हैं, जिसे कोर्ट में ही सुलझाए जाएगा। जिस तरह से राम मंदिर का समाधान हुआ, ठीक उसी तरह से अन्य मामलों का भी निपटारा होगा।”

समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव के विवादित बयान को कायंदे ने गलत बताया। उन्होंने कहा, “न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए। अगर आपको किसी बात पर आपत्ति है, तो आप कोर्ट में जाइए।”

–आईएएनएस

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मुंबई, 29 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा ये सवाल हर आम से लेकर खास शख्स पूछ रहा है। इस बीच शिवसेना नेता मनीषा कायंदे ने कहा है कि जल्द ही मुख्यमंत्री का नाम फाइनल कर लिया जाएगा।

मनीषा कायंदे ने आईएएनएस से बातचीत में इस बात पर बल दिया कि विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान हमने जो भी बातें अपने घोषणापत्र में की थी, उसे हम पूरा करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। हम अपने वादों को पूरा करने में कोई समझौता नहीं करेंगे।

वहीं मुख्यमंत्री पद को लेकर हो रहे विलंब पर विपक्षी दलों द्वारा तंज कसे जाने पर मनीषा कायंदे ने कहा, “एक तो ये लोग चुनाव जीतने में विफल रहे। इन लोगों की सरकार आई नहीं। लेकिन, अगर गलती से भी आ जाती, तो मैं दावे के साथ कहती हूं कि यह लोग पूरे महीने सीएम पद के लिए लड़ते रहते। उधर, रही बात मुख्यमंत्री की, तो मैं एक बात साफ कर देना चाहती हूं कि एक-दो दिन में इसका भी फैसला कर लिया जाएगा। महाराष्ट्र की जनता हमारे साथ है। यह बात बीते विधानसभा चुनाव में साफ हो चुका है। लेकिन, विपक्षी दल इस बात को समझने से परहेज कर रहे हैं।”

मनीषा कायंदे ने विपक्षी दलों में समन्वय का अभाव बताते हुए कहा, “विपक्षी दलों में तालमेल का अभाव है। पहले ये लोग सीट शेयरिंग को लेकर लड़ते रहे। यही नहीं, चुनाव से तीन महीने पहले उद्धव ठाकरे इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त थे कि उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार महाविकास अघाड़ी की तरफ से चुना जाएगा। ”

इस बीच, जब उनसे पूछा गया कि एकनाथ शिंदे दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात के बाद अपने विधायकों के साथ बैठक करने वाले थे। इस पर मनीषा कायंदे ने कहा बैठक होने वाली थी। लेकिन, किसी कारण से रद्द हो गई। अब अगली बैठक जल्द ही होगी।

वहीं, उन्होंने नाना पटोले पर तंज कसते हुए कहा, “वो तो सूट बूट पहनकर पूरी तरह से तैयार थे कि कब शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन हो, ताकि मैं जाऊं। लेकिन, अफसोस महाराष्ट्र की जनता ने इन लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। प्रदेश की जनता ने इन लोगों को नकारा है। आज इन लोगों की दुर्गति ऐसी हो चुकी है कि यह लोग कायंदे से नेता प्रतिपक्ष चुनने के लायक भी नहीं हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “आज मुख्यमंत्री पद को लेकर बैठक होनी थी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। जैसे ही कोई बैठक होगी। आपको बता दिया जाएगा।”

उद्धव ठाकरे गुट के नेता अंबादास दानवे ने अपने बयान में कहा था, “अगर हम चुनाव अकेले लड़ते, तो इस बात की प्रबल संभावना थी कि हम चुनाव में बेहतर परिणाम दे पाते। लेकिन, अफसोस हम ऐसा नहीं कर पाए। लिहाजा, अब हम आगामी सभी चुनाव अकेले ही लड़ेंगे।”

इस पर मनीषा कायंदे ने दावा किया कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन अब टूटने की कगार पर पहुंच चुका है। पहले यह विरोध दबी जुबान में होता था मगर, आज खुलकर हो रहा है। आज भी कई लोग एकनाथ शिंदे के साथ आना चाहते हैं। यही बात उद्धव ठाकरे को बताने की कोशिश की जा रही थी। लेकिन, उस वक्त उद्धव ठाकरे इतने ज्यादा बहक गए थे कि उन्होंने किसी की भी सुनना उचित नहीं समझा।

इस बीच, कायंदे से जब पूछा गया कि क्या अब उद्धव ठाकरे को अलग हो जाना चाहिए, तो उन्होंने कहा कि मैं इस पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दे सकती हूं।

मनीषा कायंदे ने कहा कि शिवसेना यूबीटी के कुछ नेता हमारे नेताओं के संपर्क में हैं। लेकिन, वो कौन हैं, इस पर मौजूदा समय में किसी भी प्रकार की टिप्पणी करना उचित नहीं रहेगा।

वहीं, अजमेर दरगाह को लेकर छिड़े विवाद पर भी मनीषा कायंदे ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मुगल राजाओं ने भारत पर बहुत आक्रमण किए। ऐसी कई जगहें हैं, जहां पहले मंदिर थे। लेकिन, मुगल आक्रांताओं ने उसे ध्वस्त करवाया। निश्चित तौर पर यह मामलें अब कोर्ट में जाएंगे। यह बहुत ही पुराने मुद्दे हैं, जिसे कोर्ट में ही सुलझाए जाएगा। जिस तरह से राम मंदिर का समाधान हुआ, ठीक उसी तरह से अन्य मामलों का भी निपटारा होगा।”

समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव के विवादित बयान को कायंदे ने गलत बताया। उन्होंने कहा, “न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए। अगर आपको किसी बात पर आपत्ति है, तो आप कोर्ट में जाइए।”

–आईएएनएस

एसएचके/केआर

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मुंबई, 29 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा ये सवाल हर आम से लेकर खास शख्स पूछ रहा है। इस बीच शिवसेना नेता मनीषा कायंदे ने कहा है कि जल्द ही मुख्यमंत्री का नाम फाइनल कर लिया जाएगा।

मनीषा कायंदे ने आईएएनएस से बातचीत में इस बात पर बल दिया कि विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान हमने जो भी बातें अपने घोषणापत्र में की थी, उसे हम पूरा करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। हम अपने वादों को पूरा करने में कोई समझौता नहीं करेंगे।

वहीं मुख्यमंत्री पद को लेकर हो रहे विलंब पर विपक्षी दलों द्वारा तंज कसे जाने पर मनीषा कायंदे ने कहा, “एक तो ये लोग चुनाव जीतने में विफल रहे। इन लोगों की सरकार आई नहीं। लेकिन, अगर गलती से भी आ जाती, तो मैं दावे के साथ कहती हूं कि यह लोग पूरे महीने सीएम पद के लिए लड़ते रहते। उधर, रही बात मुख्यमंत्री की, तो मैं एक बात साफ कर देना चाहती हूं कि एक-दो दिन में इसका भी फैसला कर लिया जाएगा। महाराष्ट्र की जनता हमारे साथ है। यह बात बीते विधानसभा चुनाव में साफ हो चुका है। लेकिन, विपक्षी दल इस बात को समझने से परहेज कर रहे हैं।”

मनीषा कायंदे ने विपक्षी दलों में समन्वय का अभाव बताते हुए कहा, “विपक्षी दलों में तालमेल का अभाव है। पहले ये लोग सीट शेयरिंग को लेकर लड़ते रहे। यही नहीं, चुनाव से तीन महीने पहले उद्धव ठाकरे इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त थे कि उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार महाविकास अघाड़ी की तरफ से चुना जाएगा। ”

इस बीच, जब उनसे पूछा गया कि एकनाथ शिंदे दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात के बाद अपने विधायकों के साथ बैठक करने वाले थे। इस पर मनीषा कायंदे ने कहा बैठक होने वाली थी। लेकिन, किसी कारण से रद्द हो गई। अब अगली बैठक जल्द ही होगी।

वहीं, उन्होंने नाना पटोले पर तंज कसते हुए कहा, “वो तो सूट बूट पहनकर पूरी तरह से तैयार थे कि कब शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन हो, ताकि मैं जाऊं। लेकिन, अफसोस महाराष्ट्र की जनता ने इन लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। प्रदेश की जनता ने इन लोगों को नकारा है। आज इन लोगों की दुर्गति ऐसी हो चुकी है कि यह लोग कायंदे से नेता प्रतिपक्ष चुनने के लायक भी नहीं हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “आज मुख्यमंत्री पद को लेकर बैठक होनी थी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। जैसे ही कोई बैठक होगी। आपको बता दिया जाएगा।”

उद्धव ठाकरे गुट के नेता अंबादास दानवे ने अपने बयान में कहा था, “अगर हम चुनाव अकेले लड़ते, तो इस बात की प्रबल संभावना थी कि हम चुनाव में बेहतर परिणाम दे पाते। लेकिन, अफसोस हम ऐसा नहीं कर पाए। लिहाजा, अब हम आगामी सभी चुनाव अकेले ही लड़ेंगे।”

इस पर मनीषा कायंदे ने दावा किया कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन अब टूटने की कगार पर पहुंच चुका है। पहले यह विरोध दबी जुबान में होता था मगर, आज खुलकर हो रहा है। आज भी कई लोग एकनाथ शिंदे के साथ आना चाहते हैं। यही बात उद्धव ठाकरे को बताने की कोशिश की जा रही थी। लेकिन, उस वक्त उद्धव ठाकरे इतने ज्यादा बहक गए थे कि उन्होंने किसी की भी सुनना उचित नहीं समझा।

इस बीच, कायंदे से जब पूछा गया कि क्या अब उद्धव ठाकरे को अलग हो जाना चाहिए, तो उन्होंने कहा कि मैं इस पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दे सकती हूं।

मनीषा कायंदे ने कहा कि शिवसेना यूबीटी के कुछ नेता हमारे नेताओं के संपर्क में हैं। लेकिन, वो कौन हैं, इस पर मौजूदा समय में किसी भी प्रकार की टिप्पणी करना उचित नहीं रहेगा।

वहीं, अजमेर दरगाह को लेकर छिड़े विवाद पर भी मनीषा कायंदे ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मुगल राजाओं ने भारत पर बहुत आक्रमण किए। ऐसी कई जगहें हैं, जहां पहले मंदिर थे। लेकिन, मुगल आक्रांताओं ने उसे ध्वस्त करवाया। निश्चित तौर पर यह मामलें अब कोर्ट में जाएंगे। यह बहुत ही पुराने मुद्दे हैं, जिसे कोर्ट में ही सुलझाए जाएगा। जिस तरह से राम मंदिर का समाधान हुआ, ठीक उसी तरह से अन्य मामलों का भी निपटारा होगा।”

समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव के विवादित बयान को कायंदे ने गलत बताया। उन्होंने कहा, “न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए। अगर आपको किसी बात पर आपत्ति है, तो आप कोर्ट में जाइए।”

–आईएएनएस

एसएचके/केआर

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मुंबई, 29 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा ये सवाल हर आम से लेकर खास शख्स पूछ रहा है। इस बीच शिवसेना नेता मनीषा कायंदे ने कहा है कि जल्द ही मुख्यमंत्री का नाम फाइनल कर लिया जाएगा।

मनीषा कायंदे ने आईएएनएस से बातचीत में इस बात पर बल दिया कि विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान हमने जो भी बातें अपने घोषणापत्र में की थी, उसे हम पूरा करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। हम अपने वादों को पूरा करने में कोई समझौता नहीं करेंगे।

वहीं मुख्यमंत्री पद को लेकर हो रहे विलंब पर विपक्षी दलों द्वारा तंज कसे जाने पर मनीषा कायंदे ने कहा, “एक तो ये लोग चुनाव जीतने में विफल रहे। इन लोगों की सरकार आई नहीं। लेकिन, अगर गलती से भी आ जाती, तो मैं दावे के साथ कहती हूं कि यह लोग पूरे महीने सीएम पद के लिए लड़ते रहते। उधर, रही बात मुख्यमंत्री की, तो मैं एक बात साफ कर देना चाहती हूं कि एक-दो दिन में इसका भी फैसला कर लिया जाएगा। महाराष्ट्र की जनता हमारे साथ है। यह बात बीते विधानसभा चुनाव में साफ हो चुका है। लेकिन, विपक्षी दल इस बात को समझने से परहेज कर रहे हैं।”

मनीषा कायंदे ने विपक्षी दलों में समन्वय का अभाव बताते हुए कहा, “विपक्षी दलों में तालमेल का अभाव है। पहले ये लोग सीट शेयरिंग को लेकर लड़ते रहे। यही नहीं, चुनाव से तीन महीने पहले उद्धव ठाकरे इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त थे कि उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार महाविकास अघाड़ी की तरफ से चुना जाएगा। ”

इस बीच, जब उनसे पूछा गया कि एकनाथ शिंदे दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात के बाद अपने विधायकों के साथ बैठक करने वाले थे। इस पर मनीषा कायंदे ने कहा बैठक होने वाली थी। लेकिन, किसी कारण से रद्द हो गई। अब अगली बैठक जल्द ही होगी।

वहीं, उन्होंने नाना पटोले पर तंज कसते हुए कहा, “वो तो सूट बूट पहनकर पूरी तरह से तैयार थे कि कब शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन हो, ताकि मैं जाऊं। लेकिन, अफसोस महाराष्ट्र की जनता ने इन लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। प्रदेश की जनता ने इन लोगों को नकारा है। आज इन लोगों की दुर्गति ऐसी हो चुकी है कि यह लोग कायंदे से नेता प्रतिपक्ष चुनने के लायक भी नहीं हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “आज मुख्यमंत्री पद को लेकर बैठक होनी थी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। जैसे ही कोई बैठक होगी। आपको बता दिया जाएगा।”

उद्धव ठाकरे गुट के नेता अंबादास दानवे ने अपने बयान में कहा था, “अगर हम चुनाव अकेले लड़ते, तो इस बात की प्रबल संभावना थी कि हम चुनाव में बेहतर परिणाम दे पाते। लेकिन, अफसोस हम ऐसा नहीं कर पाए। लिहाजा, अब हम आगामी सभी चुनाव अकेले ही लड़ेंगे।”

इस पर मनीषा कायंदे ने दावा किया कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन अब टूटने की कगार पर पहुंच चुका है। पहले यह विरोध दबी जुबान में होता था मगर, आज खुलकर हो रहा है। आज भी कई लोग एकनाथ शिंदे के साथ आना चाहते हैं। यही बात उद्धव ठाकरे को बताने की कोशिश की जा रही थी। लेकिन, उस वक्त उद्धव ठाकरे इतने ज्यादा बहक गए थे कि उन्होंने किसी की भी सुनना उचित नहीं समझा।

इस बीच, कायंदे से जब पूछा गया कि क्या अब उद्धव ठाकरे को अलग हो जाना चाहिए, तो उन्होंने कहा कि मैं इस पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दे सकती हूं।

मनीषा कायंदे ने कहा कि शिवसेना यूबीटी के कुछ नेता हमारे नेताओं के संपर्क में हैं। लेकिन, वो कौन हैं, इस पर मौजूदा समय में किसी भी प्रकार की टिप्पणी करना उचित नहीं रहेगा।

वहीं, अजमेर दरगाह को लेकर छिड़े विवाद पर भी मनीषा कायंदे ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मुगल राजाओं ने भारत पर बहुत आक्रमण किए। ऐसी कई जगहें हैं, जहां पहले मंदिर थे। लेकिन, मुगल आक्रांताओं ने उसे ध्वस्त करवाया। निश्चित तौर पर यह मामलें अब कोर्ट में जाएंगे। यह बहुत ही पुराने मुद्दे हैं, जिसे कोर्ट में ही सुलझाए जाएगा। जिस तरह से राम मंदिर का समाधान हुआ, ठीक उसी तरह से अन्य मामलों का भी निपटारा होगा।”

समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव के विवादित बयान को कायंदे ने गलत बताया। उन्होंने कहा, “न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए। अगर आपको किसी बात पर आपत्ति है, तो आप कोर्ट में जाइए।”

–आईएएनएस

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