नई दिल्ली, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। ऑनलाइन माध्यम से निवेश बढ़ने के कारण म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में बड़े बदलाव आ रहे हैं। अब एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) में डायरेक्ट प्लान की हिस्सेदारी बढ़कर करीब 40 प्रतिशत हो गई है। चार साल पहले यह आंकड़ा 21 प्रतिशत का था।
ट्रेंड में आया यह बदलाव दिखाता है कि लोग अब डायरेक्ट चैनल के माध्यम से निवेश करने को अधिक वरीयता दे रहे हैं।
म्यूचुअल फंड निवेशक डायरेक्ट और रेगुलर दोनों प्लान के बीच किसी एक का चयन कर सकते हैं।
किसी म्यूचुअल स्कीम के रेगुलर प्लान को एजेंटों और बैंकों के माध्यम से खरीदा जा सकता हैं। वितरण में मध्यस्थ होने के कारण इनकी सेवाओं के लिए कमीशन देना होता है, जो कि आपके निवेश में से काटा जाता है।
इसके विपरीत किसी म्यूचुअल स्कीम के डायरेक्ट प्लान कमीशन मुक्त होते हैं और निवेशकों को अपने आप निवेश प्रक्रिया पूरी करनी होती है।
अक्टूबर 2024 के अंत 10.1 करोड़ एसआईपी खातों में तक डायरेक्ट प्लान की हिस्सेदारी 39 प्रतिशत थी। अक्टूबर 2020 में यह आंकड़ा 21.5 प्रतिशत और मार्च 2020 में 17 प्रतिशत था।
इस ट्रेंड में आए बदलाव का असर एसआईपी एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) पर भी हुआ है। इंडस्ट्री डेटा के मुताबिक, डायरेक्ट प्लान एसआईपी से लिंक्ड एयूएम अक्टूबर 2024 तक बढ़कर 2.7 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो कि मार्च 2020 में 29,340 करोड़ रुपये था। इस दौरान डायरेक्ट प्लान की एसआईपी एयूएम में हिस्सेदारी 12.2 प्रतिशत बढ़कर 20.3 प्रतिशत हो गई है।
इस साल अक्टूबर में एसआईपी इनफ्लो 25,323 करोड़ रुपये था। यह पहला मौका था, जब देश में एसआईपी से आने वाला निवेश का आंकड़ा 25,000 करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गया है।
लगातार बढ़ता हुआ एसआईपी का आंकड़ा दिखाता है लोग म्यूचुअल फंड में एसआईपी के जरिए निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं।
इसके अलावा म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) अक्टूबर में बढ़कर नए ऑल टाइम हाई 66.98 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। इसमें मासिक आधार पर 0.25 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। सितंबर में यह 66.82 लाख करोड़ रुपये थी।
–आईएएनएस
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