पटना, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने किसानों के दिल्ली कूच पर कहा है कि किसान संगठनों का आंदोलन पिछले समझौतों के लागू न होने से उपजी पीड़ा का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया है कि नागरिकों को असुविधा नहीं होनी चाहिए। हमें विश्वास है कि कृषि मंत्री सदन में किसानों के संबंध में कोई सार्थक घोषणा करेंगे। वे हमारे किसान हैं, हमारी संपत्ति हैं, देश के अन्नदाता हैं। उनके प्रति संवेदनशीलता जरूरी है।
संभल की घटना को लेकर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान पर जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि बांग्लादेश में लोकतंत्र की हत्या हुई है, यह एक धर्म आधारित राष्ट्र है। बांग्लादेश इस एशियाई महाद्वीप में तानाशाही से भरा देश है, और यह एशिया में एक उदाहरण है कि नेपाल, जो एक हिंदू राष्ट्र था, उसके लोकतंत्र का गला घोंटा गया था। पाकिस्तान, जो एक इस्लामिक राष्ट्र था, उसके लोकतंत्र का गला घोंटा गया था। बांग्लादेश इस्लामी देश है जहां लोकतंत्र का गला घोट दिया गया। लेकिन संभल की घटना पीड़ा जनक है। हालांकि संभल की जो तुलना बांग्लादेश से करें, यह मेरे समझ से बाहर की चीज है।
पुलिस ने अपने बयान में कहा है कि इस हिंसा में एक करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ है। इस पर जेडीयू प्रवक्ता ने कहा, “संभल की घटना दुखद और पीड़ा जनक है। यह स्वाभाविक रूप से एक ऐसा विषय है जिसने सबको चिंतित कर दिया है। सक्षम कानून तो बने हुए हैं, लेकिन इस संदर्भ में यह महत्वपूर्ण है कि कानून को लागू करने के लिए सामाजिक स्थिति भी तो कायम होनी चाहिए। भय पैदा करके कानून व्यवस्था कायम नहीं की जा सकती है। जैसे नक्सलवाद का बिहार में सामना किया तो पंचायती राज में आरक्षण और कानून के राज के माध्यम से हमने नक्सलवाद को नियंत्रित किया था। पहले सद्भाव कायम हो यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।
–आईएएनएस
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