जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस आनंद पाठक की एकलपीठ ने मध्य प्रदेश राज्य उपभोक्ता आयोग के चेयरमैन अशोक तिवारी की जबरन सेवानिवृत्ति पर रोक लगा दी. एकलपीठ ने उक्त अंतरिम आदेश के साथ राज्य शासन सहित अन्य अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
एकलपीठ ने स्पष्ट किया है कि आगामी आदेश तक याचिकाकर्ता आयोग के चेयरमैन का पद संभालेंगे, उनके स्थान पर श्रीकांत पांडे को प्रभारी बनाये जाने के आदेश पर रोक रहेगी. एकलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई जनवरी के दूसरे सप्ताह में निर्धारित की है.
भोपाल निवासी अशोक तिवारी की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि हाईकोर्ट ने दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य व जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष, सदस्यों का कार्यकाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिका को देखते हुए अंतरिम रूप से बढ़ा के निर्देष जारी किये थे. इसके अलावा उनकाकार्यकाल अभी समाप्त नहीं हुआ है. इसके बावजूद 65 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर जबरन सेवानिवृत्त कर दिया गया.
सुप्रीम कोर्ट और मुंबई हाईकोर्ट के न्याय दृष्टांत के अनुसार आयोग के चेयरमैन व सदस्यों का कार्यकाल 67 वर्ष होना चाहिए. इसलिए याचिकाकर्ता को पद से हटाना न केवल मनमाना है, बल्कि पहले से असंवैधानिक घोषित किए गए नियम-2020 का उल्लंघन भी है.
इसके साथ ही मामले में आपत्ति कर कहा गया कि याचिकाकर्ता के स्थान पर अपेक्षाकृत कनिष्ठ को आयोग का प्रभारी बना दिया गया. मामले की सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने उक्त अंतरिम आदेश देते हुए अनावेदकों को जवाब पेश करने के निर्देश दिये है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अभिताव गुप्ता ने पैरवी की.