जबलपुर. मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत से संबंधित 84 याचिका पर सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत तथा जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने सभी याचिकाओं को पांच अलग-अलग श्रेणी में विभक्त करने के आदेश जारी किये है. युगलपीठ ने याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई 20 जनवरी को निर्धारित की है.
गौरतलब है कि प्रदेश में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण किए जाने के खिलाफ व पक्ष सहित अन्य मुद्दो पर 84 याचिकाएं दायर की गई थीं. इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय में भी याचिकाए दायर की गयी थी. सर्वोच्च न्यायालय से संबंधित मामले में हाईकोर्ट को सुनवाई करने निर्देश जारी किये थे. जिसके बाद सभी याचिकाओं पर युगलपीठ के द्वारा शुक्रवार को संयुक्त रूप से सुनवाई की गयी. याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की पैरवी के लिए उपस्थिति का हवाला देते हुए समय प्रदान करने का आग्रह किया.
युगलपीठ ने सुनवाई के बाद संबंधित याचिकाओं को कानून के विरोध,कानून के पक्ष,फार्मूला 87ः13 को चुनौती देने वाली याचिकाओं,13 प्रतिशत होल्ड किये गये पदों को चुनौती देने वाली याचिकाओं तथा प्रदेश में आबादी के अनुपात में ओबीसी वर्ग को आरक्षण दिये जाने संबंधित याचिकाओं को सुनवाई के लिए अलग-अलग श्रेणी बनाने के निर्देश जारी किये है. युगलपीठ ने सभी याचिकाओं पर 20 जनवरी को अंतिम सुनवाई के निर्देश दिये है.