लखनऊ, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। बाराबंकी लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद तनुज पुनिया ने शनिवार को आईएएनएस से बात की। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर प्रतिक्रिया दी।
तनुज पुनिया ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इंडिया गठबंधन के कन्वीनर बनने की इच्छा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह इंडिया गठबंधन का मामला है। इस पर हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष और नेता विपक्ष चर्चा कर रहे हैं। इस तरह के मुद्दों पर मीडिया में बयान देने की बजाय उच्च नेतृत्व के साथ चर्चा की जाएगी। अगर ममता बनर्जी कन्वीनर बनना चाहती हैंं, तो वह अपनी बातें रखें और फिर गठबंधन में शामिल सभी दल उस पर चर्चा कर फैसला लेंगे।
लोकसभा में अवधेश प्रसाद की सीट बदलने को लेकर मचे बवाल पर उन्होंने कहा कि अवधेश प्रसाद सीनियर नेता हैं और अगर उनकी रिक्वेस्ट है कि उन्हें आगे बिठाया जाए, तो हम पूरी तरह से उनका समर्थन करते हैं। वह उत्तर प्रदेश के नौ बार विधायक रहे हैं, मंत्री रहे हैं और अब सांसद हैं। उनके अनुभव और वरिष्ठता को ध्यान में रखते हुए, अगर समाजवादी पार्टी की तरफ से उनकी मांग है कि उन्हें आगे बैठाया जाए, तो हम इसका समर्थन करेंगे। हम पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी आग्रह करेंगे कि उन्हें आगे की सीट दी जाए।
पुनिया ने कांग्रेस की समिति को भंग करने पर भी अपनी राय दी और कहा कि पार्टी ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि अब नए तरीके से काम किया जाएगा। उनका कहना था कि अब हर जिले में अध्यक्षों के नए गठन और संगठनात्मक कार्यों के लिए पुनर्गठन किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने भाजपा पर भी हमला बोला और कहा कि भारतीय जनता पार्टी हमेशा से विभाजनकारी नीतियों पर काम करती रही है। भाजपा समाज में बंटवारा कर अपनी राजनीति चला रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा के इस रवैए से समाज में तनाव और घर्षण पैदा हो रहा है, जो कि देश के संविधान और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के विचारों के खिलाफ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाबर वाले बयान को उन्होंने असंवैधानिक और निराशाजनक बताया।
किसानों के मुद्दे पर भाजपा को घेरते हुए उन्होंने कहा कि पिछली बार जब किसानों ने धरना दिया था, तो भाजपा ने उनके साथ किए गए समझौते का पालन नहीं किया। किसानों ने एमएसपी की कानूनी गारंटी, खाद समय से उपलब्ध कराने और उचित कीमत पर अपनी फसलों के लिए दाम की मांग की थी, लेकिन भाजपा ने उनकी मांगों को अनदेखा किया। पुनिया का कहना था कि किसानों की लागत नहीं निकल रही है और वे मजबूर होकर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन भाजपा उनकी समस्याओं का समाधान नहीं कर रही। अगर भाजपा किसानों की एक या दो बात मान ले, तो समस्याओं का हल हो सकता है। लेकिन भाजपा ने हमेशा की भांति अपनी वादाखिलाफी जारी रखी है। अगर सरकार किसानों की बातों पर बैठकर चर्चा करे, तो स्थिति सुधर सकती है।
–आईएएनएस
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