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Home ताज़ा समाचार

लोकतंत्र में भाजपा ने लोगों के वोट का अधिकार भी खत्म कर दिया है : नाना पटोले

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December 8, 2024
in ताज़ा समाचार
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मुंबई, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने आईएएनएस से बात की।

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में महायुति को मिले बहुमत पर उन्होंने कहा, “हम राजनीतिक पार्टी हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद यहां की जनता काफी हैरान हुई है। महायुति ने जो पाप किए थे, यहां की जनता उसके विरोध में थी। जनता ने मन बना लिया था कि महाराष्ट्र से महायुति को बाहर कर देंगे। दिल्ली से भाजपा के लोग जब चुनाव में आते थे, तब यहां के लोग उन्हें सपोर्ट नहीं करते थे। इनकी सभाओं में लोग नहीं जाते थे। किसान महायुति से नाराज था। महंगाई से आम आदमी, रोजगार की वजह से युवा नाराज थे। इतना सब होते ही यह सरकार कैसे आई? एक गांव के लोगों ने यहां तक कह दिया था कि हम अपने पैसों से बैलेट वोट करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में भाजपा ने लोगों के वोट का अधिकार भी खत्म कर दिया है। चुनाव आयोग और भाजपा मिलकर इस देश के लोकतंत्र का दिन-दिहाड़े खून करने का काम कर रहे हैं। यह भावना जनता के मन में हैं। जनता की भावनाओं का और संविधान बचाने का काम कांग्रेस पार्टी करेगी।

चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस का तालमेल अच्छा था। हम संगठनात्मक रूप से अच्छे थे, हमारा समन्वय मजबूत था और हमने लोगों के बीच से अच्छे उम्मीदवारों का चयन किया था। यह घटना कांग्रेस पार्टी की किसी योजना का नतीजा नहीं है। परिणाम वही है जो होना था। रात में चुनाव आयोग द्वारा 76 लाख वोट बढ़ाने का पाप जिस तरह से किया गया। उसका जवाब हम लोगों ने लेना शुरू कर दिया है। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग के पास गया था। हम लोगों ने उनसे कुछ सवाल किए हैं। अभी तक लिखित जवाब नहीं मिला है। लिखित जवाब के बाद हम लोग इस पर आगे कोई फैसला लेंगे।

ईवीएम पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “किसी का मत क्या हो सकता है मैं उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। लोकतंत्र में कोई नेता बड़ा नहीं होता है। जनतंत्र में जनता बड़ी होती है। जनता के मन में अविश्वास आया है। आम आदमी आज यह बात कर रहा है उसका वोट सुरक्षित नहीं है। हमारे संविधान में ऐसी व्यवस्था दी गई है और चुनाव आयोग को बैलेट पेपर से चुनाव कराना चाहिए। लोगों के सामने पूरी सच्चाई आनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि जनमत के आधार पर सरकार बनती है। लेकिन जब जनमत के आधार पर सरकार नहीं बनेगी तो आप देख रहे हैं कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों, युवाओं और बेरोजगारों को मारा जा रहा है। किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। जिसमें कई किसान घायल हो गए। जनतंत्र में अब जनता की कोई कीमत नहीं रही है। इन लोगों ने वोट का अधिकार खत्म कर दिया है। ईवीएम के आधार पर खेल चल रहा है। लोगों की जरूरत नहीं है। यह सब अत्याचार सरकार द्वारा किया जा रहा है। महंगाई बढ़ रही है, कल ही रिजर्व बैंक ने आगे का प्लान घोषित किया है। महंगाई कम होगी ऐसा कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। महंगाई बढ़ने का अर्थ यह है कि आम आदमी को अब जीने का अधिकार भी नहीं है। पहले की सरकार जनता की चिंता करती थी। लेकिन यह सरकार अपने लाभ की चिंता करती है।

उन्होंने आगे कहा, “मैं कहना चाहता हूं कि साल 2014 में जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने और सत्ता भाजपा के पास गई, तब हमारे देश पर 55 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। आज वह कर्ज 220 लाख करोड़ हो गया है। 10 साल में देश की प्रगति के लिए क्या इतना कर्ज लिया गया है? महाराष्ट्र में भी कुछ ऐसा ही हुआ। जब 2014 में सत्ता परिवर्तन हुआ तो जहां महाराष्ट्र पर 2 लाख करोड़ का कर्ज था, वह आज 10 लाख करोड़ हो गया है। नई सरकार और कर्ज लेने की बात कर रही है। इससे साफ होता है कि भाजपा लोगों के मुंह से दो वक्त की रोटी छीनने का पाप कर रही है। लोगों का डर इनके मन से खत्म हुआ है, लोगों का डर सरकार में होना चाहिए। लेकिन लोगों का डर इन्हें नहीं है। इसलिए बैलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए। दूध का दूध पानी का पानी होना चाहिए।

–आईएएनएस

डीकेएम/एएस

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मुंबई, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने आईएएनएस से बात की।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में महायुति को मिले बहुमत पर उन्होंने कहा, “हम राजनीतिक पार्टी हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद यहां की जनता काफी हैरान हुई है। महायुति ने जो पाप किए थे, यहां की जनता उसके विरोध में थी। जनता ने मन बना लिया था कि महाराष्ट्र से महायुति को बाहर कर देंगे। दिल्ली से भाजपा के लोग जब चुनाव में आते थे, तब यहां के लोग उन्हें सपोर्ट नहीं करते थे। इनकी सभाओं में लोग नहीं जाते थे। किसान महायुति से नाराज था। महंगाई से आम आदमी, रोजगार की वजह से युवा नाराज थे। इतना सब होते ही यह सरकार कैसे आई? एक गांव के लोगों ने यहां तक कह दिया था कि हम अपने पैसों से बैलेट वोट करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में भाजपा ने लोगों के वोट का अधिकार भी खत्म कर दिया है। चुनाव आयोग और भाजपा मिलकर इस देश के लोकतंत्र का दिन-दिहाड़े खून करने का काम कर रहे हैं। यह भावना जनता के मन में हैं। जनता की भावनाओं का और संविधान बचाने का काम कांग्रेस पार्टी करेगी।

चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस का तालमेल अच्छा था। हम संगठनात्मक रूप से अच्छे थे, हमारा समन्वय मजबूत था और हमने लोगों के बीच से अच्छे उम्मीदवारों का चयन किया था। यह घटना कांग्रेस पार्टी की किसी योजना का नतीजा नहीं है। परिणाम वही है जो होना था। रात में चुनाव आयोग द्वारा 76 लाख वोट बढ़ाने का पाप जिस तरह से किया गया। उसका जवाब हम लोगों ने लेना शुरू कर दिया है। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग के पास गया था। हम लोगों ने उनसे कुछ सवाल किए हैं। अभी तक लिखित जवाब नहीं मिला है। लिखित जवाब के बाद हम लोग इस पर आगे कोई फैसला लेंगे।

ईवीएम पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “किसी का मत क्या हो सकता है मैं उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। लोकतंत्र में कोई नेता बड़ा नहीं होता है। जनतंत्र में जनता बड़ी होती है। जनता के मन में अविश्वास आया है। आम आदमी आज यह बात कर रहा है उसका वोट सुरक्षित नहीं है। हमारे संविधान में ऐसी व्यवस्था दी गई है और चुनाव आयोग को बैलेट पेपर से चुनाव कराना चाहिए। लोगों के सामने पूरी सच्चाई आनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि जनमत के आधार पर सरकार बनती है। लेकिन जब जनमत के आधार पर सरकार नहीं बनेगी तो आप देख रहे हैं कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों, युवाओं और बेरोजगारों को मारा जा रहा है। किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। जिसमें कई किसान घायल हो गए। जनतंत्र में अब जनता की कोई कीमत नहीं रही है। इन लोगों ने वोट का अधिकार खत्म कर दिया है। ईवीएम के आधार पर खेल चल रहा है। लोगों की जरूरत नहीं है। यह सब अत्याचार सरकार द्वारा किया जा रहा है। महंगाई बढ़ रही है, कल ही रिजर्व बैंक ने आगे का प्लान घोषित किया है। महंगाई कम होगी ऐसा कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। महंगाई बढ़ने का अर्थ यह है कि आम आदमी को अब जीने का अधिकार भी नहीं है। पहले की सरकार जनता की चिंता करती थी। लेकिन यह सरकार अपने लाभ की चिंता करती है।

उन्होंने आगे कहा, “मैं कहना चाहता हूं कि साल 2014 में जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने और सत्ता भाजपा के पास गई, तब हमारे देश पर 55 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। आज वह कर्ज 220 लाख करोड़ हो गया है। 10 साल में देश की प्रगति के लिए क्या इतना कर्ज लिया गया है? महाराष्ट्र में भी कुछ ऐसा ही हुआ। जब 2014 में सत्ता परिवर्तन हुआ तो जहां महाराष्ट्र पर 2 लाख करोड़ का कर्ज था, वह आज 10 लाख करोड़ हो गया है। नई सरकार और कर्ज लेने की बात कर रही है। इससे साफ होता है कि भाजपा लोगों के मुंह से दो वक्त की रोटी छीनने का पाप कर रही है। लोगों का डर इनके मन से खत्म हुआ है, लोगों का डर सरकार में होना चाहिए। लेकिन लोगों का डर इन्हें नहीं है। इसलिए बैलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए। दूध का दूध पानी का पानी होना चाहिए।

–आईएएनएस

डीकेएम/एएस

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मुंबई, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने आईएएनएस से बात की।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में महायुति को मिले बहुमत पर उन्होंने कहा, “हम राजनीतिक पार्टी हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद यहां की जनता काफी हैरान हुई है। महायुति ने जो पाप किए थे, यहां की जनता उसके विरोध में थी। जनता ने मन बना लिया था कि महाराष्ट्र से महायुति को बाहर कर देंगे। दिल्ली से भाजपा के लोग जब चुनाव में आते थे, तब यहां के लोग उन्हें सपोर्ट नहीं करते थे। इनकी सभाओं में लोग नहीं जाते थे। किसान महायुति से नाराज था। महंगाई से आम आदमी, रोजगार की वजह से युवा नाराज थे। इतना सब होते ही यह सरकार कैसे आई? एक गांव के लोगों ने यहां तक कह दिया था कि हम अपने पैसों से बैलेट वोट करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में भाजपा ने लोगों के वोट का अधिकार भी खत्म कर दिया है। चुनाव आयोग और भाजपा मिलकर इस देश के लोकतंत्र का दिन-दिहाड़े खून करने का काम कर रहे हैं। यह भावना जनता के मन में हैं। जनता की भावनाओं का और संविधान बचाने का काम कांग्रेस पार्टी करेगी।

चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस का तालमेल अच्छा था। हम संगठनात्मक रूप से अच्छे थे, हमारा समन्वय मजबूत था और हमने लोगों के बीच से अच्छे उम्मीदवारों का चयन किया था। यह घटना कांग्रेस पार्टी की किसी योजना का नतीजा नहीं है। परिणाम वही है जो होना था। रात में चुनाव आयोग द्वारा 76 लाख वोट बढ़ाने का पाप जिस तरह से किया गया। उसका जवाब हम लोगों ने लेना शुरू कर दिया है। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग के पास गया था। हम लोगों ने उनसे कुछ सवाल किए हैं। अभी तक लिखित जवाब नहीं मिला है। लिखित जवाब के बाद हम लोग इस पर आगे कोई फैसला लेंगे।

ईवीएम पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “किसी का मत क्या हो सकता है मैं उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। लोकतंत्र में कोई नेता बड़ा नहीं होता है। जनतंत्र में जनता बड़ी होती है। जनता के मन में अविश्वास आया है। आम आदमी आज यह बात कर रहा है उसका वोट सुरक्षित नहीं है। हमारे संविधान में ऐसी व्यवस्था दी गई है और चुनाव आयोग को बैलेट पेपर से चुनाव कराना चाहिए। लोगों के सामने पूरी सच्चाई आनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि जनमत के आधार पर सरकार बनती है। लेकिन जब जनमत के आधार पर सरकार नहीं बनेगी तो आप देख रहे हैं कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों, युवाओं और बेरोजगारों को मारा जा रहा है। किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। जिसमें कई किसान घायल हो गए। जनतंत्र में अब जनता की कोई कीमत नहीं रही है। इन लोगों ने वोट का अधिकार खत्म कर दिया है। ईवीएम के आधार पर खेल चल रहा है। लोगों की जरूरत नहीं है। यह सब अत्याचार सरकार द्वारा किया जा रहा है। महंगाई बढ़ रही है, कल ही रिजर्व बैंक ने आगे का प्लान घोषित किया है। महंगाई कम होगी ऐसा कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। महंगाई बढ़ने का अर्थ यह है कि आम आदमी को अब जीने का अधिकार भी नहीं है। पहले की सरकार जनता की चिंता करती थी। लेकिन यह सरकार अपने लाभ की चिंता करती है।

उन्होंने आगे कहा, “मैं कहना चाहता हूं कि साल 2014 में जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने और सत्ता भाजपा के पास गई, तब हमारे देश पर 55 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। आज वह कर्ज 220 लाख करोड़ हो गया है। 10 साल में देश की प्रगति के लिए क्या इतना कर्ज लिया गया है? महाराष्ट्र में भी कुछ ऐसा ही हुआ। जब 2014 में सत्ता परिवर्तन हुआ तो जहां महाराष्ट्र पर 2 लाख करोड़ का कर्ज था, वह आज 10 लाख करोड़ हो गया है। नई सरकार और कर्ज लेने की बात कर रही है। इससे साफ होता है कि भाजपा लोगों के मुंह से दो वक्त की रोटी छीनने का पाप कर रही है। लोगों का डर इनके मन से खत्म हुआ है, लोगों का डर सरकार में होना चाहिए। लेकिन लोगों का डर इन्हें नहीं है। इसलिए बैलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए। दूध का दूध पानी का पानी होना चाहिए।

–आईएएनएस

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मुंबई, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने आईएएनएस से बात की।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में महायुति को मिले बहुमत पर उन्होंने कहा, “हम राजनीतिक पार्टी हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद यहां की जनता काफी हैरान हुई है। महायुति ने जो पाप किए थे, यहां की जनता उसके विरोध में थी। जनता ने मन बना लिया था कि महाराष्ट्र से महायुति को बाहर कर देंगे। दिल्ली से भाजपा के लोग जब चुनाव में आते थे, तब यहां के लोग उन्हें सपोर्ट नहीं करते थे। इनकी सभाओं में लोग नहीं जाते थे। किसान महायुति से नाराज था। महंगाई से आम आदमी, रोजगार की वजह से युवा नाराज थे। इतना सब होते ही यह सरकार कैसे आई? एक गांव के लोगों ने यहां तक कह दिया था कि हम अपने पैसों से बैलेट वोट करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में भाजपा ने लोगों के वोट का अधिकार भी खत्म कर दिया है। चुनाव आयोग और भाजपा मिलकर इस देश के लोकतंत्र का दिन-दिहाड़े खून करने का काम कर रहे हैं। यह भावना जनता के मन में हैं। जनता की भावनाओं का और संविधान बचाने का काम कांग्रेस पार्टी करेगी।

चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस का तालमेल अच्छा था। हम संगठनात्मक रूप से अच्छे थे, हमारा समन्वय मजबूत था और हमने लोगों के बीच से अच्छे उम्मीदवारों का चयन किया था। यह घटना कांग्रेस पार्टी की किसी योजना का नतीजा नहीं है। परिणाम वही है जो होना था। रात में चुनाव आयोग द्वारा 76 लाख वोट बढ़ाने का पाप जिस तरह से किया गया। उसका जवाब हम लोगों ने लेना शुरू कर दिया है। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग के पास गया था। हम लोगों ने उनसे कुछ सवाल किए हैं। अभी तक लिखित जवाब नहीं मिला है। लिखित जवाब के बाद हम लोग इस पर आगे कोई फैसला लेंगे।

ईवीएम पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “किसी का मत क्या हो सकता है मैं उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। लोकतंत्र में कोई नेता बड़ा नहीं होता है। जनतंत्र में जनता बड़ी होती है। जनता के मन में अविश्वास आया है। आम आदमी आज यह बात कर रहा है उसका वोट सुरक्षित नहीं है। हमारे संविधान में ऐसी व्यवस्था दी गई है और चुनाव आयोग को बैलेट पेपर से चुनाव कराना चाहिए। लोगों के सामने पूरी सच्चाई आनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि जनमत के आधार पर सरकार बनती है। लेकिन जब जनमत के आधार पर सरकार नहीं बनेगी तो आप देख रहे हैं कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों, युवाओं और बेरोजगारों को मारा जा रहा है। किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। जिसमें कई किसान घायल हो गए। जनतंत्र में अब जनता की कोई कीमत नहीं रही है। इन लोगों ने वोट का अधिकार खत्म कर दिया है। ईवीएम के आधार पर खेल चल रहा है। लोगों की जरूरत नहीं है। यह सब अत्याचार सरकार द्वारा किया जा रहा है। महंगाई बढ़ रही है, कल ही रिजर्व बैंक ने आगे का प्लान घोषित किया है। महंगाई कम होगी ऐसा कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। महंगाई बढ़ने का अर्थ यह है कि आम आदमी को अब जीने का अधिकार भी नहीं है। पहले की सरकार जनता की चिंता करती थी। लेकिन यह सरकार अपने लाभ की चिंता करती है।

उन्होंने आगे कहा, “मैं कहना चाहता हूं कि साल 2014 में जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने और सत्ता भाजपा के पास गई, तब हमारे देश पर 55 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। आज वह कर्ज 220 लाख करोड़ हो गया है। 10 साल में देश की प्रगति के लिए क्या इतना कर्ज लिया गया है? महाराष्ट्र में भी कुछ ऐसा ही हुआ। जब 2014 में सत्ता परिवर्तन हुआ तो जहां महाराष्ट्र पर 2 लाख करोड़ का कर्ज था, वह आज 10 लाख करोड़ हो गया है। नई सरकार और कर्ज लेने की बात कर रही है। इससे साफ होता है कि भाजपा लोगों के मुंह से दो वक्त की रोटी छीनने का पाप कर रही है। लोगों का डर इनके मन से खत्म हुआ है, लोगों का डर सरकार में होना चाहिए। लेकिन लोगों का डर इन्हें नहीं है। इसलिए बैलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए। दूध का दूध पानी का पानी होना चाहिए।

–आईएएनएस

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मुंबई, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने आईएएनएस से बात की।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में महायुति को मिले बहुमत पर उन्होंने कहा, “हम राजनीतिक पार्टी हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद यहां की जनता काफी हैरान हुई है। महायुति ने जो पाप किए थे, यहां की जनता उसके विरोध में थी। जनता ने मन बना लिया था कि महाराष्ट्र से महायुति को बाहर कर देंगे। दिल्ली से भाजपा के लोग जब चुनाव में आते थे, तब यहां के लोग उन्हें सपोर्ट नहीं करते थे। इनकी सभाओं में लोग नहीं जाते थे। किसान महायुति से नाराज था। महंगाई से आम आदमी, रोजगार की वजह से युवा नाराज थे। इतना सब होते ही यह सरकार कैसे आई? एक गांव के लोगों ने यहां तक कह दिया था कि हम अपने पैसों से बैलेट वोट करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में भाजपा ने लोगों के वोट का अधिकार भी खत्म कर दिया है। चुनाव आयोग और भाजपा मिलकर इस देश के लोकतंत्र का दिन-दिहाड़े खून करने का काम कर रहे हैं। यह भावना जनता के मन में हैं। जनता की भावनाओं का और संविधान बचाने का काम कांग्रेस पार्टी करेगी।

चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस का तालमेल अच्छा था। हम संगठनात्मक रूप से अच्छे थे, हमारा समन्वय मजबूत था और हमने लोगों के बीच से अच्छे उम्मीदवारों का चयन किया था। यह घटना कांग्रेस पार्टी की किसी योजना का नतीजा नहीं है। परिणाम वही है जो होना था। रात में चुनाव आयोग द्वारा 76 लाख वोट बढ़ाने का पाप जिस तरह से किया गया। उसका जवाब हम लोगों ने लेना शुरू कर दिया है। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग के पास गया था। हम लोगों ने उनसे कुछ सवाल किए हैं। अभी तक लिखित जवाब नहीं मिला है। लिखित जवाब के बाद हम लोग इस पर आगे कोई फैसला लेंगे।

ईवीएम पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “किसी का मत क्या हो सकता है मैं उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। लोकतंत्र में कोई नेता बड़ा नहीं होता है। जनतंत्र में जनता बड़ी होती है। जनता के मन में अविश्वास आया है। आम आदमी आज यह बात कर रहा है उसका वोट सुरक्षित नहीं है। हमारे संविधान में ऐसी व्यवस्था दी गई है और चुनाव आयोग को बैलेट पेपर से चुनाव कराना चाहिए। लोगों के सामने पूरी सच्चाई आनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि जनमत के आधार पर सरकार बनती है। लेकिन जब जनमत के आधार पर सरकार नहीं बनेगी तो आप देख रहे हैं कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों, युवाओं और बेरोजगारों को मारा जा रहा है। किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। जिसमें कई किसान घायल हो गए। जनतंत्र में अब जनता की कोई कीमत नहीं रही है। इन लोगों ने वोट का अधिकार खत्म कर दिया है। ईवीएम के आधार पर खेल चल रहा है। लोगों की जरूरत नहीं है। यह सब अत्याचार सरकार द्वारा किया जा रहा है। महंगाई बढ़ रही है, कल ही रिजर्व बैंक ने आगे का प्लान घोषित किया है। महंगाई कम होगी ऐसा कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। महंगाई बढ़ने का अर्थ यह है कि आम आदमी को अब जीने का अधिकार भी नहीं है। पहले की सरकार जनता की चिंता करती थी। लेकिन यह सरकार अपने लाभ की चिंता करती है।

उन्होंने आगे कहा, “मैं कहना चाहता हूं कि साल 2014 में जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने और सत्ता भाजपा के पास गई, तब हमारे देश पर 55 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। आज वह कर्ज 220 लाख करोड़ हो गया है। 10 साल में देश की प्रगति के लिए क्या इतना कर्ज लिया गया है? महाराष्ट्र में भी कुछ ऐसा ही हुआ। जब 2014 में सत्ता परिवर्तन हुआ तो जहां महाराष्ट्र पर 2 लाख करोड़ का कर्ज था, वह आज 10 लाख करोड़ हो गया है। नई सरकार और कर्ज लेने की बात कर रही है। इससे साफ होता है कि भाजपा लोगों के मुंह से दो वक्त की रोटी छीनने का पाप कर रही है। लोगों का डर इनके मन से खत्म हुआ है, लोगों का डर सरकार में होना चाहिए। लेकिन लोगों का डर इन्हें नहीं है। इसलिए बैलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए। दूध का दूध पानी का पानी होना चाहिए।

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में महायुति को मिले बहुमत पर उन्होंने कहा, “हम राजनीतिक पार्टी हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद यहां की जनता काफी हैरान हुई है। महायुति ने जो पाप किए थे, यहां की जनता उसके विरोध में थी। जनता ने मन बना लिया था कि महाराष्ट्र से महायुति को बाहर कर देंगे। दिल्ली से भाजपा के लोग जब चुनाव में आते थे, तब यहां के लोग उन्हें सपोर्ट नहीं करते थे। इनकी सभाओं में लोग नहीं जाते थे। किसान महायुति से नाराज था। महंगाई से आम आदमी, रोजगार की वजह से युवा नाराज थे। इतना सब होते ही यह सरकार कैसे आई? एक गांव के लोगों ने यहां तक कह दिया था कि हम अपने पैसों से बैलेट वोट करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में भाजपा ने लोगों के वोट का अधिकार भी खत्म कर दिया है। चुनाव आयोग और भाजपा मिलकर इस देश के लोकतंत्र का दिन-दिहाड़े खून करने का काम कर रहे हैं। यह भावना जनता के मन में हैं। जनता की भावनाओं का और संविधान बचाने का काम कांग्रेस पार्टी करेगी।

चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस का तालमेल अच्छा था। हम संगठनात्मक रूप से अच्छे थे, हमारा समन्वय मजबूत था और हमने लोगों के बीच से अच्छे उम्मीदवारों का चयन किया था। यह घटना कांग्रेस पार्टी की किसी योजना का नतीजा नहीं है। परिणाम वही है जो होना था। रात में चुनाव आयोग द्वारा 76 लाख वोट बढ़ाने का पाप जिस तरह से किया गया। उसका जवाब हम लोगों ने लेना शुरू कर दिया है। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग के पास गया था। हम लोगों ने उनसे कुछ सवाल किए हैं। अभी तक लिखित जवाब नहीं मिला है। लिखित जवाब के बाद हम लोग इस पर आगे कोई फैसला लेंगे।

ईवीएम पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “किसी का मत क्या हो सकता है मैं उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। लोकतंत्र में कोई नेता बड़ा नहीं होता है। जनतंत्र में जनता बड़ी होती है। जनता के मन में अविश्वास आया है। आम आदमी आज यह बात कर रहा है उसका वोट सुरक्षित नहीं है। हमारे संविधान में ऐसी व्यवस्था दी गई है और चुनाव आयोग को बैलेट पेपर से चुनाव कराना चाहिए। लोगों के सामने पूरी सच्चाई आनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि जनमत के आधार पर सरकार बनती है। लेकिन जब जनमत के आधार पर सरकार नहीं बनेगी तो आप देख रहे हैं कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों, युवाओं और बेरोजगारों को मारा जा रहा है। किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। जिसमें कई किसान घायल हो गए। जनतंत्र में अब जनता की कोई कीमत नहीं रही है। इन लोगों ने वोट का अधिकार खत्म कर दिया है। ईवीएम के आधार पर खेल चल रहा है। लोगों की जरूरत नहीं है। यह सब अत्याचार सरकार द्वारा किया जा रहा है। महंगाई बढ़ रही है, कल ही रिजर्व बैंक ने आगे का प्लान घोषित किया है। महंगाई कम होगी ऐसा कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। महंगाई बढ़ने का अर्थ यह है कि आम आदमी को अब जीने का अधिकार भी नहीं है। पहले की सरकार जनता की चिंता करती थी। लेकिन यह सरकार अपने लाभ की चिंता करती है।

उन्होंने आगे कहा, “मैं कहना चाहता हूं कि साल 2014 में जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने और सत्ता भाजपा के पास गई, तब हमारे देश पर 55 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। आज वह कर्ज 220 लाख करोड़ हो गया है। 10 साल में देश की प्रगति के लिए क्या इतना कर्ज लिया गया है? महाराष्ट्र में भी कुछ ऐसा ही हुआ। जब 2014 में सत्ता परिवर्तन हुआ तो जहां महाराष्ट्र पर 2 लाख करोड़ का कर्ज था, वह आज 10 लाख करोड़ हो गया है। नई सरकार और कर्ज लेने की बात कर रही है। इससे साफ होता है कि भाजपा लोगों के मुंह से दो वक्त की रोटी छीनने का पाप कर रही है। लोगों का डर इनके मन से खत्म हुआ है, लोगों का डर सरकार में होना चाहिए। लेकिन लोगों का डर इन्हें नहीं है। इसलिए बैलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए। दूध का दूध पानी का पानी होना चाहिए।

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मुंबई, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने आईएएनएस से बात की।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में महायुति को मिले बहुमत पर उन्होंने कहा, “हम राजनीतिक पार्टी हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद यहां की जनता काफी हैरान हुई है। महायुति ने जो पाप किए थे, यहां की जनता उसके विरोध में थी। जनता ने मन बना लिया था कि महाराष्ट्र से महायुति को बाहर कर देंगे। दिल्ली से भाजपा के लोग जब चुनाव में आते थे, तब यहां के लोग उन्हें सपोर्ट नहीं करते थे। इनकी सभाओं में लोग नहीं जाते थे। किसान महायुति से नाराज था। महंगाई से आम आदमी, रोजगार की वजह से युवा नाराज थे। इतना सब होते ही यह सरकार कैसे आई? एक गांव के लोगों ने यहां तक कह दिया था कि हम अपने पैसों से बैलेट वोट करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में भाजपा ने लोगों के वोट का अधिकार भी खत्म कर दिया है। चुनाव आयोग और भाजपा मिलकर इस देश के लोकतंत्र का दिन-दिहाड़े खून करने का काम कर रहे हैं। यह भावना जनता के मन में हैं। जनता की भावनाओं का और संविधान बचाने का काम कांग्रेस पार्टी करेगी।

चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस का तालमेल अच्छा था। हम संगठनात्मक रूप से अच्छे थे, हमारा समन्वय मजबूत था और हमने लोगों के बीच से अच्छे उम्मीदवारों का चयन किया था। यह घटना कांग्रेस पार्टी की किसी योजना का नतीजा नहीं है। परिणाम वही है जो होना था। रात में चुनाव आयोग द्वारा 76 लाख वोट बढ़ाने का पाप जिस तरह से किया गया। उसका जवाब हम लोगों ने लेना शुरू कर दिया है। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग के पास गया था। हम लोगों ने उनसे कुछ सवाल किए हैं। अभी तक लिखित जवाब नहीं मिला है। लिखित जवाब के बाद हम लोग इस पर आगे कोई फैसला लेंगे।

ईवीएम पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “किसी का मत क्या हो सकता है मैं उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। लोकतंत्र में कोई नेता बड़ा नहीं होता है। जनतंत्र में जनता बड़ी होती है। जनता के मन में अविश्वास आया है। आम आदमी आज यह बात कर रहा है उसका वोट सुरक्षित नहीं है। हमारे संविधान में ऐसी व्यवस्था दी गई है और चुनाव आयोग को बैलेट पेपर से चुनाव कराना चाहिए। लोगों के सामने पूरी सच्चाई आनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि जनमत के आधार पर सरकार बनती है। लेकिन जब जनमत के आधार पर सरकार नहीं बनेगी तो आप देख रहे हैं कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों, युवाओं और बेरोजगारों को मारा जा रहा है। किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। जिसमें कई किसान घायल हो गए। जनतंत्र में अब जनता की कोई कीमत नहीं रही है। इन लोगों ने वोट का अधिकार खत्म कर दिया है। ईवीएम के आधार पर खेल चल रहा है। लोगों की जरूरत नहीं है। यह सब अत्याचार सरकार द्वारा किया जा रहा है। महंगाई बढ़ रही है, कल ही रिजर्व बैंक ने आगे का प्लान घोषित किया है। महंगाई कम होगी ऐसा कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। महंगाई बढ़ने का अर्थ यह है कि आम आदमी को अब जीने का अधिकार भी नहीं है। पहले की सरकार जनता की चिंता करती थी। लेकिन यह सरकार अपने लाभ की चिंता करती है।

उन्होंने आगे कहा, “मैं कहना चाहता हूं कि साल 2014 में जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने और सत्ता भाजपा के पास गई, तब हमारे देश पर 55 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। आज वह कर्ज 220 लाख करोड़ हो गया है। 10 साल में देश की प्रगति के लिए क्या इतना कर्ज लिया गया है? महाराष्ट्र में भी कुछ ऐसा ही हुआ। जब 2014 में सत्ता परिवर्तन हुआ तो जहां महाराष्ट्र पर 2 लाख करोड़ का कर्ज था, वह आज 10 लाख करोड़ हो गया है। नई सरकार और कर्ज लेने की बात कर रही है। इससे साफ होता है कि भाजपा लोगों के मुंह से दो वक्त की रोटी छीनने का पाप कर रही है। लोगों का डर इनके मन से खत्म हुआ है, लोगों का डर सरकार में होना चाहिए। लेकिन लोगों का डर इन्हें नहीं है। इसलिए बैलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए। दूध का दूध पानी का पानी होना चाहिए।

–आईएएनएस

डीकेएम/एएस

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मुंबई, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने आईएएनएस से बात की।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में महायुति को मिले बहुमत पर उन्होंने कहा, “हम राजनीतिक पार्टी हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद यहां की जनता काफी हैरान हुई है। महायुति ने जो पाप किए थे, यहां की जनता उसके विरोध में थी। जनता ने मन बना लिया था कि महाराष्ट्र से महायुति को बाहर कर देंगे। दिल्ली से भाजपा के लोग जब चुनाव में आते थे, तब यहां के लोग उन्हें सपोर्ट नहीं करते थे। इनकी सभाओं में लोग नहीं जाते थे। किसान महायुति से नाराज था। महंगाई से आम आदमी, रोजगार की वजह से युवा नाराज थे। इतना सब होते ही यह सरकार कैसे आई? एक गांव के लोगों ने यहां तक कह दिया था कि हम अपने पैसों से बैलेट वोट करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में भाजपा ने लोगों के वोट का अधिकार भी खत्म कर दिया है। चुनाव आयोग और भाजपा मिलकर इस देश के लोकतंत्र का दिन-दिहाड़े खून करने का काम कर रहे हैं। यह भावना जनता के मन में हैं। जनता की भावनाओं का और संविधान बचाने का काम कांग्रेस पार्टी करेगी।

चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस का तालमेल अच्छा था। हम संगठनात्मक रूप से अच्छे थे, हमारा समन्वय मजबूत था और हमने लोगों के बीच से अच्छे उम्मीदवारों का चयन किया था। यह घटना कांग्रेस पार्टी की किसी योजना का नतीजा नहीं है। परिणाम वही है जो होना था। रात में चुनाव आयोग द्वारा 76 लाख वोट बढ़ाने का पाप जिस तरह से किया गया। उसका जवाब हम लोगों ने लेना शुरू कर दिया है। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग के पास गया था। हम लोगों ने उनसे कुछ सवाल किए हैं। अभी तक लिखित जवाब नहीं मिला है। लिखित जवाब के बाद हम लोग इस पर आगे कोई फैसला लेंगे।

ईवीएम पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “किसी का मत क्या हो सकता है मैं उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। लोकतंत्र में कोई नेता बड़ा नहीं होता है। जनतंत्र में जनता बड़ी होती है। जनता के मन में अविश्वास आया है। आम आदमी आज यह बात कर रहा है उसका वोट सुरक्षित नहीं है। हमारे संविधान में ऐसी व्यवस्था दी गई है और चुनाव आयोग को बैलेट पेपर से चुनाव कराना चाहिए। लोगों के सामने पूरी सच्चाई आनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि जनमत के आधार पर सरकार बनती है। लेकिन जब जनमत के आधार पर सरकार नहीं बनेगी तो आप देख रहे हैं कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों, युवाओं और बेरोजगारों को मारा जा रहा है। किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। जिसमें कई किसान घायल हो गए। जनतंत्र में अब जनता की कोई कीमत नहीं रही है। इन लोगों ने वोट का अधिकार खत्म कर दिया है। ईवीएम के आधार पर खेल चल रहा है। लोगों की जरूरत नहीं है। यह सब अत्याचार सरकार द्वारा किया जा रहा है। महंगाई बढ़ रही है, कल ही रिजर्व बैंक ने आगे का प्लान घोषित किया है। महंगाई कम होगी ऐसा कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। महंगाई बढ़ने का अर्थ यह है कि आम आदमी को अब जीने का अधिकार भी नहीं है। पहले की सरकार जनता की चिंता करती थी। लेकिन यह सरकार अपने लाभ की चिंता करती है।

उन्होंने आगे कहा, “मैं कहना चाहता हूं कि साल 2014 में जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने और सत्ता भाजपा के पास गई, तब हमारे देश पर 55 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। आज वह कर्ज 220 लाख करोड़ हो गया है। 10 साल में देश की प्रगति के लिए क्या इतना कर्ज लिया गया है? महाराष्ट्र में भी कुछ ऐसा ही हुआ। जब 2014 में सत्ता परिवर्तन हुआ तो जहां महाराष्ट्र पर 2 लाख करोड़ का कर्ज था, वह आज 10 लाख करोड़ हो गया है। नई सरकार और कर्ज लेने की बात कर रही है। इससे साफ होता है कि भाजपा लोगों के मुंह से दो वक्त की रोटी छीनने का पाप कर रही है। लोगों का डर इनके मन से खत्म हुआ है, लोगों का डर सरकार में होना चाहिए। लेकिन लोगों का डर इन्हें नहीं है। इसलिए बैलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए। दूध का दूध पानी का पानी होना चाहिए।

–आईएएनएस

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मुंबई, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने आईएएनएस से बात की।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में महायुति को मिले बहुमत पर उन्होंने कहा, “हम राजनीतिक पार्टी हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद यहां की जनता काफी हैरान हुई है। महायुति ने जो पाप किए थे, यहां की जनता उसके विरोध में थी। जनता ने मन बना लिया था कि महाराष्ट्र से महायुति को बाहर कर देंगे। दिल्ली से भाजपा के लोग जब चुनाव में आते थे, तब यहां के लोग उन्हें सपोर्ट नहीं करते थे। इनकी सभाओं में लोग नहीं जाते थे। किसान महायुति से नाराज था। महंगाई से आम आदमी, रोजगार की वजह से युवा नाराज थे। इतना सब होते ही यह सरकार कैसे आई? एक गांव के लोगों ने यहां तक कह दिया था कि हम अपने पैसों से बैलेट वोट करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में भाजपा ने लोगों के वोट का अधिकार भी खत्म कर दिया है। चुनाव आयोग और भाजपा मिलकर इस देश के लोकतंत्र का दिन-दिहाड़े खून करने का काम कर रहे हैं। यह भावना जनता के मन में हैं। जनता की भावनाओं का और संविधान बचाने का काम कांग्रेस पार्टी करेगी।

चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस का तालमेल अच्छा था। हम संगठनात्मक रूप से अच्छे थे, हमारा समन्वय मजबूत था और हमने लोगों के बीच से अच्छे उम्मीदवारों का चयन किया था। यह घटना कांग्रेस पार्टी की किसी योजना का नतीजा नहीं है। परिणाम वही है जो होना था। रात में चुनाव आयोग द्वारा 76 लाख वोट बढ़ाने का पाप जिस तरह से किया गया। उसका जवाब हम लोगों ने लेना शुरू कर दिया है। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग के पास गया था। हम लोगों ने उनसे कुछ सवाल किए हैं। अभी तक लिखित जवाब नहीं मिला है। लिखित जवाब के बाद हम लोग इस पर आगे कोई फैसला लेंगे।

ईवीएम पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “किसी का मत क्या हो सकता है मैं उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। लोकतंत्र में कोई नेता बड़ा नहीं होता है। जनतंत्र में जनता बड़ी होती है। जनता के मन में अविश्वास आया है। आम आदमी आज यह बात कर रहा है उसका वोट सुरक्षित नहीं है। हमारे संविधान में ऐसी व्यवस्था दी गई है और चुनाव आयोग को बैलेट पेपर से चुनाव कराना चाहिए। लोगों के सामने पूरी सच्चाई आनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि जनमत के आधार पर सरकार बनती है। लेकिन जब जनमत के आधार पर सरकार नहीं बनेगी तो आप देख रहे हैं कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों, युवाओं और बेरोजगारों को मारा जा रहा है। किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। जिसमें कई किसान घायल हो गए। जनतंत्र में अब जनता की कोई कीमत नहीं रही है। इन लोगों ने वोट का अधिकार खत्म कर दिया है। ईवीएम के आधार पर खेल चल रहा है। लोगों की जरूरत नहीं है। यह सब अत्याचार सरकार द्वारा किया जा रहा है। महंगाई बढ़ रही है, कल ही रिजर्व बैंक ने आगे का प्लान घोषित किया है। महंगाई कम होगी ऐसा कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। महंगाई बढ़ने का अर्थ यह है कि आम आदमी को अब जीने का अधिकार भी नहीं है। पहले की सरकार जनता की चिंता करती थी। लेकिन यह सरकार अपने लाभ की चिंता करती है।

उन्होंने आगे कहा, “मैं कहना चाहता हूं कि साल 2014 में जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने और सत्ता भाजपा के पास गई, तब हमारे देश पर 55 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। आज वह कर्ज 220 लाख करोड़ हो गया है। 10 साल में देश की प्रगति के लिए क्या इतना कर्ज लिया गया है? महाराष्ट्र में भी कुछ ऐसा ही हुआ। जब 2014 में सत्ता परिवर्तन हुआ तो जहां महाराष्ट्र पर 2 लाख करोड़ का कर्ज था, वह आज 10 लाख करोड़ हो गया है। नई सरकार और कर्ज लेने की बात कर रही है। इससे साफ होता है कि भाजपा लोगों के मुंह से दो वक्त की रोटी छीनने का पाप कर रही है। लोगों का डर इनके मन से खत्म हुआ है, लोगों का डर सरकार में होना चाहिए। लेकिन लोगों का डर इन्हें नहीं है। इसलिए बैलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए। दूध का दूध पानी का पानी होना चाहिए।

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मुंबई, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने आईएएनएस से बात की।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में महायुति को मिले बहुमत पर उन्होंने कहा, “हम राजनीतिक पार्टी हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद यहां की जनता काफी हैरान हुई है। महायुति ने जो पाप किए थे, यहां की जनता उसके विरोध में थी। जनता ने मन बना लिया था कि महाराष्ट्र से महायुति को बाहर कर देंगे। दिल्ली से भाजपा के लोग जब चुनाव में आते थे, तब यहां के लोग उन्हें सपोर्ट नहीं करते थे। इनकी सभाओं में लोग नहीं जाते थे। किसान महायुति से नाराज था। महंगाई से आम आदमी, रोजगार की वजह से युवा नाराज थे। इतना सब होते ही यह सरकार कैसे आई? एक गांव के लोगों ने यहां तक कह दिया था कि हम अपने पैसों से बैलेट वोट करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में भाजपा ने लोगों के वोट का अधिकार भी खत्म कर दिया है। चुनाव आयोग और भाजपा मिलकर इस देश के लोकतंत्र का दिन-दिहाड़े खून करने का काम कर रहे हैं। यह भावना जनता के मन में हैं। जनता की भावनाओं का और संविधान बचाने का काम कांग्रेस पार्टी करेगी।

चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस का तालमेल अच्छा था। हम संगठनात्मक रूप से अच्छे थे, हमारा समन्वय मजबूत था और हमने लोगों के बीच से अच्छे उम्मीदवारों का चयन किया था। यह घटना कांग्रेस पार्टी की किसी योजना का नतीजा नहीं है। परिणाम वही है जो होना था। रात में चुनाव आयोग द्वारा 76 लाख वोट बढ़ाने का पाप जिस तरह से किया गया। उसका जवाब हम लोगों ने लेना शुरू कर दिया है। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग के पास गया था। हम लोगों ने उनसे कुछ सवाल किए हैं। अभी तक लिखित जवाब नहीं मिला है। लिखित जवाब के बाद हम लोग इस पर आगे कोई फैसला लेंगे।

ईवीएम पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “किसी का मत क्या हो सकता है मैं उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। लोकतंत्र में कोई नेता बड़ा नहीं होता है। जनतंत्र में जनता बड़ी होती है। जनता के मन में अविश्वास आया है। आम आदमी आज यह बात कर रहा है उसका वोट सुरक्षित नहीं है। हमारे संविधान में ऐसी व्यवस्था दी गई है और चुनाव आयोग को बैलेट पेपर से चुनाव कराना चाहिए। लोगों के सामने पूरी सच्चाई आनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि जनमत के आधार पर सरकार बनती है। लेकिन जब जनमत के आधार पर सरकार नहीं बनेगी तो आप देख रहे हैं कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों, युवाओं और बेरोजगारों को मारा जा रहा है। किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। जिसमें कई किसान घायल हो गए। जनतंत्र में अब जनता की कोई कीमत नहीं रही है। इन लोगों ने वोट का अधिकार खत्म कर दिया है। ईवीएम के आधार पर खेल चल रहा है। लोगों की जरूरत नहीं है। यह सब अत्याचार सरकार द्वारा किया जा रहा है। महंगाई बढ़ रही है, कल ही रिजर्व बैंक ने आगे का प्लान घोषित किया है। महंगाई कम होगी ऐसा कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। महंगाई बढ़ने का अर्थ यह है कि आम आदमी को अब जीने का अधिकार भी नहीं है। पहले की सरकार जनता की चिंता करती थी। लेकिन यह सरकार अपने लाभ की चिंता करती है।

उन्होंने आगे कहा, “मैं कहना चाहता हूं कि साल 2014 में जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने और सत्ता भाजपा के पास गई, तब हमारे देश पर 55 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। आज वह कर्ज 220 लाख करोड़ हो गया है। 10 साल में देश की प्रगति के लिए क्या इतना कर्ज लिया गया है? महाराष्ट्र में भी कुछ ऐसा ही हुआ। जब 2014 में सत्ता परिवर्तन हुआ तो जहां महाराष्ट्र पर 2 लाख करोड़ का कर्ज था, वह आज 10 लाख करोड़ हो गया है। नई सरकार और कर्ज लेने की बात कर रही है। इससे साफ होता है कि भाजपा लोगों के मुंह से दो वक्त की रोटी छीनने का पाप कर रही है। लोगों का डर इनके मन से खत्म हुआ है, लोगों का डर सरकार में होना चाहिए। लेकिन लोगों का डर इन्हें नहीं है। इसलिए बैलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए। दूध का दूध पानी का पानी होना चाहिए।

–आईएएनएस

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मुंबई, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने आईएएनएस से बात की।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में महायुति को मिले बहुमत पर उन्होंने कहा, “हम राजनीतिक पार्टी हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद यहां की जनता काफी हैरान हुई है। महायुति ने जो पाप किए थे, यहां की जनता उसके विरोध में थी। जनता ने मन बना लिया था कि महाराष्ट्र से महायुति को बाहर कर देंगे। दिल्ली से भाजपा के लोग जब चुनाव में आते थे, तब यहां के लोग उन्हें सपोर्ट नहीं करते थे। इनकी सभाओं में लोग नहीं जाते थे। किसान महायुति से नाराज था। महंगाई से आम आदमी, रोजगार की वजह से युवा नाराज थे। इतना सब होते ही यह सरकार कैसे आई? एक गांव के लोगों ने यहां तक कह दिया था कि हम अपने पैसों से बैलेट वोट करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में भाजपा ने लोगों के वोट का अधिकार भी खत्म कर दिया है। चुनाव आयोग और भाजपा मिलकर इस देश के लोकतंत्र का दिन-दिहाड़े खून करने का काम कर रहे हैं। यह भावना जनता के मन में हैं। जनता की भावनाओं का और संविधान बचाने का काम कांग्रेस पार्टी करेगी।

चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस का तालमेल अच्छा था। हम संगठनात्मक रूप से अच्छे थे, हमारा समन्वय मजबूत था और हमने लोगों के बीच से अच्छे उम्मीदवारों का चयन किया था। यह घटना कांग्रेस पार्टी की किसी योजना का नतीजा नहीं है। परिणाम वही है जो होना था। रात में चुनाव आयोग द्वारा 76 लाख वोट बढ़ाने का पाप जिस तरह से किया गया। उसका जवाब हम लोगों ने लेना शुरू कर दिया है। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग के पास गया था। हम लोगों ने उनसे कुछ सवाल किए हैं। अभी तक लिखित जवाब नहीं मिला है। लिखित जवाब के बाद हम लोग इस पर आगे कोई फैसला लेंगे।

ईवीएम पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “किसी का मत क्या हो सकता है मैं उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। लोकतंत्र में कोई नेता बड़ा नहीं होता है। जनतंत्र में जनता बड़ी होती है। जनता के मन में अविश्वास आया है। आम आदमी आज यह बात कर रहा है उसका वोट सुरक्षित नहीं है। हमारे संविधान में ऐसी व्यवस्था दी गई है और चुनाव आयोग को बैलेट पेपर से चुनाव कराना चाहिए। लोगों के सामने पूरी सच्चाई आनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि जनमत के आधार पर सरकार बनती है। लेकिन जब जनमत के आधार पर सरकार नहीं बनेगी तो आप देख रहे हैं कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों, युवाओं और बेरोजगारों को मारा जा रहा है। किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। जिसमें कई किसान घायल हो गए। जनतंत्र में अब जनता की कोई कीमत नहीं रही है। इन लोगों ने वोट का अधिकार खत्म कर दिया है। ईवीएम के आधार पर खेल चल रहा है। लोगों की जरूरत नहीं है। यह सब अत्याचार सरकार द्वारा किया जा रहा है। महंगाई बढ़ रही है, कल ही रिजर्व बैंक ने आगे का प्लान घोषित किया है। महंगाई कम होगी ऐसा कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। महंगाई बढ़ने का अर्थ यह है कि आम आदमी को अब जीने का अधिकार भी नहीं है। पहले की सरकार जनता की चिंता करती थी। लेकिन यह सरकार अपने लाभ की चिंता करती है।

उन्होंने आगे कहा, “मैं कहना चाहता हूं कि साल 2014 में जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने और सत्ता भाजपा के पास गई, तब हमारे देश पर 55 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। आज वह कर्ज 220 लाख करोड़ हो गया है। 10 साल में देश की प्रगति के लिए क्या इतना कर्ज लिया गया है? महाराष्ट्र में भी कुछ ऐसा ही हुआ। जब 2014 में सत्ता परिवर्तन हुआ तो जहां महाराष्ट्र पर 2 लाख करोड़ का कर्ज था, वह आज 10 लाख करोड़ हो गया है। नई सरकार और कर्ज लेने की बात कर रही है। इससे साफ होता है कि भाजपा लोगों के मुंह से दो वक्त की रोटी छीनने का पाप कर रही है। लोगों का डर इनके मन से खत्म हुआ है, लोगों का डर सरकार में होना चाहिए। लेकिन लोगों का डर इन्हें नहीं है। इसलिए बैलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए। दूध का दूध पानी का पानी होना चाहिए।

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मुंबई, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने आईएएनएस से बात की।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में महायुति को मिले बहुमत पर उन्होंने कहा, “हम राजनीतिक पार्टी हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद यहां की जनता काफी हैरान हुई है। महायुति ने जो पाप किए थे, यहां की जनता उसके विरोध में थी। जनता ने मन बना लिया था कि महाराष्ट्र से महायुति को बाहर कर देंगे। दिल्ली से भाजपा के लोग जब चुनाव में आते थे, तब यहां के लोग उन्हें सपोर्ट नहीं करते थे। इनकी सभाओं में लोग नहीं जाते थे। किसान महायुति से नाराज था। महंगाई से आम आदमी, रोजगार की वजह से युवा नाराज थे। इतना सब होते ही यह सरकार कैसे आई? एक गांव के लोगों ने यहां तक कह दिया था कि हम अपने पैसों से बैलेट वोट करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में भाजपा ने लोगों के वोट का अधिकार भी खत्म कर दिया है। चुनाव आयोग और भाजपा मिलकर इस देश के लोकतंत्र का दिन-दिहाड़े खून करने का काम कर रहे हैं। यह भावना जनता के मन में हैं। जनता की भावनाओं का और संविधान बचाने का काम कांग्रेस पार्टी करेगी।

चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस का तालमेल अच्छा था। हम संगठनात्मक रूप से अच्छे थे, हमारा समन्वय मजबूत था और हमने लोगों के बीच से अच्छे उम्मीदवारों का चयन किया था। यह घटना कांग्रेस पार्टी की किसी योजना का नतीजा नहीं है। परिणाम वही है जो होना था। रात में चुनाव आयोग द्वारा 76 लाख वोट बढ़ाने का पाप जिस तरह से किया गया। उसका जवाब हम लोगों ने लेना शुरू कर दिया है। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग के पास गया था। हम लोगों ने उनसे कुछ सवाल किए हैं। अभी तक लिखित जवाब नहीं मिला है। लिखित जवाब के बाद हम लोग इस पर आगे कोई फैसला लेंगे।

ईवीएम पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “किसी का मत क्या हो सकता है मैं उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। लोकतंत्र में कोई नेता बड़ा नहीं होता है। जनतंत्र में जनता बड़ी होती है। जनता के मन में अविश्वास आया है। आम आदमी आज यह बात कर रहा है उसका वोट सुरक्षित नहीं है। हमारे संविधान में ऐसी व्यवस्था दी गई है और चुनाव आयोग को बैलेट पेपर से चुनाव कराना चाहिए। लोगों के सामने पूरी सच्चाई आनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि जनमत के आधार पर सरकार बनती है। लेकिन जब जनमत के आधार पर सरकार नहीं बनेगी तो आप देख रहे हैं कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों, युवाओं और बेरोजगारों को मारा जा रहा है। किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। जिसमें कई किसान घायल हो गए। जनतंत्र में अब जनता की कोई कीमत नहीं रही है। इन लोगों ने वोट का अधिकार खत्म कर दिया है। ईवीएम के आधार पर खेल चल रहा है। लोगों की जरूरत नहीं है। यह सब अत्याचार सरकार द्वारा किया जा रहा है। महंगाई बढ़ रही है, कल ही रिजर्व बैंक ने आगे का प्लान घोषित किया है। महंगाई कम होगी ऐसा कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। महंगाई बढ़ने का अर्थ यह है कि आम आदमी को अब जीने का अधिकार भी नहीं है। पहले की सरकार जनता की चिंता करती थी। लेकिन यह सरकार अपने लाभ की चिंता करती है।

उन्होंने आगे कहा, “मैं कहना चाहता हूं कि साल 2014 में जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने और सत्ता भाजपा के पास गई, तब हमारे देश पर 55 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। आज वह कर्ज 220 लाख करोड़ हो गया है। 10 साल में देश की प्रगति के लिए क्या इतना कर्ज लिया गया है? महाराष्ट्र में भी कुछ ऐसा ही हुआ। जब 2014 में सत्ता परिवर्तन हुआ तो जहां महाराष्ट्र पर 2 लाख करोड़ का कर्ज था, वह आज 10 लाख करोड़ हो गया है। नई सरकार और कर्ज लेने की बात कर रही है। इससे साफ होता है कि भाजपा लोगों के मुंह से दो वक्त की रोटी छीनने का पाप कर रही है। लोगों का डर इनके मन से खत्म हुआ है, लोगों का डर सरकार में होना चाहिए। लेकिन लोगों का डर इन्हें नहीं है। इसलिए बैलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए। दूध का दूध पानी का पानी होना चाहिए।

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में महायुति को मिले बहुमत पर उन्होंने कहा, “हम राजनीतिक पार्टी हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद यहां की जनता काफी हैरान हुई है। महायुति ने जो पाप किए थे, यहां की जनता उसके विरोध में थी। जनता ने मन बना लिया था कि महाराष्ट्र से महायुति को बाहर कर देंगे। दिल्ली से भाजपा के लोग जब चुनाव में आते थे, तब यहां के लोग उन्हें सपोर्ट नहीं करते थे। इनकी सभाओं में लोग नहीं जाते थे। किसान महायुति से नाराज था। महंगाई से आम आदमी, रोजगार की वजह से युवा नाराज थे। इतना सब होते ही यह सरकार कैसे आई? एक गांव के लोगों ने यहां तक कह दिया था कि हम अपने पैसों से बैलेट वोट करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में भाजपा ने लोगों के वोट का अधिकार भी खत्म कर दिया है। चुनाव आयोग और भाजपा मिलकर इस देश के लोकतंत्र का दिन-दिहाड़े खून करने का काम कर रहे हैं। यह भावना जनता के मन में हैं। जनता की भावनाओं का और संविधान बचाने का काम कांग्रेस पार्टी करेगी।

चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस का तालमेल अच्छा था। हम संगठनात्मक रूप से अच्छे थे, हमारा समन्वय मजबूत था और हमने लोगों के बीच से अच्छे उम्मीदवारों का चयन किया था। यह घटना कांग्रेस पार्टी की किसी योजना का नतीजा नहीं है। परिणाम वही है जो होना था। रात में चुनाव आयोग द्वारा 76 लाख वोट बढ़ाने का पाप जिस तरह से किया गया। उसका जवाब हम लोगों ने लेना शुरू कर दिया है। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग के पास गया था। हम लोगों ने उनसे कुछ सवाल किए हैं। अभी तक लिखित जवाब नहीं मिला है। लिखित जवाब के बाद हम लोग इस पर आगे कोई फैसला लेंगे।

ईवीएम पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “किसी का मत क्या हो सकता है मैं उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। लोकतंत्र में कोई नेता बड़ा नहीं होता है। जनतंत्र में जनता बड़ी होती है। जनता के मन में अविश्वास आया है। आम आदमी आज यह बात कर रहा है उसका वोट सुरक्षित नहीं है। हमारे संविधान में ऐसी व्यवस्था दी गई है और चुनाव आयोग को बैलेट पेपर से चुनाव कराना चाहिए। लोगों के सामने पूरी सच्चाई आनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि जनमत के आधार पर सरकार बनती है। लेकिन जब जनमत के आधार पर सरकार नहीं बनेगी तो आप देख रहे हैं कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों, युवाओं और बेरोजगारों को मारा जा रहा है। किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। जिसमें कई किसान घायल हो गए। जनतंत्र में अब जनता की कोई कीमत नहीं रही है। इन लोगों ने वोट का अधिकार खत्म कर दिया है। ईवीएम के आधार पर खेल चल रहा है। लोगों की जरूरत नहीं है। यह सब अत्याचार सरकार द्वारा किया जा रहा है। महंगाई बढ़ रही है, कल ही रिजर्व बैंक ने आगे का प्लान घोषित किया है। महंगाई कम होगी ऐसा कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। महंगाई बढ़ने का अर्थ यह है कि आम आदमी को अब जीने का अधिकार भी नहीं है। पहले की सरकार जनता की चिंता करती थी। लेकिन यह सरकार अपने लाभ की चिंता करती है।

उन्होंने आगे कहा, “मैं कहना चाहता हूं कि साल 2014 में जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने और सत्ता भाजपा के पास गई, तब हमारे देश पर 55 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। आज वह कर्ज 220 लाख करोड़ हो गया है। 10 साल में देश की प्रगति के लिए क्या इतना कर्ज लिया गया है? महाराष्ट्र में भी कुछ ऐसा ही हुआ। जब 2014 में सत्ता परिवर्तन हुआ तो जहां महाराष्ट्र पर 2 लाख करोड़ का कर्ज था, वह आज 10 लाख करोड़ हो गया है। नई सरकार और कर्ज लेने की बात कर रही है। इससे साफ होता है कि भाजपा लोगों के मुंह से दो वक्त की रोटी छीनने का पाप कर रही है। लोगों का डर इनके मन से खत्म हुआ है, लोगों का डर सरकार में होना चाहिए। लेकिन लोगों का डर इन्हें नहीं है। इसलिए बैलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए। दूध का दूध पानी का पानी होना चाहिए।

–आईएएनएस

डीकेएम/एएस

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मुंबई, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने आईएएनएस से बात की।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में महायुति को मिले बहुमत पर उन्होंने कहा, “हम राजनीतिक पार्टी हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद यहां की जनता काफी हैरान हुई है। महायुति ने जो पाप किए थे, यहां की जनता उसके विरोध में थी। जनता ने मन बना लिया था कि महाराष्ट्र से महायुति को बाहर कर देंगे। दिल्ली से भाजपा के लोग जब चुनाव में आते थे, तब यहां के लोग उन्हें सपोर्ट नहीं करते थे। इनकी सभाओं में लोग नहीं जाते थे। किसान महायुति से नाराज था। महंगाई से आम आदमी, रोजगार की वजह से युवा नाराज थे। इतना सब होते ही यह सरकार कैसे आई? एक गांव के लोगों ने यहां तक कह दिया था कि हम अपने पैसों से बैलेट वोट करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में भाजपा ने लोगों के वोट का अधिकार भी खत्म कर दिया है। चुनाव आयोग और भाजपा मिलकर इस देश के लोकतंत्र का दिन-दिहाड़े खून करने का काम कर रहे हैं। यह भावना जनता के मन में हैं। जनता की भावनाओं का और संविधान बचाने का काम कांग्रेस पार्टी करेगी।

चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस का तालमेल अच्छा था। हम संगठनात्मक रूप से अच्छे थे, हमारा समन्वय मजबूत था और हमने लोगों के बीच से अच्छे उम्मीदवारों का चयन किया था। यह घटना कांग्रेस पार्टी की किसी योजना का नतीजा नहीं है। परिणाम वही है जो होना था। रात में चुनाव आयोग द्वारा 76 लाख वोट बढ़ाने का पाप जिस तरह से किया गया। उसका जवाब हम लोगों ने लेना शुरू कर दिया है। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग के पास गया था। हम लोगों ने उनसे कुछ सवाल किए हैं। अभी तक लिखित जवाब नहीं मिला है। लिखित जवाब के बाद हम लोग इस पर आगे कोई फैसला लेंगे।

ईवीएम पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “किसी का मत क्या हो सकता है मैं उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। लोकतंत्र में कोई नेता बड़ा नहीं होता है। जनतंत्र में जनता बड़ी होती है। जनता के मन में अविश्वास आया है। आम आदमी आज यह बात कर रहा है उसका वोट सुरक्षित नहीं है। हमारे संविधान में ऐसी व्यवस्था दी गई है और चुनाव आयोग को बैलेट पेपर से चुनाव कराना चाहिए। लोगों के सामने पूरी सच्चाई आनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि जनमत के आधार पर सरकार बनती है। लेकिन जब जनमत के आधार पर सरकार नहीं बनेगी तो आप देख रहे हैं कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों, युवाओं और बेरोजगारों को मारा जा रहा है। किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। जिसमें कई किसान घायल हो गए। जनतंत्र में अब जनता की कोई कीमत नहीं रही है। इन लोगों ने वोट का अधिकार खत्म कर दिया है। ईवीएम के आधार पर खेल चल रहा है। लोगों की जरूरत नहीं है। यह सब अत्याचार सरकार द्वारा किया जा रहा है। महंगाई बढ़ रही है, कल ही रिजर्व बैंक ने आगे का प्लान घोषित किया है। महंगाई कम होगी ऐसा कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। महंगाई बढ़ने का अर्थ यह है कि आम आदमी को अब जीने का अधिकार भी नहीं है। पहले की सरकार जनता की चिंता करती थी। लेकिन यह सरकार अपने लाभ की चिंता करती है।

उन्होंने आगे कहा, “मैं कहना चाहता हूं कि साल 2014 में जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने और सत्ता भाजपा के पास गई, तब हमारे देश पर 55 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। आज वह कर्ज 220 लाख करोड़ हो गया है। 10 साल में देश की प्रगति के लिए क्या इतना कर्ज लिया गया है? महाराष्ट्र में भी कुछ ऐसा ही हुआ। जब 2014 में सत्ता परिवर्तन हुआ तो जहां महाराष्ट्र पर 2 लाख करोड़ का कर्ज था, वह आज 10 लाख करोड़ हो गया है। नई सरकार और कर्ज लेने की बात कर रही है। इससे साफ होता है कि भाजपा लोगों के मुंह से दो वक्त की रोटी छीनने का पाप कर रही है। लोगों का डर इनके मन से खत्म हुआ है, लोगों का डर सरकार में होना चाहिए। लेकिन लोगों का डर इन्हें नहीं है। इसलिए बैलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए। दूध का दूध पानी का पानी होना चाहिए।

–आईएएनएस

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मुंबई, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने आईएएनएस से बात की।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में महायुति को मिले बहुमत पर उन्होंने कहा, “हम राजनीतिक पार्टी हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद यहां की जनता काफी हैरान हुई है। महायुति ने जो पाप किए थे, यहां की जनता उसके विरोध में थी। जनता ने मन बना लिया था कि महाराष्ट्र से महायुति को बाहर कर देंगे। दिल्ली से भाजपा के लोग जब चुनाव में आते थे, तब यहां के लोग उन्हें सपोर्ट नहीं करते थे। इनकी सभाओं में लोग नहीं जाते थे। किसान महायुति से नाराज था। महंगाई से आम आदमी, रोजगार की वजह से युवा नाराज थे। इतना सब होते ही यह सरकार कैसे आई? एक गांव के लोगों ने यहां तक कह दिया था कि हम अपने पैसों से बैलेट वोट करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में भाजपा ने लोगों के वोट का अधिकार भी खत्म कर दिया है। चुनाव आयोग और भाजपा मिलकर इस देश के लोकतंत्र का दिन-दिहाड़े खून करने का काम कर रहे हैं। यह भावना जनता के मन में हैं। जनता की भावनाओं का और संविधान बचाने का काम कांग्रेस पार्टी करेगी।

चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस का तालमेल अच्छा था। हम संगठनात्मक रूप से अच्छे थे, हमारा समन्वय मजबूत था और हमने लोगों के बीच से अच्छे उम्मीदवारों का चयन किया था। यह घटना कांग्रेस पार्टी की किसी योजना का नतीजा नहीं है। परिणाम वही है जो होना था। रात में चुनाव आयोग द्वारा 76 लाख वोट बढ़ाने का पाप जिस तरह से किया गया। उसका जवाब हम लोगों ने लेना शुरू कर दिया है। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग के पास गया था। हम लोगों ने उनसे कुछ सवाल किए हैं। अभी तक लिखित जवाब नहीं मिला है। लिखित जवाब के बाद हम लोग इस पर आगे कोई फैसला लेंगे।

ईवीएम पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “किसी का मत क्या हो सकता है मैं उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। लोकतंत्र में कोई नेता बड़ा नहीं होता है। जनतंत्र में जनता बड़ी होती है। जनता के मन में अविश्वास आया है। आम आदमी आज यह बात कर रहा है उसका वोट सुरक्षित नहीं है। हमारे संविधान में ऐसी व्यवस्था दी गई है और चुनाव आयोग को बैलेट पेपर से चुनाव कराना चाहिए। लोगों के सामने पूरी सच्चाई आनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि जनमत के आधार पर सरकार बनती है। लेकिन जब जनमत के आधार पर सरकार नहीं बनेगी तो आप देख रहे हैं कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों, युवाओं और बेरोजगारों को मारा जा रहा है। किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। जिसमें कई किसान घायल हो गए। जनतंत्र में अब जनता की कोई कीमत नहीं रही है। इन लोगों ने वोट का अधिकार खत्म कर दिया है। ईवीएम के आधार पर खेल चल रहा है। लोगों की जरूरत नहीं है। यह सब अत्याचार सरकार द्वारा किया जा रहा है। महंगाई बढ़ रही है, कल ही रिजर्व बैंक ने आगे का प्लान घोषित किया है। महंगाई कम होगी ऐसा कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। महंगाई बढ़ने का अर्थ यह है कि आम आदमी को अब जीने का अधिकार भी नहीं है। पहले की सरकार जनता की चिंता करती थी। लेकिन यह सरकार अपने लाभ की चिंता करती है।

उन्होंने आगे कहा, “मैं कहना चाहता हूं कि साल 2014 में जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने और सत्ता भाजपा के पास गई, तब हमारे देश पर 55 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। आज वह कर्ज 220 लाख करोड़ हो गया है। 10 साल में देश की प्रगति के लिए क्या इतना कर्ज लिया गया है? महाराष्ट्र में भी कुछ ऐसा ही हुआ। जब 2014 में सत्ता परिवर्तन हुआ तो जहां महाराष्ट्र पर 2 लाख करोड़ का कर्ज था, वह आज 10 लाख करोड़ हो गया है। नई सरकार और कर्ज लेने की बात कर रही है। इससे साफ होता है कि भाजपा लोगों के मुंह से दो वक्त की रोटी छीनने का पाप कर रही है। लोगों का डर इनके मन से खत्म हुआ है, लोगों का डर सरकार में होना चाहिए। लेकिन लोगों का डर इन्हें नहीं है। इसलिए बैलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए। दूध का दूध पानी का पानी होना चाहिए।

–आईएएनएस

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मुंबई, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने आईएएनएस से बात की।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में महायुति को मिले बहुमत पर उन्होंने कहा, “हम राजनीतिक पार्टी हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद यहां की जनता काफी हैरान हुई है। महायुति ने जो पाप किए थे, यहां की जनता उसके विरोध में थी। जनता ने मन बना लिया था कि महाराष्ट्र से महायुति को बाहर कर देंगे। दिल्ली से भाजपा के लोग जब चुनाव में आते थे, तब यहां के लोग उन्हें सपोर्ट नहीं करते थे। इनकी सभाओं में लोग नहीं जाते थे। किसान महायुति से नाराज था। महंगाई से आम आदमी, रोजगार की वजह से युवा नाराज थे। इतना सब होते ही यह सरकार कैसे आई? एक गांव के लोगों ने यहां तक कह दिया था कि हम अपने पैसों से बैलेट वोट करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में भाजपा ने लोगों के वोट का अधिकार भी खत्म कर दिया है। चुनाव आयोग और भाजपा मिलकर इस देश के लोकतंत्र का दिन-दिहाड़े खून करने का काम कर रहे हैं। यह भावना जनता के मन में हैं। जनता की भावनाओं का और संविधान बचाने का काम कांग्रेस पार्टी करेगी।

चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस का तालमेल अच्छा था। हम संगठनात्मक रूप से अच्छे थे, हमारा समन्वय मजबूत था और हमने लोगों के बीच से अच्छे उम्मीदवारों का चयन किया था। यह घटना कांग्रेस पार्टी की किसी योजना का नतीजा नहीं है। परिणाम वही है जो होना था। रात में चुनाव आयोग द्वारा 76 लाख वोट बढ़ाने का पाप जिस तरह से किया गया। उसका जवाब हम लोगों ने लेना शुरू कर दिया है। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग के पास गया था। हम लोगों ने उनसे कुछ सवाल किए हैं। अभी तक लिखित जवाब नहीं मिला है। लिखित जवाब के बाद हम लोग इस पर आगे कोई फैसला लेंगे।

ईवीएम पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “किसी का मत क्या हो सकता है मैं उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। लोकतंत्र में कोई नेता बड़ा नहीं होता है। जनतंत्र में जनता बड़ी होती है। जनता के मन में अविश्वास आया है। आम आदमी आज यह बात कर रहा है उसका वोट सुरक्षित नहीं है। हमारे संविधान में ऐसी व्यवस्था दी गई है और चुनाव आयोग को बैलेट पेपर से चुनाव कराना चाहिए। लोगों के सामने पूरी सच्चाई आनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि जनमत के आधार पर सरकार बनती है। लेकिन जब जनमत के आधार पर सरकार नहीं बनेगी तो आप देख रहे हैं कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों, युवाओं और बेरोजगारों को मारा जा रहा है। किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। जिसमें कई किसान घायल हो गए। जनतंत्र में अब जनता की कोई कीमत नहीं रही है। इन लोगों ने वोट का अधिकार खत्म कर दिया है। ईवीएम के आधार पर खेल चल रहा है। लोगों की जरूरत नहीं है। यह सब अत्याचार सरकार द्वारा किया जा रहा है। महंगाई बढ़ रही है, कल ही रिजर्व बैंक ने आगे का प्लान घोषित किया है। महंगाई कम होगी ऐसा कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। महंगाई बढ़ने का अर्थ यह है कि आम आदमी को अब जीने का अधिकार भी नहीं है। पहले की सरकार जनता की चिंता करती थी। लेकिन यह सरकार अपने लाभ की चिंता करती है।

उन्होंने आगे कहा, “मैं कहना चाहता हूं कि साल 2014 में जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने और सत्ता भाजपा के पास गई, तब हमारे देश पर 55 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। आज वह कर्ज 220 लाख करोड़ हो गया है। 10 साल में देश की प्रगति के लिए क्या इतना कर्ज लिया गया है? महाराष्ट्र में भी कुछ ऐसा ही हुआ। जब 2014 में सत्ता परिवर्तन हुआ तो जहां महाराष्ट्र पर 2 लाख करोड़ का कर्ज था, वह आज 10 लाख करोड़ हो गया है। नई सरकार और कर्ज लेने की बात कर रही है। इससे साफ होता है कि भाजपा लोगों के मुंह से दो वक्त की रोटी छीनने का पाप कर रही है। लोगों का डर इनके मन से खत्म हुआ है, लोगों का डर सरकार में होना चाहिए। लेकिन लोगों का डर इन्हें नहीं है। इसलिए बैलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए। दूध का दूध पानी का पानी होना चाहिए।

–आईएएनएस

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