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Home ताज़ा समाचार

सुखबीर बादल पर हमले के आरोपी की पुलिस हिरासत 11 दिसंबर तक बढ़ी

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December 8, 2024
in ताज़ा समाचार
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अमृतसर, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। अमृतसर की एक अदालत ने रविवार को सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने वाले आरोपी नारायण सिंह चौरा की पुलिस हिरासत 11 दिसंबर तक बढ़ा दी।

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स्वर्ण मंदिर के बाहर 4 दिसंबर को सेवादार की ड्यूटी निभा रहे व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल पर नारायण सिंह चौरा नामक एक व्यक्ति ने गोली चलाई थी। हालांकि बादल बाल-बाल बच गए थे और गोली दीवार पर जाकर लगी थी। नारायण सिंह चौरा पंजाब में उग्रवाद और खालिस्तानी गतिविधियों में लंबे समय से सक्रिय रहा है और पहले भी जेल जा चुका है।

चौरा को इससे पहले 8 दिसंबर तक तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। हालांकि पंजाब पुलिस ने सात दिन की रिमांड मांगी थी और कहा था कि वह हमले के पीछे का मकसद जानना चाहती है, लेकिन अमृतसर की अदालत ने केवल तीन दिन की रिमांड दी थी।

शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मिलेगा और उन्हें वीडियोग्राफिक साक्ष्य सौंपेगा।

सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को साल 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का पक्ष लेने के लिए गुरुद्वारे में रसोई और बाथरूम की सफाई की सजा सुनाई थी। हालांकि उनके पैर में चोट के कारण वह दरबार साहिब के बाहर व्हीलचेयर पर बैठ कर पहरेदारी कर रहे थे।

सुखबीर सिंह बादल को अगस्त में अकाल तख्त द्वारा तनखैया घोषित किया गया था। उन्हें 2007 से 2017 तक पंजाब में सत्ता में रहने के दौरान पार्टी द्वारा की गई गलतियों के लिए धार्मिक कदाचार का दोषी ठहराया गया था। इनमें गुरमीत राम रहीम को बेअदबी के मामलों में माफी देना भी शामिल था, जिसके कारण पंजाब के कुछ हिस्सों में डेरा अनुयायियों और सिखों के बीच झड़पें हुई थीं।

–आईएएनएस

एकेएस/एकेजे

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अमृतसर, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। अमृतसर की एक अदालत ने रविवार को सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने वाले आरोपी नारायण सिंह चौरा की पुलिस हिरासत 11 दिसंबर तक बढ़ा दी।

स्वर्ण मंदिर के बाहर 4 दिसंबर को सेवादार की ड्यूटी निभा रहे व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल पर नारायण सिंह चौरा नामक एक व्यक्ति ने गोली चलाई थी। हालांकि बादल बाल-बाल बच गए थे और गोली दीवार पर जाकर लगी थी। नारायण सिंह चौरा पंजाब में उग्रवाद और खालिस्तानी गतिविधियों में लंबे समय से सक्रिय रहा है और पहले भी जेल जा चुका है।

चौरा को इससे पहले 8 दिसंबर तक तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। हालांकि पंजाब पुलिस ने सात दिन की रिमांड मांगी थी और कहा था कि वह हमले के पीछे का मकसद जानना चाहती है, लेकिन अमृतसर की अदालत ने केवल तीन दिन की रिमांड दी थी।

शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मिलेगा और उन्हें वीडियोग्राफिक साक्ष्य सौंपेगा।

सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को साल 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का पक्ष लेने के लिए गुरुद्वारे में रसोई और बाथरूम की सफाई की सजा सुनाई थी। हालांकि उनके पैर में चोट के कारण वह दरबार साहिब के बाहर व्हीलचेयर पर बैठ कर पहरेदारी कर रहे थे।

सुखबीर सिंह बादल को अगस्त में अकाल तख्त द्वारा तनखैया घोषित किया गया था। उन्हें 2007 से 2017 तक पंजाब में सत्ता में रहने के दौरान पार्टी द्वारा की गई गलतियों के लिए धार्मिक कदाचार का दोषी ठहराया गया था। इनमें गुरमीत राम रहीम को बेअदबी के मामलों में माफी देना भी शामिल था, जिसके कारण पंजाब के कुछ हिस्सों में डेरा अनुयायियों और सिखों के बीच झड़पें हुई थीं।

–आईएएनएस

एकेएस/एकेजे

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अमृतसर, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। अमृतसर की एक अदालत ने रविवार को सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने वाले आरोपी नारायण सिंह चौरा की पुलिस हिरासत 11 दिसंबर तक बढ़ा दी।

स्वर्ण मंदिर के बाहर 4 दिसंबर को सेवादार की ड्यूटी निभा रहे व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल पर नारायण सिंह चौरा नामक एक व्यक्ति ने गोली चलाई थी। हालांकि बादल बाल-बाल बच गए थे और गोली दीवार पर जाकर लगी थी। नारायण सिंह चौरा पंजाब में उग्रवाद और खालिस्तानी गतिविधियों में लंबे समय से सक्रिय रहा है और पहले भी जेल जा चुका है।

चौरा को इससे पहले 8 दिसंबर तक तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। हालांकि पंजाब पुलिस ने सात दिन की रिमांड मांगी थी और कहा था कि वह हमले के पीछे का मकसद जानना चाहती है, लेकिन अमृतसर की अदालत ने केवल तीन दिन की रिमांड दी थी।

शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मिलेगा और उन्हें वीडियोग्राफिक साक्ष्य सौंपेगा।

सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को साल 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का पक्ष लेने के लिए गुरुद्वारे में रसोई और बाथरूम की सफाई की सजा सुनाई थी। हालांकि उनके पैर में चोट के कारण वह दरबार साहिब के बाहर व्हीलचेयर पर बैठ कर पहरेदारी कर रहे थे।

सुखबीर सिंह बादल को अगस्त में अकाल तख्त द्वारा तनखैया घोषित किया गया था। उन्हें 2007 से 2017 तक पंजाब में सत्ता में रहने के दौरान पार्टी द्वारा की गई गलतियों के लिए धार्मिक कदाचार का दोषी ठहराया गया था। इनमें गुरमीत राम रहीम को बेअदबी के मामलों में माफी देना भी शामिल था, जिसके कारण पंजाब के कुछ हिस्सों में डेरा अनुयायियों और सिखों के बीच झड़पें हुई थीं।

–आईएएनएस

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अमृतसर, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। अमृतसर की एक अदालत ने रविवार को सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने वाले आरोपी नारायण सिंह चौरा की पुलिस हिरासत 11 दिसंबर तक बढ़ा दी।

स्वर्ण मंदिर के बाहर 4 दिसंबर को सेवादार की ड्यूटी निभा रहे व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल पर नारायण सिंह चौरा नामक एक व्यक्ति ने गोली चलाई थी। हालांकि बादल बाल-बाल बच गए थे और गोली दीवार पर जाकर लगी थी। नारायण सिंह चौरा पंजाब में उग्रवाद और खालिस्तानी गतिविधियों में लंबे समय से सक्रिय रहा है और पहले भी जेल जा चुका है।

चौरा को इससे पहले 8 दिसंबर तक तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। हालांकि पंजाब पुलिस ने सात दिन की रिमांड मांगी थी और कहा था कि वह हमले के पीछे का मकसद जानना चाहती है, लेकिन अमृतसर की अदालत ने केवल तीन दिन की रिमांड दी थी।

शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मिलेगा और उन्हें वीडियोग्राफिक साक्ष्य सौंपेगा।

सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को साल 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का पक्ष लेने के लिए गुरुद्वारे में रसोई और बाथरूम की सफाई की सजा सुनाई थी। हालांकि उनके पैर में चोट के कारण वह दरबार साहिब के बाहर व्हीलचेयर पर बैठ कर पहरेदारी कर रहे थे।

सुखबीर सिंह बादल को अगस्त में अकाल तख्त द्वारा तनखैया घोषित किया गया था। उन्हें 2007 से 2017 तक पंजाब में सत्ता में रहने के दौरान पार्टी द्वारा की गई गलतियों के लिए धार्मिक कदाचार का दोषी ठहराया गया था। इनमें गुरमीत राम रहीम को बेअदबी के मामलों में माफी देना भी शामिल था, जिसके कारण पंजाब के कुछ हिस्सों में डेरा अनुयायियों और सिखों के बीच झड़पें हुई थीं।

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अमृतसर, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। अमृतसर की एक अदालत ने रविवार को सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने वाले आरोपी नारायण सिंह चौरा की पुलिस हिरासत 11 दिसंबर तक बढ़ा दी।

स्वर्ण मंदिर के बाहर 4 दिसंबर को सेवादार की ड्यूटी निभा रहे व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल पर नारायण सिंह चौरा नामक एक व्यक्ति ने गोली चलाई थी। हालांकि बादल बाल-बाल बच गए थे और गोली दीवार पर जाकर लगी थी। नारायण सिंह चौरा पंजाब में उग्रवाद और खालिस्तानी गतिविधियों में लंबे समय से सक्रिय रहा है और पहले भी जेल जा चुका है।

चौरा को इससे पहले 8 दिसंबर तक तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। हालांकि पंजाब पुलिस ने सात दिन की रिमांड मांगी थी और कहा था कि वह हमले के पीछे का मकसद जानना चाहती है, लेकिन अमृतसर की अदालत ने केवल तीन दिन की रिमांड दी थी।

शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मिलेगा और उन्हें वीडियोग्राफिक साक्ष्य सौंपेगा।

सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को साल 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का पक्ष लेने के लिए गुरुद्वारे में रसोई और बाथरूम की सफाई की सजा सुनाई थी। हालांकि उनके पैर में चोट के कारण वह दरबार साहिब के बाहर व्हीलचेयर पर बैठ कर पहरेदारी कर रहे थे।

सुखबीर सिंह बादल को अगस्त में अकाल तख्त द्वारा तनखैया घोषित किया गया था। उन्हें 2007 से 2017 तक पंजाब में सत्ता में रहने के दौरान पार्टी द्वारा की गई गलतियों के लिए धार्मिक कदाचार का दोषी ठहराया गया था। इनमें गुरमीत राम रहीम को बेअदबी के मामलों में माफी देना भी शामिल था, जिसके कारण पंजाब के कुछ हिस्सों में डेरा अनुयायियों और सिखों के बीच झड़पें हुई थीं।

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अमृतसर, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। अमृतसर की एक अदालत ने रविवार को सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने वाले आरोपी नारायण सिंह चौरा की पुलिस हिरासत 11 दिसंबर तक बढ़ा दी।

स्वर्ण मंदिर के बाहर 4 दिसंबर को सेवादार की ड्यूटी निभा रहे व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल पर नारायण सिंह चौरा नामक एक व्यक्ति ने गोली चलाई थी। हालांकि बादल बाल-बाल बच गए थे और गोली दीवार पर जाकर लगी थी। नारायण सिंह चौरा पंजाब में उग्रवाद और खालिस्तानी गतिविधियों में लंबे समय से सक्रिय रहा है और पहले भी जेल जा चुका है।

चौरा को इससे पहले 8 दिसंबर तक तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। हालांकि पंजाब पुलिस ने सात दिन की रिमांड मांगी थी और कहा था कि वह हमले के पीछे का मकसद जानना चाहती है, लेकिन अमृतसर की अदालत ने केवल तीन दिन की रिमांड दी थी।

शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मिलेगा और उन्हें वीडियोग्राफिक साक्ष्य सौंपेगा।

सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को साल 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का पक्ष लेने के लिए गुरुद्वारे में रसोई और बाथरूम की सफाई की सजा सुनाई थी। हालांकि उनके पैर में चोट के कारण वह दरबार साहिब के बाहर व्हीलचेयर पर बैठ कर पहरेदारी कर रहे थे।

सुखबीर सिंह बादल को अगस्त में अकाल तख्त द्वारा तनखैया घोषित किया गया था। उन्हें 2007 से 2017 तक पंजाब में सत्ता में रहने के दौरान पार्टी द्वारा की गई गलतियों के लिए धार्मिक कदाचार का दोषी ठहराया गया था। इनमें गुरमीत राम रहीम को बेअदबी के मामलों में माफी देना भी शामिल था, जिसके कारण पंजाब के कुछ हिस्सों में डेरा अनुयायियों और सिखों के बीच झड़पें हुई थीं।

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स्वर्ण मंदिर के बाहर 4 दिसंबर को सेवादार की ड्यूटी निभा रहे व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल पर नारायण सिंह चौरा नामक एक व्यक्ति ने गोली चलाई थी। हालांकि बादल बाल-बाल बच गए थे और गोली दीवार पर जाकर लगी थी। नारायण सिंह चौरा पंजाब में उग्रवाद और खालिस्तानी गतिविधियों में लंबे समय से सक्रिय रहा है और पहले भी जेल जा चुका है।

चौरा को इससे पहले 8 दिसंबर तक तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। हालांकि पंजाब पुलिस ने सात दिन की रिमांड मांगी थी और कहा था कि वह हमले के पीछे का मकसद जानना चाहती है, लेकिन अमृतसर की अदालत ने केवल तीन दिन की रिमांड दी थी।

शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मिलेगा और उन्हें वीडियोग्राफिक साक्ष्य सौंपेगा।

सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को साल 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का पक्ष लेने के लिए गुरुद्वारे में रसोई और बाथरूम की सफाई की सजा सुनाई थी। हालांकि उनके पैर में चोट के कारण वह दरबार साहिब के बाहर व्हीलचेयर पर बैठ कर पहरेदारी कर रहे थे।

सुखबीर सिंह बादल को अगस्त में अकाल तख्त द्वारा तनखैया घोषित किया गया था। उन्हें 2007 से 2017 तक पंजाब में सत्ता में रहने के दौरान पार्टी द्वारा की गई गलतियों के लिए धार्मिक कदाचार का दोषी ठहराया गया था। इनमें गुरमीत राम रहीम को बेअदबी के मामलों में माफी देना भी शामिल था, जिसके कारण पंजाब के कुछ हिस्सों में डेरा अनुयायियों और सिखों के बीच झड़पें हुई थीं।

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चौरा को इससे पहले 8 दिसंबर तक तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। हालांकि पंजाब पुलिस ने सात दिन की रिमांड मांगी थी और कहा था कि वह हमले के पीछे का मकसद जानना चाहती है, लेकिन अमृतसर की अदालत ने केवल तीन दिन की रिमांड दी थी।

शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मिलेगा और उन्हें वीडियोग्राफिक साक्ष्य सौंपेगा।

सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को साल 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का पक्ष लेने के लिए गुरुद्वारे में रसोई और बाथरूम की सफाई की सजा सुनाई थी। हालांकि उनके पैर में चोट के कारण वह दरबार साहिब के बाहर व्हीलचेयर पर बैठ कर पहरेदारी कर रहे थे।

सुखबीर सिंह बादल को अगस्त में अकाल तख्त द्वारा तनखैया घोषित किया गया था। उन्हें 2007 से 2017 तक पंजाब में सत्ता में रहने के दौरान पार्टी द्वारा की गई गलतियों के लिए धार्मिक कदाचार का दोषी ठहराया गया था। इनमें गुरमीत राम रहीम को बेअदबी के मामलों में माफी देना भी शामिल था, जिसके कारण पंजाब के कुछ हिस्सों में डेरा अनुयायियों और सिखों के बीच झड़पें हुई थीं।

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अमृतसर, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। अमृतसर की एक अदालत ने रविवार को सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने वाले आरोपी नारायण सिंह चौरा की पुलिस हिरासत 11 दिसंबर तक बढ़ा दी।

स्वर्ण मंदिर के बाहर 4 दिसंबर को सेवादार की ड्यूटी निभा रहे व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल पर नारायण सिंह चौरा नामक एक व्यक्ति ने गोली चलाई थी। हालांकि बादल बाल-बाल बच गए थे और गोली दीवार पर जाकर लगी थी। नारायण सिंह चौरा पंजाब में उग्रवाद और खालिस्तानी गतिविधियों में लंबे समय से सक्रिय रहा है और पहले भी जेल जा चुका है।

चौरा को इससे पहले 8 दिसंबर तक तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। हालांकि पंजाब पुलिस ने सात दिन की रिमांड मांगी थी और कहा था कि वह हमले के पीछे का मकसद जानना चाहती है, लेकिन अमृतसर की अदालत ने केवल तीन दिन की रिमांड दी थी।

शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मिलेगा और उन्हें वीडियोग्राफिक साक्ष्य सौंपेगा।

सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को साल 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का पक्ष लेने के लिए गुरुद्वारे में रसोई और बाथरूम की सफाई की सजा सुनाई थी। हालांकि उनके पैर में चोट के कारण वह दरबार साहिब के बाहर व्हीलचेयर पर बैठ कर पहरेदारी कर रहे थे।

सुखबीर सिंह बादल को अगस्त में अकाल तख्त द्वारा तनखैया घोषित किया गया था। उन्हें 2007 से 2017 तक पंजाब में सत्ता में रहने के दौरान पार्टी द्वारा की गई गलतियों के लिए धार्मिक कदाचार का दोषी ठहराया गया था। इनमें गुरमीत राम रहीम को बेअदबी के मामलों में माफी देना भी शामिल था, जिसके कारण पंजाब के कुछ हिस्सों में डेरा अनुयायियों और सिखों के बीच झड़पें हुई थीं।

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स्वर्ण मंदिर के बाहर 4 दिसंबर को सेवादार की ड्यूटी निभा रहे व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल पर नारायण सिंह चौरा नामक एक व्यक्ति ने गोली चलाई थी। हालांकि बादल बाल-बाल बच गए थे और गोली दीवार पर जाकर लगी थी। नारायण सिंह चौरा पंजाब में उग्रवाद और खालिस्तानी गतिविधियों में लंबे समय से सक्रिय रहा है और पहले भी जेल जा चुका है।

चौरा को इससे पहले 8 दिसंबर तक तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। हालांकि पंजाब पुलिस ने सात दिन की रिमांड मांगी थी और कहा था कि वह हमले के पीछे का मकसद जानना चाहती है, लेकिन अमृतसर की अदालत ने केवल तीन दिन की रिमांड दी थी।

शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मिलेगा और उन्हें वीडियोग्राफिक साक्ष्य सौंपेगा।

सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को साल 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का पक्ष लेने के लिए गुरुद्वारे में रसोई और बाथरूम की सफाई की सजा सुनाई थी। हालांकि उनके पैर में चोट के कारण वह दरबार साहिब के बाहर व्हीलचेयर पर बैठ कर पहरेदारी कर रहे थे।

सुखबीर सिंह बादल को अगस्त में अकाल तख्त द्वारा तनखैया घोषित किया गया था। उन्हें 2007 से 2017 तक पंजाब में सत्ता में रहने के दौरान पार्टी द्वारा की गई गलतियों के लिए धार्मिक कदाचार का दोषी ठहराया गया था। इनमें गुरमीत राम रहीम को बेअदबी के मामलों में माफी देना भी शामिल था, जिसके कारण पंजाब के कुछ हिस्सों में डेरा अनुयायियों और सिखों के बीच झड़पें हुई थीं।

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स्वर्ण मंदिर के बाहर 4 दिसंबर को सेवादार की ड्यूटी निभा रहे व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल पर नारायण सिंह चौरा नामक एक व्यक्ति ने गोली चलाई थी। हालांकि बादल बाल-बाल बच गए थे और गोली दीवार पर जाकर लगी थी। नारायण सिंह चौरा पंजाब में उग्रवाद और खालिस्तानी गतिविधियों में लंबे समय से सक्रिय रहा है और पहले भी जेल जा चुका है।

चौरा को इससे पहले 8 दिसंबर तक तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। हालांकि पंजाब पुलिस ने सात दिन की रिमांड मांगी थी और कहा था कि वह हमले के पीछे का मकसद जानना चाहती है, लेकिन अमृतसर की अदालत ने केवल तीन दिन की रिमांड दी थी।

शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मिलेगा और उन्हें वीडियोग्राफिक साक्ष्य सौंपेगा।

सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को साल 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का पक्ष लेने के लिए गुरुद्वारे में रसोई और बाथरूम की सफाई की सजा सुनाई थी। हालांकि उनके पैर में चोट के कारण वह दरबार साहिब के बाहर व्हीलचेयर पर बैठ कर पहरेदारी कर रहे थे।

सुखबीर सिंह बादल को अगस्त में अकाल तख्त द्वारा तनखैया घोषित किया गया था। उन्हें 2007 से 2017 तक पंजाब में सत्ता में रहने के दौरान पार्टी द्वारा की गई गलतियों के लिए धार्मिक कदाचार का दोषी ठहराया गया था। इनमें गुरमीत राम रहीम को बेअदबी के मामलों में माफी देना भी शामिल था, जिसके कारण पंजाब के कुछ हिस्सों में डेरा अनुयायियों और सिखों के बीच झड़पें हुई थीं।

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स्वर्ण मंदिर के बाहर 4 दिसंबर को सेवादार की ड्यूटी निभा रहे व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल पर नारायण सिंह चौरा नामक एक व्यक्ति ने गोली चलाई थी। हालांकि बादल बाल-बाल बच गए थे और गोली दीवार पर जाकर लगी थी। नारायण सिंह चौरा पंजाब में उग्रवाद और खालिस्तानी गतिविधियों में लंबे समय से सक्रिय रहा है और पहले भी जेल जा चुका है।

चौरा को इससे पहले 8 दिसंबर तक तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। हालांकि पंजाब पुलिस ने सात दिन की रिमांड मांगी थी और कहा था कि वह हमले के पीछे का मकसद जानना चाहती है, लेकिन अमृतसर की अदालत ने केवल तीन दिन की रिमांड दी थी।

शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मिलेगा और उन्हें वीडियोग्राफिक साक्ष्य सौंपेगा।

सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को साल 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का पक्ष लेने के लिए गुरुद्वारे में रसोई और बाथरूम की सफाई की सजा सुनाई थी। हालांकि उनके पैर में चोट के कारण वह दरबार साहिब के बाहर व्हीलचेयर पर बैठ कर पहरेदारी कर रहे थे।

सुखबीर सिंह बादल को अगस्त में अकाल तख्त द्वारा तनखैया घोषित किया गया था। उन्हें 2007 से 2017 तक पंजाब में सत्ता में रहने के दौरान पार्टी द्वारा की गई गलतियों के लिए धार्मिक कदाचार का दोषी ठहराया गया था। इनमें गुरमीत राम रहीम को बेअदबी के मामलों में माफी देना भी शामिल था, जिसके कारण पंजाब के कुछ हिस्सों में डेरा अनुयायियों और सिखों के बीच झड़पें हुई थीं।

–आईएएनएस

एकेएस/एकेजे

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अमृतसर, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। अमृतसर की एक अदालत ने रविवार को सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने वाले आरोपी नारायण सिंह चौरा की पुलिस हिरासत 11 दिसंबर तक बढ़ा दी।

स्वर्ण मंदिर के बाहर 4 दिसंबर को सेवादार की ड्यूटी निभा रहे व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल पर नारायण सिंह चौरा नामक एक व्यक्ति ने गोली चलाई थी। हालांकि बादल बाल-बाल बच गए थे और गोली दीवार पर जाकर लगी थी। नारायण सिंह चौरा पंजाब में उग्रवाद और खालिस्तानी गतिविधियों में लंबे समय से सक्रिय रहा है और पहले भी जेल जा चुका है।

चौरा को इससे पहले 8 दिसंबर तक तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। हालांकि पंजाब पुलिस ने सात दिन की रिमांड मांगी थी और कहा था कि वह हमले के पीछे का मकसद जानना चाहती है, लेकिन अमृतसर की अदालत ने केवल तीन दिन की रिमांड दी थी।

शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मिलेगा और उन्हें वीडियोग्राफिक साक्ष्य सौंपेगा।

सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को साल 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का पक्ष लेने के लिए गुरुद्वारे में रसोई और बाथरूम की सफाई की सजा सुनाई थी। हालांकि उनके पैर में चोट के कारण वह दरबार साहिब के बाहर व्हीलचेयर पर बैठ कर पहरेदारी कर रहे थे।

सुखबीर सिंह बादल को अगस्त में अकाल तख्त द्वारा तनखैया घोषित किया गया था। उन्हें 2007 से 2017 तक पंजाब में सत्ता में रहने के दौरान पार्टी द्वारा की गई गलतियों के लिए धार्मिक कदाचार का दोषी ठहराया गया था। इनमें गुरमीत राम रहीम को बेअदबी के मामलों में माफी देना भी शामिल था, जिसके कारण पंजाब के कुछ हिस्सों में डेरा अनुयायियों और सिखों के बीच झड़पें हुई थीं।

–आईएएनएस

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अमृतसर, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। अमृतसर की एक अदालत ने रविवार को सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने वाले आरोपी नारायण सिंह चौरा की पुलिस हिरासत 11 दिसंबर तक बढ़ा दी।

स्वर्ण मंदिर के बाहर 4 दिसंबर को सेवादार की ड्यूटी निभा रहे व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल पर नारायण सिंह चौरा नामक एक व्यक्ति ने गोली चलाई थी। हालांकि बादल बाल-बाल बच गए थे और गोली दीवार पर जाकर लगी थी। नारायण सिंह चौरा पंजाब में उग्रवाद और खालिस्तानी गतिविधियों में लंबे समय से सक्रिय रहा है और पहले भी जेल जा चुका है।

चौरा को इससे पहले 8 दिसंबर तक तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। हालांकि पंजाब पुलिस ने सात दिन की रिमांड मांगी थी और कहा था कि वह हमले के पीछे का मकसद जानना चाहती है, लेकिन अमृतसर की अदालत ने केवल तीन दिन की रिमांड दी थी।

शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मिलेगा और उन्हें वीडियोग्राफिक साक्ष्य सौंपेगा।

सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को साल 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का पक्ष लेने के लिए गुरुद्वारे में रसोई और बाथरूम की सफाई की सजा सुनाई थी। हालांकि उनके पैर में चोट के कारण वह दरबार साहिब के बाहर व्हीलचेयर पर बैठ कर पहरेदारी कर रहे थे।

सुखबीर सिंह बादल को अगस्त में अकाल तख्त द्वारा तनखैया घोषित किया गया था। उन्हें 2007 से 2017 तक पंजाब में सत्ता में रहने के दौरान पार्टी द्वारा की गई गलतियों के लिए धार्मिक कदाचार का दोषी ठहराया गया था। इनमें गुरमीत राम रहीम को बेअदबी के मामलों में माफी देना भी शामिल था, जिसके कारण पंजाब के कुछ हिस्सों में डेरा अनुयायियों और सिखों के बीच झड़पें हुई थीं।

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स्वर्ण मंदिर के बाहर 4 दिसंबर को सेवादार की ड्यूटी निभा रहे व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल पर नारायण सिंह चौरा नामक एक व्यक्ति ने गोली चलाई थी। हालांकि बादल बाल-बाल बच गए थे और गोली दीवार पर जाकर लगी थी। नारायण सिंह चौरा पंजाब में उग्रवाद और खालिस्तानी गतिविधियों में लंबे समय से सक्रिय रहा है और पहले भी जेल जा चुका है।

चौरा को इससे पहले 8 दिसंबर तक तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। हालांकि पंजाब पुलिस ने सात दिन की रिमांड मांगी थी और कहा था कि वह हमले के पीछे का मकसद जानना चाहती है, लेकिन अमृतसर की अदालत ने केवल तीन दिन की रिमांड दी थी।

शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मिलेगा और उन्हें वीडियोग्राफिक साक्ष्य सौंपेगा।

सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को साल 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का पक्ष लेने के लिए गुरुद्वारे में रसोई और बाथरूम की सफाई की सजा सुनाई थी। हालांकि उनके पैर में चोट के कारण वह दरबार साहिब के बाहर व्हीलचेयर पर बैठ कर पहरेदारी कर रहे थे।

सुखबीर सिंह बादल को अगस्त में अकाल तख्त द्वारा तनखैया घोषित किया गया था। उन्हें 2007 से 2017 तक पंजाब में सत्ता में रहने के दौरान पार्टी द्वारा की गई गलतियों के लिए धार्मिक कदाचार का दोषी ठहराया गया था। इनमें गुरमीत राम रहीम को बेअदबी के मामलों में माफी देना भी शामिल था, जिसके कारण पंजाब के कुछ हिस्सों में डेरा अनुयायियों और सिखों के बीच झड़पें हुई थीं।

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स्वर्ण मंदिर के बाहर 4 दिसंबर को सेवादार की ड्यूटी निभा रहे व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल पर नारायण सिंह चौरा नामक एक व्यक्ति ने गोली चलाई थी। हालांकि बादल बाल-बाल बच गए थे और गोली दीवार पर जाकर लगी थी। नारायण सिंह चौरा पंजाब में उग्रवाद और खालिस्तानी गतिविधियों में लंबे समय से सक्रिय रहा है और पहले भी जेल जा चुका है।

चौरा को इससे पहले 8 दिसंबर तक तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। हालांकि पंजाब पुलिस ने सात दिन की रिमांड मांगी थी और कहा था कि वह हमले के पीछे का मकसद जानना चाहती है, लेकिन अमृतसर की अदालत ने केवल तीन दिन की रिमांड दी थी।

शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मिलेगा और उन्हें वीडियोग्राफिक साक्ष्य सौंपेगा।

सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को साल 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का पक्ष लेने के लिए गुरुद्वारे में रसोई और बाथरूम की सफाई की सजा सुनाई थी। हालांकि उनके पैर में चोट के कारण वह दरबार साहिब के बाहर व्हीलचेयर पर बैठ कर पहरेदारी कर रहे थे।

सुखबीर सिंह बादल को अगस्त में अकाल तख्त द्वारा तनखैया घोषित किया गया था। उन्हें 2007 से 2017 तक पंजाब में सत्ता में रहने के दौरान पार्टी द्वारा की गई गलतियों के लिए धार्मिक कदाचार का दोषी ठहराया गया था। इनमें गुरमीत राम रहीम को बेअदबी के मामलों में माफी देना भी शामिल था, जिसके कारण पंजाब के कुछ हिस्सों में डेरा अनुयायियों और सिखों के बीच झड़पें हुई थीं।

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