कोलकता, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश में उपद्रवियों का आतंक थमने को नाम नहीं ले रहा है। राजधानी जिला ढाका में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) के नमहट्टा केंद्र के दो मंदिरों को भी आग के हवाले कर दिया गया। इस घटना को लेकर पूरे संत समाज में गुस्सा है।
बांग्लादेश की इस हालत पर इस्कॉन, कोलकाता के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास का बयान सामने आया है। घटना पर रोष प्रकट करते हुए उन्होंने आईएएनएस से कहा,”बांग्लादेश से इस तरह के काफी वीडियो सामने आ रहे हैं जिसमें कुछ फंडामेंटलिस्ट कह रहे हैं कि अब समय आ गया है कि इस्कॉन के भक्तों को काटने की आवश्यकता है, एक-एक को पकड़ कर मारने की जरूरत है। कहा जा रहा है कि इस्कॉन कैंसर है और कैंसर को सिर्फ काट कर फेंका जा सकता है।”
राधारमण दास ने कहा, “इस तरह की बहुत सी भयंकर बातें फंडामेंटलिस्ट लोग अपने फॉलोअर्स को बता रहें है जिनके सोशल मीडिया में लाखों में फॉलोअर्स है। उनकी तरफ से बनाई जा रही एक-एक वीडियो को लाखों में लोग देख रहे हैं। एक उनका फंडामेंटलिस्ट मौलाना है जो अपने प्राइवेट जेट में बैठकर बांग्लादेश की अलग-अलग जगहों पर जा रहा है और बोलता है कि मैं आप सब को जगाने आया हूं और अब समय आ गया है कि इस्कॉन के भक्तों और उनके समर्थकों की हत्या की जाए। अगर इनको इस तरह से छूट मिलती रही तो बांग्लादेश की स्थिति और बदतर हो जाएगी क्योंकि ये लोग जनता को नरसंहार के लिए उसका रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि अगर इन लोगों की बातों में आकर लाखों लोगों ने कुछ किया तो फिर बांग्लादेश की पुलिस और सेना चाहकर भी स्थिति को नियंत्रित नहीं कर पाएगी और यह एक बहुत ही भयावह नरसंहार का रूप ले सकता है। हमने देखा कि कल ढाका के इस्कॉन के एक मंदिर को कुछ लोगों ने आग के हवाले कर दिया। वहां हमारे लक्ष्मी नारायण के विग्रह और अन्य देवी-देवताओं के विग्रह भी क्षतिग्रस्त हो गए। पूरा मंदिर जलकर राख हो गया। यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि ऐसे मौलाना गली-गली में जाकर भड़काऊ बातें कर रहे हैं और कह रहे हैं कि इस धर्म के एक-एक भक्त को पकड़कर मार डालना चाहिए। हम यही आशा करते हैं कि सबसे पहले इन लोगों को गिरफ्तार किया जाए। जब तक इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की जाती, बांग्लादेश एक बहुत बड़े नरसंहार की ओर बढ़ सकता है।
–आईएएनएस
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