पटना, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा के दौरान कथित तौर पर प्रश्नपत्र लीक को लेकर छात्रों का पटना की सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला।
इस मामले को लेकर पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि आज बीपीएससी की परीक्षा थी और कुमरार स्थित बापू परीक्षा केंद्र में करीब बारह हजार छात्र थे। प्रत्येक परीक्षा हॉल में 273 छात्रों के लिए योजना बनाई गई थी और प्रत्येक हॉल में एक लिफाफे में 288 प्रश्न पत्र आने चाहिए थे। हालांकि परीक्षा हॉल में भेजे गए बॉक्स में केवल 192 पेपर थे, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। एक हॉल में बॉक्स खोलने के बाद अन्य हॉल से अतिरिक्त पेपर लाने पड़े, जिससे 10 से 15 मिनट की देरी हुई।
वहीं एक अभ्यर्थी शाहिल का कहना है कि जब हम लोग परीक्षा केंद्र पर पहुंचे तो हम लोगों की जांच की गयी। जब 12 बजे तो छात्रों के पास प्रश्न पत्र ही नहीं है। इसके इंतजार में हम लोग 15 से 20 मिनट तक बैठे रहे। बाद में पता चला कि प्रश्न पत्र हम लोगों को मिलेगा। जिसके बाद हम लोग बाहर निकल आए। जब हम लोगों को पश्न पत्र नहीं मिला तो हमारे हाथ में बस एडमिट कार्ड रह गया। मेरे जैसे 10 हजार बच्चे होंगे, जिनके साथ ऐसा हुआ है। इसके पीछे का कारण हम लोगों को नहीं बताया गया।
शुक्रवार को दोपहर 12 बजे शुरू हुई बीपीएससी की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। परीक्षा के बीच दोपहर एक बजे के बाद सोशल मीडिया पर प्रश्नपत्र लीक होने के दावे सामने आए। इस घटना के बाद पटना के बापू सभागार में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
बीपीएससी परीक्षार्थियों के हंगामे को संभालने के लिए जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह पटना एसएसपी राजीव मिश्रा के साथ मौके पर पहुंचे थे। अधिकारियों की ओर से छात्रों को समझाया जा रहा था तभी इस बीच पटना के डीएम ने हंगामा कर रहे परीक्षार्थियों में से एक छात्र को थप्पड़ मार दिया।
आयोग के अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई ने कहा कि परीक्षा पूरी पारदर्शिता और कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रश्नपत्र अलग-अलग राज्यों से प्रिंट कराए गए थे और परीक्षा शुरू होने से तीन घंटे पहले लॉटरी के जरिए तय किया गया था कि किस केंद्र पर कौन सा सेट भेजा जाएगा। प्रश्नपत्र लीक की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
–आईएएनएस
एकेएस/एएस