जयपुर, 27 फरवरी (आईएएनएस)। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि गांव का विकास एक सामाजिक गतिविधि होनी चाहिए।
उन्होंने प्रभात ग्राम विकास मिलन के समापन सत्र में अपने संबोधन में कहा, हमें पूरे समाज के एक-एक क्षण को अपना मानना चाहिए और इस तरह के आचरण से समाज के व्यवहार को निरंतर संगठित समाज बनाने के लिए बदलना होगा।
उन्होंने कहा कि समाज आधारित विकास हमारे देश की प्रकृति रही है, भारत अतीत में भी हर तरह का विकास करते हुए देश अग्रणी रहा है, क्योंकि लोगों ने पर्यावरण को सुरक्षित रखने की दिशा में काम किया।
भागवत ने कहा, हम पूरी दुनिया में अर्थव्यवस्था में अव्वल थे, और सरकार से मदद की उम्मीद करने के बजाय, हमें समाज को जगाना है और आत्मनिर्भर बनना है। गांव का विकास अपने दम पर करना है।
भागवत ने कहा, हमें सामूहिक निर्णयों से गांव के विकास के लिए उनके साथ मिलकर काम करने वाले लोगों का समूह बनाना होगा। विकास के लिए सामूहिक सोच मूर्खतापूर्ण होगी और इसलिए इसके लिए सामूहिक निर्णय लेना चाहिए। इस तरह की विकासात्मक गतिविधि का परिणाम धीरे-धीरे आता है, इसलिए हमें ²ष्टि के साथ धैर्य से काम लेना चाहिए। तभी दक्षता विकसित होगी।
–आईएएनएस
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