नई दिल्ली, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। लोकसभा में शनिवार को संविधान पर के 75 साल की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा के दौरान माहौल गरम रहा। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सुबह वीर सावरकर के शब्दों को उद्धृत किया तो हंगामा हो गया। चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 106 के अपने संबोधन के अंत में संवैधानिक मूल्यों की भावना के अनुरूप 11 संकल्प पेश किए।
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के बाद भारतीय जनता पार्टी सांसद रवि किशन ने कहा, “पीएम मोदी की शालीनता देखिए। विपक्ष चिल्लाता है, आरोप-प्रत्यारोप करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने 11 संकल्प लिए। उन्होंने देश के हर जाति, हर हिस्से और हर कोने के लिए सब कुछ अद्भुत बताया। देश 2047 के लिए कितना विकसित हो रहा है, उन्होंने वह बताया। पीएम मोदी ने बहुत अच्छे से और बहुत शालीनता के साथ अपनी बातों को रखा। पीएम मोदी का आज का यह भाषण आम लोगों के लिए, खासकर महिलाओं के लिए बहुत बड़ा संदेश था। यह भाषण बहुत जोश से भरा था।”
इसके बाद राहुल गांधी द्वारा लोकसभा में वीर सावरकर का जिक्र करने पर शिवसेना सांसद धैर्यमाने ने कहा, “सावरकर जी हमारे लिए महाराष्ट्र के सम्मानित भूमि पुत्र हैं, और देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान किसी भी हाल में नकारा नहीं जा सकता। राहुल जी द्वारा की गई टिप्पणी पर कांग्रेस पूरी तरह से तिलमिला उठी। इससे यह साफ साबित होता है कि कांग्रेस पक्ष को सावरकर जी के बारे में कितना द्वेष है। सावरकर जी का योगदान और उनका बलिदान किसी भी रूप में नकारा नहीं जा सकता।”
उन्होंने कहा, “आज संसदीय प्रणाली में उनका नाम उछालकर जो राजनीति की जा रही है, वह पूरी तरह से अनुचित है। श्रीकांत शिंदे ने जो बयान दिया, उस पर राहुल जी ने प्रतिक्रिया दी, लेकिन उन्हें प्रतिक्रिया देने की कोई आवश्यकता नहीं थी। दरअसल, इंदिरा गांधी ने अपनी चिट्ठी में स्वयं लिखा था और उन्होंने सिर्फ उसका पाठ सभाग्रह में किया था। ऐसे में इस पर राजनीति करने की कोई जरूरत नहीं थी।”
–आईएएनएस
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