मुंबई, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। मुंबई के दादर ईस्ट रेलवे स्टेशन के बाहर स्थित हनुमान मंदिर को लेकर सेंट्रल रेलवे प्रशासन ने मंदिर ट्रस्ट को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि यह अवैध निर्माण है जो रेलवे की जमीन पर स्थित है। रेलवे स्टेशन के विस्तार के लिए इस मंदिर को तोड़ना पड़ेगा। इस पर मंदिर के मुख्य ट्रस्टी प्रकाश कर्कहानिस ने कहा कि मंदिर 80 साल से अपनी जगह पर है, लेकिन कभी ऐसी बातें नहीं की गईं।
प्रकाश कर्कहानिस ने आईएएनएस से कहा, “अब जो लोग बात कर रहे हैं। उन लोगों ने इस पर पहले कोई बात नहीं की। हमें करीब दो सप्ताह पहले सिर्फ एक नोटिस मिला था, जिसमें कहा गया था कि 10 दिन के भीतर मंदिर को तोड़ दो, नहीं तो हम आकर इसे तोड़ देंगे और उसका खर्चा आप से लिया जाएगा। इसके बाद अचानक शुक्रवार से यहां लोगों की भीड़ जुटने लगी। आप लोग भी पहले यहां नहीं आते थे, लेकिन नोटिस की बात पता चलते ही आने लगे हैं। इसी वजह से भीड़ हो रही है। हमने कोई विवाद नहीं किया है। जिन्होंने विवाद खड़ा किया है, उनसे पूछिए कि मंदिर क्यों तोड़ना चाहते हैं। उन लोगों ने 80 साल तक इस मंदिर को नहीं देखा, क्या तब वह लोग सो रहे थे। अब हमें कठघरे में लाकर मत सवाल मत पूछिए, आप उनसे पूछिए जिन्होंने मंदिर तोड़ने की अनुमति दी है।”
मुख्य ट्रस्टी ने कहा, “रेलवे की जमीन पर मंदिर बनाने का आरोप तो लगा रहे हैं, लेकिन अगर रेलवे की जमीन पर बने सभी मंदिरों को तोड़ने का आदेश है तो क्या सरकार सभी मंदिरों को तोड़ देगी? 80 साल से यह मंदिर यहां है और अब अचानक एक दिन में इसे तोड़ने का आदेश कैसे दिया जा सकता है? अगर आपको कोई समस्या है तो हमसे कहिए। आसपास देखिए सरकार और रेलवे ने क्या किया है। यह वही रेलवे है जिसने पहले कभी इस मामले में केस नहीं किया, वहीं पास में होटल शुरू किया, दुकानें शुरू कीं, लेकिन मंदिर पर सवाल उठाए जाने लगे हैं।”
–आईएएनएस
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